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  • 6 days ago
Part- 02 क्षेत्रीय आकांक्षाएँ (POL--स्वतंत्र भारत में राजनीति--7--क्षेत्रीय आकांक्षाएँ और संघर्ष

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00:00नमस्कार उत्यार्थियों, मैं सुरिष भाटी आप सभी का आज की स्क्लास में एक बार फिट से हार्दिक्स्वागत रभिनादन करता हूँ
00:06स्टुडेंट्स हमारे तो चेप्टर चल रहा है शेत्री आकांक्षाएं
00:09इस चेप्टर में हम लोग चर्चा कर चुके हैं
00:12जम्मु कश्मीर किस प्रकार से भारत में सामील हुआ
00:15जम्मु कश्मीर के भारत में सामील होने के पश्चात कौन-कौन सी समस्यां जम्मु कश्मीर में उत्पन हुई
00:21और किस प्रकार से जम्मु कश्मीर जो था उस यत्री आकांक्षाओं का केंदर बना
00:25किस प्रकार से जम्मू कश्मीर में अलगाओबाद की मांग उठी, जम्मू कश्मीर में किस प्रकार से ये कहा जा सकता है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद या उगरवाद ने जन्म लिया और एक समय ऐसा आया 1990 का दशक जब जम्मू कश्मीर में स्वायत्ता की मांग उठी
00:55उसमें हस्तक्षेप करने की कोशिस की और किस प्रकार से वहाँ पर धीरे धीरे धीरे एक लोगतांत्रिक व्यवस्ता का जन्द हुआ
01:03अंत में जाते-जाते ये देखा गया कि जम्मु कश्मीर में PDP यानि की People's Democratic Party और भारतिय जन्ता Party ने जब अपनी सरकार का गठन किया उसके पस्चात 2019 तक आते बीजेपी ने PDP से अपना समर्थन हटाया और वहाँ की सरकार गिरी राजपती सासन लागू किया गया जम्मु क�
01:33सासित प्रदेश में विभाजित किया गया और जम्मु कश्मीर का जो इस्पैसल स्टेटस जो था जिसे हम अनुछे 370 के अंतरगत विशेस राज्जी कहते हैं वह समाप्त किया गया तो यह सारी वो घटनाय हैं जिन पर हम चर्चा कर चुके हैं आज हम चर्चा प्रारम करे
02:03सुरू करते हैं हम पंजाब से आप जैसा कि देख रहे हैं हम इस क्लास के अंदर पंजाब में जो शेत्रियता की मांग उटी थी उस पर चर्चा करने जा रहे हैं पंजाब एक ऐसा स्टेट जो देखा जाए तो बहु संख्यक सिख धर्म का स्टेट है अगर भारत में मुख
02:33पंजाब में निवास करते हैं और इसी भावना ने हम पंजाब के लोगों को शेत्रियता के लिए अलगावबाद के लिए प्रेवत किया यानि कि पंजाब में एक ऐसा वर्ग था
02:44एक ऐसा समू था जिस समू ने ये मांग उठाई कि पंजाब को एक स्वतंत्र देश का दर्जाद दिया जाना चाहिए ये मांग हालां कि 1950 के दसक से दीमी गती से प्रारब हो गई थी जब पंजाब को भाशा के आधार पर एक राज्य बनाय जाने के मांग उठी थी उसके पस
03:14पंजाब को प्रशाद ब्लू स्टार चलाकर पंजाब में सांती स्थापित करने की कोशिश करनी पड़ी जिसके अवज में परधानमंत्र इंद्रा गांधी की हत्या भी कर दी गई और पंजाब काफी समय तक सुलगता रहा अंततह इंद्रा गांधी के प्रस्चात राजी�
03:44पंजाब का भाषा के अधार पर विभाजन जिसमें से हरियाना तता हिमाचल प्रदेश दो राज्जी पंजाब से प्रतक हुए तेखिए अगर हम बात करते हैं यह मांग जो उठी थी वो कब से उठी ती 1950 के दशक से
03:571950 के दशक से एक मांग उठी थी और वो मांग थी पंजाबी सूबा पंजाबी सूबा इसका मतलब यह था कि पंजाबी भाषा बोलने वालों के लिए अलग सूबा होना चाहिए एक अलग राज्य होना चाहिए यह मांग प्रारम हो चुकी थी
04:171966 में 1966 में इस मांग के आधार पर ही पंजाब का व्यभाजन हुआ पंजाब से हर्याना बनाया गया जो हर्यान भी बोलने वाले थे जो हिंदी भासी थे पंजाब भी बोलने वाले जो थे उनका पंजाब रहा और यह पंजाब उस्वामें तक ग्रहत्तर पंजाब कहलाता थ
04:47राज्य का दर्जा दिया गया इनकी माचल परदेश राज्य बना इससे प्रथक होकर यानिकी पंजाब से प्रथक होकर आप देख रहे हैं 1920 में पंजाब में अकाली दल का गठन किया गया था जो सिख समुदाय का प्रतनेद्ध्व करने वाला एक राजवेतिक दल था इसके �
05:17कॉंग्रेस एक ऐसा मंच था जो भारत के लोगों को प्रतनेद्ध्व वफ्रदान करता था यानि कि कॉंग्रेस के माध्यम से भारत के सभी लोग अपनी बात ब्रिटिस सरकार के सबक्स रखते थे
05:30लेकिन एक समय आया जबकि प्रतक हम यह कह सकते हैं मुस्लिमों के लिए प्रतक प्रतनीदी सभा की प्रतक जो है वह एक मांग रखने वाले मंच की आवशकता मुस्लिमों को मैसूस हुई और उन्होंने एक मुस्लिम लीग नाम से अपना एक मंच बनाया जिसका काम था
05:52मुस्लिमों की समस्याओं को मुस्लिमों का प्रतनिद्व करते हुए
05:56ब्रिटिस सरकार के समक्सर रखना
05:58उसी समय
06:00पंजाब में जो शिक धर्म के लोग थे
06:02मैंने आपको अभी बताया था
06:03सबसे अधिक सिंख्या में हिंदूओं के बाद मुस्लिम
06:06और उसके बाद सिख धर्म के लोग रहते हैं
06:08तो सिख धर्म के लोगों को प्रतनेद्व देने के लिए
06:11अकाली दल का गठन किया गया
06:13तो इस तरह से अकाली दल जो था
06:15वो 1920 में गठित हो चुका था
06:17लेकिन गठित होते ही अकाली दल ने
06:20कोई अलग देश की मांग रखी हो ऐसा नहीं था
06:22अलग देश की मांग तो उस समय केवल
06:25मुस्मिम लिग के द्वारा रखी गए थी
06:27और इसी के आधार पर
