ज़ारा को एक दिन अपनी स्कूल बैग में एक जादुई पेंसिल मिलती है जो बात करती है और हर सवाल का जवाब खूबसूरत चित्रों के ज़रिए देती है। यह कहानी बच्चों को सीखने की اہمیت और सवाल पूछने की طاقت सिखाती है। इस मज़ेदार और शैक्षणिक कहानी को ज़रूर देखें और बच्चों के साथ शेयर करें!
✨ Moral: सवाल पूछना सीखने की कुंजी है। 🎨 कहानी: ज़ारा और बोलने वाली पेंसिल 📚 भाषा: हिंदी 👧 आयु वर्ग: 3-10 साल
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00:00एक छोटे से शहर में जहारा नाम की एक प्यारी और जिग्यासु लड़की रहती थी। वह रोज स्कूल जाती थी, लेकिन उसे पढ़ाई ज्यादा पसंद नहीं थी। वह अक्सर सोचती, किताबें इतनी बोरिंग क्यों होती हैं, क्या पढ़ाई मज़ेदार नहीं हो सकती�
00:30अगर तुम मुझसे सवाल पूछोगी, तो मैं तुम्हें जवाब दूगी, वो भी चित्रों के जरिये। ज्यारा पहले तो डर गई, फिर हिम्मत करके बोली, ठीक है, बताओ, आसमान नीला क्यों होता है। जैसे ही उसने सवाल पूछा, पैंसिल ने जमीन पर एक सुन्द
01:00पैंसिल से नए सवाल पूछती, पेड कैसे उखते हैं, गिंती क्यों जरूरी है, तारे क्यों टिम्टिमाते हैं। हर सवाल के साथ पैंसिल सुन्दर चित्र बनाती और जारा को सरल और मज़ेदार तरीके से जवाब देती। धीरे धीरे जारा को पढ़ाई से प्यार हो गय