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  • 6/4/2025
Part- 03--MCQ (POL --स्वतंत्र भारत में राजनीति--6--संवैधानिक व्यवस्था का सकंट )

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00:00नमस्कार विद्यार्थियों मैं सुरेज भाटी आप सभी का आज की स्क्लास में एक बार फिट से हार्दिक स्वागत और भिहंदन करता हूँ
00:06स्टूडेंट जैसा कि हम लोग चेप्टर देख रहे हैं लोगतांतरिक व्यवस्ता का संकट
00:11इस चेप्टर के अंतरगत हमने देखा कि इस प्रकार से 1975 का जो समय था वो भारती अतिहास में लोगतांतरिक व्यवस्ता के संकट के रूप में जाना जाता है
00:21क्योंकि यह वो दौर था जबकि पहली बार और अंतिम बार अंतिम बार इसलिए उसके बाद ऐसा एक बार भी नहीं हुआ है
00:30आपातकाल गुशित किया गया वह भी इंटर्नल एमर्जेंसी जिसे आंत्रिक आपातकाल कहा जाता है जिसके अंतरगत कुछ इस प्रकार की घटनाय घटित भी जो लोगतांतर के द्रस्टिकोंड से बिलकुल उचित नहीं थी
00:44अगर इंटरगंधी की सरकार ने ये कहा कि यह अपातकाल उनके लिए अनिवारिय था जरूरी था तूंकि इसके बिना जो उनके खिलाफ एक विद्रोब भड़का था उसे सांथ करना मुश्किल था
00:55वहीं दूसरी ओर आपातकाल के दोरान जो कुछ किया गया वह अलोगतांतरिक था
01:01नेताओं को गिरफतार करके जेल में डालना लगबग 11,000 लोगों को जेल में डाल देना
01:09666 नेताओं को जेल में डाल देना नेताओं के अनोपस्तिति में 42 समिधान संसोधन करना
01:16समिधान संसोधन में संसत का कारेकाल 5 वर्ष की जगे पर 6 वर्ष कर देना और अगर इस प्रकार की इस्तिति हो तो उसमें चुनाव एक वर्ष आगित बढ़ाए जा सकते हैं इस प्रकार की गुष्णाय कर देना तो यह सब कुछ कहीं न कहीं
01:30कि इस बात की और संकेत करता है कि यह लोगतांत्र तरीका नहीं था फिर इस दोरान दिल्ली में जिभी जोपड़ियों को नस्क करना जवर्ण नस्बंदी करना यह वह गतनाय थी जिन्होंने भारतिय लोगतांत्र को पाइस्तर किया था हम नहीं देखा पिछली क्लास में कि
02:00करना संभव नहीं था साथी साथ इंद्रागांधी की सरकार ने यह भी कहा कि हमने आपांकाल के माध्यम से लोग कल्यार के लिए जो कारिक्रम चलाना चाहते थे उन कारिक्रमों को निरंतर आगे बढ़ाया है अर्थार हम जो कुछ 1971 के चुनाओं में वादा करके चुनाओं
02:30तो ऐसी स्थिती में आपांकाल के द्वरान हम सब हमने उन सबी कारिक्रमों को एक एक करके एक करके हमने लागू किया है वही दूसरी और जो कॉंग्रेस के साथ में कम्मिनिस्ट पाइटी ऑफ इंडिया गठबंदन में थी उनका यह कहना था कि जो आपांकाल उद्गोसित
03:00योग और समर्थन दिया गया था ये देश्क में अशान्ति उत्पन करने के लिए वेपक्षी गलों प्लस बाहरी दाक्तों का एक प्रायोजित कारेक्रम था इसलिए आपांकाल अनिवारी था वहीं दूसरी और वेपक्ष में यह कहा कि आपांकाल किसी भी त्रस्टी कौन स
03:30जो कि इससे पूर वो 1967 में हुआ था अलेकि 1967 में कॉंग्रेस सत्ता में जरूर थी उसकी सीटें कम हुई थी इस बार कॉंग्रेस ने अपनी सत्ता ही गवा डाली केंद्र में इस बार कॉंग्रेस की सरकार नहीं बन पाई इस बार जनता पालिटी को जनता ने बहुमत दिया म
04:00उसके रिजर्ट्स को लेकर के कुछ महत्पूपूर बातों पर अपने नजर डालेंगे देखिए
04:051977 का चुनाओ यह चुनाओ जो है कितने दिन के आपातकाल के पश्चात था लगबग 18 महीने के आपातकाल के पश्चात था आप सबी जानते हैं कि 25 जून
04:2625 जून 1975 को 25 जून 1975 को हापातकाल उद्गोशित किया गया था हापातकाल कि उद्गोशना हुई थी उद्गोशना हुई थी और चुनाओ करवाया गया 1977 में चुनाओ
04:51इसका मतलब यह जो चुनाओ करवाया गया यह 18 माह बाद था अठारा माह का आपातकाल का समय कितना था में
05:08इस आपातकाल की दोहराँ जो कुछ घधित हुआ उसका रिजल्ट देखने को मिला इस चुनाओ में आप इसका इंतरकर बताएंगे कि जो
05:152178 का चुना हुआ था 1907 का इलेक्शन उसका परिनाम सामें जाया वह कि Hawkम इंपोर्टेंट है या या बाताएंगे
05:26इस प्रिनाम कॉंग्रेस कंग्रेस हां कॉंग्रेz
05:35मात्र 154 सीट को कितने सीटे मिली मात्र 154 सीट को केवल और केवल मिली है जबकि उस समय जनता पार्टी का गठबंदन जो था जनता पार्टी वह अन्य इनको मिली 330 सीट है
05:58236 अगर केवल जनता पार्टी की सीट की बात करें जनता पार्टी की सीट कितनी थी
06:09255 सीट को को मिली और गठबंदन की सीटे कितनी थी 330 सीटे थी जबकि comment की सीटे कितनी है 154 सीटे
06:23याद है आपको इसी कॉंग्रेस ने 1971 में कितनी सीटे पर राप्त की थी अगर आप यहाँ पर 1971 की बात करें
