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  • 6 days ago
"मीठे बच्चे- यह मुरली तुम्हें अज्ञानता के अंधकार से निकाल ज्ञान के प्रकाश में ले जाने के लिए है। इसे सुनो, समझो और अपने जीवन में धारण करो!" – शिव बाबा

यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।
✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨
🌸 ओम शांति! 🌸

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Transcript
00:00मुरली अमरित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:11ओम शान्ती
00:26आईए सुनते हैं 15 जून 2025 दिन रविवार की अव्यक्त मुरली
00:33रिवाइज डेट 30 नवंबर 2005
00:37मुरली का सार
00:39समय की समीपता प्रमान स्वयम को हद के बंधनों से मुक्त कर संपन और समान बनो
00:46अब सुनते हैं मुरली को विस्तार से
00:50आज चारो ओर के संपूर समान बच्चों को देख रहे हैं
00:55समान बच्चे ही बाप के दिल में समाय हुए है
00:59समान बच्चों की विशेश्ता है
01:01वो सदा, निर्विग्न, निर्विकल्प, निर्मान और निर्मल होंगे
01:06ऐसी आत्माएं सदा स्वतंत्र होती हैं, किसी भी प्रकार के हद के बंधन में बंधाय मान नहीं होती
01:13तो अपने आप से पूछो, ऐसी बेहद की स्वतंत्र आत्मा बने हैं
01:18सबसे पहली स्वतंत्रता है देह भान से स्वतंत्र
01:22जब चाहे तब देह का आधार ले, जब चाहे देह से न्यारे हो जाए, देह की आकर्षण में नहीं आए
01:30दूसरी बात, स्वतंत्र आत्मा कोई भी पुराने स्वभाव और संसकार के बंधन में नहीं होगी
01:37पुराने स्वभाव और संसकार से मुक्त होगी
01:41साथ साथ किसी भी देहधारी आत्मा के संबंध संपर्क में आकर्षित नहीं होगी
01:47संबंध संपर्क में आते न्यारे और प्यारे होंगे
01:51तो अपने को चेक करो, कोई भी छोटी सी करमेंद्रिय बंधन में तो नहीं बांधती
01:57अपना स्वमान याद करो
01:59मास्टर सर्व शक्तिवान, तरिकाल दर्शी, तरिनेत्री, स्वधर्शन चक्रधारी
02:05उसी स्वमान के आधार पर क्या सर्व शक्तिवान के बच्चे को कोई करमेंद्रिय आकरशित कर सकती है?
02:13क्योंकि समय की समीपता को देखते, अपने को देखो
02:16सेकेंड में सर्व बंधनों से मुक्त हो सकते हो
02:19कोई भी ऐसा बंधन रहा हुआ तो नहीं है
02:22क्योंकि लास्ट पेपर में नंबर वन होने का प्रत्यक्ष प्रमाण है
02:27सेकेंड में जहां जैसे मन बुध्धी को लगाना चाहो
02:31वहां सेकेंड में लग जाए, हल चल में नहीं आए।
02:35जैसे स्थूल शरीर द्वारा जहां जाने चाहते हो, जा सकते हो ना।
02:40ऐसे बुद्धी द्वारा जिस स्थिती में स्थित होना चाहो, उसमें स्थित हो सकते हो।
02:45जैसे science ने light house, might house बनाया है, तो second में switch on करने से light house चारो ओर light देने लगता है, might देने लगता है. ऐसे आप स्मृती के संकल्प का switch on करने से light house, might house होके आतमाओं को light, might दे सकते हो.
03:05एक सेकंड का ओर्डर हो अशरीरी बन जाओ, बन जाएंगे ना कि युद्ध करनी पड़ेगी
03:12यह अभ्यास बहुत काल का ही अंत में सहीयोगी बनेगा
03:16अगर बहुत काल का अभ्यास नहीं होगा तो उस समय अशरीरी बनना महलत करनी पड़ेगी
03:23इसलिए बाप दादा यही इशारा देते हैं कि सारे दिन में कर्म करते हुए भी बार-बार यह अभ्यास करते रहो
03:31इसके लिए मन के कंट्रोलिंग पावर की आवशक्ता है
03:35अगर मन कंट्रोल में आ गया तो कोई भी करमेंद्रिय वशी भूत नहीं कर सकती
03:41अभी सर्व आत्माओं को आपके द्वारा शक्ती का वर्दान चाहिए
03:46आत्माओं की आप मास्टर सर्व शक्तिवान आत्माओं के प्रती यही शुभ इच्छा है
03:52कि बिना मेहनत के वर्दान द्वारा, द्रिष्टी द्वारा, वाइब्रेशन द्वारा हमें मुक्त करो।
03:58अभी मेहनत करके सब ठक गए हैं।
04:01आप सब तो मेहनत से मुक्त हो गए हो ना, कि अभी भी मेहनत करनी पड़ती है।
04:07सुनाया था, मेहनत से मुक्त होने का सहज साधन है, दिल से बाप के अतिस नहीं बन जाना.
