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  • 5/26/2025
"मीठे बच्चे- यह मुरली तुम्हें अज्ञानता के अंधकार से निकाल ज्ञान के प्रकाश में ले जाने के लिए है। इसे सुनो, समझो और अपने जीवन में धारण करो!" – शिव बाबा

यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।
✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨
🌸 ओम शांति! 🌸

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Transcript
00:00पुरली अमरित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:11पुरली अमरित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:22ओम शान्ती
00:52उसे पार कौन कर सकते है
00:54उत्तर
00:55तुम बच्चे स्वर्ग की तरफ मुह करते
00:59माया तुम्हारा मुह नर्ग की तरफ फेर देती है
01:02अनेक तूफान लाती है
01:04उन्ही तूफानों को पार करना यही है सूक्ष्म मन्जिल
01:08इस मंजिल को पार करने के लिए नश्टो मुहा बनना पड़े
01:12निश्चे और हिम्मत के आधार पर इसे पार कर सकते हो
01:16विकारियों के बीच में रहते निर्विकारी हंस बनना यही है महनत
01:22गीत
01:24निर्बल से लड़ाई बलवान की
01:27ओम शान्ती
01:29बच्चे जो सेंसिबल हैं वह अर्थ तो अच्छी रीती समझते हैं
01:35जिनका बुद्ध्योग शान्ती धाम और स्वर्ग तरफ है
01:38उनों को ही तूफान लगते है
01:40बाप तो अभी तुमारा मुह पेरता है
01:43अज्यानकाल में भी पुराने घर से मुह पिर जाता है
01:47फिर नए घर को याद करते रहते है
01:49कब तैयार हो
01:51अभी तुम बच्चों को भी ध्यान में है
01:53कब हमारे स्वर्ग की स्थापना हो
01:56फिर सुखधाम में आएंगे
01:58इस दुखधाम से तो सब को जाना है
02:01सारी सृष्टी के मनुश्य मातर को बाप समझाते रहते है
02:05बच्चे अभी स्वर्ग के द्वार खुल रहे है
02:08अब तुम्हारा बुद्ध्योग स्वर्ग तरफ जाना चाहिए
02:11हेवन में जाने वाले को कहा जाता है पवित्र
02:14हेल में जाने वाले को अपवित्र कहा जाता है
02:18ग्रस्त व्यावार में रहते भी बुद्धियोग हेवन तरफ लगाना है
02:23समझो बाप का बुद्धियोग हेवन तरफ और बच्चे का हेल तरफ है
02:28तो दोनों एक घर में रह कैसे सकते
02:31हंस और बगुले इकटे रह न सके
02:34बहुत मुश्किल है
02:36उनका बुद्धियोग हे ही पांच विकारो तरफ
02:39वह हेल तरफ जाने वाला
02:42वह हेवन तरफ जाने वाला
02:44दोनों इकटे रह न सके
02:46बड़ी मंजिल है
02:48बाप देखते हैं हमारे बच्चे का मुँ हेल तरफ है
02:51हेल तरफ जाने बिगर रह नहीं सकता
02:54फिर क्या करना चाहिए
02:56जरूर घर में जगड़ा चलेगा
02:59कहेंगे यह भी कोई ज्यान है
03:01बच्चा शादी न करे
03:03ग्रिहस्त व्यवार में रहते तो बहुत है न
03:06बच्चे का मुख हेल तरफ है
03:09वह चाहते हैं नर्क में जाए
03:11बाप कहते नर्क तरफ बुद्धियोग न रखो
03:15परन्तु बाप का भी कहना मानते नहीं
03:18फिर क्या करना पड़े
03:19इसमें बड़ी नश्टो मुखा स्थिती चाहिए
03:22यह सारा ज्यान आत्मा में है
03:25बाप के आत्मा कहती है
03:27इनको हमने क्रियेट किया है
03:29मेरा कहना नहीं मानते है
