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  • 7/9/2025

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00:00धीरे धीरे अब ये बिलकुल एक काल की लहर है जो रोकी नहीं जा सकती कि धर्म मात्र विलुप्त हो जाएगा
00:06बाकी जो कुछ आप धर्म के नाम पर चलता देख रहे हो न ये बस अब दो-चार दशकों का महमान है ये अपने आप मिट जाना है
00:13नई पीड़ी ने इस पुराने धर्म को मानने से पूरी तरह इंकार कर दिया है
00:17पिछले 20 साल में उसने भारत में धर्म के नाम पर जितनी बेहूदगी और गंदगी देखी है
00:37तो उसको लगता है कि यही तो है धर्म
00:39धर्म का मतलब ही हो गया है विश्वास
00:41और नई पीड़ी विश्वास करने से इंकार करती हूँ
00:43कहते ही हम नहीं मानते विश्वास
00:45हमें नहीं चलना माननेता पर
00:46धर्म तो मुक्तिका वाहक होता है
00:49तुमने क्या बना दिया यह धर्म को
00:50और कर लो तुम्हें जितना उपद्रो करना है
00:52काल स्वय में ही तुम्हारे नकली धर्म को खाये जा रहा है तुम नहीं बचा सकते इस नई पीड़ी को और इस नई के बाद की जो पीड़ी है जितना तुम कोशिश करोगे उसको पुराने तरीकों से पकड़ने की वो तुमसे उतना दूर छिटकेंगे तुम उन्हें जितना
01:22जिससे जब भी बात होती है तो रिलेजन का टॉपिक हमेशे निकल के आता है और जैसे ही रिलेजन का टॉपिक आता है धर्म का टॉपिक आता है तो छिटक जाता है वो कहता है कि इसमें कट्टरता है ऑप्रेशन है कास्टिजम हिंसा सब वार हो रही है रिलेजन के नाम पर
01:52कि वो prevent को विल्कुल भी एक्षेप्ट नहीं करना चाहता तो ऐसे में मुझे समझने आथ
01:59कि मुझे उन से क्या बोलनाच उमने अभी जो सवाल में बोला यही बात उनसे बोलनी चाहिए ना अपने जो
02:06बोला वो आप बोल रहे हो जैन जी वो नहीं बोलता आप कह रहे हो कि उन लोगों ने रिलीजन का डिस्टॉर्टेड रूप देख लिया है इसलिए वो रिलीजन से भाग रहे हैं
02:16वो ये थोड़ी मान रहे हैं कि उन्होंने religion का distorted रूप देखा है
02:21वो तो कह रहे हैं religion का यही असली रूप है
02:24अगर मुझे कोई चीज मिले
02:27और वो बुरी दिखती हो
02:31लेकिन साथ ही मुझे ये भी पता हो कि मुझे जो उसका रूप देख रहा है
02:36वो विक्रत है माने distorted है
02:37तो क्या मैं उस चीज से भागूँगा
02:39मैं कहूँगा ये चीज ऐसी नहीं है
02:42मुझे अभी जो रूप देख रहा है
02:44किसी वज़े से वो distorted है
02:46बिगड़ा हुआ है टूटा हुआ है विक्रत है
02:49तो मैं नहीं भागूँगा है भागूँगा
02:51भागूँगा क्या
02:53भागूँगा
02:56सड़ी हुई मैगी तुम्हारे सामने आ जाए
02:59तो क्या तुम मैगी से ही भाग जाते हो
03:03जैंजी की बात हो रही है इसलिए
03:07मैंसे बहुत सारे हैं जो
03:09हफते में पांच दिन मैगी पर ही पलते हैं
03:16मैगी सड़ गई
03:17तो क्या आगले दिन से मैगी नहीं खाते
03:19बुलते हो सड़ी मैगी नहीं चाहिए
03:22असली मैगी चाहिए
03:25यही बुलते हो न
03:26यह थोड़ी कहते हो कि मैगी ही नहीं चाहिए
03:29सड़ी मैगी देदी किसी ने
03:33तो क्या बुलते हो कि मैगी ही नहीं चाहिए
03:35कहते हो सड़ी नहीं चाहिए
03:37फटी शर्ट किसी ने देदी तो क्या कहते हो कि आज से शर्टी नहीं पहनूँगा
03:41कहते हो फटी शर्ट नहीं चाहिए बढ़ियां शर्ट चाहिए
03:44लेकिन जब बात धर्म की आती है
03:51तो इन बेचारों को पता ही नहीं है कि इनको जो धर्म दिया जा रहा है वो सड़ी मैगी और फटी शर्ट है
03:58इनको लगता है कि ये जो इनको धर्म दिया जा रहा है जो कि फत्मुच सड़ा और फटा हुआ है
04:04इनको लगता है धर्म होता ही ऐसा है
04:07इनको लगता है यही धर्म है तो फिर है क्या देते हैं कि हमें धर्मी नहीं चाहिए
04:14कारण सीधा है, बिना फटी शर्ट इन्होंने देखी है
04:21और बिना सड़ी मैगी भी इन्होंने चक्खी है
04:24इनको उसका अनुभाव रहा है
04:27है ना ?
