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  • 10/1/2024
"रहस्यमय बदला" is a captivating Hindi animated movie that will delight and inspire young viewers. Join us on a journey through the world of karma, where actions have consequences and good deeds are rewarded. This moral story teaches valuable lessons about responsibility, kindness, and the importance of making positive choices. With vibrant animation and a heartwarming narrative, "रहस्यमय बदला" is a must-watch for families and children of all ages.

Watch now and discover the power of karma!

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Transcript
00:00रात का सन्नाता चारो और फेल चुगा था।
00:04बिर्जू अपने घर से बाहर निकल ही रहा था,
00:07कि तबी उसकी पत्ती अनीता उससे बोली,
00:10अरे इतनी रात हो गई, आप इस वक्त कहा जा रहे हैं।
00:15तुम भी हद करती हूँ अनीता।
00:18तुम भी हद करती हूँ अनीता।
00:20तुम्हें पता है कि इस समय सरदी अधिक पढ़ रही है।
00:23जंगली जानवर खेतों में गुश कर फसल नश्ट कर रहे हैं।
00:27अरे मुझे देख भाल करने के लिए खेत में तो जाना ही पढ़ेगा न।
00:32ओ हाँ हाँ अब सही कह रहे हैं
00:35कल ही तो हमारे पढ़ोसी मुवन चाचा का फसल जंगली जानवर परपात कर गए।
00:43अनीता की बात सुनकर बिर्जो सीधा अपने खेतों की ओर चल दिया।
00:49बिर्जो खेट में बिठा ही था कि तबी एक सन्नाटा भरी आवास सुनकर वो चोक कर उठ कर ख़ड़ा हो गया।
01:00अरे आसपास तो कोई भी जानवर दिखाई नहीं दे रहा, फिर ये आवास कैसी है।
01:08तबी एक साया बिर्जो को दिखाई दिया, बिर्जो साया को देखकर बुरी तना से डरते हुए बोला,
01:15कौन हो तिम, कौन हो, हिम्मत हो तु सामने आओ, आओ।
01:31बिर्जो ने इतना कहा ही था, कि तभी वो काना साया बिर्जो के बेहत गरीब आ गया,
01:36बिर्जो ने देखा, कि वो एक बहुत भयंकर दिखने वाला जंगली सुर था, जो कि दिखने में आदमखोर लग रहा था, बिर्जो कापते हुए अपने आप से बोला,
01:47कारणी बोला
01:49ए भगबाण ए भगबाण
01:51ये तो बड़ा ही भयानक दिखने
01:53वाला जंगली सुर है
01:55इस तरहेका भयानक आदम
01:57खोर सुर तो
01:59मैंने पहले कभी नहीं देखा
02:01ए भगबाण
02:03बिरचोः
02:05वहाँ से भागते ही वाना था
02:07कि तभी उस आदमखोर स्वर्ण ने बिर्जू पर हमला कर दिया
02:12पर बिर्जू की चीख सन्नाटे को चीर गई
02:14बचाओ, बचाओ, पाँ
02:30राजा अदिध्या अपने मंतरी चनल सिंग के साथ अपने मेहल में बेठा हुआ था
02:37मंतरी चरन सिंग, मुझे लगता है कि हमें केवल मेहल में बैट कर ही
02:42राज की स्थिती का आकलन नहीं करना चाहिए
02:46हमें स्वयम प्रजा के बीच जाकर उनका हालचाल लेना चाहिए
02:50इससे ना केवल हमें उनकी समस्याओं का पता चलेगा
02:54बल्कि उन्हें ये भी मैसूस होगा कि हम उनकी बहलाई के लिए हमेशा तत्पर हैं
03:01महराज, आपने बिल्कुल सही कहा
03:04प्रजा की वास्तविक स्थिती और उनके विचारों को समझने का सबसे अच्छा तरीका यही है
03:11कि हम सीधे उनके बीच जाए
03:13इससे हमें उनकी उम्मीदों और आविशक्ताओं की सटीक जानकारी मिलेगी
03:21तभी वहाँ पर राजा अधित्या का एन गुप्टचर आकर खड़ा हो गया
03:26राजा अधित्या उसकी ओर देखकर बोला
03:29हूँ, बताओ, क्या सूशना लाये हो गुप्टचर
03:34महराज, सूशना तो लाया हूँ, मगर सूशना आपके लिए अच्छी नहीं है
03:39गुप्टचर की बात सुनकर राजा अधित्या चोखता हुआ बोला
