00:00एक लंबए समय पहले रामया नामक एक आदमी उसकी पत्नी रामनामा के साथ एक छोटी सी घर में रहता था।
00:09वो रिक्षा चलाते हुए अपने बीवी की देख बाल करता था।
00:13फिलाल उसकी बीवी का सहर ठीक नहीं है।
00:16इसलिए बूड़ा होने के बावजूद रामया उसके बीवी की दवाईया के लिए सारा दिन महनत करते रहता है।
00:25रिक्षा चला कर आये हुए जो भी पैसे वो अपने बीवी के दवाईयों पे ही खर्च करता था।
00:31ऐसे दिन गुजरते आये। लेकिन उसकी बीवी की ठीक जांचना करवाने के कारण रमनम्मा का सेहत और भी बिगड़ता है।
00:41उसके आंखों के सामने ही उसकी बीवी की हाला बिगड़ते हुए देख रामया अपने आपने
00:48हे भगवान मेरे कमाए हुए पैसे तो वैसे भी कुछ काम के नहीं है। और दूसरी तरफ मैं बूड़ा हो रहा हूँ। ज्यादा काम भी नहीं कर पा रहा हूँ।
00:59हाँ, अगर मेरे बच्चे मेरी मदद करते तो आज ये दिन देखना नहीं पड़ता।
01:05ऐसे कहकर रामया उसके अतीद में फिसल जाता है। रामया के रामबद्रम और वीरबद्रम नामक दो बेटे थे। उस समय में रामया रोज के कूली का काम करता था।
01:19और क्यूकि उसको अपने बच्चों को एक अच्छी विद्या देनी थी, वो एक ही दिन में दो तीन जगाओं में काम करता था।
01:28रामया सोचता था कि उसके बच्चों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
01:33ऐसे कुछ समय बीच जाता है, एक दिन बड़े हुए दोनों बेटे अपने पिता के पास जाकर पापा हम उच्छ द्यायन करना चाहते हैं, ऐसे कहते हैं
01:48पढ़ो पीटा, तुम लोग उची कक्षा में पढ़कर अच्छे नौकरी करते हुए खुश रहो।
01:56बहुत हो गया तुम दोनों का पढ़ना, तुम्हारे पढ़ाई के चकर में तुम्हारे पिता यहां सुबह और रात बहुत मैनत करके पैसे कमा रहे हैं।
02:06अरे तुम चुप रहो, बच्चों के लिए नहीं, तो और किस के लिए करेंगे इतना? हमारे मैनत के बारे में बच्चों से क्यों कह रही हो? हम कुछ भी करके जी लेंगे।
02:16बच्चे खुश रहे, यही हमारे लिए बहुत है, उन दोनों की खुशी के लिए हम कुछ भी करेंगे, तुम दोनों शहर जाने की तयारी करो बीटा, मैं और तुम्हारी मा कूली का काम करके पैसें का इंतजाम करेंगे, ऐसे कहता है रामया
02:32अगले दिन दोनों बच्चों को उच्च ध्याय के लिए शहर भेजते हैं रामया और रमनमा, अगले दिन उसके बचत के पैसों से एक रिक्षा खरीद कर, रामया उस रिक्षा को घर ले आता है, आज से थोड़ा ज्यादा पैसे कमा पाऊंगा, ऐसे कहता है रामया
02:53शुब है जी, आज से मैं भी आपकी सहायता करूंगी, ऐसे घर पे खाली ना बैठके कोई काम देखकर कर लोंगी
03:01ठीक है, मैं आज से ही काम शुरू करूंगा, ये कहकर वो रिक्षा लेकर वहाँ से चले जाता है
03:09रामनमा भी इटो के व्याबार में इट यहां से वहाँ पहुचा कर रोज की कूली थोड़ा कमा लेती थी
03:18रामया के पास रिक्षा होने के कारण, इससे पहले जहां वो गोडाउन के काम करता था
03:25उसके मालिक रामया को गोडाउन की बस्ता देकर एक जगह से दूसरी जगह पहुचाने का काम देता था
