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  • 2 days ago
Part- 03 सांस्कृूति अर्थ, वर्चस्व के मार्ग में अवरोध, भारत-अमेरिका संबंध (POL--समकालीन विश्व राजनीति--3--विश्व राजनीति में अमेरिकी प्रभुत्व)

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00:00Hello students, how are you all?
00:01Students, आज की इस क्लास में
00:03अमेरिकी वर्चस्व वाले चेप्टर में हम
00:05पाठ थड़की और अग्रसर हैं
00:07और आज की इस क्लास में हम
00:09अमेरिका के वर्चस्व को
00:10सांस्कृतिक अर्थ में समझने की कोशिश करेंगे
00:13यानि कि अमेरिकी सांस्कृतिक वर्चस्व की चर्चा आज की क्लास में होने वाली है
00:17साथी साथ भारत और अमेरिका के संबंदों को भी जालेंगे
00:20और इस बात पर भी चर्चा की जाएगी
00:22कि अमेरिका के माग
00:23यानि कि अमेरिकी वर्चस्व के माद में
00:26कौन कौन सी बाधाय बन सकती है, कौन कौन सी ऐसी चीजें हैं जो अमेरिकी वर्चस्वों को रोख सकती है, तो यह सारी बाते हैं जिन पर आज हम चर्चा करेंगे, हमारी पिछले जो दो क्लासिस हुई है, हमने उसमें अमेरिका के वर्चस्वों के बारे में कुछ महत्वपो
00:56हुआ था दृत्य खेमा जो सोवेच संका था उस खेमे के पतन के साथ साथ ही अगटना गटित हुई थी क्योंकि एकराव्य में सोवेच संका पतन हुआ था और 1990 में गटना गटित हो गई थी तो हम यह कह सकते हैं कि अमेरिका ने जो एक वर्चस्व वाली रणीती थी वो 1990 से ह
01:26और 1999 में योगोसलाव्य अब हमला किया गया था अमेरिका और नाटो की शेनाओं के द्वारा 1998 में जब अमेरिकी दूतावासों पर आतंकी हमले हुए थे तो उसके खिलाफ अमेरिका ने ऑप्रेशन इंफाइनाइट रीच छेडा था और आतंक्यों के खिलाफ सेनिक कारिव
01:56झीड़ा और ऑपरेशन इर्ची फ्रेडम 2003 में अमेरिका के द्वारा प्रारम किया गया तो हमने यहां अमेरिका के दौपर्शन जो शेनिक कारिवाई कि गई उनके कुछ चार जो उपरेशन अमेरिका ने छेडए थे उसकी चल्चा की और इसी तर्म्हान बीच में जो यू
02:26ऐसी के लिए वर्चष सब्द का प्रियोग किया जाता है और मतलब होता
02:34है जिसके समान कोही नहीं हो सैनिक शेत्र में जिसका वर्चष होता है सामानेतार्थ
02:44उसी के लिए वर्चस्व सब्द का प्रयूब किया जाता था प्राचीन काल में युनान में लेकिन वर्थमान समय में अमेरिका न केवल सेनिक शेत्र में बलके आर्थिक शेत्र में और सांसकत्तिक शेत्र में भी अपना वर्चस्व पूरे विश्व पर इस्थापित कर चुक
03:14पूरी दुनिया तक MBA पहुंच चुका है इंटरनेट जिसकी सुरुवात भी अमेरिका से उपभी थी आज पूरी दुनिया में इंटरनेट भी पहुंच चुका है और अमेरिका पूरे विश्व की अर्थ व्यवस्ता में लगबग 21.48 के हैं या 22 प्रतिसत के आस पास के हैं य
03:44किन किन बातों पर चर्चा करेंगे सांस्कृतिक वर्चश्व का आसे सामाजिक राजनितिक और विशेस विचारधारा के धरातल पर किसी वर्ग की बड़त या दबदमा होता है किन किन शेत्रों में सामाजिक राजनितिक और विशेस विचारधारा सामाजिक राजनितिक औ
04:14पुझीवादी सोच जो है, जिसे हम उदारवादी भी कह सकते हैं, अमेरिका की जो पुझीवादी सोच है, जिसे हम उदारवादी सोच भी कह सकते हैं, उदारवादी मॉडल भी कह सकते हैं, ये एक तरह का दृस्टी कॉन है, क्या है ये? दृस्टी कॉन है एक विचार धारा
04:44सामाजी को राजनितिक, आज अमेरिका का लोगतंत्र पूरी दुनिया के लिए एक तरह से एक जामपल है, क्योंकि एक सफ़र लोगतंत्र है, दुनिया कॉपी करती है, अमेरिका के कॉंस्टिटुशन को दुनिया कॉपी करने की कोशिस करती है, ये उसका राजनितिक पढ़ �
05:14होती है कि मनुस्य हमेशा उपर की और देखना पसंद करता है यहां उपर की और देखने का मतलब है अपने से जो उपर है अपने से जो आगे है अपने से जो तेज है वो उसकी बराबरी करने की कोशिज करता है और अमेरिका तो दुनिया में सब से आगे है इसलिए उसकी सामा
05:44अपने असर में रहने वाले को इस तरह सहमत कर सकता है कि वे भी दुनिया को उसी नजरिय से देखने लगे जिसमें प्रभुत्व शाली वर्क या फिर वो देश रखता है इससे प्रभुत्व शाली की बड़त और वर्चशों कायम रहता है देखें अमेरिका आज दुनिया को
06:14यह देखिए हम जो प्रभुत्व शाली वर्ग का जो दरस्टी कॉन की बात कर रहे हूं जिस दरस्टी कॉन से दुनिया को देखता उसके घर हम बात करें तो आप बता सकते हैं आपर वर्तवान का एक्जामपल देखर देखें वर्तवान समय में आप जान रहे हैं कि रूस �
06:44क्या दरस्टी कॉन है अमेरिकी दरस्टी कॉन है और अमेरिकी दरस्टी कॉन यह है कि इस युद में दोशी कॉन है सोवेत रूस यानि कि रूस दोसी है रूस दोसी है यह अमेरिका ना इस पूरी दुनिया को कह दिया है अब पूरी दुनिया रूस को दोसी मान रही है किसी
07:14कि युक्रेन नाटो का मेंबर बनना चाहता था अमेरिका उसे नाटो में सामिल करना चाहता था रूस लगातार मना कर रहा था युक्रेन को युक्रेन पर दबाव बना रहा था कि उसे नाटो में सामिल नहीं होना चाहिए फिर भी जब वो नाटो में सामिल होने की जिद्ध क
07:44कई विद्वान लोग तो तलास्ते हैं ऐसी बात नहीं है पर सामाने तयार यह आइना किसका है अमेरिका का है अमेरिका ने जो आइना हमें दिखाया हमने उसे उसी रूप में देख लिया
07:55अपने नीजी हित्तों के लिए उक्रेन पर रहा है।
08:04युक्रेन एक संप्रबूदेश है। रूस को क्या हक है कि वो युक्रेन के आंत्रिक मामलों मास तक शेप करें।
08:11उसे मना करें वो नाटों का मेंबर नहीं बनना चीह. यह तो युक्रेन की अपनी इच्छा है।
08:16हम क्यों इन सब बतों को ही देखते हैं जो हमें अमेरिका दिखा रहा है
08:19जब किसके पीछे कई ऐसे रिजन है जो रूस और उक्रेन के बीच में युद का कारण बनते हैं
08:26जब उनका अध्यन करती है तो हमें पताया है इसमें क्यों रूसी नहीं है जिसमें। उके होसी की समझी।
08:50करन रहा था एक बार मैं एपनी चमक मृतिर शेम इक पंदेखा रहा था
08:52पुतिन ने बार फिर रूस को सोवेच संग की तरह पहले की तरह ताकत पर बनाना शुरू कर दिया था
08:58अमेरिका नहीं चाहता था कि रूस एक बार फिर सोवेच संग की तरह ताकत पर बने जो 1931 से पूर्वर हुआ ता था
09:04जो काम व्लादिमीर लैनियन ने किया था 1912, वापस व्लादिमीर पुतिन उसकान को कर दे ले 2022 में इसलिए उसे रोकने के लिए रूस और उक्रेन के बीच में युद्ध प्रारंब गर्वा Cars पि अलाकि व्लादिमीर पुतिन की ये इंच्छ थी कि जो सोवेच संग की
09:22सकती थी उसे वापस तयार किया जाए अमेरिका जो के वर्चस तो दिखा रहा है दुनिया में उसके खिलाब एक बार फिर सोवेट संग को मजबूत किया जाए बहुत वह जितने भी साथ में 15 गंडराजी थे हो सारे साथ में नहीं आये लेकिन आधे तो आई सकते हैं उनके सा
09:52है अमेरिकी सांस्कृतिक वर्चस्व कि वो दुनिया को जिस तरह से देखता है दुनिया के बाकी देश भी दुनिया को उसी तरह से देखे जो वह सोचता है दुनिया के देश उसी तरह से सोचे बस यही है अमेरिकन संस्कृति का वर्चस्व का सांस्कृतिक शेत्र अमेरि
10:22यूवा, अमेरीकी जीवन सैली में जीना जाते हैं, खानपान में पिज्जा, बर्गर, पहले पहनने में जिन्स और बोलने में अमेरीकी accent जिसको हम कह सकते हैं, अमेरीकी language जिसको कहते हैं, आशकल के यूवां को बहुत पसंद हैं, अंग्रे जी का जन्म दादा भारत के दस्
10:52इस जो कि ब्रेटिस काल में थे या उन्से पहले के लोग ग्रैट सकर्पर हैelle और रख्यांट गर्रण इंगलिय मुद्प.'
10:59तो बैटिस इंगलिय सीकी। आज आप जानते हैं यह क्यों नогलते हैं और त्रुद।
11:11एक्सिंट जो अमेरिका यूज़ करता है वो दुनिया को अच्छा लग रहा है अच्छा क्यों नहीं लगेगा
11:17क्योंकि जो ताकतवर होता है हम उसे अपना आइडियल मानना सुन कर देते हैं
11:24आपने देखा होगा कि यूवा लोग कुछ क्केटरस को कुछ फुटबाल प्लेयर को यजसी जो जुडबन वेक्ति को अपना आइडियल माननते हैं
11:38या किसी फिल्मी हिरो आइडियल मानते हैं
11:42ठीव उसी प्रकार से आज के युवा अमेरिका को उसके संस्कृति को अपने आगेल बानते हैं
11:49वो लोग जैसे रहते हैं वैसे वो भी रहना पसंद करते हैं
11:52अमेरिका के लोग जैसे कपड़े पहनेंगे, दुनिया के दूसरे देशों के युगा वैसे ही कपड़े पहनना पसंद करते हैं, वो जिस प्रकार का खानपान अपना रहे हैं, दुनिया के दूसरे देशों में भी वैसा ही खानपान चल रहा है, जिसका एक्जामपल आप दे
12:22और हमारे घर पर हमारे ओफिस में हम जहां कहीं भी है वहां तक हमारे पास वह चीज पहुच जाती है हम उसे खाकर अपकी गुक्षान्त करते हैं और बड़ा आनद मुए महसूस करते हैं
12:35यही अगर पिजा और बर्गर बंगलादेश, स्रिलंका, नेपाल और भुटान में जन्वे होते तो साइधी हम खाना पसंद करते हम अच्छा बंगलादेश की खाते हैं वो हम खाएंगे यह तो हम से कमजोर देश हिनार हम बला हम की संस्कृति को क्यों फॉलो करेंगे हम तो �
13:05यहाँ मनुश्य की प्रकर्ति है कि वहाँ अपने से उपर जो प्रभुत्वशाली है वर्ग है उसकी जीवन सेली से प्रभावित रहता है अमेरिका इस विश्व में सिखर पर है ऐसे उसकी संस्कृति का प्रभाव फैलना स्वभाविक है मैंने जैसा कि थोड़ देल पहले
13:35पर जा रहे थे आपके पास से एक बड़ी आसी मोटर साइकल निकलती है आप क्या चाहेंगे कि मेरे पास में भी आसी मोटर साइकल होनी चाहिए आप मोटर साइकल पर जा रहे हैं पास से कार निकलती है आप क्या सोचेंगे कि मेरे पास भी तार होनी चीज़ जबकि परोस म
14:05और पास से निकल जाती है एक 10-15 वीसलात रुपय तक की कार पिर मनना आता है हमारे पास तो यह अच्छी कंपनी की है यह बढ़िया है यह उनी चाहिए थी तो हम उपर की और बढ़ना पसंद करते हैं हम अपने से जादा स्रिस्ट जीवन को जीना पसंद करते हैं यह हमारी प
14:35सनस्कृति किसी कि ओपर ठौunu आ अपनी से उसको स्विकार करता है अमेरिका के संसकृति हमारु ठौपर संस्कृत है और भी वही हमार अवा पर
14:53जब हम आजादी से पहले ब्रिटेश अंग्रेज उनके अधीन थे तो वो हमारे उपर अपनी संस्क्रती को थौप रहे थे
15:01हमारे यहां पर इशाई धर्म का प्रचार कर रहे थे प्रचार कर रहे थे
15:05और यह सिखाया जा रहा है कि जिसे ब्रिटेश जीते में से आप भी जीए उसमें भारत के कुछ लोग थे जो ब्रिटेश संस्क्रती पर रंग चुके थे और उस तरह से जीना सुरू कर चुके थे
15:15लेकिन बहुत कम थे लोग लिमिटेट लोग गीने चुने लोग और आज हम ब्रिटेश जो ब्रिटेश संस्क्रती है वो संस्क्रती के जब देखना भी पसंद नहीं कर रहे हैं क्योंकि ब्रेटेन का रुटबा ही नहीं रहा अब तो उसका इस्थान अमेरिका ले चुका है
15:45ली प्रplayer से रública होटेरिंट सुझ्वेंऻ करना जाना चाहते हैं उसी साइल से बाहर पारीटी करना चाहते हैं से रिप्रेट करना चाहते हैं लाइव को शीवदी ना
15:55चाहते हैं तो यह सब चीज चीज 2 अमेरिका से आरह honor Pr
16:05कि आपको मजबूरनी चीज प्रिकार करनी पड़ेगी बस इसी को कहते हैं कि संस्कृतिक जबरन नहीं एक वर्चस्ट्व कंट्री जिसका होता है वो आपको एक ऐसा माहुल बनाकर देता है जो की चीज आपको अच्छी लगने लगती है
16:20सित्युद के दौरान अमेरिका को लगा कि सेनिय सक्टी के दाइरे में सोवेट संग को मात दे पाना मुश्किल है अथा है अमेरिका ने धाचागत ताकत और संस्कृतिक प्रभुत्व के दाइरे में सोवेट संग से बाजी मागी इसका मत्रब यह है जब USA, अमेरिका और USSR के �
16:50से तो सोवेट संग पहले अंत्रिक्स में गया तो तीर अमेरिका द स्क्ते दौनों के पास हत्यारों की खोड लगाता चल रही थी दोनों एक ही टेकनोलोजी पर आगे बढ़ रहे थे
17:04कर जिसनी हाइटैकनॉलोजी के हप्यार्ञ यसा से बनाता था यकले इस यह उइस अगर अच्छी टेक्नॉलोजी इस कर ली है कि यूंशिंच अगराबरी पर पहुंच जाता था तो यह � é sensor नोगे बिच में कॉंपडिशन था बराबर चल रहे हैं मैं है
17:22अमेरिका को भी पता था कि सोविट संग को युद्ध में हराना तो मुश्किल है। युद्ध में कैसे हराएंगे उसको। क्योंकि अगर हम उसके बराबर लड़ेंगे तो उसके पास भी हत्यार है वो उतना ही नुपसान हमें भी पहुँचाएगा।
17:35तो भला युद्ध ना लड़कर कि
17:36हम क्यों नहीं
17:38आर्थिक और सांस्कृतिक शेत्रा में
17:40उससे आग़ेबढ़ कि
17:40और अमेरिका इसमें ही सफल हुआ
17:42कि अमेरिका ने आर्थिक اور
17:44सांस्कृतिक शेत्रा में विश्व पर राज करना
17:46प्रारंब किया
17:47सोवेच संग के केंद्रिकरत और नियोजित अर्च व्यवस्ता उसके लिए अंदरुनी आर्थिक संगठन का एक वेकल्पिक मॉडल तो थी
17:55लेकिन पूरे सीतियुद के दोरान विश्व की अर्च व्यवस्ता पूंजिवाधी तर्ज पर चली थी
18:02अगर हम बात करें केंद्रिकरत नियोजित अर्च व्यवस्ता तो यह किसकी थी यह थी सोवेच संग केंद्रिकरत और नियोजित यह अर्च व्यवस्ता किस देशने अपनाई थी यह अपनाई थी यूएसेस आर में जबकि यूएसे अमेरिका के द्वारा जो अर्च व्यवस्
18:32कि आप्विदारि का मेरिका अपने उपने फी और अमेरिका को देखकर कि वीश्व कूरा
18:37इसके पीछे दौर रहा था हमेरिका की नीली जिन सोवेट संग में इतनी अधिक चली कि उसने अमेरीकी वर्चस्वे
18:56युवाँ पर स्थाप्त कर लिया, अमेरिकी वर्चष्ट्व ने,
19:00सोवेट संग के जो युवाँ थे, उस पर अपना वर्चष्ट्व बना लिया,
19:04किस के आधार पर? निली जिन्स के आधार पर.
