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00:00यह जो रेप कल्चर है, it is a subset of the culture of violence, मुझे जो लगता है
00:05सबसेट नहीं है, वो बिल्कुल उसी सट का एक और element है
00:17रेप एक इवेंट होता है, रेप एक कल्चर होता है
00:21और culture माने, माननेता, व्यवहार, रुख, रवया, एटिचूड, यह सब कुछ मिलके culture बनता है
00:27लड़की को आप बोलते हो, तुम देख समझ के बाहर निकला करो
00:31लड़की को आप बोलते हो, stay small, stay quiet, stay treatment proper
00:36यह सब उसी रेप कल्चर में आता है
00:39अच्छा, रेप कल्चर में यह भी आता है, जल्दी से शादी कर दो नहीं तो रेप हो जाएगा
00:42लड़की की इज़त इसमें नहीं है कि उसने नोबल प्राइस जीत लिया
00:45लड़की की इज़त इसमें कि वर्जिन है, चेस्ट है, कल्परिट एक व्यक्ति नहीं है
00:50कि असली दोशी, कोई एक कल्परिट नहीं है, असली दोशी, एक दो इनसानों को सवतलाकों के पीछे डालने से क्या होगा
01:00निर्भया, आथरस, कठुआ, हैदराबाद, कलकत्ता, एक के बाद एक जगन नहत्याकांड होते रहते हैं, रेप मर्डर केसिस, हर साली होता है, लगभा कुछ न कुछ
01:16और फिर हम कहते हैं, अरे भारत की आत्मा हिल गई, इतना जबरदस्त कुछ हुआ, तुम बोल लेते हो, दो-चार दिन के लिए, उसके अगले साल, फिर कुछ इतना बड़ा मामला सामने आ जाता है, और सामने आए न आए, भारत में हर 15 मिनट में एक रेप हो रहा है, हम जा
01:46उनका तो कोई हिसा भी नहीं है, तो इस बार जो बंगाल में भूचा लाया है, वो वास्ताव में कह रहा है कि हम यह कल्चर ही नहीं चाहिए, नहीं चाहिए यह संस्कृति, जिसमें रेप नॉर्मलाइजड है, जिसमें रेप एक नॉर्मल बात है कि हर साल हो जाता है, ठीक
02:16आप बात समख़ों, और जब तक क्ये लहे गार इस अन्थ के अंदर प्र करना है।
02:44आप रेप को लेके बस एक तरह के नियम बनाओगे कि ऐसे ऐसे करो तो रेप नहीं होगा ऐसे ऐसे करो तो नहीं होगा या इन महावलों में खुड़ा बहुत रेप चलता है उधारण के लिए मैरिटल रेप
02:55जो कि भारत में शायद रेप का सबसे बड़ा इंसिडेंट है अगर सही में गणना की जाए कि भारत में बलातकार होते हैं शादी के बाद तो उस तरह का रेप हम कहते है ठीक है वो वेल मैनेजड रेप है उससे हमें कोई समस्या नहीं है
03:25जो हमारी पूरी संस्कृती ही है न, वो कहीं न कहीं ऐसी है कि वो रेप को माननेता दे रही है, बस वो कहती है कि इतने ज़्यादा नहों, इतने वीभत्स नहों,
03:41क्योंकि उसके केंद्र में ही ये बात बैठी हुई है कि महिला के जीवन का मुख्य काम सेक्शूल है,
03:55और जब तक ये बात रहेगी, तब तक जिसको आप toxic masculinity कहते हो, वो भी रहेगा, जिसको आप toxic patriarchy कहते हो, वो भी रहेगा, वो सब रहेगा
04:09रेप एक event नहीं होता, रेप एक culture होता है, और culture माने, माननेता, व्यवहार, रुख, रवईया, attitude, ये सब कुछ मिलके culture बनता है, beliefs, assumptions, परमपराएं, ये सब culture में आते हैं
04:27जो हमारा culture है, वो कहीं न कहीं रेप की तरफ परमिसेव है, ये बात आप मानना नहीं चाहेंगे, मानने हम बहुत बुरी लगती है, पर नहीं होता, तो भारती समाज में इतने व्यापक पैमाने पर नहीं हो रहे होते रेप, और रेप की तरफ परमिसेव है हमारा culture, आपने
