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  • 2 days ago

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00:00मेरा एक साल का रिलेशन था, फिर मेरे बॉइफरेंड ने मुझे छोड़ दिया, मैं अपने एक्स को बूल नहीं पा रही हूँ
00:05अच्छा बता, तुमने रिष्टा क्यों बनाया और उसने तुम से रिष्टा क्यों बनाया
00:08देखिये, दिलों की बाती होती है, तुम नहीं समझोगे, कुछ कुछ होता है
00:12कि अभी तो ऐसा होता था कि सुबह उठते ही, जानू उठ गई है, ब्रश कर लिया, नाच्टे में क्या खा रही हो
00:19अभी होट है मामला भाई, नया नया है, ताजा ताजा है
00:22अभी होने लगता है कि तुमने कॉल भी करिये तो उसका दो घंटे बात जवाब आएगा
00:26ये है कुल खेल, अब जब मैं ये कह रहा हूँ तो दिल टूट रहा होगा
00:31क्योंकि हमारे रूहानी इश्क का मजाक बना दिया
00:35तुम्हारी नजर में होगा तुम्हारा इश्क रूहानी या जो भी है
00:39या तो इसी चक्र में फसी रह जाओ
00:42और फिर से ऐसा ही कोई रिष्टा बना लो
00:44वो भी तुम्हे थोड़ी देर की धूप दे जाएगा
00:47फिर अन्हेरी रात या आगे से जब किसी को देखना
00:51खिचाव अनुभाव करना तो पूछना अपने आप से
00:54रीना जी आई है
00:58टिक टॉक से
01:03कह रही है कि
01:07सर मुझे पुछना है कि मेरा एक साल का रिलेशन था
01:11फिर मेरे बॉइफरेंड ने मुझे छोड़ दिया
01:17मैं अपने एक्स को भोल नहीं पा रही हूँ
01:19क्या वो भी मुझे उतना ही याद करता होगा
01:25जितना मैं उसे करती हूँ
01:47बेटा रीना
01:49कहां से शुरू करूं
02:05तुम्हारी उम्र के लड़के लड़कियों में चलता है
02:15कि अगर आप किसी को याद कर रहे हैं तो वही इस बात का सबूत है कि वो भी आपको याद कर रहा होगा
02:25और भी चलता है कि अगर आपको हिचकी आ रही है तो मने वो याद कर रहा है
02:32और भी चीजें आती हैं शरीर में
02:38वो आती होँगी तो वो और कुछ कर रहा होगा आपकी याद में
02:43हिचकी तो बड़ी सब्भी सो सुनस्कृत चीज हो गई
02:53अब पतानी उम्र कितनी है तुम्हारी इसमें तुमने कुछ लिखके बेजा नहीं है
03:04पर जो बात लिखी है उससे लगता है कि छात्रा हो या अधिक से अधिक हालिया सनातक और गहरा हो
03:17बीस के उम्र है तो फिर तो पढ़ी रही होगी
03:27बेटा पढ़ लो और वो कितनी उम्र का जो छोड़ गया तुमको वो भी ऐसे ही होगा
03:41लिखरी हो मेरा एक साल का रिलेशन था चलो यहीं से शुरू कर लेता हूं बड़ी देर में समझ में आया शुरू कहां से करूं
03:51गूढ सवालों के तो जवाब बड़े आसान होते हैं उनसे तो मैं वैसे निकल जाता हूं जैसे मक्षन से गरम छुरी है पर ऐसे सवालों में फस जाता हूं लेकिन साथ ही साथ मैं तुम्हारे सवाल को हलके में नहीं ले रहा यह मुझे चुन कर दिया गया है तो कोई वज
04:21और ना किसी धर्म जीवी से अच्छा है ठीक है मेरे ही पास ले आओ यह सवाल वो है जिसका जवाब कोई प्रोफेसर भी नहीं देगा प्रोफेसर कहेगा कि यह इंटिलेक्चुल कुश्चन तो है नहीं तो मैं इसका जवाब क्यों दूँ और इसका जवाब प्रीस्ट भी
