Part- 02 तीसरी से आठवीं पंचवर्षीय योजना, खाद्यान्न संकट, हरित क्रांति, श्चेत क्रांति (POL--स्वतंत्र भारत में राजनीति--3--नियोजित विकास की राजनीति)
Category
📚
LearningTranscript
00:00नमस्कार वित्यार्थियों, मैं सुरेश भाटिया आप सभी का आज की इस क्लास में एक बार फिर से हार्दिक स्वागर्थ और अभीनंदन करता हूँ
00:06स्टुटेंट्स जैसा कि आप सभी जानते हैं, नियोजित विकास की राजनिती पिछली बात, यानि कि पिछली क्लास में स्टार्ट किया था इस चेप्टर को और आज हमने इस चेप्टर में आगे बढ़ेंगे
00:16पिछले क्लास में आपने देखा था कि भारत में नियोजित विकास की आविशकता क्यों पड़ी
00:21जब भारत स्वतंत्र हुआ था तो भारत के सामने जो चुनोतियां थी
00:25उन चुनोतियों में भारत का विकास एक बहुत बड़ी चुनोती थी
00:29200-100 तक ब्रेटिस साशनकाल के अधीन रहने के पस्चाथ भारत की अर्थ विवस्ता पूरी तरह से चौपट हो चुकी थी
00:36विशेस प्रकाथ विशेस रूप से अगर हम कहें तो हमारे गरिलू द्योग दंदे जो थे
00:41जिसके आधार पर भारत सोने की चिडिया कहलाता था और भारत की प्रशी विवस्ता थी वो पूरी तरह से चौपट हो चुकी थी
00:48शौतंतरता के पत्ष्चाथ भारत सरकार के सामने एक बहुत बड़ी चुनोती थी
00:52कि क्या ऐसी प्रकरिया को अपनाया जाए जिससे कि भारत विकास के मार्ग पर एक बार पुनह आगे बढ़ सके
00:59उस समय हमारी पहली सरकार यानि कि जो अंतरिम सरकार थी पंडित जवाहलाल मेहरू के नेतरत्म में
01:07उन्होंने डिसिजन लिया कि हम योजनाबत तरीके से विकास की नीती का अनुसरन करेंगी
01:12सुवेट संग के योजनाबत तरीके से विकास करने की नीती का हमने मौडल अपनाया
01:18मिस्रत मॉडल को अपनाया गया
01:19जिसमर कुछ उद्योगदंदे सरकार ने अपने धीन रखे
01:22तो कुछ को प्राइविट किया गया अर्था नीजी रखा गया
01:26पंचवर्शी योजनाओं के माध्यम से विकास करने की इस नीती का
01:30स्री गड़ेस योजनायोग के माध्यम से किया गया
01:33योजनायोग जिसकी स्थापना सरकार द्वारा एक संकल्प प्रस्ताव के माध्यम से की गई थी
01:40योजनायोग ने पंचवर्शी योजनाओं के मॉडल को तयार किया
01:44और सरकार द्वारा उसे लागू किया गया
01:46साथ ही साथ एक और NDC यानि की National Development Council राश्टिय विकास परिशत का गटन भी 1952 में किया गया
01:56जिसको काम दिया गया सरकार द्वारा जो योजनाय लागू की जाती है
02:00समय समय पर उन योजनाओं का निरिक्षन करना कि वो काम ठीक डंसे कर रही है अत्वा नहीं कर रही है
02:06इस तरह से हमने देखा कि भारत में अपने विकास को पंचवर्शी योजनाओं के माध्यन से आगे बढ़ाना प्रारम किया
02:14हम हमारी पिछली क्लास में दो पंचवर्शी योजनाओं पर चर्चा कर चुके थे प्रथम और दृत्य पंचवर्शी योजनाओं
02:21प्रथम पंचवर्षिय योजना में करशी को मुख्य रूप से टारगेट किया गया था और द्वित्य पंचवर्षिय योजना में उद्योग धंदों को मुख्य रूप से टारगेट किया गया था
02:30यानि कि ओद्योगी करण पर बल दिया गया था
02:33जहां प्रथम पंचवर्षिय योजना को के एन राज मॉडल के नाम से जाना जाता है, धीमी गती से विकास की प्रक्रिया के एन राज के द्वार अपने गई थी, वहीं PC महाल नौबिस ने दूसरी पंचवर्षिय योजना के अंतरगर्थ और द्योगी करण की गती को तिवर
03:03यहां पर प्रदान की जाएगी, तो सबसे पहले आज हम चर्चा करेंगे तीसरी पंचवर्षिय योजना, यानि कि थर्ड प्लांट, तीसरी पंचवर्षिय योजना,
03:33पंचवर्षिय योजना, ओले तीसरी पंचवर्षिय योजना,
03:57वने संचवर्षिय योजना,
04:03तीसरी पंचवर्षी योजना
04:05एक थोड़ी बहुत चर्चा तो हम तीसरी पंचवर्षी योजना पर पिछली क्लास में कर चुके हैं
04:11तीसरी पंचवर्षी योजना का काल क्या था आप सभी जानते हैं
04:13हमने पिछली क्लास में चर्चा की थी
04:151961 से लेकर 1966 तक तीसरी पंच वरसी योजना का का गल था
04:23पहली पंचवरसी यौजना ixton 1951 से लेकर 56 तक के लिए चलाई गई ती दूसरी पंचवरसी योजना
04:291956 से 1971 तक चलाई गई थी और तीसरी पंचवरसी योजना 1961 में प्रारम Нुई थी
04:35तो यहां पर आप इतना जरूर देख सकते हैं कि यह जो दौर था वो था आर्थिक संकट इस समय भारत आर्थिक संकट के दौर से भुज़रा था
05:01क्योंकि इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच भारत और चीन के बीच युद्ध हो चुके था बहुत सारी राशी जो ती prosthट कर दी गई थि तेरों पर हर खर्च की गई थी
05:12साथ ही साथ इसी समय सूखे की स्थिति आई थी जो भी सूखे की स्थिति ने भारत की अर्थ्वेवस्ता को बहुत जादा प्रभावित किया था तो यह वो दौर था जब हम
05:22तीसरी पंचवर्षी योजना के द्वरान आर्थिक संकट से गुजर रहे थे इस पंचवर्षी योजना में जो हमारी व्रद्दिदर थी लक्षे जो रखा गया था वो रखा गया था पांच पॉइंट छे प्रतिसत से यानि कि व्रद्दिदर का लक्षे जो तै किया गया थ
05:52परकिर्ट सेट किया था उसके अकोर्डिंग आप चल पा रहे हैं और अगर ऐसा नहीं हुआ है तो इसका मतलब यह है कि आपकी वो योजना असफल हो रही है और इसमें आप देखेंगे वास्ट्विक व्रद्दी दर्जु रही 2.4 प्रतिसत की रही वास्ट्विक व्रद्द
06:22यूजनहीं के अंतरकत जो लक्षे निरधारित किया गया था वो लक्षे पूरा नहीं हो पाया और यहीं कारण है
06:30नहीं हो पड़ी और इस पंचवर्षिय योजना के पस्चात योजना अवकासकाल प्रारम किया गया था
06:35यानि कि यह कहा जा सकता है कि यह पंचवर्षिय योजना यह पंचवर्षिय योजना असफल रही
06:47असफल रही
06:51जब ये पंच वर्षी योजना असफल रही
06:53तो एक दोर आया
06:55जिसे योजना अवकास काल कहा जाता है
06:57जिसके बारे में हम पिछली बार चर्चा कर चुके हैं
07:00कि यहां क्या करना पड़ा
07:01एक एक वर्षी योजना को लाना पड़ा
07:03योजना अवकाश काल
07:08पिछली क्लास में हम योजना अवकाश काल की भी चर्चा कर चुके हैं
07:12योजना अवकाश काल कब से कब तक चला था?
