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  • 2 days ago
Part- 02 सोवियत संघ का विघटन, निकिता ख्रुश्चेव, लियोनिड ब्रेझनेव (POL--समकालीन विश्व राजनीति--2--'दुसरी दुनिया' का विघटन और द्विध्रुवीयता का पतन)

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00:00स्टुटेंट्स आज इस क्लास में हम लोग दो द्रूवियता का अंध चैपटर नंबर दो और उसी के पाइंट नंबर टू की तरफ है
00:07हमने इस चैपटर में जहां स्कार्ट किया था पिछली क्लास में किसी शीत्युथ की समाप्ति जो हुई थी
00:13उसके बाद दो ध्रूवियता का अंध हो गया था
00:17दो ध्रूवियता का मतलब था
00:19पूरा विश्व पूरी दुनिया
00:21दो अलग-अलग खेमों में विभाजित हो चुकी थी
00:23जो कि सीत्रूवियत के दौरान की स्थिती थी
00:25यानि कि जब विश्वित समाप्त हुआ उसके बाद से लेकर के
00:291991 तक जब तक शीत्रूवियत की समाप्ती हुई
00:32तब तक पूरा विश्वित दो खेमों में बटा हुआ था
00:35जिसे हम द्वी ध्रूविय व्यवस्ता कहकर खुकारते हैं
00:39इसमें एक द्रूव अमेरिका के नित्रतों में पुंजीवादी खेमा था
00:43वहीं दूसरा द्रूव सोवित संग के नित्रतों में
00:46या हम यह कहें कि मुख्य रूप से रूस
00:49व्यासे तो सोवित संग का केंदरबिन्दू रूस था
00:52लेकिन सोवित संग जिसमें 15 गंड राज जिये थे, इनके नेतरतुवां बहुत सारे साम्मेवादी देश थे और इनों ने दूसरे खेमे को जन्द दे रखा था, इन दौनों के बीच एक प्रतिदवंदता, एक प्रतिसपर्धा चल रही थी, इस दर्म्यान हत्यारों की होड
01:221991 तक आते आते, सोवित संग का पतन हो गया, हम इस चप्र में यही जानने की कोशिस कर रहे हैं कि आखिरकार सोवित संग का पतन हुआ कैसे, बहुत महत्तुपूम बात है, किसे एक पूरे सिस्टम का इस तरह से कॉलैक्स हो जाना, जिसमें की 15 देश, 15 गणराज जिये एक द
01:52जिसकी वज़े से यह एक मजबूत गटवन्दन जो था वो तूट गया, बिखर गया, हमने देखा इसमें सोवित प्रणाली सबसे पहले त्यार थी इससे जानने की कोशिस की, सोवित प्रणाली जिसमें कॉम्मिनिस पाइटी जो की इस सिस्टम का सबसे महत्तुपून हिस्
02:22इन पंदरा गणराज्यों में केंदरी गणराज्य था जिसके पास दिले दिले सारी सक्तियां आती जिसके पास आने का मतलब है सक्तियों का केंदरी करण राज्यों की अपेक्षा यानि की दूसरे जो चौदा गणराज्य थे उनकी अपेक्षा दिले दिले केंदर की तरफ
02:52लेकिन लेनिन के बाद इस्टालिन, इस्टालिन के बाद खुश्चियों, खुश्चियों के बाद ब्रेजनेयों, यह जो एक लंबा सा टाइम पिरेड चला, इन सभी के कालों में सोवित संग दिनवदिल निरंकुस और तानसाही प्रवर्ति के तरफ बढ़ता रहा।
03:09यहां तक कि लोगों की जो आर्थिक और राजनितिक अकांग्षाएं थी, वो भी पूरी नहीं हो पाई, लोगों को बोलने का अधिकार नहीं था, विचार विव्यक्ति का अधिकार नहीं था, लोगों को अपनी बात चुठकुलों के माध्यम से बैयान करनी पड़ती थी, अ
03:39जाता था, एक जो कॉंपेटिशन चल रहा था, सोवेट संग का, अपने दूसरे खेमे के साथ में, पुझीवादी खेमे के साथ में, ये कॉंपेटिशन जो था, उसकी वज़े से, सोवेट संग दिन बदिन कमजोर होता चला गया, दिन बदिन कमजोर होने का मतलब है,
03:55सोवेच संग दिन बन दिन क्यों हमजोर होता चला गया कि बहुत सारा पैसा उसे खर्च करना पड़ा अपने हत्यारों के निर्मार पर
04:13ना कि बन हत्यारों के निर्मार पर पैसा खर्च किया गया बलकि जो साथ में पिछलग गुद्देश थे जो की सोवेच संग का हिस्सा नहीं थे लेकिन कम्यूनिस कंट्रीस थे उन देशों को भी बहुत सारे आर्थित मदद सोवेच संग के द्वारा दी जाती थी
04:27सोवेच संग लगातार अपनी सत्ती का प्रचार और प्रशार कर रहा था उस पर भी बहुत पैसा खर्च हो रहा था कई जगों पर आंदोलन भड़क रहे थे उनको दबाया जा रहा था यहां तक कि सोवेच संग ने अपनी सेना अफगानिस्तान में लगबग 10 वर्सों तक
04:57लोकतंत्र सोवेच संग में समाबसा हो गया था क्योंकि जनता को अपनी अविवेथी का धिकार नहीं था एक पालिटी सिस्टम था जिसमें कम्यूनिस पालिटी हिस्सारी सक्तियों का प्रयोग कर थी ऐसी स्थिती में जगह जगह पर अंदर ही अंदर जन्व विद्रोह भ�
05:27तो एकने एक समय तो जो अंदर विरोथ की भावना इन सभी गंडराज्यों के भीतर भीतर जन्म ले रही थी वो एकने एक दिन तो बाहर आनी ही थी और यह जो बाहर आई थी वो आई थी मिखाईल गौरबाचेर के काल में मिखाईल गौरबाचेर जो की 1985 में सोवेच संग क
05:57एक तरफ तो सुधार की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ पतन हो रहा है ये भला कैसे हो गया एक सुधारवादी व्यक्ति जो सुधार चाहता था वही पतन का मुख्य कारक कैसे बन गया तो इनी सब बातों की चल्चा आज की इस क्लास में हमारी होने वाली है तो देखिए हम
06:27सुधारवादी नयता के रूप में जाना जाता है 1980 के दस्क के मध्य influen party के महना सुधार्य म्हा है
06:51किसके महासचियू बने सोवियत कम्यूनिस्ट पारिटी के महासचियू बने
07:051985 में
07:081985
07:151985 में महासचियू बने
07:18पश्चियू के देशों में
07:21सुचदार प्रद्यगी के चेत्र में
07:23क्रांती हो रही थी और सोवियत संग को
07:26इसकी बराबरी मैलाने के लिए
07:28सुधार जरूरी हो गए थे
07:29देखिए कॉंपटिशन किंतिन के बीच में चल रहा था