03:45तुम कहना क्या चाहते हो
03:48महराज, आपके आदेश के अनुसार, कल राथ मैं भैस बदल कर राजा में तहल रहा था
03:55तहलने के दोरान मैंने कुछ लोगों की बातचित सुनी, जिससे सुनकर मैं बुरी तरह चोख पड़ा
04:02ऐसा क्या सुन लिया तुमने
04:06महराज, कुछ किसान आपस में बात कर रहे थे, राजा में किसी भूत प्रेद का साया है
04:13मैं कुछ समझा नहीं, साफ साफ बताओ, कल राथ क्या सुना तुमने
04:20महराज, किसानों में डर फैला हुआ है
04:23वो बोल रहे थे कि कुछ किसान रात के समय अपने खेट की रखवाली करने के लिए गए,
04:29मगर वो कभी वापस नहीं आए
04:32महराज, डर के कारण अब तो दुसरे किसानों की बतियों ने भी
04:36किसानों को खेट में भेटने से भी इंकार कर दिया है
04:40अगर ऐसा ही हाल चलता रहा तो फिर हमारे राज़े में खेती रुप जाएगी
04:45और महराज, अगर खेती ही रुप जाएगी तो फिर राज़े पर इसका कितना बुड़ा असर पड़ेगा
04:52ये आप भली बाती जानते हैं
04:57इतना के गर गुपचर बाहर चला गया
05:00गुपचर के जाते ही राज़ा अधिते के चिले पर गंबीरता के भाव चलकने लगे
05:06वो मंतरी चरण सिंग की और देख कर बोला
05:09मंतरी चरण सिंग, सूचना वाकई बहुती गंबीर है
05:15मुझे लगता है कि हमें इस बात की तह तक जाना चाहिए
05:20अगर ऐसा ही चलता रहा तो फिर हमारे राज़ा में फिर से एक और बार भुकमरी फैल जाएगी
05:28आप बिलकुल सही कह रहे हैं माराज, अगर ये बात सच है तो हमें जल से जल्द इस पर ध्यान देना होगा
05:36हाँ बिलकुल और मैं चाहता हूँ कि आप स्वयम जाकर खेतों में नजर रखें और जो कुछ भी गलत घटित होते हुए आपको दिखे तुरंद मुझे सुचित करियेगा, ठेक है
05:50ठेक है महाराज, जसी आपकी आग्या, मैं आज रात स्वयम भेश बदल कर नजर रखूँगा
06:07मंतरी चरन सिंग रात के समय अपने खोड़े पर पेट कर खेतों की और चला गया
06:13पर एक पेट के नीचे खड़ा होकर चारो और इधार उधार देखता हुआ बोला
06:19हाँ, मुझे आज रात यही पर रुखना चाहिए, यह जगह बिल्कुल सुरक्षित है
06:26मैं यहां से बैट कर आने जाने वाले लोगों को साफ साफ देख सकता
06:33ठीक
06:34मंतरी चरन सिंग ने इतना कहा ही था
06:37कि तभी उसकी नजर अपने से थोड़ी दूर एक काने साये पर पड़ी
06:42उस साये को देखकर मंतरी चरन सिंग वोरी तरह से चोक पड़ा
06:46अगले ही पल वो काना साया मंतरी चरन सिंग के बेहत गरीब आ वया
06:52मंतरी चरन सिंग ने देखा कि एक आदमी
06:55जोकी एक जंगली स्वर में परिवर्तित हो रहा था
06:58जिसके सकल बहुत ही भयमकर्ट और खुंकार था
07:02मंतरी चरन सिंग कापती हुए
07:04वो स्वर की औरन गोर से देखने लगा
07:07अच्छणक उसके दिमाग पे एक देश धमाका हुआ
07:11और वो चीकते हुए बोला
07:13हाँ, ऐसा नहीं हो सकता, नहीं, नहीं, नहीं
07:27आगले दिन सुभाग, राजा अधित्या अपने महल में बेचेनी से तेहन रहा था
07:33हमारी समझ में नहीं आता कि मंत्री चरण सिंग अभी तक वापस क्यों नहीं आए
07:38उसे तो अब तक वापस आ जाना चाहिए था
07:42तबी एक सेनिक वहाँ आकर राजा के सामनी ख़ड़ा हो गया
07:48महराज की जै हो, महराज एक बहुत बुरी कबर है
07:54महराज, मंत्री चरण सिंग की लाश खेतो में बहुत बुरी अवस्था में मिली है
07:59ऐसा लगता है जैसे किसी आदम खोर ने उनके उपर हमला किया है
08:05ये सुनकर राजा अधित्या बुरी तरह से चोप पड़ा पर गंबीरता से बोला
08:13ये सुनकर राजा अधित्या बुरी तरह से चोप पड़ा पर गंबीरता से बोला
08:19क्या? क्या तुमने वहाँ के आसपास के लोगों से कुछ पता किया?