04:30तो जब सड़ी मैगी आती है
04:31तो इनको पता है यह असली čीज नहीं है
04:32असली चीज दूसरी है
04:33वो दूसरी चीज असली आ हो रहะ हमने उसको पहले
04:36अनभव करा हुआ है
04:37फटी शर्ट आती है तो कहते हैं यह फटी शर्ट है
04:41पर बढ़िया शर्ट भी हो सकती है बढ़िया शर्ट हमने पहनी है पहले
04:44तो ये मैगी मात्र को ये शर्ट मात्र को नहीं त्याग देते हैं फिर
04:49फिर ये कहते हैं कि मैगी ठीक वाली लाओ शर्ट ठीक वाली लाओ
04:53पर जब धर्म इनको परोसा जाता है तो यह नहीं कहतें कि धर्म ठीक वाला लाओ यह कहते हैं धर्म ही गड़ बड़ चीज़े इसमें कुछ इस्थितियों का खेल है और कुछ इनका निकम्मापन जिंजी का
05:08इस्थितियों का खेल ये है
05:11कि धर्म इतना बरबाद कर दिया गया
05:14कि चारो तरफ बस जो धर्म का
05:23गिरे से गिरा, सड़े से सड़ा
05:25फटे से फटा रूप हो सकता है
05:27इस बिचारी जनरेशन ने वही देखा है
05:30जन्जी माने जो अधिक सधिक आज कितने साल का है
05:38कितने साल का हूज? कहां से होती है जन्जी शुरू
05:40कि шткив
05:58अभ जो 28 साल का होता है
06:00उसको समझने बुजने की
06:02शक्ती मानलो
06:0418 साल में आती या एक आम बच्चे को
06:0728 का है अधिक से दिखो तुम आने 8 साल में सभजना पूछने शुरूर किया
06:12पिछले 20 साल में 28-8 20 साल
06:15पिछले 20 साल में उसने भारत में धर्म के नाम पर जितनी बेहूदगी और गंदगी देखी है
06:20तो उसको लगता है कि यही तो है धर्म
06:22अब मुझे यह चाहिए नहीं हो किसी को भी नहीं चाहिए होगा
06:25धर्म का जो रूप हमें अभी देखने को मिला है
06:29भारत में पूरी दुनिया में
06:34अभी यह जो लडाई चल रही है
06:36इरान इसराइल यह सब क्या है यह क्या धर्म से संबंधित नहीं है
06:41तो माफ करा जा सकता है
06:47कि इन बिचारों को कभी धर्म का कोई साफ रूप देखने को यह नहीं मिला
06:53इनको तो धर्म के नाम पर सबसे गंदी, सबसे मलिन, सबसे जो जलील चीजें हो सकती हैं
07:05वही देखने को मिली है
07:06इन्होंने अच्छे अच्छे लोगों को
07:11धार्मिक बनकर बरबाद होते देखा है
07:14अच्छा खाता आदमी
07:17और वो तथाकथित धर्म यानि लोकधर्म की चपेट में आ गया
07:22उन्होंने देखा है कि वो अब जुठा भी बन गया
07:24खुल के जूट बोलता है, हिंसक भी बन गया
07:27इरश्यालू भी बन गया
07:29और डरपोग भी बन गया
07:33सुब कुछ एक साथ हो गया वो
07:35और जब तक वो बलकि कुछ कम धार्मिक था
07:39तब तक वो ठीक ठाक था
07:40फर धार्मिक बनते ही
07:44इन्होंने लोगों को बरबाद होते देखा है
07:46और इन्होंने देखा है कि
07:47लोगों को धार्मिक बनाने के लिए
07:49किस किस तरीके की चालाकियां करी जाती है
07:52तो उन्होंने जहां देखा है
07:55नकली धर्मी देखा है
07:57मैं कहा रहा हूँ इनकी माफी है
08:00पर पूरी माफी नहीं है
08:02योगि बाहर तुमें
08:04स्थितियां कुछ भी दिखा रही हो
08:05तुम जवान आदमी हो
08:07जनरेशन जी या जेट
08:11अपने आपको बोलते हो
08:12तुमारे भी तरे घलकता हुआ दिल तो है न
08:16जवान हो यार
08:19तुमें जन्दगी में उचाईयां नहीं चाहिए गया
08:24जूट से संतुष्ट हो तुम
08:30सच जैसी कोई चीज होती है
08:33उसके लिए तरबते हैं नहीं तुम
08:37डिजायर्स काम नाएं तो तुम जानते ही हो
08:44प्रेम नहीं जानते हैं तुम
08:57इश्क के बिना ही जवान हो गए
08:59तो बाहर तुमको कितनी भी गंदगी परोसी गई हो
09:05धर्म के कितने भी विक्रत संस्क्रण दिखाये गए हो
09:08तब भी तुमसे ये सवाल तो पूछा जाएगा ना बाहर वालों ने जो दिखाया तो दिखाया
09:16तुम्हारे भीतर सच्चाई जानने की कोई तड़क खुद नहीं थी क्या
09:25दुनिया जो दिखा रही तो दिखा रही है तुम्हारे भी तो एक अंतस है ना तुम भी तो एक सजग चेतना हो तुमने खुद क्यों नहीं कुछ जानने की कोशिश करी
09:37जर्म का तुम्हें एक रूप दिखाया गया तुमने क्यों सुईकार कर लिया वह रूप तुमने गहरी जाच पड़तार क्यों नहीं करी तुमने सवाल क्यों नहीं पूछे बोलो और सवाल पूछे जा सकते हैं
09:52हम आएटी में थे वहीं पगल में जी आसरा है यहीं जिस समय जो पैदा होते हैं और जन्जी कहलाते हैं उसी समय के आसपास की घटना है यह चला था कि कहा गया था कि गड़ेश जी की मूर्तियां दूध पी रही है
10:12तूध पी रही है तो वहीं सटी हुई है जी आसराय तो वहां भी एक छोटा सा गणेश मंदिर था लोग जाया करते थे तो वहां भी सुबह सुबह शोर मचा की यह सब चल रहा है
10:33तो हम लोग भी देखने गए और वहां देख रहे हैं और यह देखाई दे रहा है कि क्या हो रहा है तो हम जितने भी स्कूर्ण से देखने गए थे सब ने एक दूसरे की और देखा और बोले कैपिलरी मोशन
10:47क्या
10:49कैपिलरी मोशन
10:5157 मिनट देखा
10:53वापस आ गए 57 मिनट में भी