07:32यह चल रहा था पश्चियू में देशों के बीच में और सुवियत संग के बीच में
07:36जब हम बात पश्चियू में देशों की करते हैं
07:39पश्चियू में देश
07:42तो पश्चियू में देशों से हमारा अभिप्राय क्या होता है पुंजीवादी खेमा
07:48पुंजीवादी खेमा पश्चियू में देश का मतलब है पुंजीवादी खेमा या पश्चियू में यहां पर तो सूचना और प्रध्योगी की के शेत्र में
08:04क्रांती हो रही थी यहां क्रांती का मतलब क्या है यहां क्रांती का मतलब है विकास क्रांती का मतलब क्या है विकास बड़ी त्यूब्र गती से यह देश आगे बढ़ रहे थे सोचना और प्रध्योगिकी के मामले में यह दोग शित्र ऐसे हैं जिस मगर आप विकास सुरू कर
08:34आज की तारिक में पुरे विश्व के विकास का सबसे महतुपों कारक बन चुका है।
08:40आज हम जो बात कर रहे हैं अंतरिक्स अंतरिकृत टक पहुचने की
08:44हम अंतरिक्स में सैटलाइट लॉँच कर चुके हैं।
08:47हमने अंतरिक्स में स्थापित कर दूए हैं।
08:49उन सैटेलाइट या उपग्रहों के माध्यम से आज हम घर बैठे हुए बहुत सारे ऐसी चीज़ें हैं जो हम तक डारेक्ट पहुच रही है आज इंटरनेट जो है वो हमारी जिंदगी को इस तरह से परिवर्चित कर चुका है कि कुछ भी वर्थ हम इंटरनेट के बिना नही
09:19हम इंटरनेट के जरिये प्रतियक रास्क्र की भागवलिक इस्तिति उस रास्क्र की सांस्कृतिक आर्थिक सामाजिक धार्मिक राजनितिक जितनी भी वहां की गतिविधिया हैं हम उनके बारे में इंटरनेट के मार्थ हम से सूचना प्राप्त कर सकते हैं व्यापार और व
09:49जो अभी क्शित्रों में से में हुआ पलुखून ह्मी का निभा रहा है।
10:00अाज ले बीकोषिन दुधा में का दो आओ गनीद के माधियम से तूरी दुर्या क्नेक्ट है।
10:19अगर कोई एक बिंदू ढूंडा जाए तो वो है इंटरनेट जिसने की पूरी दुनिया को इस प्रकार से जोड दिया है तो यही है सूचना
10:27आज सूचना कितनी तीवरगती से हम तक पहुंसती है उसमें कितनी बड़ी भूमिका होगी जो हमने सूचना के सेत्र में प्रॉग्ध्योगी की यानि कि जो टेक्नोलोजी हमने काम मिली है वो टेक्नोलोजी कितनी एहम हो चुकी है यतना ही नहीं बलकि युद्ध के सेत्र में
10:57बलकि अब हमारे जो विमान है, हमारे जो वरत्मान समय में युदक विमान है, वो कितने हाइ टेक्णोलोजी के है, हम पास में बोंज जो हैं,
11:07वो कितनी high technology के हैं, हम जो missile launch करते हैं, उसकी मारक शंता कितनी हैं, वो कितना विदवन्स मचा सकती हैं, बस युद अब इसी चीज का रहे गया है।
11:16यानि कि अब हम कह सकते हैं, कि एक तऱ से वीदियो गेम टैंड, वीडियो गेम में किस तरह से युद होते हैं, ठीक सी प्रकार से, अब दुनिया के देशों के बीच में भी युद हो रहे हैं।
11:24और इसका मतलब यह हुआ कि प्रद्योगी के सेत्र में या सूचना के सेत्र में विकास बहुत महत्वपून था और यह मिखाईल गौरबाचेव जानते थे
11:34इसलिए मिखाई गौरबाचेव ने अपने देश में प्रद्योगी के सेत्र में विकास करने की एक निती अपनाई थी गौरबाचेव ने पश्चिम के देशों के साथ संबंधों को सामान्य बना देखें अभी तक जो पश्चिम के देश थे उनके साथ हमारे संबंध कैसे थ
12:04जो साम्यवादी खेमे के देश थे, उनके संब्ध अभीता, पस्चीमी खेमे के साथ, पुझीवादी खेमे के साथ ठीक नहीं थे।
12:12और अब जब मिखाय गौर्बाचेव, सोवेट संग के रास्टरपती बनते हैं, कम्यनिस पालिटी के महासचीव बनते हैं, तो वो अब सम्मन सुधारने के दर कदम बढ़ाते हैं।
12:23सोवेट संग को लोकतांत्रिक शुरूप देने और वहाँ सुधार करने का फैसला किया है।
12:28देखे, बहुत इंपोर्टेंट था सोवेट संग को लोकतांत्रिक बनना।
12:32अब आप कहेंगे कि सोवेट संग क्या लोकतांत्रिक नहीं था? बिल्कुल नहीं था।
12:36कि नहीं तो पाइटि का समसे जहां पर वन पाइटी सिस्टम होता है वहां लोग तंत्र दिखावा है ईक तो meus बहुंत कि अगर आपके सामने खड़े हैं जो अब वह किसी कैसा भी सासन देरही है
12:52आपको उसमें चाहे आपकी आवाज को दबाया जा रहा है, चाहे आपकी अधिकारों को आप से छीना जा रहा है, चाहे आपकी आर्थिक जो अवशक्ताइं हैं वो पूरी नहीं हो पा रही है, आपका लिदिंग स्टेंडर्ड उपर नहीं उठ पा रहा है, आप विकास नहीं
13:22और ये एक तरह से कहा जा सकता है कि अभी तक सोवेट संग के अंदर एक दल्य व्यवस्ता थी और वो थी कम्मिनिस पाल्टी और ये लोगतांत्रिक शासन नहीं था जनता लोगतंत्र की मान कर रही थी मिखाई गोरबाचे विस बात को बहुत भली बाती समझते थे इसलिए उ
13:52रही जिनका किसी को कोई अंदाजा नहीं था पूरवी उरोप के देश सोविदख्यमे के हिससे थे देखें सोविद खेमे के इस्से कौन थे पूरवी उरोप के देश से अगर आप ये जो हिसस्सा है वो कौन सा कहलाएगा पश्शिवी ईडरोप
14:22यह कौन सा कहलाएगा पूर्वी यूरोप पूर्वी यूरोप पूर्वी यूरोप में से जो पूर्वी यूरोप था यह पूर्वी यूरोप पूरा रेड कलर पर दे रहा हूं इसको इसका मतलब यह समझ लीजिए कि यह साम्यवादी यहां पर साम्यवादी प्रणाली थी �
14:52वो था पुंजीवादी प्रणाली के अंपर गरता है तो पूर्वी उरोप में यह जो हम बात कर रहे हैं कि इस सिस्टम के खिलाफ लोगों के अंदर जो विरोध प्रकट हो रहा था जो विरोध जन्म ले रहा था वो पहले कहां सुरू हुआ क्योंकि सोवेट संग जो बना थ
