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  • 2 days ago

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00:00प्रणाम आचारे जी आज के विशे से ही मुझे एक पिछले हफ़ते की घटना याद आई जिसमें एक हाई कोड के जस्थाब ने एक लाइन अपने जज्जमेंट में लिखी कि शी इन्वाइटेट दा ट्रबल फॉर हर सेल्फ
00:18तो कानूनन द्रिष्टी से तो शायद इसको ठीक नहीं माना जा सकता क्योंकि कानून में तो एक क्राइम की डेफिनेशन होती है और उस डेफिनेशन में कोई एक्ट फिट हो जाता है तो क्राइम येस ये नो होता है और उसकी सजा मिलती है और जो लुटेरा है जो रेपिस्�
00:48के हर पहलू को देखना चाहिए और आप स्वेम भी हर घटना का रेशा रेशा अलग कर देते हैं तो आज हमने बाद शुरू की थी कि बेहोशी विद्वन्स को आमंत्रन देती है और अगर हम होश में नहीं है तो बहार के लुटेरे को पहले देखें या अपनी बेहोशी दू
01:18कि यहीं का जुटत्व है वो मिल गया कि अगर शायद यह बेहोशी नहीं नहीं लूट पाता तो क्या इसको इस द्रष्टी से भी देखा जाना चीए और अगर इस द्रष्टी से देखा जाना चीए तो जो जसाब ने बाहत बात कही शायद वो कुछ लाबकारी हो सकती है सम
01:48जो बात कही गई है वो तो लोकधर्म भी रोज यही बोलता है
01:52कि तुम्हारा बलातकार हो रहा था तुम ही जिम्मेदार हो
01:55तुम बुरकर डाले क्यों नहीं निकली
01:57रोको के कहां पर इस बात को
02:00ये बात कहां तक जाकर रुकेगी
02:03वो लड़की कह रही है कि हाँ
02:06मैं नशे में थी और मुझे सपोर्ट चाहिए था
02:09तो आपने कहा फिर ठीक है वो जिम्मेदार है लड़की
02:12कोई दूसरी लड़की इसलिए जिम्मेदार हो सकती है
02:15क्योंकि उसने कपड़े चोटे पहन रखे थे
02:17तो उसके शरीर का कुछ हिस्सा दिख रहा था
02:2235 प्रतिशत हिस्सा
02:23फिर अगली दिम्मेदार हो सकती है उसका 30 प्रतिशत दिख रहा था
02:28कहां पर आप सीमा खीचोगे
02:30किसी को तुम पूरा ही तंबू में डाल दो
02:33उसकी उंगली का नाखून दिख रहा था
02:34उससे किसी को उतेजना हो गई कहां पर रोकोगे
02:36फिर तो जिम्मेदारी हमेशा लड़की के उपर ही आएगी
02:39कहां पर रोकोगे
02:41और अभी हम बात कर रहे हैं
02:47उस तर्क की जो तर्क दिया गया
02:49लड़की सामने बैठी हो तो उससे अलग बात करेंगे
02:56ये तो कितनी पगलाई हुई है कि तुझे जिन्दगी में पता नहीं कि
03:00क्या करना है क्या नहीं करना है
03:03कौन सा नशा चाया हुआ है कि तुझी भी गाड़ी में बैठके चल देती है
03:06कौन सी कामनाई है क्या समस्या ते लिए
03:09वो अलग है
03:10पर ये जो तर्क होता है कि तुमने खुद ही अपने उपर आफ़त बुलाई है
03:16इस तर्क का कोई अंत नहीं है ना
03:19इस तर्क का कोई अंत नहीं है
03:22Victorian समय में कुर्सियों की टांगों को भी कपड़ा पहनाया जाता था बताओ क्यों
03:31क्योंकि Legs है ना
03:35Legs धक्यूई होनी चाहिए
03:38अंत कहां पर करोगे इस मुर्खता का
03:43फिर तो किसी की आँख भी दिख रही है तुम्हें उत्तेज़ना हो सकती है
03:47You know
03:47She asked for it
03:50क्यों नहीं हो सकती सारे शायरों ने तो
03:52नैनम नैनम ही करा है
03:55तेरी हसीन आखें और तेरी पलकें
04:00और बाल लंबे होते हैं कोई एकाद बाल भी बहर से दिख गया तो कोई बिलकुल उत्तेज़त हो सकता है
04:06बोल दो
04:06She asked for it
04:08कहां पर रोकोगे इसको
04:12हम ये सब कुछ लड़की को बेगुनाह बताने के लिए नहीं कर रहे हैं
04:17उसने जो करा उसकी उससे अलग बात करेंगे
04:19ठीक है
04:22कोई जा रही है पब में बैठ रही है
04:25यो यो आप पासिंग आउट तुम्हें पता भी नहीं है तुम किसके साथ बैठ रहे हो
04:29क्या कर रहे हो