10:56वो जो फिजिकल फिनॉमेना चल रहा था
10:59कि लोग आ रहे थे और ऐसे वहाँ पर
11:01दूध दिखा रहे थे
11:03और वो जो दूध था वो
11:05उसका जो स्तर था वो थोड़ा सा कम हो जा रहा था
11:08वो तो एक मिनट ही देखा जो कि उसको देखते ही समझ गई यह क्या हो रहा है
11:12बाकी पांच-दस मिनट बस लोगों की शकलें देखी
11:16लोगों के हाव भाव लोगों के तरीके लोगों की धारणाएं लोगों का अंधविश्वास
11:21वापस आ गए
11:22कोई जरूरी थोड़ी है कि दुनिया जो चीज मान रही है वो तुम भी मानो
11:26दुनिया ने तुम्हे धर्म
11:29का एक
11:32बिगड़ा हुआ रूप दिखाया
11:34तुमने माना क्यों
11:37तुम्हें क्यों लगा कि धर्म तो सचमुच गए गुजरों और पिछड़ों की चीज होती है तुमने ऐसा क्यों मान लिया
11:42तुम्हारी अपनी चेतना कहां गई
11:47बोलो
11:53और भारत में तो साक्षर्ता बढ़ती ही जा रही है पढ़े लिखे लोग हो तुम लोग
12:03और इंटरनेट की दुनिया के बाशिन्दे हो तुम तो
12:08असली धार्मिक गरंथ तुम खुद क्यों नहीं पढ़ पाए कभी
12:16तुम जो प्रचलित माननेताएं हैं उनको ही धर्म मानकर क्यों बैठे रह गए
12:22क्यों गीता खुद नहीं पढ़ ली
12:25क्यों नहीं पढ़ ली और तुम्हें जो आमतोर पर श्लोकों के अनुवाद और भाश्य चलते हैं
12:34उनको भी मानने की कोई ज़रूरत नहीं क्योंकि तुम लोग तो अपने आपको एक
12:38इन्क्विजिटिव जनरेशन बोलते हो जो आसानी से किसी की बात मानती नहीं तो फिर जो तुम्हें धर्म की परिभाशा बताई गई वो भी तुमने क्यों मान ली
12:46टेश्व लोग तुमने खुद तो कभी पढ़े ही नहीं और अगर कभी पढ़े भी तो उन श्लोकों के
12:52जो अर्थव वहां लिखे वह तो तुमने क्यों मान लिए तुमने खुद क्यों नहीं कहा कि संस्कृत ही तो है
12:56संस्कृत ही तो है
12:58एक एक शब्द लेके उसका अर्थ करके
13:03समझ लेंगे कि क्या आप कहा जा रहा है
13:04खुद क्यों नहीं श्लोगों के अर्थ करके समझे
13:06कोई माफी है इस बात की
13:11और वही अर्थ जब तुमने समझे
13:17तो तुमको एक जबरदस्त रौश्णी दिखाई दी की नहीं
13:21दसियों हजार
13:27हमारे गीता कारेकरम में
13:31इसी जेनरेशन
13:34के लड़के लड़कियां योग क्योवतियां है
13:39यो अठाइस साल से नीचे के हैं
13:47200-400 हजार
13:48कौन कहता है कि
13:51धर्म पहली बात बुड़ों के लिए है
13:54और दूसरी बात
13:54कि धर्म सिर्फ पाखंडियों के लिए है
13:58कौन कहता है
13:58अब हम जो
14:02गीता कर्थ आपके सामने ला रहे हैं
14:04वो क्यूँ आपको अच्छा लगने लग गया
14:09बलकि अब तो
14:15ये बात खूब फैल रही है कि जवान लोग ही ज्यादा आते हैं गीता पढ़ने के लिए
14:21ये दो विरोधावासी बाते कैसी की एक और तो जैन्जी वो
14:30जो धर्म से छिटक कर दूर भागती है और दूसरी और
14:34अब आगम गीता का अरेकर हम चल रहा है हम गीता पढ़ रहे है।
14:56ये विरोधावास कैसे कि ये और तो आपने
14:59ये माहौल बना रखा है कि अरे जवान आदमी है इसका
15:04religion से क्या लेना देना ये तो अपना materialism में पढ़ा रहता है
15:08और religion से तो बिलकुल ये कन्नी काटता है दूसरी और हम जब पढ़ा रहे हैं
15:12तो दो चार दर्जन नहीं, दो चार सौ नहीं, दो चार हजार नहीं
15:18पचासों हजार यहां पर जवान लोग ही बैठे उए हैं और वो धर्म ही पढ़ा रहे हैं
15:34और तरदीप्त हो रहे हैं और ये बाहर निकल करके कल पूरे भारत को और पूरे संसार को रोशन करेंगे
15:40ये कैसे हो गया बोलो न
15:43निकम्मापन मैंने कहा था आलस कि धर्म मनेवजवई जो घर में दादी को करते देखा और महले में बावाजी को करते देखा आलस
15:56खुद क्यों नहीं inquiry करी
15:58खुद क्यों नहीं किताबें पढ़ी
16:01और इंटरनेट के युग में भी अगर तुम
16:05कहो कि मुझे धार्मिक साहित्य उपलब्ध नहीं था
16:07तो जूट बोल रहे न तुम
16:08जूट बोल रहे न
16:09और धार्मिक साहित्य
16:13कोई विश्वास करने की चीज नहीं होती है
16:16धर्म का आधार धर्शन होता है
16:19रॉक सॉलिड फिलोसफी
16:21फिलोसफी पढ़े बिना तुम
16:27सचमुच एक पूरे इंसान
16:31एक तगड़े जवान बन कैसे जाओगे
16:34और दर्शन उपलब्ध है
16:38फिलोसफी उपलब्ध है
16:43मैं जानता हूँ
16:48कि जिस चीज को
16:51बचपन से ही बड़े सड़े हुए रूप में दिखाया गया हो
16:56उसको पढ़ने की तबियत ही नहीं करती
16:59घेन सी आने लग जाती है
17:02और बहुत सारे युवाएं वो आकर कहते हैं
17:05धर्म के नाम से हमें घेन आती है
17:06हमने इतनी इतनी बत्तमीजियां देखी हैं धर्म के नाम पर
17:12कि हमें धर्म के नाम से ही नफरत हो गई है
17:14आपको मालू में दुनिया भर में जो लोग अब अपने आपको
17:19अथिस्टी आइगनॉस्टिक बोलते हैं उनकी संख्या बढ़ती जा रही है
17:23बढ़ती जा रही है
17:25ब्रिटेन की हबादी में वो सबसे बड़े हो गए है