06:321971 का चुलाव को इसमें जो कॉंग्रेस को सीटे पर राप्त हुई थी वो थी 352 सीट तो अगर हम 352 सीटों को देखें
06:48और यहाँ पर हम 154 सीटों को देखें तो इससे पता चल रहा है कि कॉंग्रेस की सीटों में जो गिरावट आई है
06:55वो इस बात की और संकेत कर रही है कि कॉंग्रेस के द्वारा उद्गोसित आपातकाल से जनता बिल्कुल खुश नहीं थी और जनता ने इसी कारण से उनको वोट दिया जो की
07:07कि इंद्रा गांदी की मीचियों का विरोध कर रहे थे जो की इंद्रा इंद्रा गांदी को हटाने की बात कर रहे थे
07:14जनता उनके साथ थी और यह परिणाम हमें दिखाई दिया अब जब में ne refuse साथ का रिजल्ट आया हम
07:32मौरान जी देशाई मौरान जी देशाई यहां हम इसको अलग से ही बात करते हैं
07:49मौरान जी देशाई में कुछ महत्वपून जो बाते हुई थी वह देखने वाली है तो यहां देखेंगे
08:12कि विपक्ष ने
08:19है कि जेलों में अब सीर अबसी सहीयोग वह गठबंदन किया ये जेल में ही हो गया था
08:40सबकुर्ण को जेल में रखा गया था जब उनको जेल से रिहा किया गया उनके पास में एक कारिकरम था और वो कारिकरम था
08:47कि अब हम मिलकर की चुनाव लड़ेंगे तो इस दोरान जो विपक्स ने जेलों में गठबंदन किया था उसमें हम यह कह सकते हैं कि बड़े-बड़े लीटर्स जो थे वो सारे इस बाद एक साथ में थे इसमें आप बताएंगे कि मौरारजी देशाई
09:02जिनका संबन किस से था जिनका संबन था कॉंग्रेस ओ से मौरारजी देशाई किस में थे कॉंग्रेस ओ में थे इसी प्रकार से बाबु जग जीवन राम
09:19जग जीवन राम जो पहले कॉंग्रेस में थे और बाद में कॉंग्रेस से अलग होकर के इन्होंने भी एक पार्टी बना ली थी और वो पार्टी थी
09:33कॉंग्रेस फोर डेमोक्रेसी कॉंग्रेस फोर डेमोक्रेसी ये इनकी पॉलिटिकल पार्टी का नाम था इसी प्रकार से चौधरी चरण सिंग जो थे वो भी कॉंग्रेस के नेता थे
09:55चौधरी चरण सिंग जो थे वो भी कॉंग्रेस के नेता थे लेकिन चौधरी चरण सिंग ने अपनी पार्टी बनाई थी लोकदल चौधरी चरण सिंग ने लोकदल पॉलिटिकल पार्टी बनाई थी तो ये वो पॉलिटिकल पार्टी थी जो कि यहां पर सारे की सारी एक �
10:25प्रधान मंत्री मोराण जीदेसाई
10:47मोराण जी देसाई
10:51और बाद में बने चौधरी चरण सिंग चौधरी चरण सिंग और यह सरकार ज्यादा समय तक नहीं रही इस सरकार ने लगबख चोईस मेने का समय अपना निकाला था
11:11यानि कि दो वर्स का समय इस सरकार ने अपना निकाला था और उसके पस्चाथ इस सरकार को एक बार सामना करना पड़ा आपसी टूत का क्योंकि गटबंदन सरकार थी इसमें जो दल सामिल थे उन दलों में किसी एक विशेस कारिक्रम का अभाव था और इसी कारण से जनता ने �
11:411980 का चुनाओ तो 1980 का चुनाओ एक तरसे यह कहा जा सकता है मध्यवदी चुनाओ था पूरे पांस साल वो सरकार नहीं कर पाई थी 1997 में जो सरकार बनी थी ऐसी स्थी में जब रिलेक्शन हुआ वापस चुनाओ हुआ तो जनता कोई लगा कि उनके लिए सबसे बैस्ट अगर
12:11पागिस्तान को पराजित किया था फिर 1974 में पोकरन पर्मानु परिक्षन किया था भारत की चली अंतरास्त्री इस्तर पर जो एक मजबूत देश के रूप में उगरी थी वो इंद्रा गांधी के कारणी उगरी थी तो इन सारी बातों ने इंद्रा गांधी को फेवर किया
12:31और अपाटकाल उद्गोसित होने के मवजूत भी हाला कि एक बार उन्हें फार का सामना करना पड़ा था यहां पर आप देखेंगे कि जो फोनीस्टातर के चुनाव वा था इस चुनाव में एक विशेस बात जो आप देखेंगे वो यह थी कि इंद्रा गांधी
12:50इंदिरा गांधी राइब बरेली से चुनाव हारी राइब बरेली से जब कि संजय गांधी उनके पुत्र संजय गांधी अमेठी से चुनाव हारे
13:10अमेठी से चुनाव में पराजित हुए यह जब चुनाव हारे तैसा लगा कि सायद केरियर खतम है यहां पर क्योंकि इतने बड़े लीडर का वह भी जो प्रधानमंत्री के पत पर रही हो वह अगर चुनाव हार जाती है तो अपना आप में यह चिंता का विशय था और ऐसा �
13:40से समाल तक ही अपने साथन को चला सकी मौरार जी के बाद चौदरी चरंटी बने थे उसके पिछे कारण यह था कि जहां मौरार जी देशाई प्रधानमंत्री बनने का सुपन देख रहे थे 1966 से उनके पास एक मौका था प्रधानमंत्री बनने का वह स्मोंकियों को छोडना �
14:10इसके बड़े लीडर थे उनकी भी इच्छा थी तो इस इच्छा को पूरा करने के लिए जब चौदरी चरण सिंग को इस बात के लिए तैयार किया कि वो अपना समर्थन हटा है
14:32और उनके पास जितनी सीटे हैं उनको हम समर्थन दे देंगे हमारी सीटों से और यहां देखेंगे कि कॉंग्रेस के पास में भी सीटे कम तो नहीं थी
