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  • 9/19/2024
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**"मयव तत"** is a captivating Hindi cartoon story that will delight and inspire young viewers. Join us on a magical adventure as we explore the power of fate and the importance of perseverance. Through vibrant animation and a heartwarming narrative, this moral story teaches valuable lessons about overcoming challenges and believing in oneself. Don't miss this enchanting tale that will leave you with a smile and a sense of wonder.

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Transcript
00:00एक समय की बात है, एक आस्थरम में बहुत सारे राजा बेठे हुए थे और एक रिशी की प्रवचन सुन रहे थे।
00:10उनही राजाओं में से एक थे भानूपूर के महाराज महिंद्रसिंग।
00:16महिंद्रसिंग सबी राजाओं के साथ रिशी की बातों को सुन रहे थे.
00:21तबी महिंद्रसिंग का ध्यान जाता है एक तोते पर जो की रिशी की पास ही मोजूद था.
00:27वो तोता देखने में बहुत ही सुनदर था.
00:30महिंद्रसिंग उस पर से आखे नहीं हटा पा रहे थे.
00:34तबी रिशी अपना प्रवजन खतम करते हैं और उठने ही वाले होते हैं कि तबी वो तोता उड़कर राजा महिंद्रसिंग के कन्दे पर बेट जाता है.
00:50रिशी ये देखकर हैरान हो जाते हैं क्योंकि ये तोता आज तक रिशी के अलावा किसी और के कन्दे पर जाकर नहीं बेटा.
00:59अच्छा महिंद्र, जरा मेरे साथ अंदर आओ और इस तोते को भी साथ ले आना.
01:05महिंद्र, तोते को लेकर रिसी के साथ उनकी कुटिया में चला जाता है, बाकी राजा बाहर ही बेठे रहते हैं।
01:17ये तोता, जो अभी तुम्हारे कंधे पर जाकर बैट गया, ये कोई आम घटना नहीं थी।
01:25जी, मैं समझा नहीं प्रभू।
01:30ये कोई आम घटना नहीं है, ये एक मायावी घटना है, जो कि इंसान का भविश्व बताता है।
01:39ऐसा कैसे संभाव है? एक घटना कैसे भविश्व बता सकता है?
01:45मुझे पता है कि तुम इस समय क्या सोच रहे हो।
01:50ये तोता मुझे मेरे गुरू जी ने दिया था।
01:53मुझे भी विश्वास नहीं हुआ था कि ये तोता भला भविश्व कैसे बता सकता है।
01:59लेकिन अभी के समय में ये बात मेरे अलावा और कोई नहीं जानता।
02:06आपके अलावा ये बात कोई नहीं जानता तो आप मुझे क्यों बता रहे हैं ये बात।
02:11मैं तुम्हें इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि अब से ये तोता तुम्हारा है।
02:18मेरे गुरू ने भविश्वानी की थी कि ये तोता मेरे साथ रहेगा लेकिन
02:23एक दिन कई राजाओं की बैठक में ये तोता उड़कर एक राजा के कंधे पर बैठ जाएगा।
02:30मेरे गुरू ने कहा था कि जिस भी राजा के कंधे पर जाकर ये तोता बैठे उसको ये तोता दान कर दिया जाए।
02:38आज मेरे गुरू की भविश्वाणी सच सावित हुई है और वो दिन आ गया जब तोता तुम्हारे कंधे पर जाकर बैठा। अब से तुम ही इसके मालिक हो।
02:49प्रभु मैं अभी तक इस बात को सुनकर अचम्भे में हूँ कि एक तोता किसी का भविश्व बता सकता है।
02:57हाँ हाँ कोई भी मनुश्य ऐसी बात को सुनकर विश्वास नहीं करेगा। तुम चाहो तो इस तोते से अभी अपने भविश्व के बारे में पूच सकते हूँ। पूचो।
03:10राजा कुछ तेर सोचते है।
03:13कई सालों से मेरी बेटी की शादी में विगन आ रहा है। मुझे इस तोते से पूचना चाहिए कि मेरी बेटी की शादी कब होगी।
03:25सुनो तोते, अगर तुम सच में भविश्व जानते हो तो बताओ कि मेरी बेटी की शादी कब होगी।