06:29भारत से अलग पाकिस्तान एक देश बन गया था
06:32लेकिन जब पाकिस्तान एक स्वतंतर देश बना
06:35तो सिक्र समुदाई के लोगों को भी ऐसा एहसास हुआ, ऐसा आभास हुआ
06:39कि वो भी एक देश बना सकते हैं, क्योंकि वो भी एक बड़ा धर्म है हंदुस्तान के अंदर
06:44और इनको बाहर से भी समर्थन मिला, पागिस्तान चाहता था कि पंजाब तूटे
06:49यानि कि भारत से पंजाब अलग हुए, जो भारत अभी हमें मजबूत बड़े देश के रूपना दिख रहा है, वो भारत तुकडों में टूटना चाहिए, यह पागिस्तान की प्लानिंग थी, इस कारण से उन्होंने पंजाब के अंदर इस प्रकार के माहोल को जन दिया, उ
07:19कोई थी, यह उन्होंने दीरे-दीरे दीमे सुवद में प्रारम किया था, अकाली दर ने पंजाब की राजनिती में दीरे-दीरे अपनी इस्तिती को मजबूत किया, और 1966 ने 1966 ने 1966 से लेकर 1977 में अपनी सरकार बनाई उन्होंने, आप सभी जानते हैं कि 1967 का जो एलेक्शन थ
07:49हुआ था, कियो राजनिती अबूकम सिथ हुआ था, क्योंकि 1967 के चुनावों में जो छोथा आम चुनाव था नौ राज्यों से कॉंगरेस की विदाई हो गई थी, अर्था, कॉंग्रेस नौ राज्यों में अपनी सरकार बनाने में असफल रही थी, वही कॉंग्रेस जो प�
08:19जो कॉंग्रेस के खिलाब एक नारा बुलंद हुआ था राम्मनोपर लुहिया का गैर कॉंग्रेसवार उसका प्रभाव ऐसा पड़ा था कि कई राजियों में कॉंग्रेस गायब हो गई और पंजाब के अंदर जो है पॉपुलर युनाइटेड फ्रेंट की सरकार बनी थी य
08:49उसका नाम क्या था पॉपुलर युनाइटेड फ्रेंट की सरकार पॉपुलर युनाइटेड फ्रेंट यह सरकार बनी थी यह सरकार आगे चलकर जो है 1967 से लेकर के 77 तक पंजाबना स्थित्तु में रही थी
09:16दिरे दिर अकाली दल की राजनतिय तिकिस सीही कमजお願いします क्यों कमज़ोर होने लगी इसे कुछ खारंड भी
09:21उइनकारणों में आप सबसे पहला मैंकरा देखेंगे अकाली दल की सरकार को केंद्र दूरा समय से पहले बंग कर दिया
09:28समय से पहले बंग करना आप सभी जानते हैं कि ऐसा आग कोंग्रेस ने पूर्व में भी किया था
09:36उनीसो सत्तावन का जो दूसरा आम चुनाव था उस समय कैरल में गैर कोंग्रेसी सरकार बने थी
09:43इमस नमूद्री पार्थ मुख्यमंद्री बने थी और ये कम्मिनिस्ट पार्टी के कटवंदन की सरकार थी
09:49वहाँ पर भी उनीसो उनसाट में 1959 में अनुछे 356 का उप्योग करते हुए के अंदर सरकार के द्वारा उस सरकार को भंग कर दिया गया था
09:59कुछ ऐसा ही जो है वहम पंजाब के साहन हा पंजाब की सरकार वुभी समय से पूर्वा भंग किया गया दूसरा पन्जाब पहले हिंगे पंजाब के
10:10का अकाली दल के अकाली दल को समर्थन परापत नहीं थी था पजाब में केवल �alystik ثल्व के लोग रहते हो ऐसा नहीं Во
10:29नहीं था सिख खुद जो थे वो भी अनेक जातियों और वर्गों में विभाजित थे सिख समुदाय खुद किसमें था अनेक जातियों वर्गों में विभाजित था पंजाब के दलितों का सहीव कॉंग्रेश को प्राप्र था यानि कि जो दलित समुदाय था वो मुख्य रू
10:59योग मिली नहीं पाएगा उसको, खुद सिक धर्म जो है वो भी दो भागों में बटा हुआ है।
11:04एक वो जो अकाली दल के साथ है एक वो जो अकाली दल के साथ नहीं है, तो इससे भी अकाली दल कमजोर हो जाता है।
11:10अकाली दल वैचारी का अधार पर नरम पंथी तथा चरम पंथी दो समोव में विमुत था नरम पंथी और चरम पंथी
11:19चरम पंथी सिख धर्म की कटरता में विश्वास करते थे तथा पंजाब को एक अलग देश बनाने की मांग कर रहे थे
11:26देकि पूरे अकाली दल ने पंजाब को अलग देश बनाने की मांग की हो ऐसा नहीं था
11:32बलकि यह मांग जो उठी थी वो मुख्य रूप से कटर पंती समुदाय या फिर चरम पंती समुदाय जो था
11:40अकाली दल का उसके द्वारा यह मांग उठाई गई थी
11:43तो हम यह कहें कि पूरे अकाली दल ने खालिस्तान की मांग उठाई हो तो गलत होगा
11:50मुख्य रूप से मांग किसके दोरा उठाई गई थी जो इसका कटर पंती था यह चरम पंती समुदाय था
11:55अकाली दल स्वारा स्वायत्ता की मांग की थी
11:58स्वायत्ता का मतलब क्या होता है अधिक स्वतंत्रता केंद्र राज्यों को अधिक स्वतंत्रता पुर्दान करे अलांकि ये स्वायत्ता की मांग के वल पंजाब से उठी वैसा नहीं था बलकि स्वायत्ता की मांग पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से भी उठी थी पं
12:28किया गया तरथा इस संभिलन में प्रस्ताव पारित किया गया प्रस्ताव की प्रम को मांगे क्या थी यह देखे जड़ा केंदर राज्चे संबन्त उनर परिभाशित होने चाहिए यह पहले मांग के यह सीधा एक्जाम में कोश्चन पूछा जाता है कई कोश्चन यहां तक स
12:58लिए अकालीदल नरंपंथी अकालीदल चेंग तो आप वह ऊसे बातियों करधित नोद नहीं जाएगा पर होस्चन में तो अकालीद्ल है सिमाना जाएगा यह चाई how
13:24आपको फिर यह मांग कब उठी तो आप क्या बताएंगे यह मांग उठी 1973 में जब आनिपूर साही प्रस्ताव पारित किया गया इस प्रस्ताव में सबसे पहली बात जो की गई थी वो यह थी कि केंद्र राज्जिय संब्ध उनर परिखासित होने चाहिए जो हमारे समिधान क