19:08आज हम देखते हैं कि दुनिया के सभी युवा,
19:10यूवा तो क्या आप, हम कह सकते हैं कि Middle Age Person, Even Old Age Person, सभी जिन्स पहनना पसंद करते हैं, जिन्स आज की तारिख में पुरी दुनिया में एक व्यक्ति की पहली पसंद है, वो चाहे पुरुस हो, चाहे महिला, वो चाहे छोटा बच्चा हो, यूवा हो, या उससे बड़ा हो, सभ
19:40हम सभी उस जिन्स को पहन रहे हैं, तो सोच लीजिए, अमेरिकन संस्कृति का वर्चस्च वो कित्रा जादा है हमार उपर, अब जिस समय, अमेरिका और सोवित संग के बीच टक्राव चल रहा था, भला, USSR को ये पसंद आये का क्या, कि अमेरिका के पहनावे को USSR में भी पसं
20:10सब्सक्राइब के शत्रून है, वही सोवेट संग के नागरिक, निलिजिंस की और भाग रहे थे, अगर उन पर मना ही होती थी पहने की, चोरी छुपए पहनने की कोशिस करते थे, चोरी छुपए खरीते थे, अगर वो उपन मार्केट में नहीं बिकती थी, तो उसकी विक्
20:40अब है कि तक्राओं की स्धिथि अमेरिकी सक्ति के राष्तें में अवरोद्थ किया क्या है अभी तो हम्ने चर चाटnew posición
20:49अब का का मड़िस वित्र संस्कूतिक सेत्र में किसे रगी स्वारिवरां भख आरे कि अमेरिकी सक्तिक
20:56कोई अम्रोद भी इसे तरह अमेरीकी वर्चस्वों की सब्से बड़ी बाधा अगर को
21:16के अजय को अमेरीका के अलगर बताइए भला राम रावन को पराजित
21:23कर सकते थे क्या बगवान सरी राम युद्ध भूमी पर रावण के सामने खड़े थे लेकिन विभिशन जो की रावण का भाई था वो भी राम के साथ खड़ा था और उसने ही बताया था कि रावण का वद्ध किस प्रकार से किया जा सकता है
21:44लीुटि के लिए कलपना कर लीजिये रावण फूरे पिक्चर में से हटा सौरी वे विभिशन को पूरी फिक्चर से हटा अबीस का
21:52कितना मुσकिल होता कि सादा संभा होता क्यूंकि रावण को यह वरधान था कि उसकी मृतियों इस प्रकार से
21:57ये की जा सकती हो, और किसी को प्रापार से नहीं मारा जा सकता था
22:04तो गरका भेदी, लंका ठाय ये जो कत्नी है, यहाँ पर फिट होती है
22:09क्या अमेरिका अगर कमजोर है तो वह अपने ही अंदर से कमजोर है
22:13बाहर से तो उसका मुताबला कोई करी नहीं सकता कोई सोच भी नहीं सकता उसकी कमजोरी उसी के अंदर छुपी बैठी है और यह बड़े-बड़े सामराथ जूँके पतन के पीशे भी कारण रहा है
22:22अब सोवित संग का विगटन जो हुआ उसके पतन में भी कारण डूब लीजिए सोवित संग खुद तो इतना सकती साली था कि वो अमेरिका भी उसे लड़ने की नहीं सोच रहा था लेकिन क्यों सोवित संग का पतन हो गया उसकी अंदरुनी कमजोरिया अंदर की जो कमिया थी
22:5211 सितंबर 2001 की घटना किस सालों में ये व्यवधान एक तरह से निस्क्रिय जान पड़ेने लगे थे लेकिन धीरे-धीरे फिर प्रकट होने लगे लेकिन 9-11 की जो घटना थी जिसे हम 11 सितंबर 2001 कह रहे हैं कि घटना के सालों बाद तक
23:15एक तरह से निस्क्रिय जान पड़ते के थोड़ा हम इस लाइन को टिक कर लेते हैं सालों
23:21माद तक वहलों कहीं वर्सों तक जब 9-11 की घटना गुतित हुए थी 9-11 की घटना का गुतित हुए हैं जब हम 9-11 की बात करते हैं तो 9-11 का मतलब होता है
23:3711 सितंबर 2001 और यह घटना जो थी वो थी अमेरिका पर आतंकी हमला अमेरिका पर आतंकी हमला अमेरिका पर आतंकी हमला
23:56कि अमेरिका पर आतंकी हमला किया गया था इस हमले के सालों बाद तक तो ऐसा लग रहा था कि अमरीका के अंदर ऐसी कोई अंदूरी कमजोरी नहीं है बट धिरे-धिरे वापस यह चीज़ें प्रकट होने लगी है कौन-कौन सी कमिया है जो कि अमेरिका के मार्ग में बाधा
24:26इसको कि अधिया गया है कि सकती जो है वह तीन अलग अंगों में बटी भी होनी कि अगया है और तीनों भूसरे पर को न्ट्रोल करें जिसको कहते हैं चेक एंड-बैलेंस थिवरी सेप्रेशन ऑफ पावर्स सक्तियों का विभाजन सक्तियों का बटवारा और उसके बाद ए
24:56चेक एंड बलेंस चियोरे सक्तव
25:24हैं वह इब कारे पाले का रिधाय का और नयाय पाले टीनों एक स्वत्तंत्र हैं कि और
25:30तीनों एक सोतंत्र होते हुए भी मिनत्र के सा्थी जिंटत की सब्सक्वा ठीओस अब हम बात करते हैं कि यहां
25:45भ fabrics का अमेरिका के अंदर कौन की सरकार है कौन है सरकार का मतलब क्या है राष्ट्रपती नहीं हूं
26:13पर ए सिर्टिव
26:15ऑपरेशन डेज़ेट स्ट्रॉम छेड़ कर एराग को एक तरफा युद्ध में वराजित किया जिस युद्ध को एराग के तारासा सासक सद्दाम हुसेन
26:25सो जंगों की एक जंग कहकर पुकार रहे थे उसे अमेरिका ने बड़े अराम से वराजित कर दिया
26:32तो यह जो घटना घटी तो इसका स्रेक इसको जा रहा है अमेरिका की रास्ट्रपती को जा रहा है वर्चस वो कौन इस्थापित कर रहा है अमेरिका का
26:41अमेरिकन सरकार, अमेरिकन गवर्मेंट यानि की रास्टरपती कर रहे हैं।
26:45फिर जिस समय अमेरिकी दूतावास्तों पर आतंकी हमले हुए थे।
26:49जो की नेरोबी केनिया में हुआ था और दारिसलान तंजानिया में हुआ था।
26:56इन 1998 की बात है अमेरिकन उनके खिलाब तुरंट कारिवई की उसमा अमेरिका के रास्पती कोन थे।
27:04उसमें थे बिल क्लिंटन उनके खिलाब कारिवाही की जहां जहां आतंकी चुपए थे।
