"क्या सास बन सकती है माँ?" एक दिल को छू लेने वाली हिंदी नैतिक कहानी है जो रिश्तों की गहराई और समझदारी को दर्शाती है। यह कहानी सास-बहु के बीच के रिश्ते को एक नया नजरिया देती है।
📌 हर दिन नई कहानियाँ सिर्फ Viral Entertainment पर।
📲 और कहानियों के लिए जुड़ें हमारे Telegram चैनल से: 👉 https://t.me/earnwithshown
Tags: hindi kahani, hindi stories, moral stories, hindi moral story, emotional story, saas bahu story, kahaniyan in hindi, bedtime story, fairy tale, hindi kahaniya, social message kahani
03:26पहुच जाती है जहां पहुचते ही वो डरते हुए बोलती है मम्मी जी मैं अभी पूरे घर का काम कर दूँगी और जौब भी छोड़ दूँगी जैसे आप कहोगी मैं सब कुछ वैसे ही करूँगी हरे इतना डर क्यों रही हो और अभी घर आई हो कोई काम करने की जरूरत न
03:56व्यवार देख सिम्मी हैरान रह जाती है और अपनी भाबी सुनैना का ससुराल में पहला दिन सोचने लगती है
04:02चलो हो गया कारेक्रम खतम जाब आसु आराम कर बहू तु अपने काम पर लग जा काम से मेरा मतलब है घर का काम क्योंकि अब से तुम इसके अलावा और कोई जाब बाब नहीं करोगी हाँ
04:20क्या हुआ कहा खो गई लगता है सपनों में ही गूमने लगी
04:26ससुराल की ऐसी इमेज सिम्मी ने कभी सपने में भी नहीं सोची थी
04:39अपने आपको बहू नहीं बेटी सुन उसे बहुत हैरानी होती है
04:44लेकिन जैसे जैसे समय बीटता है तो अब सिम्मी को किसी भी जग़ से ज़्यादा ससुराल अच्छा लगने लगता है
04:51एक दिन सिम्मी सबसे मिलने माई के आती है तो अपनी मा को भावी पर चिल्लाते हुए देखती है
04:57अरे करम जली अगर मुझे इतना ही पैसा खर्च करना होता तो तेरी जग़े घर में नौकरानी ना रख लेती
05:04तुझे लेकर आई जिस नौकरानी का पैसा बचे पर तू तो उससे भी ज़्यादा खर्चा करा रही है
05:10बस मा तुम्हें कोई कुछ बोलता नहीं तो हर हद पार करोगी क्या
05:16अगर यही सब मेरी सास करे तो
05:19अरे तो उनकी बेटी को जिन्दा गार दूँगी
05:22तुम्हारे और उनके अंदर यही तो फरके मा
05:26तुम उनकी बेटी के साथ क्या क्या करती हो
05:28सब कुछ पता होने पर भी वो तुम्हारी बेटी को पलकों पर बिठा कर रखते हैं
05:33एक आप है उनकी बेटी को अपनी बेटी जैसा तो क्या बहु तक नहीं समझती
05:38मा आपको सुनकर मिर्ची जरूर लगीगी लेकिन मेरी सास मेरी मा से अच्छी मा और सास दोनों है
05:44इस पर सिम्मी अपनी मा को अपने ससुराल और उसके प्यार के बारे में सब कुछ बताती है
05:51जिसे सुन सुनैना की सास को अपनी हर गलती का एहसास होता है
05:55अगर वो चाहते तो आराम सी अपनी बेटी का बदला मेरी बेटी से ले सकते थे
06:01पर उन्होंने ऐसा नहीं किया और तुझे हमसे भी ज़्यादा प्यार दिया
06:07तुम दोनों ही मुझे माफ कर दो
06:10इसके बाद तो जैसे सुनैना की सास का रूप पूरी तरह बदल जाता है