07:141966 से लेकर 67, 1967 से लेकर 68 और 1967 से लेकर 69
07:35ये जो तीन साल थे इसे योजना अवकाश काल कहा जाता है
07:39इस दर्मियान जो है वो एक एक वर्सी योजना अवकाश की गई थी
07:43और हुँ योजनाओं के आधार पर आगे बढ़ने की निती को अपनाया गया था
07:47अब हुँ देखेंगे यहां से चौथी पंचवर्सी योजना
07:50कौन सी देखेंगे?
07:53चौथी पंचवर्सी योजना
07:56चौथी पंचवर्सी योजना
08:00चौती पंच वरसी योजना का काल निस्चित रूप से आप देख सकते हैं
08:05कि जब 1969 तक योजना अवकास रहा
08:09तो चौती पंच वरसी योजना का काल तहां से सुरू होगा
08:12bulb 1969 से सुरू होगा और 19ign70 थोर तट रहेगा
08:16तो 1979 से लेकर 1974 तक के लिए जिस यूजना को लागू किया गया था वो था चौती पंचवर्षिय यूजना का काल
08:25इस यूजना काल के अंतरगत भारत ने एक बार फिर अपने रिकास को एक नए सीरे से प्रारम करना प्रारा सुरू किया
08:33गाडगिल फार्मूला जो है वो इस पंचवर्षिय यूजना के लिए काम में लिया गया गाडगिल फार्मूला गाडगिल फार्मूला गाडगिल फार्मूला इसका मतलब जो है यूजना के जो यूजनाकार थे वो वी एन गाडगिल थे यूजनाकार चौकि यूजनाकार इ
09:03है इसनी है इसको गाडगिल formula और जाता है तो गाडगिल formula के � ahead
09:09तक दर्थारित किया गया भी क्याल किया गया था इसमें आप देखेंगे कि
09:15350 फार्मुला जो काम में लिया गया था इसके अंतर्गत इंडरा गांधी ने अपने पूरानी यहा
09:22शफलते थिन और सफल्ताओं को सफल करने की नीटी अपनाई थी इसके अंतरगत इंद्रा गंधी ने पंच्वर्सिय योजना के अंतरगत कुछ नए सुधार के कारिक्रम प्रारंब किये थे विशेश रूपसे ये वह द्वर था जबकि इंद्रा गांधी सरकार के द्वारा
09:5214 बैंकों का 14 बैंक चौदा बैंकों का राश्ट्रियकरन किया गया
10:0414 बैंकों का राश्ट्रियकरन नेशनलाइजेशन ऑफ बैंक और यह सब किया गया था कब 1969 में
10:1114 बैंकों का राश्ट्रियकरन किया गया और राश्ट्रियकरन का लक्षय या उदेश्य जो था वो था अनेक प्रकार की ऐसी नीतियां ऐसे कारेकरम अपनाना जिसके मात्यम से गरीबी और बेरोजगारी को दूर किया जा सके
10:25यानि कि गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के लिए
10:48अनेक अनेक कारेकरम प्रारंब किये गये तो यह थी आपकी चौथी पंचवर्शी योजना जिस पंचवर्शी योजना का जो मुख्य लक्षय था वो मुख्य लक्षय क्या था वो था
11:14पुरानी जो असफलता है थी उना सफलताओं से बाहर आते हुए सफलताओं के और बढ़ना और वो इंद्रा गांधी सरकार के द्वारा आप सदी जानते हैं कि 1967 में जब चौथा वाम चुना हुआ था तब इंद्रा गांधी को उतनी सफलता प्राप्त नहीं हुई थी जित
11:44सीटों से वापस अगला चुनाओं जीत सके इसलिए इंद्रा गांधी के द्वारा इस समय कुछ नए कारेक्रमों को जन दिया गया जो कि आप चौथी पंचवर सी यूजना के अंतरगत देख सकते हैं बहुत बड़ा कदम उठाया गया 14 बैंकों का रास्प्री करण किया ग
12:14माध्यम से जिन्हें सरकारी बैंक बनाया गया इसके माध्यम से की गई थी अब यहां चर्चा करेंगे पांचवी पंचवर सी यूजना का काल क्या रहेगा आप 1974 से रहेगा निश्चित्रूप से तो हम यह कहेंगे
12:39कि 1974 से लेकर 1978 तक अलाकि 79 तक चिया था लेकि 78 तक इसलिए रहा क्योंकि उस समय जो है जन्ता पारिटी की सरकार आ गई थी और जन्ता पारिटी की सरकार ने इस यूजना को समय से पहले ही रोक दिया था
12:5674 से स्टार्ट हुई है तो देखे 74 75 76 78 चार साल तक ही यूजना काम कर पाई थी 79 में इसको समाप्त होना था लेकिन इस समय जन्ता पारिटी और की मौरार जी देशाई की सरकार आ गई थी तो सबसे पहले तो आप यहां पर ध्यान रखेंगे
13:12कि 1977 1977 में मौरार जी देशाई जो प्रधान मंत्री थे मौरार जी देशाई पीए कि जन्ता सरकार या जन्ता पारिटी सरकार
13:35कि जन्ता पारिटी सरकार का गठन और जन्ता पारिटी सरकार का गठन हुआ इसलिए योजना को 78 में रोक दिया गया
13:49इस योजना को 1978 में रोक दिया गया जो कि 79 में पूरी होनी थी लेकिन 1974 से लेकरके
14:071978 तक जो यह पंचवर सी योजना चली थी यह बहुत इंपोर्टेंट टाइम था आपको पता होगा कि यह वो दौर है जब इंद्रा गांधी के द्वारा आंतरिक आपातकाल को गोशित किया गया था
