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  • 2 days ago
Part- 04 नवीन अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, वर्तमान समय में ग (POL--समकालीन विश्व राजनीति--1--विश्व राजनीति में शीत युद्ध का दौर )

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00:00लोग सीतियुद का दौर जो फस्स चेप्टर चल रहा है उसी चेप्टर की पूर्थ क्लास की और अग्रसर हैं पिछले तीन क्लासेज में हमने इस चेप्टर में से जहां सीतियुद का अर्थ सीतियुद के दौरान प्रमुख कौन-कौन सी खटनाए गटित हुई हमने उसका �
00:30क्या हुआ इस दौरान इन सब बात ओपर हमने चर्चा की साथी साथ हमने शीतियुद काल में जो घटनाए गटित हुए उन सभी घटनाओं पर चर्चा की जिनकों चीतियुद के दाएरे में रखते हैं उसके बाद हम आज की स्क्लास में चर्चा करने वाले हैं जबीन अंत
01:00क्या आगे चलकत के वास्तों में येक सफल अंदोलन सित्ध हुआ जिसे हम गुट निर्पेक शांदोलन के हैं यानि कि गुट निर्पेक शांदोलन जन्म लेता है सीत्युद की परिस्तितियों में सीत्युद के खिलाफ जब सीत्युद समाफ्त हो जाता है तो फिर क्या इस
01:30पूरा करने वाली सिद्ध हुई या इसे भारती रास्ट्रे हिर्टों को रुकसान पहुचा अंतरास्ट्र इस तरपर भारत के इस गुट्निर्पेक्स निति के आलोजना किस आधारप्र की जाती है उसकी वी चर्चा करें
01:43तो पहले हम जब करें तो यह देख लेता है हमने इस स्रंखला हमारी चली है
01:51हम ने क्या क्या रचिया है किम परिसित्थित॥ का इता है जै अब जानते हैं कि सिति॥ की जड़े वह एक 2 र 2 व्ल वार में थी जहां
02:04जब जर्मनी और रूस के बीच युद्ध चल रहा होता है उसमें जब जर्मनी हमला करता है और रूस उसका जवाब नहीं दे पाता है तो रूस अपने मित्रों से सहायता मांगता है
02:23उसके पुछों में तबाह और समयवाद का निसाना स्ब्सामयवाद हो जाएगा योद जब मापत होता है दुढ के बार सोवित संग्द एक विजयता राष्ट्र में आता है विजयता रास्ट्रों की
02:38लेकिन जब यूद के बार सोवित संग एक विजेता राष्ट्र में आता है के रूप में इस घुड़ बहुति के प्रश्चाख सामयवाद के प्रचार बषाक कीनिति को और तुव्र कर देता है फिर उसके बार पुंजीवादी राष्ट्रों को संभोधित करते हुए,
02:59ब्रेटिस प्रधान मंत्रे चर्चिल जो की फुल्टन में एक भाशन देते हुए कहते हैं कि अब हमें सामयवाद से बचाने के विए पुझीवादी देशों को एक जूठ होना होगा यहीं से सुरुआ कि जाते हैं सित्यूद क्या था यह दो विचारधराओं के बीच का एक �
03:29सामयवादी खेमे का नितरत्व कर रहा था दौनों खेमों में नवीन सुवतंत राश्ट्र दिन बदिन जूडते जा रहे थी और इस दोरान कुछ घटने पैसी गठीथ हुई थी जो सीतियूद को कभी भी युद में परिडित कर सकते थी जैसे कि कोया जुद उनिसुद प
03:59स्वेज संकत आया जब ब्रिटेन में मिसर पर हमला कर दिया नाइटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटेंटें�
04:29संपंदे सामने सामने होते हैं तो युद्ध करने से घबराते हैं इस कारण से युद्ध नहीं हो सका तो यह वो सारी महत्वपून घटनाएं थी जो कि सीतियुत के दौरान समय समय पर घटित हुई थी अब देखिए हम आज की क्लास में किन-किन बातों पर चर्चा करने जा �
04:59का सीकार थे वो दिरे दिरे एक एक करके आजात हो रहे हैं हम सभी जानते हैं कि एस आफ्रीका और लेटिन अमेरिका यह तीन ऐसी जगह है जहां उपनिवेस वाद से उपनिवेस वाद के सिकार ज्यादा से ज्यादा देश थे जहां पर पश्चिमी सक्तियों ने अपने अ�
05:29और यह वो समय था दूसरा विश्वित जब समात हुआ था हम जब सभी राष्ट संग की स्थापना की और बढ़ रहे थे हम जब विश्व शांती की बात कर रहे थे उस समय यह आवश्यक था कि जितने भी अभी तक उपनिवेस वाद के सिकार देश थे उन सब को एक एक करक
05:59यह विवकसित देश वे जॊब अपना विकास कर चूके GB अवै जिनुन अपना विकास अभी शुरू ही
06:07किया THा इन आ हम विकाससिल देश भी कह सकते हैं इन आर्ड गरिब देश भी कह सकते हैं तो गरिब देश श़फ़ों का जन्म ही लगब वगम कह सकते हैं
06:14क्या सकते हैं Second World War के बाद में हुआ सीथ जब चल रहा था उस सीथ युद्ध के दौरान ये देश एके करके आजाग हो रहे थे अब इन देशों के सामने चुनोतिया बहुत सारी थी गरीबी वेरोजगारी इससे बाहर निकलना अपना विकास करना फिर अंतरा स्विस्तर पर स
06:44लिए इन अल्प विकसित देशों के लिए अपना विकास कर पाना बड़ा ही कठीन काम था इसलिए इन देशों के द्वारा एक नव अंतरास्ट्रिय व्यवस्ता की मांग की गई थी और मांग इन देशों ने प्रथक अलग-अलग नहीं की थी बलकि कलेक्टिवली की थी ए
07:14वो ऑना सीट जिएख एद उन पचाने के लिए उनके की लिए उनके भी हुआ और गुत्रिक शांदोलन का जन सीथमौँ ह करक ने कह ल tou ή ईकत्तम प्रामालिक तोरकर क्या सकते हैं कि सत्य है और गुत्रिक शांदोलन स्कुरिक जर्ण दादवात्षिन नेरू नासी के नाम स
07:44करके में यह कि बड़ी सक्तियों का सिकार ना हो जाए बड़ी सक्तियां को निगल ना जाए तो कैसे बचाया जाए बाश्य निग्स
