00:00वो लिखते है मौत को लबजों की नहीं दुआई की जरूरत होती है अगर मैं वापस ना सकी तो मुझे अपनी किसी नजम में जिन्दा रख लेना
00:07हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगा जाता है लेकिन अलीना कहीं नहीं मिलती
00:14दोह साल बाद में निस्टी में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान है यादो का मुझ सम्वा एक पेंटिंग होती है बारश में बेगते एक लड़की और नेचे लिका होता है वो जो आंकों से बोलती थी हर इस पेचान लेता है ये अलीना है पेचान ना कर नुमा�
00:44सबस्क्राइब करें साथ में हमरे यूटूब का चैनल सबस्क्राइब का नमत बुलिए थैंक्स पर वाचिंग अलाहाफ़ इस रामस सीरियल की इसकी आगाद में देखेंगे अलीना एक खुश मिजाज हस्ती मुश्किराती मगरांदर से दुभी लिड़की है जो कराजी के
01:14से में अपने मा के बाप को कुछ कहा है जो इसी यूनिस्टी में विजिटिंग प्रोपेसर भर कराता है वो नजमों में डूबा रहता है और इसकी के जजबात बारना पसंद नहीं करता अलीना और हारिस के पहले मुलाकात एक लेक्चर के दवरान होती है निवली ने इसके
01:44के बंद दर्वाजू को कोलने लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दुस्य के साहे बन जाते हैं अगर मुहबत के इज़ार कभी नहीं होता कहानी इस मौल पर पहुंचती है जब लेना एक और एक खतनाज बिमारी लाहिक हो जाती है और वो हारिस को बता है बगए इस उन्
02:14हस्पिताल हर जगह जाता है लेकर अलीना कहीं नहीं मिलती है दोह साल बाहर यूनिस्ट्री में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान है यादों का मुसम वह एक पेंटिंग होती है बारिश में बेक लड़की और नेचर लिक्का होता है वो जो आंकों से बोलती थी