14:19आंतरिक आपातकाल के आधार पर इस योजना के अंतरगत क्या-क्या सुधार किये गये थे यह भी देखने वाले आवश्यक्ता है सबसे बड़ी चीज यह चीज और इहां पर देखेंगे आप दूसरे नोट में लिख रहा हूं मैं और वो यह है कि 1970 का इंद्रा गांधी
14:361970 का चुनाओ चुनाओ इंद्रा गांधी ने गरीबी हटाओ
14:50गरीबी हटाओ के नारे के आधार पर लड़ा था
15:091970 का चुनाओ इंद्रा गांधी के द्वारा गरीबी हटाओ के नारे के आधार पर लड़ाए गा था उसी समय जो विपक्स था उस विपक्स ने एक नारा लगया था वो
15:25तो इंद्रा गांधी के लिए बड़ा कठिन काम था जो नारा लगाया था उसी नारे के अधार पर देश से गरीबी को खतम करना था लेकिन ये भी दौर कठिन दौर था क्योंकि
15:37कि 1970 के बाद भारत के सामने एक बार फिर से कुछ चुनोतिया आई आप देखेंगे 1971 में भारत पाक युद्ध
15:50कि 1971 में भारत पाक युद्ध हो गया है कि इससे पूर्व 1971 तक बांगलादेशियों का भारत में बहुत बड़ी संख्या में सरल लेना यानि कि 1971 तक लगभग लगभग
16:07या उनी से कतर तक लाखों की संख्या में लाखों की संख्या में बांगलादेशी जो थे उन्होंने बांगलादेशी
16:37बांगलादेशियों ने भारत में पलायन किया जिससे आर्थिक बोज बड़ा जिससे आर्थिक बोज बड़ा
17:00सरकार के उपर आर्थिक बोज बड़ गया क्योंकि बांगलादेशी लाखों की संख्या में भारत में आ चुके थे और इससे बात दौनों देशों के बीच में एक युद्ध हो गया था तो ऐसी इस्तिति में जो विकास हम करना चाहते थे क्या हम उसी विकास पर बड़ पा
17:30लक्षित विकास दर्थ 4.4% जरधारित की गई थी लक्षे रखा गया था कि हम इस दर से अपना विकास करेंगे लेकिन जो विकास हुआ वास्तिविक विकास
17:51विकास वो 4.8% की दर से हुआ 4.8% की दर से हुआ तो इसका मतलब जो निर्धारित विकास था उससे अधिक विकास हुआ था ये योजना एक सफल योजना थी लेकिन मौरालजी देशाई की सरकार ने इस योजना को बीच में ही रोक दिया था क्योंकि जब सरकारे बदलती ह
18:21ये लेकने को मिलते हैं उनिस सो इठक्तर से उनिस सो असी तक का जो टाइम कि रड़ था वो था रोलिंग प्लान के उनिस सो अधार नाइंटिन सेवनटी एड से लेकर उनिस सो असी तक
18:39नाइंटिन एड तक उनिस्तो असी तक जो है ये रोलिंग प्लान रखा गया था यानि कि इस समय तक पुरानी योजना चल रही थी उस योजना को यहां पर रोक दिया गया था उसके पस्चात
18:521978 से 80 तक जो है वो रोलिंग प्लान रखा गया उसके बाद 65 वर्षिय योजना प्रारम की गए
19:0365 वर्षिय योजना जो थी 1978 से 80 तक तो रोलिंग प्लान रखा गया यह जनता सरकार का था इस समय जनता पाईटी की सरकार आ गई थी
19:25मौरारजी सरकार और आप सभी जानते हैं कि मौरारजी सरकार जो है वह 1987 से लेकर के 1980 तक रही थी
19:341980 में एक बार फिर से इंद्रा गांधी जुनाव जीत करके आगई थी तो इसका मतलब अब नहीं जो सरकार थी उसकी योजना थी
19:42की छक्टी च्बांदी जिनके द्वारजी योजना को?"
20:00के प्रधान मंत्री यहाँ पर ऑगर थी इंदिरा लांत्री कौन थी इंद्रा गांति यहाँ पर प्रधान मंत्री थी
20:28विकास दर
20:31जो निरधारित की गई थी
20:34वो थी
20:355.2 प्रतिसत
20:38जबकि वास्त्रिक विकास जो हुआ
20:40वास्त्रिक विकास
20:44वो कितना हुआ
20:47वो हुआ
20:485.7 प्रतिसत की दर से
20:53यानि कि जितना सोचा गया था
20:55उससे अधिक विकास हुआ थो हम इस योजना को भी
20:57क्या कह सकते हैं सफल योजना कह सकते हैं तो यहां में चटी पंच्वर्सिय योजना की बात करें
21:07साथवी, आठवी, नौवी, दसवी, देखें सारी पंचवर्शी योजनों के काल पर ही हम चर्चा कर लेते हैं प्योंग इतना डीप कोश्चन आप से नहीं पूचा जाएगा लेकिन बीश में जो कुछ भी परिवर्तन होगा, कुछ विशेस होगा तो उसको भी हम यहाँ पर
21:37आपको यहां तक की जो पंचवर्शी योजना की थी, वो इसलिए बतानी जरूरी थी, क्योंकि यहां पर बीच में एक बार रोलिंग प्लान भी लगा था और इससे पूर्व योजना अकास काल भी आया था और वापस पंचवर्शी योजना जो है वो इंद्रा गंधी के का
22:07आपकर हम 12 प्लान तक देख लेंगे कि कौन-कौन सी पंचवर्शी योजनाओं का काल, क्या-क्या रहा था, चोड़ा सा ग्रिंज ब्रेक लेकर लोटूंगा, उसके बाद हम स्टार्ट करते हैं यहां से आगे के प्लान पर लेंगे
22:37अगर हम बात करें तो चटी पंचवर्शी योजना भी आपने देखी कि हमने कहां से कहां तक खतम किया था इसको, इसको समाप्त किया था हमने उनीस सो असी से पीची असी तक, अब उसके बाद में नेक्स्ट पंचवर्शी योजना है, उसका काल क्या रहा?