03:33महराज, आपकी बेटी की शादी बहुत ही चल्दी इंड्रपूर के राजकुमार के साथ होने वाली है।
03:41महिंद्रव, यह सुनकर हैरान हो जाते है।
03:45क्या यह तोता सच में सत्य कह रहा है।
03:48खएर, मुझे रिशी की आग्यां मानना जरूरी है।
03:51इस तोते को ले जाता हूँ।
03:54कुछ दिनों बाद तो पता चली जाएगा कि इसकी भविश्वारी सच होती है या फिर नहीं। चलो।
04:03प्रभू, इस तोते में जरूर ही किसी दैविय शक्ती का वास है।
04:08मैं धन्य हूँ कि आप यह तोता मुझे दान कर रहे हैं।
04:12आप इस तोते को अपने दरबार में शोभा बढ़ाने के लिए रख सकते हैं, लेकिन जादा लोगों को यह बात पता मत लगने देना कि यह तोता भविश्व बताता है। आपको इस तोते की सुरक्षा करनी होगी, ठीक है।
04:29मैं समझ गया प्रभु, मैं इस तोते की हमेशा रखषा करूँगा।
04:38आखिरकार महिंदर सिंग् इस तोते को अपने साथ अपने राज्य भानुपुर ले जाते हैं।
04:44राजा मन ही मन इस बात को ले कर खुश थे कि इस तोते ने कहा है कि उनकी बेटी की साधी जल्दी हो जाएगी।
04:53राजा कुछ दिर पाद अपने महल पहुँचते हैं और सबसे पहले अपनी बेटी नन्दिनी के पास जाते हैं।
05:00पिता जी मुझे आप से कुछ बहुत ही जरूरी बात करनी है।
05:08हाँ बोलो क्या बात है।
05:11असल में मैं एक लड़के से प्रेम करती हूँ और उसके साथ बिवा करना चाहती हूँ।
05:19कौन है वो भाग्य का धनी जिसे मेरी बेटी ने पसंद किया है।
05:25जी उसका नाम देबधत है इंद्रपुर राजय का राजकुमार।
05:31महेंद्रें ये सुनकर खुस भी होते हैं और साथ ही उनको हैरानी भी होती है।
05:37क्योंकि उस तोते की वह विश्यवानी सच होते दिख रही थी।
05:40उस तोते ने कहा था कि उनकी बेटी की साधी इंद्रपुर के राजकुमार के साथ होगी।
05:47ये तो बहुत ही अच्छा समचार है। हम राजकुमार के माता पिता से रिष्टे की बात आगे बढ़ाते हैं।
05:57बहुत अच्छा।
05:58महेंदर सिंग के दो बहुत ही खास मंतरी थे। किशनलाल और गजराज।
06:15किशनलाल और गजराज, दोनों मेरी बात ध्यान से सुनो। आज मैं एक रिशी के आश्रम में था और तभी उन्होंने मुझे ये तोता दान किया।
06:26ये कोई मामुली तोता नही गया गया अनमुवार दिखता है। ये तोता अमको हमारा भविश्व बताथा है। इस तोता ने Destroyer की नंधनी के शादी इन्दरपूर के
06:32इस तोते ने कहा कि नन्दनी के
06:34शादि इंद्रपूर के राजकुमार से होने वाली है
06:37यहाँ आकर मुझे पता चला
06:40कीनन्दनी इंद्रपूर के राजकुमार से प्रेम करती है।
06:44। अपका तो भाग्य खुल गया महराज!!!!
06:47आप इस तोते से अपने भवश्य के बारे में पूछ कर
06:51कई सारी परिशानियों से बच सकते हैं।
06:53वाह वाह वाह।
06:56फिलाल मैं गजराज को एक काम सौपने वाला हूँ।
06:59गजराज, तुम इंद्रपूर जाओ
07:02और वहां के राजा को रिष्टे की बात करने के लिए
07:05हमारे महल आने का निमंचन दो।
07:12राजय के सारे काम किशनल को दे दिये
07:15और मुझे बस दूद बना कर रख दिया।
07:20गजराज, इंद्रपूर के राजकुमार देवदत से मिलने जाता है।
07:25आओ, आओ गजराज, आओ।
07:29महरास की जई हो।
07:31मैं बानपूर राजय के महरास माहिंद्र सिंग्ग का संधेस ले कर आया हूँ।
07:36महरास आपके बेटे देवदत और राजकुमारी ननदनी के विवा की बात आगे बढ़ना चाते ही।
07:41इसलिए आपको नियोता वेजा है।
07:44आप कृपया करके हमारे राज्या जरूर पढ़ारे।
07:47देवदत, क्या तुम्हें राजकुमारी पसंद है।
07:51आपको नियोता वेजा है।
07:54अब अपको लेकर कृपया करके हमारे राज्या जरूर पढ़ारे।
07:58देवदत, क्या तुम्हें राजकुमारी पसंद है।
08:03हाँ पेताजी, मैं राजकुमारी ननदनी से प्रेम करता हूँ.
