00:00अख्लाक में मिसाली लिकिन इसके खामोशी में एक रास चुपाता वो खोमेशा निकाब करती थी
00:06किसी ने कब्ही सका चेहरान नहीं देखा यासर इसी एंवस्टिय में पलता था ओऊ हाजरा के किरदार से मुतासिर था
00:12लेकिन इसका निकाब यासर को तजस्यस में मुब्तला करता वो जानता था कि वो सिर्फ जाहरी खुबसूरती नहीं बातनी रोशनी से भी चमकती है
00:22दोनों में खामोश राफ़ता बलता गिया बलाखिर यासर ने रिश्टा बेजा लेकिन हाजरा के गर वालों ने साफ इंकार कर दिया
00:29वजा यासर का तालुक इस खामोश जिससे इनके एक पुरानी खामोश रणजश चली आ रही थी और गर चोड़कर आजरा चली गी अगले दिन खबर आई हाजरा ने यासर से निकाब कर लिया है
00:42कुछ दिनों बाद हाजा को पहली बार बगेर निकाब के सब ने देगा
00:46इसका आदा चेहरा जल चुका था
00:49बच्छमन के एक हादसे में यही इसका रास्ता इसलिए वो निकाब करती थी
00:53लेकिन यासर ने इसे वेसा ही कबूल किया जिसे वो है
00:57दोने खांदान हार गे अपनी अना में लेकिन यासर रहाजा जीत के हैं मुहबत में
01:03तो वीवर्स इसमें एक पेगाम मुझूद है हसीन चेहरे जो है वो कभी भी अपने बातीनी खुबसूरती नहीं दिखा सकती
01:12लेकिन हुसन चेहरे में नहीं केड़ार में होता है निकाब सिर्फ चेहरे का नहीं होता असल निकाब तो हम अपने नज़रों पर चाड़ा लेते हैं
01:21ड्रमसिल के हावाले से अपने राय के जार लाजमी कमेंड करें साथ में यह हमारे यूरूट का चीनल सबस्क्राइब करना मत बुलिए थेंक्स पर वाचिंग आला हाफिज
01:29हेलो वीवर्ज हाजरा एक बाहिजाब खामोश तब ललकी थी
01:35तालीम में बेहतरीन इखलाक में मिसाली
01:38लिकिन इसके खामोशी में एक रास चुपाता
01:40वो हमेशा निकाब करती थी
01:42किसी ने कभी इसका चेहरा नहीं देखा
01:44यासर इसी उन्वस्टि में पढ़ता था
01:46वो हाजरा के करदार से मतासिर था
01:49लेकिन इसका निकाब यासर को तजस्स में मुबतला करता
01:52वो जानता था कि वो सिर्फ जाहरी खुबसूरती नहीं
01:56बातनी रोशनी से भी चमकती है
01:58दोनों में खामोश राफ़ता बलता गिया
02:01बलाखिर यासर ने रिश्टा बेजा
02:03लेकिन हाजरा के गर वालों ने स्ताफ इंकार कर दिया
02:06वजा यासर का तालुक इस खानदान से था
02:09जिससे इनके एक पुरानी खानदान ररंजिश चली आ रही थी
02:13पिर एक राफ गर चोड़कर चली गी
02:15अगले दिन खबर आई हाजरा ने यासर से निकाह कर ली आए