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  • 2 days ago
बेबाक भाषा के दलित डिस्‍कोर्स में हम दलित साहित्‍य, दलित साहित्‍यकार, दलित कलाकारों से अपने दर्शकों को रू-ब-रू कराते हैं। आज इसी कड़ी में मूर्तिकार और चित्रकार प्रभुदयाल पेंटर से उनकी कला, उनके शिल्‍प और सामाजिक जीवन पर बात कर रहे हैं लेखक आर पत्रकार राज वाल्‍मीकि

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00:00नमस्ता दोस्तों मैं हूँ राजवाल मिकी और आप देख रहे हैं वेबाग भासा का गली डिस्कोर्स आपका हाल दिख स्वागत है
00:09। आज हम आपको रूबरो करा रहे हैं जिस सथ्यसस से वो नए जिल्ली बेष्ट कटे लंगर बाबा फरित्पुरी वे राते हैं और उनका नाम है प्रभुद्याल
00:24प्रभुद्याल जी एक कलाकार हैं सिल्पकार हैं मोर्तिकार हैं चित्रकार हैं और इहां समा सेवब
00:33आज हम उनसे बात करेंगे उनकी कला के बारे में, उन्होंने अपने प्रतिवा के पूची से जिस तरह के रंग उके रहे हैं, मूर्तियों में, चित्रों में, आज हम उनकी इस सिल्ख कला पर बात करेंगे और बात करेंगे उनके नीजी और सामाजिक जीमन में.
00:54तो आएए दोस्तों हम बात करते हैं प्रभुद्यार पैंटर जी से, प्रभुद्यार जी पैंटर साब के रूप में अपने छेत्र में लोग पिया हैं, पैंटर साब आपका हादिक स्वागत है बिलबाद भासा में कैसे हैं, आपका रूप बहुत अच्छा है, आपकी अंद
01:24आपने इस कला को आगे बढ़ाया हमारे दरसर आप से जानना चाहते हैं कि आपकी इस कला का इस प्रतिवा का किस तरह और का और कैसे इस तरह की शुरुआत हुई आप इस तरह में सबसे पहले बढ़ाएगी यह ना तो मैंने कहीं से ट्रेनिंग लिये लिए और ना ही कोई ग�
01:54तो चार्थ बगरा से लेके पत्थरों पे यहां बाहर होते लिए पारों पे मैं ड्रेम किया करता था तो दीरे दीरे करते करते में रिंदर को होना आगे उसके बाद मैं जब जीवन थोड़ा सा आगे बढ़ा तो मैं पड़ी राथा कि हमारे पिदा जी एक्सपायर होगे �
02:24अब मैंने सोचा कि जीवन के यापन के लिए भी एक और मेरे अंदर एक भुनर भी था तो मैं दीरे दीरे करके किसी पेंटिंग अगरे की दुगान पे काम करने ले रहा हूँ ऐसे करते करते करते जूसरे को देख ते ड्राइं तो मुझे पहले सी आदी थी इसकूलों में म
02:54ले बदीर के लिए रहा हूँ थाया मैं दिखा कि क GIRL
03:09निहां मारु भाई हैं तो महनी में तुवना उस्तारजी को आपके ऊपर रहा है
03:16दो हमускे आपके ओपर एक फिल्म विए तो उन्होंने वही नाम शॉम लाल था है। उस फिल्म में उस 10 में 50 धान यो तो ख्रयागार का नाम इसमय रखा रहा है उनने और उन लालमोगी
03:17तो उन Consult Cassi President, शाम लाल उने दिए और उनके उपली पेंटर। देन आई। पेंटर मैं अनका उनके रसे सेली अगाना, फेंटर।
03:34उनसे काम सीखनों थे
03:36क्या सेह चैया questo, Mi Mun The Song May Nirmal is a very popular program,
03:45तो मक्बूल खिदा हुसेन उनसे पूछा करते थे, मक्बूल खिदा हुसेन से की बड़ी उमर में थे, एक सोचोदा साल कि उन्हें मौने मौने को गतम थे, और अभी तो मेरे साथ पार कि लगने उमर नहीं, एक सोचोदे साल कि एक सोचोदा साल कि एक सोचोदा साल कि एक सो�
04:15आपने तीस सन में सुरू किया होगा ये जुकला काम तब से मिद्वाक्ती रुची रही ऐसा था ये रुची तो मेरी दो चीजों में रहिए सबसे जड़ा एक तो पुष्टी में और एक पेंटिंग में