04:51सवालों को प्रोफेसर और प्रीस्ट दोनों ठुकरा देते हैं तो फिर ताज्यूब क्या है कि जवान लोग ऐसे सवालों के जवाब खोजने बहुत ही वियर्थ जगों पर पहुँच जाते हैं अब रीना के बात ही सवाल है इस सवाल का जवाब उसे कॉलेज की किताबों म
05:21वो ये सवाल लेके अपने प्रोफेसर के पास भी नहीं जा सकती क्योंकि हमारी शिक्षा विवस्था ऐसी है कि वो हमें सोहम के बारे में और संबंधों के बारे में कुछ बताती ही नहीं तो प्रोफेसर के पास भी नहीं जा सकती और उनके पास भी नहीं जा सकती जो लोग
05:51इनके बारे में कुछ पूछो तो कुछ बताएं तुम्हें, तुम कहोगी कि मेरा बॉइफरेंट छोड़ गया, मेरा एक्स मुझे याद करता हो, गएंगे ये कोई सवाल ही नहीं है, जबकि यही असली सवाल है, अच्छा किया तुमने पूछ लिया, यही असली सवाल है, जि
06:21ज्यादातर लोगों के, तो फिर जो ज्यादातर लोग हैं, वो न तो अध्यात्म की तरफ जाते हैं, और नहीं वो आपचारिक शिक्षा में वस्थाज जे कोई गहरा जुडाव अनुभाव कर पाते हैं, कॉलेज जाते हैं, बस दिग्री लेने के लिए कि रोजगार मिल ज
06:5120 साल की हो तुम, किस नाते तुमने किसी से संबंध जोड लिया, देखो हम किसी से भी कोई रिष्टा जोड़ते हैं, तो कोई वज़ा होती है न, बिल्कुल हम शूरने से शुरुआत करके बात को समझना चाते हैं, मैं अगर इसको उठाऊँगा, देखो मैंने इसको छु�
07:21बनाया है न, तो मैंने इसको उठाया, तो कोई वज़ा होगी न, क्या वज़ा है, भी बोलते बोलते गलास उखता है, तो बीच बीच में, मैं ये, पदार्थ अपने गले से डालता रहता हूं, सीचता रहता हूं, तो लो भई, और जब मेरे काम पूरा हो गया, तो मैंने �
07:51कि बीच बीच में उठा करके मैं इस से चुसकियां लेता रहूंगा, यह हमारा रिष्टा है, अच्छा बताओ तुमने रिष्टा क्यों बनाया और उसने तुम से रिष्टा क्यों बनाया, कोई वज़ा होगी न, यह मत क्या देना कि यह तो सब देखिये, दिलों की बाते होत
08:21वो तुम्हें जो कुछ भी होता है, इंसानी तोर पर ही होता है, इंसान ही हो, 20 के हो, 18 के हो, यह ऐसा होता है कि जवानी के दुनों में कोई और स्पीशी बन जाते हो, यह होमोसेपीएंस ही रहते हो, कितनी भी उमार है तुम्हारी, तो हो तो इंसान ही न, और इंसान के सा�
08:51खूप समझा गया है कि इनसान किस तरीके से काम करता है, हमारे मन की गतिविधियां कैसे होती है, तन कैसे काम करता है, किस उम्र में किस तरह की विर्तियां सक्रिय हो जाती है, इन सब बातों को समझने वालों ने खूप समझा है, तो तुम बताओ ये तुमने रिश्टा क्यों
09:21तो अभी ये गरम है
09:23और ये भरा हुआ है
09:25होट भी है
09:29डिलिशियस भी है
09:31और
09:32फुल भी है
09:34हम तो मेरा रिष्टा है
09:37रिष्टा कैसा है
09:39बीच बीच में इसे बिलकुर अपने पास ले आ लेता हूं
09:41जैसे बॉइफरेंड गुल्फरेंड
09:42वीकेंड पर बिलकुर ऐसे ही हो जाते हैं
09:44दूसरे के मूँ से मूँ लगा देते हैं
09:47जब मूँ से मूँ नहीं लगाया तो भी बस
09:48थोड़ी सी दूरी पर रखते हैं कि कोई और ना उठा के ले जाए
09:51मुझे अच्छा थोड़ी लगा जए
09:53चचा यहां बैठें यह उठा के पीना शुरू कर दें
09:55तो मैं इसे इतना पास रखोंगा कि बस हाथ बढ़ाऊं और यह मेरी हाथ की पहुच में रहे
10:02कि जब चाह उठा करके