03:30कोई तो ब्रामन भी बने है
03:33फिर बुद्धी चली जाती है हेल तरफ
03:35तो वह जैसे एकदम
03:37रसातल में चले जाएंगे
03:38बच्चों को समझाया गया है
03:42यह है ग्यान सागर की दरबार
03:44भक्ती मार्ग में
03:46इंद्र की दरबार भी गाई जाती है
03:48पुखराजपरी
03:50नीलमपरी
03:51मानिकपरी
03:52बहुत ही नाम रखे हुए हैं
03:54क्योंकि ग्यान डान्स करती है न
03:56किस्म किस्म की परियां है
03:58वह भी पवित्र चाहिए
04:00अगर कोई अपवित्र को ले आये
04:03तो दंड पढ़ जाएगा
04:04इसमें बहुत ही पावन चाहिए
04:07ये मनजिल बहुत उंची है
04:09इसलिए जाड जल्दी जल्दी वृद्धी को नहीं पाता है
04:12बाप जो ग्यान देते हैं
04:14उसे कोई जानते नहीं
04:16शास्त्रों में भी यह ग्यान नहीं है
04:18इसलिए थोड़ा निश्चे हुआ
04:20फिर माया एक ही थपड से गिरा देती है
04:22तूफान है ना
04:24छोटा सा दिवा उनको तो तूफान एक ही थपड से गिरा देता है
04:28दूसरों को विकार में गिरते देख
04:31खुद भी गिर पड़ते है
04:32इसमें तो बड़ी बुद्धी चाहिए समझने की
04:35गाया भी हुआ है
04:37अबलाओं पर अत्याचार हुए
04:39बाप समझाते हैं
04:41बच्चे काम महाशत्रू है
04:43इससे तो तुम्हें बहुत नफरत आनी चाहिए
04:46बाबा बहुत नफरत दिलाते हैं अभी
04:49आगे ये बात नहीं थी
04:51हैल तो अभी है ना
04:53द्रौपदी ने पुकारा है
04:55ये अभी की ही बात है
04:56कितना अच्छी रीती समझाया जाता है
04:59फिर भी बुद्धी में बैठता नहीं
05:02ये गोले का चितर बहुत अच्छा है
05:04गेटवे टु हैवन
05:06इस गोले के चितर से
05:08बहुत अच्छी रीती समझ सकेंगे
05:10सीड़ी से भी इतना नहीं
05:12जितना इनसे समझेगे
05:13दिन प्रति दिन करेक्शन भी होती जाती है
05:16बाप कहते हैं
05:19आज तुमको बिल्कुल ही नया
05:20डायरेक्शन देता हूँ
05:21पहले से थोड़े ही सब डायरेक्शन मिलते है
05:24ये कैसी दुनिया है
05:26इसमें कितना दुख है
05:27कितना बच्चों में मोह रहता है
05:30बच्चा मर जाता है
05:32तो एकदम दीवाने हो जाते
05:34अथा दुख है
05:36ऐसे नहीं कि साहुकार है
05:38तो सुखी है
05:39अनेक प्रकार की बीमारियां लगी रहती है
05:42फिर हॉस्पिटल्स में पढ़े रहते है
05:45गरीब जनरल वाड में पढ़े रहते है
05:48साहुकार को अलग स्पेशल रूम मिल जाता है
05:51परन्तु दुख तो जैसा
05:53साहुकार को वैसा गरीब को होता है
05:56सिर्फ उनको जगह अच्छी मिलती है
05:58संभाल अच्छी होती है
06:00अभी तुम बच्चे जानते हो
06:02हमको बाप पढ़ा रहे है
06:04बाप ने अनेक बार पढ़ाया है
06:06अपनी दिल से पूछना चाहिए
06:08हम पढ़ते हैं वह नहीं
06:11कितने को पढ़ाते हैं
06:13अगर पढ़ाएंगे नहीं
06:14तो क्या पद मिलेगा
06:15रोज रात को अपना चाट देखो
06:18आज किसको दुख तो नहीं दिया
06:20श्रीमत कहती है
06:21कोई को दुख न दो और सब को रास्ता बताओ
06:24जो हमारा भाती होगा
06:26उनको जट टच होगा
06:28इसमें बरतन चाहिए सोने का
06:31जिसमें अमरिट ठहरे
06:33जैसे कहते हैं न
06:34शेरनी के दूद के लिए सोने का बरतन चाहिए
06:38क्योंकि उसका दूद बहुत भारी ताकत वाला होता है
