"कौन बनेगा नेता" एक अनोखी सास-बहू की कहानी है जो परिवार, राजनीति और नैतिकता के ताने-बाने को बख़ूबी दर्शाती है। इस कहानी में देखिए कैसे एक साधारण घरेलू बहू बनती है पूरे मोहल्ले की आवाज़ — और क्या वो बन पाएगी एक सच्ची नेता?
🌟 यह सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक संदेश भी है कि महिलाएं चाहे घर में हों या समाज में — बदलाव ला सकती हैं।
📌 अगर आपको कहानी पसंद आए तो लाइक, शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें ताकि और भी ऐसी प्रेरणादायक कहानियाँ मिलती रहें।
kaun banega neta, saas bahu ki kahani, hindi moral stories, family drama, women empowerment story, hindi kahaniyan, inspiring hindi story, political drama hindi, hindi story for adults, kahani with message, social awareness story, desi kahaniyan, storytime hindi, emotional family story, 2025 hindi kahani, leadership story in hindi
00:00४ूरे कानपूर शहर में टिकेट को लेकर मारा मारी शुरु थी, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में वॉड नंबर 40 की सीट थी, वो इसलिए क्योंकि इस पार वहां की सीट महिला के लिए आरक्षित थी, अब सवाल ये था कि चुनाव लड़ेगा कौन?
00:26इस से पहले ठाकुर साहब वहां से पार्षित थे और इस बार उन्होंने अपनी पत्नी सीमा ठाकुर को टिकेट दिलवाई, और ठाकुर साहब की शान के कारण सीमा जी ने 20,000 वोटों से चुनाव जीत लिया,
00:40अरब बढ़ाई हो सीमा भावी, अब तो आप वोट की पार्षित बन गई है, अब तो हमारे काम आप ही करवाएंगी,
00:48और यह तो सिर्फ माम की पार्षित बनी है, वो तो महिला सीट आ गई, वना पार्षित तो मुझे ही बनना था,
00:56अब भले ही चेहरा इसका होगा, लेकिन पावर तो मेरी ही होगी,
01:02अरे वाह भाई साहब, क्या दिमाग लगा आया है आपने भी,
01:05आईए आप लोग, खाना लगा दिया है सब के लिए,
01:10सीमा जी पार्षित बन चुकी थी, फिर भी उनकी एक ना चलती,
01:15सारे काम ठाकुर साहब खुदे संभाल लेते, और जहां जरुवत पड़ती,
01:19वहाँ सीमा जी का अंगुठा लगवा लेते,
01:23सीमा जी ज्यादा पड़ी लिखी भी नहीं थी,
01:26एक दिन ठाकुर साहब और सीमा एक प्रोग्राम में जाते हैं,
01:30आरे ठाकुर साहब आप आ गये, ओहो पार्षित मैडम भी आ गई है, स्वागत है आप दोनों का,
01:37सब लोग आगे निकल जाते हैं, और सीमा जी पार्षित होने के बावजुद भी पीछे खड़ी रह जाती है,
01:56वो देखती हैं कि वेलकम बोर्ट पर उनका नाम है, लेकिन महिला होने के कारण कोई उनका सम्मान नहीं कर रहा,
02:03अगले दिन एक आदमी उनके घर आता है,
02:07ठाकुर सहाब, नमस्कार, कलना हम नोटिस किये के हमारा घर तो अवैद है, और नगर निकम वाले उसे तोड़ने आ रहा है,
02:16और कुछ कीजिए ना ठाकुर सहाब,
02:18देखो भई, मैं तो ज्यादा कुछ कर नहीं सकता पर अगर तुम सबकी जेब गर्म कर दो तो कुछ हो सकता है,
02:27कुल मिलाकर चार लाख लगेंगे,
02:29अर चार लाख ठाकुर सहाब,
02:32अर भई, मैं अपने लिए नहीं मांग रहा हूँ,
02:35दरोगा है, इजनेर बाबु है, बड़े साब है,
02:39सब को देना पड़ता है ना थोड़ा थोड़ा,
02:42बोलो है मंजूर,
02:44तब ही वहाँ, अचानक सीमा जी आ जाती है,
02:48अरे ये आप क्या कर रहे हैं,
02:50पहले इनी लोगों से तो आपने वोट मांगे,
02:53अब इनसे ही पैसे ले रहे हूँ,
02:56और अचुप रहो तुम,
02:57तुम्हारा काम है सिर्फ रंग उठा लगाना,
02:59तुम वही क्या आगरो,
03:01मुझे दूसरे काम तुम मत सिखाओ समझी,
03:04और तुम ना जाओ अब,
03:06पैसे लेकर आओ,
03:07वरना जेसे भी किसी भी वक्त आती होगी,
03:10सब कुछ ऐसे ही चलती रहता है,
03:13एक दिन सीमा जी और ठाकुर सहब को,
03:15एक लोकल मिटिंग में बुलाया जाता है,
03:18वहाँ पर कई और अधिकारी लोग भी मौजुद रहते हैं,
03:21अब मैं चाहूंगा,
03:23कि ठाकुर सहब हमारे बीच दो शब्द कहें,
03:27मेरे प्यारे भाई और बेहनो,
03:30आज मेरा सौबागय है कि मैं आप सब की सेवा दिन रात कर पा रहा हूं,
03:36आपने मेरी पतनी को भारी मतों से जिताया है,
03:40इसलिए मैं आप सभी का शुक्र गुजार हूं,
03:42मैं आप सब से वादा करता हूं कि हमेशा की तरह,
03:46हमारे वोर्ड में किसी को कोई तकलिफ नहीं आने दूँगा,
03:51सभी लोग तालिया बजाने लगते हैं,
03:56अब मैं माननिय पार्षद मैडम को स्टेज पे बुलाना चाहूंगा,
03:59अपने नाम को बुलाया सुनकर सीमा जी एक्तम चांक जाती है,
04:04उन्हें बिल्कुल उमीद नहीं थी कि इतनी बड़ी जगा उन्हें मंच पर बुलाया जाएगा,
04:09जैसे तैसे वो मंच पर चड़ती हैं,
04:11Upar jati hi Srimah ji ko sari purani bata yaad aajati hai
04:15ki kis tarah unkei pati unhe kabhi bhi aagye badnye nahi daytate
04:20aur unkei nama se galat kama karte hai
04:22wuh bulnye lagtie hai
04:24mein aapke ward ki parshat Sima houn
04:27aap meis se bhoat kam loghi mujhe jantate hounge
04:30kyunki isse pahle mujhe kabhi aisa mowaqa hi nahi mila
04:33sare mowaqe mire parshat pati
04:36yarni aapke thakur sahabhi lietate rahe
04:38lekin aaj ye mowaqa mujhe mila hai
04:41to mei isse aise hi nahi jane dungi
04:43mei aapko ye bata na chahati houn
04:45kye aapke thakur sahab
04:47meire naam ki aad mei gayar kanuni kama karte hai