13:54राज्जियों को अधिक सकते हैं मिले कुछ इस प्रकार से बदलाव किये जाएं संगधान के अंतरगत्र दूसरा सिक कौम नेशन या समुदाय की अकांक्षाओं पर जोड देते हुए बोल बाला प्रभुत्व या वर्चस्व का एलान किया गया इस प्रस्ताव में संगव
14:24सिख राष्ट्र की मांग के रूप में देखा गया है यह सबसे इंपोर्टेंट है कि भलाई कहने को सब्दावली क्या थी कि संग्य व्यवस्ता को अधिक मजबूत किया जाए लेकिन इसके पीछे जो बात छुपी भी दिखाई दे रही है वो थी अलग सिख राष्ट्र की
14:54इती संघात्मक व्यवस्ता और सभी जानते है कि केंद्र व राज्य यह दो इस्तर होते हैं और दो इस्तरोंपर जो है वो सासाजन व्यवस्ता
15:07शासन व्यवस्ता इन दो इस तरों में बटी भी होती है केंद्र वर राज्जी में और केंद्र राज्जियों में जो भरप्र संखात्मक व्यवस्ता थी उस व्यवस्ता में क्या था केंद्र सक्ति साली था केंद्र को अधिक सक्ति साली बनाया गें था केंद्र सक्ति साली है
15:37यानि कि दूसरे सब्दों में रिंदर 30 साली राज्य कम्जोर और इसी पात का विरोथ अकाली-दल के द्वारा ने कहा कि राज्यों को अधिक 30 मिलना चाहिए इसे इसे ही सुध किमांग आजाता है जैसे आप देखेंगेकी लेगा इस
15:38यानि कि दूसरे सब्दों में केंदर सर्तिसाली राज्ये कमजोर रखे गए और इसी बात का विरोथ अकाली दल के द्वारा किया गया
15:47अकाली दल ने कहा कि राज्यों को अधिक सर्तिसाली बनाया जाना चाहिए
15:51राज्यों को जादा सक्ती मिलने चाहिए
15:53इसे ही स्वायत्ता की मांग कहा जाता है
15:55लेकिन आप देखेंगे कि इस मांग को
15:58अलग सिखरास्टर की मांग के रूप में देखा गया
16:001980 में अकाली दल की सरकार को भंग कर दिया गया
16:041980 में
16:05अकालि दल की सरकार को क्या कर दिया गया, भंग कर दिया गया, अकालि दल ने पंजाव वा अन्य राज्यों के जल बटवारे का समधान करने की मांग रखी, किसकी मांग रखी, पंजाव वा अन्य राज्यों के जल बटवारे की, मुख्य रूप से ये जो मुद्दा था, अन्
16:35वो जलका बटवारा एक नियम के तहट होना चाहिए इसके लिए नए नियम प्या किये जाने चाहिए पंजाब पर उसका अधिका कोना चाहिए और ये पानी इनको कम मिलना ची दूसरे स्टेट हो ये भी एक मांग रखी गई
16:50अकाली दल के चरंपंती गुठने खालिस्तान इनकी पंजाब को एक स्वतंतर देश की मांग बनाने की मांग तिवर कर दी
16:58इस मांग के पश्चाद पंजाब में अराजकता यानि की हिंसा की स्थिती ने जन्म लिया
17:04के इंदर सरकार द्वारा हिंसा रोकने के लिए जून 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाए गया
17:10यहाँ ऑपरेशन सैनिक कारे वाई थी देखिए ऑपरेशन ब्लू स्टार क्यों चलाए गया ऐसा क्या हो गया था
17:18उनिस सो तेहत् तर से लेकर voor 1904 sleep properly दो समय था यह बहुत भी हैथ फंजाल की राजिती में
17:241973 में आननदकूर स्थाभ प्रस्थाव पारेट में आंधपूर साहिब प्रस्थाव पारेट किया गया
17:35कि 1973 में इस प्रस्ताव के प्रश्चात लगाता जो है वो पंजाग को
17:49कि स्वतंत्र देश कि बनाने कि मांग तिवर हुई कि पंजाब एक स्वतंत्र देश बनना चाहिए मांग तिवर हुई
18:00और स्वतंत्र देश का नाम क्या रहेगा खालिस्तान तो हम दूसरे सब्दों में कह सकते हैं कि खालिस्तान की मांग उठी आनंद्पुर साहिव प्रस्ताव से और यह मांग दिन वदिल तिवर हुई चलीगी
18:12सब्सक्राइब से लेकर के उनिस्सा का केंद्र बनते हैं हिंसा इतनी ज्यादा प्रारभ हो गई कि अब सरकार के लिए सामान्य तरीके से इस हिंसा को रोक पाना कठीन लग रहा था आप सबी जानते हैं कि पंजाब का स्वन मंदिर जिसे गोल्डन टेंपिल कहा जाता है वो
18:42सवन मंदिर को जो है चरम पंती समुदाई ने अपना ओफिस बनाया ओफिस बनाने का मतलब है केंद्र था जहां से ये पूरी हिंसात्म गतिविद्यों को संचालित किया जा रहा था
18:53इस हिंसा के जो मास्टर माइड थे में बैठे करना तो सरकार को फोन मंदिर के खिलाफ क्या करना पड़ा सरकार को सवन मंदिर
19:07कि खिलाफ एक operation blue star चलाना पड़ा अलाकि कि वल सुन मंदिर के खिलाफ नहीं था बलकि यह operation blue star जो था वो एक सैनिक कारेवा ही थी पूरी सिंसा को रोकने के लिए इस इंसा को रोकने के लिए जून 1984 में जब सैना को आदेश दिया गया कि आप इस पूरी घटना पर कंट्रोल क
19:37चक्र था उसको निर्देशित कर रहे थी सेना ने स्वण मंदिर में प्रवेश कर कट्रपंथियों को एक एक करके मौत के घाट उतारा गया इस operation में मंदिर को भी भारिक शती पहुंचाई गई तथा भारत वा विदेशों में रहने वाले सिख्वों ने इस गटना की तिव
20:07था धार्मिक भावनाओं को ठेस्ट पहुंचाई थी अलांकि देखा जाता है कि सेना को एक मंदिर में प्रवेश करवाना कि धार्मिक भावनाओं के द्रश्टिकोंड से गलत कतब था ऐसा किसी भी धर्म के साथ अगर किया जाए वो हिंदू धर्म हो चाए मुस्लिम धर्म
20:37है ऐसा हुआ जिम धर्म के लोगों के साथ ना केवल भारत में रहने वाले सिखों के साथ बल्कि जहां-जहां सिख बैठे थे उन सबको आगात पहुचा इस बात को लेकर लेकर लेकिन सेना का सरकार का यह कहना था कि यह जो हिंसर गटनाए थी वह इतनी बढ़ चुकी थी क
