Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 5/18/2025
"मीठे बच्चे- यह मुरली तुम्हें अज्ञानता के अंधकार से निकाल ज्ञान के प्रकाश में ले जाने के लिए है। इसे सुनो, समझो और अपने जीवन में धारण करो!" – शिव बाबा

यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।
✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨
🌸 ओम शांति! 🌸

Related Searches:-
19 may 2025 murli
murli 19 may 2025
murali 19 may 2025
today murli
murli today hindi
murli today
today murli in hindi
brahmakumaris murli today
brahmakumaris murli
shiv baba murli
todays murli
shiv baba ki murli
bk today murli in hindi
madhuban murli today
murli
shiv baba aaj ki murli
aaj ki murli shiv baba ki
aaj ki murali shiv baba ki
shiv baba ki murli aaj ki
aaj ki murli
aaj ki murli in hindi
brahma kumaris
brahma kumaris mount abu
madhuban ki murli
shiv baba ki murali
aaj ki murli madhuban
bk murli
shiv baba ki aaj ki murali
aaj ki murli aaj ki murli
murli aaj ki
aaj ki murli om shanti
om shanti murli aaj ki
om shanti shiv baba ki murli
murali
aaj ki murali
madhuban murali
aaj ki murli bk
brahmakumaris murali
om shanti murli
om shanti murali
b k murli today in hindi
baba ki murli aaj ki
brahma kumaris aaj ki murli
aaj ki murli brahma kumaris
hindi murli
bk murli today
brahmakumari
aaj ki murli shiv baba
madhuban murli
bk aaj ki murli
bk murli today in hindi
murli in male voice
murali in male voice
murali aadmi ki awaz me
murli aadmi ki awaz me
aadmi ki awaz me murali
aadmi ki awaz me murli
aaj ki murli in male voice
aaj ki murali in male voice
todays murli in male voice
todays murali in male voice
daily murli in male voice
daily murali in male voice

आज की मुरली
ओम शांति मुरली
ओम शांति की मुरली
आज का मुरली
ओम शांति मुरली आज की
ओम शांति आज की मुरली
आज की मुरली मधुबन

#murli #aajkimurli #todaymurli #bkmurli #madhubanmurli #murlitoday #आजकीमुरली #todaysmurli #brahmakumarismurli #shivbabamurli #shantivanmurli #brahmakumaris #madhuban #shantivan