14:40154 सीटें थी, चौधरी चरण सीग के पास जितनी सीटें थी, मिल करके वो सरकार बना सकते थे
14:46तो बाहर से समर्थन देने की बात कही और चौधरी चरण सीग ने अपना समर्थन हटा लिया
14:52चौद्री चरण सिंह न जैसे ही समर्थन अटाया, मौराजी देशाई की सरकार अल्पमत्मा गई, मौराजी देशाई की सरकार गिर गई, चौद्री चरण सिंह को प्रदान मंद्री बनाया गया, इंद्रा गांधी की सरकार ने उनको समर्थन किया, बने इंद्रा गांधी की क
15:22तो यहां पर आप कहेंगे कि जो इंदिरा गांधी की कॉंग्रेस है इंदिरा गांधी किसे थी कॉंग्रेस आर से थी वहुमत मिला सीटे कितनी मिली 353 सीटे
15:40353 सीट देखे 352 सीटें 1971 के चुनाव में थी फिर गिरका 154 तक पहुची फिर वापस 353 सीट पर आई
15:51353 सीट यह दर्साती है कि इंद्रा गांधी को लोगों ने पूर तनमन से सपोर्ट किया था मतलब पूरी तरह से इंद्रा गांधी के साथ में थे और वो रिजल्ट यहां पर देखाई देता है
16:03तो 1980 में इंद्रा गांधी ने वापसी की उनकी सरकार बनी और हम यह कह सकते हैं कि 1980 से 1984 तक इंद्रा गांधी प्यम रही प्रधान मंत्री पर रही
16:221984 में उनकी हत्या कर दी गए थी अक्टूबर 1984 को उनकी के निवासिस्तान पर उनकी हत्या होने के वज़े से उनका कारेकाल यही पर समाप्त हो गया था
16:31अदरवाइस वो एक और लंबा कारेकाल चला सकती थी यह सब कुछ आपने देखा जो आपातकाल उन गोसित किया गया था उस आपातकाल की परिस्तियों के पश्चात इंद्रा गांधी का वापसी करना इस बात क्यों संकेत करता है कि लोग कुछ और ही सोच रहे थे उनके द
17:01प्रधानमंत्रीपत की दौड में नहीं होने चाहिए अगर एक साथ इतने प्रधानमंत्रीपत की दौड में होंगे तो फिर वो सरकार नहीं चल सकती और यह हमने रिजल्ट में देख लिया तो यहां हमने जो चर्चा की है वो चर्चा की है अपातकाल के पश्चात किस प्र
17:31देखें कॉंग्रेस पाइटी पंडित नेहू के समय सभी को साथ लेकर चलने वाली पाइटी के रूप में लोग प्रिय थी और यही कारण है कि जो इस समय की कॉंग्रेस थी यानि कि हम यह कहें कि 1947 से लेकर के 64 तक जब तक प्रधानमंत्रे नेहू रहे जो कॉंग्रेस की छव
18:01और सत्रंगी छवी का मतलब होता है ऐसा लग रहा था कि सभी रंग इसमें सामिल है सभी लोग सभी विचार भाराएं सभी वर्ग का नेतरत्व कॉंग्रेस में हैं
18:11सबसे इंपोर्टेंट बात है
18:41कि यहां पर जो इंद्रागंधी की यह पाइटी है यह किसके रूप में दिखाई दे रही है यह दिखाई दे रही है एक व्यक्ति वन मैं आर्म यानि कि यहां पर अब सभी को साथ में लेकर चलने वली बात नहीं है बलकि यहां पर जो पाइटी का अध्यक्स कहेगा अर्था
19:11सबसे पहले मौरारजी सरकार ने कहा था कि हम वास्त्वी गुट ने पेक्स्ता को अपना है
19:41कि हमारी गुट ने पेक्स्ता कैसी होगी वास्त्रिक गुट ने पेक्स्ता दूसरा दूसरी बात जो इस सरकार से जुड़ी वी है वो है अन्य पिछलावर्ग आयोग को आरक्षन देने के लिए एक आयोग गठित करना बीपी मंडल आयोग
20:05बीपी मंडल आयोग का गठन जिसे बिंदेश्वरी प्रशाद मंडल कहा जाता है और यह आयोग गठित किया गया
20:211978 में 1978 में 1978 में जिसे दूसरा पिछलावर्ग आयोग कहकर पुकारा जाता है इससे पूर्व एक पिछलावर्ग गठित किया गया था काका केल करके
20:49नित्रत्व में यह दूसरा पिछलावर्ग आयोग था जो कि बिंदेश्वरी प्रशाद मंडल के नित्रत्व में गठित किया गया था जिसे बीपी मंडल कहा जाता है तो यह बाते थी जो जुड़ीवी थी किस से मुरार्जी देशाई की सरकार से
21:03संदान में अपाक्ताल के दोरान जो मनमा ने संसोधन किये गए थे उन्होंने संसोधन की इस रक्षा के लिए नयायपालिका की और अधिक जागरूप किया तो यहां पर हम देखेंगे कि जो सबक हमने सीखा है वो सबक यह सीखा है कि वहिश्य में ऐसे संसोधन
21:21और 1977 से लेकर, असी तक की जो जनता पालिटी सरकार थी, जनता पालिटी सरकार, इस सरकार के द्वारा समिधान में कुछ संसोधन वापस किये गए।
21:39समिधान ने कुछ महत्वपून संसोधन किये गए।
22:05जिससे अपातकाल के दौरान किये गए संसोधनों में सुधार किया गया।
22:35जो संसोधन किये गए थे अपातकाल के दौरान, वो संसोधन अलोगतांत्रिक संसोधन थे, उनमें सुधार किया गया।
22:43जैसे कि संसद का कारेकाल बढ़ा करके, इंद्रा गांदी ने अपातकाल के दौरान पांच वर्ज की जगे छे वर्ज किया था, जनता सरकार ने पुनह पांच वर्ज कर दिया था।
22:53यह बहुत बढ़ा संसोधन था, तो इस प्रकार से वो संसोधन किये गए जो की जरूरी थे, यह इस सरकार का एक महत्वपुन कार यह था।