08:25महराज, हमने बहुत पता करने की कोशिश की
08:29मगर लोग इतने डरे हुए हैं कि कुछ भी कहने को तयार नहीं है
08:36इतना पोल कर सेनिक वहाँ से चणा गया
08:44मंतरी चरण सिंगे हद्या के बाद प्रजा में तेसद का मोहन कायम हो गया
08:49ये सब देखकर राजा अधित्या सिंग अपने आप से बोला
08:54हाँ, अब तो लगता है कि मुझे स्वयम जाकर किसानों से मिलना पड़ेगा
08:59अगर किसान खेती करना ही बंद कर देंगे, तो फिर अनाश की कमी हो जाएगी
09:05और अनाश की कमी प्रजा के साथ साथ सैनिकों को भी कमसोर कर देगी
09:11जो हमारे राज के लिए बेहत घातक है
09:14राजा अधित्य एकेने अपने खोरे पर बेध कर सीधे सीधे अपने राज़ी के उस इस्तान पर पहुँच गया
09:24जहाँ पर किसान रहा करते थे, राजा को देख कर सभी किसान डरे से में अपने घर से बाहर निकल आये
09:31राजा अधित्य उनकी और देख कर पोला
09:34मेरे सैनिक यहाँ पर कई बार आये और तुम से पता करने की कोशिश की
09:40लेकिन तुम मेंसे कोई भी कुछ बोलने के लिए तयार ही नहीं है
09:45अगर तुम कुछ बताओगे ही नहीं तो फिर इस समस्या की गुत्थी कैसे सुलजेगी
09:51कोई तो आगे आओ और मुझे बताओ
09:56राजा अधित्य एक बोड़े किसान की और देख कर बोला
10:01आप? अरे तुमारी दैशत बरी आखे बता रहे हैं कि तुमने कुछ देखा है
10:05अरे बोलो तो सही
10:08बोड़ा किसान राजा की और देख कर ड़टा हुआ बोला
10:11महराज कुछ दिनों पहले मैं और मेरा बेटा अपने खेद में पानी दे रहे थे। तभी अचानक एक जंगली सुअर हमारे सामने आकर खड़ा हो गया। और मेरी आखों के सामने मेरे ही पुत्र को मार कर खा गया। मैं बड़ी मुश्कल से अपनी जान बजा कर वहाँ से वा
10:41नहीं समझा। मैं बुरी तरह से डर गया था महराज। जब मैंने इस बात की चर्चा गॉंवालों को की तो गाउन वाले भी बुरी तरह से डर गयी। और फिर उसके बाद किसानों के लापता होने का सिलसला शुरू हो गया। मैं जानता हूँ महराज की कोई आदमकोर स�
11:11मेरा बानना है कि जरूर मेरे कोई शत्रू राजे का दुश्मन
11:16कोई जंगली सूर खेतों में छोड़कर प्रजा में भै कायम करने के लिए ये सब कुछ कर रहा है
11:23और मैं उस तक पहुँच कर रहूंगा ये मेरा आप लोगों से वादा है
11:29आज से आप लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है
11:35इतना बोल कर राजा अधित्या सीधे अपनी महल चला गया पर अपने पत्ली रुकमणी से बोला
11:44रुकमणी मेरे दोनों पुत्र कहा है आपको अच्छानक अपने पुत्रे से क्या कम पर गया
11:53समय आ गया है रुकमणी उनकी बुद्धी की परिक्षा लेने का मेरे बड़े बेटे अशोप और छोटे बेटे चंदन को तुम मेरे पास भेजो