04:26संब्ष्टी में मेरे पीजाजी खतम गएते हैं तो इसके अंदन जाने रोजाना कुस्तियों हो तो इसके अंदर Cheers
04:44जाना कुस्तियों को आभ तो कषैंते में कुस्तियों को मैंने
04:50तो मैंने बड़ी सारी कुष्टियां देखिये, चेले दर्जा पाटा, टैंक मोरगन की दारा सिंगे साथ, माइकल, बूचर वेकरगी, और मेर नीम की पाकिस्तानों के, बहुत सारी कुष्टियां में देखिये दारा सिंगे, संतिरासी की बात है, तो दो चीजों मुझे रु
05:20मेरी उमर में 1904 सकते हैं, मेरा फ़र्दी का, तो उसके माद लगा लो कि कोई 15-16-18 असपास देखिये, इतनी कम उमर ने आपने इस ये सुरूप रहा दिया, तो पिताजी खतम हो गए तो पैंटाजी गुजर गएते, तो घर की पारवारिक जिम्मेदारियां भी आप परा�
05:50होगी, तो आपने कैसे इन जिम्मेदारियों को और अपनी कलाव को जीवित रखा किस तरह की चिनौतियां सामने हैं, ऐसा थाजी कि मेरी आर्ट योगीनों को, वो बहुत अच्छी थी, तो जैसे कई competition होगा रहते हैं, मैं जाता था, तो एक बार क्रोल बात चैने को, अंग
06:20जिस जमाने में लोग 3-4 सुर भी लेते थे उस तेम में डाहितीन अजार रहते हैं, तो मैं ऐसे मतलब काम मेरा अच्छा रहा है, काम कोई हलता नहीं रहा, बहुत बढ़िया काम रहा है, और मैं कई competition भी जीता हूँ, कई साहिते कला परिशर में ही मैंने competition जीता रहा, लेकि
06:50अच्छी, चौफी, अवार्ड बगरा रहा है, तो उस तरह आपका ये डॉग्री होने से आपने परिवार और अपनी कला दो रोको जीवित बनाए रखा और एक संतुलन इस्तापित किया, ये अपने साहब आपका ये पहला कारी का जीवन है, वो काफी लंबा है, मैं सुन�
07:20कभी कोई आपके साथ ऐसी घटना हुई हो, जो आपके लिए यादगार हो। यदि आपने कभी सोचा नहीं हो, लेकिन वैसा हुँआ आपके साथ। ऐसी कोई भी घटना है, कि आपको जाद आरी तो आप हमारे धरसकों के साथ साच्चा कर सेथा ह।
07:36कि इसी के यांपर में काम करता था, तो उन्होंने का जी मतलर दो थीन लड़के मेरे पीछे लगा रखे थे, कि कोई आदमी दूसरा इनको कैच ना कर लिए, तो जब भी जरासी कोई दूसरा आदमी आता था, उसल असल में सबसे पहले मैंने उसका उनाया था, कोई पेंटिं�
08:06अच्छा ने चले थे, कोई अच्छा थे, कि अच्छा उन पर रोजाना दिखाया जाता था कि अच्छा तो वो इस पूरी दिली में सागे थे, लोग मेरे को भूंड देए, कहा मिलेगा पेंटिंगा, उसल आपकी इपी लोग पिरेता थी उसल तो अच्छा तो मेरा उनने �
08:36जोहान साब उनका नाम है, उन्होंने काभी ढूंडा मुझे, फिर ढूंदते ढूंदते वो आखिर पहुंची गए लेकर, किसी के थुरू मेरे मुझे बेजा हूं उन्होंने, तो कुछ पैसे दशी भी दियो उन्होंने, कि विजे साथ में समिभाव उन्होंने, ऐसे करके उ
09:06कि ठाए खेए निड्या गाव है कि मिलने के नियुक्ती हूं है, पर जाह तक बा सकतिते हूं है। अठरे को एधायर यहां रहते हीं हैं। भाईयर बंबे इसे आते ही हैं, और यहां काम करते हैं। इसकरर की बात हूं है।
09:29कभी आपने जो कलार्टिर्टी बनाई और जैसा अभी आप बता भी रहें कि इस तरह की आपकी लोग परिता थी, लोग आपको भूरते थे
09:40होता ना आर्टिस में भी आपस में एक पुड़ा सा मुझे रखता है दूसरे आर्टिस्तों को आपस एक पूड़ा सा भाव भी रहा होगा तो इस लाइन से जब बुजरते हुए क्या आपको कुछ चुनौती आए कि बही किसी में कुछ रोपने की कोसिस की या कुछ इस तरह