10:05सोड़क लिया
10:06ठीक है ना
10:11हॉट है भी हॉट
10:12जब तक हॉट है तब तक बढ़िया है
10:15हॉट भी है
10:17थोड़ी स्पाइसी भी है क्या डलवाए इसमें
10:19मसाला डलवाए अधरक डलवादे
10:21अरे चाय है और कुछ नहीं है कई लोग यह पूछते रहते हैं
10:24लोगों की बढ़ी उत्सुकता इसी में है
10:27यह पीते क्या है
10:29अरे पी के थोड़ी जवाब देता हूँ
10:31तुम जो सोच रहो ऐसा मामला नहीं है
10:33हमें नशे के लिए चाय नहीं चाहिए होती
10:35हमारा दूसरा है
10:37अरे दूसरा मने
10:40भांग जान जा नहीं है
10:43तुमारा भरोसा नहीं तुम कहां ले जाओ
10:45वह एक और चीज होती है
10:49जब थोड़ा आगे बढ़ जाओगे तो समझोगे
10:51तो क्या है ये
10:55होट
10:58स्पाइसी
11:00डिलिशियस
11:02हम इसका ये जो
11:05मर्तबान है
11:06क्या सफेद सफेद है गोरा गोरा है
11:09एकदम चिकना भी है
11:10नया नया है
11:11हम है की नहीं है
11:14तो अभी तो मैं इसको
11:16बिलकुल ऐसे सुड़कूंगा
11:18चूसूंगा
11:20क्या बात
11:22क्या बात
11:23कितनी देर चलेगा ये
11:27कितनी देर चलेगा
11:30बैई जरूरत है एक
11:31शारीरिक
11:33चलेगा कितनी देर ये
11:35जो अभी होट है थोड़ी देर में
11:38कोल्ड होई जाएगा
11:44क्या होगा कि अभी तो ऐसा होता था कि सुबह उठते ही जानूँ उठ गही है जानू तटी कर ली ब्रश कर लिया नाश्टे
12:08और फिर दीर दीर होने लगता है कि तुमने कॉल भी करिये तो उसका दो घंटे बाद जवाब आएगा
12:13मेसेज किया तो वो उसमेर ब्लू टिक लग गया लेकिन जवाब नहीं आ रहा तो मैं देखते बैठे हो कि ब्लू टिक लग गया सरू
12:21बीच बीच में तो वहाँ पर अपना नेठी बंद करके बैठ जाएगा कि इसका मेसेज मुझ तक पहुंचे नहीं
12:27डिलिवरी नहीं हुई तो फिर हम बरी हो गए ना डिलिवरी तो हुई नहीं तुमारे मेसेज कि जवाब कैसे दें
12:32अरे ठीक है हमारे जवान में वाटसाइब नहीं था लेकिन फिर भी पता है सब तो ये सब चलने लग जाता है ये ब्लॉकिंग से पहले के लक्षण है ये बाते बता रही हैं कि अब जो अगला कदम होगा वो यह होगा कि तुम ब्लॉक किये जाओगे
12:51ब्लॉकिंग तत्काल नहीं होती है ये जल्दी से तत्काल ही ठंडी हो जाती है क्या ये धीरे धीरे ठंडी होती है न पहले होट है फिर लेस होट है फिर ल्यूक वाम है पहले वही चीज जो आहाहा लगता था कितनी डिलिशियस है कितनी स्पाइसी है धीरे देरे लगता है
13:21हो गई यही थोड़ी पीए जाएंगे
13:23और भी तो सवाध है सम्हारे मेंора
13:24यह चकने के लिए
13:25तो फिर ऐसे करते खरते थोड़ी
13:28देर में यह
13:30फुल भी ने रहा जाता
13:31सूख जाता है, जो कुछ था, इसका
13:34निचोड गया
13:35होट भी नहीं रहा जाता है
13:37इसके बाद
13:41अब मैं इसको अपने पास रख़ूँगा क्या
13:43मैं इसको भूँगा हट जावई
13:44तो ऐसे चलते हैं हमारे रिष्टे
13:49अब तुम्हें क्या ताज्जब हो रहा है कि
13:54मेरे बॉइफ्रेंड ने मुझे छोड़ दिया
13:56कोई ताज्जब की बात ही नहीं हाँ बात बहुत सीधी है अभी अगर बीस ही साल की हो तो इस तरही के बहुत आएंगे जाएंगे
14:06अभी भी सवाल तुम इसलिए नहीं पूछ रही हो कि उसने तुमें छोड़ दिया
