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  • 2 days ago

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00:00तुम छोटे से बच्चे हो गया कि मम्मी वापा की शिकायत दूसरे डैडी जी से करने आयो
00:07और 26 की उमर में जिस से तुम बात कर रहे हो
00:11वो भी अगर ऐसे ही किसी की शिकायत किसी से कर रहा होता
00:15तो आज मैं तुम्हारे सामने बैठा होता
00:17मैं क्यों इस बात पर ध्यान दू कि तुम्हारे मम्मी वापा
00:24तुम्हारी रुचियों को पसंद करते हैं कि नहीं करते हैं
00:29ये उनका मामला है वो जब शुवर में आएंगे उनसे बात कर लूँगा
00:32तुम अपनी बता हो
00:34तुम 26 साल के हो
00:37तुम छोटे से बच्चे हो ऐसे शिकायत कर रहे हो खड़े हो करके
00:42ये लाज की बात है
00:48मम्मी आपा रोक रहे हैं मम्मी आपा रोक रहे हैं
00:54दो साल के हो छे साल नहीं 26 साल के हैं
00:58कैसे रोक रहे हैं
00:59उन्हें दिखी रहा होगा कि तुम रोकने लाया को इसलिए रोक रहे हैं
01:03एक जवान शेर को कौन रोक सकता है
01:06तुम जवान हुए ही नहीं इसलिए तुम्हें रोक रहे हैं
01:10मैं रोकने वालों की बात करूँ या रुकने वाले की
01:13हाँ तो अपना बताओ ना तुम्हें कैसे कोई भी रोक लेता है
01:19यह तुमने पूरी कहानी सुनाई यह सुनने में ही भद्दी थी
01:26यह कहानी आठ दस बारा साल तक शुभा देती है उसके बाद नहीं
01:36मैं नौकरी कर रहा हूँ मैं 26 साल का हूँ
01:39मैं ध्यात्म की और बड़ रहा हूँ जो भी कुछ कर रहा हूँ
01:42मम्मी ने मना कर दिया
01:45असपास का जो भी मतलब
01:48अरे तु क्यों है तुम्हारे असपास
01:51और अगर तुम्हारे आसपास भी है तो उसकी हिम्मत कैसे पढ़ जाती है तुमसे उल्टी-पुल्टी बाते बोलने की
01:56लोग भी न बंदा देख करके और शकल देख कर बोलते हैं
02:03तुम शेयर की तरह रहो शेयर की तरह जीओ किसी की खुदी हिम्मत नहीं पड़ेगी तुम पर आक्षेप आपत्ती करने की
02:10पहली शर्म तो तब ही आ जानी चाहिए जब कोई आ करके तुम्हारे मसलों में हस्तक्षेप करे
02:18बात ये नहीं है कि उसने जो भी का वो सही है गलत बात ये कि उसने जो भी का उसने कह कैसे दिया
02:25जरूर तुम नहीं ऐसे सिगनल दिये हैं कि मैं कमजोर आत्मी हूँ और मुझसे कोई कुछ भी कह सकता है
02:31तुमने अपना ब्रैंड ऐसा लुचुर-पुचुर बना क्यों रखा है
02:37और उपर से दूसरों की शिकायत कर रहे हैं
02:46फलानों ने आके मेरे साथ बड़ी ज्यादती कर दी
02:48उस चीज से लड़ना कैसे रख
02:54लड़ने की जरूरत ही नहीं है
02:57तुम्हें ऐसा हो जाना है कि किसी की हिम्मत ही नहीं पड़े तुम से यह सब बातें बोलने की
03:02देखो बीमारी भी कमजोर आदमी पर हमला करती है
03:10सबसे पहले यह समझो कि दूसरे तुम्में कमजोरी देख रहे हैं ना
03:16इसलिए तुम पर चढ़ने की कोशिश कर रहे है
03:18अगर तुम में कमजोरी देखेंगे ही नहीं
03:21तुम पर चढ़ने की कोशिश भी नहीं करेंगे
03:23और अगर तुम्हारी माबाप हैं
03:27और कमजोरी देख रहे हैं तो कमजोरी होगी भी
03:29वो बिलकुल
03:32तुम्हारी असलियत से वाकिफ है
03:34उन्हें दिख रहा है कि ये लड़का तो है ही कमजोर
03:36तो इसका हाथ हुमेट सकते हैं
03:38इसके कान भी मरोड सकते हैं
03:40नहीं तो 26 साल के जवान
03:42पर कौन धौस चला सकता है
03:57देखो अध्यात्म
03:58ऐसे ही नहीं होता कि
04:00हलकी फलकी चीजा कोई भी कर ले
04:02बैठके कहीं भजानी तो गाने है
