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  • 2 days ago
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पूरा वीडियो : हमारे तीर्थस्थल, नदियाँ और पहाड़ों पर गंदगी क्यों फैली हुई है? || आचार्य प्रशांत (2025)
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Transcript
00:00कोई दिखा रहा तो मुझे कहीं कोई सर्वे हुआ है विदेशी उसा तवाल पूछे आ रहें कि दुनिया में सबसे गंदा देश कौन सा है
00:05और ज्यादा तर लोग कहा रहे हैं इंडिया और हम बहुत धार्मिक लोग हैं
00:13जरूर हमारी इस धार्मिक्ता में और हमारी इस सारोजनिक जगहों के गंदे होने में कोई गहरान आता है
00:18गरीबी बिलकोल एक कारण है पर सिर्फ गरीबी कारण नहीं हो सकती क्योंकि और भी गरीब देश हैं वो इतने गंदे नहीं हैं
00:23तो इसलिए आप पाओगे कि हमारे पूजास्थल, हमारे देवाले सबसे गंदे रहते हैं
00:27लेकिन ये बात आप घरों के अंदर नहीं पाओगे
00:29घरों में सफाई रहेगी, घर में अगर मंदिर है तो एकदम साफ मिलेगा
00:32मुझे अपना देखना है, कोई और क्या कर रहा है वो मेरी दिम्मेदारी थोड़ी है
00:35मुझे स्वर्ग मिल जाए, मुझे मोक्ष मिल जाए
00:37मैं दान भी किसी को दू तो इसलिए कि मुझे पुन्ने मिल जाए
00:40मैं किसी को अगर मरने से बचाऊं भी तो इसलिए कि मुझे पाप न लग जाए
00:43सब कुछ स्वयम तक सीमिक, तो अपनी जिम्मेदारी भी सीमिक
00:46फिर मैं क्यों शिक्र करूं कि दुनिया गंदी हो रही है
00:49कि महला गंदा पड़ा हुआ है, क्या फर्क पड़ता है
00:52मैं जा करके अपने मोक्ष अपने उद्धार के लिए गंगा में डुपकी मार रहा हूँ
00:56और गंगा को गंदा कर रहा हूँ, ये काम हमी लोगों ने करके दिखाया है
00:59मुझे मेरा मोक्ष मिल जाए तो मिल जाए, उसके लिए मैं गंगा को मा कहता हूँ
01:02मा मैली हो तो होती रहे, दुनिया में किसी देश में इतनी गंदी नदिया आपको नहीं मिलेंगी
01:06और लोकधर्मियों ने नदियों को मा बोला, ये भी किसी और देश में नहीं मिलेगा आपको
01:11भारत में परवतों की जो दुर्दशा है ये आपको दुनिया में कहीं न मिले
01:15लेकिन हमने अपने परवतों को देव स्थल बोला, देव हुमी बोला
01:19ये भी आपको कहीं नहीं मिलेगा क्योंकि हर काम स्वार्थ हेत हुए
01:22और यह कितनी ज्यादा दुखद बात है क्योंकि हमारे पास सर्वोच्च दर्शन है
01:26और यह जो सर्वोच्च दर्शन है आधर्श रूप में यही हमारे धर्म की आधार्शिला होना चाहिए
01:31बहुत बहुत उचा धर्म होना चाहिए लेकिन हमने उस आस्मान जैसी उचाई को बिलकुल लाकर के जमीन पर भी नहीं पाताल में पटक दिया

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