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  • 2 days ago

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00:00दूसरा जन्म होता है माबाप बनना कोई ड्राइवर गाड़ी चला रहा हो और सवारियों की और देखना शुरू कर दे कितनी प्यारी सवारियां है और मुझे इनका ख्याल रखना है
00:11मुझे इने मंजिल तक पहुचाना है क्या होगा ऐसी गाड़ी का जिसमें ड्राइवर गलत दृष्ट में देख रहा हो
00:17और दा क्या है कि हम जिनका भला चाहते हैं हम उन्हीं की और देखना शुरू कर देते हैं
00:24हम बच्चों की भलाई में इतने उद्यत और इतने व्यस्त रहते हैं कि हमें अपने उपर ध्यान देने का वक्ती नहीं मिलता
00:33बच्चे का भला चाहते हों तो सरप्रधम अपना भला कीजिए
00:37जैसे जैसे भो बड़ा हो आपको भी क्रमशह बच्चे को भी कई वर बड़ी हैराणी हो यह कहते हैं कि माबाब भगवान होते हैं हम देवासुर संग्राम को सुनते थे देव देवी संग्राम कभी सुना और घर में तो लगातार श्री भगवान और श्रीमती भगवान का �
01:07कि होता क्या है कि हम जिनका भला चाहते हैं हम उन्हीं की और देखना शुरू कर देते हैं यह ऐसी बात है कि कोई ड्राइवर गाड़ी चला रहा हो और सवारीयों की और देखना शुरू कर दे कि कितनी प्यारी सवारियां हैं और मुझे उनका ख्याल रखना है मुझे इन्हें
01:37गलत द्रिश्टी में देख रहा हो और यही कहके कि मुझे इतना प्यार है कि मैं सवारियों कोई नहारे जा रहा हूं क्या होगा ऐसी गाड़ी का आप बाइट चला रहे हैं और आप जो पीछे बैठा है आपके उसकी रच्छा करना जाते हैं और रच्छा की खातेर आप उसी
02:07जो अभिभावक बच्चों की भलाई चाहते हों जो कि सभी चाहते हैं उन्हें सबसे पहले अपने उपर ध्यान देना होगा लेकिन अभिभावकों का तर्क क्या होता है हम बच्चों की भलाई में इतने उद्यत और इतने व्यस्त रहते हैं कि हमें अपने उपर ध्यान दे
02:37अभिबावक न आने का यही कारण बताते हैं, कहते हैं
02:41बच्चा बड़ा करना है बच्चे की बहतरी करनी है इसलिए हम नहीं आ पाते
02:45मैं हसके उन से पूछता हूँ तो महां अगर नहीं आ रहा हो तो बच्चे
02:49की भलाई कर कैसे लोगे
02:51पर देखिये माया कैसे कैसे
02:55बहाने देती है
02:57हमें बच्चे की भलाई करनी है
03:00इसी में तो हम व्यस्त हैं
03:02इसी कारण तो अचारे जी हम आपके पास आ नहीं पाते
03:04अच्छा
03:06और देखा यही गया है
03:09कि जो ज़रा बच्चों को छोड़ कर आ जाते हैं
03:11उनके बच्चे फूल जैसे खिलते हैं
03:13और जो बच्चों की भलाई को ही कारण
03:17बता करके नहीं आते
03:19अपने पर ध्यान नहीं देते
03:20अपनी सफाई
03:22पर उर्जा और समय नहीं लगाते
03:25उनके बच्चे भी अध्खिले ही रह जाते हैं
03:29बच्चे का भला चाहते हों
03:31तो सरप्रथम अपना भला कीजिए
03:32मा होना बाप होना
03:49करीब करीब परमात्मा होने जैसा है
03:51वो पूरी दुनिया चलाता है
03:54सबका बाप है
03:56आप भी
03:58सबके नहीं पर बाप तो हो
04:01तो कुछ तो
04:04परमात्मा का अंश आप में होना चाहिए
04:06कुछ तो आपके मन में आचरण में
04:09परमतत्तो की जलक होनी चाहिए
04:11तभी आपका बच्चा
04:15एक स्वस्त
04:19नौजवान या नव्यूपती बनके निकलेड़ा
04:23दूसरा जन्म होता है माबाप बनना
04:32इसी अर्थ में नहीं कि जन्म की प्रक्रिया जटिल होती है
04:36इस अर्थ में कि जब आप बच्चे को बड़े कर रहे होते हो ना