07:51इसलिए तक मिजवा sinners में सामिल नहीं होने दिया जाे ताकि ये साल्टि वीकास कर सकेन और सांति साथ ईचुट Fr
08:04तो आर्थी गुलाम ना बना सके इसके लिए एकी तरीका है कलेक्टिव हो जाए एक जुठ हो जाए और जब यह उनाइटेड हो जाएंगे तो एसी स्थिति में एक खुद प्रेशर गुरूप का काम करेंगे जब यह अंतरास्ते इस तर पर अपनी बात को एक साथ रखेंगे
08:34अंतरास्ट्री अर्थ व्यवस्ता चाहिए हम नियू एकोनोमिक वाइड और में आना चाहते हैं क्योंकि अभी तक हम सभी देशों को विक्सित देश हैं यह आर्थिक द्रिस्टिकॉन से हम चुंकि गरीब हैं हमें अपनी मनमानी शर्तों पर इनसे व्यापार करना पड़त
09:04देश दौनों चर्चा कर सकें दौनों व्यापार और मानिज्य कर सकें हमें ऐसी व्यवस्ता चाहिए तो इसी को लेकर के आप देखेंगे कि नवीन अंतरास्ट्री अर्थ व्यवस्ता आपके सामने आती है
09:16दौनों दौनों चर्चाहिए अपरिका अपरिका अपरिका लेटिन अमेरिका में अनेक राष्ट उप्डिवेस वार्थ से स्वतंत्र होते हैं यह वो दौर था जब बहुत सारे देश एक साथ आजा दूरे थे हम सभी जानते हैं कि अगर हम बात करें भारत की तो भारत
09:34नैंटीन 47 में स्वतंत्र होता है भारत के साथ साथ मागिस्तान में 1947 में उसके बाद हम बात करें थोड़ी समय बाद 1948 में हमारा पड़ोची देश जो स्रिलंका है वो भी एक स्वतंत्र देश बनता है वो भी उप्निवेस वात से मुक्ति पाता है 1948 ने
09:54में चीन एक स्वतंत्र कम्मिनिस्ट कंट्री बनता है इसके अलावा हला कि चीन अगर हम कहें कि यह कोई उप्लिवेस्वाद से मुक्ति प्राप्ट कर रहा है ऐसा नहीं था बलकि चीन में तो एक अंदरी-अंदर क्रांती चल रही थी पुंजिवादी और सामयवादी दो अल
10:24में चीन का जन्म होता है तो चीन भी इसी समय 1950 में एक स्वतंत्र देश के रूपना अस्तिर्प्वम आता है इतना ही नहीं बलकि 1960 का जो दसक है 1960
10:361990 का दसकति इस इस और शृपमें अफ्रीका के बहुत सारे दिशे एक साथ आजास होें हैं कि आफी का महद्वीब है यहां पर श्वतंतरता की लेहर चलती है और बहुत सारे डेश система आजास होते हैं वहारियों
10:52अन्तराष्ट्री परिस्त्रत्याँ इक ही जैसी अन्तराष्ट्री माहल गौल मुकüyorsun ट्राष्टन में रसत सब्सक्राइन क quiere
11:13सबीर देश विरोजगारे से भी करस्त थे तो वो अब एक ही तरह से अपना विकास कैसे करें तो एक बूसरे के साथ आ करके और वो एक समझोता करके आके बढ़ना चाहते तो इसको लीड किया था पंडित जवाहलाल नहरू ने नासीर ने तीटो ने वामे एंकुरूमा ने य
11:43पचीस देश से उन्होंने भाग लिया था जिन्मा जादा तक अफ्रीकी महाद्वीव से देश थे क्योंकि अफ्रीका महाद्वीव जहां बहुत छोटे-छोटे देश थे वह देश जब एक्दम आजाग हुए उपनिवेश्वात से तो उन्हें लगा कि हम एक जुट होकर
12:13बहुत सारे देश उपनिवेश्वात से स्वतनतर हुए दूसरा
12:32और विकास सबसे बड़ी चुनौति थी कि हम विकास कैसे करें डवेलप्मेंट हम अपना कैसे करें की काओ विकास के बिना
12:42महाईने में आजाद देश नहीं कहलते इन्हें विक्सित देशों पर
12:46रहना पड़ता निर्फर हर्ता यहां पर सबनाया है ठीकाओ विकास कि इसको जब ती का
12:53मिशास की बात आती है ठीकाओ विकास का मत्लब यह होता है प्रकर्ति को कम
12:58से कम नुकसान पहुचाए बिना विकास करना कैसा प्रकर्ती को प्रकर्ती को कम से कम नुकसान प्रकर्ती को कम से कम नुकसान पहुचाए बिना विकास करना इसको कहते है टिकाव विकास
13:28प्रकर्टि कोुकम से कम नुक्सान पहुचा और विकास करेंगे तो हम दिर्ग काली मुलिकास कर पाइंगे जिसको सस्टेनेबल डवल्लप मेंत करें
13:36तो एक समय आयागा जब प्रकर्टी में जितने भी घनिच शनसादन है वह समापत हो जाएगे
13:45कब तक हम भी घनिच शनसादनों का दोहन करते रहे को एक नएक समय ताये को जबी समापत हो बस तो एक ऐसा विकास जिस्से कि हमें दूसरों पर निरफ़ना रहे हैं
13:56हम खुद अपने ही देश में वो सारी चीजे डवलब कर सके जिनकी हमें विकास के लिए जबरुवत है इसको भी टिकाव विकास का ना दिया गया था
14:07फिर हम बात करेंगे इसी द्रस्टिकॉण से नवीन अंतराष्ट्री और प्रवस्ता की धार्णा को जन दिया गया था
14:13अब एक शब्द जो की बहुत ज्यादा इस नाम में पूछा जाता है सीधा प्रश्णा बनता है अंगताई की कि फूल फ्रॉम क्या है अंगताई कभ ये समयलना दो इसकी द्वारा इस जित किया गया था क्या था इस समयलन में प्रमुक बाते क्या थी इसकी अरे क्रश्ना �
14:43यह है �еп 캐�ख ताग उसको हम चौट मेंक करफ ऊखकारते हिए यह जो है उनीशो बहुत तर्में सस्य क्राश्छान क्या व्याप का में सम्भंधित ज्बब झालत
14:55तो तो यहां पार उन्द नेशान से तुमधित नेश्यान
14:57विकास, यह दो सब्दों थे हैं, किसका सम्मेलन भाई, किसने बुलाया था, UN उट, सही तुराष्टी सांद, तो यहाँ पार, UN का मतलब तो United Nations है, United Nations, उसके बाद, कॉन्फरेंस एक सम्मेलन कॉन्फरेंस कहते हैं, और यह कॉन्फरेंस किस पर थी, Trade and Development पर थी, यानि कि व्या
