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  • 5 days ago
"कुछ तो लोग कहेंगे" एक हल्की-फुल्की लेकिन गहरी सीख देने वाली हिंदी नैतिक कहानी है।
यह कहानी हमें बताती है कि लोग क्या कहते हैं, उससे ज़्यादा ज़रूरी है कि हम क्या सोचते हैं।
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00:00if you like
00:27Oh
00:29ममी, मुझे रिती रिवास से कोई दिकत नहीं है, पर ऐसे नियम जिनका कोई मतलब ना बने, वो तो गलत है.
00:37हाए, देखो तो, अरे घार आए, एक दिन पूरा नहीं हुआ, और सास से जबान लडाना भी शुरू.
00:46नई हो, बहु हो, अपनी हद में रहना सीख लो, हाँ.
00:59इसकी नई चीज़ों की समच और सोच हमारे बिजनस के लिए बहुत अच्छी रहेगी.
01:04बेटे की बात सुनकर मा को बहुत कुछ सा जाता है.
01:07अच्छा, अर अब बीवी क्या आते ही तेरे तो सुर बदल गए?
01:12अगर ये दुकान जाने लगी, तो गाउं में क्या इज़त रह जाएगी हमारी है?
01:17लोग क्या कहेंगे? ये कहीं नहीं जाएंगी बस हाँ.
01:22मा के आगे और कुछ बोले बिना विकास वहाँ से चला जाता है.
01:27और सास शिल्पा को घर की कामों में लगा देती है.
01:31उसी रात विकास और शिल्पा साथ बैट कर बाते कर रहे होते हैं.
01:36ममी ऐसा क्यों सोचती हैं कि औरतें कुछ नहीं कर सकती और उन्हें लोगों की इतनी चिंता क्यों है?
01:43पापा की डैट के बाद मा ने दुकान संभालने की कोशिश की थी,
01:47पर लोगों ने उल्टी सीधी बाते सुना कर उनका आत्म विश्वास इतना गिरा दिया कि वो कुछ कर ही नहीं पाई
01:54और सोचने लगी कि शायद और तें ये सब कर ही नहीं सकती.
01:59इसलिए उनसे भी नहीं हुआ.
02:00लोगों की यही तो दिक्कत है, उन्हें अपने से ज्यादा दूसरे की जिन्दगी में स्वाध आता है.
02:07वैसे लोग जिन से डरते हैं न, उन्हें ही तोड़ने की कोशिश करते हैं.
02:12अब फिक्र मत करो, मम्मी की सोच बदलने का तरीका है मेरे पास.
02:16और अगले ही दिन से, शिल्पा अपनी सास की सोच बदलने, और लोग क्या कहेंगी के डर को खत्म करने की जद्दो जहत में जूट जाती है.
02:27ममी आपको पता है, गीता बबिता, आरे जिनके उपर दंगल फिल्म भी बनी है.
02:33मैं फिल्म बिल में नहीं देखती हाँ.
02:35वो हरियाना की लड़किया है, दोनों रेसलर है, उन्होंने जब ये शुरू किया था ना, तो लोगोंने बहुत बाते बनाई, बुरा भला बोला, मजाग भी बनाया, लेकिन उन्होंने ना किसी की सुनी, ना अपने उपर से विश्वास कोया, हर ना ही हार मानी.
02:53और देखो, आज किस मुकाम पर है? आरा तो ये सब मुझे क्यों सुना रही है, हाँ? नहीं, बिस ऐसी, हमें अपने आसपस की खबरे तो रखनी चाहिए, ना?
03:04ऐसा कहे कर शिल्पा अपनी सास को सोच में डाल कर वहाँ से चली जाती है. अब शिल्पा हर दिन दुनिया के अगेंस्ट अपनी हिम्मत से सक्सेस्फुल बनने वाली लड़कियों की कहानी अपनी सास को सुनाने लगती है. इसी तरह कुछ समय बीच जाता है.
03:20और मा, आज कल बहुत चुप-चुप रहती हो, सब ठीक तो है ना?
03:25बेस कच सोचती रहती हैं, इसलिए ज्यादा बोलने ही पाती.