04:30ये लड़की होने के नाते नाते नाते एक विक्षिप्तता प्रदर्शित करती है ये बात
04:36ये काम लड़की नहीं रड़का करे तो भी गलत है
04:40तो उससे हम अलग बात कर लेंगे
04:42पर पहले बात हम उनसे करना चाहते हैं
04:44जो बलात कार वगेरा के मामलों में ये तरक लेके आते हैं
04:49कि भाई देखो नुकसान तुम्हारा है तो पचना भी तुम्हें होगा
04:55तुम सड़क पर निकली और बलात कार हुआ है तो बॉइस विल भी बॉइस
04:59और ये जो लोकधर्मी मन होता है ना उसमें ये तरक खट से उठता है
05:09खट से कितने ही लोगों को मैंने देखा है
05:13कहीं पर था कुछ था न्यूएर्ट सेलिब्रेशन हो रहा था
05:19किसी साल में किसी जगह पर
05:21वहां आसपास आले अभी ऐसे घूम रही है रात में बारा बुझे ठंड भी है
05:26हुरा हुरा हुरा हुरा है अब इनमें दोचार का रेप हो जाए तो बताओ
05:30क्या बताए क्यों हो जाए
05:33और वो अगर मूर्खे लड़किया तो एक अलग मुद्दालक बात कर लेंगे
05:39पर रेप करने की अनुमत मिल गई क्या उनकी मुर्खता से
05:44तो ऐसी सी बात है कि यह देखो
05:48यह मुर्गा है
05:50यह त्यादा भाग नहीं पा रहा है अब हम पकड़ के खा लें तो बताओ
05:55वही सामने वाला
05:59पकड़े जाने की हालत में है तो क्या तुम उसको पकड़के उसका भोग कर लोगे
06:04और मैं फिर बोल रहा हूँ लड़की से अलग बात करेंगे
06:11कि तू इनसान कैसी है कि तू अपनी जिंदगी में यह सब कुछ कर रही है
06:15पर इन दोनों मुद्दों को आप एक करके नहीं देख सकते हो
06:22यह दोनों मुद्दे एक नहीं है
06:26कभी भी यह मत कह देना कि तू तू ने यह करा तो अब तो यह होने ही था भाई
06:33कोई बच्चे होते हैं वो जा करके कोई जायस बात भी कर लें टीचर से
06:42ठीक है तो टीचर कई वार बिदख जाते हैं फिर बच्चे घर पे आके बताएंगे कि मैंने टीचर को ये बोला टीचर बिदख गया टीचर ने थपड मार दिया
06:52तो पेरेंट्स बोलेंगे तुमने ये बात टीचर को बोली ही क्यों तुम्हें बोलनी नहीं चाहिए थी
06:56तो बोलनी नहीं चाहिए थी नहीं देखिए ऐसे नहीं टीचर को कोई हक नहीं है उससे थपड मार देने का
07:10उसने बात अगर गलत बोली है या अशिष्ट तरीके से बोली है जो करा है उसकी अलग सुनवाई होगी
07:16वो अलग मुद्दा है हम उसको निरपराथ नहीं छोड़ रहे हम निर्दोश घोशित करके ये नहीं कह रहे कि जा तू बढ़िया है ना ना तुछे अलग से पकड़ेंगे अलग से बात करेंगे
07:27लेकिन लड़की अगर पूरी भी बेहोश हो एकदम बेसुद पड़ी हो जमीन पर एकदम और पूरी नंगी भी पड़ी हो तो भी इससे क्या बलातकार करने का हक मिल गया नहीं एक प्रतिशत भी नहीं और सजा उतनी ही होनी चाहिए
07:47तो ये दो मुद्दे मिलाया मत करिये इन दोनों मुद्दों को नहीं हम कन्फलेट बहुत कर देते हैं और जैसे जैसे लड़कियां पुरानी वरजनाओं को चुनौती दे रही हैं वैसे वैसे ये कहना और आसान होता जा रहा है कि जैसी करनी वैसी भरनी बहुत आजाच च
08:17तो पकड़ी भी जाओगी, लूटी भी जाओगी, हमारे साथ रहती हमारे घर में रहती
08:23बढ़ियां दीवारों के बीच सुरक्षित रखते, अब तक तुम्हें बिया दिये होते
08:28तो तुम्हारे साथ कुछ बुरा ना होता
08:32देखा
08:32बहुत फुदकरई थी जाकर के बंबई
08:35कि अपनी नौकरी करेंगे
08:38अपने हिसाब से जीएंगे
08:39कुछ आजमाएंगे कुछ देखेंगे
08:41हो गया न रेप
08:42ये रेप तुम्हारा हुआ ही इसलिए
08:44बहुत निकली थी कि वहाँ जाकर के
08:46पढ़ाई और करेंगे कि काम करेंगे
08:48अलग तरह की संस्कृती चाहिए
08:51तो देखा हो गया न रेप
08:53ये बहुत चल रहा है
08:54ये नहीं बिल्कुल नहीं
08:57पांचमी बार बोल रहा हूँ
09:00इसमें हम ये नहीं कह रहे हैं कि
09:02लड़की पागल नहीं है
09:05कि लड़की को डांट की जरूरत नहीं है
09:09या लड़की को सजा की जरूरत नहीं है