04:39तो साथ साथ अपने आपको ही बड़ा करना होता है
04:41क्योंकि अगर आप बड़े नहीं हुए
04:43बड़े से मतब समझ रहे हैं ना
04:44बड़पन, वैस्कता, मैच्यूरिटी
04:46अगर आप बड़े नहीं हुए तो बच्चा बड़ा कैसे होगा
04:49अगर मा की और बाप की मानसिक उम्र अभी 10 या 12 साल की है
04:55जो कि अक्सर होती है आप जानते हैं न शारेरिक उम्र अक्सर बढ़ जाती है
04:59और मानसिक उम्र थम जाती है अगर मा की और बाप की मानसिक उम्र अभी 10-12 साल की है
05:04तो बच्चा कहां से 20 साल का हो जाएगा
05:07हमने ऐसा बच्चा आज तक देखा नहीं
05:09जो मापाप से जादा उम्र का हो
05:10लेकिन
05:14कोशिश और अर्मान हमारे यह होते हैं
05:17कि हम तो 12 साल के हैं
05:19बेटा 20 साल का हो जाएगा
05:20यह असंभव है
05:23आपको अपने बच्चे से कम से कम पांच-दस साल आगे आगे चलना होगा
05:27जैसे जैसे वो बड़ा हो आपको भी क्रमशह
05:32बड़े होते रहना होगा बड़ा होना ही नहीं
05:39जैसे उसकी प्रगति उत्तर उत्तर है वैसे ही आपकी प्रगति को भी उत्तर उत्तर होना होगा.
05:47उपर बढ़ना कभी रुके नहीं.
05:51आप समझ रहे हैं? इस दंब में मत रह जाईएगा कि हम तो माबाप हैं, हमें थोड़े ही आगे बढ़ना है.
05:57विकास तो बच्चों का होना है नहीं आपका होना है और अर्थ विक्सित मावाप तो फिर बच्चे को दोश्टे और समाज को दोश्टे और शिक्षा को दोश्टे उन्हें भी दे दीजिएगा लेकिन सरप्रथम
06:27मैं इतनी लोगों से मिलता हूं मैंने आज तक नहीं देखा ऐसा घर जहां पर मावाप स्वस्थ हों सहज हों और बच्चा उद्दंड हो और अर्थ विक्षिप्त हो नहीं देखा
06:50मैंने तो सदा यहीं देखा है कि जब भी कभी बच्चे में समस्या रही है उसका प्रथम कारण घर का माहौल है
06:58जब भी कभी किसी बच्चे की समस्या को हल करना होता है मैं बच्चे को तो बिलकुल हटा देता हूं मैं घर पे जाता हूं मैं घर की बात करता हूं घर बताओ कैसा चल रहा है घर यदि ठीक चल रहा होता तो यह तो घर से ही पैदा हुआ है घर का ही फूल है
07:16घर की मिट्टी ठीक होती तो फूल खराब कैसे हो जाता हुँ घर अच्छा रखिए घर में परमात्मा का नाम हो घर में इमानदारी की बात हो घर में आपका जैसा आचरण हो बोल हो व्यवहार हो उसमें प्रेम हो
07:46घर में हिंसा नहों घर में कंट नहों हो घर में तमाम तरीके के दुषिप्रभाव को आमंत्रण नहों हो यह जो टीवी है ना यह टीवी
07:59यह पाइपलाइन है जिसने दुनिया भर का मल बह बह के घरों में आता है इसको एक नाला जानियेगा यह वैश्विक नाला है इसको ग्लोबल ड्रेनेज पाइप देट एम्टीज इसेल्फ इंटो एवरी हाउस होल्ड
08:16इस बच्चों बच्चे नहीं छोड़ते या
08:22जब सब कुछ पता हो और स्वयम से ना होता हो तो जानते बूझते अपने आपको किसी ऐसे के हाथों सौप दो जो पता है कि आपको अनुशासन में रखेगा
08:47आप में से कुछ लोग जिम वगएरा जाते होंगे आप अच्छे से जानते हैं कि क्या करना होता है किनकिन नियमों पर करना होता है वहां कोई विशेश विज्ञान नहीं लगता लेकिन फिर भी ट्रेनर की जरूरत होती है क्योंकि ट्रेनर हाथ पकड़के करा देता है वह �
09:17कि दौर लगानी चाहिए यह आपको भी पता है पर आप स्वयम करेंगे नहीं आप पर आलस और रित्तियां हावी हो जाएंगी तो इसलिए फिर कोई चाहिए होता है जो स्वयम अनुशासित हो और आपको अनुशासन में रखे
