बेबाक भाषा के दो टूक कार्यक्रम में पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से दिल्ली के वजीरपुर में बिना किसी नोटिस के 1 हजार से अधिक झुग्गियां गिरा दी गई। AIPWA की दिल्ली अध्यक्ष श्वेता राज से भी बात की..
00:27हमारे कर्ama बफक्छा ही है और सब गुच हमारे ही है हुआ हमारे कर सीह पीदत हिए
00:41हमारे घर बच्छा कर्टता हो जाएगी
00:50यह जाएगे हो जोड़ाइगे हो जाएगे हुआइगे हुआए जाएगे हुआएगे हुआएगे।
01:20में यह दिल्ली वासी हैं इनका आधार काट डिल्ली का वोटर अइकार डिल्ली का बिजली का बिल भरती हैं ये सारे टाक्स देती हैं ये सिर्फ यही नहीं इनके जैसे항 कहश्याहर घर में रहने वाले तक्रीबंदे
01:38तकरीबन 6,000 लोग वजीरपुर में उजार दिये गए बुल्डोजर चल गया और यह बुल्डोजर अपने ही वतन के लोगों पर यह कहते हुए चल रहा है कि मोदी राज में इनके पास जो आधार कार्ड है इनके पास जो वोटर आई कार्ड है जिसके वोट के आधार पर रे
02:08कानूनी है यह सीधा सीधा नारा है समय बीजेपी का जहां जुगी वहां बुल्डोजर जबकि वह इस नारे पर आई थी जहां जुगी वहां पक्का मकान
02:22नमस्कार दोस्तों मैं भाषा और आप देख रहे हैं बेबाग भाषा पे दोटू कारिकरम
02:41आज बात मोदी सरकार के इस नए राज की जिसका सबसे बड़ा चहरा बनके उभरी है दिल्ली की मुख्यमंतरी रेखा गुपता
02:52रेखा गुपता इस वादे के साथ देश की राजधानी में सत्ता पर बैठी
03:05उनके बगल में मोदी जी खड़े हुए थे जुग्गी वालों को चाभिया दी जा रही थी और यह सपना दिखाया जा रहा था कि जहां जुग्गी है वही पर ध्यान दीजिये
03:17यहां पर शब्द इस्तमाल किया गया था वही पर वही पर पक्का मकान बना कर भारती जन्ता पाटी की सरकार देगी
03:26अब तो विश्वास नहीं होता है कि जिस तरह से बुल्डोजर चल रहा है और जिस तरह से यह बुल्डोजर चला वजीरपुर में जहां कि विधायक भी भाजपा की हैं
03:40और यहां पर अंगिनत लोग हमें बता रहे थे कि किस तरह से वोट हासिल करने के लिए भारती जन्ता पार्टी के नेता यह विधायक सब उनके घरों में गए पानी पिया रोटी खाई सब कुछ किया ताकि वोट ले सकें
03:57उस समय तक वोट लेने के लिए यह सब कानूनी थे आज पांस से छे हजार लोगों को बेघर करके यह दावा किया जा रहा है देखा गुपता के द्वारा कि दरासल दिल्ली में वह धारावी मॉडल करेंगी
04:12हम इसे बार-बार कह रहे थे जब उन्होंने कहा भी नहीं था तब ही से हम यह कह रहे थे कि दरासल दिल्ली में यह जो बुल्डोजर चल रहा है यह जमीन की लूट का हिस्सा है
04:24और उसमें एक बड़े पैमाने पर इस जमीन को गरीबों से महनत कशों से छीन कर बड़ी पूंजी को देने की एक मास्टर प्लानिंग चल रही है
04:37आज जिस तरह से यह जुग्यां गिराई गई और लोग कह रहे हैं बहुत सॉलिड ग्राउंड है कि बाकी घर भी गिराए जाएंगे
04:47जब आगन बाड़ी ही यानि सरकार द्वारा बनाई गई इमारत ही गिरा दी गई तो बाकी जो तीन चार हजार जुग्यां बची हुई हैं उनको कब गिरा दिया जाएगा कुछ पता नहीं
05:01यहां पर हमने बात की श्वेता राज से और श्वेता राज ने जो बताई वह एक इंपॉर्टन कड़ी मिलती है कि दरअसल दिल्ली को बदलने और गरीब मुक्त करने की क्या साजिश भारती जंता पार्टी कर रही है
05:17आज वजीब पूर्चेत में गुर्डोजर की कारवाही हुई हम लोग उने देखा कि किस तरीके से बड़ी संख्या में एक आबादी पिछले 40-50 वर्षों से वहां पर रह रही है जिनके पास वहां के वोटर आईटी या धार कार्ट राशन कार्ट सब कुछ है लेकिन सरका
05:47जो अधिकार हैं उनको एक तरीके से एकसरसाइज करने का मौका दिया जाए कि लोग इसको चुनौती दे सकें बिना किसी उसके मनमानी धंग से लोगों को लोगों के घर तोड़ दिये गया कहा गया कि 15 फूट तक तोड़ा जाएगा और जो तोड़ फोड हुई है उसमें �
06:17के कि जो हम को कहीं से भी पूरी होते हैं हम देखते हैं कि लोगों को पुनवास की वरस्तादी
06:47नहीं जिनके घर तोड़े गए हैं, उनको कोई मुआफजा दिया गया है, लोग कहां रहेंगे, किस हालत में रहेंगे, इसकी कोई जिम्मदारी नरेले प्रशाशन लेना चाहता है न सरकार लेना चाहते हैं, लोग वहीं पर पड़े हुए हैं, अपने सामान के साथ इस बारि
07:17लेकर के हम लोगों ने हाई कोट में एक केस भी दायर किया, दरसल सरकार से सवाल या पूछा जाना चाहिए, कि जिस सरकार के पास इतने पैसे हैं, रेखा गुपता जी, एनाउंस कर रही हैं, कि कावड समितियों को वह 10 लाक रुपे तक देंगी, सोचिए, एक कावड समित
07:47इन गरीबों को, जिन्होंने दिल्ली को बनाया, यह जो महनतकश हैं, यहाँ पर रहते हैं, इनको न मुआवजा देने के लिए पैसे हैं, ना ही इनका पुनर्वास करने के लिए कोई योजना है, यही बुनियादी एजंडा है, रेखा गुपता का, मोदी सरकार के नित्र�
08:17के बच्चे हैं, उन सब को और ज्यादा मुफलिसी में, और ज्यादा भुकमरी में, और और ज्यादा अशिक्षा के सागर में धकेल दिया जाए, सोचिए, यह जो हजारों हजार लोग रातों रात हटाये जा रहे हैं, बुल्डोजर जहां चलाया जा रहा है, कोई सोच रह
08:47और ना जाने क्या-क्या बन सकते हैं, जिसकी आशंका मंडरा रही है, लेकिन यह जो महिला सीधे-सीधे सवाल कर रही हैं, सवाल यह भी है, कि क्या वाकई गरीब की आह लगती है मुख्यमंत्री को या प्रधान मंत्री को, कम से कम दिल्ली में जो 25 से 30 हजार लोग बेघर कि