21:07और जब इसके प्रमुक जो निर्देशक थे यानि कि इस हिंसा को पूरा चला रहे थे वो निर्देशक ही कहा थे गोल्डन टेंपल में तो मजबूरन कारी रही गोल्डन टेंपल के खलाफ करनी पड़ी तो इससे धार्विक भावना इतनी जादा तिवर ठेश पहुची कि
21:37जिन्धिरा गांदी कि अधिया कहा पर हुई थी दिल्ली में प्रधानमंत्री निवास इस्थाल पर
21:51प्रधानमंत्री निवास इस्थाल पर
21:56हिंद्रा गंदी की हत्या करती गई इस गटना के परिणाम शुरूप दिल्ली में हिंसक गटनाओं का दौर चला जिस में दो हजार से अधिक सिक्षों के हत्याएं की गई
22:11यह सब कुछ कहां हुआ दिल्ली में हुआ दिल्ली उसके आसपास दिल्ली कानपूर प्रमुको शेत्र थे जहां इस प्रकार का दौर चला जहां इंसात्मक गटनाएं गटित हुई और अब हिंदूओं की भावनाओं को ठीस पहुची थे जब हिंद्रा गंदी के अर्तिया
22:41इस गटना पर अफ्सोस जताया तथा माफी भी मादी कि उस समय जो कुछ हुआ था वो गलब था पंजाब में लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन नखना पड़ा ये इस्तिति बन गई कि वहां पर लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन रहा यानिकि अनुछे थीन सो श�
23:11अब आप देखेंगे पंजाब सांती की और आगे कैसे बढ़ा तो इंद्रा गांधी के पस्चाब उनके पुत्र राजीव गांधी प्रधान मंत्री बने राजीव गांधी वापस इंद्रा गांधी के बाद कॉंग्रेस सत्ता में आई राजीव गांधी प्रधान मंत्री �
23:41कर पनजाब सम्झोता भी कहते हैं और इस सम्झोते को ना णे उलाघम समझोता करके
23:48कर देना असे जारा सकता है दर्शान किसी भी प्रकार को से बूचा जा सकता है राजीव लॉगेवाल समझोता रार
23:56या फिर प्रस्ट पूछा जा सकता है पंजाब समझोता कब संपन हुआ तो दोनों एक ही है ये 1985 में समझोता हुआ था जिसे हम राजीम लौंगेवाल समझोता या फिर पंजाब समझोता कहें कर उकारते हैं
24:12है था समझोते की प्रमक बातें किया थी तो सब से पफails थिंभ पंजाब को भी इस बालखे यह बाटे हैब हर्वान को
24:17मैं तो दोनों और समयंगे आधिमा धार्रा खत्यारि लोगों को नहीं हाव्य के तक हिंसा से प्रभावित लोग हुए थैं उनको दिया जीन
24:40उनको जो है मुआउजा दिया जाएंगे शांती की और बढ़ना था गल्तियां हुई थी वलिक दोनों और से हुई हो पहली गल्ती पंजाब में जो अमन और चैन था उसे असांत किया गया जब मांगूती खालिस्तान की तो दूसरी गल्ती सरकार की तरफ से सेनिक कारेवाही म
25:10कहल कि जब प्रधानमंत्री बनते ही उन्हों ने 1985 में पंजाब के लोगों के साथ बाच्चित सुरू करती और बाच्चित में यह प्रमुक बिंदू थे जिन पर दौनों ने ही सेहमती जताई थी पंजाब विसे सुरक्षा बल अधिनियम को वापस लिया जाएगा एक अध
25:40गती विदियों पर कंट्रोल करने के लिए इससे समात्म किया जाएगा पंजाब हर्याना तथा राजस्तान के बीच रावी व्यास के जल बटवारे को लिए करके रावी व्यास नदी जो है इसका जल बटवारा इन तीनों राज्यों के बीच में नए सीरे से किया जाएगा
26:10मिलना चाहिए पंजाब को कितना मिले राजस्तान को कितना मिले और हर्याणा को कितना मिले यत्तय करेगा वोटर्टी दोगाई
26:17पंजाबुगरवात को उत्यार कर स HOW वड़ेगा पंजाब आधी समेडे के पश्चा अधिर या काल तक हिंसा कक्र चलता रहा
26:26था मानवादिकारों का उलंगन होता रहा ये सब कुछ लंबे समय चलता रहा दिर्ख काल तक पंजाब में राश्च्छपति सासन जारी रहा
26:351992 में पंजाब में चुनाव संपन करवाए गए गए 1992 में पंजाब में चुनाव संपन करवाए गए लेकिन डर के वातावरण में मात्र 20% मद्दान हुआ
26:50बोटिंग बहुत कम हुई चारतर डर का वातावरण था लोग घर से निकल नहीं रहे थे सहमें हुए थे हिंजाना लोगों को इतना डरा करके रख दिया था क्योंकि पंजाब में कुछ हालात इस प्रकार के हो गये थे कि देखते ही किसी भी व्यक्ति को कब कौन गोरी बार द
27:20भारतिय जनता पाइटी के गठबंधन को भारी बोग मत मिला अब यहां देखिए बादल का मतलब क्या है यह है प्रकासिंग बादल अकाली दल का गुठ था जो प्रकासिंग बादल के नेतरत्वों में था प्रकासिंग बादल
27:39अकाली दल का यह अलग प्रकासिंग बादल के नेतरत्वों में इसको अकाली दल बादल नाम दिया गया और भारतिय जनता पाइटी यहीं कि बीजेपी इन दौरों की बीच में
27:55उनिसों सिंत्यानों में गटबंदन हुआ एक समझोता हुआ कि अपनोनों मिलकर के अपनी सरकार यहां पर चलाएंगे पंजाब दीर दीरे लोगत अंत्रव शांती की और अग्रसर होने लगा वर्तमान में पंजाब में धर्म ने पेक्स्ता का अनुसरा किया जा रहा है
28:11अब वर्तमान समय में आप सभी जानते हैं कि पंजाब में किसकी सरकार है अब जो है पंजाब में आम आदमी पालिटी की सरकार है
28:27चलिए तो यह पंजाब के आपने देखी सारी विटनाएं किस प्रकार से पंजाब हिंसा की चपेट में आया किस प्रकार से पंजाब में हिंसा कुशांत किया गया किस प्रकार से पंजाब में वाचित की गई कैसे लोगतंत्र के रास्ते पर पंजाब को लाया गया यह सारी
28:57जो समय समय पर अलगावात का सिकार होगा है जिसमे मुख्य रूप से अलगावात का सिकार जम्मु कश्मीर पंजाब और उसके बाद पुर्वत्तर के राज्यों में मिजोरम और नागालेंड हुए और दक्षिन भारत में भी एक आंदोलन उठा था दक्षिन भारत को स्वतं