03:29ऐसा क्यों हो, मा? कुछ दिक्कत है क्या?
03:32आरे, तेरी पतनी ही दिक्कत है.
03:35है? मैंने क्या किया?
03:38आरे, रोज मुझे कुछ समझाने के मकसद से एक नहीं कहानी सुनाती है.
03:43पर खुद नहीं जानती के मुझे सब पहले से पता है, हाँ.
03:47तो पिर दिक्कत क्या है, मा?
03:49लोग क्या कहेंगे?
03:50आरे, उनका तो काम ही है कुछ ना कुछ कहना.
03:53आप ये सोचो के उन्हें नजर अंदास करके,
03:56हम साथ मिलकर किस उंचाए पर पहुँच सकते हैं?
03:59बेटे और बहु की बातों से सोच में पड़ी मां वहाँ से चली जाती है.
04:04अगली सुबह सबसे पहले तयार साथ आवाज लगा कर बेटे और बहु को बुलाने लगती है.
04:09अरे, कहां सोते पड़े हो दोनों? किसी को घर में कोई काम नहीं है का? हाँ?
04:17साथ की आवाज सुन, शिल्पा भागती हुई कमरे से बाहर निकलाती है,
04:21जिसके पीछे विकास पे बाहर आ जाता है.
04:24ममी, आप इतनी सुबह तयार होकर कहा जा रही है?
04:28अरे, किसे नई सुरुवाज से पहले भगवान का आशिरुवाज बनता है या नहीं?
04:33मैं सीधा दुकान जाऊंगी, तुम काम निप्टा कर आ जाना है?
04:38सास की बात सुन, शिल्पा और विकास खुशी से फूले नहीं समाते.
04:44ये हुई ना मेरी माँ वाली बात.
04:47पूरा परिवार मलकर दुकान पर काम करने लगता है.
04:51जिसमें विकास और उसकी माँ दुकान संभालते हैं,
04:54तो शिल्पा काम को आउनलाइन डाल, शहर और इंटरनेट का काम संभालने लगती है.
05:00जिसे देख गाउं में लोगों के बीच गॉसिप शुरू होते देर नहीं ही लगती.
05:04और अक्यों विकास भाई, अकेले काम संभलने ही रहा था तो ना कर रख लेते हैं,
05:10और तो को यहां लाने की क्या जरूरत थी,
05:15इन्हें घर में जो काम बोलो वो तो सही से करती नहीं,
05:19यहां आकर तो तुम्हें डुबा ही देंगी,
05:22अर भाई सां, अगर आपके घर के और तो सही से काम नहीं करती ना,
05:27तो हमें उससे कोई लेना देना नहीं,
05:29यहां आपकी पंचायत के लिए किसे के पास समय नहीं है, हाँ
05:33करारा जवाब सुन, बाते सुनाने आए लोग
05:37मुँ लचकाए उल्टे पैर वापस चले जाते हैं
05:41वाँ ममी, ये तो अब दोबारा कभी भूल कर भी यहां नहीं आएंगे
05:45I'm so proud of you
05:47अर बहात हुआ, हाँ, काम पर लगो चलो
05:50तीनों आपस में काम बाठ कर अपने अपने काम पर लग जाते हैं
05:55इसी तरह दिन दिनों के साथ महीने बीटते हैं
05:59जिसमें शिल्पा की पढ़ाई, विकास की मारकेट स्किल
06:02और सास की financial management से उनकी दुकान बहुत अच्छा बड़ा business बन जाता है
06:09जो गाँ की साथ साथ शहर में भी अच्छा खासा मशूर हो जाता है
06:14और अच्छी कहते थे तुम दोनों
06:17लोगों का तो काम ही होता है कहना
06:20अब हमें सुनना है या नजर अंदाज करना है वो तो हमारे उपर है
06:25आपकी शुरुआत में गालियां और आस्मान शुने पर तालियां
06:31ऐसे लोगों का तक काम ही है पलटना
06:33इनकी बातों से हमें कभी अपनी राह बदलने नहीं चाहिए
06:37बलकि अगर बाते बन रही है तो समझ जाओ कि रास्ता सही है

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