15:27इसमें जो रिपोर्ट प्रकासित की गई, उसे क्या नाम दिया गया, Towards a New Trade Policy, for Development, यानि कि विकास के लिए एक नई नीती, विकास के लिए नई नीती, इस नाम से एक रिपोर्ट प्रकासित की गई, इस रिपोर्ट में वैस्विक व्यापार प्रणाली में सुधार, क्या था
15:57प्रमुक रूप से रखी गई कि वो क्या थी, पहली, आलप्रवी किसी देशों को, अपने उन प्राकर्तिक संसाथनों पर नियंत्रन प्राप्त होगा, जिनका दोहन पस्चिन के विक्सित देश करते हैं, अपने संसाथन, और दोहन कोन कर रहा है, विक्सित देश कर रहे है
16:27उपनिवेस बनाने के बाद, गलगभुट दोसों मर्सों तब भारत में रहे हैं, और भारत के अप्रिवस्ता का दोहन किया, यहां कि जितने भी कच्चे, वह मटिरियल जिनको कहा जाता है, कच्चा, माल जिसको कहा जाता है, घनी संसाथनों के रूप में, उनको यहां से ल
16:57सब्सक्राइब के लिजिए, विटिस मुद्रा में पॉंड के लिजिए, खूब पैसा कमाया गया अमेरिका के अपर इससे भारत के अर्थ विवस्ता बहुत जाड़ा चर्मरा रहे थी, यह कि बहुल भारत के लिए ही नहीं, यह समस्या सभी देशों की थी, और अब जब हम
17:27सब्सक्राइब के लिए कि भारत से कोईला, लोहा और बहुत सारे जो खूब लिया जाए, उसे अपने देश में रजाकर वहां से इन से निर्मित होने वाली वस्तों का निर्मान किया जाए, और फिर उनको दुनिया के मार्केट में बेचा जाए, तो कितना लाग होगा, ब
17:57रहा था, तो इस रिपोर्ट में ये कहा गया कि अब अल्फ विक्सित देश अपने खुद के खरी संसाथनों पर अपना नियंतरन रख सकेंगे, उन्हें विक्सित देशों पर निर्फर रहनी के आवशेक्ता नहीं, अब विक्सित देशों के संसाथनों का दोहन नहीं करें
18:27गरीब देश नवीन स्वतंत्र देश यह ज्यादा से ज्यादा अपना सामान अपने ही आसपास के देश को बेच पा रहे थे अब इस नई अंतराश्प्री अर्थ व्यवस्ता में जो रिपोर्ट जारी की इसमें यह था कि यह जो अल्प विकसित देश हैं यह जो कम विकसित �
18:57चेओंगे अनने जो आज पादन जो करता है अब वो डुनिया के देशें को नियात कर सकता हैरो बहुत निलभड
19:18पर बट हम दीरे दीरे गयाहूं के शेत्र में जो हमने तरक्की की है जो हमने उत्पाधन को बढ़ाया है अब हम अरित करांती के बाद विशेश रूप से अब दुनिया के देशों को निर्याद करने की करडिशन भारत की बच चुकी है अब आज अगर भारत माल लीजिए नि
19:48बचें अब अच्छी कीमत मिल रही है तो हम क्यों नहीं देशों को बेच सेगें बच्षेट नेलिए इस रिपोर्ट में यही कहा गया था कि अब आपने सामान को बिक्सिद देशों तक देश पाएंगे और तीसरा था पसीमी देशों से मंगाई जा रही प्रद्योभी की क
20:18जानते हैं कि पश्चिमी देशों ने पहले इजाद कर ली थी क्योंकि डवलब्ड निशन से जब हम उपनिवेश्वात का सिकार थे जब हम एक तरह से गुलामी का जीवत जी रहे थे जब हमारे यहां पर सिक्सा एक तरह से अंदकार में थी उस समय इन देशों ने जिनको हम �
20:48टेकनोलोजी थी अगर ये गरीब देशों को भी मिल जाए तो वह भी विकास कर लेते हैं तो यहां इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि तकनीक तो देंगे लेकिन उसके लागत क्या होगी कम टेकनोलोजी तो पहले ही पेची जा रही थी इन विक्षित देशों के द्वार
21:18से आपको ऊपर उठा सके अपना अफिकस कर सकेता जौता आपक्सित देशों की अंतराष्पी ये अर्थी kan 50 अंस्था
21:30जैसे माल लीजी अगर हम बात करें आई-एम-एफ एक अंतराश्ट्रिय आर्टिक संस्थान है जिसको
21:42International Monetary Fund कहते हैं दूसरे सब्दों में इसको अंतराश्ट्रिय मुद्राकोष कह सकते हैं
21:48क्या कहा सकते हैं अंतराष्त्रिय कर तो कि अंतराष्ट्री मुध्राकोष क्या
22:01कि तो नद्य में वर्जन अंतराष्�� वुश्व 천 बैंक एंग तो यह एक
22:09अंतराष्ट्री यह संस्तान हैं वी प्राएं जैए डब्लू टिंव ज्सको हम
22:16विश्व व्यापार संगठन क्याते हैं विश्व व्यापार संगठन हाला कि विश्व व्यापार संगठन का जन तो 1995 में हुआ था 1995 में जन लेता है
22:311995 में इसका पूर्व रूप व्यापार संगठन किया गया था जनरल एग्रिमेंट और ट्रेड टेरिफ इसकी फुल फॉर्म थी तो यह उस समय
22:55जो है वो उस समय के आर्थिक संस्तान थे और इस रिपोर्ट के बाद इन आर्थिक संस्तानों में विकासिर देश भी अपनी घुमिका का निर्वहन करेंगे जो अभी तक नहीं कर पाते थे
23:08केवल विक्सित देश ही पूरे अंतराष्ट्री मार्केट को चलाते थे केवल विक्सित देश ही अंतराष्ट्री मार्केट के नियम तय करते थे अब विकासिर देशों को भी उनमें सामिल किया जाएगा जब नियम बनाये जाएगे तो उनके हितों को भी देखा जाएगा �
23:38बेलग्रेट शीकर संब्वेलग में आर्तिक मुद्ध अधिक महत्वकून नहीं थे
23:42क्यों नहीं थे इसका इकारण तो आप सबी पढ़ी चुके हैं
23:46कि जो प्रथम उठनेट पेक शीकर संब्वेलग हुआ था
23:49वह कहां पर भाधा वह वा था बैल ग्रेड कहां पर भाधा बैल ग्रेड और दो बैल दुद्रेड में प्रथम अपर शेकर्श हम्हई
23:59संवेलग जया � Khal 주, 1961 में आजेश जित किया गया था हम stick लगा अंनी write上 प्रथम और किसले class बैल कर च्के लिया चुके हैं
