00:00तलाश करती है सहर ने अपनी पन को दुनिया के सामने पेश किया सोशल मीडिया पर गेलरेज में और आखिरकार एक अद्बी मिक्जीन में इसका इंटर्वियू शाया हुआ
00:12चन्माबाद तलाश को सहर की काम्याबी का पता चलता है वो हैरान होता है कि ये वही सहर है जिसे वो हकी समझता था वो वापस आता है और कहता है शायन में गलत था सहर तुम जिसलिकी किसी भी मर्द के लिए बाज सी पहर हो सकती है
00:28सहर मस्करा कर जवाब देती है तलहा तुम मुझे कोना नहीं चाते थे सिरफ बदलना चाते थे और मिने बदलना सी क्लिया तुम्हारे बगएर ये किके वो पलट जाती है इसके मस्कराहट में इतिमाद है आंकों में सकून और खदमों में रूश नहीं
00:46ड्रामसीरियल के हवाले से अपने राए के ज़ार लाजमी कमेंट सेक्शन में बता देजिए और इस ड्रामसीरियल के हवाले से अपने राए लाजमी कमेंट करें और हमें ये बताए कि इस सीरियल में क्या सहर नहीं तो चलिए इस ड्रामसीरियल के कहानी का एक्तिताम करता ह
01:16जिन्दगी रंगों से बरपूर थी
01:18वो पेंटिंग करती, शायरी लिखती
01:22और हर चीज में खुबसूरती तलाश करती
01:24मगर किसमत हमेशा रंगी नहीं होती
01:28सहर की मंगनी बच्पन से अपने कजन तलहा से ते ती
01:31जो बिरूनी मलक तालीम हासिल कर रहा था
01:34सहर तलहा की तसवर में जिन्दगी गुजार रही थी
01:38इसके लिए खतूत लिखती इसके हर मिसेश चुबसूरती नहीं होती