Category

📚
Learning
Transcript
00:00मुरली अम्रित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:11ओम शान्ती आईए
00:27सुनते हैं 19 मई 2025 दिन सोमवार की साकार मुरली
00:33शिव बाबा कहते हैं
00:35मीठे बच्चे श्रीमत ही तुमको श्रेष्ट बनाने वाली है
00:39इसलिए श्रीमत को भूलो मत अपनी मत को छोड़ एक बाप की मत पर चलो
00:44प्रश्न
00:46पुन्य आत्मा बनने की युक्ति क्या है?
00:49उत्तर
00:511. पुन्य आत्मा बनना है तो सच्ची दिल से प्यार से एक बाप को याद करो
00:572. करमेंद्रियों से कोई भी विकर्म न करो
01:01सबको रास्ता बताओ
01:03अपनी दिल से पूछो
01:04यह पुन्य हम कितना करते हैं?
01:07अपनी चेकिंग करो
01:08ऐसा कोई कर्म न हो
01:10जिसकी सौ गुणा सजा खानी पड़े
01:13तो चेकिंग करने से पुन्य आत्मा बन जाएंगे
01:16ओम शान्ती
01:18रूहानी बाप बैट बच्चों को समझाते हैं
01:21यह तो बच्चों को मालूम है
01:23कि अभी हम शिव बाबा की मत पर चल रहे हैं
01:26उनकी है उंचते उंच मत
01:28दुनिया यह नहीं जानती
01:30कि उंचते उंच शिव बाबा कैसे
01:33बच्चों को श्रेष्ट बनाने के लिए
01:35श्रेष्ट मत देते हैं
01:37इस रावन राज्य में कोई भी मनुष्य मात्र
01:39मनुष्य को श्रेष्ट मत दे नहीं सकते
01:42तुम अभी इश्वरियमत वाले बनते हो
01:45इस समय तुम बच्चों को पतित से पावन बनने के लिए इश्वरियमत मिल रही है
01:50अभी तुमको पता पड़ा है हम तो विश्व के मालिक थे
01:54यह ब्रह्मा जो मालिक था उनको भी पता नहीं था
01:59विश्व के मालिक फिर एकदम पतित बन जाते हैं
02:03ये खेल बहुत अच्छी रीती बुद्धी से समझने का है
02:06राइट रॉंग क्या है?
02:08इसमें है बुद्धी की लड़ाई
02:10सारी दुनिया है रॉंग
02:12एक बाप ही है राइट, सच बोलने वाला
02:15वो तुमको सचखंड का मालिक बनाते हैं
02:18तो उनकी मत लेनी चाहिए
02:20अपनी मत पर चलने से धोखा खाएंगे
02:23परंतु वह है गुप्त
02:25है भी निराकार
02:27बहुत बच्चे गफलत करते हैं, समझते हैं
02:31ये तो दादा की मत है
02:32माया श्रेष्ठ मत लेने नहीं देती है
02:35श्रिमत पर चलना चाहिए न
02:37बाबा आप जो कहेंगे
02:39वह हम मानेंगे जरूर
02:40परंतु कई मानते नहीं है
02:43नंबरवार पुरुशार्थ
02:45अनुसार मत पर चलते हैं
02:47बाकी तो अपनी मत चला लेते हैं
02:50बाबा आये हैं श्रेष्ठ मत देने
02:52ऐसे बाब को घड़ी-घड़ी भूल जाते है
02:55माया मत लेने नहीं देती
02:58श्रिमत तो बहुत सहज है न
03:00दुनिया में कोई को यह समझ नहीं
03:02कि हम तमो प्रधान है
03:04मेरी मत तो मशूर है
03:06श्रिमत भगवत गीता
03:07भगवान अभी कहते हैं
03:10मैं पाँच हजार वर्ष बाद आता हूँ
03:12आकर भारत को श्रिमत दे
03:14श्रेष्ठ ते शेष्ठ बनाता हूँ
03:16बाप तो सावधन करते हैं
03:19बच्चे श्रिमत पर नहीं चलते
03:20बाप रोज-रोज समझाते रहते हैं
03:24बच्चो श्रिमत पर चलना भूलो मत
03:26इन ब्रह्मा की तो बात ही नहीं
03:30उनकी बात समझो
03:31वही इन द्वारा मत देते हैं
03:34वही समझाते हैं
03:35खान-पान खाते नहीं कहते हैं
03:37मैं अभोकता हूँ
03:39तुम बच्चों को श्रिमत देता हूँ
03:41नंबर वन मत देते हैं, मुझे याद करो, कोई भी विकर्म नहीं करो, अपने दिल से पूछो कितना पाप किया है, यह तो जानते हो सबका पापों का घड़ा भरा हुआ है, इस समय सभी रॉंग रास्ते पर है, तुम्हें अभी बाप द्वारा राइट रास्ता मिला है, तु
04:11कहते भी हैं भगवान आकर भक्ति का फल देंगे, बच्चों को समझाया है ज्ञान से सद्गती, सद्गती भी सबकी होती है, दुर्गती भी सबकी होती है, यह तो दुनिया ही तमो प्रधान है, सतो प्रधान कोई है नहीं, पुनर्जन में लेते लेते अब पिछाड़ी आ