04:57दूसरों को पता नहीं चला पर जो जैन में हुआ है वहां तो मामला बिलकुल एक फुटपाथ पर हो रहा है और एक बड़ा व्यस्ट सा चौरहा था और वहां पर वह हुआ है और आते जाते लोगों की वहां भीड उसको देख रही है और एक आदमी ने बाकाइदा उसका वी
05:27वाहां चौराहे पर फुट पाथ पर रेप होता कैसे देख रहे होता है रेप चलता है यह कलचछर है यहाँ रेप चलता है
05:32एक दो नहीं शायद दर्जनों की सेकड़ों की भीड़ वाँ खड़ी रही होगी उसब देख रहे हैं खड़े हो करके बिजी ट्रैफिक की इस्थिती थी वो एक बिजी क्रॉसिंग है वो उजयन की और उजयन एक धार्मिक रगरी भी है और लोग देख रहे हैं यह चलता है �
06:02हो जाएंगे नहीं साब ऐसा थोड़ी है हमारी कल्चन वे रेप थोड़ी है पर अलाउड नहीं है तो लोग खड़े होगे देख क्यो रहे थे रेप को अलाउड है तभी तो देख रहे थे कल्चर क्या होता है कोई लिखित नियमों का नाम कल्चर नहीं होता जो आम जनता क
06:32ऐसा है तो भारत का कल्चर कैसा है उजयन के लोगों का जो व्यवहार था वैसा ही भारत का कल्चर है न को उसके लिए हमें किताब थोड़ी पढ़नी पड़ेगी आम आदमी का व्यवहार देख लो वही भारत का कल्चर है और आदमी का व्यवहार यह है कि न सिर्फ उसका बला
07:02कि हत्या हुई बलातकार हुई उसका नाम पॉर्न वेबसाइट्स पर ट्रेंडिंग में रहा है बहुत दिनों तक ये है हमारा समाज और ये बात पहली बार नहीं हो रही है भारत में जब भी मीडिया में कोई रेप केस आता है तुरंत भारती ये पुरुष जा करके पॉर्न �
07:32सेक्शुली अराउजिंग इरोटिक क्लिप देखनी है अगर भारत ये कर रहा है और ऐसा कर रहा है कि वह वहां ट्रेंडिंग पर चला जाता है मामला तो यही तो कल्चर है न हमारा जब तक ये कल्चर नहीं बदलेगा रेप के इवेंट्स कैसे बदल जाएंगे हमसको लग
08:02बहुत गहरी धारणाएं बैठी हुई है उन्हीं धारणाओं के खिलाफ आज बंगाल आक्रोशित है हाला कि जो लोग आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं आप उनसे पूछेंगे तो वो इन शब्दों में इस बात को नहीं बोल पाएंगे लेकिन आप थोड़ा सा इंफर करिए �
08:32स्वारित कि गौरशालील संस्क्रीति के खिलाफ ऐसे भोल रहे हो आप रेव � балgre कल्चर बोल रहे हो आप भारत की संस्क्रित में महिला को उंचे से उंचा पत कौन सा देते हो ओ मांका देते हो
08:43माने बिना सक्शूल एजेंसी के तो उसके पास कोई जेंसी ही नहीं है
08:47है न बिना reproduction के बिना sexual activity के तो महिला को उची जगा भी नहीं मिल सकती
08:57सर इस बात पे मैं कहना चाहूंगा डिसेंटली राजस्तान में खबर आई थी जहाँ पर एक लिर्के ने अपने खुद के मा को आई थिंग राजस्तान में होगा उतके मा के साथ ही बलातकार कर दिया है तो आप जो कह रहे हैं अभी मतलब सन्मान के जगे पे इज़त के जगे
09:27होती हैं उसको बड़ा करते हैं हम कभी भूल थोड़ी पाते हैं कि वो लड़की है हमारे लिए वो इनसान कभी होती कहा है मनुष्य थोड़ी होती है वो पुछत्री का शरीर होती है हर तरीके से वो हमारे लिए एक फीमेल बॉड़ी होती है हाँ हमें जब उसको रिस्पेक
09:57पुरुष को क्या इसी नाते इज़त देते हो कि पिता है
10:02तो लड़की को इस नाते क्यों इज़त मिले कि मा है
10:05क्योंकि हमारा बहुत बहुत संबंध उसके reproductive system से है
