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00:00बच्ची के साथ कब नाइनसाफी हो सकती है जब वो बच्ची थी
00:04पर एक बार वो 16, 18 की हो गई, 25 या 35 की हो गई
00:08तो वो उस नाइनसाफी को आत्मसाथ कर चुकी होती है
00:13ये जिस लिंग अधारित भेदभाव की हम बात कर रहे हैं न
00:17इसको करने वाले सिर्फ पुरुष ही नहीं है
00:19महिलाएं दूसरी महिलाओं के खिलाफ भी करती है
00:22और खतरनात बात है कि महिलाएं खुद अपने खिलाफ भी करती है
00:25तो आखरी जिम्मेदारी तो महिला को स्वयम उठानी पड़ेगी
00:29दूसरे ने आपके साथ जो किया सो किया
00:32आप अपने साथ बुरा क्यों कर रहे हो
00:33दूसरे ने आप पर कुछ प्रभाव, कुछ संस्कार डाले तो डाले
00:37और तब आप असहाय थी, दुर्बन थी
00:41आपने सुईकार कर लिया पर आज भी क्यों सुईकार करे हुए हो
00:45अब तो 18 पार कर गए ना, सब जानते हैं महिलाओं का हिताशी हूं, महिलाओं से बात कर रहा हूं सी, मैं पूछ रहा हूं कि आप ये बारगेन सुईकार क्यों करते हो, महिला जब तक अपनी प्रगतिका और मुप्तिका बीडा स्वयम नहीं उठाएगी, दूसरों से शिकायत