27:10उनके खिलाफ हमले किये गए क्रूज मिसाइलों से सुडान और अब्दनिस्तान को टार्गेट किया गया था
27:16अभेकन राश्टरपाती विल क्रिंटन ने ही युगोशलाविया पर उसमय आक्रमन किया च這種 का और है और राश्टरपती पर रोक कौन लगा सकता
27:41न्याइपालिय का ये जो आप दो अंगोंको
27:53को देख रहे हैं ये इन दौन कर लगा सकते हैं। नियंत्रन लगा सकते हैं।
27:59से नियंत्रान कौन लगा सकता है कि विशेस से नियंत्रान कलिंग लगा सकता है इनकी विधायका विशयस नियंत्रान कैसे जिए व befार दिलेदध कि विधायका में सिनेट अमेरिका के
28:20अन्कुस लगाती है और हम कह सकते हैं कि
28:28अमेरिका के आंदर ही अमेरिका का निय्फन है अमेरिका के उपर कंट्रोल है
28:33अब आप अपको देख लिए इसका उधार्ण देकर बताता हूं आपको सब कुछ समझना जाएगा
28:371990 को याद कीजिए अभी फोट देल पहले में बताई रहा था अमेरिका की राष्ट्रपती कौन थे जॉर्ज बुस सीनियर
28:47अमेरिका के राष्ट्रपती थे जॉर्ज बुस सीनियर
28:52अमेरिका ने इनके नित्रतों में की ओप्रेशन छेडा था और जी थांसिल की थी
28:58कौन सा ओपरेशन था ओपरेशन देजर्ट इस्ट्रॉम में अमेरिका युएसे विजेता था
29:16अब सोचिए कि हमारे यहां पर जब इंद्रा गांधीजी ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया
29:22और पाकिस्तान को युद्ध में हराकर पाकिस्तान के दो फुकड़े करवा दिये एक पाकिस्तान और दूसरा बंगलादेश
29:31तो इंद्रा गांधी को भारत में हमेशा के लिए तरह से इतनी बड़ी लोगप्रेता प्राक्त हो गई कि उन्होंने अपातकाल लागू करके
29:391975 का एक बार अपनी सत्ता गवा दी और दुबारा 1980 में उन्हीं को वापस भारी बहुमत से जंता लेकर के आ गई
29:48क्योंकि इंद्रा गांधी का वो वर्चस्व दिखाई दे रहा था उनको जिसमें उन्होंना पाकिस्तान को पराजित किया था यहां पर जॉर्ज बुश सीनियर इराग को हरा रहा है इराग पराजित हो रहा है लेकिन फिर भी देखिए
30:01आइंतीचू का यो एलेक्षीन था कबका उन्निससों वरामगे का चुनाव करat
30:11जिसमें जौर्ज बुश को पराजित करना वाले कौन थे हैं जौर्ज भुश को पराजित किया था क्लिंटन � às
30:21बुश को हराया
30:25क्लिंटन ने
30:27बुश को
30:28हराया पराजित किया
30:31तो यहां
30:33से ही आपको इबात समझ में आ जाती है
30:35कि अमेरिका की जनता क्या चाहती है
30:37अमेरिका की जनता
30:38यह चाहती है कि आप दूसरों देशों के आंतरिक मानूर में
30:41अस्तरक्षेप मत करो
30:42जब चुनाव गुआ था 1992 का तो समय 1992 का एलेक्षन ही एप उनिस सो बरांगे का चुनाव तो क्लिंटन जो चुनाव लड़ रहे थे उनने कहा था कि हम सांती की विदेशनिती अपनाएंगे हम घरेलों नीती पर ज्यादा ध्यान करेंगे हम जल्वाई परिवर्दन पर ध्यान
31:12चाहती है यह भी पता चलता है जिसका हम यहां एक्जांपल देखेंगे अमेरीकी समाज की प्रकृति में देखें अमेरीकी नाग्रिक स्वत्व और
31:35अमेरिकी नागरिक अमेरिका के अन्य रास्ट्रों के मामरों में हस्तक्षेप का विरोध करते हैं।
31:41और यहां इसका एक्जामपल अभी थोड़ देल पहले जो देखा वो था जो जो जो जो जो जो जो सीनियर
31:53है वस्ति फिर ओग्सेस अंके खिलाफ दीशूर एक चुनाव रहे थे भूग्स ए बिलक्लिंटन
32:04अब इसमें जीत कीजी शूलिग क्लिंटन की हुई तो यहां जीत क्लिंटन यूने का कारण जैसा कि मैंने बताया इन्हों
32:12जादा फोकस किया था वह जीत कर आया थे फिर भी पराजित हुए क्योंकि दूसरों देशों के आंत्रिक पार्णों में हस्तक शिर्फ करना वहां की जनता को पसंद नहीं है
32:22डिट आमेरिकी नागरी की यिद्ध भीडोंती हैं क्योंकि ऐसा करने से उनकी संट व प्रफावित होती
32:30है तो अमेरिका की एक तुक करे हब करके बांट करती है वह ऑकर आध्यों के जनता की जीवन्शह लिए
32:43वो है आजाद जीवर स्वचंद जीवर एश्वाराम पूर्ण जीवर क्यों दूसरे देशों के आंतरिक मामल में हस्तक्षित किया जा है वहां की जनता को पसंद नहीं है
32:54तीसरा नाचो सेनन सत्ठ प्रिटी औरनाइजैशन ओतरी ऐट्लांटिक संदी संगठन में अमेरिका के अलावा देशां अलावीके जन जनी सामें यूं इंग प।
33:04तो सेना तथा सेनिक खर्च में इन देशों का हिस्सा है अधा अमेरिकी सेनिक वर्चस्व के मार्ग में वेरास्ट्र बाधक बनते हैं कौन जो नाटों में सामिल है तो में आप सभी जानते हैं वर्तमान समय में 30 देश हैं
33:21अधिर्टी कंट्रीज से मलई अमेरिका के इसारे पर चलते हैं इसारे देश बड़ हमने कहीं बार देखा है अमेरिका के खिलाफ भी जाने वूब आमेरिक की चाहता है उसके ही देश नाटों के मेंबनों ही उसके विरोद में खड़े हो जाते हैं और इसका एक देजाम्पल �
33:51और चालिज देश थे इस बट आपको जानकर यह आश्चरी होगा कि फ्रांस इसका विरोध कर रहा है
34:10फ्रांस ने विरोध किया जबकि फ्रांस नाटो का एक सदस्य है और क्यों किया क्योंकि फ्रांस को लगा कि अमेरिका अपनी चाहों को
34:20पूरा करने के लिए हमें वे फिजू गसीत रहा है उद्देश्य तो अमेरिका को पूरा करना है अमेरिका इराक पर अपना नियृत में स्थाफिक करना चाहता है नाटो सेना को जबरदस्ति ध्रकेला जा रहा है की फ्रांस ने इसका विरोध किया बिलकुल बढ़ा किया