23:07अब यहां आठी पंचवर्शी योजना से पहले एक और ऐसा दोर आया, जबकि यहां पंचवर्शी योजनाओं को रोका गया, यह फिर योजना अवकास काल था, और यहां योजना अवकास काल, इस पेसरी हम यहां अलग से देखेंगे, योजना अवकास का, यह योजना अ
23:37पॉलिडे कहते हैं वो दो वर्सका रहा 1990 से लेकर के बरान्वी तक का
23:4590 से लेकर के 92 तक का क्योंकि इस दर्मियान भी बड़ी बड़ा परिवर्तन देखने को मिला था आप सभी जानते हैं कि
23:541989 में 1989 में राष्ट्रीय मोर्चा
24:01राष्ट्रीय मोर्चा सरकार बनी थी इस राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के दो प्रधान मंत्री रहे थे
24:11मतलब एक ही सरकार के दो दो प्रधान मंत्री बन गए इसमें एक तो थे विपी सिंग पहले प्रधान मंत्री विपी सिंग थे
24:19और दूसरे प्रधान मंत्री जो थे वो थे चंदर सेखर तो वीपी सिंग और चंदर सेखर सिर्फ दो प्रधान मंत्री यहां पर बने तो दो वर्सों का इनका जो कारेकाल था इस दर्मियान योजना को एक तरह से स्टॉप कर दिया गया था तो 1989 से लेकर के 1991 तक 1991 तक ये दो �
24:49इस दर्मियान कोई नई पंचवर से योजना प्रार्णव नहीं हो पाई फिर वापस आठ्वी पंचवरसे योजना जो शुरू होती है वो होती है 1992 से लेकर 1992 से लेकर1997 तक और ये कौ से प्रधान मंत्री का काल था इस समय प्रधान मंत्री एक बार फिर से एक इस्थर
25:09प्रधानमंत्री आ गये थे और वो थे नर्सीमा राव की सरकार में इस्तों 91 से लेकर के 96 तक के लिए बनी थी और ये कॉंग्रेश की सरकार थी भले इस सरकार में भी जरूर कुछ
25:21शेत्रिय दलों का सहयोग प्राप्त किया गया था जिसमें विशेश रूप से AIDNP का सहयोग था एक गठवंदन सरकार थी लेकिन फिर भी इस सरकार में पूरे 5 साल काम किया था और ये पंचवर से योजना 1992 से 1997 तक चली थी प्रधानमंत्री कौन थे तो प्रधानमंत्री थे �
25:51होती है नौभी पंचवर से योजना 1997 से और चलती है उन 2002 तक पूरे पांच वर्स तक ये भी पंचवर से योजना चली इस दौरान प्रधानमंत्री कहीं बन गए अटल ब्यारिवाजपई प्रधानमंत्री बन गए
26:10एजडी देविगोड़ा इससे पूरो प्रधानमंत्री रहे थे एजडी देविगोड़ा के साथ साथ इंद्रकुमार बुजराल प्रधानमंत्री बन गए यहांकि 96 से लेकर और 2002 के बीच में आप देखेंगे तो बहुत सारी सरकारे बद्ली नसीमहाराग की सरकार उसके ब
26:40इस योजना काल के अंदर हम कहेंगे कि बले उतल पुतल खूब हुआ था सरकारे काफी बद्ली थी लेकिन पांच वर्ट जो थे इस योजना आवकास काल ने पूरे खिये थे
27:03अब दसवी पंचवर से योजना की हम बात करें तो यह शुरू हुई थी 2002 से कब तक चली 2007 तक 2002 से लेकर 2007 तक चली थी इस दर्मियान 2002 से लेकर 2004 तक को अटलवेर रिवाजपई के काल में चल गई और उसका 2004 में प्रधान मंत्री बदल गए और यहां पर आगय थे अब डॉक
27:332007 में सुरू होती है और 2012 तक चलती है फिर आती है बारवी पंचवर से योजना ये 2012 से सुरू होती है और 2017 में ये पूरी होती है यहां एक बहुत बड़ा परिवर्तन है और वो परिवर्तन क्या हुआ कि 2015 में योजनायोग को समाप्र करके नितियायोग की स्थापना कर दी ग
28:03प्रदान मंतरी के नेतरतों में जब एंडिया की सरकार बनी तो इन्होंने जो योजना चल रही थी जिसे हम बारी पंच्वर से योजना कहेंगे उसको रोका नहीं बलकि उसना अपना कारी पूरा किया 2017 के लिए लेकिन इस दर्मियान योजना आयोग की जगपर नीतिया आयो�
28:33लग काल में जो योजना थी उनके बारे में मैं जानकर है जुटाई अब यहां से आगे पड़ते वे हम चर्चा करेंगे खाद्यान संकट पर देखें एक दोर ऐसा आया था 1960 का जब भारत को भेंकर खाद्यान संकट से गुजरना पड़ा था इस खाद्यान संकट के पीछे
29:03कि किस राज्ये पर सरवाधिक प्रभाव पड़ा देखिए 1960 के दशक में क्रसी की दशाग बद से बदतर होती गए 1940 और 1950 के दशक में ही खाद्यान की उतपादन की व्रद्धिदर जन संक्या की व्रद्धिदर से जैसे तैसे अपने आपको उपर रख पाई थी
29:22कहा से कहा तक 1940 से 1950 एक अर्थसास्त्री हुए हैं जिनका नाम है मालथस उन्होंने एक बात कही थी अर्थसास्त्री
29:33मालथस और मालथस महदय ने कहा था कि हमेशा जितनी जनसंक्या हो जनसंक्या से खाद्यान उपर ही होना चाहिए तो तो ठीक है
29:50लेकिन जनसंक्या खाद्यान से उपर चली गई तो समझ लेजिए कि आपके अर्थेवस्ता भेंकर बर्बाद होने वानी है क्योंकि फिर जनसंक्या जादा हो जागी तो खाद्यान संक्र तो बढ़ने है आप कहां से पूर्ती करोगे उसकी उन्होंने एक फॉर्मूला तक �
30:20लेकिन अगर उल्टा हो गया कि जनसंक्या आपकी 2, 4, 8, 16 के करम में बढ़ गई और आपकी खाद्यान सामगरी 1, 2, 3, 4 के करम में ही आगे बढ़ी तो समस्या कड़ी हो सकती है तो बस इसी से आप यहां देख सकते हैं कि यहां जैसे तैसे अपना आपको उपर रख पाई थ
30:50इसी अवधी में भारत में दो युद्धों का सामना किया और उसे विदेशी मुद्रा के संकट को भी जिलना पड़ा इसके बारे में हम लोग अगले अध्याय में पढ़ेंगे इन सारी बातों के कारण खाद्यान की भारी कमी हो गई देश के अनेक भागों में अकाल जैसी