03:32फसल की गोडाउन में फसल के भैगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुचाते हुए
03:37बाकी खाली समय में ग्राहकों को एक जगह से दूसरे जगह तक पहुचा देता था
03:44ऐसे वो कुछ पैसे जमाता है
03:46ऐसे वो दोनों बहुत मैनत करके पैसे बचाकर उन पैसों को थोड़ा भी खर्च किये बिना
03:53जब भी उनके बेटे पैसे मांगते थे, उनको सारा का सारा पैसा दे देते थे, ताकि उन दोनों को कोई दिक्कत ना हो, ऐसे कई दन बीच जाते हैं, कुछ दिन बात, उन दोनों बेटों के अच्छी नौकरिया लग जाते हैं, वो दोनों तो सुन्दर लड़कियों से शाद
04:23सेटल हो गए कि इस बात की दुख करें
04:26कि माबाप को बताए बिना उन दोनों ने शादी भी कर लिया
04:30अच्छा बेटा अच्छा बेटा तुम लोगों की खुशी में ही हमारी खुशी है
04:36थोड़ा दुख तो है कि हमें कम से कम बताये बिना तुम दोनों ने शादी कर लिया
04:43लेकिन चलो अब जो हो गया सो हो गया बहुँँ को लेकर घर तो आ जाओ पेटा
04:51बबा वो क्या है कि वहाँ आने का समय अब हम लोग के पास नहीं है
04:59समय देखकर आ जाओ पेटा मा तुम लोगों को बहुत याद कर रही है ऐसे कहता है ठीक है ठीक है ऐसे रामबद्रम फोन कट करता है
05:10घर जाकर जो कुछ भी हुआ रामया रमनमा को बताता है तब रमनमा देखा आपने हमें बताये बिना शादी तक कर लिया इन लोगों ने छोड़ दे जो हो गया सो हो गया बहु बेटों को मैंने घर बुलाया वो लोग आ जाएंगे ठीक है ये कहे कुछ दिन बीच जाते है
05:40रामया अपने बेटों को फोन करता है क्या हुआ पापा क्यों कॉल किया आपने मैं और मा तुम लोगों के घर आने का इंतजार कर रहे हैं बेटा तुम लोगों के घर आएंगे कहकर बहुत दिन हो गए ना इसलिए अब आना नहीं होगा पापा कितने बार कहूं मैं आपसे
06:10शर्मा रहे हैं कि हमारा पिता एक रिक्षा पुलर है तो हमारी बेज़ती हो जाएगी और इतना ही नहीं बहुए वहां आएगे भी तो उस छोटी घर में रह नहीं पाएगी इसलिए आप इस बात को समझ लो हजम कर लो और हमें फोन करना बंद करो ये कहकर फोन कार्ट देता
06:40हो अजी आपको हां मैं रिक्षा पुलर हूँ ये बात अगर किसी को पता चल गया तो तुम्हारी बेटों की बेज़ती हो जाएगी और इतना ही नहीं पहुए इस गाउं में इस छोटी से घर में रह नहीं पाएगे इसलिए तुम्हारे बेटे घर आना पसंद नहीं करते ह
07:10मेरे कहने के बावजूद आपने सुबर रात हर दिन बहुत मैनत की है उन लोगों के भविश के लिए उन लोगों के महान बनने के लिए अब देखो कितने महान बन गया हमारे बेटे इतना कि उन्होंने कह दिया कि फोन भी मत करो ऐसे रोते हुए कहती है हाँ इतने बड़े
07:40कर रामया उसके आँखे पोचकर रिक्षा पे बैठकर ग्राहकों को ढूंडे लगता है रस्ते में गोडां का मालिक रामया को देख क्या हुआ रामया बहुत धीला दिख रहे हो कल काम पे भी नहीं आए माफ कीजिये साब मेरी बीवी का सेहत ठीक नहीं है दिन बदिन उसक
