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  • 2 days ago

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00:00एक लंब है समय पहले खुरुष्ण लंका नामक एक गाव था। उस गाव में रंगया और सुब्बमा नामक पती-पत्नी रहते थे। उनके दो बच्चे थे। एक बेटा और एक बेटी।
00:13रंगया बहुत गरीब था। उपर से छोटा घर भी। जो भी वो घर लाता था वो उनके बच्चों की पड़ाई और घर को चलाने में ही चले जाता था। रंगया एक मच हुआ था। उपर से उसके कोई अपनी नाव नहीं थी। वो नाव भी किराय पे लेता था। वो हर रो
00:43तबी कबार जब रंगया के पास घर की सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं रहते थे वो उसके द्वारा पकड़े गये मचलियों को घर ले जाता था। खाने। सुनो आज मैं सामगरी नहीं ला पाया इसलिए इस मचली कोई पका कर थाना बनाओ। ठीक है जी वही मचली उ
01:13थे। रंगया अब तक एक भूटी कौडी भी बचा नहीं पाया। वो हर रोज मचलिय पकड़ने जाता था। ऐसे ही एक दिन जब वो मचली पकड़ने नदी के अंदर जाता है। नदी के ठीक बीच जाकर वो एक जाल बिचाता है। कुछ देर बाद जब वो जाल बाहर न
01:43आज मेरे जाल में एक भी मचली नहीं फसी। लगता है अब मुझे खाली हाथी घर लोटना होगा। ऐसे निराश होकर घर लोटता है रंगया। घर पहुंचते ही वो बचा कुछ खाना अपने बच्चों को खिला कर पानी से उसका पेट भर कर सो जाता है। और अगले दन स
02:13में एक बहुत विबिन्द मचली फस जाती है। वो एक सोने की मचली थी। उसे देख रंगया आश्चिर चकित हो जाता है। हरे वा यह क्या? यह मचली तो सोने की रंग में है। मेरी जिंदगी में अब तक मैंने ऐसी मचली कभी नहीं देखी है। देखने पे लग रहा है
02:43आश्चिर चकित हो जाती है। हाई भगवान सोने की मचली अब तक मेरी जिंदगी में मैंने इस तरह की मचली को कभी नहीं देखा है जी। हाँ मैंने भी कभी नहीं देखा। अगर इसको बेचेंगे ना जी हमें बहुत पैसे मिलेंगे। अरे हाँ हाँ बाजार में इसका
03:13उने पर रंगया को पता चलता है कि वो मचली गर्बिनी है और उसकी बीवी से वो ऐसे कहता है अरे ये तो गर्बिनी है हाँ क्या जी उस गर्बिनी मचली को देख रंगया फैसला करता है कि उसे अभी बेचना ठीक नहीं है क्योंकि ये गर्बिनी है कुछ दिन अगर हम रुक
03:43एक जगा पे मिट्टी में खोद कर उसमें पानी डाल कर इस मचली को वहाँ छोड़ता है और उस मचली के लिए आहार भी लगाता है उसकी बाद वो अपना काम करता है कुछ दिन बाद वो मचली आकिरकार बच्चों को पैदा कर ही देती है वो एक मचली करीबन 25 सोनी की मचली
04:13को बड़ा करके तब उन्हें बेचेगा जब वो सारे मचली की बच्चे बड़े हो जाते हैं वो हुश्जी में अपने बीवी के पास जाकर बताता है
04:35कि उस एक मचली के उसे दस हजार मिले हैं। उतने पैसे को देख उसकी बीवी चौंक जाती है।
04:42आये हुए उस बड़ी रकम में कुछ पैसों से रंगया अपने लिए खुद का एक नाव बनवाता है।
04:49बचे हुए पैसों को घर की सामान के लिए इस्तमाल करता है।
04:53बाकी उन 25 सोने के मचलीयों को रंगया बहुत ख्याल से देख पाल करता है।
04:59अब वो मचलीया भी बड़ा होकर उन में से कुछ बच्चे पैदा करते हैं।
05:04वैसे ही वो मचलीया उस छोटे मिट्टी की खुदाई में भर जाते हैं।
05:09रंगया देखता है कि वो छोटी सी जगा इतने सारे मचलीयों के लिए काफी नहीं है।
05:15हरे रे ये जगा तो इन मचलीयों के लिए काफी नहीं है।
05:18इसलिए वो उन में से कुछ मचलीयों को बाजार लेकर उन्हें बेच देता है।
05:23और इसी कारण रंगया को बहुत पैसे मिलते हैं
05:28उन पैसों से वो एक घर बना कर उस घर के पिछवाड़े की तरफ
05:32इन सारी मचलियों के लिए एक छोटा सा तालाब बनाता है
05:36ऐसे ही वो मचलियों की देखबाल करते हुए
05:39उनको बेचते हुए धीरे धीरे पैसे जमाने लगता है
05:44कुछ दिन बाद रंगया अमीर बन जाता है
05:47और उसके बीवी और बच्चों की बहुत अच्छी देखबाल करता है
05:51बच्चों को बहुत उची पड़ाई भी करवाता है
05:54देखा आपने अगर रंगया फसे हुए उस एक ही सोनी की मचली को बेच देता
06:01तो क्या वो आज अमीर बनता
06:03इसलिए सोच समझकर फैसला लेना बहुत जरूरी है

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