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  • 2 days ago
बेबाक भाषा के दो टूक कार्यक्रम में पत्रकार भाषा सिंह ने चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट में बड़े संशोधन पर विपक्ष की आपत्तियों की पड़ताल की। साथ ही इसके असर का भी मूल्यांकन किया। आखिर क्यों ऐसा कर रहा है चुनाव आयोग- इस पर राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के विचारों पर मंथन भी किया

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00:00बिहार में वोट बंदी की तैयारी बिलकुल सही सुना आपने नोट बंदी की तर्स पर बिहार में वोट बंदी करने जा रही है
00:09मोधी सरकार चुनाव आयों के साथ क्यों और किस के लिए
00:14पूरे देश में जो अब तक नहीं हुआ वह बिहार के मद्दाताओं के साथ क्यों किया जा रहा है यह सबसे बड़ा सवाल है आखिर क्यों ऐसा नियम निकाला गया कि 2003 के बाद जिनके नाम जुड़े हैं वोटर लिस्ट में उन्हें सिर्फ अपने जन्म का प्रमान नहीं अ�
00:44सरकार के लिए क्यों इतना जरूरी हो गया है और क्यों उसकी मशीनरी के तौर पर चुनाओ आयोग इस तरह से काम कर रहा है नमस्कार दोस्तों मैं आपकी दोस्त भाशा आप देख रहे हैं बेबाग भाशा पर दोटू कारिकरम आजादी के बात से लेकर अब तक ऐसा नही
01:14से वंचित करने की बड़े पैमाने पे साजिश रची जा रही है ऐसा कम से कम बिहार में जितनी विपक्ष की पार्टियां हैं उन सब का मानना है सब एक स्वर में कह रहे हैं कि चुनाओ आयोग को अपने इस एहमकाना फैसले को वापस लेना होगा नहीं तो 9 जुलाई को ज
01:44यह समझने की जरूरत है कि यह लोगतंत्र में मदान के अधिकार को बचाने के सवाल से जुड़ा हुआ है ध्यान दीजिए बिहार के 2 करोड से ज़्यादा लोग बाहर काम करते हैं प्रवासी बिहारी के तौर पे दलित वंचित महिलाएं प्रवासी मजदूर इन सब के पा
02:14हब सोचिए आठ करोड के करीब हैं बिहार के मदाता और इन सब का रिवीजन सिर्फ एक महिने के भीतर वह भी मानसून का मौसम है मजदूरी का मौसम है और सबसे बड़ा सवाल यह कि यह सब मौसम भी ना हो
02:39तो क्या चुनाव आयोग किस एमरजेंसी में काम कर रहा है आखिर क्यों उसे बिलकुल अंत में याद आया कि इस तरह का रिवीजन करना जरूरी है क्या अभी उसे पता चला कि बड़े पैमाने पर यहां फरजी वोटर है क्या उसे अभी पता चला कि बड़े पैमाने पर घ
03:09उसमें नहीं किया, 24 से लेकर 25 तक क्या ऐसा ड्रास्टिक परिवर्तन आया बिहार की दर्ती में कि इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।
03:19सबसे पहले सुनते हैं राजत के तेजस्वी यादव को, जिस तरह से इंडिया गडबंधन ने मिलकर प्रेस कॉन्फरेंस की बिहार में, पत्ना में और एक स्वर में बोला कि यह दरसल मदान के अधिकार पर डाका डालने की साजिश है, गरीबों को, पिछडों को, वंचितों
03:49खिलवार हो रहा है, इलेक्शन कमिशन ने अचानक से विशेश गहन पुन रिच्शन की घोष्णा की है, इसका यह मतलब है, कि अभी जो पब्लिश हुआ था वोटर लिस्ट वेवरेरी मा में, जो फ्रेश घटाओ जुडाओ के बाद,
04:14अब पूरे आठ करोर बिहारियों का वोटर लिस्ट जो है, उसको साइड कर दिया गया है, अब नए सीरे से जो है, वोटर्स बनाए जाएंगे,
04:29अब ये साफ तोर पे सवाल उठता है, कि ठीक चुनाओं से, दो महिने पहले, आप ये काम क्यों कर रहे हैं,
04:48और लगबग क्या ये पॉसिबल है, कि आठ करोर लोगों का पच्चीज दिन के अंदर,
05:02आप वोटर्स बना लें, डोर टू डोर जाएं, और यहीं नहीं, ऐसे ऐसे डॉक्यूमेंट्स मांगे गए हैं, जो गरीबों के पास होंगे ही नहीं,
05:21इसी प्रेस कॉंफरेंस में मौजूद थे भागपा माले के महा सचिफ दिपांकर भट्टाचार, और उन्होंने इसे सीधे सीधे कहा,
05:31कि यह सिर्फ नोट बंदी की तर्श पर वोट बंदी ही नहीं, दरसल बिहार को एक अगोशित, एनार सी में ढखेलने की साजिश है,
05:51पादान के अधिकार से बंचित किया जाएगा.