31:20कोपोशन का मतलब होता है जितना हमें भोजन चाहिए हमारे सरीर को एक्टिव रखने के लिए अगर हम उससे कम मात्रा में भोजन लेंगे या कम मात्रा में हम कैलोरी लेंगे तो वो हमारे लिए पॉस्टिक भोजन नहीं कहलाएगा और इससे हम कोपोशन का सिकार हो जाए�
31:50जबकि एक सामान्यादा के यह अगया शेख राक्ता से कुछ और बाराशाक
31:56पाच्तिक्रणा था इस दिल का है प्रतीत इल का पाहाय
32:01की पर 2,500 के अ-दिन वह छोगन्थे को फ़िव्पी को यॉपति को
32:05निन्हेंन वह सामान्यादा्य में की उन्हें और
32:07अकाल की बजय से और ज़्यादा घटे गई और वह किक्टे पर पहुंच गैं hyper 1200 dol groups और 1200 केलोरी पर पुँछने का मतलब है को पूरिशन का सिकार हुणा
32:17जब कि एक सामानिया आदमी के रिए कितना चाहिए होता है कितनी कैलोरी चाहिए होती है रोजाना चोईससो पचास कैलोरी आपको कम से कम लेनी होती है अगर आप अपने आपको सुस्थ रखना चाहते हैं तो आपना आपको मजबूत रखना चाहते हैं तो इतना तो आपको ल
32:47पूरी तरह से चौपट हो गई थी व्यवस्ता है
32:501967 में बिहार में म्रत्युदर पिछले साल की तुलना में 34% तक बढ़ गई थी
32:56यह भी आंकड़ा बढ़ा है पहले जो म्रत्युदर थी उससे 34% अधिक हो गई थी
33:02तो बहुत बड़ी संख्या में म्रत्युदर का सामने आना इस बात की और संकेत करता है कि यह संकट कितना भहन करता
33:09इन वर्सों के दोरान बिहार में उत्तर भारत के अन्य राज्यों की तुलना में खाद्यान की कीम पे बहुत तिवर गती से बढ़ी थी
33:17दूसरे राज्यों की अपेक्षा करत सम्रद्ध पंजाब की तुलना में गेहूं और चावल बिहार में दो गुने अथ्वा उससे भी ज्यादा दामों पर विकरे थे
33:31अगर माल लेते हैं कि चावल और गेहूं पंजाब के अंदर दस रुपे किलो बिकरे थे तो बिहार में वही बीस रुपे किलो पर पहुँच गये थे
33:40जस्ट डबल रेट कही जा सकती है तो वहां के लोगों के लिए इतना बहेंगा अनाज खरीद पाना बहुत कठिन काम हो गया था
33:47सरकार ने उस वक्त जॉनिंग यानि कि इलाके बंदी की नीती अपना रखे थी
33:52देखें यही वो नीती है जिसने विहार को और अधिक संकट में डाल दिया था
33:57जॉनिंग या फिर इलाका बती है क्या मतलब होता है इसका
34:01इसका मतलब यह है कि सरकार ने अलग-अलग इलाकों में बेश को माट रखा था
34:06जोन बना रखे थे और कोई भी जोन डारेक्ट किसी दूसरे जोन के साथ
34:11ट्रेडिंग नहीं कर सकता था व्यापार नहीं कर सकता था
34:15अगर यह नहीं होता तो बिहार के लोग पंजाब से खरीच सकते थे
34:19साहिद बिहार में अर्थ भालात इतने बुरे नहीं होते
34:22लेकिन डारेक्ट पंजाब से नहीं खरी सकते
34:24केंदर सरकार के अनुमती के भी न जोनिंग सिस्टम
34:27इलाके बंदी ने बिहार की असालत को और जादा खराप कर दिया था
34:30इसके वजह से विभेन राज्यों के बीच खाद्यान का व्यापार नहीं हूपा रहा था
34:34इसी निती के कारण उस वक्त बिहार में खाद्यान की उप्रवता में गिरावट आ गई थी
34:39ऐसी दसा में समाज के सबसे गरीब तबके पर इसका सबसे अधिक असर हुआ
34:44हमेसा वही तबका पिस्ता है जो सबसे गरीब होता है
34:50क्योंकि अमीर या मध्यमवर्व जो है उन पर खाद्यान संकट का कोई इसर नहीं होटा
34:56महंगे से महंगा होगा तो भी खरीद करके खा लेंगे
34:59दो गुना के अचार गुना होगा तो भी खरीद लेंगे
35:01गरीब यक्ति जो की एक-एक किलो गेहूं अनाज किसी भी परकार की चीज़ के अगर एक-एक किलो पर एक-एक रुपए भी बढ़ता है तो उसकी अर्थिवस्ता पर बुरा सर पड़ता है
35:12तो यहां सबसे अधिक भुगतना पड़ा था सबसे निचले तबके को
35:16खाध्यान संकट के परिणाम हुए सरकार को गेहूं का आयात करना पड़ा और विदेशी मदद खासकर स्वेंत राजियां अमेरिका की भी स्विकार करनी पड़ी
35:28अब योजना कारों के सामने पहली प्रात्मिक ता तो यह थी कि किसी तरह खाध्यान के मामले में आत्म निर्वत्ता को प्राप्त किया जाए
35:37और यहीं से हमें जरूर पड़ी किसकी हरित क्रांती की
35:41तो यहां प्राप देखेंगे हरित क्रांती क्या है
35:44हरित क्रांती शब्द का तात्परियर
35:471960 के दशक के दोरान
35:49खाध्यान उत्पादन बढ़ाने के लिए
35:51क्रसी में सरकार गोहरा अपनाई गई
35:53विध्यों से है
35:54टेक्नलोजी विध्या जो सरकार ने
35:571960 के दशक में
35:59अपनाई थी
36:00इस्पेशली 1966-67 में
36:03जब अकाल पड़ा था तो उसी समय
36:05हरित क्रांती के बारे में प्लान किया गया था
36:07आप देखेंगे कि उस समय हमारे
36:09प्रधान मंत्री जो थे
36:10प्रधान मंत्री
36:121964 में बने थे
36:151967 जन्वरी तक रहे थे
36:171967
36:191966 तक स्वरी
36:21उस समय उनकी मृत्यू हो गई थी
36:23कौन थे लाल बाहदूर शास्त्री
36:25लाल बाहदूर शास्त्री ने एक नारा दिया था
36:28और वो नारा क्या था
36:29जै जवान जै किशान
36:30लाल बाहदूर
36:33शास्त्री
36:36लाल बाहदूर शास्त्री जो प्रधान मंत्री बने थे
36:381964 में
36:401964 में
36:42वो 66 तक पुर्धानमत्री रहे, 10 जनवर 1966 को जब वो पाकिस्तान के साथ समझोता करके वापस लौट रहे थे उस्बैकिस्तान से, उस समय उनकी म्रत्यू हो गई थी, उन्होंने नारा दिया था जै जवान, जै किशान, जै जवान, जै किशान.