15:22किंदर देश है रूस उसकी भाइवाले कि स्थिति क्या है उसकी भाइवले कि इस्तिति है यूरोप और एसिया दौरों महाद्विम्पों में बसा हुआ है और यही कारण है कि हम रो सको यूरेशा ही एक पैसोद मेल कर दोंगता तो पूर्वि एश भर संक गिठं किया गया
15:52पहले जो विरोध की भावना जन्म लेने लगी इसी सामयवादी सासन के खिलाफ वह कहा लेने लगी पुर्वी उरोप में
15:59श्यूंपल सी लात हैं क्यों होगी क्यों पूर्यूरोप का जुडाव किस से था पष्चिम यूरोप से था है यहां पर क्या है यहां पर लोकतंत्र है
16:18यहां पर जीवनिस्तर पुछ कोटी का है यहां जीवनिस्तर लोगों का जो था वो कैसा था पुछ जीवनिस्तर था
16:30लाइश ट्रैक जो थी उनकी बहुत हाई थी तो जब इन देशों को यह पता चलता था कि हमारी प्रोस में बसे वे देश एक तरसे पूर्वी जर्मनी पुछिमी जर्मनी को ले लिजी एक ही देश था पूर्वी जर्मनी आ गया सोवियत की खेमे में यानि कि सोवियत संक्य न
17:00के तहट आगे बढ़ रहा था और पूर्वी उर्वोप के देशों को बड़ी यह कह सकते हैं आप मगलानी होती थी कि हमारे प्रोस में हमारे भाई जो पशिमी जर्मनी में है वो कितना अच्छा जीवन जी रहे हैं कितना लोगतंत्र है वहां पर हमारी भावनाओं को कुछ
17:30भावना थी इस भावना ने ही यहां के जो लोग थे इनके अंदर एक विरोध को जन्दी कि हमारे साथ यह सब कुछ क्यों हो रहा है कि इन देशों की जन्ता ने अपनी सरकार और सोवित नियंत्रम का विरोध शुरू किया मैंने आपको क्या पताया कि कहा विरोध सुरू ह�
18:00कि पूर विरोध के जो सामिवधी देश हैं इन सामिवधी देशों में सबसे पहले विरोध ने जर्म लिया यह जो हम विरोध की बात कर रहे हैं गौरबाचियों के सासक रहते सोवित संग ने ऐसी गड़बडियों में उस तरह का हस्तक्षिप नहीं किया जैसा अतीत में हो
18:30विद्रोही स्वरूप ग्रहन करती जा रही थी यहां पर विद्रोह बठक रहे थे पहले क्या होता था जब वी सोवित संग में वहां की जनता विरोध करती थी विद्रोह करती थी तो वहां तुरन सोवित संग की सेना जाती थी इस विद्रोह को कुचल दिया जाता था और �
19:00हंगरी और चेकोस्लो वाकिया में जब जन विद्रोह भड़के थे तुरंट सुवित संग की सेना वहाँ पर भेज दी गई थी और जन विद्रोह को कुचल दिया गया था
19:13अब कुचलने का मतलब क्या होता है?, कुचलने का मतलब होता है दमन करना, लोगों को में डर बिठाना, लोगों की हत्याएं करना, ताकि जनता गभरा जाए और दूसरी बार इस प्रकार के विद्रोह की भावना उनमे जन ही न ले सके।
19:31तो यहां पर हंग्री और चेकोश्रोवाक्या के एक्जामपल से आपको पता चल रहा है कि पहले तो जब कभी भी कोई विद्रो होता था उसके दबा दिया जाता था
19:38लेकिन अब आफ्टर 1985 जब मिखाईल गॉर्बाचेव सोवित संग के राष्टपती बनते हैं सोवित नैता बनते हैं जोकि वो लोगतंत्री करन चाहते हैं जनता की इच्छा को दबाना नहीं चाहते हैं जनता को और अधिक आजादी देना चाहते हैं
19:56इसलिए अब जहां जहां विरोध जनम ले रहा है जहां जहां विद्रोध जनम ले रहा है वहां पर सोवित संग की तरफ से कोई सेनिक कारेवाही नहीं की जा रही है
20:07पूर्वी उर्प की साम्यवादी सरकारे एक के बार गिर गई यहां की यह जो पूर्वी उर्प है एक करके यहां की साम्यवादी सरकारे गिरने लगे यहां की साम्यवादी सरकारे गिरने लगी यहां की स्थिति में यहां पर जन्म विद्रो जन्म लेने लगे
20:32यहां की सरकार है जो थी communist government जिनको कहा जाता है साम्यवादी सरकार है जिनको कहा जाता है वो एक-एक करके आप देहने लगी थी विखरने लगी थी जिन में शुरुवात हुई थी बाल्टिक गर्ण रचियों से बाल्टिक देश जो हैं जिनको L.A.L. मैं कहकर के पुकारता ह�
21:02सी कहा जाता है उस बाल्टिक सी में जो बसेवे देश हैं उसके आसपास वह है लिथुवानिया एस्टोणिया लेट विया इन तीनों ही देशों में सबसे पहले जनको दोने जनन लिया
21:13उनिस एक्षियासी में ही लिथुआनिया में जन्व ले तुका था जन्व
21:18लिथुआनिया से एस्टोनिय और लेटिया तक भी वह भाव नहीं पकुछ लिए
21:23तो हम यह कह सकते हैं कि सुरुवार्थ कहां से वई पूर्वी उप से
21:27पूर्म यूप में विरोथ और विद्रोह जन्प लेता रहा लेकिन सोविद संग अब इन विद्रोह को नहीं रभा रहा था, उचल नहीं रहा था
21:35सोविद संग के बाहर हो रहे इन परिवर्टनों के साथ साथ अंदर भी संकट गहराता जा रहा था
21:42अब आप मेला सोच रहोंगे कि बाहर और अंदर का संकट क्या है बाहर और अंदर का संकट आप कुछ इस प्रकास से समझ सकते हैं अगर हम बात करें
21:50USSR की सोवेत संग की बात करें
21:55USSR
21:57Soviet Union भी जिसको कहा जाता है
22:01इस Soviet संग में कितने देश थे
22:05यह सोवेत संग माल लेते हैं इसमें कितने देश हैं कितने गणराजी हैं पंद्रा गणराजी हैं कितने हैं पंद्रा गणराजी हैं लेकिन क्या क्यों यह पंद्रा गणराजी ही
22:18थे मैं सोविक खेमे थे नहीं इनके साथ में और जो देश ते वो कौन से थे यह थोड़ा सा माइश कुरवी उर्वी सब्सेवे थे इन 15 गंदराज्यों सामिल नहीं थे
22:43लेकिन एक सबकर सब थे क्या सामे मती
22:46यह भी देश सामयवादी थे, यह भी देश सामयवादी थे, तो इनकों सामयवादी खेमा या सामयवादी देश कहेका उकारते हैं, सामयवादी देश, पहले जन विद्रोह कहां परका, जो शुरुवात हुई थी, विद्रोह की वो कहां से हुई थी, पूर यूरोप के देश