29:27पुरोत्तर की बात करते हैं, तो पुरोत्तर में आते हैं मुख्य रूप से, भारत के पुरोत्तर में वो रांची है, जो कि भौगौलिक तरश्चिकॉन से भारत से काफी ज्यादा अलग रहे हैं।
29:56अगर आपने भारत के पुरोत्तर राज्यों की बात की हो, तो ये भौगौलिक और सांस्कृतिकॉन भौगौलिक व सांस्कृतिकॉन आधार पर भारत के पन्या
30:22राज्यों से ये शेत्र जो है थोड़ा अलगी रहा है, बिन प्रकार का रहा है।
30:32यहाँ पर मुख्य रूप से जो राज्या आते हैं, हम इसमें देखेंगे असम, नागालेंग, मिजोरम, मनिपूर, मेघाले, प्रिपूरा,
30:56अरुनाचल परदेश, यह जो आपको नाम दिखाई दे रहे हैं, एक, दो, तीन, चार, पांच, छे, साथ, इनको हम साथ बहने कहकर पुकारते हैं, सेवन सिस्टर्स, साथ बहने,
31:20इसके अलावा पुरोट्तर में एक सिक्किम राज्ये भी है, जो की बाद में भारत में सामिल हुआ था, इसकी भी चल्चा हम करेंगा आगे चल्का,
31:29जो कि आजादी से पूर भारत की सरणगती में था और आजादी के पश्चाथ उसको भारत में सामिल किया गया था
31:38हलागि सांथ बहनों में सामिल नहीं है लेकिन सिक्किम आता पुरूत तब राजियों में ही है
31:43जिसे इस सांथ बहनों का एक भाई कहकर पुकारा जाता है
31:59मात्र 22 किलोमेटर रास्ते से जुड़ा हुआ है बहुत ही छोटी सी जमीनी जुड़ाव भारत का पुरूतर राजियों के साथ में जब जमीनी जुड़ाव इतना छोटा है तो फिर कई न कई अपने आप ही जो एक गनिश्टता होती है भारत के बाकी राजियों की अपेक्
32:29मणिपूर तिरपूरा मिजोरम अरुणचल प्रदेश नागालेट मिघाले यह वह साथ बहने हैं जिनका मैंने यहां पर आपके सामने भी उल्लेख किया था पूरे भारत की कुल जनसंख्या की चार प्रतीसत जनसंख्या जो है वह शेत्र में निवास करती है यहां कि हम यह
32:59कि यहां पर लोग अपना जिवान बसर करते हैं यहां पर खाध्यान संसाधन कहलीजिए या फिर कहली जिए प्रत्रे प्रचुर मात्रा में नहीं है कि यहां कि लोगों कि आजिवी का बहुत स्प्राँग हूँ है हम यह कह सकते ही है कि यहांłem सías कम होने की वज़े से जीने क
33:29गुसना है तो आपको पुरुवत्तर से होते हुए प्रवेश करना पड़ेगा त्रिपूरा मनिपूर मेगाले के पहाडी शेत्र ब्रिटिस उपनिवेस काल में देशी रियासतों के रूप में थे
33:39त्रपुरा के, मनीपूर के और मेजालाय के
33:43जो पहाड़ी शेत्र है
33:45ये पहाड़ी शेत्र
33:47बरिटिस �ialagit काल में
33:49देशी रियासतों के गूंप में थे
33:50आप सभी जानते हैं कि बरिटिस शासंकाल में
33:53जो रियासते थी उनकी संख्यक थी
33:55नमें कुछ रजवाड़े कहाँ पर थे त्रपूरा मनिपुर와 मिखाले जो की पहाडी इलाके थे जो घली शेत्र थे हेडिक May
34:25मनें उसकी चरचा की है अब हम बात करेंगे पुरवaphorत्र में जो शेत्र अलगावाद की गांग या
34:31अलगावाद की मांग कियो कि इसकी प्रहु कारण क्या थे यानि कि अलग होने की मांग भारत से अलग
34:37देश बनने की वांग क्यों उठी बारसरकार द्वाराई शेत्र की तरफ अधिक ध्यार ना देने के कारण यह शेत्र भारत के अन्यक शेत्रों की अपेक्षा आर्थिक विकास में पिछड़ देया
34:51तथा बाहर से आकर बसे सरणार्थि जो थे जिनको हम बंगलादेशी कहेंगे वो सबसे ज़्यादा अगर नहीं पर आकर के बसे तो इन्हीं से तो बसे
35:02मुख्य रूप से असम केंद्र बना बंगलादेशी शरणार थी तक असपास शरणार थी जो है वो भारत में आये थे कब तक हम कहेंगे 1901 तक
35:14बंगलादेशी शरणार थी जो थे वो भारत में आये थे और ज्यादा तर असम में यहीं पर बसे थे इसलिए यहां के लोगों पर आर्थिक बोज जो था वो बहुत ज्यादा बढ़ गया था
35:43पर शिदी सी बात है आप पहले से ही विपरी तार्थिक परिस्थित्यों में रह रहे हो आपकी आजिवीका आपके लिए बड़ी कठिन है आप पहाडी शेत्रों में हो दुर्गम स्थल है खाद्यान संकट है लेकिन ऐसे में बाहर से आकर के आपके यहां पर बहुत भारी स
36:13पहले मुश्किल परिस्थे थे और उसके बाद में बाहर से आकर के लोग यहां पर बस्ते हैं अथा सननार्थियों को बाहर निकालने की मांग ने जोर पकड़ा
36:21उनिशो सत्तर के दसक में यहां स्वैत्ता की मांग ने जन्म लेना प्रादम किया देखें यह one important भाते धियान मिझें कि
36:29जो आपके पुरुबतर राजय पुरुबतर राजियों में स्वैत्ता की मांग ने कभ चंब लिया तो पहले तो
36:36श्वायत्ता की मांग उठी हमें State There using वंघ कर रहे थे भीजिटा स्थमें तो इसमां
36:47विवस्कंवे को दिंड के इल कि बात कर रहे हैं और एकी शर्तिसाली बनाने की बात कर रहे थे थी टीका capable
36:57इसमें आप देखेंगे कहां किस प्रकार से अधिक आजादी असंद भारत की आजादी के समय पुरोत्तर में विशाल भागुलिक शेत्र वालब
37:20आजाद भारत के साथ राज्य थे ऐसा नहीं था बलकि इन मैं से काफी राज्य तो असम से अलग होकर के और स्वतंत राज्य बने हैं
37:37यानि कि सबसे बड़ा अगर यहां पर को इसकेट हुआ करता था,
37:41तो वो था असम, आजादी के समय,
37:43असम पुरोथतर राज़ों का सबसे विशाल राज़्य था,
37:46तिरपुरा, मनिपुर टिरपुरा,
37:48तथा असम के अत्रित पुरोत्तर में अन्य प्रांत अस्तित्व में नहीं थे
37:53तो हम यह कहें कि तीन ही प्रांत अस्तित्व में थे
37:56कौन-कौन थे?