37:02इन्होंने इस नारे के माधियम से ये कहा था, कि हमें जितना पैसा डिफेज पर करच करना है, उतना ही पैसा हमें हमारी क्रशी व्यवस्ता पर भी करच करना है, जब तक हम अँपने किसानों को सम्रद नहीं बनाएंगे, तब तक हमारा देश आगे नहीं बढ़ सकता, हम आत्
37:32भारत खादियान संकट से गुजर रहा था, अमेरिका के पास भारत पहुँच गया, मदद मांगने के लिए, अमेरिका ने कहा, मदद तो मिल जाएगी, लेकिन बाते हमारी मानने पड़ेगी, आपकी जो पॉलिसी है, नॉन अलाइन्मेंट मूवमेंट के अंटी गुट निर्
38:02साथ आईए, हम आपको मदद करेंगे, क्यों नहीं करेंगे, इस बात को लेकर के भारत के लिए बड़ी संकट की घड़ी हो गई थी, कि हम निप्टे कैसे इस समस्या से, तो इस समय जो हमने प्लान तयार किया था, हरित कुरांती का, वह बहुत सक्सेस्फुल रहा, हमें इं
38:32हरित करांती का मतलबी है, टेकनोलोजी में बदलाव करना, तो ऐसे भी इस काम में लिये जाएं, जिससे अच्छी फसल मिल सके, साथ ही साथ, उर्वरक वकीत नाशक का उप्योग, उर्वरक जो कि भूमी की उपज को बढ़ाती है, और कीत नाशक दवाएं, जो कि भूमी मे
39:02उप्योग सामिल है, सीचाई की भी अच्छी सुविद है, नई टेकनोलोजी सीचाई के लिए काम में ली जाएं, तो इससे जो है वो क्रसी की फसल अच्छी हो सकती थी, मतलब फसले बढ़िया हो सकती थी, इसकी सुबात डॉक्टर M.S. स्वामीनाथन द्वारा की थी, किस
39:32और खाधियान में आत्मनिर्भरता प्राप्त कहिना था, अब हरित करांती के लाब क्या है, आप देखेंगे, क्योंकि लाब और नुक्सान दोनों ही हुए थे, तो क्या लाब पहुचा और क्या नुक्सान हुआ, खाधियान के उर्पादम में ब्रद्धी हुई, ये हरित क
40:02क्रसी के शेतर के उकपादन को बढ़ाने के लिए उर्वरक और हैच वाई वी बीज डिक्सित और उपयोग में लिए गए
40:12ये सारे तो हम कहेंगे हरित करांती के लाब थे
40:15अब हरित करांती के नुक्षान यानि कि हानी क्या हुई तो आप बताएंगे
40:19केवल समर्द और बड़े किशानों को फाइदा हुआ इससे किस से फाइदा हुआ
40:23समर्द और बड़े जो किशान थे क्यों फाइदा हुआ इसको समझी जड़ा
40:29पहली पंचवर्षी योजना में भी हमने हमारी क्रशी को विक्षित करने का लक्षे रखा था
40:36दूसरी पंचवर्षी योजना में हमने अध्योगी करण को बढ़ावा दिया
40:41तीसरी पंचवर्षी योजना में दोनों को साथ लेकर चलने की कोशिश की गई
40:45और यही वो दौर था जब हमने हरित करांती का दामन था
40:49पहली पंचवर्सी योजना में भारत सरकार ने जो प्लान बनाया था वो ये था कि गरीब किशानों को मदब की जाए अर्थात गरीब किशानों को सीचाई की सुविधायें दी जाए गरीब किशानों को अच्छे किश्म के बीज दिये जाए गरीब किशानों को बिजली कम से
41:19गरीब किशानों के लिए थे लेकिन हमने देखा कि हम दो और तीन पंचवर से योजनाओं से बुज़र गए फिर भी हम विकास नहीं कर पाई शेटर फिर सरकार को लगा कि सायद हम गलती कर रहे हैं हम गलत रास्ते पड़ जा रहे हैं और यही थो
41:37में स्वामिनाथन थैं जिन्होंने बताया कि अगर हमें करांती लानी है तो हमें जो उन्नत किसान है और जहाँ की भूमी जौधा
41:50उन्नत है हमें वहां फोकस करना होगा तो पंचाब हरियाणा उत्तरप्रदेश यहाँ आप आप देखेंगे कि कि पंचाब
41:57हर्याणा पश्रीमी उत्तरप्रदेश यहां के किसानों को वो सारी सुविधाय दी गई जो भी हम देख चुके थे हरित करांती के दौरान कीट नाशक दवय देना हैं अच्छी किसमों के बीज देना हैं और दूसरे जो भी एक्स्टा बेनिफिट्स देने हैं वो सब यहां द
42:27आपन निर्फर हो गया आपन निर्फर बन गया बट नुकसान यह हुआ कि तबका विशेस कुछ राजियों का जो अल्रेडी मजबूत था जो आर्थिक रूप से उन्नत था वो और अधिक उन्नत हो गया किसान दो भागों में बढ़ गे गरिब किशान अमीर किसान भारत की
42:57आपकी भूमी की जो उर्वरक्षमता है वो घट जाएगी दीरे-दीरे समय के साथ साथ और यह होने लगा अनाज की कुछ पारपरिक किश्मों ने अपना महत्रुक हो दिया जैसे बाजरा और मक्का देखिए अपना महत्रुक होने का मतलब यह है कि उनकी जो क्वैलेटी थ
43:27कि अंदर उनका प्रियोग करके हमारी फस्टे उगाते थे और वह हमारे बहुत फायदेमंद होते थे क्योंकि वह और इजनल थे वह प्राकर्तिक थे और उससे जो हमें अनाज मिलता था वह बहुत पॉस्टिक मिलता था जीरे-दीरे हम आगए दबाओं पर क्योंकि हमें फ
43:57नुक्षान और करांटी जिसे हम स्वेत करांटी कहकर पुकारते हैं इसकी सुरवाथ डॉक्टर बर्गिस कुरियन नाम जूड़ा वा है
44:21वैसे ही डॉक्टर वर्गिस कुरियन का नाम जुडावा है स्वेत करांती यानि की दूद के शेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करता यह वो दौर था