04:05उसके आद बुंदी के लड़ू खाने है
04:06ये पंजीरी वाला ध्यात्म
04:11किसी काम का नहीं होता
04:13इचुन्नू गया मंदिर की घंटी बजाई
04:17और वहाँ पे चरणामरित और पंजीरी लेखे वापस आ गया और धार में क्या ला गया
04:23जिघर चाहिए होसला चाहिए भीतर जड़ा
04:31आग चाहिए आखों में तेज चाहिए
04:38किसी की हिम्मत नहीं होने चाहिए तुमसे फाल्तू बात करने की
04:49पहला आप मान तो यही है कि वो ऐसी बात कर कैसे गया
04:52उसके बाद तुम उसको सजा दे लो चाहिए उसको मना कर दो
04:58इससे नुकसान की भरपाई नहीं होने वाली
05:02अपसे वहले तो यही पूछो अपने आपसे कि इसने ऐसी बात करी
05:08माने इसने मुझ में जरूर कोई कमजोरी देखी है
05:11कर कैसे दी ऐसी बात
05:13इसी लिए
05:22का जाता है ना कि
05:23महावीर चलते थे तो
05:28जो हिंसक पशुबी होते थे वो बिलकुल ऐसे गाए की तरह हो जाते थे
05:36जो अपने एकदब मिकट्टम है अगर कहीं ऐसा मन में आता है कि
05:48उनको ठेस नहीं पुझानी है या तो बस यही तो कमजोरी है जो उन्होंने देख लिए
05:53यही तो कमजोरी है जो देख लिए तुमने उन्होंने
06:02अरे किसी अच्छी चीज़ को ठेस नहीं पहुझाई जाती भई
06:06तुमारे घर में जाले लगे होते हैं तुम क्या बोलते हैं उनको ठेस नहीं पहुझानी है
06:16तो अगर आखों में जाले हों किटराक्ट उसको भी ठेस नहीं पहुझानी है
06:26जब घर के जाले भी हटा देते हो आखों के जाले भी हटा देते हो तो मन के जाले क्यों नहीं हटा सकते
06:36वहां क्यों बोलते हो, अरे मैं किसी के मन को ठेस कैसे पहुचा दूँ, वहां क्यों बोलते हो
06:40तुम मन को ठेस नहीं पहुचा रहे, मन के जालों को ठेस पहुचा रहे हो
06:48और तुम जिसके मन के जाले साफ कर रहे हो, उस पर हैसान कर रहे हो
06:52ठसक के साथ करो
06:56इसमें शर्मिंदा होन Ellie की क्या बात है कि मैंने फलाने को ठेस पहुंचा दी
07:03सरजन प्राइश्चित करने गया क्या मैंने फलाने का पेट फाड़ दिया
07:12भाई तुमने अहसान करा है उसकी सरजरी करके तुम प्राइश्चित किस बात का कर रहे हूँ
07:17पर फिर वही न जो कहा हम यथार्च में तो जीते ही नहीं है
07:29हम तो आधर्शों और कल्पनाओं में जीते हैं
07:32और तुम हो आधर्श पुत्र
07:33जो माबाप से भहस नहीं रड़ा सकता
07:47न सच बढ़ा है न आजादी बढ़िये क्या बढ़े हैं मध्यम वर्गिये संस्कार
07:51और वही है घर मेरा माणवा भारत चलती थी
07:57हाँ मैं मानता हूँ मैं डर पोक हूँ कह सकता हूँ
08:03इस बात पर गिलनानी भी आती कभी बहुत बार आती कि कई बार उनसे
08:07जो चीज कहनी है वो नहीं कह पा रहा हूँ जैसे कि अभी मैंने आके थोड़ा दूद बगर रहा है डेरी बगर बिलकुल एक त्रीके से छोड़ दिया है
08:16ना के बराबर है तो कभी कबार उनसे इस बात पर भाष करने को पनच आता है कि करी जाए पर वो एक बात पर सुनते हैं
08:26कि मतलब सीफ पेरेंस क्गों लेकर नहीं यहां ठीज कि से लह भी डिसकस करो कि यह बात करो हूँ
08:33से या बात ही मत करो
08:36तो उसे मैं रहे काफी लोगों ऐसे करते हैं
08:37सरकल अब बहुत गिने चुने
08:39लोगा ही हो गया है
08:40मैं खुछ भी उनसे पर
08:41एक गिल्ट की बाब नभी क्या दिए
08:44मैं उनसे क्यों नहीं कह पा रहा
08:46जो
08:47जो एकदम जिनको ये करना चाहिए
08:50जो मैं एकदम लिकटा मैं उनसे क्यों नहीं कह पा रही
08:52नहीं कहना तुम्हारे हाथ में है
08:54पर मानना
08:58या ना मानना उनके हाथ में है
