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ये वीडियो 26.09.2023 के सत्र से लिया गया है।
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Transcript
00:00केमपस में होता था, प्लेस्मेंट और अगरा के समय में, जैसे ही किसी की नौकरी लगे तो तुरंट दारू पार्टी होती थी, तो उसमें शराव आती और अब वो जो प्लेस्मेंट सीजन था, जोलाई से शुरू हो जाता और अगले साल अपरहल तक चलता है, अब नौकरिय
00:30और ये लगें नाचने, और ये सब तमाम तरह के प्रपंच करें, ये खास दार बे वो होते थे जिनकी जौकरी नहीं लगी होती थी, तो कुछ तो करके अपनी भडास निकालनी है, तो इनको हम बूलते थे वसूल रहा है, तो जो ज्यादा देखाए कि मैं अगदम मधोश ह
01:00एंप गुला का है, तो जन्या जिकालनी है यह को ऑजी हाता है, ये लगद में पीया जिता है, ये लगको ऑटके हे पीयादा में जूलते अटी

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