08:07हम बहुत जल्द भानपुर राज्य जाएंगे, राजकुमारी को देखने
08:13महराज, अगर आपके अनूवती हो तो क्या मैं राजकुमार देवजब से कुछ अकेले में बात कर सकता हूँ?
08:21अकेले में क्या बात करनी है?
08:25ऐसा कुछ खास नहीं महराज, मुझे बास राजकुमारी का एक संदेश राजकुमार को देना है, राजकुमारी ने कहा है कि ये संदेश सिर्फ राजकुमार तक पोचे.
08:39ठीक है, जाओ बात करो.
08:45देवधत और गजराज एक कमरे में जाते हैं,
08:48खोगजराज क्या संदेश है राज्कुमारी का?
08:53शमा कीजे राज़ कुमर. राजकुमारी नन्दनी का कोई संदेश नहीं है,
08:58वो तो many aqueles इसले कहा था तकि आपके पिताजी मुझे
09:02आपसे बात करने एक अनूनती देए.
09:04एसी क्या बात करनी है?
09:07मैं आपको एक एसी मायाबी शीस के बारे में बताने वाला हूँ, जो अगर आपने पाली तो आपका भाइग चमक उठेगा, वो मायाबी शीस आपका जीवन बदल कर रख देगी।
09:19क्या है वो चीज?
09:23मैं आपको वो बताता हूँ, लेकिन उसके बदले में आपको मुझे अपने राज का प्रदान मंत्री बनाना होगा।
09:31देवदत, कुछ दिर सोचता है।
09:34ठीक है, अगर वो चीज सच में इतनी खास निकली कि मेरा भाग्य बदल दे, तो मैं अपने पिता जी से कहकर तुम्हें मंत्री मंडल में शामिल करवा लूँगा, और जब मैं राजा बनुंगा तो तुम्हें महा मंत्री बना दूँगा, पर अब बताओ क्या है वो ची�
10:04क्योंकि तोटा भविशे कैसे बता सकता है?
10:08अरे राजकुमार वो एक मायाभी तोटा है, उसी तोटे ने आपकी और राजकुमारी की शादी की भविशेवानी की थी
10:16अगर ऐसा है, तो फिर तो मैं उस तोटे को हासिल करके ही रहूंगा, फिर चाहे मुझे उनके राजे पर आक्रमन ही क्यों ना करना पड़े
10:27आक्रमन करने की कोई जरवत नहीं है राजकुमार, राजकुमारी नंदनी आपसे प्रेम करती है और शादी करने वाली है, तो आप राजा से देहस में वो तोटा मांग लीजीए
10:41हाँ, ये तो बहुत अच्छी तरकीब है
10:46लेकिन हाँ, उनसे ये मत कहिये कि आपको ये पता चल गया कि ये तोटा माया भी है
10:53हम्, ठीक है, समझ गया मैं
10:57देप्टट और उसके माता पिता महेंद्रा सिंग के महल में बेठे हुए है, वो तोटा महाराज के कन्दे पर बेठा हुआ है और पास में राजकुमारी खड़ी है
11:16महेंद्रा सिंग, हमें आपकी राजकुमारी बहुत अच्छी लगी, हम उसे अपनी बहु बनाने के लिए तयार है
11:26पर शादी को लेकर मेरी एक शर्त है, मुझे महाराज से कुछ चाहिए
11:32बोलो बेटा क्या चाहिए तुम्हें, मेरे पास दुनिया भर की दौलत है, जो मांगोगे वो दूँगा, बोलो
11:40आपके कन्दे पर जो ये तोटा है, ये मेरे मन को भागया है, मुझे यही चाहिए
11:48महिंद्रा कुछ पल के लिए चूप पड़ जाता है, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे
11:56मैं तुम्हें ये तोटा नहीं दे सकता, ये मुझे एक रिशी ने दिया था, अगर मुझे ये तोटा नहीं मिला, तो मैं ये शादी नहीं करूँगा
12:07महिंद्रा देखता है कि राजकुमारी के छेरे पर उदासी चा गई है
12:14अच्छा रुको, मैं, मैं अपने मंतरी से सलाम अशौरा करके तुम्हें बताता हूं, कि ये तोटा तुम्हें मिलेगा यह नहीं
12:22महिंद्रा अपने मंतरी किसनलाल के साथ एक कमरे में चला जाता है
12:33ये राजकुमार ने कैसी शर्ट रख दिया, मैं ये तोटा उसे नहीं दे सकता, पर मैं अपनी बेटी को उदास भी नहीं देख सकता, बड़ी मुश्किल से तो उसकी शादी तै हुई है