10:11प्रजनन डिफाइन करता है ओरत की हस्ती को
10:17ये हमारा कल्चर है
10:19कि औरत की हस्ती की पूरी परिभाशा ही किस से निकलती है प्रजनन से और जब तक प्रजनन इतना महत्पूर्ण रहेगा हमारी नजरों में तब तक देखो यह संस्क्रित नहीं बदलेगी बलातकार होते रहेंगे
10:35समझ मैं आरही बात यही पूरा रेव कलचर है इसके बहुत सारे चिहन होते हैं छोटे-छोटे हम उनको नहीं पहचानते हम उनका कोई उपाए भी नहीं करना चाहते कोई समधान नहीं बस जब कभी कोई इतनी भारी दर्दना घटना घट जाती है तब हमें लगता है यकायक क
11:05स्टेट ट्रिमेंड प्रॉपर यह सब उसी रेप कल्चर में आता है हम कभी आइडेंटिफाई करते हैं क्या रेप एक बीमारी है हम कभी आइडेंटिफाई करते हैं कि कौन से पुरुष है जो प्रोस्पेक्टिव रेपेस्ट्स है और पहले ही उनका इलाज कर दो
11:29सड़क पर कुट्टे घूम रहे होते हैं रेवीज ले करके आप उनका इलाज कर देते हो न आप यह इंतजार थोड़ी करते हो क्यों जाकि किसी को काट ले या करते हो
11:40वैसे ही जब हम जानते हैं कि रेप एक एपिडेमिक की तरह है भारत में तो ऐसे पुरुषों कहां हम पहले ही इलाज क्यों नहीं कर देते हैं हम उनको सड़कों पे घूमने क्यों देते हैं पर इस तरह कि आप कभी कोई बात भी सुनते हो क्या कि identify करो न यह कौन से पुरु
12:10कि रेप कलचर है इत इस अब सबसेट आफ दा कलचर ओ एलिंस मुझे जो लगता है कि वाइलनस इट से लाइक ट्री रेप इस जट लाइक अब रांच उसी तैनी पर ही है यूसी दे दे आर दे आर आट व्यू टू फू फू फू फू फू पू फू डू बांच अट सबसे
12:40मेल हूँ और मैं पावरफुल हूँ, historical reason से मैं अभी भी पावरफुल हूँ, अगर humanity बची रही तो 200 साल बाद यह जो power asymmetry है, यह कम हो जाएगी, पर historically male powerful रहा है, capital सारी male के पास रही है, क्योंकि पहले energy का बहुत बड़ा स्रोत muscle power होता था, वो muscle power जादा male के पास रहा, तो वो �
13:10और वो इतना ज्यादा pregnant रहती थी, कि वो physically immobile और incapable हो जाती थी, child bearing और child rearing आपकी physical energy पूरी सोख लेते हैं, तो उसको male के नीचे रहना पड़ता था for purely biological reasons, एक तो यह कि energy तब ना तो steam power था, ना fossil fuel था, ना nuclear energy थी, तब तो
13:39mainly energy क्या थी, हाथ से आती थी, हाथ थोड़ा animal power था, पर animal power के अलावा बाकी तो आपकी muscle की जो energy उसी से काम होगा, और biologically muscle ज्यादा पुरुश के पास है, और womb और आपको एक तरह से paralyze कर देता है, नौ महीने तक तो आप घर्ब से हो, उसके बाद आपसे बच्चा चिपका ह�
14:09तो यह सब पुराने biological reasons रहे हैं, और उन्हीं की जो श्रिंखला है वो आज तक चल रही है, I am the man, I am the controller, she is the woman, मैं human being नहीं हूँ, और वो भी मनुष्य नहीं है, न मैं इंसान हूँ, न वो इंसान है, जब तक हमारा जो culture है न, वो consciousness centric नहीं होगा,
14:37जब तक हम एक इनसान को male या female की तरह देखते रहेंगे, तब तक चीजों का बदलना बहुत मुश्किल है, क्योंकि अगर वो female है, तो फिर तो जो मेरी biological instinct है, वो उसको exploit करने की ही है,