17:32इसाईयों से ज्यादा वहाँ पर वो हैं जो अपने आपको कहते हैं
17:38कि हम एथिस्टी आइगनॉस्टिक हैं इसाईयों से ज्यादा है
17:41और यही हाल जपैन का भी है यही हाल वेस्टन यूरोप के बाकी देशों का भी है
17:51क्यों बढ़ती जा रही है क्योंकि धर्म का मतलब ही हो गया है धारणा धर्म का मतलब ही हो गया है विश्वास
18:01और नई पीड़ी विश्वास करने से इंकार करती हूँ, कहते ही ए हम नहीं मानते हैं विश्वास, हमें नहीं चलना मानने दापर
18:13हम नहीं मानते हैं यह सब, कोई ठोस चीज हो तो दिखाओ
18:16समझा सकते हो तो समझाओ
18:19तो आख बूंद करके मान लो तो आख मूंद करके मानने आ ले नहीं इसलिए अब पूरी दुनिया में इसको कह रहे हैं यह जो यह जो पूरा योग आ रहा है इसको कह रहा है पोस्ट टृथ पोस्ट रिलिजन एज
18:31धीरे धीरे अब यह बिलको ले काल की लहर है जो रोकी नहीं जा सकते कि धर्म मात्र विलुप्त हो जाएगा
18:42क्यों विलुप्थ हो जाएगा कोई धर्म का मतलब ही बन गया है धारणा और अंध विश्वास जब तक धर्म का अर्थ रहेगा धारणा और अंध विश्वास धर्म समाप्त हो कर रहेगा
18:51कौन सा धर्म बचा रहेगा वो धर्म बचा रहेगा جो आपके गीता समागम में
18:59आपको मिल रहा है धर्म को बचाने का काम हम कर रहे हैं बाकी जो कुछ आप
19:06धर्म के नाम पर चलता देख रहे हो न यह बस अब दो चार दशकों का महमान है यह अपने
19:11नए पीड़ी ने इस पुराने धर्म को मानने से पूरी तरह इंकार कर दिया है
19:17पर हाँ वास्तविक धर्म बचा रहेगा क्योंकि वो तो मनुश्य के अंतसकी पुकार है उसको कौन मिटा सकता है
19:26वास्तविक धर्म बचा रहेगा
19:27हम जो काम कर रहे हैं
19:30इसलिए वो फ्यूचरिस्टिक है
19:32ये वो धर्म है जो बचा रहेगा
19:34और यही वो धर्म है
19:39एक मात्र
19:41जेन जी
19:43और उसके बाद की भी जो जनरेशन आ रही है अल्फा बीटा
19:47यही वो एक मात्र धर्म है
19:50जिसका वो पालन कर पाएंगे
19:52देखो
19:53AI के युग में
19:55fantasies नहीं चलने वाली
19:58फिजूल कहानिया नहीं चलने वाली
20:01जिसको आपने आज तक
20:06लोकधर्म के रूप में जाना है न
20:08विज्ञान और विशेशकर AI
20:12इसको पूरी तरह समाप्त कर रहे हैं
20:14और बहुत तेजी से समाप्त कर रहे हैं
20:16और यह अच्छा है कि समाप्त हो जाए
20:18यह फिजूल धर्म जब मिटेगा
20:20तभी तो वास्तविक धर्म उठगा न
20:22बुद्ध के समय में भी बहुत सारी नलाइकियां आ गई थी
20:29तो उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि
20:34धर्म मात्र को समाप्त होना चाहिए उन्होंने का वास्तविक धर्म बहुत जरूरी है धर्म के बिना इंसान जी नहीं सकता उन्होंने का जो वास्तविक धर्म है वो बता रहा हूं एस धम्मो सनंतन उन्होंने का यह सनातन धर्म है
20:46वास्तविक धर्म को कौन मिटा सकता है
20:54जो नखली है लेकिन उसे कोई बचा भी नहीं सकता
20:58आज आप जो धर्म के क्षेत्र में और ज्यादा गिरावट देख रहे हो न
21:08वो बस बुझते हुए दिये की आखरी फड़़़ा हाट है
21:16इनको दिखाई दे रहा है कि नौजवान पीड़ी इनकी छद्म धार्मिक्ता के हाथ से निकल गई फिसल गई
21:24तो प्रतिक्रिया अवश ये लोग धर्म को और ज्यादा धर्म मने नकली धर्म
21:35उसको और ज्यादा आक्रामक हो करके प्रमोट कर रहे हैं
21:41एकदम हर तरीके से उसमें रुपया पैसा लगा रहे हैं पूरी ताकत जोक रहे हैं
21:47नए नए बाबाओं को ला रहे हैं वो समझो क्या है मैक्रो परस्पेक्टिव क्या है वो समझो
21:51मैक्रो बात ये है कि नई पीड़ी हाथ से निकल रहे हैं ये खासकर लड़किया हाथ से निकल रहे हैं
21:57तो फिर पुरानी माननेताओं को किसी तरह बचाने के लिए एक रियाक्शन के तौर पर
22:06बाबा जी खड़े करे आ रहे हैं जो कि बार बार यहीं बोल रहे हैं कि नई नई नई नई पुराने संसकारों पर चलो पुराने संसकारों पर चलो
22:13ये वास्तविक धर्म तो सामने लाना ही नहीं चाहता है, इनसे पूछो उपनिशद कुछ नहीं बोलेंगे, इनसे पूछो दर्शन, फिलोसिफी, एपिस्टेमोलोजी, ये कुछ नहीं बोलेंगे
22:23इनके लिए धर्म का मतलब है कि देखो तमीज से रो, संस्कार से रो, इसके पाँच हुओ, उसकी बात मानो, पती के तेल लगाया करो, ये है धर्म, इस धर्म को कौन सी आजगी लड़की मानेगी, और क्यों माने,
22:48धर्म तो मुक्तिका वाहक होता है, तुमने क्या बना दिया ये धर्म को, और कर लो तुम्हें इतना उपद्रो करना है, काल स्वय में ही तुम्हारे नकली धर्म को खाये जा रहा है, तुम नहीं बचा सकते,
23:05और ये तुम भी जानते हो, खाये जा रहा है, इसी लिए तुम रियाक्शन करके, और जोर से उसे बचाने का प्रयास कर रहे हो वही न, जो भी कहा,
23:19ये बुझने से पहले कि फड़ फड़ा हाट है ये,
23:26अट मोस्ट यू विल डिले दा इनेविटेबल,