24:091971 में प्रथम गुटनर्पिक सिकर सम्मेलन बेलग्रेट युगोसलाविया में आयोजित किया गया था और यहां पर यह आर्थिक मुद्ध थे इतने इंपोर्टेंट नहीं थे
24:19इस समय यह अंतरास्प्रिय गटबंदन था बेलग्रेट शिकर सम्मेलन में जो मुख्य मुद्धा था वो था सीत युद्ध के खिलाफ नवीन स्वतंत्र देशों को अपनी स्वतंत्र विदेशनुद्धी के लिए मजबूत बनाने के लिए गटबंदन करना आठा आपस में �
24:49राजनेतिक आधार था इस शिकर सम्मेलंग का दीरे धीरे 1970 के दशक के मध्य तक आर्तिक मुद्धे महत्मपून होगय, उटनेब्पे शिकर सम्मेलंग आगे बढ़ता चला गया, अब धीरे धीरे उटनेब्पे इस देश आर्तिक मुद्धों पर चर्चा करने लगे कि हमा
25:19बढ़ना चाहते हैं लेकिन इन सबके लिए सबसे पहली हमारी जो आवशक्ता है वो क्या है आर्थिक मुद्दे इसलिए
25:271970 के दशक में आर्थिक मुद्दे अब महत्पून बने जा रहे थे 1970 के दशक का मतलब है अब 1970 से लेकर के
25:36चेवंटी नाइं तक का जो काल था उस काल में मुख्य मुद्दे हो गए थे आर्थिक मुद्दे इस अंदोलन आर्थिक दबाव समुग के रूप में उभर कर सामना आया क्या बन गया यह आर्थिक दबाव समुग जिसको एकॉनोमिक प्रेशर गुरुप कह सकते हम यानि कि �
26:06पर गरीब थें है यह रणा क्या बनाएंगे उन stripes सकति सानी देशों कें एक कैसे बनाएंगे बैस ஜो उन सबसे
26:21से बड़ा जो मार्केट होता है वह दरीग देशी होते हैं क्योंकि इन देशों के पास में ना तो टेकनोलोजी है जिससे कि वह उन वस्तों को बना सके
26:30जो कि विक्सित देश बना रहे थे, तो विक्सित देश तो अपने यहां पर उस टेकनोलोजी को इजाद कर चुके थे, जहां वो कम कीमत पर एक अच्छी क्वाइलिटी देश सकते थे, सोच ये दो मिनिट के लिए, आप एक घर पर सिलाई मशीन लेकर बैठे हैं, और आप ए
27:00अच्छी क्वाइलिटी की, क्यों मैं, जो मशीन लग हिए उच्छी क्वाइलिटी की है, तो जब एक अच्छी क्वाइलिटी की वस्तो आप तक पहुछ रही है और भी कंकीमत पर पहुँछ तो भला हमारे देश में बनी वी, कौन खरीदेगा, तो यहां यह जो चोटे-च
27:30कि शांधोले ने एक आर्थिक दबाव समों के रूप में
27:32अभर नहीं सामने आया
27:34का द्रेजर कि पुर्वूर वीर कि मतलब special क Après
27:4185 1885 के बात का समय वेस्ष्ट के पार किमwe
27:47क्रवार्ध कर लाता है謹 कि 2859 की उत्रार्दतफर के रखा
27:50के दसक के उत्रार्द तक नव अंतराष्ट्रीय अर्च विवस्ता को बनाया रखने के प्रयाशों को की गती धीमी हो गई लेकिन देखिए सत्तर में जहां पर मुद्ध महत्वपूर्ण बने असी तक आते आते यह गती धीमी हो गई और धीमी क्यों हो गई इसका कारण था ज
28:20गए तो फिर हमारी जो प्रस्टीज है उसका मतलब क्या है अगर एक अमेरिका की आखों में आखे डालकर भारत देखने लग जाए तो अमेरिका को तो लगेगा इतना पैसा इती टेक्नोलोजी हम दुनिया पर राज करें और भारत जैसा देशा करके हमारी आखों में आखे
28:50अंतरास्ट्रीय कानूनों के तहत व्यापार और वानिजीय करें जिनमें इनका भी हित हो क्योंकि अभी तक तो यह अपने हितों को साथ रहे थे जो एक सित देश थे वो तो अपने हित पूरा कर रहे थे अब जब गरीदेश अपना भी हित सोचने लगे तो फिर वह विरो�
29:20जब कि प्रत्म सीखर संबेलन में कितने सबस्य थे 25 प्रत्म सीखर संबेलन कौन सा वही जो 1961 में आयजित किया गया था
29:34गुटनिरपेक्स अंदोलंग का अंतिम सीखर संबेलन कहां आयजित किया गया था देखें अंतिम तो समय के साथ माल लीजेगर आप 2018-19 तक की बात कर रहे हैं 20 तक की बात कर रहे हैं तो अंतिम सीखर संबेलन जो इस समय तक हुआ हूँ माना जाएगा यही चर्चा अगर आ
30:04होगी तो उससे पहले जो सीखर संबेलन हो जाएगा वो उसका अंतिम सीखर संबेलन माना जाएगा तो यहां आप जो अंतिम सीखर संबेलन की बात कर रहे हैं वह तो आप कर रहे हैं 2019 में आयजित किया गया था कहां किया गया था बाकु बाकु कहां परिस्तित है अजरबा�
30:34वाकू में
30:44आप । पूछे जा सकते हैं
30:46शर्ण मट्री
30:49तुंप राष्ट्रपती
30:52प्रसास पती
30:5520 कर्यान था
30:55यह कि जो qualified
31:00जो अजबभा मुन्टर हो
31:04नहीं लिया जबकि जनरली होता है एक सासनात्य अक्सी भाग लेते हैं गुटनर्पेक्स आंदुलंग के जितने भी शिकर संबेलन होते हैं बट पीम नरंद्र मोदी ने भाग नहीं लिया उनकी जगे पर भाग किस ने लिया
31:15एम वेंकया नाइजू जो की भारत के क्या है उप राष्ट पती उस समय जिस समय ये संबेलन आइजित वा था देश के उप राष्ट पती कौन थे एम वेंकया नाइजू थे उन्होंने भाग लिया और
31:27दो हजार सोला में सतरवा गुट्रफिक सिखर संबेलन वेने जोयला में आईजित किया गया उसमें भी प्रधान मंत्री ने भाग नहीं लिया उसमें भी उस समय के जो राष्ट पती थे हमीद अंसारी उनके द्वारा इसमें भाग लिया गया था
31:45गुट्निवरिक्ष अंदोलन में 120 इसमें यह प्रीविक्ष्ण देश और 10 अंंतरास्त्री संगठन में से फुक्डी
32:05अर्यवेख्षक का मतलब होता है observer, क्या होता है?