14:54है, because that's how I am physically, मुझे हर चीज़ exploit करनी है, मुझे nature को exploit करना है, मुझे river को, mountain को exploit करना है, मुझे minerals को exploit करना है,
15:05मुझे दुनिया में हर चीज़ को exploit करना है, तो अगर मैं किसी औरत को exploit कर सकता हूँ, तो मैं करूँगा ना,
15:13जब तक हमारी जो basic conditioning है, वही नहीं बदली जाएगी, तब तक यह चीज़ नहीं रुकेगी,
15:18हमको जो पूरा cultural training बचपन से मिल रही है न, वह बहुत गडबड है,
15:24भाई बहन की रक्षा करेगा, बार बार यहीं रहता न, भाई बहन की रक्षा करेगा, भाई बहन की रक्षा करेगा,
15:33लड़की की इज़त इसमें नहीं है कि उसने नोबल प्राइस जीत लिया
15:36लड़की की इज़त इसमें है कि वर्जिन है चेस्ट है
15:38और अगर लड़की अपनी वर्जिनिटी खो दे
15:44तो वो सुसाइड फिर कर लेती है बहुत बार
15:49इतना उसके दिमाग में भर दी गई यह बात
15:51तुम्हारी इज़त का संबंध तुम्हारे जेनिटल्स से है
15:57हम इतना ज्यादा सेक्स सेंट्रिक लोग हो गए हैं
16:06कि दिमाग में बस सेक्सी चलता है और क्या चलेगा
16:09एक बात और आप समझना इसमें
16:13यह जो कल्प्रिट को हैंग करने की बात होती है न यह जिन लोगों द्वारा की जाती है
16:21कल्प्रिट से सबसे ज़्यादा फायदा भी यही लोग उठाते है
16:25नहीं समझ मैं रहा है समझाता हूँ
16:28मैं इस घर का पैट्रियार्क हूँ
16:32ठीक है
16:34मेरी दो तीन लड़कियां आएं जो कि पढ़ना चाहती है
16:38बढ़ना चाहती है उड़ना चाहती है
16:40मैं उनको दबाना चाहता हूँ मेरी बात नहीं सुन रही
16:42मैं लगा पढ़ाओं जल्दी से इनकी शादी कर दो
16:45अच्छा रेप कल्चर में ये भी आता है
16:47जल्दी से शादी कर दो नहीं तो रेप हो जाएगा
16:49मैं लगा हुआ हूँ कि जल्दी से इनकी शादी कर दो
16:54वो मेरी बात नहीं सुन रही
16:55फिर मुहले में किसी लड़की का रेप हो जाता है
16:59बताओ सबसे यादा फाइदा किसको हुआ
17:02इस पेट्रियार को फाइदा हो गया न तो जिन लोगों को फासी देने की मांग की जा रही है न भदर लोक द्वारा जो जेंटल लोग हैं समाज के वो बोलते हैं उसको फासी दे दो उसको फासी दे दो जिसको फासी देने की मांग कर रहे हैं वैसे ही लोगों से पेट्रियार
17:32रेप हो जाएगा चुप चाप घर में बैठ
17:34इस इंसान ने कर दिया उपकड़ा गया उसको फासी हो जाएगी लेकिन मुझे यह बताओ यहां कल्प्रिट कौन नहीं है
17:49यहां कल्प्रिट कौन नहीं है और घटना घटेगी कहें गया रहे यह कपड़े ठीक से नहीं बहनती है इसलिए रेप हो जाता है
17:58और जो तीन-तीन साली लड़कियों का रेप हो रहा है फिर और जो सत्तर-असी साल की वृद्धाओं का रेप हो रहा है उसकी क्या बात है
18:04अरे रात में मत निकला करो रात में आप सडके सैनिटाइज करो ना कि रात में कोई भी निकल सके इस देश के हर नागरिक का हक है वो किसी भी समय कहीं भी निकल सकता है
18:22आप कहन होते है उसका हक छीनने वाले पर हम उसे हम नागरिक की तरह नहीं देखते ना
18:27शी इस नौट असीटिजन शी इस नोपड़ी शी इस अवुमन उसकी और कोई आइडेंटिटी मैटर ही नहीं करती बस वो वुमन है