14:11सवाल तुम इसलिए पूछ रही हो कि मैं दूसरा नहीं मिल गया भी
14:14दूसरा मिल गया होता तो यह पूछती नहीं
14:16यह मेरा जो मग है खाली हो जाए
14:20तो मैं क्यों कलपूंगा अगर साथ में दूसरा मिल जाए
14:24मिलेगा फिर तो कोई प्रॉब्रम नहीं न
14:27ये है कुल खेल
14:30अब जब मैं ये कह रहा हूँ तो दिल तूट रहा होगा
14:35क्यों कि हमारे रूहानी इश्क
14:38का मजाख बना दिया
14:41उसको चाय का मग करार दिया
14:50ये वैसा बोल देता हूं तुम्हारी नजर में होगा
14:55तुम्हारा आ इश्क, रूहानी या जो भी ये
14:59वह असलियत में तो यह ही है तुमने कौन से
15:02किसी के गुण देख करके उस से रिष्टा बनाया था
15:05और बताना मुझे अगर तुमने रिष्टा
15:09किसी के गुण देखकर बनाया होता
15:11तो गुण
15:12तक्तकाल ही अवगुण कैसे हो गए
15:14बोलो
15:17गुणों पर तो तुमने
15:19ध्यान ही नहीं दिया
15:20शकल पर ध्यान दिया
15:22एक आकरशन उठा था
15:25देह के प्रते तुम्में भी उसमें
15:27भी ये बात स्विकारते हमें
15:29बड़ा क्रोध हाता है
15:31हम स्विकार नहीं नहीं चाहते
15:32हम कह देते हैं नहीं ऐसा तो बिलकुल भी नहीं है
15:34ये तो आत्मा से आत्मा का रिष्टा था
15:37एरे ये आत्मा से आत्मा तो छोड़ दो
15:39ये तो विचार से विचार का भी
15:41रिष्टा नहीं था
15:42आत्मिक तलपर तो छोड़ दो, ये मानसिक तलपर भी नहीं था, इस तरह के ज्यादातर रिष्टे सिर्फ शारीरिक तलपर होते हैं, हाँ, शारीरिक तुम्हारा मिलन हो नहों वो अलग बात है, वो तो इस पे भी निर्भर करता है कि समाजिक स्थितियां कैसी है तुम्हारी
16:12संद्र होता है, वही आधार होता है इस तरह के सब रिष्टों का, मन तो तुम कभी देखते नहीं, और मन की पहचान क्या, मन के बहुत करंग है, छिन छिन बदले सोय, तन से रिष्टा बनाया, और मन उसका बदल गया, मन उसका बदल गया, अब तुम से क्यों रिष्टा ब
16:42अपनेस, कोल्डनेस बहुत हद तक आदत की बात होती है, शोले भी तुम 40 बार देख लो तो 41 बार नहीं देखना चाहोगे, तुम्हारा जो भी पसंदीदा व्यंजन हो तुम्हें रोज खेलाया जाये तो नहीं खापाऊगे, है न, तुम्हें खेलना बहुत अच्छा लगत
17:12चाहिए, एक तरह की चाहे से मन उप गया, उसे अब दूसरे तरह की चाहे चाहिए, बात समझ में आ रही है, या तो इसी चक्र में फसी रह जाओ, और फिर से ऐसा ही कोई रिष्टा बना लो, वो भी तुम्हें थोड़ी देर की धूब दे जाए,
17:42जाएगा, और फिर अंधेरी रात, या आगे से जब किसी को देखना, खिचाओ अनुभाव करना, तो पूछना अपने आप से, इसमें क्या है जो मुझे खीच रहा है, और जूट मत बोल देना, कि खीच तो रहो तुम उसकी जुल्फों को देख कर, वो भी जुल्फों पर
18:12कि खीचाओ तो सारा उसकी जुल्फ देख के हो रहा है, और को नहीं, नहीं, नहीं, इसके भीतर, जो कर्तब विशीलता है, और जो सहिशुनता है, और जो विनम्रता है, हम तो उसके कायल हैं,
18:27यहां रिष्टे इस बात पर टूट जाते हैं, कि तुम बेना मेकप के किसी के सामने आगए, इतनी सी बात पर रिष्टे टूट जाते हैं, बढ़िया चल रहा था, बढ़िया चल रहा था, 4-5 बार डेटिंग हो चुकी थी, मामला सही चल रहा था,