44:311970 के दशक का दोर जब गुजरात के अनंद सहर से वर्गिस कुरियन ने एक ऐसी योजना तैयार की जिससे की भारत दूद के शेत्र में इतना आत्मनिर्भर बन गया कि आज हम दुनिया में नंबर वन यानि की टॉप पर हैं और हम दूद दूनिया के देशों को सप्लाई करते
45:01और भी बहुत सारी चीज़ें जो कि अब बर्तमान समय में अमूल बना करके दे रहा है यह अमूल की शुरुवात करने वाले जो थे वो कौन थे डॉक्टर वर्गिस कुरियन थे यहां गुजरात के एक आनंद सहर से क्रांती शुरू हुई थी गुजरात का आनंद सहर जहा
45:31उसको कहा जाता है सहकारी रहलों को जो कि प्राइबेट सैक्टर में इडूद उत्पादन कर रहे थे और दूब बेच रहे थे उनको नुक्सान यू हो रहा था कि उत्पादन करने वाले जो था वोक्ट में
45:55उसको सप्लाई करने के लिए विचौलियों के जरुद पड़ती थी और विचौलिय इससे काफी पैसा कमा रहे थे और जिसको मिलना चीये था उसको लाप्राप्त नहीं हो पा रहा था यह अमूल एक डैरी सहकारी आंदोलन था यह ग्रामेर विकास और गरीबी उंगुलन के �
46:25नेशनल इंस्टिटूट फोर ट्रांस्फर्मिंग एटिया हम देख चुके हैं कि जिस योजना आयोग का गठन 1950 में किया गया था 15 मार्च 1950 को जिसकी स्थापना हुई और जिस योजना आयोग ने 1951 से 56 पहली पंचवर्सी योजना दी और 2012-2017 तक 12 पंचवर्सी योजना दी
46:55देमोक्रेटिक अलाइंस की सरकार जब 2014 में बनी और नरेंदर मोधी प्रधानमंत्री बने तो इनको लगा कि योजना आयोग पुराना पढ़ चुका है और उसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए
47:19तो यह गोशना की गई 13 अगस्त 2014 को कि योजना आयोग समाप्त होगा और एक जन्वरी 2015 से नितिया योजना आयोग अपना काम करना प्रारंब कर दिया
47:29नितिया योजना आयोग की फुल फॉर्म क्या है नेशनल इंस्टिट्यूट पोर ट्रांस्फर्मी इंडिया
47:36नितिया योग सरकार के एक Think Tank के रूप में काम करता है
47:39तिंग टैंक का मतलब होता है विचार करने वाला एक समु� high think tank ये भी योजना आयोग की तरह ही है लेकिन सोचने का तरीका इसका नया है
47:50योजनायोग भी सुझाव देने का काम करता था और नितियायोग भी यही काम करता है दौनों के काम सेम है लेकिन काम का तरीका अलग-अलग है नितियायोग के गठन का अधार क्या था नितियायोग के गठन का मुख्या अधार देश में परियाप बहुत धिक संपदा
48:06बुद्धिक संपदा का मतलब होता है
48:09कि हमारे बुद्धिजीवी वर्थ के लोग जो है
48:12वो दुनिया में भाग रहे हैं
48:14कोई अमेरिका जा रहा है
48:15कोई कैनाडा जा रहा है
48:16कोई जर्मनी, कोई जापान
48:18तो कोई अमेरिका
48:18अलग-लग देशों में जा रहे हैं
48:20वहां सेवाय दे रहे हैं, क्योंको उनको वहां अधिक लाप निल रहा है, हम अपने बौधिक संपदा को कैसे बचाएं, हमारे देश को उनका लाप कर बिलेगा, इसके लिए हमें कुछ योजनाय तयार करनी पड़ेगी, जिसके माध्यन से हम अपने बुद्धी जीवी वर्�
48:50संपदा उपलब्द कराना, बौधिक संपदा को पलायन से रोका जा सके और सूसासन में इनके भागेदारी सुमिष्यत की जा सके, इसके अलावा विकास में राज्यों की भूमिका को सक्रिय करना, तथा विकास के लक्षियों को प्राप्ट करने के लिए एक साजहा मंच आ
49:20विकास के नए तरीके नरधारित करना, तीसरा लक्षि केंद्रों राज्यों के वीच आपसी स्वयों को और अधिक बड़ावा देना जिससे की हम एक नए मंजिल को हासिल कर सके हैं, जो हम चाहते हैं विकासिल देश से विक्षित देश की और अग्रसर होना
49:38पीसी महाल लॉबिस जिनके बारे में आप चर्चा कर चुके हैं, वित्यय पंचवर्शी योजना के योजनाकार थे, अंतरास्त्री इस्तर के विख्यात विज्यानिक और सांकी की वित्य भारतिय सांकी की संस्थान 1931 के संस्थापक थे, दूसरी पंचवर्शी योजना के �
50:08इस्तापना की थी और दूसरी पंचवर्शी योजना के योजनाकार थे, इसी प्रकार से जेसी कुमारपा, असली नाम इनका जेसी कॉर्नेलियस है, अर्शास्त्रियां चार्टेड अकॉंटेंट थे, इंग्लेंड वो अमेरिका में सिक्षा प्राप्त की थी इन्होंने, मह
50:38जो से इंपोर्टेंट जो इन से जुड़ी वी चीज एज़ा में पूछी जाएगी, वो है economy of permanence के लेखत थे, जिसमें उन्होंने किस प्रकार से भारत अपना विकास कर सकता है, उसके लिए योजना प्रस्तुत के थे, अब देखिए, प्रशन आपके सामने आते हैं, दे�
51:08प्रस्ण है निमलिकित को सुमेलिद कीजिये, सुमेलिद करने का मतलब होता है, आपको मिलान करना है, सही मिलान क्या है, आपके सामने विकल्प ABCD के रूप में दिये गए हैं, आप ABCD के रूप में पहले यहाँ देखेंगे, तो गुलजारिलाल नंदा, महालनों बेस, केन �
51:38गुलजारिलाल नंदा प्रथम पंचवर्शी योजना में कुछ थे क्या बेल कुन थे