34:34पैसा नहीं करेंगे तो यहां पर एक देश का विरूद जो दिखाई देरा वो इस बात का प्रमाण इस बात का सूचक है कि अमेरिका के मार्ग में नाटो संगठन भी कभी वी एक बड़ी बाधा बन सकता है और जैसा कि आप एक और उधारंग से इसको समझ सकते हैं जो रूस
35:04कंट्रीज जो है नाटो देश यह विभाजित नजर आ रहे हैं यह विभाजन का सिकार है क्योंकि अमेरिका ने जैसे ही रूस पर प्रतिबंद लगाए रूस ने जिंजिन देशों ने प्रतिबंद लगां उस्थी देशों को अपने यहां से इंधन बेचना बंद कर दिया
35:34ठीकि लगा दीजी प्रतिपत काफी दिनों तक तो सब कुछ ठीक ठाप चलता रहा फिर इन देशों के हाला खराब होने लगे बिना पेट्रोल और बिना तेल के इनके अर्थवेवस्ता डामदोर होने लगी देरे देरे देरे देरे नाटो विभाजित होने लगा यानि कि ती
36:04अमेरिका की केवल अपने नीजी उत्देश्य को पूरा करने के लिए हम सभी को बेफिजूल इसमें जोंका जा रहा है और यह कहा जा रहा है कि जो मैं चाहता हूं वही सही है आप सब जने रूस के खिलाफ तयार रहिए उस पर प्रतिबंद लगा दीजी लगा दिए प्रत
36:34या फिर गैस महां से खरीदा चाहिए तो यह आप देख सकते हैं कि कैसे नाटो जैसा संगठन भी कभी भी तूटतावा नजर आ सकता है खिर आगे की चर्चा को हम प्रारंद करते हैं वह है भारत-अमेरिका संबंदों की इंडो-अमेरिकान रिलेशंश्य के वर्षों में �
37:04है 1947 जब भारत स्वतंतर हुआ है भारत ये इंडो ने सब्सक्राइब तरह कि अ में प्रारम में भारत आए यू एस संबंध तो का ओंसा मिर रहे और सामानी क्यों रहे क्यों कि भारत किस आजाद हुआ था ब्रिटेटेज से ब्रिटें कौन सा देश है एक पुजीवादी द
37:34ब्रेटेन से आजाद हुआ है तो ब्रेटेन में हमारे देश के सम्मत दूसरे देशों से स्थापित किये हुए थे अपने अपने मेशिक काल में भारत के जिन जिन देशों के साथ जो जो सम्मत ब्रेटेन के काल में स्थापित हुए थे भारत को अभी कुछ दिनों तक तो उन
38:04कि यूँएस की तरफ से भारत को कोई सह योग नहीं जब हारत को यूएस का सहीओग नहीं मिला तो भारत को लग गया कि आम पोलिशी में समझ कर ले
38:18अमेरिका हमारे साथ नहीं का दिखाई दे रहा है तो भारत में 1971 में भारती आंसियो सोव्यत
38:29संधी कितने वर्सों के लिए 20 वर्सों के लिए संधी की गई भ्यापार ऑबनिजी को लेका तो भारत का जुका ऑँ कहां चला गया सोवत संग की तरफ चला गया
38:451991 में यहां देखिया चीतियुद के वर्सों में भारत अमेरिकी गुट के गरुद्ध खड़ा था इस समय भारत की मित्रता
38:53सोवेट संग के साथ थी जो मैं यहां पर आपको बता चुका हूँ है और दुनिया की भी समय आवशकता है उदारवाद की तरफ बढ़ने की इसलिए भारत ने नीतियों में परिवर्तन करते हुए भारत की सोर बढ़ने लगा उदारवाद की और बढ़ने लगा भारत अमेरि
39:23यहां से भारत और अमेरिका के संबंदों में क्या हुआ मजबूत ही आने लगी भारत वर्तमान समय में अमेरिका का बहुत बड़ा व्यापारिक साज़दार है आज हम कह सकते हैं कि हमारा बहुत सारा व्यापार अमेरिका से हो रहा है हम अमेरिका से बहुत सारी चीजे खरी
39:53और बहुत सारी चीजों की लिए दिन भारत और अमेरिका की बीच में वर्तमान समय में चल रही है तो एक बड़ा साज़िदार कहा जा सकता है
40:01हालगी में भारत अमेरिकी संब्दों में दो नई बाते उबरी हैं इन बातों का संब्द प्रद्योगी की और अमेरिका में बसे अप्रवासी या निवासी जिनको कहा जाता है सामानिय हम अप्रवासी कहते हैं अप्रवासी कहते हैं जो वहां के निवासी नहीं है जो वहां के
40:31भारत के पुल निर्यात का 55% किसको जाता है अमेरिका को जाता है मतलब भारत जितना
40:36software अपने यहना से बना करके निर्यात करता है बेचता है दुनिया के देशों को और भारत
40:43software का सबसे बड़ा निर्माता है वह भारत जब दुनिया को बेचता है तो
40:47तो अमेरिका अक्यला केटिद लेता है 65% तो अमेरिका अक्यला थेता बूइंग के 35% कर्मचारी भारत्यक बूर्जकें
40:55भौएंग उसमें 35 परसेंट लोग जो भांवार्तीय नोके हैं उनको रखा गया है
41:15तो यह भी भारत्र अमेरिका के दनिष्ट संबंदों का एक सूचक है तीन लाख भारतिय सिलिकन वैली में काम करते हैं जो कि अमेरिका में इससे थे
41:28कि उच्प रौभ देरंगिक सेट्र की 15 प्रतीसत कंपनियों के सुरुवात भारतिय लोगों कre द्वार की अमेरिका के अंदर यह बड़ी बड़ी प्रोध्यूर्णि की कंपनियांं और जिनको आइटीज कंपनि कहा जाता
41:42वो 15 प्रतिसत उन में से इंडिया के जो लोग अमेरिका में जाकर बसेते उन्हों ने सुरू की यह भारतों अमेरिका के बीच जो गहराते संबंध है उनकी और संकेत है अब भारत अमेरिकी संबंधों पर विद्वानों के दृस्टी कौन क्या है अलग-अलग विद्वान क्य
42:12आपके हित्में इंडो-ई-एस रेलेश्शन्स को आगे बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि भारत के हित्में हैं दौनों देशों का संबंध बढ़ना या दौनों देशों की संबंध मजबूत होना विपक्स में दृस्टी को क्या कहता है अमेरिका भारत संबंध भाष्य मे
42:42तो से यूज़ करूँ अदरवाईस उसे ठोर्व कर दो औरता घ्रक तर अमेरिका कबी हो देश को अपने दिल से इसलिए नहीं लगा कर रखता कि उसको फरेम उसके देश से नहीं