32:11Observer countries, तो कितने हैं? 17, लेकिन अगर observer अंतराष्ट्री संगठन पूछा जाए, तो वो कितने हैं? 10,
32:20टोटल पूछा जाए, तो कितने होंगे? 27, अब यहां आपको प्रश्ट में धंसे पढ़ना है जब एक्जाम में आपसे पूछा जाए, कि वो observer countries पूछा जा रहा है, या फिर अंतराष्टी संगठन, अगला प्रश्ट, अगला heading, वर्त्मान समय में गुटनरफेक शांदोलन
32:50उस समय अंतराष्टी माहुल चर रहा था, सीत्यूद का, कोल्ड वॉर का, उसके विरुथ एक विश्व सांथी के उत्देश्य से, अंतराष्टी सेत्र में मिलकर विकास करने के उत्देश्य से, इसका जन्म हुआ था, अब सोचिए, आप एक टार्गेट लेकर चले और आ�
33:20सामयवादी खेमा है, उसका पतन हो गया, सामयवादी खेमे का विकटन हो गया, तो सीत्यूद समाप्त हो गया, क्योंकि दो पोल जिनके बीच में आपसी तक्कर है ये, एक पोल ही धित्म हो गया, सीत्यूद समाप्त हो गया, अब जब सीत्यूद समाप्त हो गया, तो आप �
33:50सब्सक्राइब आपके सामने कुछ बाते हैं जो यह दर्साएगी कि समाप्त हो गया बट फिर भी
34:06कि अंदोलन जो है उसकी प्रासंगिक्ता रहेगी कैसे कि जल्वायू परिवर्तन को लेकर विद्विन देशों के बीश में विवाद चल रहा है
34:15आज हम देख रहे हैं जल्वायू परिवर्तन को बहुत बढ़ता है क्या है जल्वायू परिवर्तन को हम देख रहे हैं कि अंतरास्ट्री इस्तर पर भूमी का ताप दिन बर दिन बढ़ता जा रहा है
34:26बूमी का ताप बढ़ने की वज़े से, जगे जया पर हम यह देख रहे हैं कि मौसम में बहुत बड़े चेंजेस दिखाई दे रहे हैं।
34:34Glaciers विगल रहे हैं, समुद्र का जलिस्तर बढ़ता जा रहा है।
34:38समुद्र का जलिस्तर बढ़ने से कई ऐसे द्वीफ हैं जो की डूबने की कगार पर हैं।
34:45यह वैस्विक समस्या है, वैस्विक चिंता है।
34:49इस वैस्विक चिंता में एक इतना बड़ा संगठन जो की गुटनरपेक्ष अंदोलन के नाम से जाना जाता है,
34:55जिसमें 120 सदस्या है, वो एक महत्वपून भूमिका निभा सकता है, क्योंकि सभी एक मंच से अपने बात को रख सकते हैं, और सभी एक ही मंच पर उस बात को मान भी सकते हैं।
35:08तो इस कारण से आज भी इसकी इंपोर्टेंस यह महत्वपून भूमिका है।
35:12विश्व में गुटबाजी की वज़े से कहीं देशों की वीश में अभी काफी तनाव पूर इस्थिती चल रही है।
35:19जैसे मद्य पूर्वु में जो खाडी देश हैं, उन खाडी देशों की वीश में तनाव लंबे समय से हैं।
35:24अफगानिस्तान जो कि मद्य एश्या का ही एक देश है जो दक्षिर एश्या के बिल्कुल निकट पर है।
35:31उसके बॉर्डर पर है। यह भी लंबे समय से संगडश्रत रहा है।
35:35यहां पर 1989 में उस्टक्षेप किया था 89 तक उसकी सेना या रही थी
35:45में जब यहां से USSR चला गया तो उसके बाद में अमेरिका ने यहां आर्थिक मदद बंद कर दी।
35:51यहां देदर एक तानसाही सट्टी का उदय हुआ जिसे हम तालिबान कहते हैं।
35:56फिर तालिबान से मुक्ति अमेरिका ने दिलवाई।
35:59हुआ कि आर्थिक कि बाद में अमेरिका ने लोगतांत्रिक सरकार बढ़े वहां पर। फिर अमेरिका की फोर्सेज THOM
36:07कि 2021 हुआ से गई तो यह पराथिक �esisना तालिबान का साशन आया। तो अफ़्गानिस्तान लगातार आत्कवादी सथı और नोब तांत्रिक
36:16पर दबाव बना रहा है कि यूक्रेन नाटों का सदस्य नहीं बनेगा क्योंकि समस्या जन्म लेती है जब यूक्रेन नाटों में सामिल होना
36:46श्यूक्रेन या मैं सामिल होना चाहता है ये जो शीटीषके दौरान
36:55कि संगठन बने शीटस एक प्रेज़ ये कमें और नाटों के शन्म गोनाटों कि सग्ठन जो meteor वर्तमान में एक एकalo
37:13और नाटो की सदस्य संख्या वर्तमान में बढ़कर कहां तक पहुंच गई है तीस सदस्य है इसके अगर युक्रेन इसका मेंबर बन जाता है तो 31 सदस्य बनता है युक्रेन को रूस लगातार दवाव ढालकर रोगता है कि आप नाटो में सामिल नहीं होंगे क्योंकि अगर �
37:43जाता है नाटो का मतलब वो जो अमेरिका का एक पुझीवादी खेमा जिसने इसको जन दिया जिसे हम नौर्थ एट्लांटिक ट्रीटी ओर्गनाइजेशन कहते हैं जो कि एक सैनिक संगठन है जो इस सर्थ पर चलता है कि हम मैंसे किसी पर भी आकरमन किया गया तो हम मिलकर �
38:13यह बहुत बड़ा वहां पर दिया तुकूर भूमी का निभा सकते हैं चीन और तैवान चीन वन चाइना पॉलिसी के अंतरगत तैवान को अपना हिस्सा मानता है चीन का यह कहना है कि तैवान चीन की मध्य भूमी का ही एक हिस्सा है चूंकि 1949 में जब चीन एक सामेवादी �
38:43मिनिस्टों से हारते हैं जो सामयवादियों से पराजित होते हैं च्यांग का इस एक वो चले जाते हैं तैवान चीन में और वहां जाकर के अपनी अलग सरकार स्तापित कर लेते हैं चीन का हिस्सा है तो चीन के साथ रहेगा लेकिन तैवान गयता हम एक संप्रभू देश है
39:13कई सालों से चला रहा है इस्राइल एक यहूदियों का देश है अरब एक मॉंडन कंट्रीज है और वहां पर यहूदी वर्सिस मॉंडन जो है वो लंबे समय से विवाज चला रहा है तो यह सारी वो तनाव की विशेय हैं जहां पर यह साथ 120 देश काफी एहम भूमे का विभा
39:43चाइना अपनी सेनिक शक्ति को बढ़ाना चाहता है चाइना अभी वर्तमान समय में एक पॉलिशी पर काम कर रहा है और वो है विस्तारवादी नीती चीन अपनी शक्ति को बढ़ाना चाहता है चीन अपनी विस्तारवादी नीती के तहर जो एश्या प्रसांत शेत्र है यह
40:13जीमा रेखा है वो शीदी जाकर हिंद महासागर के रखती है अब भारत के हिंद महासागर में तरफ स्रिलंका है एक तरफ अरब सागर से चाच होता है मल्दीव है और यहां इन दोना ही देशों को लगातार अप्रोच करता है इन से अपनी मदद इनको मदद देकर अपने सं�
40:43जिसके मार्दियम से यह देश यहां पर चीन की सेन्य शक्तियों को रोकना चाते हैं उसको सिमित करना चाते हैं यहां भारत के और इन तीनों देशों के यानि कि जापान, अमेरिका और उस्ट्रेलिया वो भारत इनके और चीन के आपस में टकरावगून शम्मंद इस्था�
41:13आतंकवाद, टेररिज्म वटवान समय के बहुत बड़ी समस्या है, दुनिया आतंकवाद का सामना लगातार कर रही है, हम सभी जानते हैं, पाकिस्तान आतंकवाद की एक फैक्टरी के रूप में स्ताफित होता जा रहा है, अफगानिस्तान में एक आतंकवादी सरकार काम क
41:43आतंक की गटना से नहीं बच पाया, 9-11 की कारेवाद अमेरिका में जो हुई वो इस बात के संकेत देती है, भारत तो कहीं बार आतंकी हमलों को जेल चुका है, भारत की संसत पर आतंकवाद एक ऐसी समस्या है, जिस पर दुनिया के सभी देशिस से पिड़े थे, तो फिर ए
42:13हुआ, एक नई विचार भारा ने जन्म लिया, एक नई शब्दावली ने जन्म लिया, जिसे हम नव समराज्यवाद या डॉलर समराज्यवाद कहकर भुकारते हैं, एक डॉलर समराज्यवाद क्या है, डॉलर समराज्यवाद, डॉलर समराज्यवाद का मतलब है, अब अमे
42:43पूर करना अपनी नीतियों पर चलने के लिए इस नीति को कहते हैं डॉलर शामराज्यवार्थ अंत्रिक्ष में प्रतिस्प्रता अब देखें दुनिया के देश दो जगों पर तीन जगों पर तो लंबे समय से संगर्स कर रहे हैं कहां कहां पहला पानी और दूसरा हवा तीस
43:13ज्यादा से ज्यादा अपनी सक्ति को बढ़ाना चाहता है अमेरिका वहां पर अपनी सक्ति को बढ़ाना चाहता है चाइना वहां पर अपनी सक्ति को बढ़ाने की दौड में लगा हुआ है इन सभी तेशों के बीच में कॉंपेटिशन मचा हुआ है अंत्रिक्ष पर राज
43:43बहुत सारे टेली कम्यूनिकेशन जो हमारे चलते हैं अगर वहां राज है तो फिर इस धर्ती पर राज है इसको लेकर के इन देशों के बीच में तनाव हिस तनाव को भी काफी हद तक गुटनेफेक्स देश हैंडल कर सकते हैं फिर आता है साइबर हमले
43:58साइबर हमले वर्तमान समय के बहुत बड़ी समस्या है आप किसी एक देश के पूरे के पूरे इंटरनेट सिस्टम को हैक कर सकते हैं उनके बैंक अकौंस सीज कर सकते हैं उनके पूरे प्लांस पर आप पाली फेर सकते हैं ये साइबर हमलों के रूप में जाना जाता है ये भी
44:28और अवा खो इसमें देखिए वारत नेजी सनी नीति को अपनाया जो ना तो 15
44:38निश्क्रिय थी तो न निश्क्रिय्त थी क्रेंकों का मत्रव एकासी नीटी जो कि अपना अपना काम कर रही थी नेरू ने
44:50इसके बारे में क्या गाहा नहिरू के अरुशा भारत की अगत नहीं है बलकि सुत युद्ध कालिक도 को मेदBooks इक
45:00संकट कम करने यह यह नहीए नक पीजिने नेीजि का को क्याका ख lon में रूचना की जमतानों कि शहक
45:17ब्रत ale टीकी आलोचना के नादा पर की जाती एकुछ बिंदू है जिनके आधारों पर दैस्ट की आलोचना होती है भारत बार्य पर केकशना ना तो कोपोच्छम में नहीं हो सका इससे भारत अपने राश्ट्रे हितों को पूरा नहीं कर सका यह भारत की निती की आलोचना का �
45:47का जुकाओ रखा यानि कि भारत की नीति कभी सोवेत खेमे की तरफ तो कभी अमेरीकी खेमे की तरफ जुखती भी दिखाए यह भी आरोप लगता है भारत की गुटनेपेक्स नीति को आलोजकों ने सिद्दांत विहीं तथा अव्यावारिक निति कहकर पुका रहा है कि यह क