06:41उनका बच्चों में मोह रहता है
06:44कोई को देखा तो एकदम उचल पड़ेगी
06:46समझेगी बच्चे को मार न डाले
06:49यहां भी बहुत है
06:51जिनका पती बच्चों आदी में मोह रहता है
06:54अभी तुम बच्चे जानते हो स्वर्ग का गेट खुलता है
06:58क्रिश्न के चित्र में बड़ा क्लियर लिखा हुआ है
07:01इस लड़ाई के बाद स्वर्ग के गेट्स खुलते है
07:05वहां बहुत थोड़े मनुश्य होते है
07:07बाकी सब मुक्तिधाम में चले जाते है
07:10सजाएं बहुत खानी पड़ती है
07:13जो भी पाप कर्म किये है
07:15एक-एक जन्म का साक्षातकार कराते
07:18सजाएं खाते रहेंगे
07:20फिर पाई पैसे का पद पालेंगे
07:23याद में न रहने के कारण
07:25विकर्म विनाश नहीं होते है
07:27कई बच्चे हैं जो मुरली भी मिस कर लेते है
07:30बहुत बच्चे इसमें लापरवाह रहते है
07:33समझते हैं हमने नहीं पड़ी तो क्या हुआ
07:48जब आते हैं तो भी पूछता हूँ
07:50बहुत मुरलिया नहीं पड़ी होंगी
07:53पता नहीं उनमें कोई अच्छी पॉइंट्स हों
07:56पॉइंट्स तो रोज निकलती है न
07:58ऐसे भी बहुत सेंटर्स पर आते हैं
08:01परन्तु धारणा कुछ नहीं ग्यान नहीं
08:04श्रीमत पर नहीं चलेंगे तो पद थोड़े ही मिलेगा
08:07सत बाप, सत टीचर की ग्लानी कराने से कभी ठोर पाना सकी
08:12परन्तु सब तो राजाय नहीं बनेंगे
08:15प्रजा भी बनती है
08:17नंबरवार मरतबे होते हैं न
08:20सारा मदार याद पर है
08:22जिस बाप से विश्व का राज्य मिलता है
08:25उनको याद नहीं कर सकते
08:27तकदीर में ही नहीं है तो फिर तद्बीर भी क्या करेंगे
08:30बाप तो कहते हैं
08:33याद की यातरा से ही पाप भस्म होंगे
08:35तो पुरुशार्ट करना चाहिए न
08:38बाबा कोई ऐसे भी नहीं कहते
08:40कि खाना पीना नहीं खाओ
08:42ये कोई हट्योग नहीं है
08:44चलते फिरते सब काम करते
08:47जैसे आशिक माशूक को याद करते है
08:49ऐसे याद में रहो
08:51उन्हों का नाम रूप का प्यार होता है
08:54ये लक्ष्मी नाराएन विश्व के मालिक कैसे बने
08:57किसको भी पता नहीं है
09:00तुम तो कहते हो कल की बात है
09:02ये राज्य करते थे
09:04मनुश्य तो लाखों वर्ष कह देते है
09:06माया ने मनुश्य को बिलकुल ही
09:09पत्थर बुद्धी बना दिया है
09:10अभी तुम पत्थर बुद्धी से पारस बुद्धी बनते हो
09:13पारसनात का मंदिर भी है
09:15परन्तु वह कौन है या कोई नहीं जानते
09:19मनुष्य बिलकुल ही घोर अंधियारे में है
09:22अब बाप कितनी अच्छी अच्छी बाते समझाते हैं
09:26फिर हर एक की बुद्धी पर है
09:28पढ़ाने वाला तो एक ही है
09:30पढ़ने वाले ढेर होते जाएंगे
09:33गली गली में तुम्हारा स्कूल हो जाएगा
09:36गेटवे टु हेवन
09:38मनुष्य एक भी नहीं जो समझे कि हम हैल में है
09:42बाप समझाते हैं सब पुजारी है
09:45पुज्य होते ही है सत्युग में
09:47पुजारी होते हैं कल्युग में
09:50मनुष्य फिर समझते भगवान ही पुज्य
09:52भगवान ही पुजारी बनते हैं
09:54आप ही भगवान हो आप ही ये सब खेल करते हो
09:57तुम भी भगवान हम भी भगवान
09:59कुछ भी समझते नहीं है
10:01यह है ही रावण राजे
10:02तुम क्या थे? अब क्या बनते हो?