08:10कर रहा था उसके पास ही रहकर इसलिए मैं काम पे नहीं आपाया अरे रे ऐसा है क्या कोई बात नहीं रामया वैसे तुम्हारे दोनों बेटे की तो बड़े नौक्रिया लगी थी ना तुमने कहा कि वो दोनों शहर में है उनको बोल देते अच्छी अस्पताल में जांच कर
08:40उनका इजद घट जाएगा ये समझ कर वो हमसे बात करना भी छोड़ दिये उनका हमें भूल कर भी बहुत दिन हो गय साब ऐसे दुख में कहता है क्या इतना बड़ा बात कहां है उन्होंने तुम्हारी रिक्षा की कमाई लेकर ही वो उतनी अच्छी जिन्दगी जी रहे है
09:10जांच करवाओ उनके ठीक होने के बाद ही वापस काम करने आओ समझें अरे रे साब इतना पैसा तुम पहले पैसे लो और अपनी बीवी का इलाज करवाओ जाओ ऐसे कहता है पैसे लेकर वो अपनी बीवी का अच्छा इलाज करवाता है मालिक के कहें के अनुसार ही अपने
09:40प्रवाद के ठीक होने के बाद ही रामया रमनम्मा से जो भी हुआ बताता है।
09:46उन्होंने बहुत अच्छी रादे से हमारी मदद की है जी।
09:50अब हम भला उनके पैसे कैसे चुकाएंगे।
09:53मैं भी वही सोच रहा हूं रमनम्मा।
09:56अब मेरे पास उसका एक ही उपाय बचा है।
09:59वो उपाय क्या है जी।
10:01अपनी रिक्षा बेचकर आए हुए पैसे उनको दे देते हैं।
10:05ठीक है जी।
10:07उनको देकर हम वापस कोई दिन का कूली करके उसी वेतन से जीनेंगे।
10:13लेकिन जिन्होंने मदद की है उनका कर्स तो हमेशा चुकाना होगा।
10:18अगले दिन रमया रिक्षा बेचकर आए हुए पैसों को गोडाउन के मालिक के पास ले जाता है।
10:24साब नमस्ते साब।
10:26हाँ रमया बीवी का सेहत कैसा है।
10:30आप ही के मदद के कारण वो अभी ठीक है साब।
10:34भगवान आपकी कृपा करे।
10:36ये लीजे साब आपके पैसे वापस करने आया था।
10:42रमया मुझे तुम्हारी मदद करनी थी।
10:45मैंने किया।
10:46मैंने कभी तुमसे पैसे वापस नहीं मांगा था ना।
10:49आपने पास ही रखो।
10:51पूछे बगेर आप जैसे अच्छूं का कर्स चुकाना तो हमारा फर्स बनता है साब।
10:57वैसे इतने पैसे तुम्हें कहां से मिले।
10:59आप वो साब मैंने रिक्षा बेच ती।
11:03ऐसे डरते हुए कहता है रमया।
11:06तो फिर तुम कल से क्या काम करोगे रमया।
11:09मैं तो कोई खूली का काम कर लूगा साब।
11:12रमया की अच्छाई देख मालिक कहता है ठीक है वहाँ पे वैन पड़ा है तुम कल से यहां आकर वैन चराते हुए काम कर लो।
11:22साब अभी तक आपने हमारा बहुत मादद किया है अब ये भी।
11:29बहुत समय से तुम मेरे पास इमानदारी से काम कर रहे हो।
11:34तुम्हें मैंने कभी एक रुपए ज्यादा नहीं दिया है और तुमने भी कभी नहीं मांगा।
11:40ये सोच लो कि तुम्हारी अच्छाई का ये मेरा तौफा है।
11:44जाओ जाकर काम शुरू करो।
11:47घर आकर रामाया जो कुछ पी हुआ अपनी बीवी रामनामा को बताता है।
11:52ठीक है जी हमारे महनत हमारे बच्चे नहीं देख पाए।
11:56कम से कम तुम्हारे मालिक ने पैचाना।
11:59कम से कम वो तुम्हारी महनत का इज़त करते हैं।
12:02हाँ बात तो सच है।
12:05ये कहकर उस दिन से वो दोनों खुशी से जीते हैं।
12:09नैतिक अगर महनत और इमानदारी से काम करोगे
12:13तो कोई ना कोई रूप में वो लोटके तुमको आ ही जाएगा।