23:16गिरने लग पिले हैं कि साम्यावदी सरकारों का पतल को एक के बाद ये साम्यावदी सरकार गिरती है जनता यहां पर विरोध और विद्रोपर आ जाती है अब मैंने यहां-पर जो आपको सुवेच संग बताया है एक नक्षा ना कर नक्षे की तरह ही यहां मीचे देखेंगे
23:46लेकिन कुछ ऐसे देश थे जो कि सुवित संग का हिस्सा नहीं थे तो सुवित संग बहुत बढ़ा था 15 गंडराजियों से मिलकर बना था बस उससे भी बड़ा ये खेमा था जिसमें की पूर्वी उरोप और मत्य हिस्या के वो देश भी थे जो युए से सार का हिस्सा नहीं �
24:16कहां बढ़ रही है सोवित संग के अंदर बढ़ रही है ये इस तरह आज है यह जो तीर्केंद इस दर्शा रहा है कि यहां से यहां पर चुव कि अब इसके दिकट ऐसे सार के वो देश है जो की USSR का हिस्सा है यहां पर दी यह विध्रो ज़न डे रहा है और यहां जो उ स
24:46तो यहां पर आपने देखा कि किस तरह से यह जो पंद्रा गंडराजी थे उनमें बाल्टिक देश दी थे बाल्टिक देश का मतलब जो मैं अभी नाम लिये थे लिधुवानिया एस्टोनिय बाल्टिक देश
25:11बाल्टिक देश तो यहां पर आजाते हैं लिधुवानिया लिधुवानिया
25:29एस्टोनिया लेट्रिया इसको लाट्विया लतावे भी कहते हैं यह
25:47देश देश देश देश हैं लाल लाल इत्वानिया एस्टोनिया लैट्रिया इस तरह से आप इनको याद रख सकते हैं यह जो लाल देश है यहां जन्म लेती मतलब यहां उठती हैं फिर यह ज्वाला अंदर-अंदर रूस
25:51अबसे लाल लाल एक टोन्या एस्टोनिया लेट्लिय इस तरह से आप इनको याद रख सकते हैं यह जो लाल देशें यह कि बालिटिक देशें वोट व्योश्सर का इस्टा रोस युपरियन और बेलारूस यह भी पूर्वी उरूप के देशें जो प्योश्सर का हिस्सा है इन
26:21पर वो देशे जो कि सवत संग में सामिल नहीं थे बट वो सामयमादी देश थे जैसे कि आप कह सकते हैं पॉलेंड हैं हंग्री है चेकोस्वाक्या है यहां पर वो देशे कौन-कौन से हैं जैसे पॉलेंड है अंग्री
26:39चेको स्रोवागिया नीचे वर आते हैं तो अल्बानिया है वो बीच में आता है तो यह मैंना आपको कुछ एक जोग्रोफिकल कंडिशन बताने की कोशिस की है इन देशों की जिसे आप यह जान सकें तिक पहले जो विरोध शुरू हुआ था वो कहां से हुआ था
26:59गौर्बाचेव ने देश के अंदर आर्थिक राज्यतिक सुधारों और लोगतंत्र करेंड की नीती चलाई इन सुधार नीतियों का कम्मिनिस्ट पाइटी के नेताओं दुआरा विरोध किया गया गया गौर्बाचेव ने जो सुधार सुरू किया था वो जो सुधार करना �
27:29गौर्बाचेव के बड़े लीडर्स जो गर्बाचेव के बात थे वो गर्बाचेव उसे दूरिया बना चुके थे अब ऐसा लग राएथा कि वो
27:42सुधार करके जो Communist Party का एक सिस्टम चला रहा उसको खतम कर रहे हैं जनता अगर जग गई जनता में अगर जनतंत्र की भावना आ गई तो बहला Communist Party की निर्वकुस्ता को कौन सहन करेगा
27:55और जो अभी तक Communist Party के लीडर्स अपना एक ये कहा जा सकता सामराज्य बना कर बैठे थे वो सामराज्य उनसे छिंज जाएगा और वो ऐसा नहीं चाहते थे इसलिए गौर्बाचेव की इन सुधार नीतियों का विरोध होने लगा
28:121991 में तक्ता पलट भी हुआ 1991 में तक्ता पलट का मतलब होता है सत्ता से किसी को बिदखल करना
28:22Communist Party से जुड़े गरम पंत्रियों ने इसे बढ़ावा दिया तब तक जनता को स्वतंतरता का स्वात मिल चुका था और वे Communist Party की पूरानी रंगत वाले सासन में नहीं जाना चाहते थे
28:35इस पूरी घटना गरम को आपको इस तरह से समझना होगा पहले तही हुम न combustion की बात कर लेते हैं पुप्त राजनिटिक ॠ और आठिक सुधार की बात कर रहे दे कि राजनितिक और आर्तिक सुधार चाहते थे
28:56और अगर वो जनता को आजादी दे देते जिससे राजनेतिक लोगतंत्र स्थापित हो जाता तो इससे Communist Party का जो वर्चस्व था वो समात हो जाता
29:11इसलिए Communist Party जिससे खुद मिखायल गौरबाचियों थे बट वही Communist Party अब मिखायल गौरबाचियों के खिलाफ कड़ी हो गई थी
29:21तो Communist Party उसके बड़ी लीडर्स और एक बहुत जाना माना नाम है वो है बोरिस येल सिंग का
29:28किसका है बोरिस येल्द सिंग बोरिस येल्द सिंग जो आगे चलकर 1901 के बाद रूस के फर्स्ट एलेक्टेट प्रेजिडेंट बने थे निर्वाचित राष्ट्रबती बने थे इंके दुआरा कौशिस की गई
29:47कि जन्ता को भढ़काया जाए कि इसके खिलाब मिखाइल गऔर वचिव के खिलाब और भढ़का करके तक्ता पुलंटने का द चौपरद प्रयास किया गया था यह प्रयास भी इन्हीं के दुआरा किया था aby मिकाइल गौरबचियाँ के हाट से सकता चली जाए और हमunk जैसा
30:17सभी को बरकरार रखना चाहते हैं जो ताना सभी का समर्थन करना है जो ताना
30:25सभी के क्या सवर्थक है कि कुम्ठी कि यही सो रूप लेकर चले वह गरमपन्ती थे
30:31लेकिन अब समय बदल चुका था एक बार अगर जनता को स्वार्ध मिल जाए किसका लोगतंत्र का तो भला क्या वो पुरानी रंगत में जाना चाहेगी पुरानी रंगत का मतलब है जो कुम्मिनिस्ट सासन था जहां जनता की आवाज को दबाया जा रहा था भला जनता क्या व
31:01पुर्ण भूमी का निभाई और नायक की तरह उभ्रे जिसका मैं यहां पर जेकर कर चुका हूँ बॉरिस यल्टसिन ने इस पूरे टक्ता प्लेट में बहुत इंपोर्टेंट रोग ले किया था और आगे चलकर वो जनता के विश में बड़े नेता के रूप में उभर कर स
