🦊 चालाक लोमड़ी और लाल मुर्ग़ी | Hindi Fairy Tales | Moral Stories for Kids | बच्चों की शिक्षाप्रद कहानी 🌟
इस मज़ेदार और शिक्षाप्रद हिंदी कहानी में मिलिए एक चालाक लोमड़ी और एक समझदार लाल मुर्ग़ी से। लोमड़ी अपनी चालाकी से मुर्ग़ी को फँसाने की कोशिश करती है, लेकिन मुर्ग़ी की समझदारी और उसके दोस्तों की मदद से सच्चाई की जीत होती है।
यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि — ✅ किसी अजनबी पर तुरंत भरोसा न करें ✅ चालाकी के सामने समझदारी और दोस्ती हमेशा जीतती है ✅ मिल-जुल कर रहना ही असली ताकत है
यह कहानी बच्चों के लिए मनोरंजन और शिक्षा का बेहतरीन मिश्रण है। Like, Share & Subscribe करें हमारे चैनल को और पाइए और भी प्यारी-प्यारी कहानियाँ!
🎬 Animation | 🎧 Hindi Voice Over | 📚 Moral Story 👶 Age Group: 3-10 Years
00:00एक दिन की बात है। एक हरे-भरे जंगल में एक चालाक लोम्री रहती थी। वह बहुत होशियार और शातिर थी। और हमेशा दूसरे जानवरों को धोखा देने के बारे में ही सोचती रहती थी।
00:15उसी जंगल के एक कोने में एक छोटा सा सुन्दर घर था जहां एक लाल मुर्गी रहती थी
00:23वो बहुत महंती और समझदार थी
00:27हर सुभध जल्दी उठती, अपना घर साफ करती, दाने चुकती और जंगल के दूसरे पक्षियों की मदद भी करती थी
00:35एक दिन लोम्री ने लाल मुर्गी को देखा, तो उसके मुँ में पानी आ गया
00:42उसने सोचा, अगर मैं इस मुर्गी को किसी तरह बेफ़कूफ बना दू, तो आज का खाना पक्का समझो
00:49अगले दिन लोम्री एक छोटा सा तोफा लेकर मुर्गी के दर्वाजे पर पहुची और बोली
00:56ओ प्यारी मुर्गी, मैं तुम्हारी सादगी और मेहनत से बहुत प्रभावित हूँ, ये फूल तुम्हारे लिए है
01:05मुर्गी ने शक भरी नजरों से देखा और पूछा, इतनी महरबानी क्यूं? तुम तो लोम्री हो और सब जानते हैं कि लोम्रिया चालाग और धोके बाज होती है
01:16लोम्री ने मीठी आवाज में कहा, नहीं नहीं, अब मैं बदल चुकी हूँ, मैं बस दोस्ती करने आई हूँ
01:24मुर्गी हस्ते हुए बोली, अगर तुम सच में बदल गई हो, तो ठीक है, लेकिन ध्यान रखना, अगर तुमने कोई चालागी की, तो मैं भी कम समझदार नहीं हूँ
01:36लोम्री ने मन ही मन सोचा, अब ये मुर्गी मेरे जाल में फस चुकी है
01:42अगले दिन वो मुर्गी से बोली, चलो, मेरे साथ जंगल के उस पार, वहाँ बहुत स्वादिष्ट दाने हैं, मैं तुम्हें दिखाती हूँ
01:52मुर्गी ने सोचा, ये मौका खतरनाक हो सकता है
01:57उसने चुप-चाप अपने दोस्तों, कुत्ता, बिल्ली और कववा को साथ चलने को कहा
02:04जब वे सब जंगल के उस पार पहुँचे, तो लोम्री ने अचानत जपट्टा मारा
02:10लेकिन जैसे ही उसने हमला किया, कुत्ते ने जोर से भौका
02:15बिल्ली ने पंजे मारे और कववे ने जोर-जोर से चिला कर सब को सतर्क कर दिया
02:21लोम्री घबरा गई और अपनी जान बचा कर भाग गई
02:25मुर्गी ने अपने दोस्तों का शुक्रिया अदा किया
02:28और कहा, अकेले चलने से अच्छा है कि हम साथ रहें