23:31ये न अट स्टॉप इट,
23:37तथ्य सत्य का दुआर होते हैं, और तथ्य उतनी आसानी से,
23:44और उतने एकिक्रत रूप में,
23:49इंटिग्रेटेड, यूनिफाइड रूप में,
23:51और अर्थपूर्ण रूप में, मीनिंग्फुल रूप में,
23:55कभी उपलब्द नहीं थे, जितने आज AI यूग में हैं,
24:01जेन Z को तो बस Google ही मिला था,
24:04जो अगली जेनरेशन है, उसको तो चैड जीपिटी, जेमिनी, को पाइलट, ग्रॉक,
24:14कैसे रोक लोगे तुम उनको,
24:28एक के बाद एक, डीप सीख, चीनियों का,
24:33मिटा अपना लामा लेके खड़ा हो गया है,
24:37और ये आपस में जितनी प्रतिदंदिता करेंगे,
24:40उतना ये और ज्यादा इन्फर्मेशन को माने तक्थियों को अर्थपूर्ण रूप से आप तक पहुँचाएंगे,
24:51क्लॉड, एंथ्रोपिक,
25:00और तुम कह रहे हो कि नहीं,
25:04जो वो पुरानी माननेता है, उसको मानो, वो माननेता को डालेंगे,
25:06क्या चल रहा था, क्या नहीं चल रहा था, क्या हुआ, कैसे,
25:09वो सारी बात निकल के आ जाएगी,
25:11एक एक बात निकल के सामने आई जा रही है,
25:17तुम कहोगे कि ये फलानी परंपरा तो उपर आले ने बनाई है,
25:24उनको सब उप लपत हो जागे, बस ये डालेंगे,
25:25कि ये जो रिचूल है, ट्रेडिशन ही कैसे शुरू हुई,
25:29तुम्हारा सारा भेद खुल जाएगा, एक दम पोल खुल जाएगी,
25:32बताओ तुम कैसे उनको अपनी छटम धर्म में बांध कर रखोगे,
25:36बताओ, इसलिए तुम बार बार बोला करते हो,
25:39जो अब बात होती है न,
25:42लोक धर्म को बचाने की, जो बाबा लोग निकल के आते हो,
25:45बोलते हैं, लड़कियों के हाथ में मुबाइल मत पढ़ने देना,
25:50वजह समझो,
25:53उनके हाथ में मुबाइल पढ़ गया तो,
25:57पोल खुल जाएगी,
25:58वो कहते हैं कि मुबाइल आ जाता है,
26:01तो लड़कों से बात करना शुरू कर देती है,
26:03वो भी होता है,
26:04पर जो ज़्यादा उनके लिए ख़तरे की बात यह है,
26:06कि वो गूगल करना शुरू कर देती है,
26:19हम अम जिस युग में चल रहे हैं,
26:21इसको पोस्ट रिलिजन एज कहा जा रहा है,
26:24रिलिजन इतिहास की चीज हो गया,
26:25वो बीट गया,
26:30और आपकी संस्था,
26:32मेरे माध्यम से आप तक जो ले के आ रही है,
26:36वो एकदम नया धर्म है,
26:39क्योंकि वो सबसे पुराना धर्म है,
26:46एपसलूटली फ्रेश,
26:48बिकाउज टाइमलेस,
26:56ये जो मनुष्य की कलपना का धर्म था,
26:58इधर उधर की माननेता, परंपरा, किस्सा, कहानी वाला,
27:01ये बीट गया,
27:08पूरी दुनिया में इसकी विदाई हो रही है,
27:10भारत ने अभी इसकी विदाई को तुम कब तक टाल लोगे,
27:16हाँ,
27:16विदान्त नहीं बीतेगा, उकनिशद नहीं बीतेंगे,
27:22संतों की वाणी में अगर अम्रित है, वास्तविक संत,
27:24ये जो आजकल भूम रहे हैं, ये नहीं संत हैं,
27:28तो वो अम्रित कभी पुराना नहीं हो जाता,
27:31क्यों? क्योंकि मनुष्य के जीवन की,
27:34मनुष्य के अंतस की जो केंद्री इस्थिते और समस्याएं हैं वो तो हजार साल पहले जो थी आज भी वही हैं और आगे भी वही रहेंगे तो इसलिए वास्तविक धर्म कभी पुराना नहीं होता
27:47वास्तविक जीवन दर्शन भी कभी पुराना नहीं होता, लेकिन जो भी चीजें काल सापेक्ष हैं, मतलब टाइम डिपेंडेंट हैं, एरा डिपेंडेंट हैं, वो चीजें तो जल्दी से इतिहास बन जाती हैं,
28:00दुनिया जिस चीज को धर्म के नाम पर चला रही है न, उस चीज की जगह म्यूजियम में है, मंदिर मस्ज़िद में नहीं है,
28:18पूरी दुनिया में जो चीज चल रही है धर्म के नाम पर, उसको भेजो, म्यूजियम में, पुरातत्तों वालों के पास, और अजायब घरों में,
28:38पुराने संग्रायलों में कि ये देखो, ये पहले ऐसे चला करता था, उस चीज को दुबारा लाने की कोशिश मत करो,
28:48और दुबारा लाने की जरूरत भी नहीं है, क्योंकि तुम्हारे पास पहले से ही, जो टाइमलेस, काला तीत, अकाल बात है, वो मौजूद है,
29:08हाँ, तुम्हें उस बात को नई जवान में नई लोगों तक पहुचाना होगा, तुम्हें उस पुरानी बात को आज की नई चुनोतियों से जोड़ कर बताना होगा,
29:22तुम्हें बताना होगा कि आज की चुनोति है, क्लाइमेट क्राइसिस, क्या कहते हैं उपनिशद, क्राइसिस का समधान हो सके, उस काला तीत सत्य को तुम्हें वर्तमान चुनोतियों से जोड़ कर प्रस्तुत करना होगा, नए सत्य का आविशकार करने की कोई जरूरत नही
29:52ट्रंसेंडेंटल, उसमें पुल बनाना पड़ता है, वो आज के शिक्षक का काम होना चाहिए, आज की समस्या क्या है उदाहरण के लिए, मेंटल एपिडेमिक, मेंटल हेल्थ, कैसे दर्शन की बात को मेंटल हेल्थ के लिए, सामने लाया जाए
30:17आज की और क्या समस्या है, बायो डाइवर्सिटी लॉस, प्रक्रति चीज क्या है और जी उसे प्रक्रति का रिष्टा क्या है, कैसे इसको आज की पीड़ी को समझाया जाए
30:32वास्तवे केंदरिये ग्रंथों का इस्तेमाल करके, ये आज के शिक्षक का उद्देश्य होना चाहिए