31:31रूस में इनका संबंध रूस से था इन पंद्रहण राजियों में जो केंद्र में जो राज्य था जो केंद्र में देश ता वो था रूस जिसके पास सारी सक्तियां थी
31:41उसी जगे से बॉरी सिल सीन एक चुनाल जीता और उन्होंने केंद्रेकरत नियंत्रन को मानने से मना कर दिया केंद्रेकरत नियंत्रन का मतलब क्या था
31:50कि जो कुम्यनिस्ट पाइटी एक छत्र सासन चला रहे यह पूरे पंदरा गण राज्यों पर अब हम पंदरा गण राज्यों में सामिल नहीं रहना चाहते हैं
32:00हम अपनी स्वतंत्र सक्ता इस्तापित करना चाहते हैं वाले सिल से रूस को अलग करवाना चाहते थे सोवेट संग से अलग करवा करके अपना खुद का सासन फुद चलाना चाहते थे अर्था जनता के बीच में इतनी व्योगपरिता प्राप्त कर ली थी कि अब वहां पर �
32:30यह जो केंद्रेकरत सासन व्यवस्ता थी इसी को मात को इसी के लिए मास को सब्द का प्रयूप किया गया है वर्तमान समय में मास को क्या है रूस की राजधानी है किसकी राजधानी है वर्तमान समय में जो रूस है उसकी राजधानी है और उस समय सोवेट संग का केंद्र ह�
33:00और अब मास्कों में जो सक्ता Communist Party के पास थी, वो दिरे-दिरे राज्यों की तरफ खिसकने लगी थी, ऐसा खास कर सोवेत संग के उन भागों में हुआ, जो ज्यादा यूरोपिय करत थे और अपने को संप्रबू राज्ये मानते थे, यूरोपिय करत, इसका मतलब समझना आग
33:30दिखाई देता था, उनके लोगों का जीवन इस तर उनको दिखाई देता था, वो जाते थे कि हम भी वैसा ही जीवन जीएं, इसलिए पहले जो ये विद्रोह की भावना बढ़की थी, वो पूर्वी यूरोप के देशों में बढ़की थी, आश्चिर जनेत तोर पर, मद्
34:00मद्ययर एश्या इगेराज जीए, मद्ययर इश्या ही गनराज्जीयर सेफ मान रहे थे अबने आपको, कि हम अगर सूवेध साथ रहें, सूवेथ संग के साथ रहें, अगर हम 15 गनराज्यों में ही रहें, तो हम जादा सुखी हैं, तो वो इस नियंब्रन से मुक्त होना भी
34:30राज्यूस, यूक्रेन, बेलारूस। फोड़ दिर पहला हमने चर्चार के थी निकी।
34:37इन्होंने सोगारिक्स के समाप्ति के गोशना कर दी। कब की गई।
34:41निफस्तुन अगरां गर मेरे गuddhim kommunist oni फ्राशाम बेलारूस।
34:54उसकी समाप्ति की गोश्चना कर दी गई कम्मिनिस पायटी प्रतिबंदेत हो गई जिस कम्मिनिस पायटी ने अभी प्रतिबंदेत कर दी गई परवर्ती सोवित गणराज्यों ने पूंजिवाद तथा लोकतंत्र को अपना अधार बनेया
35:19यहां पर परवर्ती गणराज्यों का मतलब क्या है परवर्ती गणराज्यों का मतलब है जो पहले सोवित संग में थे अब सोवित संग का हिस्सा नहीं है कब के बाद दिसंबर में 91 के बार अब वहां पर क्या इस्थापित हुआ पुंजिवाद लोकतंत्र जिसको हूं कह सकते
35:49के विगटन की गुष्षना और स्वतंत्र राज्यों के राश्ट्रकुल जिनको हम Commonwealth of Independent States कहकर के पुकारते हैं
35:58Commonwealth of Independent States
36:02C, I, S जिसको कहा जाता है
36:07जिसकी full form है Commonwealth of Independent States
36:12यह जो Commonwealth of Independent States है जिनको हम स्वतंत्र राश्ट्रकुल कहते हैं
36:18यह 1991 के बाद अस्तित्वमाया है
36:22कैसे अब जो पूर्व यूगोप के देश थे वो आजाद हो चुके थे
36:27अब वो सोवच संग के नियंत्रण में नहीं थे
36:30लेकिन सोवच संग के नियंत्रण में न रहते हुए
36:32वो अपनी अर्थ व्यवस्ता को एक दूसरे के साथ जोड कर रखना चाहते थे
36:35संप्रभू तो हो चुके थे
36:37संप्रभू का मतलब है वो इंडिपेंडेंट हो गये थे
36:40वो आजाद हो गये थे वो किसी के नियंत्रण में नहीं थे
36:42यानि कि आजाद देश तो है लेकिन अर्थ व्यवस्ता को चुकि लंबे समय से
36:48अर्थ व्यवस्ता इन सभी के एक साथ चल रही थी उसे सुचारू बनाया
36:52रखने के लिए इन्होंने एक अपना नया समिखन बनाया और नाम दिया गया
36:56और नाम दिया गया Commonwealth of Independent States बाकी गंडराजियों खासकर मद्धिय ऐसे गंडराजियों के लिए
37:03बहुत आश्च्रे चकित करने वाला था कि उनको सामिल ही नहीं किया गया जयानि कि
37:08जब Commonwealth of Independent States की गोशना की इसकी Commonwealth of Independent States
37:15CIS की जैसे ही गोशना हुई इस गोशना में गोशना करने माले कौन-कौन थे पहले बता देता हूं आपको
37:24रूस यूक्रे बेलारूस पहले तो इन्होंने अपने आजादी की गोशना की फिर इन्होंने Communist Party को प्रतिबंदित किया उसके बाद इन्होंने
37:39कि इस की गोशना की कि अब हम Commonwealth of Independent States में रही तो जो CIS बना वह किनका बना पूर्वी यूरोप के देशों का बना किनका बना पूर्वी यूरोप के देश इसमें जो सामिल थे तो इसका मतलग यह था इसमें मध्य ऐस्या सामिल नहीं था
37:59मध्य ऐस्या इसमें सामिल नहीं था मध्य ऐस्या सामिल नहीं था
38:09की यह गणराज्या भी स्वतंत्र स्वतंत्र रास्तों के रा सिप्सक्राशन थे इसमुद्ड
38:28संस्थाखट सदस्य किसको बनाए गएब किसको मध्य एस्यय जेशओं को,
38:34क्योंकि इन देशों को जो स्वतंत रास्ट्रों के रास्ट्रकूल की गोष्णा की गईए थी, उसमे शामिल नहीं किया गया था,
38:40और बाद मैं इनको संस्थाखट सदस्यय बनाए गया।
38:46रूस को सुरक्षा परिश्वत में सोवेत संग की सीट लिए यानि की उत्रादीकरी रूस क्या बन गया?