18:48एक दिन वो नजाने कैसे उसी युनिसेक्स ब्यूटी पारलर में आ गया जहां मैं अपना काम करवा रही थी और उसने मुझे बिल्कुल देख लिया बिना मेक अप के बाल वाल नुचवा रहे थे अपना उसने देख लिया कि यह चलता है तब से वो हमाई और देख नहीं रह
19:18हम इतना देह केंद्रित जीवन देखते हैं जीते हैं कि बस सीधे सीधे जिस्म देखा और तूट पड़े
19:28और जब सामाजिक वर्जनाएं ज्यादा होती हैं हम स्विकार नहीं कर पाते खुले हैं कि हम तो जिस्म के दिवाने हैं तो हम दर्शाते यूँ हैं जैसे कि किसी की बाचीत हमें पसंद है किसी की सादगी हमें पसंद है पर अंदर के अंदर की बात यह होती है कि हमें उसके
19:58वो अंदर की बात होती है
20:00जीवन सही जीओ रीना
20:11तो रिष्टे भी फिर सही बनाओगी
20:14सही लोगों को ही
20:15अपनी जिंदगी में प्रवेश दोगी
20:17गलत जिंदगी जीने के कही दुश्परणाम होते हैं
20:21उनमें से एक ही होता है कि तुम्हें सब गलत ही लोग मिलेंगे
20:24बात समझ में आ रही है
20:28ये तुम्हारी जिंदगी को समझने की उम्र है
20:32कहां तुम्हें रिष्टे बाजी में फस रही हो
20:35उसके लिए बहुत समय पढ़ा है
20:37पहले थोड़ा मन को जान लो
20:40जीवन को जान लो
20:41समझ तो लो
20:43कि तुम्हारे भीतर
20:44वो कौन सी उरित्ति बैटी है
20:46जो खिंची जा रही है लड़कों की
20:49और लड़के भी तुम्हें किस नजर से देखते हैं
20:52और खिंचे चले आते हैं
20:53अपनी छोटी छोटी हरकतों पर विचारों पर ध्यान दो
20:55तो यह जो पूरा लड़का लड़की का खेल होता है
20:59इसकी असलियत जाहिर हो जाएगी
21:00फिर कम से कम तुम इसे बहुत गंभीरता से नहीं ले पाओगी
21:06इसे बहुत समान नहीं दे पाओगी
21:08एक चुटकुले की तरह इसको ले लो तो फिर कोई बात नहीं
21:11लेकिन अगर चुटकुले की तरह लोगी
21:12तो फिर जब ब्रेक अप होगा उस राद फूट फूट कर रो भी नहीं पाओगी
21:16फिर तो चुटकुला था वो लड़का
21:18ठीक है जिंदगी में था तुम्हें भी पता था हो क्यों है
21:21उसे भी पता था हो क्यों है निकल गया तुम निकल गया
21:24रात गई बात गई
21:28अभी दिक्कत यह होती है कि खेल तो होता है सारा जिस्मानी
21:33लेगिन तुमने अपने आपको
21:36ये समझा रखा होता है कि बात भावनाओं की है
21:39तो फिर जब रिष्टा तूटता है जिसमानी
21:43तो तुमको ऐसा लगता है
21:44तुमारी भावनाओं पर चोट हुई है
21:46अरे बात भावनाओं की कभी थी ही नहीं
21:48क्यों गेर्थ में भावनाओं को इसमें बीच में ला रहे हो बात समझ में आ रही है
21:57पर सही राजते परो इसलिए कह रहा हूं क्योंकि
22:04सवाल पूछने के लिए भी यहां आई हो सामने
22:10और कुछ सरलता भोलापन भी होगा तुम में क्योंकि बात बहुत जाहिर है
22:19कि जब मेरे सामने कोई इस तरह की चीज़ें लेकर के आता है
22:23तो मैं उसकी पूरी बात को धुस्त कर देता हूँ
22:27यह जानते हुए भी तुम यह सवाल मेरे सामने लेकर के आई
22:32मैं इसको तुमारी सरलता और बहादुरी दोनों मानता हूँ
22:37एक अध्यात्मिक आदमी के सामने
22:42अपने आपको जाहिर करना आसान नहीं होता है
22:46बड़े बड़े लोग नहीं कर पाते
22:47वो मन में कुछ और रखे होते हैं