12:04अशोप और चंदन राज्जी के नर्वार में राजा अधित्य के सामनी खरे थे
12:15राजा अधित्या अपने दोनों पुत्रों की और देख कर बोला
12:19समझ आ गया है कि तुम दोनों की परिक्षा ली जाए
12:24तुम तो सब जानते ही होगे कि इस समय राज्ज में क्या चल रहा है
12:29जी पिताजी हमें पता है कि इस समय राज्ज में किसी आदम खोर सुर का खोफ फैला हुआ है
12:37हुम तोँपर तुम इस बारे में क्या सोचते हो, बताो
12:43मेरा मानना है पिता जी की
12:45ही ये जरूर हमारे शत्रु देश के किसी राजा का काम है
12:48जो हमारी प्रजा में खौफ कायम करके हमें कमजोर कर ना चाहता है
12:53और हमारा राज्य हति आना चाहता है।
12:57हूँ, तुम में तो वाकई बुद्धी है राजकुमार अशोक।
13:03राजा अधित्या अपने छोटे बेटे चंदन से बोला।
13:09तुम बताओ, तुम इस बारे में क्या सोचते हो।
13:12पिता जी, मैंने प्रजा के बहुत से लोगों से पता किया है।
13:17सभी लोगों ने आदम खोश जंगली सूर को देखने का दावा किया है।
13:22और मुझे लगता है कि कोई भी राजा प्रजा में डर फैलाने के लिए इस तरह की बचकानी हरकत तो नहीं कर सकता।
13:31हो सकता है कि प्रजा की बातों में कोई सचाई हो, मुझे लगता है कि हमें कोई, किसी सादु से मिणना चाहिये।
13:41चंदन के बात सुनकर उसका बड़ा भाई हस्ते हुए अपने पिता की और देख कर बोला।
13:46पिता जी, मुझे लगता है कि चंदन अभी भी छोटा ही है।
13:55तुमने सही कहा अशो.
13:58मैं चाहता हूँ कि तुम उस आदम खोर सुवर को पकड़कर
14:02हमारे महल में घसीट कर लेकर आम.
14:05अगर तुम ऐसा करने में कामियाब हो जाते हूँ,
14:08तुम मैं तुम्हें राज्य का अगला महराज गोशत कर दूँगा.
14:13और हाँ, मंत्री चरण सिंग की तरह अकेले जाने की कोशिश मत करना.
14:19अपने साथ सेनिको को भी लेकर जाना.
14:24राजा अधित्ये की बात सुनकर उसका पुत्र राजकुमर अशो
14:28उसी समय दो सेनिको को लेकर महल से चला गया.
14:36अगले दिन राजा अधित्या अपने महल के तरबार में बेठा ही था,
14:41कि तभी एक सेनिक दोड़ता हुआ जाकर राजा अधित्ये की और देख कर बोला.
14:47महराज गजब हो गया, गजब हो गया महराज.
14:51जो नहीं होना चाहिए था, वो हो गया.
14:56क्या हो गया सेनिक, तुम इतने गबराए हुए क्यों हो, साप साप बोलो क्या है?
15:03महराज, राजकुमर अशोक और दो सेनिको की बड़ी ही बुरी अवस्ता में लाशे खेत में मिली है महराज.
15:12गजब हो गया महराज, गजब हो गया.
15:18ये सुनकर राजा अधित्या अन्डर तक हिल गया और कापते हुए अपने आप से बोला.