10:06बच्चों को बड़ा नशा रहना चाहिए
10:08बाप सिर्फ कहते हैं मुझे याद करो
10:11तो तुम पुन्य आत्मा बन जाएंगे
10:13बाप बच्चों को पुन्य आत्मा बनने की युक्ति बताते है
10:17बच्चे इस पुरानी दुनिया का अभियंत है
10:21मैं अभी डाइरेक्ट आया हुआ हूँ
10:24यह है पिछाडी का दान
10:26एकदम सरेंडर हो जाओ
10:28बाबा यह सब आपका है
10:31बाप तो देने के लिए ही कराते हैं
10:35इनका कुछ भविश्य बन जाए
10:37मनुष्य
10:39इश्वर अर्थ दान पुन्य करते हैं
10:42वह है
10:43इनडारेक्ट
10:44उनका फल दूसरे जन्म में मिलता है
10:47यह भी ड्रामा में नूध है
10:49अभी तो मैं हूँ डारेक्ट
10:51अभी तुम जो करेंगे उनका रिटर्न पद्मगुना मिलेगा
10:55सत्युग में तो दान पुन्यादी की बात नहीं होती
10:58यहां कोई के पास पैसे हैं
11:01तो बाबा कहेंगे
11:02अच्छा तुम जाकर सेंटर खोलो
11:04प्रदर्शनी बनाओ
11:06गरीब हैं तो कहेंगे अच्छा
11:08अपने घर में ही सिर्फ बोर्ड लगा दो
11:11gateway to heaven
11:12स्वर्ग और नर्क है न
11:14अभी हम नर्कवासी है
11:17यह भी कोई समझते नहीं है
11:19अगर स्वर्ग पधारा
11:21तो फिर उनको नर्क में क्यों बुलाते हो
11:23स्वर्ग में थोड़े ही
11:25कोई कहेगा स्वर्ग पधारा
11:27वह तो है ही स्वर्ग में
11:29पुनर्जन्म स्वर्ग में ही मिलता है
11:32यहाँ पुनर्जन्म नर्क में ही मिलता है
11:34यह बाते मी तुम समझा सकते हो
11:37भगवान वाच
11:38मामेकम याद करो
11:40क्योंकि वही पतित पावन है
11:42मुझे याद करो तो तुम
11:44पुजारी से पुज्य बन जाएंगे
11:46भल स्वर्ग में सुखी तो सभी होंगे परंतु नंबरवार मरतबे होते हैं
11:52बहुत बड़ी मंजिल है
11:53कुमारियों को तो बहुत सर्विस का जोश आना चाहिए
11:57हम भारत को स्वर्ग बना कर दिखाएंगे
12:00कुमारी वह जो 21 कुल का उद्धार करे
12:03अर्थात 21 जन्म लिए उद्धार कर सकती है
12:08अच्छा
12:09मीठे मीठे सिकिल दे बच्चों
12:12प्रती मात पिता बाप दादा का याद प्यार और गुड मॉर्निंग
12:16रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते
12:19हम रूहानी बच्चों की रूहानी मात पिता बाप दादा को याद प्यार, गुड मॉर्निंग और नमस्ते
12:26धारणा के लिए मुख्य सार
12:28एक, इस पुरानी दुनिया का अंत है
12:32बाप डायरेक्ट आया है तो एकदम सरेंडर हो जाना है
12:36बाबा ये सब आपका है
12:38इस युक्ति से पुन्यात्मा बन जाएंगे
12:41दो, मुर्ली कभी भी मिस नहीं करना है
12:44मुर्ली में लापरवाह नहीं रहना है
12:47ऐसे नहीं, हमने नहीं पड़ी तो क्या हुआ
12:50हम तो पार हो गए हैं
12:52नहीं, यह दे अभिमान है
12:55मुर्ली जरूर पड़नी है
12:57वर्दान
12:59स्वयम को मोल्ड कर
13:01रियल गोल्ड बन हर कार्य में
13:03सफल होने वाले स्वपरिवर्तक भव
13:05जो हर परिस्थिती में
13:07स्वयम को परिवर्तन कर
13:09स्वपरिवर्तक बनते हैं
13:11वो सदा सफल होते हैं
13:13इसलिए स्वयम को बदलने का लक्षे रखो
13:15दूसरा बदले तो मैं बदलू
13:18नहीं, दूसरा बदले या नबदले मुझे बदलना है
13:22हे अरजुन मुझे बनना है
13:24सदा परिवर्तन करने में पहले मैं
13:28जो इसमें पहले मैं करता
13:29वही पहला नंबर हो जाता
13:32क्योंकि स्वयम को मोल्ड करने वाला ही real gold है
13:36real gold की ही value है
13:39स्लोगन अपने श्रेष्ठ जीवन के प्रत्यक्ष प्रमान द्वारा बाप को प्रत्यक्ष करो
13:46अव्यक्त इशारे
13:49रुहानी royalty और purity की personality धारण करो
13:53बाप समान बनना है वो बाप के समीब जाना है
13:57तो अपवित्रता अर्थात काम महाशत्र स्वप्न में भीवार न करे
14:03सदा भाई-भाई की स्मृती, सहज और स्वता स्वरूप में हो
14:09आत्मा के असली गुण स्वरूप और शक्ति स्वरूप स्थिती से नीचे नहीं आओ
14:14ओम शान्ती
14:27संकम की बेला है सुहानी ये समय है बड़ा वर्दानी

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