38:54यूससर का उत्रादीकरी यूससर तो विगटित हो गया इसका तो विगटन हो गया
38:58कब वुआ?
39:0125 दिसमबर
39:031901 के को इसकी विगटन की गोष्टा कर दी गए मिखायल गॉर्बाचियों के त्वारा
39:09अब इसका उत्रादीकरी कौन बना?
39:12यानि कि सोवेत संग का उत्रादीकरी कौन बना?
39:15उत्रादीकरी का मतलब होता है जो सक्तियां भी सोवेत संग काम में ले रहा था
39:19अब वो कौन काम मिलेगा तो उत्रादीकारी बनाया गया रूस को
39:24रूस इसका उत्रादीकारी बना और इसलिए जो सुवित संग की सीट थी
39:30कहां पर सुरक्षा परिशत में जिसको हम UNSC कहकर उकारते हैं
39:36इसमें अब पर्मानेंट मेंबर जो थे उनेकर में सोवित संग को जिघरां पर
39:42लूस अवेंपर्मानेंट मेंबर के रुपक्णों सक्ति का प्रएोग करेगा।
39:45इसांग नें आन्टनास्री करार और संदिया की थी उन सबका जिंम्मा भि पो सको बिला,
39:53यानि कि एक तो उत्रादीकारी बना, उत्रादीकारी में उसको सुरक्षा परिशत में इस्ताई सद्धसिक बनाया गया उत्रादीकारी की रूप में
40:12और साथ ही साथ जितने भी संधियां, जितने भी समझोते, जितने भी करार किये गए थे, अब वो पूरे कौन करेगा? यानि कि उनकी जिम्मेदारी किसको दी गई हो? वो दी गई रूस को. अब रूस उनको पूरा करने के लिए responsible होगा.
40:33क्ये रूस और संग के विगटन के बार्द के समय में पूर्वंवर्ति गण राज्जीयों के बीच एक मात्र परमानुसक्ति संपंदेश का दर्जा, बीरिश उनकी यहीं पंदरा गणराज्जिये थे, इनमें से इन्होंने अपनी परमानुसक्ति तो इजात कर ली थी, बो ह�
41:03उसने अमेरिका के साथ परमाणु निसस्त्री करण की दिशा में कुछ कदम भी उठाए, यानि कि रूसना परमाणु निसस्त्री करण का मतलता है, परमाणु हतियारों को कम करना, उसके लिए कुछ कदम उठाए, सोवेत संग अब नहीं रहा, वहाद दफन हो चुका था, या
41:33मिखाइल गुर्बाचेव बॉरी सेल सेंग यह वो नैता थे जो एक के बाद एक सोवेट संग के सत्ता दिकारी बने थे देखें हमने सुरुवार किस से की थी लैनिन से की लैनिन उसके बाद उनके उत्रा दिकारी कौन बने इस्टालिन बने
41:51स्टालिन के बाद उनके उत्रा दिकारी कौन बने करुस्चेव बने है कि कुनम आये ब्रस्टेव ब्रेज्टेव के बाद कौन box 1 मिखाइल ग्रबड� क्यों कि आया है ठालन कि बीच Dortlandcount के बीच में दूसरे नेता भी रेंन लेकिन उनका इसे विशेष नाम नहीं है क्योंकि उ
42:21तो इसका मदब बीश में कुछ समय सा था जब कोई और थे बट वो इतने इंपोर्टेंट नहीं है यहां पर नाम जब भी लिया जाता है तो लेनिन स्टालिन कुछ ब्रेजनेव मिखाल गौर्बाचेव उसके बाद में नाम किसका आता है पिर आता है बौरिस येली सिंग कर �
42:51था है कि 1917 में लेनिन सामयवाद की नीव रखी थी 1922 में लेनिन सोविट संथ को जन दिया था 1922 के बाद 1924 में इंपी हो गए थी म्रत्यों तो इस तो इसमें कौन बंगे इस्टालिन बंगे 1923 तरे पंट इस्टालिन रहे नंबर आ जाता है खुरूषियों का 1923 में खूष
43:21में आजाते हैं ब्रजनेव जो कि 1982 तक रहते हैं वैयांसी तक रहते हैं और मिखाईल गॉर्बाचेव आते हैं 1985 में
43:311991 तक यह रहते हैं दिसम्बर क्योंकि दिसम्बर 1991 में में गोष्णा कर दी जाती है पतन की
43:38तो अब इन्हीं में से हम चर्चा कर रहे हैं किसकी निकिता खुष्चियों की सुवित संग के राष्टपती उनिस्तो त्रेपन से लेकर के
43:561964 तक रहे स्टालिन की नेत्रत्र सेली के अलोचक थे बिरोगी थे स्टालिन के उनिस्तो चपन में कुछ सुधार भी इन्हों
44:04पस्चिन के साथ सांतिपुर्ण सरहस्थित्रों का सुझाव रखा था यानि कि यह चाहते थे कि सीट्रमाप्त हो इसलिए सांतिपुर्ण सरहस्थित्रों का सुझाव देने वाने कौन है
44:22इसके अलावा क्यूबा के मिसाइल संकट के समय भी यही थे क्यूबा को मिसाइल संकट कब था
44:371962 की बात है उस समय जब क्यूबा में मिसाइल संकट उबरा था निकेता कुश्य भी वो थे जिन्होंने की क्यूबा में परवणों मिसाइल तेनाथ की थी
44:49अब हम बाग करेंगे लियोनेट ब्रेजनियों की
45:07लियोनेट ब्रेजनियों 1964 से लेकर 1982 तक रहे इनके साथ क्या बात है जूड़ी भी है एसिया की सामुहिक सुरक्षा व्यवस्ता का सुझाओ दिया था
45:26किसने लियोनेट ब्रेजनियों कि एसिया आपस में दूसरे के साथ जुड़का रहेगा तो सुरक्षित रहेगा
45:33अमेरिका के साथ संबंधों के तनाव की कमी के दौर से संबंध रहे इनका चेकस्ट्रवाक्या का जो जन आंदोलन हुआ था उसको दमन करने में इनके अहम बूमी का थी और अफगानिस्तान पर जो आकरमन किया गया था
45:471979 में जो सेना भीजी गई थी और 189 तक जो सेना रही थी वो बेजने वाले भी कौन थे लिएनेट ब्रिजनेव थे
45:56मिखाइल गौरबाचेव जो की 1931 में है और हाल ही में 2022 में की मुरत्यू हुई है
46:061985 से लेकर 1991 तक इन्होंने सोवेट संग के राष्टपती की भूमी का निभाई थी और ये अंतिम राष्टपती थे
46:15क्यों उसके बाद सोवेट संग नहीं रहा था फिर अब उसका उत्रादिकरी द्रूस बन गया था और सोवेट संग के अंतिम राष्टपती की रूप में मिखाइल गौरबाचेव को चाना जाता है इन्होंने दो नीतियां अपनाई थी पैरेश्ट्रोइका और ग्लास्मोस