23:01अब यहां पर आप चौदरी चरन सिंग की बात करेंगे, जिनके बारे में अभी हम चर्चा कर रहे थे, कि यह दूसरे प्रधान मंत्री बने थे, जनता पार्टी सरकार के।
23:10जुलाई 1989 में, जनवरी 1980 के बीच भारत के यह प्रधान मंत्री रहे थे, यानि कि 1979 से लेकर के 1980 तक, अब जुलाई से लेकर जनवरी तक हैं, तो आप ही देख लिजिए, जुलाई अगस, सेप्टेमबर, अक्टूबर, नॉमबर, दिसंबर और जनवरी, कितने महीने हो गए
23:40के समर्थक थे, कॉंग्रेस सुडियो 1967 में, 1967 में भारतिय क्रांती दल का गठन किया, उतरप्रदेश में दो बार मुख्य मंत्री, बाद में 1997 में जनता पायटी के संस्थापकों में से एक थे, वो प्रधान मंत्री रहे, ग्रह मंत्री भी रहे, 1977 से उनियसी कर, और बात में �
24:10बिहार के कॉंग्रेसी नेता थी, 1977 से 1989 के बीच में भारत की उप्रधान मंत्री रहे थे, देखे उप्रधान मंत्री बनने का जो अधिकार है, वो दो-दो लोगों को बिला, एक तो आप यहाँ पर देख सकते हैं कि जो चौदरी चरण सींग थे, चौदरी चरण सींग को भ
24:40पर देखी पर देखाथी, प्रधान मंत्री बनने की एक होड़ चल रही थी, मौरार जी देखाई, बाभु जग जीवन राम, चौदरी चरण सींग, तो जहाँ मौरार जी देखाई प्रधान मंत्री बने वहीं अपने साथ में, उन्होंने खुश करने के लिए, चौदरी �
25:10विद्वान और कुसल प्रशाशक होनेकं इनको स्रेप्राप्त है अब देखिए हम प्रश्णों के और बढ़ेंगे चैप्टर तो आपका कम्प्लीट होता है पहरा प्रश्ण आपके सामने है प्रश्ण क्या कह रहा है बांगलादेश संकट के कारण भारत को निमल खित में से
25:40जिसका समझत archi और किसमाश्य आर्थिक आमेरिकान श्रयाज बन करते हैं अरुह मतिवाजिया और नक्सलवाजी समझ्य तो आप है बताएंगे बांगलादेश संकट के कारण व्हारत में जिन समस्या का सामना किया उसका संभन नक् onsरीज समस्या है बिकूल नहीं है
25:58युञलवानी समस्या से बिलक�oyल नहीं है ड्षभाण से इसको समझिए जलानी vita
26:07जो शल्बात कि लुट के लुट कर जन्म हुआ था पस्ष्यम बंगाल से बंगाल और अधर श्भांगाल का दार्जलिंग
26:23का वेथिक दार्जलिंग
26:28पस्रीम बंगाल का दार्जलिंग जिला और यहां का नक्सलवाडी क्षेत्र नक्सलवाडी क्षेत्र इसलिए इस आंदोलन को क्या कहा जाता है नक्सलवाद कहा जाता है
26:501967 में यह आंदोलन प्रारम हुआ था नेत्रत्व इस आंदोलन का किसके द्वारा किया गया था तो नेत्रत्व किया गया था चारू मजुंदार के द्वारा चारू मजुंदार के द्वारा इस आंदोलन का नेत्रत्व किया गया था और चारू मजुंदार कौन थे तो चारू म
27:20इंडिया मार्क्षवादी लेनिन वादी किस पारिटी से इनका संबन था कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्षवादी
27:39मार्क्षवादी Millionvading Communist Party of Indiaρι मार्क्षवादी आर्कषवादी लेनिन वादी जु पारिटी था इनका संबन था चारूम अजुमदार का CPI ML से थे और इनके नेत्रत्रट्व में ही नकृसल बाडे आंद det then
27:58इनसे नक्सरवार्द ii अंदोलन प्रारमं हुआ था और यह अंदोलन मुक्षे रूप से को प्रारम नूद्धर पर रुफ्फ्थी
28:06किसके वुराथ था यह आंदोलनुद प्रुफ्थी प्रथा के वुरुध हो्ड कि आंदोलन जब शुरू किया गया था तो
28:17तो उद्देश्य ये था कि जो गरीब किसान है उन गरीब किसानों को अपनी भूमी का मालिक बनाना चाहिए ये जमिदार जो है वो बिना मतलब के भूमी के मालिक बनकर बैठे ये प्रथा तो ब्रटिस काल से चली आ रहे हैं वास्पित मालिक तो वह हैं जो यहां पर काम कर �
28:47अंदोलन का नित्रप को किया था आगे चल करके ग्रफतार कर लिया गया था ग्रफतार किया गया और इनकी जेल में म्रत्यू हो गई थी पहले ग्रफतार हुए फिर जेल में इनकी म्रत्यू हो गई जेल में म्रत्यू तो यह है आपका सही उत्तर नक्सरवादी आंदोरा अ�
29:17सभी जानते हैं कि बड़ी समस्या हुई थी लगब असी लाख सरनार्थी जो है वह भारत में प्रवेश्च कर चुके थे
29:261971 तक जब भारत में पाकिस्तान को पराजित करके बांगलादेश को एक श्वतंत्र देश बनवाया उस समय तक
29:35असी लाख सरनार्थी भारत में घुश चुके थे वह एक समस्या थी भारत ने जो पाकिस्तान से युद्ध लड़ा था जो बंगलादेश संकट उबखकर सामने आया था उस समय देश के उपर आर्थिक बोज निश्चित रूप से था
29:47अमेरिका ने आर्थिक सहयोग इसलिए बंद कर दिया क्योंकि भारत में पाकिस्तान के साथ युद्ध छेड़ दिया था अमेरिका ने भारत को दोशी माना इस युद्ध के लिए और भारत के उपर अनेकों प्रतिबंद लगा दिये थे
29:59प्रिश्चन है 1974 में भारत के किन दो राजियों में छात्र विरोध आंदोलन हुआ