04:41कोई धर्म में जाने से क्या फाइदा, हर एक अपनी अपनी कुरान बाइबल आदी ही पढ़ते है, अपने धर्म को जानते हैं, एक भारतवासी ही अन्य सब धर्मों में चले जाते है, और सब अपने अपने धर्म में पक्के है, हर एक धर्म वाले की शकल आदी अलग है, बा
05:11बाकी हम आत्मा सो परमात्मा नहीं है। यह बातें तो भक्ति मार्क के गुरू लोगों ने बनाई है।
05:18गुरू भी करोडों होंगे। स्त्री को पती के लिए कहते हैं कि यह तुम्हारा गुरू इश्वर है।
05:24जबकि पती ही इश्वर है, फिर हे भगवान, हे राम क्यों कहती हो, मनुष्यों की बुद्धि बिल्कुल ही पत्थर बन गई है, यह खुद भी कहते हम भी ऐसे थे, कहां बैकुंट का मालिक श्री कृष्ण, कहां फिर उनको गाउं का छोरा कह दिया है, शाम सुन्दर कहते है
05:54हम सुन्दर थे, फिर श्याम बने है, चौरासी का चक्र लगाए, अभी श्याम से सुन्दर बनने के लिए, बाप एक ही दवाई देते हैं, कि मुझे याद करो, तुम्हारी आत्मा पतित से पावन बन जाएगी, तुम्हारे जन्म जन्मांतर के पापनाश हो जाएंगे, त
06:24अभी नर्कवासी सुन्दर बनने, अभी नर्कवासी श्याम है, क्योंकि काम चिता पर चड़ काले बने है, बाप कहते हैं, काम महाशत्रु है, इन पर जो जीत पाएंगे, वही जगत जीत बनेंगे, नमबर वन है काम, उनको ही पतित कहा जाता है, क्रोधी को पतित नहीं कह
06:54बाद दिन, दिन के बाद रात होती है,
06:57वैसे संगम्युक के बाद फिर सत्युग आना है,
07:01चक्र फिरना है,
07:03बाकी और कोई आकाश में अथ्वा पाताल में दुनिया नहीं है,
07:07सृष्टी तो यही है,
07:09सत्युग,
07:10त्रेता,
07:12यहां ही है,
07:13जाड भी एक ही है,
07:14और कोई हो नहीं सकता,
07:17यह सब गपोड़े हैं,
07:19जो कहते हैं अनेक दुनियाएं हैं,
07:21बाप कहते हैं,
07:23यह सब है भक्ति मार्ग की बाते,
07:25अब बाप सत्यबाद सुनाते है,
07:28अब अपने अंदर देखो,
07:29हम कहां तक श्रीमत पर चल सतो प्रधान,
07:33अर्थात पुन्य आत्मा बन रहे है,
07:36सतो प्रधान को पुन्य आत्मा,
07:39तमो प्रधान को पाप आत्मा कहा जाता है,
07:42विकार में जाना पाप है,
07:44बाप कहते हैं अब पवित्र बनो,
07:47मेरे बने हो तो मेरी श्रीमत पर चलना है,
07:50मुखे बात है कोई पाप नहीं करो
07:52नंबर वन पाप है विकार में जाना
07:55फिर और भी पाप बहुत होते है
07:58चोरी, चकारी, ठगी आदी बहुत करते है
08:02फिर बहुतों को गवर्मेंट पकड़ती भी है
08:05अब बाप बच्चों को कहते हैं
08:08तुम अपने दिल से पूछो, हम कोई पाप तो नहीं करते है
08:11ऐसे मत समझो, हमने चोरी की वर रिश्वत खाई
08:15तो ये बाबा तो जानी-जाननहार है, सब जानते है
08:19नहीं, जानी-जाननहार का अर्थ कोई यह नहीं है
08:24अच्छा, कोई ने चोरी की, बाप जानेंगे फिर क्या? जो चोरी की उसका दंड सोगुणा हो ही जाएगा
08:32बहुत-बहुत सजा खाएंगे, पद भी ब्रश्ट हो जाएगा
08:37बाप समझाते हैं, ऐसे अगर काम करेंगे तो दंड भोगना पड़ेगा
08:42कोई इश्वर का बच्चा बन कर फिर चोरी करता, शिव बाबा जिससे इतना वर्सा मिलता है उनके भंडारे से चोरी करता
08:51ये तो बहुत बड़ा पाप है, कोई-कोई में चोरी की आदत होती है, उनको जेल बर्ड कहा जाता है
08:57ये है इश्वर का घर, सब कुछ इश्वर का है ना, इश्वर के घर में आते हैं बाप से वर्सा लेने
09:05परन्तु कोई-कोई की आदत हो जाती है, उसकी सजा सौगुना बन जाती है
09:11सजाएं भी बहुत मिलेंगी और फिर जन्म बाई जन्म डर्टी घर में जाए जन्म लेंगे
09:16तो अपना ही नुकसन किया ना, ऐसे बहुत हैं जो याद में बिलकुल नहीं रहते, सुनते कुछ नहीं
09:23बुद्धी में चोरी आदी के ही खयालात चलते रहते हैं, ऐसे बहुत सत्संग में जाते हैं, चप्पल चोरी कर लेते, उनका धंदा ही यह रहता है, जहां सत्संग होता, वहां जाकर चप्पल चोरी कर आएंगे, दुनिया बिलकुल ही डर्टी है, यह है इश्वर का घर, �
09:53बाप को याद करते हैं, कितना हम स्वदर्शन चक्रधरी बनते हैं, कितना समय इश्वरिय सर्विस में रहते हैं, कितने पाप कटते जा रहे हैं, अपना पोता मेल रोज देखो, कितना पुन्य किया, कितना योग मेरा, कितने को रास्ता बताया, धंदा आदी तो भल करो, त
10:23इस महाभारत लड़ाई द्वारा ही स्वर्ग के गेट्स खुल रहे है। श्री कृष्ण के चित्र में नीचे लिखत बड़ी फर्स क्लास है। परन्तु बच्चे अभी इतना विशाल बुद्धी नहीं हुए है। थोड़ा ही धन मिलता है तो नाचने लग पड़ते हैं। को
10:53कहेगा वो दूसरी बात कर लिते। परवा नहुने के कारण बहुत पाप करते रहते हैं। श्रीमत पर चलते नहीं। फिर गिर पड़ते हैं। बाप कहेंगे ये भी ड्रामा। उनकी तकदीर में नहीं है। बाबा तो जानते हैं ना। बहुत पाप करते हैं अगर निश्�
11:23बाबा ने समझाया है विनाश के लिए रिहरसल भी होगी, कैलेमिटीज भी होगी, भारत को कमजूर करते जाएंगे, बाप खुद कहते हैं ये सब होना ही है, नहीं तो विनाश कैसे होगा, बर्फ की बरसात पड़ेगी, फिर खेती आदी का क्या हाल होगा,
11:45लाखों मरते रहते हैं, कोई बतलाते थोड़े ही है, तो बाप मुख्य बात समझाते हैं कि ऐसे अपने अंदर जाँच करो, मैं कितना बाप को याद करता हूँ, बाबा, आप तो बड़े मीठे हो, कमाल है आपकी, आपका फर्मान है मुझे याद करो तो 21 जन्म के लिए कभी
12:15मुझ बाप को याद करो, बहुत प्यार करो, तुमको कितना सहज रास्ता बताता हूँ, पतित से पावन होने का, कोई कहते हैं हम तो बहुत पाप आत्मा हैं, अच्छा फिर ऐसे पाप नहीं करो, मुझे याद करते रहो तो जन्म जन्मांतर के जो पाप हैं, वह इस याद स
12:45उसम किसम के हैं, अनेक प्रकार से सिखलाते हैं, इस बाबा ने गुरु तो बहुत किये है न, अभी बेहत का बाप कहते हैं, इन सब को छोड़ो, इन सब का भी मुझे उद्धार करना है, और कोई की ताकत नहीं जो ऐसे कह सके, बाप नहीं कहा है, मैं इन साध्मों का भी उद
13:15तो नहीं देते हैं, इसमें कोई तकलीफ नहीं है, अंदर जाँच करनी चाहिए, सारे दिन में कितना पाप किया, कितना याद किया, याद से ही पाप भस्म होंगे, कोशिश करनी चाहिए, यह बहुत महनत का काम है, ज्यान देने वाला एक ही बाप है, बाप ही मुक्ती जीवन
13:45और गुड मॉर्निंग
13:46रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते
13:49हम रूहानी बच्चों की रूहानी मात पिता बाप दादा को याद प्यार
13:54गुड मॉर्निंग और नमस्ते
13:56धारणा के लिए मुख्य सार
13:58एक
13:59बाप जो अविनाशी ग्यान रतनों का खजाना देते हैं, उसका कदर करना है, बेपरवाबन पाप कर्म नहीं करने है, अगर निश्य है भगवान हमको पढ़ाते हैं, तो अपार खुशी में रहना है
14:13दो, इश्वर के घर में कभी चोरियादी करने का खयाल ना आये, यह आदत बहुत गंदी है, कहा जाता कक का चोर, सोलक का चोर, अपने अंदर से पूछना है, हम कितना पुन्य आत्मा बने हैं, वरदान, निर्बल, दिल शिकस्त, असमर्थ आत्मा को एक्स्ट्रा बल देने व
14:43होपलेस केस में होप पैदा कर देते हैं, निर्बल को बलवान बना देते हैं, दान सदा गरीब को बे सहरे को दिया जाता है, तो जो निर्बल, दिल शिकस्त, असमर्थ प्रजा क्वालिटी की आत्माएं हैं, उनके प्रती रुहानी रहम दिल बन महादानी बनो, आपस में �
15:13लोगन, सदा एक बाप के श्रेष्ट संग में रहो, तो और किसी के संग का रंग प्रभाव नहीं डाल सकता, अव्यक्त इशारे, रुहानी रॉयल्टी और प्योरिटी की परसनेलिटी धारण करो, प्योरिटी के साथ साथ चेहरे और चलन में रुहानियत की परसनेलिटी को
15:43समाप्त हो जाएंगे, अशांत और परेशान आत्माएं आपकी प्रसनता की नजर से प्रसन हो जाएंगी, ओम शांती
16:13जाएंगी

Recommended