37:58एक तो था असम, एक था मणीपूर और एक था त्रिपूरा
38:05यह तीन राज्य आजादी के समय स्वतंत राज्य थे
38:10उसके बाद असम से अलग होकर कितने सारे राज्ये बन गए ये देखने वाली बात है
38:17तो यहां देखेंगे आप अन्य प्रांथ भार्व की आजादी के बाद स्वायत्ता की मान की कारण भी अस्तिक्व में आये हैं
38:24ये साथ राज्ये जो हम कहते हैं तीन से साथ बन गए ये साथ राज्ये बने इसका मतलब क्या मान उठी प्रांथी स्वायत्ता की वाग हमें अलग राज्ये बनाया जाए हमें अधिक स्वतंतरता मिले असम में गैर असमी भासा के लोगों को यह भय था कि असम सरकार उनपर ज
38:54जो इस्पेशली जो पहाडी शित्रों में रहते थे और जो आजादी के समय स्वतंत रजवाणों के रूप में थे उन्हें ऐसा लगने लगा कि असम के सरकार उनके उंपर जो असम की भासा है असमी लेंग्वेज है उत्वाप रही है मजबूर कर रहे हैं कि एक तरह से संस्क
39:24गैर असमी भाषा के लोगों ने असम से स्वयत राज्य की मांग प्रारण कर दी यानि कि उन्हें असम से अलग कर दिया जाए और उन्हें अलग राज्य का दर्जा दे दिया जाए यह मांग वहाँ पर हुई और इसके लिए क्या हुआ अंधोरन का रास्ता अपना है गया �
39:54इस्ट्रण इंडिया ट्राइबल यूनिय देखे ट्राइबल का मतलब होता है जंजाती यूनियन का मतलब होता है संगठन यानि कि जंजाती लोगों का इस्ट्रण इंडिया का यानि कि पुर्वत्तर भारत का एक संगठन था अगर आप इसको हिंदी में देखना चाहें त
40:24पुर्वत्तर भारत का जन जाती है संगठन
40:29जन जाती है संगठन
40:34हिंदी में आपको वैसे याद नहीं रखना है आपको जो लिखावा इंग्लिस में उसे में याद रखना है
40:39एक्जाम में भी पूछा जाएगा तो हिंदी में नहीं पूछा जाएगा
40:42बलकि आपसे इंग्लिस में पूछा जाएगा
40:44Eastern India Tribal Union का गठन जो है
40:46वो किसके द्वारा किया गया
40:48तो वो है गैर असमी भाषाई जो जनजाती के लोग के उनके द्वारा किया गया था
40:521960 में इस union ने व्यापक रूप धारण करते हुए
40:55इसे नाम दिया
40:57All India Hills Conference
41:00अगे तक तो यह कहां तक सिमित था
41:02असम तक अब इसे All India कर दिया गया
41:05पूरे भारत के लिए
41:06जो पहाडी शित्रों में रहने वाले लोग है
41:09उनके लिए एक कॉन्फरेंस का नाम दिया गया
41:12इसे All India Hills Conference
41:15जनजाती के लोगों ने असम से प्रथक स्वायत
41:18राज्य की मांग की
41:19जो जनजाती के लोग थे
41:21उनके मांग उठी
41:22उन्हें स्वायत किया जाए
41:24उन्हें असम से अलग किया जाए
41:25इस आंदोलन कारी रुख के
41:28केंदर सरकार को जुखना पड़ा
41:29रुख के समक्स के सामने
41:32रुख के
41:34समक्स सामने
41:36केंद्र सरकार को जुकना पड़ा तथा मिघाले, मिजोरम, अरुनाचल प्रदेश राज्यों को राज्यों का दर्जा देना पड़ा यांकि इनसे यह राज्य बन गए
41:46मेघाले बन गया, मिजोरम बन गया, अरुनाचल प्रदेश बन गया, ताजियों का दर्जा दिया गया, 1972 में पुरोतर राजियों के पुनर गठन की प्रक्रिया को पून किया गया, 1972 में आप सभी जानते हैं कि एक बड़ा पुनर गठन हुआ था, 1972 में एक बड़ा पुनर ग�
42:16पर देखें और इस समय अस्तित्व में आये थे और आप देख रहे हैं वह किस से अलग होकर क्या है असम से अलग होकर क्या हैं मेगालय मिजोरम और अरूनाचल प्रदेश कि आप यहां पर देखें यह कि इस अंधुल्मकारी रूप कि
42:34कि शबख स्केध्र सरकार को जुखना पड़ा तरथा मेगालाय मिजोरम और अरुनाचल परदेश राज्यों को दर्जा दिया गया ये अरुनाचल परदेश अगर आप इसमें देखें तो
42:42अनुआचल परदेश उनीसो सित्यासी में राज्ये बना था
42:46देखिए अरुनाचल प्रदेश जो है वो 1987 में राज्य बना था अरुनाचल प्रदेश और मिजोरम दोनों ही
43:04उनी सो सित्यासी में इनको राज्यों का दर्जा दिया गया था 1987 में लेकिन अगर आप बात मिघाले और मनिपूर और त्रिपूरा की करें मेघाले मनिपूर और त्रिपूरा
43:25इनको जो राज्यों का दर्जा दिया गया है वो कप दिया गया है उनी सो बहुत तर में 1972 में
43:33स्कार्टिंग में जैसा कि आपको मैंने यहां पर एक बात बताई थी कि जब भरत आजाद हुआ था तो असम के अलावा अगर कोई राज्य थे तो मनिपूर और त्रिपूरा थे लेकिन अभी तक इनको राज्यों का दर्जा प्राप्त नहीं था यह अभी तक राज्य नही
44:03हाँ यह कह सकते हैं को मिश्चो 72 में राज्य पूरा गठन के बड़ी प्रक्रिया खतम हुई थी जब एक साथ मेगाले मनिपूर और तिरपूर जो है वो राज्यों की रूप में अस्तित्व में आये थे असम में कर्भी दिमसा और बोडो यह तीन जन जातिया हैं कर्भी द