46:45के अपनाया गया था अमेरिका के साथ हतियारों की घूरण पर रोक लगा है की अफगनिस्तान और पूरवी यूरोप से सोवेट शेना वापस बुलाए गया थी महत्वपूर्पूर गुमी का थी इसले इनको सुधारवादी नयता कहते हैं जर्मनी की एकीकर्ण में इनके
47:15ऐसे निर्वाचिति राष्टपती क्योंकि रूस बना ही कब रूस का जन्व हीoded
47:27हुगी तर तो सुवत संग्सात का हिस्सा था एक पहले निर्वाचित राष्टपती कहे जाते निर्वाचिता पर रास्त के राष्टपती पर न Filipino
47:35प्रश्पांगे से लेकर उनिस्ट निन्यानवे तक राश्पती पत पर रहें।
47:39कम्यूनिस्ट पाइटी में सत्ता केंद्र तक पहुंचे।
47:42गॉर्बाचीव दुआरा मात्कों का मेर बनाया गया थे इंको।
47:45गॉर्बाचीव के अलोजकों में भी इसामिल थे।
47:48उनिस्ट इकराव में सोविट संग के सासन के खिलाब जो विद्रोव हुआ था जो विरोध हुआ था उसका नेद्रत तो इनके द्वारा ही किया गया था जिसे तक ता प्रटने का प्रयास कहते ह।
48:00सोविट संग के विगेटन में केंद्रे भूमी का निभाई इनों ने सामयवाद से पुझिवाद के और संक्रमन के दौरान रूसी लोगों को कई कस्ट हुए तो और इनका जिम्मेदार इनको ही बताया जाता है।
48:11यह कुछ महतुपोंग बाते हैं बोरिस यलसिल से संब्धित है।
48:16अब आपके सामने प्रशन आता है, देखिए।
48:19सांतिपूर्स रहस्तित्व के निती का संब्ध किस सोविट राष्ट नेता से है।
48:25आपके सामने विकल्प है।
48:26A. Lenin, B. Stalin, C. Khrushchev, D. Brazil
48:32और आपका सही उतकर क्या होगा।
48:34सांतिपूर्स रहस्तित्व के निती का संब्ध आता है।
48:37घृष्चेव से।
48:39देखिए, Lenin को आप सभी जानते हैं,
48:41कि इन्होंने सोवेत संग को जन दिया था, कब?
48:441922 में।
48:46USSR जो बना था, उसके जन में दाता था।
48:50और साथ ही साथ, जब हम Lenin की बात करते हैं,
48:54तो 1917 में जो बॉलसरी कान दी हुई थी, उसके भी जन दाता यही थे।
48:59जॉसिफ स्टालीन जो थे, 1925, 1924 से लेकर,
49:061953 तक, सोवित, नैता या फिप्रूसी रास्ट्रपती, सोवित संग के रास्ट्रपती रहे थे।
49:13इनको तो तानाशाह के रूप में जाना जाता है।
49:20अलगी स्टालीन के काल में ही सोवित संग एक 37 साली देश बना आर्थिक रूप से मजबूती प्राप्त थी थी।
49:30लेकिन खुरुष्चेव जो हैं, 1953 में सत्ता संभालते हैं, 64 तक रहते हैं, और यही वो खुरुष्चेव हैं जो बात करते हैं, सांतिपूर्ण शहस्तित्र की, यानि कि खुरुष्चेव जो सीत युद था उसे रोकना चाहते थे।
49:48क्या चाहते थे। सीत युद को रोकना इनका प्रयास था, क्योंकि इनको लग रहा था कि सीत युद की वज़े से सोवेद संग को बहुत नुक्सान पहुच रहा है।
49:59प्रस्न है, मिखायल गॉर्बाचेव, सोवेद संग की कब्रिस पारटी के महासची उप कपने,
50:08A, 1970, D, 1980, C, 1990, D, 1985, तो यहां पर आपका उप्तर सही क्या होगा, D, 1985, हम यह कह सकते हैं, कि जो 1980 का दसक था,
50:221980 का दसक था, उसके मध्यमे, दसक के मध्यमे, क्योंकि कहीं बार परिक्षान आपसे,
50:32Direct 1985 नहीं देकर यह भी पूछा जा सकता है, कि कब्रिस पारटी के महासची उप कब बने थे,
50:38तो 1980 के दसक का मध्यम, यानि कि 1985, 1985 में मिखायल गॉर्बाचेव,
50:44सोवित कम्यूस पारटी के महासची उप बने थे, और इसी समय, USSR के राष्ट्रपती कहला है,
50:52क्योंकि जो कम्यूस पारटी का महासची उप होता है, वही USSR का राष्ट्रपती भी कहलाता है,
50:59प्रस्न है, गॉर्बाचेव की नीतियों का संबंध था, यह पूछा गया आपसे, इन चार ऑप्शन में से किस-किस के साथ गॉर्बाचेव की नीतियों का संबंध था, उको ढूलना है,
51:14गॉर्बाचेव की नीतियों से संबंध रही है, बट अगर हम बात करें,
51:43गॉर्बाचेव की नीतियों के वरुद्ध जन्म लेने वाले आंदोलन को कुचलना तो यह नहीं है,
51:49तो सही उत्तरा आपका होगा एक, दो, तीन जहां पर हैं, वही आप धून दीजिए, और पहला ही उत्तरा आपका सही हो जाएगा,
51:55ठेक दूति, यानि कि सोवेट संग को लोगतांत्रिक शोरूप देना, यही तो चाहते थी,
52:01इसलिए उन्हें सुधारवादी नीतियां प्रादम की थी, जब हम बात करते हैं, गौर्बाचेव की, तो दो नीतियां उनके सामने आती है, कौन-कौन से आती है, ग्लास नोस्त, और पेरेस्ट्रोईका, पेरेस्ट्रोईका, इंग्लिजिस में पेरेस्ट्रोईका दिखा�
52:31दलीय परणाली, इस्थापित करने का सुरे भी मेकानिक गौर्बाचेव को ही जाता है, उसे द्यूमा करते है, जूए पर भौत्हकों से निटर्पना रिखार, बःचे द्यूर्मा, और द्यूर्मा में गजिफानी की
53:01बहुदालियन प्रणालियन तो सही उत्तर होगा आपका एक दो और तीन ये सही है प्रश्न है सोवेट संग के विगटन के समझ में कौन सा कथन तर्क संगत है आपको तर्क संगत को ढूड़ना है यानि कि जो सही है वो ढूड़ना एक पस्चिमी उरोप के देशों ने सोवे�
53:31नियंत्रण का विरूद किया और चोथा मध्य एसे देश सोवेट संग के नियंत्रण में खोश थे अब आपको सही दूड़ना है तर्क संगत हो ढूड़ना है पस्चिमी उरोप के देश सोवेट नियंत्रण का विरूद के पस्चिमी उरोप आते ही इसको तो आप क्रोस ही