42:54बल्कि वो इसलिए कि उसके काम का है काम का नहीं है तो आपकी तरफ नजर भी नहीं उठाएगा आपसे बात भी नहीं करेगा आपको किसी प्रकाल की कोई तवज्जु नहीं देगा
43:03अभी अभी आपने देखा होगा कुछ समय पहले एक वीडियो बहुत वाइरल हुआ था किसी एक सम्मेलन में जब अमेरिका और भारत के रास्ट्रपती दोनों ही भाग लेने पहुंचे थे तो वहां पर अमेरिका के रास्ट्रपती जो बाइदेन जो की पीछे की पंक्ति में
43:33प्रता अमेरिका के रिए फाइदे मन थे इसलिए अमेरिका भारत के साथ संबंदों पर द्यान दे रहा है ठीक ऐसा ही जब डुनाल्ड ट्रॉम्प रास्ट्रपती थे उस समय मोदी जी और डुनाल्ड ट्रॉम्प के वीच में रिसके थे तो यहां तक कि मोदी जी को भारत
44:03है आप क्या सूच रहे हैं कि वो भारत से लगावो हैं उनको मोदी जी से महाज़ा हैं नहीं को किस्ता में भारत कुछ फाय कर देश दिख रहा है कि इसलिए ओ भारत के साथ संबंदों पर अधिक बल दे रहे हैं दर्वाइस नहीं तो यह वही हैं
44:09में भारत कुछ फाइदे का देश दिख रहा है इसलिए वो भारत के साथ संबंदों पर अधिक बल दे रहे हैं अधर्वाइस नहीं तो यह वही लोग हैं जो यह कह रहे हैं कि भारत और
44:19अमेरिका के संबंदों को ज्यादा आगी बढ़ाने के अवश्यक्ता नहीं है क्योंकि अमेरिका की फोरेंड पॉलिसी सिखाती है कि अमेरिका यूज इन द्रो पर चलता है इसलिए जरूत है तो अमेरिका के साथ संबंद रखोर उतने रखोर ज्यादा रखने के अवश्यक्त
44:49बहुत है अपने मीजी हितों के लिए काम में लेने की निति रही है भारत को विकासिल देशों का नितरत्व ही करना चАहिए ये इन विद्वनों का मानना है अरथात अमेरिका से तूरी बनाका रखनी चाहिए
45:01अब वर्चस्व से कैसे निपटे
45:04अमेरिकी वर्चस्व से निपटने के लिए सामानेते हैं दो तर्क दिये जाते हैं
45:09कितने तर्क दिये जाते हैं कि हम अमेरिका के वर्चस्व से इस प्रकार से निपट सकते हैं
45:16एक तर्फ तो यह कि भारत चीन जैसे देश एक जूट होकर अमेरिकी वर्चस्व का विरूद करें लेकिन दौनों देशों के बीच इतने मदवेद हैं कि ऐसा करपाना संभाव नहीं है
45:26तो आज अमेरिका के बाद आर्थिक सक्ति के रूप में भी अमेरिका के बाद उसी का नमबर आता है
45:37जहां अमेरिका का पूरी जीडीप के अंदर मतलब विश्व की जीडीपी है वहाँ पर 21.48 के आसपास का जो शेयर है वहीं 14.something चीन का है
45:50यानि कि चीन और अमेरिका याण बाद ये जाया करेद तो दबाओ बन सकता है अमेरिका मेरिका रथी शेयरं लगांग सकती है
46:05बट ये सपने जैसा दिखता है क्योंकि दौनों देशों के बीच आपसी मतवेदी इतने जादा है कि यह तो दौनों ही एक बूसर के खिलाफ खड़े दिखाई देते हैं और अमेरिका तो चाहता भी यही है
46:19इसलिए अमेरिका उस पॉलिशी पर चलता है जिसे इन दौनों देशों के बीच की दूरियों को बढ़ाया जा सके वो जान बूच कर भारत को चीन को भारत के नस्दीक नहीं आने जेना चाहता है क्योंकि अमेरिका का इसमें खित है तो यहां यह समझने की बात है कि
46:37कि यह दौनों देश एक जुट होकर अमेरिका के वर्चर्शों पर कंट्रोल करेंगे यह थोड़ा सा समझ से परिलगता है दूसरा सव्यूत्राष्ट्र संग एक अंतराष्ट्रे संगठन होने के नाते अमेरिका पर अंकुस लगा सकता है क्यों पूरे वर्ड का लीडर है �
47:07एक बाता है सव्यूतराष्ट्र संग के बी वे उता संव नहीं है संग्त सभी कोई उमीद नहीं है क्यों कुछ सभी अमेरिका की अरफ म行了 कर रहा है
47:21अमेरिका के सबसे बड़ा को चलाने के अमेरिका देता है जो समय थराष्ट्रास्ट्शन के सारे बूख्याले स्तूत है और जहां का जहां का जो दोकाशाही वह उमेरिका का
47:42तो अमेरिका का उसके ऊपर परतियक्स तोनों प्रकार का नियल प्रत्र है इसलिया।
47:47एक उन्यानों से उपीद भी नहीं कर सकतें कि यूən नूँ अमेरिका पर कुई कंट्रोल कर पाएगा।
47:52कि एक कर जिया जाता है कि दोनों देशों को अपने को अमेरिका से बचाना चाहिए कि
48:14लेकिन लबे समयं तक अमेरिका से अलग रहे पाना भी संभः प्रतित ह organizing
48:20संग् यूक्रेशन यूत अमेरिकाश्तक्ष्रम को देख लिए उसके अंदर उसके बाद में चीं ताइवान तनाव अमेरिकाश्तक्षप को वहां पर भी देख लीजिये
48:29चीजित तैवान तनाव शोवेट संग और यूकरेंघ का संग ना की थीक
48:39है क्योंकि शोवेट संग पतन ही हो गया है हम इसे रूस यूकरेंघ को源 और उत्तर
48:47को रिया दक्षिन को रिया के बीच तनाव टेंशन जो बढ़ रही है उसमें भी अमेरिका का
48:52अगा। यरा
49:07बाता है clients,
49:10इनके वी स्वितनाव चल रहा है।
49:16कि अपुछ बुद्रवानों का मानना है कि आमेरीक की वर्चशन्व से पार mgna संभन नहीं है,
49:20अटा उसके साथ ही चलना है।
49:21कहा जाता है मतलब होता है जैसी बहे बयार जैसी बहे बयार का मतलब होता है हवा पीट तैसी कीजिए
49:38मतलब उसी के अनुषी किजिए कि अपने सुना होगा कहा जाता है कि जो समूद्र के अंदर पेरना चाहता है उसको हवाओं के साथ पेर ना चाहिए उसके हमेसमार हमешता है
50:00के साथ साथ चलिए वही हमारा हित है क्योंकि उसके विरोध में जो जाने की कोशिश करता है उसको भारिक शती होती है चलिए अब हम आते हैं पहले प्रशन पर और देखते हैं हमारा पहला प्रशन क्या है