44:33देखे असम से कितने जारे राज्य बनते हैं तीन राज्य थे साथ हो गए इसका मतलब चार राज्य असम से अलगो करके बन गए अब अगर हम जन जातियों को लगाता आरीशी सम्दे से राज्य का दर्ज़ा देते रहे तो तो फिर कर्भी दिमसा और बोडो की इनके भी अ
45:03जिला परिश्ट के अंतर्गत स्वायत्ता प्रदान करुदी ता रहें नहीं त्सम के अध्य लेकिन के अलग क्या
45:11जिला फ्रस्थ जिससे उजश्वायत होंगे असम राज्य से अलग जिला परिश्थ यहां का प्रशासन समभा लेगा ज तो बोडो ज़न
45:18बोडो जंजाती को भी बाद में जिला परिशत की अंतरगर्थ स्वायत्ता प्रदान की गई
45:24तो इस तरह से हम कह सकते हैं कि ये जो जंजातियां थी ये भी जो मांग रख रही थी
45:30असम से अलग होकर स्वतंत राज्ये बनाये जाने की ये मांग भले इनकी पूरी नहीं की गई
45:35लेकिन इनकी मांग को बाचित के माध्यम से जिला प्रशासन की अध्रीन करते हुए इस मांग का भी समधान किया गया
45:42अब हम बात करेंगे अलगावदी आंदोलन की ये तो स्वायक्ता कि मांग की छो 1970 के दशक में उठी
45:52उठा था वो सारे राज्य में नहीं उठा था बल्कि दो राज्य अलगावादी अंदुलन के सिकार थे एक था नगालेंट और दूसरा था मिजुरम देखते हैं
46:01स्वायत्ता की समस्याओं का समधान केंदर सरकार के लिए आसान नहीं था लेकिं फिर भी सूजबूज के साथ इन समस्याओं का हल हो जा गया
46:09अलगावाद जिसका आर्थ है देश में प्रथक होकर तंतर राष्ठर बनने की मांग होती तो हैं जिन्होंने ये कहा था कि हम भारत से अलग स्वातंतर देश बनना चाहते हैं
46:32सबी जगों पर यह मांग नहीं उटे थी बाकि जितने वी स्टेट बने थे वो स्वायत्ता के अधार पर बने थे बलकि यह स्टेट थे और यह बनना चाहते थे स्वतन्त राष्ट्र
46:42इस समय मिजोक शेत्र को अकाल से उभार पाने में असम की सरकार असफल रही परिणाम सुरूप इस जनजातियक शेत्र में विरोध के स्वार तिव्र हो गए
47:01देखें 1959 की बात है असम में सूखे की स्थिति उत्पर हुई इस समय असम की सरकार जो मिजोक शेत्र था जो असम का ही एक हिस्सा था जो असम की एक जनजातियक हिस्सा था और यह शेत्र असमी भासा और सलस्कृति से प्रथक था
47:18अगर हम बात करें मिजो जिसकी चर्शाम कर रहे हैं मिजोक शेत्र के रूप में मिजोक शेत्र यह मिजोक शेत्र किस में था असम का हिस्सा था असम का पहाड़ी भाग
47:34असम का पहाड़ी भाग जो कि गैर असमी गैर असमी भासा व संस्कृति का था यह भासा और संस्कृति गैर असमी थी इन लोगों
47:55कि मान तो वैसे भी मनी मन में थी असम से प्रथक होने की मौका मिल गया 1959 में जब असम की सरकार यहां के लोगों के लिए वो सारी सुविधाय नहीं दे पाई जो सुखे के स्तिति मिलनी चाहिए इसलिए यहां पर लाज देंगा के नेत्रत्व में एक मिजो नेशनल फ्रंट
48:25कि मता अंदौलन हिंसात्मकादौन में परिवर्तित होगया लोगोंने हत्यार उठालिये चुतंतरता की मान करने लगे इस मान को सैयोग मिला पाकिस्तान से क्योंकि पाकिस्तान भारत को तोड़ने की कोशिस कर रहा था इसलिए जैसे ही पाकिस्तान को यह आभास हुआ कि प
48:55वह बांगलादेश इन ही पुरूतर राज्यों के निकटमी तो है यहां से हत्यार अर्थिक मदद लाग देंगा और उनके साथ जो विद्रोही थे उनको दी गई अंतुलमकारी जो थे गुरिल्ला प्रदत्ति से भारत्य सेना से लड़ रहे थे गुरिल्ला प्रदत्ति का मतल
49:25कर वार करना पाड़ी शेत्रों में छीपे रहना अचानक हमला बूल देना जिसका सामना करने के लिए सतु तयार नहीं होता है पूर्वी पाकिस्तान मनेस अंदुलमकारियों का ठीकाना बन चुका था पूर्वी पाकिस्तान जिसे हम वर्तमान समय में क्या करकर फुकारते ह
49:55बारत को वायू शेना का सही ओग लेना पड़ा लगबग दो दशक तक यानि की बीश वर्सों तक भारतिया सेना में एमेन एफ के बीच संगर्स चलता रहा इसमान एक बार सामाने लोगों को भी कस्त जहलने पड़े देखे सब विद्ध होता है लड़ाई रुती है तो उस
50:25और यह फॉज जो थी उसको हथियार कहां से मिल रहे थे उसको पैसा कहां से मिल रहा था जो तो जो कि यह तो पहाडी शेत्र था यह पाहडी शेत्र था इसको मिल रहा था पस्चिमी बंगाल से जो वर्तमान से पूरी पाकिस्तान से वर्तमान समय में बंगलादेश है तो य
50:55मुझोरम बंगलादेश से वर्तवान समय में जो बंगलादेश है उसके निकटी है दौनों का आपस में सीधा संपर्क है इसलिए यहां के जो नैता थे हो जाना तर अगिस्तान में चुपबाइटे रहते थे
51:061986 में भारा सरकार में उस्वाद प्रधान मतरी राजी गांदी थे तथा मिजो नेशनल फ्रेंट के नहता लाल डेंगा के बीच समझोता हुआ
51:16मिजोरम के आजादी के लिए जो संगर्ष छेड़ा था वो संगर्ष किसने छेड़ा था लाल डेंगा ने
51:221986 में जब राजियु गांदी प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने जितनी भी समस्या थी एक्क करके उनका समधान करने की योजना बने है ।