09:30वैसी विवस्था अगर आप खुद आयोजित कर ले तो बहुत अच्छा आत्मा अनुशासन से अच्छा तो कुछ होता ही नहीं और अगर खुद आयोजित ना कर पाएं तो किसी और से आग्रह करें कि वह आपकी मदद कर दें पर करें जरूर क्योंकि उसको करें बिना जी�
10:00ऐसा समझली दिये कि बच्चे का आना मने दूसरी पारी का शुरू होना और दूसरी पारी का शुरू होना मने अब वो गलतियां मत दोहराना जो पहली पारी में करी थी तुम भी कभी बड़े हो रहे ते
10:19और जब तुम बड़े हो रहे थे, उन वर्षों में कुछ चूक, कुछ कमी रही जाती है, अब तुम जानते हो, अब तुम उसको पूरा करो, अपने आप में, बच्चे के साथ-साथ, बच्चे के मित्र की तरह बड़े होते रहो,
10:34माबाप हैं और बच्चा पैदा होता है, तो समझ लीजिए कि घर में एक नई, तीन नई बच्चे आए हैं, तीनों को अब बड़ा होना है, एक साथ, तीन माने कौन कौन, बच्चा तो है और माबाप जो आए हैं, इनको इब बच्चे ही मानिए, कि इमें भी अब बड़ा हो
11:04हमें यह कहना बड़ा अच्छा लगता है ना माबाब भगवान समान होते हैं तो अगर भगवान समान होते हैं तो भगवान समान फिर उनका
11:14जीवन भी तो होना चाहिए स्थान तो जैसा जीवन हो जाएगा
11:22बच्चे को भी कई वर बड़ी हैरानी होती है, यह कहते हैं कि माबाब भगवान होते हैं, ऐसे होते हैं भगवान, हम देवासुर संग्राम तो सुनते थे, देव-देवी संग्राम कभी सुना नहीं,
11:41देवों की असुरों से तो लड़ाई होती है, पर हमने ऐसा तो कभी सुना नहीं कि देवी और देवता आपस में भिड़ गए, तो फिर मेरे ये दो भगवान आपस में क्यों भिड़ते हैं और घर में तो लगातार श्री भगवान और श्रीमती भगवान का धर्मियुद्ध �
12:11लड़ी पेपर से अगर इंसान बढ़ी है तो जो इंसान है उसका धर्म होता है भगवान के सामने सर जुकाना ताकि भगवत्ता की कुछ बूने उस पर भी पढ़ें ताकि शान्त हो सके ताकि सहच दी सके दुख से तरह आजादी मिल सके हैं तो जो विनम्रता होती है सर ज�
12:41विनम्रता रखिए गा कि जहां से सीखने को मिले सीखें गे और कभी वी ये दावा ये गर्व मैं यह दंभ नहीं रखेंगे कि हमें तो सब पता है हम अच्छे हैं और दुनिया ही खराब है और दुनिया मेरे बच्चे को भरष्त किए दे रहे एव
12:47यह दावा यह गर्व कि यह दंभ नहीं रखेंगे कि हमें तो सब पता है हम अच्छे हैं और दुनिया ही खराब है और दुनिया मेरे बच्चे को भ्रष्ट किये दे रही है विनम्रता का अर्थ होता है सर प्रथम अपनी और देखना
13:03अपने मा ही टटोल दोनों बाते माया भी ब्रहम भी सब भी तरी है
13:12आज आप जान लीजिए कि यहां बैठे हैं मैं बच्चे तो एक दो ही देख रहा हूं बाकी तो सब वैस्क हैं लेकिन आप जान लीजिए कि आज आप लोटके जाएंगे
13:31तो आप अपने बच्चों के लिए बड़ी भेट ले करके जा रहे हैं
13:36शांत अभिभावक से ज्यादा अच्छी भेट बच्चों के लिए कोई होई नहीं सकती
13:44आप बच्चे को ले जाकर के लाखों के तोहफे दे दे वो तोहफा कम कीमत का है
13:49ज्यादा बड़ी कीमत का जानते हैं क्या तोफा है
13:53आप स्वयम शांत हो करके, सुन्दर हो करके, सहज हो करके अपने बच्चों के सामने जाएं
14:02इससे बड़िया तोफा क्या हो सकता है
14:04तो आज आप अपने बच्चों के लिए बड़ी अमूले भेंट ले करके जा रहे हैं
14:10कि यह आशिरवाद होगा आपका उनको
14:18कि देखो हम तुम्हारे लिए उपहार लाएं हैं
14:21वो कहेंगे क्या आप कहेंगे मैं
14:23चाहें तो कि रिबन भी बांद दीजेगा ठीक है
14:28कर दो आपका उनको

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