सोलापुर, महाराष्ट्र: साल 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस में आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने कहा कि मुंबई सत्र न्यायालय जिन सबूतों के आधार पर सजा सुनाता है अगर वो हाईकोर्ट में नहीं टिक पाते तो इसमें किसकी गलती है ? अगर कानून की जांच में कोई चूक हुई या मशीन ने गलत सबूत इकट्ठा किए तो जल्द से जल्द पोस्टमार्टम होगा लेकिन आज आरोपियों को बरी किया जाना गंभीर है, मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करेगी।