30:41लोनलिनस से आज हम मरे जा रहे हैं, क्योंकि पहले तो ज़्यादा तर कबील आई
30:50और क्रिशी संबंधी कारणों से संयुक्त परिवार चलता था, उसके भी कारण जो थे वो आर्थिक थे ज़्यादा
31:00अब आज चूकि अर्थवस्था पदल गई है तो संयुक्त परिवार की उतनी कोई ज़रूरत नहीं रह गई है
31:08तो पहले छोटे हुए परिवार और उनके बाद समाज और एक गती लेके आगे बढ़ा है तो
31:18ऐसा भी होता है कि एक जोड़ा बना है और जोड़े में भी दो लोग है वो अकेले अकेले अलग अलग रहते हैं
31:26भारत के भीतर कई भारत हैं
31:29भारत में ही एक बहुत बड़ा वर्ग जो आपको पता भी नहीं चलेगा पर वो
31:38आप आओगे मेट्रोज में हैं और जादा तर वो बहुत पढ़े लिखे लोग हैं और उंचा कमाने अले लोग हैं वो बिलकुल एक अलग तरीके से सिंदगी जी रहे हैं
31:48मैं उसकी प्रशंसा नहीं कर रहा है बस बता रहा हूँ कि भारत में भी कई भारत हैं तो अब एक नई विकराल समस्या निकल के आती है लोनलिनेस अकेलापन
32:10वास्तविक धर्म वो है जो आपके इस अकेलेपन की समस्या का समधान कर दे और मैं बिलकुल कह रहा हूँ
32:17कि वास्तविक धर्म के पास अकेले पन की समस्य का समधान है
32:24और सिर्फ धर्म ही इस अकेले पन की समस्य का समधान कर सकता है
32:34और इसलिए मैं कह रहा हूँ कि जन जी को भी धर्म के पास आना पड़ेगा पर असली धर्म के पास
32:39और जितना तुम कोशिश करोगे इस नई पीड़ी को और इस नई के बाद की भी जो पीड़ी है जितना तुम कोशिश करोगे उसको पुराने तरीकों से पकड़ने की वो तुमसे उतना दूर छिटकेंगे तुम उन्हें जितना ज्यादा ये बाबाजी दिखाओगे और पु
33:09आज की असली समस्याओं का समाधान करो, असली धर्म, असली समस्या, तुम्हारे पास जवान पीढ़ी दोड़ते हुए आएगी, हाँ तुम उनसे ये कहोगे, कि देखो फलाना काम कर लो, नहीं तो पाप लगेगा, तो तुम्हारी नहीं सुनेंगे, वो तुमसे कहेंगे, आ
33:39मैं अच्छे से पता है, ये hell और heaven जो तुम बताते आए हो, इस समनी सुनना हमको, पर दसियों, हजारों, नौजवानों का मास, हमारे पास आकर के छूटा है, तुम्हारे पास नहीं छूटेगा, क्योंकि तुम पहली बात तो कहते हो, कि मास इसलिए मत खाओ, कि नर्क मिलत
34:09दूध, खीर और मास, ये विलकोल एक साथ चलते हैं, क्योंकि तथ्यव उसके सामने है, भई, information age है, पहले चल जाता था कि लोगों को लगता था कि दूध पीना एक बात है, मास खाना एक बात है, आज तो सारी सूचनाएं सामने हैं, डेटा भी सामने हैं, टेबल सामने हैं
34:39तो फिर मास बिखता है न, आपके दूधगी के लिए उनको पशुओं को जबरदस्ती पैदा किया जाता है, और जबरदस्ती उनको पैदा करके कृत्रम गरभाधान से फिर उनका मास काटा जाता है, और ये दोनों इंडस्ट्री बिलकोल एक साथ चलती है, एक दूसरे पर
35:09का हो, कि बनियों के घर का हो, जड़का चिकन खाएगा ही खाएगा KFC में जाके, पर हमारे पास आ जाता है तो उसका छूट जाता है, तो उसका इसलिए छूटता है क्योंकि उसका हम वास्तविक धर्म से परिचय कराते हैं, और हम कोई आदेश नहीं लागू करते कि छोड�
35:39जिसको बास समझ में आ गई, फिर उसे किसी आदेश की निर्देश की जरूरत नहीं पड़ती, वो खुद ही करता है, और जिसको नहीं समझ में आई, तुम कब तक उसको मान्यताओं और वर्जनाओं के दबाओं में रखकर एक जूटे और सतही अनुशासन से चला लोगे,
36:09जल रहा है, उसमें जवान लोगों के लिए कोई जगई नहीं है, भाई, वो बहुत पुरानी सड़ी गली चीज है, बिलकुल मरने को तयार, जवान आदमी करे भी तो उसमें क्या करे,
36:32वो कहता है, बट इस और बहुत अजीव लगता है, यह सब क्या कर रहे हैं,
36:39आप ले जाओ, आज किसी पढ़े लिखे, और अगर आप जवानों में भी पाते होनों कि कुछ जवान लोग अभी भी वो पुराने तरीके के धर्म की और जा रहे हैं, तो ज़्यादा तर वो होते हैं, जो छोटे गाओं कस्बे के कम पढ़े लिखे विरोजगार युवक ह
37:09पर धीरे धीरे शिक्षा तो बढ़ेगी, और धीरे धीरे वो जो गाओं में हैं, वो शहर में आएगा, और जैसे ऐसे वो शहर में आता जाएगा, वैसे वो पुराने धर्म की गिरफ्ट से छूटता जाएगा,
37:39असली धर्म की चाहत हर इंसान को है, असली धर्म लोगों तक लेकर आओ, यह जूट मूट का नहीं, फरेब बाजी नहीं,
37:59कोई बता रहा है कि यह है ऐसी हमारी खास माला, और इस माला से यह पता चल जाता है कि खाना बासी तो नहीं है,
38:09अरे भाई उसने साइन्स पढ़ी है आज के लड़के ने, और लड़की ने, तुम यह सब नो टंकी करोगे कि मेरी इस खास माला से पता चल जाता है कि खाना बासी तो नहीं है,
38:19तो तुमको तुम्हारी माला दोनों को उठा के बाहर फेक देते हैं, और उन्होंने यह करा भी है, अपने मन से उन्होंने तुमको और तुम्हारी माला दोनों को उठा के बाहर फेक दिया है,
