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00:00परबाद होना जिसकी अदा हो, दर्दे मुहबबच जिसकी दवा हो, पताएगा क्या उसे गम जिन्दगी का
00:07परबाद होना क्या है? अपनी स्टाइल है भाई, अदा है, हमारे लिए अदा है
00:14वो जो हीरा है, उससे मुहबबच होनी चाहिए
00:17जब हीरे से महबबत होती है तो मोजे और गमले के तूट जाने पर दिल नहीं तूटते
00:23लेकिन इसमें गनीमत की बात यह है कि हम सब के पास एक तिजोरी है और उसमें जो है उसे कोई हमारी मर्जी के बिना नहीं ले जा सकता है
00:32आप खुद तो उसको छोड़ सकते हो पर कोई और आप से छुड़ा नहीं सकता है और उसे भी उपर होते हैं जो कहते हैं पसीना भी बेश सकता है आशू भी भैस सकता है और खून भी बयाए रहा हूं तब भी खेलते हैं यह असली खिला डी ही
00:45कि मैं आपको लगभग एक साल से सुन रहा हूं क्या पाया उससे पहले बताना चाहूंगा बहुत कुछ है जो मेरा छूड़ गया है उससे पहले कई ऐसी आदेटी थी कई ऐसे पैतन थे जो तूटी नहीं रहता है
01:07सब कुछ कर लिया मैंने मेडिटेशन किया जिम किया मतलब मैं किसी से बता बात नहीं कर पाता था पर बहुत कुछ किया अब वो धीरे-धीरे बहुत कम हो गए है और ऐसे बहुत सारी चीज़ें जो छूट रही है तो उसके साथ दुख भी छूट रहे है तो थैंक्यू सो मच
01:37बनता है किसी का नहीं बनता है पर क्या वैसा मानसिक तोर पर भी होता है कि कोई डर्द आए और वो दुख बने या ना बने उस चीज़ पर अगर आप फड़ा मार्ग देशन करता है जंदगी ने कोई ठेका नहीं ले रखा कि हमारे हिसाब से चले
01:55चीज़ें छूटने पर मैं पर जो प्रभाव होता है कि मैं की और से जो प्रतिक्रिया आती है उसको आप दर्द मान सकते हैं
02:11पर दर्द दुख तभी बनता है जब लगे तो मेरी शर्ट नहीं फट गई मैं फट गया हूं मेरा जूता नहीं खो गया मैं ही खो गया हूं
02:25नीचे वाली ही चीज़ जब वरियता में प्राथमिक्ता में प्रायरेटी में सबसे उपर हो जाती है तो दर्द दुख बन जाता है
02:33तो खुना पाना तो जिन्दगी में चलता रहता है
02:40लेकिन दुख से वो बचा रह जाता है
02:44जिसको पता होता है कि जो भी कुछ खोया, जो भी कुछ पाया
02:48वो चीज यूही थी, साधारण थी
02:51कम वरियता, निचली प्राथमिक्ता की थी
02:55तब वो दर्द है
02:56कुछ पता है कि जो केंदरी चीज थी हो नीक हो गई हएं हमें पता है कि असली प्माल तो का तुजोरी में
03:08का सलामत है या चोर आयी भी हों गे तो इधर उदर से जो चार गमलये उठा ले गए बहार से या कमरे में होगensen दो कुछ
03:16या कमरे में भी घुज गए तो कुछ उन्होंने इधर उधर की चीज़ें कपड़े लगते उपर हाथ फेर लिया है पुर्सी टेबल उठा ले गए चोर पर आपकी जो असली पूंजी है वो तिजोरी में सलामत है तिजोरी नहीं तूटी तो दुख नहीं होगा
03:33लेकिन इसके लिए पता होना चाहिए ना कि तिजोरी इतनी जबरदस्त है कि वो तूट नहीं सकती तिजोरी हो सकता है आपके पास हो सकता है उस तिजोरी में बहुत कीमती चीज भी रखी हो पर ये भी तो हो सकता है कि आपको खुदी नहीं पता होगे आपके पास तिजोरी ह
