मोदी जी को ग़रीबी को मिटाना था तो NCERT की किताबों से ग़रीबी के चैप्टर ही ग़ायब कर दिए। इसी तरह बेरोज़गारी और अन्य मुद्दों के साथ किया। पत्रकार मुकुल सरल की टिप्पणी
00:00नमस्कार सलाम विबाग भाशा में आपका स्वारत है मैं हुम मुकुल सरल आज बाद कुछ खटका बड़े गुड़ों ने कहा है कि किसी को भुलाना हो तो उसका नाम लेना बबता है और हमारी मुद्धिसर्कार बड़े गुड़ों का बहुत आधर करती है इसलिए उसने इस
00:30उसलिए किटाबों से गरीबी के चैप्टर ही गायब करती है ना बच्चे गरीबी के बारे में पढ़ेंगे ना सोचेंगे ना सवाल पूछेंगे कि किसी के पास इतनी बेश्युमार डॉलत क्यों हैं और किसी को दो वक्षी रोटी के विला ले क्यों पढ़ें नहीं पू�
01:00समाप कर देगे हैं न अच्छी तरकीब ना रहेगा बास ना बजेगी बास लिए रोजगारी कम करनी थी तो रोजगार के मासी काकड़े लिया है जिसके मुसार अगर आपने हफते में एक घंटा भी काम कर लिया तो आप बेरोजगार नहीं हैं बलकि रोजगार शुदा माने
01:30कर लिए और वेरोजगारी का शुदा है नौकरी शुदा है वेरोजगारी घंटाने की जिनाएं कैस तरों पर काम कर रहे हैं नई शिक्षा नीती भी इसमें शामिल है जिसे शिक्षा विद और चात और शिक्षा को बरबाद करने वाला बताते हैं लेकिन ये बताना भूल �
02:00अगिए के प्रयास किये जा रहे हैं इसमें हमारे यूपी के योगी जीवी मोधी जी के साथ-साथ अब और कितना प्रयास चाहिए कि वे 5,000 प्राइमरी स्कूल ही बंक करने जा रहे हैं विल्या की नाम पर अनपड़ रहे गा इंडिया तभी तो मिलेंगे सस्ते मजदूर �
02:30क्राइम कम करना है तो क्राइम के आप रही देना बंग कर दो अब तक NCRB ने 2022 तकी ही रिपोर्ट दिया है
02:44काला धन मिटाना था तो उसका नाम ही नेरावन कर दिया गया और इस बिच खबर है आपने पढ़ियों की सुनी होगी कि स्विस बैंकों में भारत की परताय साथ की मुना पढ़ दे रहा है
03:02यह भी भारत की प्रडिकी के ही निशानी है अब तो समझ जाएए बताने से ज्यादा छुपाने में फायदा और सही भी है अच्छी बाते बताने चाहिए बुरी बाते बताकर मन को क्यों खराब करना
03:15जैसे कुम की हर डुपी का हिसाब रखा गया लेकिन मौतों का हिसाब पहुंदा पायर क्यों रखना जाने वाला चला गया जैसे एहम्दाबाद विमान हाथ से में एक आदमी बच गया गीता बच गई अभी समझ कार मत बात करें या दोस्तों मिछतल लोगों के मरने पर रो
03:45गया लेकिन गीता नहीं जले वागई है नहीं चमकता और देखिए मीन में निकालने वालों को तो बहार माच चाहिए अब देखिए सरकार ने नारा गिया था जहां जुकी वहां मकाम अब उस पर काम कर रही है लेकिन लोग शुर मचा रहे हैं अब जुप्यों पर बोड़
04:15अब ये अलग बात है कि ये मकान दुकान किसके और किसके लिए बनाए जाए इतना सब गुडी-गुडी चर रहा है फिर भी विरोधी शोर मचाते हैं
04:23अरे भाए कभूतर ते ही कुछ सीब बिल्ली को सामने देखकर वह ढरता नहीं भागता नहीं उड़ता नहीं बल्कि आखे बंकर लेता है और सुछता है कि बिल्ली तो है ही नहीं वैसे ही हमिल करना है
04:33कोई भी समस्या हो तो उससे आखे फेर लो चुटकियों में समस्या अता हो ये अलग बात है कि अगले हिपल कभूतर की गर्दन बिल्ली के मूं में होती है उसी तरह हमारा भी हाल होगा लेकिन एक पर को तो फिल गुड मिलता है ना मिलता है कि नहीं मिलता तो हमारे साथ फिल �