18:36और हमको नहीं पता है लेकिन हम सब लोग वी एज मैं राइट नौट टू मैं आर टॉकिंग अबाउट अट्रॉसिटीज देट विमन हैव तू बियर
18:51हमें नहीं पता होता लेकिन इंडाइरेक्टली या सब कॉन्शियसली हम सब उस रेप कल्चर में पाइटिसिपेट करते है यह सारा जो आंदोलन है इसकी उपियोगिता इसी में है कि अगर वो कल्चर बदल पाए तो
19:09हम अभी दो घंटे तक बात कर सकते हैं और एक एक करके उदाहरण मेरे दिमाग में आते जाएंगी कैसे छोटी छोटी बातों में हमारा जो कल्चर है वो लड़की को बस एक सेक्शुल आबजेक्ट की तरह ही देखता है
19:25जिन जगों पर महिलाएं एक स्वतंत्र समान नागरिक की तरह रात में सडकों पर निकलके जो उनको लगता हूँ वो काम नहीं कर सकती ही वहाँ पर बस रेप की ही संस्कृते है
19:44यह संस्कृते ही पूरी बदलनी पड़ेगी एक घटना पर मात्र शोर मचाने की बात है यह नहीं इसलिए वो शोर रुक नहीं रहा है
19:53क्योंकि इस बार जो लोग प्रोटेस्ट कर रहे हैं बहुत पढ़े लिखे लोग हैं बहुत इलीट लोग हैं कहीं न कहीं उनको यह सेंस हो गया है
20:02कि इस नौट अबाउट बाउट वन परसन वह बीन अरेस्टेट
20:05इस अ मच डीपर मेलेस
20:08देखो
20:12फिर उसी आंकड़े पर वापस आते हैं कि
20:1715 मिनिट तो सरकारी आंकड़ा है कि हर 15 मिनिट में एक बलातकार होता है
20:22आशंका ये है कि शायद वहर दूसरे मिनिट में हो रहा है
20:28और ये चीज तब तक नहीं हो सकती जब तक इसको एक वाइडर सोशल सैंक्षन ना मिला हुआ हो
20:34मैं उधारण देता हूँ
20:37आपकी जो पार्लियमेंट है और आपकी जो लिजिसलेटिव असेंबली हैं
20:41उसमें 1.500 से ज्यादा ऐसे elected representatives हैं MP और MLA
20:46जिन पर महिलाओं के खिलाफ हत्याचार के मुकदमे चल रहे है
20:49और उनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिन पर सीधे सीधे बलातकार और हत्या के भी मुकदमे चल रहे हैं महिलाओं के खिलाफ
20:57यह जो elected representatives हैं इनको vote किस ने दिया है जनता ने दिया है यह रेप culture है
21:04कि नॉर्मल सी बात है यार उसने कर दिया होगा रेप boys will be boys men will be men
21:10रेप हो जाता है कोई बात नहीं vote दे दो इनको और elect कर लो हो जाता है क्या फरक पड़ता है
21:15क्या फरक पड़ता है
21:18एक बाबा जो रेप केस में ही जेल में है
21:30उसको न जाने कितनी बार पिरोल फरलो यह सब दिया गया कि तुम बाहर चले जाओ
21:38खासकर जब कोई political activity का time आता है तो उसको बाहर जाने देते हैं
21:42और जिस जेलर ने उनको भी बार बार बाहर जाने दिया
21:49उसने एक political party भी जोईन कर लिये
21:52यह है रेप कल्चर जहां रेप को एक sanction मिला हुआ है
21:57कि तुम रेप वगएरा करते भी हो तो कोई बात नहीं
21:59क्या हो जाता है
22:01जब public vote दे रही होती है पब्लिक को पता होता है न कि यह रेपिस्ट है मैं इसको वोट दे रहा हूँ
22:10जब public को रेप फिर acceptable है तो रेप कैसे रुख जाएगा
22:17जो हमारे इजदार लोग हैं कई बार हमें पता होता है कि वो रेपिस्ट है तब भी हम उसको इजद दे रहे होते हैं
22:25तब चलता है
22:30एक बात जो अच्छा जी यहां पर आकड़ती है कि
22:33पुरुष तो समझ नहीं पा रहे है लेकिन
22:37महिला है जो अभी politics में है या फिर नेत्रत्व कर रहे है
22:42हम तो यह आशा रख सकते हैं कि एक महिला दूसरे महिला की