06:21कि प्लैनिंग में ये बात थी, तब दिल्ली में जो तमाम पार्टी के लोगों को बुला करके वार्क्शॉप किया गया,
06:29तो सबसे बड़ा सवाल तो नहीं था, चुनाओ की तैयारी के लिए सबसे बड़ा काई करा वही है, इसके बार में एक बार कुछ कहा भी नहीं किया,
06:37अगर ये पहले से प्लानिंग था और उसको छुपा के रखा गया था, तो ये बेहत आपतिजनक है, और अगर ये कोई आफटर थाट है, अचानक चुनावायल के दिमाब में ये बात आई है, कि भी आगे चुनाव से पहले के खन लिया जाए, इसका कारण क्या है,
06:57इसका मतलब क्या है, इसके अगरम तूर्णा करें, पैनलर ड्रॉप करें, तो लोडवन दी,
07:27अभ इसको कह सकते कि बोतर बंदी, वो दीमानिकर इ्लेशन था, ये इदी इडिटा इलेशन है, चुनाव तो वो होता है, इसमें मघड़ता संवकार का चुनावायल के राएटा अब लगा है, आप मघड़ता होने लाइग है ये मघड़ता को चुनने का का ये चुनावाय
07:57और डाका सिर्फ आपके गोड पर निल जाला जाना।
08:00ये डाका डाला जारा है आपके समाव अधिकारों पर, आपके वजूद पर, आपकी कहचान पर, आपकी नागरिक्ता पर।
08:09जैसा कि पेजर्शी जी ने कहा कि धिरे धिरे फिर सरकारी स्कीम से आप आप हो जाएंगे।
08:15आपका वजूद खतम करने का ये कि एक साजिश रची जा रही है हमारे सवाल, बहुत मैं विस्क्रिक नहीं करूँगा क्योंकि पेजर्शी ने हैं सब कुछ कबर कर दिया।
08:26जो अमारे आपकी है वो पहली है कि जुलाए एक 1987 और दिसंबर 2004 के बीच में भारत में जो पैदा हुए हैं उन्हें अपने माता या किता का वर्ज सर्किपिकेट कहां पैदा हुए, कब पैदा हुए, ये कुछों देना पड़ेका, अपकर तो नहीं था।
08:46नंबर दो, दिसंबर 2004 के बाद जन्मे हुए लोग ये आजाधी के बाद पैदा हुए दूसरी पीडि का आ आ रहे है।
09:09कि सम्बर 2004 के बार जन्मे वे लोगहों ने माता पिता दो हुने का करवाट देगे ना, कहां पहता उड़े, कप रे दस्तावाज देए, तीसरा, दिसम्बर 2004 के बार भारज में जन्मे मध्दाता को जन्धिति, जन्धाम स्थापिद करने के लिए स्वयन का प्रमान, सयंफटे
09:39यह सब कैसे मुईया होगा, कौन कागज इखटे करेगा, जो यह सब इखटा करके, मौहिया करके, और उनिश्मना सब्के,
09:57पूछाव जो लाए है, उसी मौहिया करें, जो जो आखडंगे रही को, उन आखड़ों के बगैर, आपने इलेक्शन कैसे कराएं, तो उस इलेक्शन को पहले अवैयद भोशित कीजिये, फिर हम यह सब बात करेंगे, आपसे नहीं को क्यों करें, आपस इखटा कारें, आपकी
10:27चर्चा करना और लगातार बिहार में चुनाव आयोग की इस मानमानी पर सवाल उठाना प्रोग्राम करना इसलिए जरूरी है क्योंकि मेंस्ट्रीम मीडिया हर चीज पर बात कर रहा है बिहार में जो इतनी बड़े पैमाने पर लोकतंत्र के साथ एक दूसरे ढंका प्रियोग
10:57कि अगर चुनाव आयोग का यह मिशन सक्सेस्फुल हुआ तो बड़ी संक्या में बिहार के मद्दाताओं से उनका मताधिकार का अधिकार छिन सकता है
11:07सबसे पहले कुछ तत्थ है बिहार विधानसभा का मौझूदा कारेकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्थ हो रहा है
11:16यानि चुनाव नवंबर से पहले होने हैं सरकार उससे पहले बनी है और यह सारी एक्सरसाइज जो शुरू हुई है चुनाव आयोग ने जो प्रेस रिलीज जारी की 24 जून 2025 को
11:32और उस प्रेस रिलीज में कहा कि अगले दिन यानि 25 जून से यह एक्सरसाइज शुरू होगी एक महिने के भीतर यह बड़ा पैमाने पे जो सर्वे है यह कंप्लीट होगा
11:43क्यों इतना कम समय इस तरह की आपाधापी को क्रियेट क्यों किया गया चुनाव आयोग द्वारा यह जवाब उसे निश्चित तोर पर सिर्फ बिहार के 8 करोड मददाताओं को नहीं