51:44प्रथम पंचवर्शी योजना के गुलजारिलाल नंदा क्या थे
51:48गुलजारिलाल नंदा उसके उपाध्यक्स थे
51:53पदेन अध्यक्स कौन थे
51:56अब यहाँ पर देखिए
52:26कि यह अप kidnapped त हुड़ा सबेंगर कि इसको मिए अदियक्स कॉन थे
52:39पंड़ी जवारलाल नेहरू पदेन अधियक्स और उपाथियक्स कॉन थे गुर्जयलाल कि तो यह यूजना का देंग्सीय तो
52:48हम पंच्वर्षी योजना के योजनाकार थे अब जो मैच यहां हमने किया है वो उत्तर रून लीजिए कहां पर है तो अगर हमें A का 2 और B का 3 कहीं दिखाई दे एका 2 B का 3
53:03प्रष्रण का 2, C का 1 क्या बिल्कूल है, A का 4 है क्या बिलकुल है तो आपका नहीं रूत्खय � irm 10
53:12को यह आपका सही उत्तर है तो प्रशन की तरा देखें अभ्यांतर अगम गंसत्त करा क्या गया मैं किया गया
53:20कब किया गया 1950, 1952, 1953, 1954 तो आप क्या बताएंगे अगस्त 1952 में कब किया गया
53:30अगस्त 1952 में राष्ट्रे रिकास परिशर्ट जिसको हम NDC कहते हैं यानि कि National Development Council
53:43National Development Council इसका गठन किया गया 1952 में और इसका काम क्या होता है
54:01इसका काम होता है योजना का निरिक्षन करना
54:08योजना का निरिक्षन करना और उस पर रिपोर्टिंग करना
54:14कि योजना जो चल रही जैसे चलनी चाहिए क्या वो उसी साफ से चल रही है
54:22कहीं रास्ते से भटक तो नहीं गये इसके लिए योजना आयोग के काम को
54:27यानि कि योजना योजना बनायेगा सरकार लागू करेगी और विकास पर इसाथ उसका उब्जर्वेशन करेगी
54:33पॉसको प्लांट भारत के किस राज्य में इस्थापित किया गया था
54:37तो आप क्या बताएंगे पॉसको प्लांट उडिसा में इस्थापित किया गया था तो उडिसा में पॉसको प्लांट इस्थापित किया गया था
54:51भुवनेश्वर में पॉस्को प्लांट क्या है तो पॉस्को प्लांट जो है आप बताएंगे कि यह दक्षन कोरिया की दक्षन कोरिया यह दक्षन कोरिया यह कंपनी
55:11जो कि भुबनेश्वर उडिसा की राजदानी है वहाँ अपना एक प्लांट लगाना चाहती थी
55:18और क्यों प्लांट लगाना चाहती थी क्योंकि उडिसा के सिये
55:24यानि कि मुख्यमंत्री जो थे
55:26मुख्यमंत्री नवीन पतनायक
55:31नवीन पतनायक
55:34नवीन पट्नाय की इच्छा थी कि यहाँ पर यह प्लांट लगे
55:41वो होना दक्सिन को रहे हैं कि कमपनी को मौका दिया यहाँ प्लांट लगाने का
55:48लेकिन यहाँ के आदिवाशियों ने विरोध किया
55:52आदिवाशियों का विरोध
55:59और विरोध क्यों किया
56:02विरोध किया, उन्हें डर था कि उनकी रोजगार उनका जो वहाँ जीवी का है वो छीन जाएगी, यहने कि उन्हें विस्थापन करना पड़ता, पुनर्वास करना पड़ता, और आजीवी का, उनकी छीन जाती है.
56:19इस कारण से विरोध किया गया, किसके द्वारा? वहाँ के लोकल लोगों के द्वारा. प्रशन है, निम्ले कित मैंसे दक्षिन पंती विचारधारा से तर्क संगत नहीं है?
56:33तो यहाँ पर आप देखेंगे, दक्षिन पंती होता क्या है? दो सब्दाविया है, एक दक्षिन पंती एक है वाम पंती.
56:49दक्षिन पंती का मतलब होता है, जिनका द्रश्टी कोण कैसा है? पुझी वादी. जब दक्षिन पंती आएगा और पुझी वादी द्रश्टी कोण आएगा, तो यह उदारवादी अर्थ विवस्ता का पक्ष लेते हैं. उदारवादी अर्थ विवस्ता. और उदारवा�
57:19पाजार मुलक अर्थ्विय वस्ता होगी,
57:26वहां पर अहस्तक शेप वाधी राज्य होगा,
57:29यह पर में कम से कम होगा,
57:34वहां पर प्रतिस्प्रधा होगी,
57:35यानि कि कॉम्पेटिशन होगा,
57:37लेकिन प्रशन पूछा है कि दक्षन पंती विचारधारा से अ तर्क संगत है
57:41तो वो डी अ तर्क संगत है
57:43क्योंकि दक्षन पंती विचारधारा गरीब और पिछले लोगों की तरफदारी नहीं करती है
57:48इनकी तरफदारी कौन करता है
57:50कुन करते हैं वांपंती कौन center पालिटी होती है उनको हम वांपंती कहकर पुकारते हैं
58:11जो कि यह चाहते हैं कि अमीरों गरीद के बीच में भेद कम हो और आर्थिक समानता इस्ताफित हो आर्थिक समानता तो आर्थिक समानता का समर्थन तो वांपंति करते हैं और दक्षिन पंति जो है वो पुझिवादी व्यवस्ता का समर्थन करते हैं उदारवादी अर्थ्व
58:41अधर्वादी मॉडल से संबंधित देश नहीं है, A. स्वाइक राज्जी अमेरिका, B. ब्रिटेन, C. फ्रांस, D. रूस, तो आप सही उतर क्या बताएंगे, कि उदार्वादी मॉडल से संबंधित देश नहीं है, तो वो होगा रूस, क्योंकि आप देखेंगे, स्वाइक र
59:11Communist, यानि कि साम्यवाद यर्थ व्यवस्ता, तो स्टूरेंट्स, आज का समय चुकि समाप्त हो रहा, इसलिए इस क्लास को यहीं पर हम समाप्त करेंगे, अगली क्लास हमारे एक नए चेप्टर के साथ होगी, लेकिन उससे पूर हम, कुछ बचे में प्रशन जो होंगे इस च