22:46मनोभाव या फिर स्थिती समझे
22:48culture all पर्वेसिव होता है
22:52वो बच्चे में होता है बुढ़े में होता है
22:55महिला में, पुरुष में, छोटे बच्चे में, छोटे लड़की, छोटी लड़की, सब में होता है,
23:00सब एक साथ उसके शिकार बनते हैं,
23:03it's a pattern of behavior in which everyone partakes,
23:09हाँ, उसमें फिर कुछ जो थोड़े conscious लोग होते हैं, वो exception बनते हैं,
23:14हमें उन exceptions की बहुत बहुत ज़्यादा ज़रूरत है,
23:18बात रेप की नहीं है, बात इस पूरी संस्कृत को ही बदलने की है,
23:23हमारे लिए,
23:25वुमन एक sexual object है, और जब तक हम इस बात को नहीं मानेंगे,
23:30तब तक कुछ बदलेगा नहीं,
23:31आपकी मुवीज में महिलाओं की क्या जगह रहती हैं, अच्छा बताईएगा,
23:37कितनी मुवीज होती हैं, जिसमें महिला के पास कुछ भी करने के लिए होता है,
23:41उसकी ये token presence होती है, ज्यादा तर, सिर्फ शरीर दिखाने के लिए,
23:45पूरी मुवी होगी, जो male centric होगी, जिसमें सारे male character,
23:49भी अफ़ाइव फाइव बॉइस, फाइव मैं,
23:52फाइव फाइव ने, फाइव गैंस्टर्स,
23:56फिर उसमें बीच में एक अचाने के एक item song का जाएगा, उसमें एक औरत होगी,
23:59वह अपना नाच रही है, अर्धन अगनों के,
24:02that's the position of women in our culture,
24:06you come here, you are a body, you remain a decent sexual object,
24:12and then we will inseminate you,
24:15then you bear our kids and become a good mother,
24:18यह जो motherhood को भी हमने glorify किया है, उसका sexual dimension समझी है,
24:22हम बार-बार बोलते हैं, मा, मा, मा,
24:25मा तो तभी बनेगी न, जब पहले कोई पुरुष जागे सेक्स करेगा,
24:35अभी, और नजाने कितनी ऐसे उधारन दिमाग में आते जा रहे हैं,
24:39जहां पर हम actually इस बात को glorify करते हैं,
24:44कि कोई बंदा महिलाओं पर कितना ज्यादा चण के बैठ सकता है,
24:48हमाई ले बहुत बड़ी बात होती है, और वो छोटे-छोटे सिंबल्स में होती है,
24:58और छोटी जगहों पर तो इतनी sensitivity होती भी नहीं है,
25:01कि वो इन सिंबल्स को पकड़ पाएं कि यह जो है न यह toxic सिंबल था, अभी-अभी जो किया गया है,
25:06अब वही जो toxic सिंबल है, वही accumulate हो हो करके, फिर कहीं न कहीं रेप की तरह विस्फोट के रूप में सामने आता है,
25:19मुच मुच डीपर change is needed, बात law and order की नहीं है, बात इसकी भी नहीं है कि आप कानून में परिवर्दन करके,
25:31करदो की रेपिस्ट को फांसी दी जाएगी, यह सब बात ही नहीं है, बात कहीं और है, बात हमारे घरों में है,
25:36अभी आप कहां चल रहा है, reclaiming the streets, no, no, no, it has to be deeper than that, it's first of all about reclaiming the house itself,
25:48औरत को सड़क पे तो खतरा ही है, सड़क से ज्यादा खतरा उसे अपने घर के अंदर है,
25:54it starts right from the household, culture का पालना तो घर होता है, संस्कृति तो घरों में बच्चों को दी जाती है,
26:05तो सारी गडबल घरों में ही हो रही है,
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