38:27फिक दिया है क्योंकि तुम लोग धर्म के नाम पर धबा उ तुम्हें बार फेक ही जाना चाहिए
38:33है
38:37मैं
38:43उर्टोम ही जवान लड़के लड़कियों से बात नहीं कर सकते ग्रियान का विरोध करकेश कुर् ‫
38:53कि उम्हारा जो पुराना नकली धर्म है जर्जर
38:56वो विज्ञान के प्रति विरोध रखता है उपेक्षा रखता है अनादर रखता है बताओ कैसे चलेगा वो
39:04वो सिर्फ मनगणंत किस्से कहानियों पर टिका हुआ है जिनकी आज की युग में कोई जगह नहीं है
39:14कि जो बुद्धी जीवे और मुझसे मिला करते हो कहते हैं कि आप जो काम कर रहे हैं रुजन का इन पोस्त रिलीजङ औज
39:27मैं कहता हूं इग्जैक्ली फी खीक भी खता थे कि और पिसित्व ड्लिखा प्र्स
39:31रिलीजन- प्यूर्ट 008
39:35मैं नकली धर्म के बीतने के बाद का वास्तविक धर्म लोगों तक ला रहा हूं
39:47और मात्र यही है जो चल सकता है
39:52बाकी सब तुम्हारे अंधविश्वास धारणाएं मानेता हैं कहानियां यह सब हवा हो जाने हैं
40:00इनका कुछ नहीं कोई नामलेवा नहीं बचेगा इनका हाँ गीता का मर्म बचेगा
40:07जो काला तीत संदेश हैं वो सब बचेंगे बाकी सब जो तुमने फिजूल कचरा गौर्वानवित कर रखा है धर्म कहके वो नहीं बचेगा
40:19है
40:30और यह कोई मेरी भहिश्याणी नहीं है यह काल की चाल है जिसको कोई नहीं रोक सकता
40:42इसको रोका नहीं जा सकता तो मेरे उपर चिढ़ने से कोई लाव नहीं है
40:52मुझे गाली देने से मेरा विरोध करने से कुछ नहीं पाऊगे मुझे गोली भी मार दोगे तो काल की चाल रुकने से रही
41:00जो होना है वो तो होके रहेगा मैं मर भी जाओं तो भी होगा पीला सड़ा जरजर बीमार पत्ता जड़के रहेगा पर हां जड़ों में दम है तो नया ताजा हरा पत्ता आएगा
41:24आरे यह बात समझे जनरेशन के बीतने से फर्क नहीं पड़ता है कोई जनरेशन हो हर जनरेशन को रेवेलेशन चाहिए
41:38कोई भी जनरेशन हो है तो सब इंसान ही ना दिल सबका धड़कता है अकेलापन सबको लगता है जीवन क्या है पैदा क्यों हुए किसके लिए जीए ये सवाल सबको उठते हैं दिल सबका तूटता है आशाएं सब बांधते हैं
41:58है ये मृत्यू से सब डरते हैं एं है ये प्रशनए है अ बहुत पुराने और सदा रहें गे जब तक मनुष्य की
42:11चेतना है कि कि धर्म इन प्रश्नों का उत्तर है तो काल्पनी कुत्तर नहीं वास्तविक उत्तर काल्पनी कुत्तर दोगे
42:20होगे नहीं चलेगा वास्तविक उत्तर क्या होता है वो उत्तर जो तुम खुद खोजो तुम्हारी जिग्यासा से जो बात उठे वो वास्तविक धर्म के केंद्र में जिग्यासा कि नकली धर्म के केंद्र में मान्यता
42:34वास्तविक धर्म के केंद्र में खोज
42:38नकली धर्म के केंद्र में कहानी
42:42आप कहते हूं न आप मॉडर्न हो
42:54मॉडर्निटी से संबंधे जितनी बाते होती है
42:58वो आपको मालूम है कहां मिलेंगी
43:01क्रिशियों में
43:02जब आपका रिशियों से असली परिचे होता तो आप कहते हैं तो
43:07मॉडर्न से भी ज्यादा मॉडर्न है
43:09कि मॉडर्निटी का संबंध आप लगाते हो कि कोई एक लिबरल एटिचीवड रखता है
43:16आप तो लिबरल में रुके हो वहां तो लिबरेशन की बात हो जाती है
43:20आप तो कहते हूं मैं मॉडर्न हूं इसलिए मैं चाहता हूं कि एकुएलिटी रहे सब
43:40यह बात वन्नेस की हो जाती है रिशी तो मॉडर्न से यादा मॉडर्न है
43:50आपके रहे तो freedom का बस यही मतलब होता है
43:52तो fulfill
43:58my mental
44:00desires
44:03freedom मने यही ना to do as I please
44:06जो मेरा मन कर रहा है मैं करूँगा
44:08यह मेरी freedom है तो fulfill my
44:09mental desires
44:11और रिशी कहते हैं नहीं नहीं नहीं
44:13freedom को और आगे ले जाओ
44:14freedom का मतलब होता है
44:16to fulfill your existential
44:19need
44:19not just mental desire
44:23but your existential need
44:24रिशी तो इतने मौडर नहीं
44:26कि बाप्रेबाब
44:28लेकिन यह जो सड़ा हुआ धर्म है
44:31इसने रिशीयों को पुराने जमाने की चीज़ बना दिया
44:33इसने रिशीयों को बता दिया रिशी तो वही है जो
44:39पुराने जमाने कपड़े पहने और यह सब करें आज का जो रिशी होगा वो मौडरन से मौडरन होगा
44:43और इसी लिए यह जो सड़ा धर्म है
44:47इसमें दुनिया भर में यह होता है भारत की बात नहीं है कहीं भी चले जाओ
44:52जो धर्म गुरु होते हैं वो वही कपड़े पहन रहे हैं जो पंदरा सो साल पहने पहने जाते थे
44:59पोप से लेके खलीफा से लेके पंदित तक सब यही कर रहे हैं क्योंकि धर्म को चीज़ी क्या बना दिया पुराने जमाने की
45:11और मैं तो कह रहा हूँ रिशियों से ज्यादा मौडरन कोई हो नहीं सकता
45:18पुरानी तो वो चीज़ें पढ़ती हैं जो काल की लहरों से हैं आई और बीत गई पुरानी हो गई
45:31रिशियों का जिससे वास्ता है वो तो सदैव नितनूतन रहता है वो पुराना कैसे पढ़ेगा वो तो आज का है