04:03आपके लिए बल्ब ही दुनिया की और जिन्दगी की सबसे कीमती चीज थी
04:06और घर के बाहर बल्ब लटक रहा है, कि गम्ला रखा है
04:11वो कभी भी तूट सकता है, यहां तक कि घर का ताला भी तूट सकता है
04:15जहर का ताला तूटा, कोई आ गया आंदर
04:19ले गया चीज़ें
04:22लेकिन इसमें गनीमत की बात यह है
04:25कि हम सब के पास
04:27एक तिजोरी है और उसमें जो है
04:29उसे कोई हमारी मरजी के बिना नहीं ले जा सकता
04:32बाहर के किसी चुर
04:35की हिम्मत नहीं है, हैसियत नहीं है
04:37उसका अधिकार ही नहीं है
04:40कि वो उस तिजोरी को हांत लगा सके
04:45हाँ, आप सवैम उसको त्याग सकते है
04:48आप खुद तो उसको छोड़ सकते हो
04:50पर कोई और आप से छुड़ा नहीं सकता
04:52दुख की परिभाशा है
04:55जो उच्चतम है
04:57वो अगर मुझसे अलग हो जाए
05:00तो मेरे अनुभव को दुख बोलते है
05:02जो सबसे उपर का है
05:05जब वो मुझसे छिन जाए तब जो होता है
05:07उसको बोलते हैं दुख
05:08और बाकी छोटी मोटी
05:12चीज़ें हैं, यह आती जाती रहती है
05:13इनके छूट या तूट जाने पर
05:17जो अनुभव हो है उसको आप बोल दोगे दर्द
05:19तो दर्द
05:23दुख सिर्फ एक शर्त पर बनता है
05:26कि वो छोटी चीज ही आपके लिए सबसे बड़ी चीज थी
05:29चूँकि आपको अपने घर की तिजोरी का पता ही नहीं था
05:32तो आपको लगता था आपके घर की कुरसी ही आपकी सबसे कीमती चीज है
05:36तो अब अगर चोर कुरसी ले गया
05:39या किसी बैठने से कुरसी तूट गई
05:41या दीमक ने कुरसी को खा लिया
05:43तो आपको लगए आपकी सबसे कीमती चीज छिन गई
05:46अब जिसको दर्द होना चाहिए था वो दुख बन जाएगा
05:52छोटी सी चीज हुई थी जिससे दर्द तो मिल सकता था
05:56फ़ो छोटी सी चीज का छोटा दर्द अब छोटा न रह करके भारी दुख बन जाएगा
06:02क्योंकि आपके देखे आपके पास उस कुरसी के अलावा या उस कुरसी से उंचा कुछ है इनी
06:06पुल मेरे पास एक कुरसी थी उसको दीमक चाट गई अब छाती पीट के रोगे
06:11तो ये सारी समस्या इस बात की है कि जैसा हमने आज की बात के शुरू में कहा कि
06:18जो सबसे केंद्री है महत्वपूर्ण है उसका आपको कुछ पता है कि नहीं है
06:21घर में तिजोरी रखी है पर आपको उस तिजोरी का पता भी है या नहीं है
06:26मैं व्यर्थ ही फाल्तू चीज़ों को महत्व दे रहा हूं इसको जानने को ही आत्मग्यान कहते है
06:36और जो फाल्तू चीज़ है उनको फाल्तू अगर जान लिया तो यही कीमती चीज़ है
06:46फाल्तू को फाल्तू जानना ही कीमती चीज़ है व्यर्थ को व्यर्थ जानने में ही सार्थकता है
06:55उतिजोरी कोई
06:58चीज नहीं है कि घर में कहीं पर रख़्ी हुई है कि आप खोज निकालोगे
07:03उतिजोरी एक रोशनी की तरह है एक ताकत की तरह है जो आपको हिम्मत देती है कि आप छोटी चीजों पर आश्रित ना हो जाओ
07:10ये है उस तिजोरी की पहचान