46:17अब देखिए इन सबी विद्दूओं के अधार पर हमारे जो एमसी क्विज है वह स्टाट होते हैं पहला प्रस्ट बांटूं सम्मेलन कव आयोजित किया गया था आपके सामने विकल्प है 1952 में 1955 में 1957 में और निस साथ है बांटूं सम्मेलन 1955 में 1955 क्या था बांटूं शम्
46:47कि अधरी की ACI देशों का मिल्प है जो अधरी की जसलों का संहरा ने जिससे में बांटूं किकल रहे है
46:59कि यह संभेलन किस उद्देश से आयोजित किया गया था यह था गुट निर्फेक्ष आंदोलन गुट निर्फेक्ष आंदोलन पर सहमती, कि हम गुट निर्फेक्ष रहेंगे यह सहमती थी एक तरह से जब 1955 में बैंटूंग संभेवलन
47:29हुए थे उन सभी ने अपनी सेहमती दी थी जैसे नहरू नासीर टीटो ये तीन नाम जो है कौन-कौन नहरू
47:38नासीर टीटो इन तीनों को कहा जाता है कि ये कुट निर्पेक्ष सब्द के जन्म दाता है
47:48ये कुट निर्पेक्ष सब्द जो है इसके जन्म दाता है इन्होंने मिलकर कहा कि हमें गुट निर्पेक्ष बनना चाहिए तो ये जो आपस में समझवाता हुआ था वो कब हुआ था ये हुआ था
48:08सब्सक्राइब करता निम्न लिखित में से कौन था ये आप से पूछा गया है तो उत्तर क्या होगा आपका वी शुकर्ण
48:34कढ़े हर आए को सक्रणो कौन था सुकर्णो इंदोनेशिया का सासक था आज दोनेशिया है और भाधम कहा पर है रंडु इंदोनेशिया में ते थे एब उननी सो
48:50में सम्मेलन हुआ था 1955 में यह किसलिए हुआ था यह हुआ था अफ्रीका और एश्या देशों के बीच में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए और गुटनिर्पेक्ष आंदोलन से आंदोलन पर फाइनल चर्चा करने के लिए तो यह थे सुकार्णों जिन्होंने की इसका आय
49:20उसे अतर्क संगत है, हमें उस कर्थन को चाठना है आपके सामने चार विकलप है एक इस विवस्ता के मांग केवल अफ्रीके देशों ने की थी पहला दूसरा इस विवस्ता की मांग घुटनिर्पेक्स देशों ने की थी पीसरा यानि की
49:36इस व्यवस्था है तू अंक्तार समयलन बुलाया गया और दी यह समयलन 1975 में आजित किया गया हमें क्या चाटना है गलत कथन गलत कथन आपने भी दूड़ लिया होगा इस व्यवस्था की मांग अफरीकी देशों ने वह भी केवल अफरीकी देशों यह गलत हो गया क्योंकि �
50:06और लेटिन अमेरिका लेटिन अमेरिका ये सारे देश आ जाते हैं
50:16मिलकरके इनके द्वारा मांग उठी थी इस व्यवस्ता है तु अंग्टाड सम्मेलन बुलाया गया बिल्कुल सही है
50:23इस व्यवस्ता को जन्म देने के लिए ही अंक्टाट सम्मेलन बुलाया गया था किसके द्वारा संयुक्तराष्ट्र संख के द्वारा संयुक्तराष्ट्र संख द्वारा ये सम्मेलन आयजित किया गया था ये सम्मेलन 172 में आयजित किया गया था ये भी बिल्कूल करेक्ट ह
50:53है तूर्स न्यू ट्रेंड पॉलिशी फॉर डेवलप्मेंट रिपोर्ट में जिन बात्मपर बन दिया गया उसमें सामिल नहीं है
51:00अल्पविकसित देशों को अपने उन प्राकतिक संसादों पर नियंतरन प्राप्त होगा जिनका दोहन पस्चिम के विक्सित देश करते हैं
51:08बी अल्पविकसित देशों की पहुँच पस्चिमी देशों के बाजार तक होगी
51:13C. पश्चिमी देशों से मंगाई जा रही प्रोध्योगिकी की लागत कम होगी
51:19D. अल्पविकसित देशों की अंतराश्ट्रिया आर्थिक संस्तानों में भूमिका नहीं होगी
51:25आपको क्या ढूंढना है? आपको ढूंढना है सामिल नहीं है
51:28तो सामिल ये नहीं है साहब
51:31D. इसका उपर है
51:32क्यों D. इसका उपर है? कहा है भूमिका नहीं होगी
51:36बस इस नहीं को हटाईए
51:37भूमिका होगी
51:39अगर भूमिका होगी होता
51:42तो तो फिर सारे ही
51:44ये जो Towards a New Trade Policy for Development रिपोर्ट जारी की गई थी
51:48उसमें चारों ही बिंदू थे
51:50और ये रिपोर्ट कहां जारी की गई थी
51:52ये की गई थी
51:53UNCTAD
51:57यानि की
51:57United Nations Conference on Trade and Development
52:02ये 1972 में
52:04जो कॉन्फरेंस आयोजित की गई थी
52:06उस कॉन्फरेंस में रिपोर्ट जारी हुई थी
52:08जिसमें ये द्यार बातों पर बल दिया गया था
52:11प्रस्यल्ट है
52:14गुटनर पेक्स राश्टों का सेकर संभ्यलन भारत में कब लोजित किया गया
52:18A
52:181980
52:20B
52:211983
52:34साथवा शिकर समयलन था कौन से दशक में गुटनेर पेक्ष आंदोलन ने आर्थिक मुद्धों पर दबाव बनाना प्रारभ किया