51:32उन्होंने पाकिस्तान सुरी पंजाब के साथ में पंजाब समझोता किया और उन्होंने ही
51:401986 में मिजोरम के साथ बातचित की और सांतिपुन समाधान डूमने का हल निकाल लिया वो हल कैसे निकला आप देखेंगे जब
51:51मिजोरम और भारत के बीच जब बाचित हमें तो यह कहा गया कि कि आप में
52:08मंत्री होंगे तो लाल डेंगा को मिजोरम का मुख्य मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया लाल डेंगा ने माल लिया इस बाद को अभी तक तो लाल डेंगा एक तरह से अंदोलंकारी थे भारतिय सेना के टार्गेट पर थे
52:21लेकिन अब सब कुछ सांतिपुर्ण हुआ और मिजोरम को भारत के साथ सामिल करते हुए रैसे भारत का हिस्सा था लेकिन उसे स्टेट के रुक्त मानिता देते हुए क्या किया गया लाल डेंगा को मुख्य मंत्री बना दिया गया इसलिए आपको बताया गया था कि 1987 में एक �
52:51एक बना है मेजोरम तो मेजोरम और रोनाचल प्रदेश दौनों को जो राज्य का दर्जा दिया गया है वो कब दिया गया है 1987 में और मेजोरम के साथ जो बादसित हुई है
53:03वो कब हुई है 1986 में हुई है तो यह सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से कर लिया गया अब हम बात करेंगे लाल डेगा के बारे में कुछ बातें जान लेते हैं
53:14मिजोरम नाश्नल फ्रंट यानि की मिजोरम नाश्नल फ्रंट के जो संस्तापक नेता थे वो कौन थे लाग देंगा
53:20ने सोल साथ के अखाल के बाद की बढ़ने चर्चा की थी ढब हमने अकाल पडाा सुक के की स्थित्याई थी तो मिजोगू क्षेत्र
53:41जिसे मिजो लेंड कह सकते हैं जो आगे चलकर मिजो रम बना हैं वहां जो एक संगठन बनाया गया था वो था मिजो नेशनल फ्रंट उसका नेतरत्व लाज देंगा ने किया था
53:541959 के बाद भारत के गुरुथ दो दसकता की आंदोलन चला और 186 में राजियु गांधी के साथ समझोते पर अस्ताक्षर करते हुए वह नव निर्मत मिजोरम के मुख्य बंत्री बने अब हम आएंगे नगालेन की तरफ क्योंकि मैंना आपको पताया था बाकी सभी जगों पर �
54:24इक कि चला मिजोरम में और, दूसरा चला नगालेन अंगमी जापू फिजो के नितरत्व में नगालोगों के एक तमके ने 1951 में अपने को भारत से आजाद घुसित कर दिया बोछ नहीं कर ड prohib 드�
54:42जो नागलेंड है वो एक आजात देश होगा भारत सरकार द्वारा दिये गए बात्चित के प्रस्ताओं को अनेक बार ठुगरा दिया गया इनके द्वारा कि हम बात्चित करने को तयार नहीं है नागलेंड के विद्रोही दो गुटों में विभाजित थे एक वो गुट था �
55:12लेकिन इसके विरोध के स्वार आज भी सुने जा सकते हैं नागलेंड में हम कह सकते हैं विरोध के स्वार जो है वो आज भी सुने जा सकते हैं नागलेंड 1963 में 1963 में वो राज्य बना था कब बना था 1963 में राज्य का दर्जा दिया गया था नागलेंड को और 51 में नागलें
55:42द्रतल में। अब हुन थोड़ी सी चर्चा करेंगे, अंगमी जापू, फीजो के बारे, नागा लेट के आजादी के अंदोर के नेता थे, नागा नैसनल कांशिल के अध्यक्स थे, जैसे मिजोरम के लिए मिजो नैसनल फ्रेंट बना था, वैसलिए नागा लेट के लिए क्य
56:12अल्टिमेटम दे दिया कि नागालेट अलग देश नहीं रह सकता और अब सेनिक कारिवाई हो गया आपके खिलाफ तो भूमिगत हो गए भूमिगत होने का मतलब है अंडरग्राउंड होना याने की छुप जाना
56:27अंडरग्राउंड
56:28दूसरे सब्दों में कहते हैं छुप जाना तो यह अंडरग्राउंड थे भूमिगत थे पाकिस्तान में नोंने शरण ले रखी थी उसमें पाकिस्तान याने की पूरवी पाकिस्तान की हम बात कर रहे हैं जो मंगला देश हैं अंतिम जीवन के तीन दस्चक जो हैं वो कहां ग
56:58नागलेंड जब जिद्ध पर अड़ा हुआ था कि वह भारत में सामिल नहीं होगा तो सेनिक करेवा ही करते हुए नागलेंड को भारत के साथ सामिल किया गया और नागलेंड के खिलाब जो है एर फोर्स तक की भी मदद लेनी पड़ी थी ऐसी स्थिती में जो इसका नेता �
57:28Tucson पारत के सामिल हम वह चुका था अब नागलेंड भारत का हुआ कि इस्सा था तो स्टुटिंट्स आजके इस क्लास का जूंकि हमारा समयब समात हो रहा है तो हम इसे करेंगे अब हमारे जो चर्चा वह बहुत महतुपून बिंदुपर होनी बाकी है कि हम बाहरी लोगों के
57:58चला था फाइनली ये जो All India Assam Students Union थी उसने अपना आपको
58:04Assam संग्राम परिशत के साथ मिलाते हुए Assam गण परिशत के रूप में
58:09Political Party बनाई और भारती राजनिती में असम की राजनिती में महत्वपुन भूमी का निभाने लगी
58:15हम इसके अलावा और भी कुछ महत्वपुन बातों पर अगली क्लास में चर्चा करने वाले हैं
58:22तब तक के लिए आप सभी स्वस्त रहें मस्त रहें जैहित

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