07:12जिसको अपनी तिजोरी का पता होगा उसको कैसे पहचान होगे
07:17उसकी पहचान ये होगी कि वो छोटी मोटी चीजों को बहुत भाव नहीं देता होगा
07:22आप उसका मुजा चुरा लोगे चश्मा चुरा लोगे
07:26तो उसको हृद्याखात नहीं आ जाएगा
07:30आप उसों गाली दे दोगे तो लाल पिला नहीं हो जाएगा
07:35वो कहीं खेल रहा है हार गया या कुछ और हो गया नौकरी छूट गई
07:41इतनी सी बात पर वो दिवाल में सर नहीं मार रहा होगा
07:47जो छोटे को छोटा समझे उसी के पास बड़ी चीज है यही पहचान है बस जो छोटे को छोटा
08:00समझे उसी के पास बड़ी चीज है और जो छोटे को छोटा नहीं समझ सकता उसके लिए छोटी चीज ही बहुत बड़ी चीज है
08:06जिसने छोटे को छोटा जाना, छोटा जानने का काम ही बता रहा है कि उसके पास बड़ी चीज है, छोटे को छोटा जानना ही बड़ी बात है, और जो छोटे को छोटा नहीं जान सकता, उसके लिए हर छोटी बात बहुत बड़ी बात है,
08:27तो जिसके लिए छोटी बात बड़ी बात हो गई
08:33उसके लिए सब दर्द दुख बन जाते है
08:35और जो छोटी चीज को छोटी चीज जानता है
08:41वो सब दर्दों को खेल की तरह लेता है
08:44उसको दर्द भी हो रहा होगा वो उससे खेल भी रहा होगा
08:48हम नहीं कह रहे कि उसे पीडा नहीं हो रही पेन उसको भी है पर उसके लिए दर्द भी ऐसा है जैसे मजाक उसको पता है चोटी बात है असली बात कुछ और है
08:59दस क्रोड रुपया तिजोरी में बिल्कुल सुरक्षित रखा हुआ है चोरों ने बहुत अगर नुकसान कर भी दिया है तो दस हजार का कर दिया है जिसके पास दस क्रोड रुपया बंधा रखा हो
09:12वो दस हजार के लिए क्या आसू भाएगा और ऐसा नहीं कि दस हजार की चोट नहीं पड़िये पड़िये उस चोटकान वह वो करेगा पर रो नहीं पड़ेगा बलकि शायद हसने लग जाए
09:25है कि चोर भी पागल है नहीं मुझे से चाहिए था तो दस करोड की चीज मांगते हैं कि दस हजार लेखर के चले गए पगले और दस करोड की ची leading की रह जाती है
09:38मैं इन चोरों के साथ उसको बाढ़ सकता था पर यह पागल दसजार लेके चले गए और बहुत खुश हो रहे हैं और जिसके पास वह दसकारोड की चीज़ होती है उसकी एक निशानी ये भी है कि उसमें कृतग्यता ग्रेटिश्यूट भहुत आ जाता है
09:53तो क्याता है क्या जबरदस्त किस्मत है क्या ऐसा मिल गया देखो कि दुनिया मुझे लूटती रहे जिंदगी लूटती रहे शरीर को मौत भी आ जाये तो भी हमारे पास वाह क्या जल्वे हैं हमारा कुछ बिगड़ी नहीं रहा
10:11अंतर समझ रहे ना दर दुमाने वह जिस पर आपका कोई बस नहीं आप सो रहे हो चोर के चीज़ें कर सकते हैं
10:21पंटोने गाय ये हुसियार रहना ने नगर में चोर आएगा
10:26अब कितने चोरों को रोको गए
10:29ये तक हो सकता है आप सांस लो सांस से एक चोर भीतर हो
10:33उसके फेपड़े में बैट जाए ऐसे ये तो वाइरस आता है
10:35वो आके बैढ़ गया कितनों को रोक लोगे
10:38एक चोर तो काल भी है उम्र बढ़ रही है
10:40एक दिन उम्र बढ़ते बढ़ते
10:41बिना किती बीमारी के भी मर सकते हो