52:55आपका सही उत्तर क्या होगा उसमें गुटनेर पेक्ष आंदोलन ने आर्थिक मुद्धों पर दबाव बनाना शुरू किया
53:15इससे पूर मलब 1970 के दसक से पूर मुटनेर पेक्ष आंदोलन का जो मुख्य मुद्धा जो था
53:24वो मुद्धा क्या था राजनेतिक अब उस राजनेतिक मुद्धे से उपर उठकर इन्हों ने आर्थिक मुद्धों को अपना केंद्र बनाया और यह आर्थिक दबाव समू के रूप में भरका सामना है
53:38प्रश्न है कौन से दसक के उत्रार्थ में नवीन अंतराष्टी अर्थिवस्ता को बनाया रखने के प्रयास मंद पड़ गए
53:46आपका सही उत्तर क्या होगा सी उनीस सो असी का दसक जो था यहां आकर के जो नवीन अंतराष्टी अर्थिवस्ता को बनाया रखने के प्रयास दे वह मंद पड़ गए
54:04सत्र के दसक में 1972 में एक सम्मेलन बुलाया जाता है जिसे हम अंग्टाड कहकर पुकारते हैं अंग्टाड यानि कि यू एन
54:15सी टीए टी उनीस सो पांतर में बुलाया जाता है यह जो अंग्टाड है इसका मतलब भी है यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फरेंस ओन ट्रेड डेवलप्मेंट यह नहीं कि यह ट्रेड और डेवलप्मेंट के लिए था यह व्यापार और विकास के लिए था यह गरीब दे
54:45काविरोत विक्षित देश नहीं चाहते थे अगला प्रस्त बुटनिपेक्स था कि नीती पलायन की नहीं है निमिखित मैंसे किसका कथन है ए जोसेफ ब्रावस टीटो बी सुकर्णो सी नहरू और डी वामैन कुरूमा यहां आपका सही उत्तर होगा सी नहरू पंडिस जवा
55:15वो गुटनिपेक्स आंधोलन के जन्मदाता है कौन है यह गुटनिपेक्ष आंधोलन के फाॉंदर है जन्मदाता लेकिन यहां जो प्रश्ना पूछा उसका उत्तर क्या है
55:31पंडी जवाहला मिह प्रस्चन हैएँ के भारद की गुट्निरकरxo निती के अलोचना से अतर्क संगत छाट की ऑन तर्क संगत जो मैच
55:56और यहां फिर निश्पक्सता बस यही सही उत्र है
56:00कि जब हम भारत की गुट्नफेक्ष निति की अलोचना करते हैं
56:03तो अलोचत कहते हैं यह सिद्दान टिंथी यह आवयवालिक थी
56:07यह राश्ट्रे हितों को पूरा नहीं कर पाई थी
56:09निस्पक्सता की निती नहीं थी क्योंकि भारत की गुटनेफेक्स निती पर एक आरोप लगता है कि भारत जो है आरोप क्या लगता है कि भारत का जुकाव बदलता रहा है कभी USA की गुट की तरफ रहा या USA की तरफ रहा तो कभी
56:28यूएसेस आर की तरफ रहा यह भारत की बुटनर पेस नेती पर अक्सर आरूप लगाया जाता है तो सही उत्तर क्या है दी निश्पक्स्ता
56:37प्रसना है निमलिखित मैंसे गलत विलान को चाटिए गलत विलान को चाटना आपको एक जोसेफ ब्रॉस टीटो यूगोसलाविया से थे सुकर्णो इंडोनेशिया से नहरू भारत से थे वह में अंकुरूमा दक्षिन अफरीका से यह आपके सामने चार विकल्प है देखिए
57:07सुकर्णो इंडोनेशिया थे नहरू भारत से थे वह में अंकुरूमा कहा से थे घाना गाना से थे दक्षिन अफरीका से नहीं तहां घाना अफरीका का एक देश से यह बिल्कुल ठीक है प्रसना निमलिखित मैंसे गलत मिलान को चाटी एक जोसेफ ब्रॉस टीटो दूसरे
57:37जर्मनी के खिलाफ लड़े थे सुकर्णो बांडूं सम्मेलन का आयोजन किया था 1955 में आयोजेट करता थे मौमेन खुरूमा घाना के पहले प्रदान मंत्री थे बट यहां पर जो स्वेज नहर का राश्ट्रे करण किया था नहरू नहीं किया था बलकि कौन थे नासीर
58:01गमाल अब्दुल नासीर कब किया था 1956 में किया था स्वेज नहर का राश्ट्रे करण
58:10प्रस्ना है वर्तमान समय तक गुटनिर्पेक शांदोरन के कितने सिखर सम्मेलन आयल जित किये जा चुके हैं
58:17तो सही उत्तर क्या होगा आपका वर्तमान समय तक गुटनिर्पेक शांदोरन के अठारा कितने अठारा सिखर सम्मेलन आयल जित किया चुके हैं
58:33कि दोजार उनीच में अठारा सिखर सम्मेलन नाय जित किया जिए गया दोजास लनीच कहां मैं इ opin says किया गया बाकु बाकु कहां परिस्तित है बाकु इस थैर्भेजान
58:45इजर्भी जान अधर्भेजान बाकु में
58:49अठारवा सिकर सम्मेलन 2019 में आयोजित किया गया था तो स्टूडेंट्स आज की इस चर्चा को हम यहीं विराम देंगे
58:57क्लास समात्थ होने का हमारा समय हो गया है हमारी अगली क्लास में हम लास्ट एंड ले जाएंगे इस चैप्टर को जहां पर सीतियुद्ध के दोरान जो कुछ संधिया हुई थी उस पर चर्चा करेंगे और साथ ही साथ इस चैप्टर के कुछ और important and secrets पर भी हमारी चर्चा हो�

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