30:06A. बंगाल और बिहार B. पंजाब और हरियाना C. बिहार और गुजराथ D. राजस्तान और मध्यप्रदेश
30:14तो सही उत्तर आपका है बिहार और गुजराथ ये दो आंदोलन हुए थे 1974 में
30:22देखिए अगर आप सबसे पहले बात करते हैं गुजराथ की क्योंकि आंदोलन की सुरुआद कहां से हुई थी
30:27गुझरात से हुई थी गुझरात में अंदोलन का नेत्रत्व किससे ही ने कि या था मुरार्जी देसाई ने और शुरू कब गळूवा था यह अंदोलन जनवरी
30:36Stelle-14 में नेत्रत्व इस आंदोलन क किस स्थिया था तर पर दे आधन का
30:45का मौरारजी देशाई क्या मांग रखी थी एक्चल में यह आंदोलन तो छात्रा आंदोलन था और मांग थी
30:58कि ब्रस्टाचार कि ब्रस्टाचार कि गरीबी और महंगाई इसके लिए दोशी माना गया था
31:11गुजरात कॉंग्रेस सरकार को और मौरारजी देशाई ने कहा था कि गुजरात की कॉंग्रेस सरकार को भंग किया जाए
31:19गुजरात की कॉंग्रेस सरकार गुजरात की कॉंग्रेस सरकार भंग हो और वापस शुनाओ किये जाए
31:33साथ में धंकी क्या थी
31:36मौरारजी देशाई ने ये कहा था
31:38कि अगर ऐसा नहीं होता है
31:40तो वो गोक अर्ताल पर बैठेंगे
31:42गोक अर्ताल पर
31:46ये मौरारजी देशाई के द्वारा
31:48कहा गया था
31:50और इसी कारण से
31:51सरकार को भंग किया गया
31:53पुनह चुनाव करवाएगे, इन चुनाव में कॉंग्रेस पराजित हुई, सरकार भंग हुई, गुजरात सरकार, पुनह चुनाव करवाएगे, पुनह चुनाव, कॉंग्रेस पराजित, इस चुनाव में कॉंग्रेस पराजित हुई, तो यह कुछ महत्वपूर्ण गटनाय
32:23विहार तो बिहार में यह आंदोलन हुआ मार्च 1974 में यहां पर भी चात्र आंदोलन था चात्र वही मांग कर रहे थे गरीबी बेरोजगारी ब्रस्टाचार के खिलाब विहार की कॉंग्रेस सरकार को भंग किया जाए इस आंदोलन का नेतरत्व करने के लिए जैप्रकास नार
32:53जो कि 1955 से शक्रिय राजनीती को त्याब चुके 115 से 65 से सक्रिय राजनीती का त्याब
33:12चुके थे उन्हें बुलाया गया और उन्हें कहा गया कि अंदोलन सुआ जैप्रकास नाराएंग नहीं सुआ को Щय
33:20प्रश्न है नक्षली आंदोलन की शुरुवात भारत के किस राज्य से हुई थी
33:47A. गुजरात B. कैरल C. बिहार D. पस्चिम बंगाल तो यह है आपका सही उत्तर D. पस्चिम बंगाल शुरुवात यहां से हुई थी उसके बाद तो भारत के कई राज्यों में और कई जिलों में यह प्रवेश कर चुका है
34:02इस्पेसली जो पुर्वत्तर के राज्य थे हैं खास करके वहां पर वर्तमायन समय में यह नक्सली आंदुलन पहुला हुआ है अभी भी है यह समाप महीं हुआ है यह जो नक्सली आंदुलन है
34:15सथ्मांदुन में इस आद्लंध को में जो बाहरी सहियोग प्राफ राक्त होता है कि बाहरी
34:20यह बाहरी सहियोग कहां से मिलता है यह मिलता है बांगलादेश हुस be, सी
34:27बांगलादेश हुग ऊजिए चीन के द्वारा यह जो नकसली है
34:37आर्थिक सहयोग दिया जाता है ताकि भारत में अशान्ति बनी रहे हतियार व आर्थिक सहयोग
34:44भाति हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं कि चारो मजुद्दार के द्वारा यह अंदोलन प्रारम किया गया था
34:541967 मरस कि अंदोलन प्रारम हुआ था आंदोलन कि सुवा जो है वो पष्चिममंगाल के दार्जलिम शेत्र के नक्सलबाधी शेत्र से हुई थी और इसी कारण से इसको नक्सलबाधी आंदोलन का जाता है ये जम्यदारी प्रता के विरुद्ध था
35:07प्रश्न है लक्षरी आंदोलं का नेता कौन था
35:10ए राजराम मुहनराय दी चारु मजुमदार सीर्विंद गोश और डी अतुल गोश आपका सही उत्तर भुगा
35:18चारु मजुमदार इसका नेतरत्व कर रहे थे जो की CPIML से थे
35:26CPI ML यानि कि माक्सवादी लेनिनवादी से थे और इल्हों ने चूकिस आंदोलं को हिंसात्मक तरीके से प्रादम किया था
35:35इसलिए इनको पकड़कर जेल में डाला गया और जेल में ही इनकी म्रत्यू हो गई थी
35:39प्रस्णाय निम्लिकित में से कौन 1974 में चात्रा अंदोलन का कारण नहीं था एक आधियान की बढ़ती कीमतें बी आवशेक वस्त्वों की बढ़ती कीमतें
35:48इसब्रस्टाचार weं ऐस उत्तर क्या होगा क्वांग्रादश संकत क्यों कि में की बंगलादेश संकत नीकितल weaker 1971
36:02याओश्यक योटूज
36:08इस छात्रा अंदोलन के लिए जिम्मदार नहीं था बलकि जिम्मदार जो था वो खाद्यान की बढ़ती कीमते आवशक वस्तूं की बढ़ती कीमते ब्रस्टाचार हां हम इन सब के पीछे कह सकते हैं कि बंगलादेश संकट की वज़े से यह सब कुछ हुआ था बट डारेक्�
36:38वो गुजरात और बिहार से प्रारम हुआ गुजरात व बिहार से प्रारम हुआ और आगे चल कर ये राष्ट्र व्यापी बन गया आगे चल कर ये राष्ट्र व्यापी आंदोलन हो गया इनकी पूरा भारत जो था इस पेशली उत्तर भारत इस आंदोलन में सामिल था इं�
37:08नेता कौन थे। A. जॉड्स फर्णांडीस, B. चौधरी चरंड सिंग, C. राम्वनोहर्लूया, D. जैप्रकास नारायर। सही उत्तर होगा आपका।
37:17जॉड्स फर्णांडीस, देखिए, चौधरी चरंड सिंग, कॉंग्रेसी नेता थे। कौन थे। कॉंग्रेसी नेता, जो की आगे चल करके, कॉंग्रेस से अलग हुए किसान नेता थे, और इन्होंने इसी गरी अपनी पाइटी बना ली और नाम रखा गया उस पाइटी का ल
37:47समाजवादी नेता थे। कौन के समाजवादी नेता थे दोनों हुए। और जैप्रकास नारायन जिनको जेपी कहा जाता है, इन्होंने 1974 के आंदोलन का नेतरत्व किया था।
38:04पूर्णिशों चोहत्तर के आंदोलन का नेत्रत्व इनके पास था अब बात आती है जॉर्स फर्नांडीस की तो जॉर्स फर्नांडीस ने रेल आंदोलन जो हुआ था रेल हर्ताल जो भी थी इसका नेत्रत्व किया था
38:20क्या थी रेल हर्ताल इसको देखने के जरुवत है देखिए 1974 1974 में रेल कर्मचारियों ने जॉर्स फर्नांडीस की नेत्रत्व में एक रेल हर्ताल की थी और मांग किया थी जो यह रेल हर्ताल हुई थी
38:37रेल हर्ताल तो इसमें जो मांगे रखी गई थी वह क्या थी मांगो में सबसे पहले थी जो सरकार नहीं दे रही थी बॉनस दिया जाए दूसरी मांग थी
38:55सरकारी लाब जो प्राक्त होते हैं उनमें कटोती नहीं होनी चाहिए वो उनको खुब हुब जैसा मिलना चीजे से
39:05इंक्रिमेंट बगरा है तो वो उनको मिलने चाहिए और सरकार इस समय विप्रित परिस्थितियों में थी
39:10हलात देश के ठीक नहीं थे आर्थिक संकट के दौर से देश गुजर रहा था सरकार उस सब कुछ नहीं दे सकती थी इसलिए जो रेल करवचारी थे वो इसके अगेंस्त थे वो अपनी माल कर रहे थे
39:21फाइनली हर्टाल जब हुई तो सरकार ने हर्टाल को अवैधानिक बताया और जो नेता थे उनको गिरफ्तार किया गया उनपर मुकत्मा चलाये गया
39:46हर्ताल को आवगादानीक इसके बताया गया कि जो अति आवश्यक सेवा होती है
39:51अति आवश्यक सेवा जो होती है उसके कर्मचारी हर्ताल नहीं कर सकते
40:09अगर करेंगे तो गयरकानूमी मना जाएगा
40:13हर्ताल 20 दिन तक चलिए 20 दिन और बाद में बिना समझोते के हर्ताल वापस लेनी परिए
40:23बिना समझोते के हर्ताल वापस कोई समझोता नहीं हुआ
40:36कोई मांगे नहीं मानी गए नेताओं को जेलों में डाल दिया गया हर्ताल को अवैधानी कोशित कर दिया गया ऐसी स्थिति में जैसी स्थिति से हर्ताल सुरू हुई थी उसी स्थिति में बिना किसी सर्थ को माने बिना किसी मांग को माने हुए अर्ताल को निरस्थ कर दिया ग
41:06का सही उत्तर हुगा 1974 में जो आंदोलन हुआ था उसका नेत्रत्व जैप्रकास नारायन के द्वारा किया गया था और ये
41:15मर्च 1974 की बात है कब मार्च 1974 जैप्रकास नारायन जुने हैं जेपी भी कहा जाता है उनके ग्वारा इस आंदोलन का
41:26करते हुए भारत सभी सभी में सभड़ पर एंबते सब्सक्राइब
41:37किया गया ता िन्हों को चला करके संसध मार्च कुर्षा ति की hospitals
41:55जह प्रकास नाराण नहीं संपून क्रांति की पता ही थे संपून क्रांति यह संपून क्रांति के
42:25वह सामाजिक, सभी क्षेत्रों में बदलाओ, सामाजिक परिवर्तन
42:33इस आधार पर जैप्रकास नाराण के द्वारा अंदोलन का नेतरत्व किया गया था
42:40राशन है 1975 में संसर्थ तक पीपल स्मार्ज का नेतरत्व किस ने किया
42:46तो राइट आंसर होगा आपका जैप्रकास नाराण ने 1975 में संसर्थ तक जो पीपल स्मार्च था
42:58आने कि आम जनता संसर्थ तक पहुचेगी पैदल चल करके और संसर्थ पहुच करके
43:04सरकार को यह कहेगी कि आप आसफल रहे हैं अपने कामों में और आपको इस्तिफा देना चाहिए आपको पर कार चलाने का अधिकार नहीं है क्योंकि आप जो काम कर रहे हैं इससे जनता कुछ नहीं है
43:17पूरा भारत जो था उसमें महंगाई महंगाई दस्टाचार महंगाई भ्रस्टाचार
43:30महंगाई भ्रस्टाचार गरीबी वेरोजगारी
43:47इस सब चीजों से ग्रस्ट था और जो इंद्रागांधी की सरकार 1971 में बनी थी
43:531971 में इंद्रागांधी की जो सरकार बनी थी यह सरकार बनी थी गरीबी हटाओं के नारे के आधार पर
44:09गरीबी हटाओं का नारा कॉंग्रेस के द्वारा दिया गया था और इसी के आधार पर जनता ने उनको वोट दिया था और वही सरकार जो थी ना तो गरीबी हटा
44:21रही थी ना प्रस्टाचार कम पर कर पा रही थी अब ये सब कुछ क्यों हुआ था इसके लिए कुछ
44:27कारण जिम्म�दार थे तो आब इसमे बता सकते हैं जो कि भड़ी थी fighting कि क्या पता सकते हैं भारत पार्क युदद¬ा बहुत