22:51मुझसे पूछते कुछ और हैं
22:52फिर मुझे दस मिनिट लगता है
22:54उनका सवाल उधेड़ उधेड़ करके
22:57उनकी असली समस्या तक पहुँचने में
23:00तुमने सीधे ही एकदम सहचता से अपनी बात सामने रख दी
23:03अच्छा लग चणे
23:04तो उमीद करता हूँ कि
23:08जिससे तुम्ही सवाल पूछ रही हो
23:12उसी की और बातों को स्तुनोगी समझोगी
23:16मैंने तुमसे कहा पढ़ो जीवन शिक्षा हासिल करो
23:19उसके बहुत तरीके हैं
23:21पर अब मेरे सामने ही आ गई हो
23:23तो जो तरीका मैं सुझा सकता हूँ सुझाता हूँ
23:26इस मुद्दे पर इस विशय पर
23:30मेरे जितने जिवन की गहराई में और पैठना चाहती हो
23:48तो फिर उची किताबों के पास जाओ
23:51डर मत वो तुम्हें उबा नहीं देंगी
23:55मेरे साथ अगर हो तो इतना तो पक्का है कि मैं तुम्हें बोर नहीं होने दूँगा
24:06कभी हसाऊंगा और कभी इतनी जोर से डाटूँगा कि डर तुम्हें भले लग जाए पर बोरियत तो नहीं लगेगी ये मेरा वादा है
24:15मेरे साथ जो लोग रहते हैं वो इस बात की गवाही दे देंगे
24:19मेरे साथ उन्हें तरह तरह की अनुभव होते हैं
24:23तरह तरह की मुझे लेकर उनमें भावनाएं उठती हैं
24:25कभी प्यार उठता है कभी नफरत उठती है
24:27कभी सम्मान उठता है कभी भै उठता है
24:31बोरियत तो कभी नहीं उठती होगी
24:33कभी मैं
24:37कॉमेडी में हूँ
24:37वो भी तुमें कभी बोर तो नहीं करती
24:40तो कभी हॉरर मुवी हूँ
24:42वहाँ भी बोर तो नहीं होने पाते
24:43जबरदस्त किसम कभ हो तू
24:45तो बोरियत नहीं होगी बेटा
24:48शास्त्रों के पास जाओ
24:51एक बार तुम्हें उनका रस लग गया
24:56तो फिर ये सब जुलुफ वालों को तुम देखोगी नहीं उनकी तरफ
25:00वो नर्पशु हैं जानवर हैं
25:02वस यही जुलुफें बना-बना करके
25:06और थोड़ा अपना शरीर ठीक ठाक करके
25:09गाड़ियां बाइके लेके घूम रहे हैं
25:12ये दो कोड़ी के हैसियत के नहीं है
25:15और चुँकि ये जो दो लिंग होते हैं लड़का और लड़की
25:21इन में मैं जरा पक्षपाती हूँ
25:25लड़कियों की थोड़ी ज़्यादा तरफदारी कर देता हूँ
25:32इसलिए मुझे ज्यादा अफसोस होता है जब मैं किसी लड़की को खासतोर पर तुम्हारी उम्र की
25:40देखता हूँ किसी बहुत ही जानवर जैसे लड़के की तरफ जाते हुए
25:44लड़का भी जा रहा हो किसी अयोग ये लड़की की और तो वो भी अफसोस की बात होती है
25:53लिए लड़की जब जाती है तो वो बात ज्यादा दुक्की होती है वजह सामने है न सप्रमान
26:00देखो वो तुम्हें छोड़के चला गया रो तो तुम रही हो न तो इसलिए मैं लड़कीयों की तरफ थोड़ा पक्षपात कर देता हूँ
26:11लड़कों के हाथ का खिलोना बन जाना है वो तुम्हारा इस्तिमाल कर लेंगे चाही की तरह तुम्हें सुड़क लेंगे
26:20और फिर अपना साल भर में तुम्हें छोड़कर के आगे बढ़ जाएंगे
26:23ये थोड़ी करना अपनी जिंदगी के साथ
26:28जिंदगी में करने के लिए बहुत उंचे-उंचे काम है और उनमें जो आनन नहित है वो ये सब दो कोड़ी आशेकी में नहीं है
26:39आशेकी करनी है तो सच्ची वाली करना वो चीज दूसरी होती है क्या होती है सच्ची आशेकी वीडियो देखो

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