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  • 7/11/2025
"काली नज़र" एक अनोखी और दिलचस्प हिंदी कहानी है जिसमें डर, हँसी और सीख—तीनों का ज़बरदस्त मिश्रण है। यह कहानी न सिर्फ आपको डराएगी, बल्कि हँसाएगी भी और साथ ही ज़िंदगी का एक अहम सबक भी दे जाएगी।

अगर आप ढूंढ रहे हैं एक साथ horror story, comedy, और moral lesson, तो "काली नज़र" आपकी प्लेलिस्ट में जरूर होनी चाहिए।

🎥 देखिए, हँसिए और सीखिए – सब एक ही कहानी में!
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Transcript
00:00काली नजर
00:30पतनी जी, मेकप क्लास बाद में करना
00:32वो चौराहे वाली दुकान मिल गई है हमको
00:35अरे वा, रुको, मैं अपनी मां को फोन लगा कर बता देती हूं
00:41अरे मैं भी अपने रिश्टेदारों को बता देती हूं
00:44कि तरी खुशी की बात है
00:46हाँ, मैं भी अपने दोस्तों को बता देता हूं
00:49एक हफ़ते बाद रजिस्ट्री है
00:51बस, घर में खुशी का मौका था
00:55उन तीनों ने अपने अपने फोन उठाए
00:57और लोगों में बात पहलाना शुरू कर दिया
01:00और रही सही कसर
01:02श्वेता बहू ने अपने पडोस में सब को बता कर कर दी
01:06अरे बर्मा अंटी
01:08अब हम भी जल्दी कार ले लेंगी
01:11घर का रेनो विश्यन होगा
01:12और ठाट से रहेंगे हम भी
01:14अरे ऐसा क्या हुआ
01:18लाटरी बाटरी लग गई है क्या
01:20अरे इस बार
01:22चौरहे वाली मॉल में हमको
01:24भी दुकान मिल गई है
01:25दुकान नमबर 21
01:27जो एकदम चौरहे पर है
01:30अब ग्राहक बढ़ेंगे तो
01:32आमदनी भी बढ़ेगी
01:34
01:34अरे वाह कितने खुशी
01:38की बात है
01:39मैं बहुत खुश हूँ
01:41तुम्हे इतना खुश देखे
01:42बाकी एक बात कहूँ
01:44सबको मत बताते फिर न
01:46किसी की नजर लग जाएगी
01:49तो खुशी की खबर वापस लाट जाएगी
01:52हैं
01:53ऐसे थोड़ी न होता है
01:55अब डरा रही हो
01:57आरे सही कह रही हूँ
01:59काली नजर कहते हैं
02:01इस चीज को
02:02जब आप किसी को कुछ बताओ
02:05और वो काम बिगड जाए
02:07अरे लेकिन मैं तो
02:09तुमने सब को बता दिया ना
02:12हाँ
02:14फोन लगा लगा के
02:15अब बच के रहना
02:18काली नजर
02:19बड़ी खतरनाक होती है
02:21श्वेता इतनी
02:23खुश रहती है कि वो वर्मा अंटी के
02:26बाद पर ध्यान ही नहीं देती
02:27जबकि पड़ोस में और भी लोगों से
02:30खुशी की खबर शेयर करती रहती है
02:32अगले दिन राजिश
02:34बहुत दुखी होकर घर आता है
02:36अरे बेटा क्या हुआ
02:38मूँ क्यू सूजा हुआ है
02:53हाँ, आज मैं टोकन
02:56अमाउंट देने गया था, तब मुझे
02:57पता चला, कोई आकर सुबह
02:59मुझसे पहले ही ज्यादा अमाउंट दे गया
03:01हम्, काली नजर
03:04क्या है, क्या कहा
03:06वर्मा अंटी ने समझाया था
03:09कि किसी को बताना मत
03:11वन्ना काली नजर लग जाएगी
03:13अच्छा, तुम्हें उनकी बात
03:16मान लेनी चाहिए थी
03:17उनकी बात मान लेती, लेकिन
03:20उसके पहले ही सब को
03:21बता चुके थे ना हम तीनो
03:23अरे, अगली बार से ध्यान रखेंगे
03:26कोई भी नई चीज होगे
03:28तो किसी को नहीं बताएंगे
03:29तीनो कुछ दिन
03:32ऐसे ही रहते हैं, पर एक दिन
03:34श्वेता को एक मेल आता है
03:36राजीश
03:38मेरा ओनलाइन मेकप कोर्स कंप्लीट हो गया
03:40अब मैं खुद का पालर खुल सकती हूँ
03:42हरे वा, अपने मोहले में ही खुलते हैं
03:46ये जो घर के सामने दुकान है न, वही
03:48हाँ, यहाँ सस्ती भी मिल जाएगी
03:52अगले दिन श्वेता वर्मा आँची के पास जाती है
03:55मिठाई का डबा लेकर
03:57अरे आओ, आओ, कैसे आना हुआ
04:00सूर से नहीं बोलूँगी
04:04वो सामने वाली दुकान है न
04:07वहाँ मैं अपनी पारलर की दुकान
04:09खुलने वाली हूँ, उसकी मिठाई है
04:11अरे वाँ, बहुत बधाई हो तुमको
04:14हाँ, मैं कमाने लगूंगी तो
04:18राजेश पर पूरे घर का बोज नहीं रहेगा न, आंटी जी
04:21ये तो है, पर ये बता
04:25कि तुने ये बात किसी और को
04:27तो नहीं बताई न, अरे नहीं
04:29नहीं, पिछली बार गलती कर दी थी