09:00क्योंकि मानने की कीमत देनी पड़ती है
09:02भाई
09:02तुम उन्हें कोई चीज दिखा सकते हो
09:05और बता सकते हो कि इसकी इतनी कीमत है
09:07पर तुम उनके लिए उस चीज की कीमत
09:12खुद तो नहीं अदा कर सकते हो
09:14जा mm जी चाय नहीं छोड़ना चाती
09:17तुम उने बार बार बता रहे हो
09:18कि दूद पीने में करूरता है
09:20अब जाय तुम मम्मी जी कोई छोड़नी है
09:22ममी जी के लिए तुम थोड़ी छोड़ सकते हो
09:24तुम अपने लिए छोड़ सकते हो
09:28तुमने शाय छोड़ भी दी होगी
09:30अब तुम लाग बताते रहो ममी जी को
09:33कि ये जो दूद निकाला जा रहा है
09:36जो पूरा अद्द्ध दुड्ड़्यों गया ये मास दुड़्यों से जुड़ा हुआ है
09:40ये फूर्जबं अगर चाय और लसी और खीर की लत लगी हुई है
09:47तो नहीं छोड़ेंगे अब तुम क्यों परिशान हो
09:53उनकी करनी उनके साथ
09:54अरे दूसरे दोस्त बना लो यार
10:07क्या इतने परिशान हो रहे हो
10:09नहीं को काय को चाहते हो
10:13दुनिया में 800 करोड लोग उनको क्यों नहीं चाहते
10:16जो एकदम मेरे एकदम आसपास है
10:19तो ये भी तो आसपास बैठे है
10:21उनको चाहलो ही है
10:235-7 लोग
10:24वो जो आसपास हैं वो आसपास नहीं है उनसे तुमको मानसिक सुरक्षा मिलती है
10:30हाँ तो तुम ये कह रहे हो कि इनको छोड़ना भी ने पड़े यही सुधर जाएं तो इससे बढ़ियां क्या होगा
10:36अब वो होई ना सुधरने के लायक तो
10:43और सुधरना या नहीं सुधरना है यह हर व्यक्तिका निजी फैसला होता है क्योंकि कीमत उसे ही अदा करनी है फिर बता रहा हूँ
10:52उसके लिए उसके बहाफ पर तुम कीमत नहीं अदा कर पाओगे
10:56कर सकते ही नहीं नियम है
10:58चाय उसे ही छोड़नी है
11:00मास उसे ही छोड़ना है
11:02तुम कैसे छोड़ दोगे उसकी जग़
11:04अब वो नहीं छोड़ने को राजी है
11:07तो अब ये उसका अपना
11:10स्वाधीन फैसला है
11:11तुम बस ये कर सकते हो
11:15कि वो मास नहीं छोड़ रहा है
11:16तुम उसे छोड़ दो
11:17हाँ मतलब उनका ये क्यामत कि हमारे
11:20इस चीज में धखलन जाजी नहीं
11:22मतलब इन चीज में धखलन जाजी
11:25मतलब एक तरीके से तुम इंटॉलरेंट हो रहे हो
11:27या हर एक चीज
11:29तुम्हें सुनना क्यों जरूरी है
11:30वो जो भी बोल रहे हैं
11:33इन टॉलरेंट हो रहे हो कुछ भी बोल सकते हैं
11:35वो बोल सकते हैं कि तुम कुछ होर हो रहे हो
11:38तुम एलियन हो रहे हो
11:40तुम यूएफो हो गए
11:43वो तुम्हें कुछ भी बोल सकते हैं
11:45तो उससे क्या हो गया
11:46बात ये नहीं है कि वो बोल रहे हैं
11:49बात ये है कि तुम्हें कौन सी मजबूरी है
11:50कि तुम बैटे बैटे सर जुखाए सुन रहे हो
11:52उठके चल दो
11:53वो बोल भी इसी लिए पा रहे हैं
11:57क्योंकि उन्हें पता है कि तुम सर जुखाए
11:58सुनते रहोंगे है और जब आपको पता है
12:02कि आप कुछ भी बोलेंगे सामने वूला सर जुबाके सुनता ही रहेगा
12:05तो फिर आप वास्ताव में कुछ भी बोलेंगे
12:08आपकी बेहुद्गी की, जूट की और बत्तमीजी की फिर कोई सीम़ी नहीं रह जाएगी
12:14क्यों सामने बैठा है वो तो ऐसे ही है
12:18रीड के बिना लुचुर लुचुर बैठा है
12:22वो कुछ भी बोलो सुनता रहेगा
12:23जाहिर सी बात है बिटा
12:28क्योंकि सुनने सुनाने की बात नहीं है
12:31कीमत अदा करने की बात है
12:33जो भीतर से तयार ही नहीं है कीमत देने को
12:38उसकी कोई प्रगत्य या सुधार कोई दूसरा कैसे कर देगा

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