12:45महाराज, आप चिंता मत कीजिए, मेरे पास एक तरकीब है, मुझे अन्दाजा था कि शायद कोई इस तोटे को आप से छीनने की कोशिश करेगा, इसी लिए मैंने जंगल से इसी की जैसा दिखने वाला एक तोटा मंगवा लिया था
13:02किसनलाल, महाराज को एक पिंचरे में बंद तोटा दिखाता है
13:08अरे वाह, ये तो बिलकुल उसी तोटे के जैसा दिखता है
13:13आप राजकुमार देवदत को दहेज में ये नकली तोटा दे दीजे, उनको कहां पता चलने वाला है कि असली तोटा भविश्व बताता है
13:23आज मुझे लग रहा है कि मैंने तुम्हें महामंत्री बना कर बहुत सही किया
13:36ठीक है, मैं राजकुमार को ये तोटा भेट करने के लिए तयार हूँ
13:41देवदत और नंधिनी के साधी हो जाती है, साधी के बाद देवदत उस तोटे के साथ एक कम्रे में होता है
13:54अब आखिरकार मुझे ये तोटा मिल गया, चल तोटे, अब मेरा भविश्व बता
14:01चल तोटे, आप मेरा भविश्व बता
14:04अरे तोते ये बता कि मुझे मेरे पिताजी राजा कब बनाएंगे?
14:10अरे तोते ये बता कि मेरे पिताजी मुझे राजा कब बनाएंगे?
14:16अरे पागल तोते मेरी नकल क्यों कर रहा है?
14:20अरे पागल तोते मेरे नकल क्यों कर रहा है?
14:24अरे बापरे बाप लगता है ये तोता भविश नहीं बताता
14:29गजराज ने मुझे पागल बनाया मैं उसे नहीं छोड़ूंगा
14:34गजराज
14:38देबदत गुस्से पर भाणूपर पहुँशता है और राजा के महल में जाकर कहता है
14:46महराज मुझे आपके मंतरी गजराज से मिलना है
14:50तभी वहाँ गजराज आता है
14:55अरे राजकुमार देबदत आप यहाँ?
15:00मूर्ख धोकेबास आदमी तूने मुझसे जूट कहा कि तोता भविश बताता है
15:06महहंद्र और किसनल यह सुनते ही समझते कि आखिर माजरा किया है
15:13मैं अपने साथ सैनिक लेकर आया हूँ
15:15महराज अगर आपकी अनूमती हो तो मैं इस गजराज को अपने साथ ले जासकता हूं
15:19ने ज़रूर ले जा सकते हूँ
15:21हाँ हाँ ज़रूर ले जा सकते हूँ
15:23ले जाओ
15:25नहीं महराज ऐसा मत कीजीए
15:27मेरे मान में लालस आ गया था
15:29और मुझे उनके राज्यमें
15:31महामंतरी का पत चाहिए था
15:33इसलिए मेरे राशकुमर को
15:35उस तोटा के बारे में बता दा आ नहीं।
15:37मुझे शमा कर दीजे महराज
15:39शमा कर दीजे।
15:41गजराज, वो तोटा कोई भविश्य नहीं बता था।
15:45वो तो सिर्फ नकल करता है नकल।
15:49महराज उस दिन तुम से मजाग कर रहे थे।
15:53वो तोता तो सिर्फ नकल करता, क्योंकि जो तोता भविश्व बताता है, वो किशनलाल की चतुराई की वज़ा से मेरे पास सुरक्षित है।
16:08देपदत के सेनिक गजराज को अपने राज्य साथ ले जाते हैं और जेन में डाल देते हैं।
16:18महराज पहिंदर सिंग और किशनलाल दोनों ही जोर-जोर से हास रहे थे।
16:24तो किशनलाल, गजराज की चाल उसी को भारी पड़ गई।
16:31हाँ महराज, हमें कभी अपने भागय को चुनोती नहीं देनी चाहिए।
16:38बहाग बताने वाले तोते में आप को अपना माल्ग चुना था?
16:44देवदत के भागे में वो तोता नहीं था
16:46इसलिए वो उसको नहीं मिला
16:48महा मंत्री का पद गजराज के भागे में नहीं था
16:52पर फिर भी वो उसे छीने चाहता था
16:54इसे लिए उसका ये हाल हुआ
16:57हमें जो मिला है उसी में सन्तोष करना चाहिए
17:01जो चीज हमारी नहीं है उसे छीनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए
17:06क्यों महाराज?
17:08हाँ सही कहा

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