44:41जिसे देश पर आर्थिक बोज बढ़ा, भारत पाथ, युद, 1971, फिर जो बंगलादेश से शरणारथी आये थे,
44:50उनसे देश पर बोज बढ़ा, बंगलादेश, बंगलादेशी सरणारथी,
44:59प्र Harini और अगलाथी लगब्लाथी लाग इन सरणारथीओं की संक्या थी,
45:01इनको खिलाना पिलाना और इनके रहने की विवस्ता करना इससे देश के उपर बहुत जादा आर्थिक बोज बढ़ा था
45:08इसके अलावा अमेरिका के आर्थिक प्रतिबंथ
45:11अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंथ जो भारत पाग युद के बाद लगाये गए थे
45:17इससे भी भारत की अर्थ व्यवस्ता पर बहुत बुरा असर पड़ा, इतना ही नहीं, उस समय आपको पता होगा मौनसून जो था, वो भी असफल रहा था, मानसून ने साथ नहीं दिया, मानसून असफल रहा, इससे देश की करशी व्यवस्ता पर बहुत बुरा असर पड़ा
45:47और अब इस्राइल युद्ध जो कि 1973 में हुआ था इससे मार्केट में जो पेट्रोल की कीमत थी अंतराश्ट्रिय बाजार में वो बढ़ गई थी भारत पर भी इसका असर पड़ा अंतराश्ट्रिय बाजार में
46:07तेल की कीमतों में वरद्धी हो गई थी इसकी वज़े से तो ये सब कारण कही न कहीं इंद्रागांदी की सरकार के लिए मजबूरी से बन गए थे अब उनके लिए संभव नहीं था कि वो एकदम गरीबी मिटा सके ब्रस्टाचार खतम कर सके जो कि उन्होंने 111 के चुनाव म
46:37हाल की हैं कि एक बार किर से चुनाव कुने चाहिए उनिसों तलम कर दोल्ग में प्रसिद केश्वान्य भार्ति मामले में सरवच निया अले द्वारा कौन सा सिद्दात दिया गया
46:47A. बुनियादी सन्रचना का सिद्दान्थ
46:49B. मूल आत्मा का सिद्दान्थ
46:51C. बुनियादी विचारों का सिद्दान्थ
46:54D. इन में से कोई नहीं
46:55मैं लोटता हूँ पानी पी कर गए
46:57फिर स्टाइट करते हैं तब तक आप इसका उत्ता होजें
47:17D. बुनियादी सन्रचना का सिद्दान्थ
47:33D. ये नर्ने दिया गया था केश्वानन्थ
47:40मामले में और नर्ने बहुत एहम था
47:44नर्ने क्या था ये देखे जरा आप इसमा बताएंगे
47:47S.C. यानि की सुप्रीम कोट का डिसीजन नर्ने
47:53नर्ने क्या था नर्ने था संसत
47:57संसत मूल अधिकारों
48:02संसत मूल अधिकारों में
48:08संसोधन
48:11संसोधन कर सकती है
48:15मूल अभिकारों में संसोधन कर सकती है
48:19लेकिन
48:22लेकिन
48:24संसान के मूल धाचे को नुकसान पहुचाए बिना
48:30नुकसान पहुचाए बिना
48:44मूल धाचा इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए
48:54क्योंकि जो समधान का रकषक है वो है न्याय पाली का
48:58संस अ की रकषक इसको बनाया गये हमारे संसोधन का रकषक बनाया गया है
49:10और न्याय पालिका की ग्यूटी बनती है कैसा कोई भी कानून अगर बने जो समिधान के विरुद्ध हो तो न्याय पालिका इसे एक सक्ति के माधियम से जिसे न्यायक पुन्राव लोकन कहते हैं, जुडिशिल रिव्यू कहते हैं, न्यायक पुन्राव लोकन, इस सक्ति के मा�
49:40और जब संसद ऐसे कानून बनाने की कोशिस कर रही थी जिसे मूल अधिकारों में परिवर्टन
49:45किया जा सके है तो इसे नियाएपालिकार गलत मांद रही थी और नियाएपालिकार my टिंदान के मूल
49:51ढाची को प्रभावित हैं सब्सक्राइब नहीं है लेकिन 1973
49:57सरकार नियाय पालिकान ने ये माल लिया कि आप पूर अतिकारों में परिवर्टन कर सकते हैं लेकिन आप समिधान के मूल धाचे को नुकसान पहुचाए बिना ये निर्णे जो है वो भारतिय संब्धानी के थिहास में बहुत इंपोर्टेंट निर्णे कहा जा सकता है जहां �
50:27मटैन रॉय बी नि Ärन मुंती यली चन्दचूड नियाय मुर्ती केस हैगडे वर दी यहां पर आपका सही उपतर होगा डी
50:38यह मुर्टी यंज漦 महनलाल सिंह लो च्वम शंधा जो थे उन्होंने 1975 में इंद्रा गांदी के खिलाथ पैसना सुनाये था क्या था ये माम ला
50:57कि अलाहबाद हाइपूर्थ कि एलाहबाद कि उच्छ नियायले का निरने आता है कि इंद्रा गांधी ने 1971 का जो चुनाव लड़ा है वो चुनाव अवेधानिक तरीके से लड़ा है यहीं कि
51:25कि इंद्रा गांधी का 1971 का चुनाव चुनाव अवेध उन्होंने यह जो निरने दिया कि 1971 का चुनाव जो इंद्रा गांधी जीत कर आई है वो अवेध है वो इसलिए निरने दिया गया क्योंकि
51:50इंद्रा गांधी के खिलाफ एक याची का दायर हुई थी और वो याची का उन्ही के प्रतित्वंदी ने की थी
51:57क्या हुआ था उछ न्याले में इलाहबाद उछ न्याले में याची का दायर हुई थी
52:04याची का दायर और ये याची का किसके द्वारा दायर की गई थी राज नारायन के द्वारा राज नारायर ये जो राज नारायन थे एक समाजवादी नेता थे