15:25क्या, क्या, क्या? राजकुमर के भी... राजकुमर अशोकी हत्या हो गयी.
15:31कि.. कि.. क्या राजकुमार के भी
15:34राजकुमार अशोक की हत्या हो गई
15:37इसका मतलब मेरा छोटा बेटा चंदन सही कह रहा था
15:41राजकुमार अशोक जिन दो सैनिकों को लेकर गया था
15:45वो तो बड़ ही शूर्वीर सैनिक थे
15:47उन्हें तो हराना पूरी की पूरी आधी सेना के बस का भी काम नहीं था
15:52ये क्या हो गया ये क्या हो गया
15:57तबित महल में पीठा हुआ एक विव्ति राजा अधित्य की और देख कर बोला
16:03महरास हमारे राजय के जंगल में एक बुड़े साधू रहते है
16:08जो हमेशा तबस समय लेन रहते है
16:11मुझे लगता है कि आपको इसी समय उनसे मदद मंगने के लिए जाना चाहिए
16:15राजकुमर अशुक की हैत्या आपके परिवर के लिए शूप संकेत नहीं है
16:20उस व्यक्ति की बात सुनकर राजा अधित्य तुरंट उसी समय अपने खोड़े पर बेटकर जंगल की ओर रभाना हो गया
16:32कुछी देर में राजा अधित्य एक घणी पेड़ के सामनी खड़ा हुआ था
16:39उस घणी पेड़ के नीचे एक सादु आखें बंद किये हुए थे अचनक वो सादु आखें खोल कर राजा अधित्य की ओर देख कर बोले
16:49क्या बात है राजन आज आपको महल से हट कर जंगल की आख कैसे आ गई
16:57राजन अधित्य सारी घणन बताते हुए उस सादु से बोला
17:02मेरी मदद कीजे सादु महराज प्रजा में देहशत का राज कायब है और तो और मेरा बेटा राजकुमार अशोग भी कुछ आदम खोर सुवर के हाथों बारा गया
17:15राजन अधित्य की बात सुनकर सादु रहे समय अंदास में एक समसान की राख राजन अधित्य को पकड़ाते हुए बोला
17:24अब तुम अपने महल लोट जाओ राजन और आधी राथ के समय आईने में खड़े होकर इस समसान की राख को आईने में दिख रहे अपने चहरे के सामने फेग देना
17:37सचाई तुम्हें स्वयम ही दिख जाएगी
17:42राजा अधित्य समसान किर राख लेकर अपने महल चणाया और आधी राथ होने का इंतिजाद करने लगा
17:50जैसे ही आधी रात का समय हुआ, राजा अदित्या आईने के सामने खणा हो गया, पर उसने समसान की राक आईने के सामने फेक दी.
18:03अगले ही बन आईने में दीख रहा राजा अदित्या का चेहरा बेहत भयानक हो गया और कुछ ही देड में एक जंगली स्वर में बरिवर्तित हो गया.
18:13ये देखकर राजा अदित्या डर्सी हुए आईने में दीख रहा अपना भयानक चीहरे से बोला,
18:19ये मेरे साथ क्या हो गया? मैं जंगली स्वर में कैसे बदल गया? ये क्या हो रहा है मेरे साथ?
18:28तबी आईने के अन्दर दीख रहा राजा अदित्या का भयानक रूप हसते हुए बोला,
18:35इतने हैरान मत हो राजा अदित्या, अब तक राज में जितनी भी हत्याई हुई है, वो तो तुमने ही की है, तुमने ही मासूम और निर्दूष किसानों को मार कर खाया है, और दो और तुमने तो अपने पुत्र को भी नहीं छोडा,
19:00राजा अदित्या, तुम तो दुनिया के सबसे गिरे हुए इनसान हो।
19:11ये सुनकर राजा अदित्या बुरी तरह से खबरा गया, पर आदी रात की समय ही अपने गोरे पर बेट कर सीधा उन सादो के पास आकर बोला,
19:22सादो महराज ये क्या रहसे है, आइने के अंदर तो मेरा ही चेहरा है जो की एक भयान जंगली सुर में परिवर्तित हो गया, ये सब क्या हो रहा है?