11:56बाकी 140 करोड भारती नागरिकों को भी देना चाहिए क्योंकि हम सब जानते हैं बिहार सिर्फ ट्राइल ग्राउंड है अगर ऐसा हुआ तो बाकी देश में भी इसी पैटर्न पर काम होगा
12:10ध्यान से देखिए किन अधिकारों की दुहाई दी जा रही है 1950 का जन प्रतिनिधित अधिनियम की धारा 21 के तहट चुनावायो कोई अधिकार है कि वह किसी भी निर्वाचन छेतर की मददाता सूची का विशेश पुनर निरिक्षन कभी भी किसी समय रिकॉर्ड किये गए क
12:40करती है कि मददाता सूची का पुनर निरिक्षन व्यापक यानि इंटेंसिव जो शब्द यहां भी इस्तमाल किया गया है संक्षिप्त समरी या मिश्रित तरीकों से किया जा सकता है सवाल यहां इन अधिकारों का इस तरह से उपियोग करने और उसके समय पर उठता है उसस
13:10इन तमाम लोगों ने वोट डाले क्या वे फरजी मत दाता थे ध्यान से देखिए यह प्रेस रिलीस 24 जून 2025 चुनावायों का आदेश चार पेच की प्रेस नोट जारी हुई जिसमें बिहार में विशेश गहन पुनिर निरिक्षन शुरू करने की घोशना की गई
13:2719 पेच का यह पत्र बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी CEO को भेजा गया जिसमें अनुछेश साथ में कहा गया था कि संपून प्रक्रिया को 25 जून 2025 से शुरू होना है और जारी इसे 24 जून को किया गया
13:45यानि प्रेस नोट में यह जून लिखा गया है ध्यान से देखिए तेजी से शहरी करन पलायन नए युवा मद्दाता मृत्यू की सूचना ना होना और विदेशी अवैद प्रवासियों के नाम दर्ज होने को जो कारण बताया गया यहीं पर सारी चाभी है इस पूरी एकस
14:15तो यह क्या रातो रात हो गया 24 जून को चुनावायोग जागा और जून को उसने आदेश किया क्यों नहीं यहां की विपक्षी पार्टियों के साथ या यू कहें कि सारे राजनितिक दलों के साथ चुनावायोग ने एक खुली बैठक की और यह बताने की कोशिश की कि वह
14:45गया है उन्हें अब मदाता या नागरिक नहीं माना जाएगा जब तक वे दस्तावेज न प्रस्तुत कर दें सवाल यह उठता है कि 2003 से अब तक उन्होंने जो वोट डाले उनका चुनावायोग क्या करेगा क्या वे सारे इलेक्शन्स अवैद घोर्षित किये जाएंगे क्
15:15प्रक्रिया रूल 21-A के तहत हटाना क्या उनके प्राकृतिक न्याय के अधिकारों का उलंगन नहीं होगा क्या अब मदाता पंजी करन प्रक्रिया में NRC जैसा बदलाव किया जा रहा है क्योंकि ध्यान से देखिए पहले फॉर्म 6 में सिर्फ स्वागोशना यानि व्यक्ति
15:45थी अब अलग से माता पिता के दस्तावेज माने जा रहे हैं और इसका कोई स्पुष्ख कारण नहीं बताया गया है और ध्यान रहे बिहार ग्रामीर बिहार में ही बिहार बसता है
16:02जहां साक्षर्टा कम है, डिजिटल साक्षर्टा बहुत ही पूर स्थिती में है, बिजली राम भरों से चल रही है
16:11और यह सारे फॉर्म अभी तक अंग्रेजी में भरे हुए हैं जबकि लोग कह रहे हैं कि हिंदी में अनुवात कर देंगे
16:18लेकिन सब कुछ होने के बावजूद, जो प्रवासी मजदूर हैं, जो उन्हें गाउं में नहीं मिलेंगे अधिकारियों के
16:26क्योंकि हो सकता है कि वो मुंबई, दिल्ली, लकनो, पटना, कहीं और काम कर रहे हो
16:31उनसे चुनाव आयोग यह एक्सपेक्ट कर रहा है कि वह अपने स्मार्टफोन पे इस फॉर्म को डाउनलोड करके भरेंगे
16:40क्या रामराज आ रहा है, पूरी की पूरी दाल ही काली दिखाई दे रही है
16:46और इसलिए विपक्ष जो सवाल उठा रहा है, वह सिर्फ बिहार तक नहीं है
16:50वह पूरे लोकतंत्र में मद्दाताओं के मद्दान करने यानि वोट डालने के अधिकार से जुड़ा हुआ है
16:59शुक्रिया

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