10:43उम्र ही बीमारी बन जाती है
10:46तो चोर तो बहुत लगे हुए है
10:48दर्द तो जिन्दगी दे सकती है
10:51पर दर्द दुख बने ये अनिवारे नहीं होता
10:54दर्द दुख तभी बनता है जब आपको अपनी तिजोरी का पता नहीं होता
10:59मुझ रहें बात को
11:04और फिर जब मुझे ये पता होता है ना कि मेरे पास करोणों की संपदा सुरक्षित पड़ी है
11:10तो मैं बहुत घबराता भी नहीं हूँ थोड़े खत्रे वाले खेल खेलने से
11:16जिसको लगता है उसको दसी हजार है वो क्या खत्रा उठाएगा पांच हजार का उठा सकता है
11:24उसको लेगा कि अगर हार गया तो बरबाद हो जाओंगा
11:26तो वो फिर बहुत बचबच के चलता है डर डर के रहता है वो कायर हो जाता है दब्बू हो जाता है भीरू हो जाता है
11:33उसको लगता है मिर बसकुल इतने ही तो है अगर ये भी चला गया तो हाई मेरा क्या होगा
11:37लेकिन जिसको पता है कि कुछ भी चला जाए हमारा कुछ नहीं जाता
11:42वो खुल के खेलता है वो बड़े खत्रे उठा सकता है मूँ उची उडान भर सकता है
11:50बहुत उची उडान भरके यो गिर भी सकता है गिर के वो तूट भी सकता है और उख कहएगा मैं तूटने के बाद भी नहीं तूटा
11:56बाहर से तूट गया भी तर से नहीं तूटा
12:01मतलब समझ रहे हैं
12:05ये दोनों चीजें गड़बढ़ें
12:09पहली गलती हम ये करते हैं
12:11कि हम सब तरह के दर्द रोकना चाहते हैं
12:13सब तरह के दर्द अगर रोकना चाहोगे
12:16तो तुम जिन्दगी को ही रोक दोगे
12:17जिन्दगी को मौका दोगे
12:19तुम्हें तकलीफें दे सके भाई
12:20जिन्दगी चीजी ऐसी है
12:23उसका काम है तुमको कभी सुख कभी दुख देना
12:27पालना जुलाना कभी दाया कभी बाया
12:29कभी धूप कभी चाओं कभी दिन कभी रात
12:33कभी जाड़ा कभी गर्मी और कभी बरसात
12:37जिन्दगी चीज़ ही ऐसी है इन चीज़ों को नहीं रोका जाता अभी जब कोविड वाली महामारी फैली थी उसमें विकसित देशों में जो फिटेलिटी रेट था वो बहुत ज्यादा था उसका एक कारणी ये भी था कि वो बहुत जबरदस तरीके से इम्यूनाइज़ थे
13:07वेकसिनेशन बहुत ज़्यादा करा रखा था इतना वेकसिनेटेड होने के कारण आडिफिशिली इम्यूनाइज़ उने के कारण उनकी नैचरल इम्यूनिटी वड़ी कम हो गई थी और जो उन्होंने शौट्स ले रखे थे वैकसीन्स वो कोई ऐसे नहीं थे जो उन्हें क
13:37यह थोड़ा हमें तो बुखार दे दे उससे हमारी ताकत बढ़ती है जिंदगी से यह नहीं कहना चाहिए कि मुझे कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए मुझे कोई तकलीफ नहीं दिन भर जैसे कोई लोग होते हैं एसी में बैठे होते हो बाहर ही नहीं निकल रहे खास कर अ�
14:07साधारण 30 32 डिगरी में भी ऐसा होगा कि जैसे गर्म तेल में तुमको कचवड़ी बना दिया गया जिंदगी को मौका दे कि थोड़ी गर्मी दे पसीना बहाए कुछ नहीं हो गया
14:21हुँ कोंगे नहीं मुझे कोई भी चीज आकर अब ऐसे लगे नहीं है लगेगी नहीं तो फिर माशाहि महारी म+. और तुम कितना
14:30भी और कभी कभी नकुछ नकुछ को आकर लगी जाएगा जब लग जाएगा तो हाय करोगए