19:33इतना चौकने चुकाने की आउशक्ता नहीं है महराज, आइने के अंदर आपके ही भयानक रूप ने आपको जो बताया वो सत्य है, जानते हैं महराज, जब आप अपने भयानक रूप में बदलते हुए मंतरी चरण सिंग के सामने आए, तो वो आपको देखकर पहचान गय
20:03उसे ही मार कर खा गए, आप ही वो आदमखोर जंगली सुर हो जिसने अपनी प्रजा में डर का माहोल कायम कर रखा है
20:14यह जूट है सादु महराज, अगर ऐसा है तो फिर मैं आपके पास मदफ माँगने के लिए क्यों आता
20:22सादु बहुत ही रहल समय अनदास में राजा अधित्य की ओर देख कर बोला
20:29यह सत्य है महराज, जब आप रात के समय एक आदमखोर सुर में परिवर्तित हो जाते हैं, तो फिर आपको कुछ भी याद नहीं रहता
20:40आप अपनी प्रजा का खुण पीकर अपने महल वापस लोट कर अपने कक्ष में आ जाते हैं, तब आप अपने असली रूप में आकर बेहोश हो जाते हैं
20:52और सुभर आपको कुछ भी याद नहीं रहता
20:56सादु महराज, मेरे को तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा, आप ये मुझे बताये कि इन सब बातों का आखिरकार क्या रहस्य है
21:07याद करो राजन, आज से 30 वर्ष पहले आप एक साधरन सैनिक थी, उस समय आप राजा हुकुम सिंग के सैनिक हुआ करते थे
21:18आपने धोके से राजा हुकुम सिंग की हत्या कर दी और उसके राज पर कभजा कर लिया, जिस राज के आज आप राजा बने बैठे हैं, वो राज किसी दोर में राजा हुकुम सिंग का था, जोकी बहुत ही दयालू राजा था, और तो और आपने राजा हुकुम सिंग की �
21:48अपनी आपके इरादों को भाब गई और अपने पुत्र को लेकर जंगल की और भाग गई, वो कमजोर थी उसका राज छीन चूका था, लेकिन फिर भी वो आपसे बदला लेना चाहती थी, आपसे बदला लेनी के लिए उसने राक्षसों की पूजा शुरू कर दी और बद
22:19किसानों की हत्याएं करता है।
22:25साधों की बात सुनकर राजा अधित्य गेरी सोच में डूप गया, उसके चेहरे पर पशंताप चलक रहा था. राजा अधित्य साधों की ओर देखकर उदास लहचे में बोला,
22:39मुझे नहीं पता था महराज कि मेरे कर्मों का फल मेरी संतान को भुकतना पड़ेगा।
22:47अभी तो शुरुवात हुई है राजन, अगर उस राक्षस को नहीं रोका गया तो कुछ ही समय में वो आपके शरीर में समाकर आपके सारे परिवार को समाप्त कर देगा और धीले धीले इस राज़े की प्रजा को खा जाएगा।
23:07ये सुनकर राजा अधित्या कापते हुए बोला, तो फिर मुझे इसका हल बताये महराज।
23:17इसका केवल एक ही उपाई है राजन, यहां से कुछ दूर एक तालाब इस्थित है, आपको उस तालाब में कूद कर अपने जान देनी पड़ेगी,
23:28आपके मरते ही राक्चस अपने शरीर से बाहर आ जाएगा, मगर वो उस तालाब से फिर कभी भी बाहर नहीं आ पाएगा, पूरा राज यही समझेगा कि आपको भी वही आदम को सुवर खा गया, और आपके छोटी पुत्र चंदन को सिंहासन पर बिठा दिया जाएगा, य
23:58अधित्य उदास होता हुआ, सीधे उस तालाब में चला गया, और तालाब के अंदर चलाम लगा दी, राज अधित्य के मरते ही ताच्चे में सब कुछ सही हो गया, कुछ दिने बाद राज अधित्य का छोटा बेटा राजकुबर चंदन पस राज्या का महराज खोसित हो �

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