04:31काली नजर लगी किसी की
04:33और राजेश की हाथ से
04:35वो दुकान चली गई थी
04:36हम्, सब को मत बताना
04:39चलो मैं चलती हूँ
04:41कल दुकान की बात करने भी तो
04:43जाना है, अगले दिन
04:45श्वेता दुकान के लिए
04:46मालिक से बात करने जाती है
04:48अरे लेकिन दुकान
04:51तो हम कल रात को ही किसी को दे चुके है
04:53कल ही
04:54हाँ कल ही, दो
04:57दिन बात कोई यहाँ पारलर भी खोल लेगा
04:59अब कहीं और दुकान देख लीजे
05:01अरे पर
05:03हमको भी तो पारलर ही खोलना था
05:05अब यह एक ही दुकान है
05:07आदी आदी तो नहीं दे सकता
05:09ना मैं
05:10राजिश और श्वेता घर पर हताश
05:13होकर आ जाते हैं
05:15इस पार तो किसी को बताया भी नहीं
05:17था, अब किस की काली नजर
05:19लग सकती है
05:20सुनो, तुमने मा को बताया था क्या
05:24अरे कैसी बात कर रही हो
05:26मा की नजर थोड़ी न लगेगी
05:28पक्का
05:30तुमने किसी को नहीं बताया था ना
05:32सिर्फ वर्मा आँची को बताया था
05:34उन्होंने ही मुझे
05:36किसी को नहीं बताने को कहा
05:38अरे यार
05:40He said to me, my mom not to tell you about it, but to tell her about it, she doesn't like it.
05:47It's not too long, I've said to myself about it. She always wants our love.
05:54My mom very much wants to tell you.
05:58But you don't want to be able to chat? You can't talk about it.
06:02I don't want to talk about it. I'm doing that. But I don't want to do it.
06:07This Шишko can go to the bin?
06:08गुसे में बदल गया था और राजेश और श्वेता में बात बंद हो गई थी
06:13दो दिन बाद महले में पारलर का इन्योग्रेशन हुआ
06:17जिसमें महले के सभी लोगों को बुलाया गया
06:20पर श्वेता, राजेश और मा नहीं जाते
06:23मा, अंदर आजाओ, क्या देख रही हो
06:27अरे नया पारलर देख रही हूँ अपने आंगन से
06:30देखो, मा को दूसरे का सुख देखने में कितना मज़ा आ रहा है
06:36मेरा दुख नहीं दिख रहा है इन्हे
06:38यहां मेरा पारलर पी तो हो सकता था
06:41अरे चुप रहो यार, हर बात में लड़ाई क्यों ढून रही हो
06:45राजेश और श्वेता फिर बहस करने लगते थे
06:49तबी मा ने दोनों को बाहर बुलाया
06:51अरे ज़रा देखो तो, दुकान चलाने वाले का बोर्ड पर नाम क्या लिखा है
06:58शूती वर्मा
07:01गाड़ी निकाले बेटा, हमें कहीं जाना है
07:06काली नजर का इलाज कराने
07:09राजेश अपनी बाइक निकालता है
07:12तीनों ट्रिपलिंग कर रहे हैं
07:14मा राजेश को उस मॉल वाली दुकान पर लेकर जाती है
07:18जहां राजेश अपनी दुकान खुलने वाला था
07:22यहीं दुकान लेना चाहता था ना तू
07:26हाँ, पर इनको भी दुखी करने लेकर आई हो
07:30क्या यहाँ पर दुकान दिखा कर
07:32वहाँ काफी नहीं था
07:34अरे श्वेता, थोड़ा सब्र रख
07:36अभी पता चलेगा कि हम यहाँ क्यों आए है
07:39बता इस दुकान चलाने वाले का नाम क्या है
07:43अनुपम वर्मा
07:45कुछ समझ में आया
07:47वो दुकान वाली शूती वर्मा
07:51यह दुकान वाला अनुपम वर्मा
07:54और हमारे पडोस पे
07:56हमने उस दुकानों के बारे में बताया किसको था
07:59अब वर्मा आंटी को
08:01राजिश अपना फोन निकालता है और शुति वर्मा और अनुपव वर्मा के नाम फेस्बुक पर सर्च करता है
08:19जहां ये दोनों ही वर्मा आंटी के रिष्टदार होते हैं
08:23श्वेता को समझ में आ जाता है कि वर्मा आंटी की ही नजर खाली नजर है
08:28अब क्या करना है?
08:31कोई भी खुशी की खबर हो तो काली नजर से बचना है
08:34यानि वर्मा आंटी से बचना है
08:37अरे पर मुझे ये समझ में नहीं आया कि वो हमारे साथ ऐसा क्यों करेंगी?
08:43अरे बेटा एक सीख है
08:45दूर के आदमी को आपकी तरक्की से कम परेशानी होगी
08:50पडोसी को ज्यादा
08:51दोनों मा की बात में हामी भरते हैं
08:55और अगला काम चुप चाप करने की कसम खाते हैं
08:59ताकि आगे से बर्मा अंटी कोई काम न बिगार सके

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