14:33करोगे तो पहली चीज तो यह नहीं करनी चाहिए कि हर छोटे दर्द को रोकने की कोशिश करी पसीना बहरा है यह छोटा दर्द है
14:45कि अधियारी बात कभी बीच बीच में अपने वहान की जगए बस पर चलना पड़ गया छूटी बात है कर लो
14:54कि बहुत लोगों के लिए बड़ा हाथसा हो जाता है आज पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलना पड़ गया है कि आज वहारे साथ बड़ी गलत चीज हो गई आज
15:05कि यह पहली गलती है कि दर्द को रोकने का पुरजोर प्रयास दर्द को रोको नहीं दर्द के साथ खेलो
15:17और जो दर्द को रोकने का बहुत प्रयास करते हैं अब उनके साथ क्या होता है वो दूसरी गलती है उनकी गलती है कि जब उनको दर्द मिलता है रोकने के प्रयास के बावजूद मिलता है तो दर्द के आगे धेर हो जाते है एकदम गिर जाते है
15:33अब उन्होंने जान लगा दी थी कि कुछ नहीं होना चाहिए
15:38उनका बस चले तो सरदर्द की भी वैक्सीन ले लें
15:41कि सरदर्द भी नहीं होना चाहिए
15:43और फिर जिस दिन सरदर्द हो जाएगा उस दिनों फोन करके बोलेंगे
15:48आज हम कुछ नहीं कर सकते, आज हमारा सरदर्द हो रहा है, अरे भाई सरदर्द ही तो है, हो रहा है तो हो रहा है काम करो, ये दूसरी गलती है, पहली गलती क्या करी थी, सब दर्दों को रोकने की कोशिश, और दूसरी गलती क्या करी, कि दर्द हो गया तो उसको दुख मान �
16:18तो में दुख अब नहीं होगा दर्द हो सकता है दुख नहीं हो सकता हम किसी दर्द को
16:23इतनी हैसियत देते ही नहीं है कि वो दुख बन जाए
16:28और जो दब दुख नहीं बनता तो फिर हम भहुत नहीं रोते हैं या अगर भहुत रोने की नौबत भी आ गई हो सकता है जिन्दगी बड़ा दर्द दे सकती है अगर रोने की नौबत भी आ गई तो हम रोते रोते खेलते हैं
16:46रोते रोते खेलते हैं क्यों नहीं खेलेंगे रोते रोते भाई पसीना भाते भाते खेल सकते हो तो आखों से अभी कुछ बैह रहा है खेलो
16:55होता है बहुत हुआ है लोगों ने खून भाते भाते भाते भी खेला है यह बहुत दूर की बाते नहीं है
17:07पसीना बहाते
17:09एक कोई ऐसा भी हो सकते है इसका पसीना भी भहे तो कहें
17:12नहीं खेल सकते हैं आज खेलने गए थे आज
17:14अज टेंपरेच्चर और हुमिडिटी बहुत ज़ादा है आज हम नहीं खेलेंगे
17:17ऐसे भी लोग हो सकते हैं वह एकदम ही
17:19गिरे हुए हैं उनसे इतना भी दरद नहीं जेला जाता
17:22उससे उपर वाले वो हैं जो कम से कम पसीना बहा लेते हैं
17:27उनसे उपर वाले वो हैं
17:32जो आशू बहा लेते हैं
17:35आख में कुछ चला गया तो उसकी वज़े से आख से बहर आए
17:39लेकिन फिर भी कह रहे हैं खेलेंगे
17:42या आज खेलने आ रहे थे कुछ घटना हो गई थी
17:48उसकी वजह से आखें नम हैं फिर भी खेलेंगे
17:51और उनसे भी उपर होते हैं जो कहते हैं पसीना भी बैसकता है
17:57आसू भी बैसकता है और खून भी बैराओं तब भी खेलते हैं यह असली खिलाडी इन्होंने दर्द को ऐसा कर दिया कि बड़े से बड़ा दर्द भी दुख नहीं है अब दर्द होगा बहुत बड़ा इतना बड़ा कि आसू खून सब निकाल दिया लेकिन उसे दुख हम अ�
18:27हारे बूढ़साहित् creeping का उद्देश्य है आपको दुख से मुक्त करना और मुझे कोई एक जगए बता दो जो आपसे वादा कर रही हो कि आपको दर्द से मुक्त कर देंगे कोई
18:37नहीं कहते गाप से मिरकों जेलने के लिए कहा जाता है दर्द से खेलने के लिए कहा जाता है
19:02कानबूज करके पीडा जहल लें हमें ऐसा होना चाहिए लेकिन अध्यात्म कहता है दुख से मुक्ते मिल सकती है पीडा से मुक्ती की कोई जरूरत ही नहीं है जीवन माने पीडा तो फिर हस्ते हस्ते जहलो पीडा को पीडा से मुक्ती कोई बात नहीं है पर दुख से मुक्ते
19:32धर्म की और नहीं कोई परिभाशा होती, यहीं परिभाशा है
19:36स्वयम के प्रति, जीवन के प्रति, मेरा कर्तव्य है कि मैं दुखमुक्त जीऊं, यहीं धर्म है
19:46यहीं धर्म की परिभाशा है
19:48स्वर्ग पालूंगा ये नहीं धर्म होता
19:51पुन्य कमालूंगा ये नहीं धर्म होता
19:53पलाने तरीके के काम कराऊंगा
19:56तीर्थ घूमाऊंगा करम कांड कर दूंगा
19:58प्रथा परंपरा निभा दूंगा
20:00ये नहीं सब नहीं धर्म होता
20:01मैं जीवन को
20:05दुख मुक्त कर दूँगा ये धर्म होता है
20:08दुख मुक्त दर्द मुक्त नहीं
20:12दर्द का तो स्वागत है आओ
20:14आओ
20:17ये जो जो खिलाडी होते हैं न असली
20:25ये मालो में क्या करते हैं
20:28जब जिन्दगी ज्यादा ही दर्द देने लग जाती है
20:30तो दर्द के विरुद्ध इनके पास जो रही सही
20:35बची खुची भी सुरक्षाएं होती हैं कवच होते हैं
20:39ये उनको भी उतार देते हैं
20:41ये गहते हैं आओ ठीक है खुल के खिलते हैं
20:45कि अगर स्थितियां साधारन चल रही हो
20:48तो तो फिर भी हम
20:49शायद दर्द से बचने के कुछ साधारन इंतजाम करे रहें
20:55लेकिन जब जिन्दगी तै कर ले कि अब असाधारन दुख देना है
21:00तो फिर हमने दर्द के खिलाफ
21:03जो थोड़े भहुत भी कवच पहन रखे थे
21:06हम वो कवच भी उतार देंगे
21:07जिन्दगी से कहेंगे कि
21:09अब तु तुल ही गई है
21:10दर्द देने पर तो आप पूरा दे
21:13देखते हैं
21:15दे
21:15और जो भारी दर्द के सामने भी
21:22दुखी नहीं हुआ
21:24जिन्दगी फिर उसकी हो जाती है
21:26जिन्दगी आई थी
21:31तुम्हें तोड़ने दर्द दे करके
21:35जिन्दगी को तुमसे प्यार हो जाता है
21:38बस तूटो नहीं तुम
21:40तो करें क्या
21:54परिक्षा करिए कि जिन दर्दों से
22:00आप बचने की इतनी कोशिश करते हैं
22:01तुमसे बचना जरूरी भी है क्या
22:06कि यह करिए
22:07क्योंकि हमने का वह जो हीरा है उती जोरी हो सबके पास है
22:11पर जब छोटी चीज को ही अगर बड़ा बना लोगे
22:15तो बड़ी चीज है आपके पास
22:18कि इस पर ध्यान कैसे जाएगा
22:21चोटे चोटे दर्द से बचने की जितनी ज्यादा कोशिश करते हो ना उतना वह छोटा दर्द आपकी निगाह में बड़ा होता जाता है
22:28कि करना क्या है करना यह कि छोटी चोटी चीजने जब जिन्दगी में आएं