45:48जो लोग धर्म की रक्षा की बात करते हैं मैं उनको
45:59बड़ा ये हार्दिक संदेश देना चाहता हूं देखो धर्म की रक्षा करना चाहते हो तो धर्म में जितने भी तरह के दूशन है पाखंड है अंधविश्वास है
46:17गपवाजी है भेदभाव है फिजूल के रीतिरिवाज है ये सब निकाल फे को सिर्फ तभी धर्म बचाया जा सकता है वास्तविक धर्म और वास्तविक धर्म को बचाना पड़ेगा
46:35क्योंकि वास्तविक धर्मगर नहीं बचा तो फिर इंसान भी नहीं बचेगा
46:38वास्तविक धर्मगर नहीं बचा तो फिर इंसान भी नहीं बचेगा
46:44क्या करे जंजी
46:59वहां आप बोलो अगर उनको
47:06जब कोई जानता नहीं मुझे उसका परिचे करा जाता है
47:10कि आचारे हैं तो उनको लगता है कि इनकी भी कोई
47:16astrology की app होगी
47:18एक बर सचमुच हुआ था एक आता है तो धीरे धीरे मेरी ओर आ रहा है
47:26क्या क्यों आ रहा है वह राके ऐसे करता है
47:28तुमने ये तो धर्म का मतलब बना दिया
47:34जितने तरह के जूट हैं तुमने उनका नाम रख दिया धर्म
47:40अब नई पीड़ी धर्म से दूर भागती है तो ताज्यूप क्या
47:42मैं आप सब का स्वागत कर रहा हूँ आपकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ
47:55मैं आपसे कहना चाहता हूँ गीता बिलकुल आज की है
47:59समझो जैसे क्रिश्ण ने आपके लिए आज ही कही हो
48:03आईए बहुत बहुत बहुत मॉडर्न है गीता
48:06आपसे ज्यादा आधुनिक है गीता
48:08आईए
48:11आज की बिलकुल आज की समस्याओं के लिए ही नहीं
48:20भविश्य की समस्याओं के लिए है गीता
48:23अतीत का कोई पुराना बासी वक्तवे नहीं है गीता
48:29आज के इंसान को सम्भोधित करती है गीता आईए
48:34और नए लड़के लड़कियों
48:41तुम अपने आपको क्या नया समझते हो तुम तो बहुत पुराने हो
48:49तुम्हारे शरीर में वही पुराना जानवर है
48:52जो दाथ फाड़ता है
48:59पेट बजाता है खाना मांगता है
49:08अंडे देता है शिकार करता है
49:17तुम नए कैसे हो गए अपने आपको क्यों बोलते हो कि हम तो नए हैं नए हैं तुम क्या नए हो
49:21नया तुमको दर्शन बनाएगा
49:24आओ फिलोसफी के पास आओ वो तुमको नया बनाएगी वो तुमको जवान बनाएगी वो तुमको ताकत देगी
49:33वरना तुम बहुत पुराने हो
49:35नए डिजाइन के कपड़े पहन लेने से
49:40और trends पर सवार हो जाने से तुम नए आधुनिक modern नहीं हो जाते
49:48वास्तविक धर्म का काम ही यही है तुमको नया बनाना
49:57असली बनाना वरना तो हम सब बिलकुल एकदम
50:00ancient animals है हम है की नहीं बोलो
50:03धर्म माने एक नई ताजगी नई खुश्बू
50:13जो तुम्हें आज जीने की तमीज देती है
50:19जो तुम्हें पहली बार तुम्हारा असली चहरा दिखाती है
50:25और बहुत खुबसूरत हो तुम अपने असली चहरे में
50:33नए नए मेक अप की फिर जरूरत कम पड़ती है
50:37तुम्हारा चहरा ही बहुत नया है असली चहरा
50:42जो कोई आता है न मेरे पास बोलता है कि नहीं मैं तो अभी
50:48कम उम्र का हूँ मेरी उम्र तो बस बीस साल है या पच्चिस साल है
50:53तुम्हारी उम्र 25 साल नहीं है तुम्हारी उम्र है दो लाख 25 साल
50:58तुम्हें 25 साल याद है दो लाख तुम्हें याद नहीं है
51:04पर उन दो लाख सालों का इतिहास भी तुम्हारी शरीर में बैठा हुआ है
51:09तुम क्यों कह रहे हो कि तुम्हारी उम्र 25 साल है, तुम्हारी उम्र 2 करोड 25 साल है, तुम बहुत पुराने हो, आओ तुम्हें नया बनाए, चलो फिलोसोफी के पास चलते हैं, और वही जो दर्शन है, वो फिर वास्तविक धर्म बन जाता है,
51:36आरी ये बात समझें,
51:39पढ़े रहने तो इनको पुराने तोर तरीकों में, तुम्हें अपनी जिनई हैं और तुम्हें अभी बहुत जीना हैं, और तुम्हारे सामने बहुत नई और भायानक चुरोती हैं, आओ वास्तविक धर्म के पास आओ,
52:03कि तुम्हें आपनी जिंदगी रौशनी में और ताकत में जीनी है कि fazla
52:12की अपड़े रहने दो बाकियों को पुराने लोगों को पुराने तरीके पड़े रहे नो जाएं उनके पास कितना समय॔
52:18लुए न वो बचने हैं ना उनके पुराने तरीके बचने हैं
52:21कि नमस्ते में नाम सौपनिल है और मैं आचा जी के गीता सत्तों से लगपक धाई वर्सों से जुड़ा हुआ हूँ पहले मैंने शुरुवात की ती आचा जी को सुनने की यूटूब के माध्यम से जैसे जैसे मुझे इंट्रेस्टाइन लगा मैं और आचा जी के करीब जू�
52:51कर पाता हूँ जो ग्रंत है शास्त्र हमारे उपनिश्यद महाभारत और गीता है यह समझने को मिले जो पहले मेरे लिशिप एक शब्द ते अब मुझे उनका रियल इंपोर्टेंस समझ में आ रहे तो मैं सबसे यह कहूँगा कि आप लोग की जुड़े क्योंकि आचा जी क
53:21कि अचा जाओा पिस विने की जो कि प्सक्रणों कि यह टे शzahl का रिंका रियल इंपोर्टेंस समझने की जाब उनका रियत Dr.

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