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00:00इंद्र को बड़ी समस्या होती थी जब वो देखें कि रिशी लोग तपस्या अगयरा कर रहे हैं
00:04और इंद्र राजा आए स्वर्ग के हैं उनको लालच खी जा जाता था
00:10इसके रूप में? अपसरा के रूप में. अब अपसरा आई है, तो पहले अपसरा ने घूमवट अटाया, रिशी बैठे हैं. रिशी भी ऐसे नहीं कि उनको कोई समस्या हो रही हो.
00:18अपसरा को पुला के कहते हैं, इसको दफा गरो कहां से आ गई है, हमें विखने डाल रही है. रिशी आवी पुछने उसने भूमट ःटाया, रिशी बैख बोल रहा है. तो दूसरा आटाया बोले हाँ. अपसरा को लग रहा है कि जो पूरा शड़ अंत्र हो सफल हो रहा है, व
00:48तो ऐसे खड़ी है अब यह जो वस्त्र है इसको भी हटाओ ना कून नगनता अभी नहीं यह जो वस्त्र भी भी पहन रखा है यह खाल का बटाओगी भगी विचारी इंदर को उसमें दुबारा मत भेजना तो जारी बार डरों नहीं कुछ नहीं बिगड़ेगा ज्यादा त