22:32तुने भाव नहीं देना है जिन चीजों से बचने के लिए बड़ी दिवाले खड़ी कर रखी है सुरक्षागी उन चीजों को जानते बूचते थोड़ा जिन्दगी में आमंत्रित करना है प्रयोग करना है कि अगर यह चीजने जिन्दगी में आ भी गई
22:47नहीं तो मेरा क्या बिगड़ गया सो यह ऐसा तो नहीं कि मैं वहरथ्व डरता हूं कि यह सब कोश्ग हो जाएगा तो मैं तूट जाओं О
22:55हो सकता है कि मैं अपनी कल्पना से ज़्यादा मजबूत हूँ,
22:59हो सकता है कि ये सब मेरे साथ हो और मैं तूटू नहीं,
23:02बलकि मुझे पता चल जाए कि मैं बहुत मजबूत हूँ,
23:08तूटना तो नहीं ही हुआ, कुछ नई खास बात पता चल गई,
23:12कि साहब हम तो वेर्थ डर रहे थे, हम तो बहुत मजबूत थे,
23:16नजाने हम क्यों अपने आपको कमजोर मान रहे थे,
23:20हमें ये करना है, ट्रियोक करना है, तोड़ा से भरोसा करना है,
23:26कि अगर खतरे उठा लिए जिन्दगी में, तो कुछ ऐसा नहीं हो जाएगा,
23:31कि बरबाद ही हो जाएंगे,
23:36और उसके आगे जाकर कि फिर आदमी ये भी कहना शुरू हो जाता है,
23:39कि हम ऐसे हैं साहब कि बरबाद भी हो जाएंगे, तो भी बरबाद नहीं होंगे,
23:42और उसके आगे जागे कहता है अगर हो भी गए बरबाद तो क्या फरक पड़ता है
23:47मज़ा आता है फिर जीने में
24:12कुछ ऐसा सा थाएगा किसी शायर का है
24:24खोजेंगे तो मिल जाएगा
24:28कि बरबाद होना जिसकी अदा हो रोकेगा क्या उसे घम जिन्दगी का
24:35खोजेंगा यही है या कुछ आगे पीछे है
24:41वसी यह लिखो बरबाद होना जिसकी अदा हो
24:52यह है पूरा बरबाद होना जिसकी अदा हो
25:03दर्दे मुहबच जिसकी दवा हो
25:07सताएग अक्या उसे घम जिन्दगी का
25:12तो बरबाद होना क्या है अपनी स्टाइल है भाई अदा है
25:19हमारे लिए तकलीफ है हमारे लिए सिर्फ अदा है
25:26बरबाद होना हमारी अदा है तुम्हारे लिए सजा है हमारे लिए अदा है
25:36उसमें साथ में नई थी जा गई न मुहबबत दर्दे मुहबबत जिसकी दवा हो
25:47तो वो जो हीरा है उससे मुहबबत होनी चाहिए जब हीरे से मुहबबत होती है
25:56तो मूजे और गमले के तूट जाने पर दिल नहीं तूटते
26:01जिनके लिए वो है कि मुरा हीरा हिरा आए गए हो कचरे में
26:09उनके लिए फिर कचरे ही हीरा है
26:12उनका कोई कचरा भी अगर चुरा ले जाए
26:18तो हक्का फाड़ के रोते हैं
26:22सुचो
26:22कचरा बहार रखा था कचरे वाली गाड़ी आई उसको ले गई
26:27और यह वहीं बैठ गए हैं और छाती पीट रहे हैं कि आज भारी नुकसान हुआ है कुछ है यह नहीं जिंदगी में मुहबत चाहिए प्रेम के बिना कुछ नहीं जब प्रेम हो जाता है तो आदमी छोटी मोटी बातों के प्रति बेपरवाह हो जाता है छोटे दर्द फिर सत
26:57यह मुहम्मद रफीजी की आवाज में है और बहुत खुबसूरत है तो सुनना
27:07लगा दें कि है सबको सुनाई दें लावजरा आप कह रहे थे ना सवाल शुरू हुआ था कि