50:30कि देखिए फ्रशन है सांस्कृतिक शेत्र अमेंद की वर्चश्व का प्रतीक निमलिखित में से किसे माना जाता है ए बर्गर पिज़ा या योग
50:50सी बर्गर निलिजिन्स या सामयवादी विचारधारा और डी पुंजिवादी विचारधारा योग वनिलिजिन्स गलत गलत को निकाल दीजिए आपका उतर अपना पर ठीक हो जाएगा अमेरिका की पुंजिवादी विचारधा तो है पर योग तो भारत से जन्मा है बर्�
51:20तो यहां जो अमेरिकी वर्चस्व का सांस्कृतिक प्रतीक है वो है बर्गर पिज्जावा निली जीन्स यानिकी यह आपका उत्तर बिल्कुल ठीक है
51:28प्रश्ना है निम्लिखित मैंसे गलत कथन का चुनाओ करें
51:32दूसरा ुष्वा की आर्थव्यवस्ता उदारबाद की तरफ अग्रसर थी या अपके सामने दिकल्प है
52:02चलिए तो यहां थोड़ा सा हमें पहले तो एक क्रेक्शन करना है वो कर लेते हैं
52:07A, B, C, D है एक दो तीन चार के जगर पर वो हम कर लेते हैं आप उत्तर सोच लिजे तब तक
52:12बहला आप को भी वक्त मिलना चाहिए आप भी अपना दिमान दोड़ा हैं आपने पूरी क्लास अटेंड की है पड़ा है इसलिए आपको पता होना चाहिए
52:20A, B, C और D हमारे ये विकल्प हो गए चलिए अब हम चर्चा करते हैं एक बार फिर आपके इन चार विकल्पों पर पहला विकल्प
52:31इस लिए उसा बर्युर कि दौरान अचे civ killerlot की सोव्यसक्रा को सेने शंती में मात देपाना मुष्किल मैंकि इस तो शूते हो जाता तो अमेरीका और सोवेत संग के
53:01पाना सोवेट संग से संभव नहीं है सित्यूद के दौरान सोवेट संग की अर्थ्वयवस्ता केंद्री करत पर नियोजित मोडल पर आधारिक थी बिलकुल करेक्ट है
53:09अधारिक थी और दी है विश्व के अर्थ्वस्ता उदारवाद के तरफ अग्रसर थी ये भी ठीक है दुनिया के सभी देश अमेरिकी मोडल पर उदारवाद के तरफ आगे बढ़ रहे थे तो ये भी सही है गलत कथन ढूंदना था और वो है सित्यूद के दौरान अमेरिका क
53:39ऐसा कथन है जो अमेरिकी सक्ठी के माइव में अवरोध दिखाई देता है �으 में उस गलत कथन को चनना है प�uhला अमेरिकर संस्तागत और ये तो सही कथन है क्योंकि में इस तो मेरिका के रास्ते में ऊर्श्व के रास्ते में कि नाटो के शेनिक प्रक गे देस जो 30 अनमाहि
54:09के लिए नाटो का प्रयोग किया है और नाटो की सेना जो है उस पर जो खर्च होता है वो सभी देशों का बराबर होता है लेकिन इसका बेनिफिट तो अकेला अमेरिका को उठाना पर मिल रहा है बाकी तो वेचारे मुग दर्सक बने हुए हैं उनको ना तो कभी जरूत पड�
54:39वो अमेरिका के वर्चस्व के खिलाफ खड़े हैं वो नहीं चाहते कि अमेरिका फालतू के मामलों में अस्तक्षिप करें भारत अमेरिकी संब्द बस यह है यह भारत और अमेरिका के संब्द जो है वो कहीं पर भी अमेरिका के वर्चस्व के मार्व में अवरोध नहीं है �
55:09संबंदों से संबंदित सही कथन का चुनाओ करें ए भारत के आजादी के बाद भारत ने पुरंत सोव्यत संग से संबंद इस्थापित कर ली भी भारत ने गुर्डिलपेक्स निती का अनुसरन करते हुए भी अमेरिका की तरफ प्रारभिक जुकाओ रखा
55:25सी भारत ने 1991 के पस्चात उदारवादी निती का क्या किया भारत सोव्यत संग के समय अमेरिका ने चीन के साथ अपने संबंदों को तोड़ा तो यह आपके सामने चार विकल्ब हैं रिपीट कर रहा हूं विकल्ब को देखिए भारत की आजादी के बाद भारत ने तुरंत सो�
55:55अपके टिये थे नहीं किये थे गलत अपर आपको यह सही कथान का चुनाऊ करना है क्योंकि सॉराइटिंग में जुक्ति में भारत में अमेरिका नबिसापित
56:12कि ग्रारम अमेरिक सम्द जब हारत आजाद हुआ था उसके तुरंथ बाद सोगत संग में तुरंध के तुरंथ इस्थापित नहीं हुए थे भारत ने गुटनर पेक्ष्ण निति का अनुसरान करते हुए भी अमेरिका की तरफ प्रारभिक जुकाओ रखा यह सही है कि प्रा
56:42बाद में उदारवादी वीति को क्या किया था त्याग दिया था तो यह भी राइट यह भारत सोवेत संधी के समय अमेरिका ने चीन के साथ अपने संबन्धों को तोड़ा तोड़ा नहीं बल्कि जोड़ा था यहां पर
57:03रिपोर्ट वापस रिपीट कर रहा हूं भारत सोवेत संधी कब हुई थी आपको याद होगा भारत सोवेत संधी 1971 की बात है उच समय अमेरिका ने चीन के साथ संबन्धों को इस्थापित किया था यहां पर संबन्ध इस्थापित हुए थे क्योंकि 1972 में भारतोर चीन के बी�
57:33बी और सी यह दोनों कथन सत्य हैं और पहला कथन जो है वो गलत है भारत की आजादी के बाद भारत ने तुरल सोवेत संध से संबन्ध इस्थापित कर लिये थे ऐसा नहीं था तो इसमें हमने प्रश्न को थोड़ा हमें ठीक भी करना पड़ेगा क्यों ठीक करना पड़ेग
58:03प्रश्न कैसे पूछा जाता आप देख सकते हैं प्रस्न कौन सा कथन सही कथन का चुनाओ करें तो दूसरा और तीसरा है तो पहला उत्तर हम या दूसरा और तीसरा रख देते यह तो सही कथन है
58:30यहां पर हम पहला और चौथा रख देते हैं तो यह गलत है यहां पर हम पहला और तीसरा रख देते तो भी गलत है और यहां पर अगर हम तीसरा और चौथा रख देते तो भी गलत है तो सही उत्तर आपका क्या बनेगा सही उत्तर बनेगा आपका ए दो और तीम इसमें सही
59:00जब होगी तो हम कुछ नई चीजों के साथ मुलाकात करें कि मिलते हैं तब तक के लिए
59:05स्टेफिट जैहिए

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