04:14आप ब्रहम्मण आत्माओं का जन्म का वाइदा है, याद है वाइदा.
04:18जब बाप ने अपना बनाया ब्रहमण जीवन दी, तो ब्रहमण जीवन का आप सब का वाइदा क्या है?
04:25एक बाप दूसरा न कोई, याद है वाइदा, याद है तो कांध हिलाओ, अच्छा हाथ हिला रहे है, याद है पक्का या कभी-कभी भूल जाता है
04:35देखो, 63 जन्म तो भूलने वाले बने, अब यह एक जन्म स्मृती स्वरूप बने हो, तो बाप बच्चों से पूछ रहे है, बच्चपन का वाइदा याद है, कितना सहज करके दिया है
04:49एक बाप में संसार है, एक बाप से सर्व संबंध है, एक बाप से सर्व प्राप्तियां है, एक ही पढ़ाने वाला भी है, और पालना करने वाला भी है, सब में एक है, चाहे परिवार भी है, इश्वन्य परिवार, लेकिन परिवार भी एक बाप का है, अलग-अलग बाप क
05:19जन्म के वाइदे याद दिला रहे हैं. और क्या वाइदा किया? सभी ने बड़े उमंग उत्साह से बाप के आगे दिल से कहा, सब कुछ आपका है, तन, मन, धन, सब आपका है. तो दी हुई चीज बाप की अमानत के रूप में बाप ने कार्य में लगाने के लिए दिया है. �
05:49तो कहते हैं, मेरा मन परिशान रहता है. मेरा मन आया कहां से? जब मेरा तेरे को अरपन किया, तो मेरा मन आया कहां से? आप सभी तो बिन कोड़ी बादशा हो गए. अभी आपका कुछ नहीं रहा. बिन कोड़ी हो गए. लेकिन बादशा हो गए. क्यों? बाप का खजाना वो
06:19बाप कहते हैं, जब बाप ने आप सब को परमात्म खजानों से माला माल कर दिया, जिम्मेवारी बाप ने ले ली, किन शब्दों में? आप मुझे याद करो, तो सर्व प्राप्ती के अधिकारी हो ही, सिर्फ याद करो, और आप ने कहा, हम आपके, आप हमारे, ये वाइदा ह
06:49सर्व शक्तियों का खजाना, सर्व शक्तियां कार्य में लगाओ, सिर्फ बुद्धी में नौलेज नहीं रखो, मैं सर्व शक्तिवान हूँ, लेकिन सर्व शक्तियों को समय प्रमान कार्य में लगाओ, और सेवा में लगाओ, बाप दादा ने मिजॉरिटी बच्चों के प
07:19वैसे तो सर्व शक्तियां चाहिए, लेकिन मेजॉरिटी देखा गया कि सहन शक्ती और रियलाइजेशन की शक्ती.
07:26रियलाइज करते भी हो, लेकिन उसको प्राक्टिकल में है, स्वरूप में लाने में अटेंशन कम है.
07:31इसलिए जिस समय रियलाइज करते हो, उस समय चलन और चहरा बदल जाता है.
07:37बहुत अच्छे उमंग उत्सा में आते हो, हाँ रियलाइज किया, लेकिन फिर क्या हो जाता है?
07:43अनुभवी तो सभी है ना, फिर क्या हो जाता है?
07:46उसको हर समय स्वरूप में लाना इसकी कमी हो जाती है, क्योंकि यहां स्वरूप बनना है, सिर्फ बुद्धी से जानना अलग चीज है, लेकिन उसको स्वरूप में लाना इसकी अवशक्ता है.