27:27आपको मेरे पास मिला किया यह पता नहीं पर आपने खोया बहुत कुछ है उसी रहु में है लुटा जो मसाफिर दिल के सफर में है जननत ये दुनिया उसकी नजर में उसी नही है लुटा मचा जिन्दगी का महबत में जो हो गया किसी का
27:45सजदा माने जिसके सामने जुका जा सकता है
27:53उसके सामने जुक जाना
27:58जिसने ये नहीं करा है कि जिसको चाहा था उसको पा लिया
28:03उसके सामने जुकना जिसने किसी ऐसे को चाहा
28:08कि उसको पाया नहीं जा सकता बस उसके जैसा बना जा सकता है
28:15जो तू चाहे मुक्त को छोड़ दे सारी आस मुक्त जैसा ही हो रहे सब कुछ तेरे पास
28:27तो उसको नहीं चाहा जाता जिसको तुम पालो उसको चाहा जाता है
28:32जो जो अपने प्रियतम की तस्वीर जैसा हो गया हो
28:41जो अपने प्रियतम की तस्वीर जैसा हो गया हो
28:47जिसको चाहो उसके जैसे हो जाओ और अगर कोई ऐसा मिले तो फिर उसके सामने सजदा कर सकते हो
28:52जो बन गया हो तस्वीर जाना तस्वीर जाना उसके जैसे बन जाओ
28:59मुक्त जैसा ही हो रहे सब कुछ तेरे पास
29:02अब इन्होंने फिल्म में पता नहीं ये इतना सोच के नहीं लिखा होगा पर मैं जहां से देख रहा हूं वहां से बोल रहा हूं
29:09कि जब चाहा जाता है तो जाना है जो जाने मन है
29:16वो ऐसा होना चाहिए कि चाहत में हम बिल्कुल उसके जैसे हो गए
29:22रांजह रांजह करते करते आपए रांजह हुई हाँ
29:30कि जो प्रेमी था बिलकुल उसके जैसे हो गए कि जो बन गया हो तस्वीरे जाना और अगर कोई ऐसा मिले तो फिर उसके सामने सजदा करा
29:41जा सकता है ऐसे नहीं कि जो जिससे प्रेम हो रहा हमें उसको पा लेना है हासिल कर लेना है हासिल वासिल नहीं करना है वो इतना उंचा है कि उसको हासिल नहीं कर सकते बस उसके जैसा बन सकते हैं उसकी तस्वीर बन जाना है मुझको
29:56उसके जैसा हो जाने है क्या मतलब है
30:25उसकी नकल करना
30:26पताईए आपकी परिक्षा शुरू हो चुकी है पहला यही है
30:33उसके जैसा हो जाने क्या मतलब है कि जो बन गया हो तस्वीरे जाना
30:38तस्वीरे जाना हो जाने क्या मतलब है उसके ऐसे कपड़े पहन लें
30:41उसके ऐसी बात करने लगें फिर क्या
30:43केंद्रुस के जैसा होगा है नहीं अपने जैसा न रहना हमेशा नकार की भाषा में बात किया गरिये हमेशा उसके जैसा होने का मतलब है जो कुछ मुझे मेरे जैसा बनाता था मैंने छोड़ा
30:58जिस किसी चीज में मेरी विक्तिगत सत्ता थी मेरी इंडिविजुएलिटी थी मैंने उसको छोड़ा उसके जैसा क्या बनोगे उसके कोई गुण तो है नहीं वो तो निर्गुण है तो उसके गुणों को अपनाओगे भी कैसे उसके जैसा बनना संभव नहीं है पर संभव है
31:28ठीज है मैं उसे क्यों परड़का बैठा रहा हूं मैं छोड़ने को त्यार हूं इसे कहते हैं तस्वेरियो जाना आगर को शून्य का प्रविम्ब देख़ रहा हूं अधर भी कुछ नहीं तू झू भी कुछ नहीं типа मैं
31:42हो गया शुन ने बराबर शुन ने हम दोनों एक हो गए अब तस्वीरे जाना हूं मैं धरपण के सामने खड़ा हूं मैं बिलकुल तेरे जैसा हूं तू भी कुछ नहीं मैं भी कुछ नहीं हूं
31:55हुआ हुआ है थैंक्यू सर्थ