09:10बिल्कुल हो सकती है
09:11लेकिन उमुद्दा अलग है
09:14उससे अलग से बात होगी
09:16उसने जो कुछ भी करा
09:22उसका हवाला दे करके
09:24लड़के के दोश को कम नहीं ठैराया जा सकता
09:28ते एक बात बताओ यार
09:31वो आदमी कैसा होगा
09:35मैं ख्याल आया इसलिए पूछ रहा हूँ
09:38सेक्स कोई जानो रहा हूँ वाली बात तो होती नहीं है
09:45तुम जो हो तुम्हारे जो मूले हैं
09:47वो सेक्स में भी भी अक्त होते हैं
09:50ऐसे ही थोड़ी तुम किसी के शरीर से इतना निकट पहुँच जाओगे
09:55यह आदमी कैसा होगा कि सामने कोई बेहोश है
09:59अभी तो आया है कि वेंटिलेटर पर थी कोई
10:02कहीं कि एर हुस्टेस थी
10:04वेंटिलेटर पर थी और जा करके उसको रेप अगयरा करा या प्रियास करा कुछ
10:13यह आदमी कैसा होगा
10:16आदमी तो
10:18वो है ना जो कहे कि प्रेम तो होश की बात होती है
10:25हम तुम्हें छुएंगे भी सिर्फ तब जब तुम अपने पूरे होशो हवास में हो
10:29और प्रेम का ख्षण है नहीं तो इंसान कैसा है जो किसी बेहोश इंसान को छूबी सकता है
10:35वही व्यक्ते है वो होश में हो
10:39तो फिर भी उसके शरीर को शायद छूबें
10:42पर अगर वो बेहोश है तब तो उसको बिलकुल ही नहीं किसे छूब रहेंगे
10:48उल्टा कर रहे हो
10:55कह रहे हो बेहोश था
10:57इसलिए हमने उसको छू लिया
10:58तुम आदमी कैसे हो
11:01ये वही लोग है फिर जा करके
11:05जो लाशों से भी संभोग करते है
11:07क्या बुलते हैं उसको
11:09नेक्रो
11:10आएसा आए दिन मामले आते रहते हैं
11:17मुर्दा घर में लड़की की जवान लड़की की लाश पड़ी है
11:20कोई जा करके उसका रेप कर रहा है
11:22कबरे खोद खोद के कर
11:24पाकिस्तान में ये बड़ी बीमारी चली है
11:27वो आउट्रेज है वहाँ बहुत
11:28जवान लड़कीयां मर जाती है
11:30तो उनकी कबर बहुत ठोस होस बनाई जाती है
11:34और उसकी सुरक्षा करनी पड़ती है
11:36नहीं तो हवसी आ करके
11:38वहाँ से जवान लाश निकाल लेते हैं ताबूत में होती है जलाते नहीं
11:40उसको निकाल लेते हैं और
11:42ये आदमी कैसा है
11:45किसी के साथ
11:50शरीर से जुड़ना
11:52वो प्रेम का खशन होता है न
11:55बेहोश आदमी तुम्हें क्या प्रेम दे रहा है
12:00तो तुमने उसके
12:02शरीर से अपना शरीर जोड़ा कैसे
12:04जब वो तुम्हें प्रेम दे यह नहीं सकता तो
12:06एक औरत है
12:08वो बेहोश पड़ी हुई है
12:09वो तुम्हें प्रेम तो नहीं कर रही
12:14तो तुम्हें उसे छू कैसे सकते हो
12:16तुम्हें उस तेज़ना भी कैसे होगी
12:20पर हो जाती है लोग कर रहे है
12:26ये दो तरह के लोग है
12:34ये कहता है
12:35because you were compromised
12:39so I touched your body
12:46दूसरा कहता है
12:48exactly because you were compromised
12:51so I could not touch your body
12:54वैसे शायद तो मैं छूबी लेता
12:56लेकिन
13:00जो अभी हाँ ना बोलने की
13:04स्थित में ही नहीं है
13:05तुम उसे चू कैसे सकते हो
13:07तुम तुमारे भीतर
13:10वो भाव ही कैसे आएगा
13:13सामने कोई पड़ा है
13:15मुँ से शराफ की बद्वू आ रही है
13:16आँख बंद है धरुदा लुड़क पुड़क रहा है
13:19तुम क्या करोगे वो तुम अभी बीमार है
13:21पेशेंट है
13:22उसको तो ले जाओगे बिस्तर पर डाल दोगे
13:24चादर उढ़ा दोगेगी
13:25चार गाली और दो उसको
13:27चादर उढ़ा के
13:29बगल में नीबू रख दो कि उठ जाना तो चाट लेना
13:33होश में आ जाना
13:34करेप थोड़ी करोगे
13:37हाँ जब वो होश में आ जाए
13:40फिर भले ही उसको
13:41चाटा लगाना है चाटा लगालो
13:44डांट लगानी है डांट लगालो
13:45जो करना है करो
13:46होश में तो आने दो उसको

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