07:58कभी कभी बाप दादा को कोई-कोई बच्चों पर रहम भी आता है, बाप समझते हैं बच्चे से महनत नहीं होती है, तो बच्चे के बजाए बाप ही कर ले, लेकिन ड्रामा का राज है जो करेगा वो पाएगा, इसलिए बाप दादा सहयोग जरूर देता है, लेकिन करना �
08:28ये करेंगे ये करेंगे, बाप दादा भी खुश हो जाते हैं, वा बच्चे वाहा, फिर करने में कमजोर क्यों बन जाते हैं, इसका कारण देखा गया, ब्राम्मन परिवार में संगठन का वायू मंडल, कहां कहां वायू मंडल कमजोर भी होता है, उसका असर जल्दी पड�
08:58ये चलता है, ये अलबेलापन लाता है, लेकिन उस समय इस भाषा को परिवर्तन करो सोचो कि बाप का फर्मान क्या है, बाप की पसंदी क्या है, बाप किस बात को पसंद करता है, बाप ने ये कहा है, किया है, अगर बाप याद आ गया तो अलबेलापन समाप्थ हो उमंग �
09:28संकल्प में धृता लाने नहीं देता और धृता सफलता का साधन है इसलिए संकल्प तक रह जाता है लेकिन सुरूप में नहीं आता तो आज क्या सुना वाइदे याद करा हैं ना वाइदे इतने अच्छे-च्छे करते बाप दादा वाइदे सुनकर खुश हो जाते लेकिन �
09:58नहीं बने, समय के मास्टर आप हो, इसलिए यही बाप दादा चाहता है कि समय के पहले संपन्द बन विश्व की स्टेज पर बाप के साथ साथ आप बच्चे भी प्रत्यक्ष हो, अच्छा, जो नए-नए बच्चे आये हैं मिलने के लिए वो हाथ उठाओ, बड़ा हाथ उठ
10:28अभी जो भी नए बच्चे आये हैं उनमें से देखेंगे, कमाल कौन करके दिखाता है, भले आये पीछे हैं, लेकिन आगे जाके दिखाओ, बाप दादा के पास तो सब रिजल्ट पहुंचती है, अच्छा, डबल विदेशी, अच्छा है, डबल विदेशी, स्वापर और
10:58बदलना ही है, बदल कर विश्व को बदलना है, ये दिर्टा की अंडरलाइन बार बार करते जाओ, बाकी बाप दादा खुश है, वृद्धी भी कर रहे हैं और सेवा और स्वा के ओपर अटेंशन भी है, लेकिन पूरा टेंशन नहीं गया है, अटेंशन है, थोड़ा बी�
11:28यहां बैठे हो, लेकिन बाप दादा को दूर बैठे बहुत बच्चों का याद प्यार मिला है, और बाप दादा एक एक बच्चे को नैनों में समाते हुए बहुत बहुत दिल की दुआएं दे रहे हैं, चाहे भारत से, चाहे विदेश से, बहुत बच्चों की याद आ र
11:58इसलिए भी इतने बड़े संगठन में बैठे, एक सेकिंड में देहभान से परे स्थिती में स्थित हो जाओ, कोई आकर्शन आकर्शित नहीं करे।
12:28हर बोल, हर कर्म में, स्वरूप में लाने वाले बाप के समीप और समान बच्चों को बाप दादा का दिल की दुआएं और दिल का यादप्यार स्वीकार हो और नमस्ते।
12:58आप भी बेफिकर, दोनों ही पार्ट अच्छा बजा रही हैं।
13:02देखो, सबसे बड़े ते बड़ा जिम्मेवारी का ताज पहनने वाली निमित तो बनी न, ये सब साथी हैं।
13:08आप लोगों को देखके उमंग उत्साह आता है न? अभी क्या नया करना है? बाबा ही कुछ प्रेणा दे।
13:14बाब दादा ने सुनाया कि हर वर्ग का गुल्दस्ता, जो माइक भी हो और माइट भी हो, सिर्फ माइक और संपर्क वाला नहीं, संबंध में भी नस्दीक हो, ऐसा गुल्दस्ता निकालो, फिर वो ग्रुप निमित बनेगा सेवा करने के, वो माइक बनेगा और आप माइ�
13:44भी आवें, वहां संबंध और संपर्क रहे, तो ठीक हो जाएंगे, अच्छा, वर्दान, सदा श्रेष्ट और नए प्रकार की सेवा द्वारा व्रिद्धी करने वाले, सहज सेवाधारी भव, संकल्पों द्वारा इश्वरिये सेवा करना, ये भी सेवा का श्रेष्ट और
14:14से रोज अमरित वेले, अपने संपर्क में आने वाली आत्माओं पर संकल्प द्वारा नजर दोडाओ, जितना आप उन्हों को संकल्प से याद करेंगे, उतना वो संकल्प उन्हों के पास पहुँचेंगा, इस प्रकार सेवा का नया तरीका आपनाते, व्रिद्धी करते �
14:44अव्यक्त इशारे
15:14सूचना
15:44मैं श्रेष्ट महान आत्मा हूँ, ओम शान्ती
16:14संकल्प एक वाद अस्थानलدة, व्रिद्ध उन्हों करते उन्हों, भấpने ऐ Wट पस्टारे
16:22अव्यक्त इसाव में डाहत हो यह व्रिद्धी करते हैं अव्यक्त आपवाशल्ग् cultured
16:25संकestra बthe
16:31झाल झाल
17:01आज अंतराष्टिय योग दिवस्त तीसरा रविवार है
17:13साहे साड़े छे से साड़े साथ बजे तक सभी भाई बहने संगठित रूप में एककत्रित हो
17:19योग अभ्यास में अनुभव करें कि मैं भृकुटी आसन पर विराजमान
17:24परमात्म शक्तियों से संपन्न सर्वश्रेष्ट राज योगी आत्मा करमेंद्रिय जीत विकर्मा जीत हूँ
17:31सारा दिन इसी स्वामान में रहें कि सारे कल्प में हिरो पाट बजाने वाली मैं सर्वश्रेष्ट महान आत्मा हूँ
17:39ओम शान्ति

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