54:01अपनी सरकारों और सोवियत नेत्रन दौनों का विरूद किया तो नहीं किया था
54:20वह तो उसके नेत्रन में खुश थे तो तो होगा आपका अगर हमें सही डूंड़ना है तो तो होगा
54:27दो और चार
54:28दो और चार आपका जहां है वो ढूंड लीजिए
54:31सीवत पर सही हो जाएगा
54:32अगर यह होता कि तर्ख संगत नहीं है
54:35तो एक और टीन ढूंड लेते हैं
54:36वो सही हो जाता है
54:37प्रश्न है
54:40सोवेच संग के, सोवेच संग ना गरवचों की
54:43नीतियों के विरोध में
54:44विरोध के संबन में कौन सा तर्ख
54:46असंगत है
54:47नीतियों के विरोध के संबन में
54:49हम में क्या ढूंडना है
54:51वो तर्ख ढूंडना है जो असंगत है
54:54जो गलत है
54:54सारी जनता ने विरोध किया था
54:56कमिनिस पार्टी ने विरोध किया था
55:00जनता दो भागों में बढ़ गई तथा, एक भाग ने बार्ग ने बरोध किया था, राश्ट्रपूर देश तो उसस्ति बने इन these
55:08तो हम इसको तो लहीं भी सप्पहर्च कर दीजीं।
55:12सारी जंता ने बीविरोथ नहीं किया था।
55:14बल्कि जंता दो भागों में बट गैंघती एक भाग एक भाग खुछ था।
55:19Communist Party ने विरूद किया था बिल्कुल Communist Party के जो गरम पंती थे उन गरम पंतियों ने विरूद किया था
55:24जो Communist Party की चत्ता को बरकरार रखना चाते थे उनके द्वारा विरूद किया गया था
55:30तो हमें डूंड़ना कौन सार तर्क असंगत है तो देखे एक और चार जहां भी है वह असंगत है
55:38कि एक और चार ढूंड़ीज्य कहां है सी में है 1 और चांट तो राइट ऑंसवर आपका क्या होगा सी होगा
55:44प्रस्टन है गौर्बाचेव के तक्ता पलटने में किसकी भूमी का एहन थी
55:51ए ब्रेजडे, बी खुरुष्य, सी व्लादीमिर पुतिन और डी बॉरिस येल सिन
55:59तो भला व्लादीमिर पुतिन को तो हटाई लीजिए क्यों कि व्लादीमिर पुतिन
56:04क्यों कि व्लादीमिर पुतिन बहुत बाद में सोवेद संग के नेता या फिर राष्टरपती बनते हैं
56:11ये कई न कई उस समय के थे जबकि सोवेद संग था
56:15बॉरिस येल सिन भी हाला कि रूस के प्रथम राष्टरपतियों निर्वाचित राष्टरपती हैं
56:20प्रस ने पूछा है कि गॉर्बाचेव का तक्ता पुलेटने में किसकी भूमी का थी तो बॉरिस येल सिन के थी
56:25ये बॉरिस येल सिन वही है जिनको खुद गॉर्बाचेव ने क्या बनाया था
56:32मास्को का मेर बनाया था
56:34मास्को का मेर बनाया था
56:38यह वहीं बॉरी सेलसिन हैं जिन्होंने कम्यूनिस्ट पाइटी को छोड़ दिया था
56:45कम्यूनिस्ट पाइटी से बाहर हो गये थे
56:49और उन्होंने आगे चलकर सोगत संग से स्वतंत्र होने की भी गोष्णा कर ले थी
57:01तो सही उत्तर है बोरिस सेलसीन जिनोंने कि गर्वचों को हटा कर वहां तक्ता पलटने की कोशिस की थी यानि कि गर्वचों की जगे पर नए सीरे से किसी को सब्ता पर लाया जाए जिसमों कुदा आना चाहते थे
57:161901 में यलसीन के नेत्रतों में तीन बड़े राज्यों ने सोवेच संग के नियंदन से सोतंतत्ता की गोशना की थी वो कौन कौन से थे रूस, बेलारूस, युक्रेनिया, हैस्टोलिया, शही उत्तरवोगा
57:291901 में यलसीन के नेत्रतों में तीन बड़े गणराज्यों ने जो गोशना की थी तिसमत कौन सा असंगत हमें ये थूदना है
57:40तो असंगत आप एस्टोनिया को निकाल लीजिए क्योंकि रूस, युक्रेन, बेलारूस तीनों ने साथ में ही गोशना की थी
57:47किया का हा था? अम सोवित संग से स्वतंत्र होने की मूशना करते हैं
57:51अस्टोनिया क्या था? ये तो एक फॉर्मॉला वदाया था आपको याद होगा
57:55L.Al का लेट्या, लिथवानिया, एस्टोनिया ये एक बाल्टिक देश था
58:02कि या था बाल्टिक देश
58:06जो बाल्टिक शागर के पास इस्थिक देश है
58:09उन में से एक सामिल था और यह इस 3 ग्रूप में महुन्द तीन देशों के गृप में सामिल नहीं था
58:16अब प्रश्ण है आपका हंग्री के जन आदोलन को दबाने में किस सोवेद संग के नेता की भूमी का थी
58:25A. खुश्चेव, B. ब्रेजनेव, C. लेनिन, D. स्टालेव
58:29अब आपके सामने विकल्प में देखिए आपको प्रश्ण वापस धंग से पगड़ना है
58:34हंग्री के जन आदोलन को किस ने दबाया था तो उसने खुश्चेव थे 1956 की बात है
58:46याद रखने का एक फॉर्मूला भी है मैं एक टेखनीक कह सकते हैं हम एक ट्रिक कह सकते हैं हंग्री
58:52मतलब होता है भूका रहना भूक को कहते हैं हंग्री भूक तो ट्रिक क्या कहती है
59:04भूके रहकर खुश रहो यह ट्रिक है इसका मतलब जैसे ही अब आपको रखने की जरूपनी है
59:20भूके रहकर खुश रहेगा तो आप पुरंत दिमाद में ले आएंगे कि ट्रिक क्या थी भूका रहका मतलब हंग्री
59:26क्रूश मतलब क्रूश चेव तो हंग्री का जन अंदोरन किस ने दबाया था वो क्रूश चेव दबाया था तो स्टुडेंट्स यहीं हम क्लास को समाप्र करते हैं समय हो गया है अगली मुलाकात इसी चैप्टर के
59:39नेक्स पार्ट में नेक्स अगले दिनों पर होने वाली है तब तक के लिए आप सभी स्वस्त रहें मस्त रहें जय है

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