10:10कि आपके बारे में लोग बताते हैं कि आप एक सोसल एक्टिविस्ट हैं समासेवा कि आपने काम किये हैं और बताते हैं कि एक जगे साथ बंजावी वस्ती में जब चुगियां टूट रही थी तो उस समय आपने उनको रुपवाले की कोसिस की साथ पुलिस से भी पुलिस �
10:40जापियां भी रही आते हैं कि आजी ओ तनोखियां साहाब घरका भी लेखना पटता था और यहां पर डैमोनिशन वाला पड़ा तगड़ा बस तीक क्या नाम पर शहां हुआता था गाइस की कालन में डैमोनिशन हुआता था तो वहां एक सोटी से हमारी भी जुगी थी अ�
11:10किया वह आगे थे दस बार लोग आये थे और उन्होंने उब्जेक्शन करा भी आप किसकी आजेस पर तोड़ रहे हैं तो उन्होंने कोई इन संतों से रहाब नहीं दिया और बार बार उनके पूछने पे भी DCT पी आये हुए थे एक बहुत बड़ा राम दिस ग्राउंड �
11:40बार में बड़ी इंसिजेंट थे तो उन ओफिसरों ने बताया पूलिस को उफिसरों ने रही जारी की पूलिस हमारे हम पे पूरी गिंदी भी साथ से आईए तो अहम दोगों ने जब नारे बाजी शूर करती हमने दर्ना चान्ती परदर्शन किया बैठ के एक जगे तो उ
12:10साथ में जाकर दर्वादा खुल के और उसके बाद में हमारे को बात सुन करने दे जाती है किछ कहीं कोई उपता चीड़ा इनों में कदम ना उपाने बहुत सक्षी थी ऐसे करके फिर हम लोगों में मैं उस दोरान कोट में केस डाला गया मेरे को पूटिशनर बनाया गया त
12:40मैं उनके साथ मारे लेगे कोटिशनर बहना नाम मता लगाए घ। वो उनने मेरा नाम ठांक लिग जिए शकी एहाम बाशानामael 500 तो उन्हों को थे जएल मैं रिखा गया ठाने में ताने से टखा गया और लगों एक हजार मकाम उन्हों ने तोड़ के बाद में हम लोगों य
13:10टेवल डाल के हुए बेटा था, लोगों भी सुनता था, सुबह सुबह बोनाने लगते थे, शे बजे आप पेंटर साब आ जाओ, रात को तस बज़े भी, 11 बज़े भी मैं नहीं आपाता था, बिल्कूल अंधेरे मुझ में घरने आता था, तो छे मैंने तक मैंने कोई काम न
13:40पुराने काविर रखाया में देखा है, आज होँआ पर क्या इसकी है, आज तो बढ़िया बिंदी चार्चा नहीं बनाने है, बढ़िया बसके है, अपसे आखरी सवाल, कि आप कला का हैं, तो सवाल उसी से बिलेटर है, कि आपने जिस जमाने में अपनी कलाकृतियां, मूर
14:10अज समय जो आप काम करते थे, और आज की जो पीडिया मैं आज की उवा पीडिया, मैं ये खहना चाहरूं कि जब आप 20-25 साल के रहेंगों, उस समय जब आप ये काम कर रहे थे, और आज, हम लोग दो हजार पच्चीस में है, तो दो हजार पच्चीस में जो इवा इस कला म
14:40देना चाहरा है, नहीं लाइन बहुत अच्छी है, और इसमें ये नहीं है कि अब जैसे किसी-किसी आदमी का तो गोड़ गिफ लेकि आज के टाइम में तो इतनी अच्छी-च्छी सुज़ा हैं, कि आदमी अगर सीखने की कोशिश करें तो सीखा जा सकता है, अच्छी ची�
15:10हैं, और मेसेज मतलब बहुत अच्छी-च्छी आप समय भी ये है कि काम करने अच्छी चाहरा है, इसमामे मेहनत और लगन हो, तो आज की समय भी इस कर ये को अपनाया जा सकता है, ये इसमाम से बात करने के लिए बहुत बहुत बहुत थन्यवाद आप था, साथिओ अभी ह
15:40और हम कोसिस करेंगे कभी किसी और इस्पेसर विश्चा को लेकर हम आपको उनसे रुबरू कराएं
15:47आज के लिए बस इतना ही धने

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