52:18समाजवादी लेता राज नारायण ने याची का दायर की थी और उन्होंने या आरूप लगाये था कि 1971 में इंद्रा गांधी ने चुनाव जो लड़ा था वो चुनाव
52:32सरकारी मशीनरी का दुर्पयोग करते वे गड़ा था यह आरूप लगाया गया था कि इंद्रा गांधी के द्वारा सरकारी मशीनरी का दुर्पयोग किया गया था
52:51इस आरूप पर ही उचने लेन निर्ड़े दिया था कि इंद्रा गांधी जो है वो अपने पद पद नहीं रह सकती उनका पद जो है वो गलत तरीके से निर्वाची फोकत के आई है इसलिए उनका चुनाव जो है वो अवैद माना जाएगा
53:07प्रेश्ण है उस राश्टपती का नाम बताइए जिन्होंने जून 1975 अपातकाल की गोश्टना की तो सही उत्तर है आपका वी फकुरुदीन अली एहमद उस समय राश्टपती थे और उस समय प्रधान मंत्री इंद्रा गांधी थी
53:33प्रधान मंत्री इंद्रा गांधी प्रधान मंत्री इंद्रा गांधी द्वारा
53:4725 जून 1975 को 25 जून 1975 की मध्यरात्री मौकिक परामश
54:09और यह मौकिक परामश किसको दी गई राश्टपती फकुरुदीन अली एहमद को तथा
54:21अपातकाल की उद्गोषना उनके कहने पर फकुरुदीन अली एहमद के द्वारा अपातकाल उद्गोषना की गई तो यह है उस समय के राश्टपती फकुरुदीन अली एहमद
54:45प्रश्ण है अपातकाल गुशित किया गया था ए 25.1975 बी 12.1975 सी 25.1976 और दी 25.1976
54:58सही उत्तर है अपातकाल गुशित किया गया था 25.1975 को
55:03अब यहां पर यह प्रश्ण वैसे देखा जाये तो अधूरा है अपातकाल का मतलब यहां आंत्रिक अपातकाल होना चाहिए
55:11क्या होना ची आंत्रिक कान 2575 को गोसित हुआ इससे पूरू भी तो अपात तर उद्गोसित हो चुके हैं
55:21अगर हम बात करें कि राष्ट्रिय आपात भारत में कितनी बार उद्गोसित हुए हैं
55:26राश्ट्रिय आपाथ जो की अनुछेद 352 के अधार पर उद्वोसित किये जा सकते हैं तो वो तीन बार उद्वोसित हुए हैं
55:38कितनी बार हुए हैं तीन बार हम यहाँ पर जो चर्चा कर रहे हैं वो है 25.75 के अंत्रिक अपाथकाल की जिसको इंटर्नल इमर्जिंसी कहते हैं
55:49अंत्रिक अपाथकाल यह मात्र एक बार लागू हुआ है और यह हुआ था अंधरूनी गणबडी
56:03अंत्रिक अशांती अंधरूनी गणबडी या दूसरे सब्दों में आंत्रिक अशांती के नाम पर
56:21आंत्रिक अशांती
56:22इसके अधार पर यह आपाथकाल उद्गूसित किया गया था
56:28क्योंके अंशिव 352 जो है आइटिकल 352 जो है
56:32वो ये कहता है कि दो आधारों पर आप इसकी उद्गोशना कर सकते हैं
56:37एक हो सकती है बाहरी आक्रमन ये हमारे समिधान में लिखा गया था
56:44दूसरा हो सकता है बाहरी आक्रमन के आधार पर दो बार गोशित हुआ था
56:47दूसरा हो सकता है आंत्रिक अशान्ति के नाम पर, आंत्रिक अशान्ति, और बात में आंत्रिक अशान्ति को परिवर्तित किया गया, जब 44 समिधार संसोधन हुआ, 44 संसोधन, तो इस संसोधन में आंत्रिक अशान्ति की जिगे पर सब्क बदला गया और लिखा गया, आंत्रि
57:17कि शेत्र में का सश्वश्ट्र का विद्रव अगर होता है तो एसी स्थिती में आप इंटर्नल
57:27emergency declare कर सकते हैं आप आंत्रिक आपातकल की उद्गोषना कर सकते हैं otherwise
57:33कि उससमें जो उद्गोषना हुई थी वो जो सब्द था सब्द का फाइदा उठाया गया था आंत्रिक अशांती का फाइदा उठाया गया था जब कि आंत्रिक अशांती की कोई परिभाशा नहीं होती है
57:45प्राश्न है 25.975 को किस अनुछेत के अधार पर आपातकाल उद्गोशित किया गया था
57:53यह अनुछे 356, बी अनुछे 352, सी अनुछे 360, और दी अनुछे 324
57:59तो राइट आंसर आपका क्या है? अनुछे 352
58:02देखे तीनों ही आपातकालीम प्रावधान है, यह है आपातकालीम प्रावधान, यह कि इनके माजिन से आपातकाल उद्गोशित हो सकता है
58:15352 जिसकी चर्चा हम कर चुके हैं, कि यह गोशित किया जाता है राश्त्वी आपातके तोर पर
58:24लेकिन 356 जो है, आर्टिकल 356 यह होता है, राज्य में सम्वेधानिक तंत्र विफल होने पर
58:30राज्य में सम्वेधानिक तंत्र
58:34राज्य में सम्मिधानिक तंत्र विफल होने पर विफल होने पर जबकि अनुछे 360 जो है वो वित्य संकट है
58:50क्या है ये वित्य संकट तो इस्टुडेंट्स आज की स्क्लास को समाप्त करने का समय हो गया है
58:59इसलिए अब हम इस क्लास को यहीं पर समाप्त करेंगे और यह चैप्टर हमारा कम्प्रीट हो चुका है
59:04वित्य सी क्यूज बहुत सारे एंशी क्यूज जिसके और भी आपको मिलेंगे वो मिलेंगे आपको अपने एप पर
59:11इनोर्स के फॉर्म में अगली मुलाकात हमारी नए चैप्टर के साथ में होगी तो नेक्स चैप्टर के लिए इंतजार करें तब तक के लिए आप सभी स्वस्त रहें मस्त रहें जैहित
59:21जैहित

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