"गर्मी ने जंगल में मचा दिया है हाहाकार! सब जानवर परेशान हैं, कोई छांव ढूंढ रहा है, कोई पानी। तभी एक समझदार दोस्त लाता है ठंडक का हल! देखिए यह मज़ेदार और नैतिक शिक्षा देने वाली कहानी — जहां से बच्चे सीखेंगे: साझा करना, मदद करना और मौसम से बचाव कैसे करें।"#GarmiKaKahar #HindiMoralStory #BedtimeStory #KidsStoryInHindi #CartoonStory #GarmiKiKahani #SummerStory #ChildrenStories #BachchonKiKahani #MoralStoriesForKids #StorytimeHindi #FunnyJungleStory #HindiCartoon #AnimatedStoryHindi #HeatWaveStory #KidsLearningHindi
00:00ना होगा और अगर सब मिलकर कोशिश करें तो रास्ता निकल सकता है राजू के चहरे पर एक उम्मीद की किरन जाती है हाँ बाबा जी अगर सब मिलकर काम करें तो हम पानी धूंड सकते हैं हमने पहले कभी ये कोशिश ही नहीं की लेकिन इतनी कठिन जमीन में नया कुआ खो�
00:30मैं गाउं के सभी युवाओं को इकठा करूंगा हम मिलकर नया कुआ खोडेंगे ये कहते हुए वह शामू के साथ गाउं के दूसरे युवाओं को बुलाने के लिए निकल पड़ता है कहीं दूर से गरज की हलकी सी आवाज आती है जैसे आकाश ने उनकी उम्मीदों की ग
01:00में एक भीड जमा है बाबा जी संद्री गाउं के कुछ बुजर्ग और किसान सभी मौजूद हैं हम हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठ सकते अगर अल्लाह ने हमें हिम्मत दी है तो हमें खुद पानी के लिए मेहनत करनी होगी हम एक नया कुआ खोदेंगे मेखिन राजू क्
01:30बाबा जी सही कह रहे हैं अगर तुम सब यह काम करने के लिए तयार हो तो मैं अपने कुछ मजदूर भेज सकता हूँ धन्यवाद चौधरी जी लेकिन हम सब खुद भी मेहनत करेंगे यह हमारे गाउं के अस्तित्व की लड़ाई है संद्री जो अब तक चुथी आगे ब�
02:00कुआ खोदने की तयारी में जुट जाता है दूसरी ओर कुआ खोदने का काम शुरू हो चुका है राजू शामू और दूसरे युवा बेलचे चलाने लगते हैं मिट्टी बाहर निकाली जाने लगती है तेज गर्मी के बावजूद सब पूरी हिम्मत के साथ जुटे हु�
02:30हार नहीं माने महिलाएं पानी और सत्तू लेकर आती हैं ताकि पुरुषों को कुछ राहत मिले हमें और गहराई तक जाना होगा अब तक सिर्फ सूखी मिट्टी और पत्थर ही निकल रहे हैं राजू यह बहुत कठिन काम है अगर हमें पानी न मिला अल्लाह मेहनत करने वा
03:00जाते हैं मगर सूरज की तपिश बढ़ती जा रही है और कई लोगों की सांसे तेज चलने लगती हैं तब ही एक तरफ से रामलाल और उसके आदमी हसते हुए आते हैं
03:10अरे भाई तुम्हें लगता है कि जमीन तुम पर रहम करेगी हाँ हाँ ना समझ लोग यह सब बेकार की महनत है रामलाल हमारा होसला मत तोड़ो अगर तुम मदद नहीं कर सकते तो कम से कम मजाग भी मत उड़ाओ मदद हाँ मैं अपने कुहे का पानी बेच सकता हूँ मगर
03:40पीछे हटने लगते हैं राजू शयद रामलाल सही कह रहा है यह सब बेकार है नहीं शामू हमें हार नहीं माननी अगर आज हार गए तो फिर कभी हिम्मत नहीं कर पाएंगे तभी अचानक फावडा किसी कठोर चीज से टकराता है एक अजीब सी आवाज आती है राजू च�
04:10जैसे मिट्टी हटती है नीचे से गीली जमीन नजर आने लगती है सब हैरान रह जाते हैं सुभान अल्ला मैंने कहा था ना अल्ला हमारी मेहनत को जाया नहीं करेगा राजू और बाकी सभी जोड लगाते हैं कुछी पलों बात अचानक मिट्टी के नीचे से पानी की एक छ
04:40४ूरा गाव आनंद से जूम उठता है। लोग एक दूसरे को बधायां देते हैं। औरतें दुआ करने लगती हैं।
04:48कुछ दिन बीथ चुके हैं। गाव वाले नए कुएं से पानी भर रहे हैं। खेतों को सीच रहे हैं। और जिन्दगी फिर से पट्री पर लौट रही है। मगर रामलाल अब भी अपनी हैं।