00:00और हसन का रिष्टा नए रंग लेता है और दोनों एक दूसरे के जिन्दे का हिस्था बन जाते है
00:04हेले वीवेज रॉमसिल के आगाज में आप देखेंगे एद के रात ती जब परीहा और इसके पिमली एद के खुश्यों में मसरूफ थे
00:13परीहा एक खुशूरत और महबत बरा माहौल में अपनी जिन्देगी गुजार रही थी लेकिन इसके खुशी इस वक्त अदूरी रह जाती है जिए इसके वालदा ने बताया कि इनके खानदान के हालत माली तोर पर ज्यादा मुस्तखिम नहीं रहे
00:24इद के खुश्या साथगी में बडल गए और परीहा को इस बात की एसास होता है कि खुश्यों हमेशा पेस्यों से नहीं खरीडी जा सकती
00:31इस रात परीहा ने अपने बच्पन के दोस्त हसन से मिलती है जो कई सालों से बेरोनी मिल्ट था और अब वापस आया था
00:38हसन के अना एक निया मोड लेता है क्योंकि इसकी जिन्देगी में भी बहुत कुछ बदलाता हसन ने परीहा को बताया कि वो एद के दिन एक बड़ी खुश्चब्री देने वाला है
00:47हसन ने अपने कारुबार में एक बड़ा कदम उठाया था और वो परीहा के मदद करने का सोच रहा था
00:54लेकिन परीहा ने इंकार कर दिया कि उसकी के सांवने महताज नहीं बना चाहती
01:00कहानी एक में एक निया मूड़ाता है
01:01जब परिहा के वालदा बीमार हो जाती है
01:03और इसके खानदान को एक बड़ी रकम के जरुत हुती है
01:05परिहा जिस ने कभी حसन के मदद कबोल करने से इंकार कियाए था
01:09अब मजबूरी के आलम में इसके मदद मांगती है
01:12हसन जो हमेशा परीहा की इज़त करता था
01:14इस बार उसे खुद से बढ़कर एक सपोर्टर की तोर पर सामने आता है
01:18और वो नहीं सिरब परीहा के मत करता है
01:21बलकि इसके खरंदान के लिए एक नहीं रहा दिकाता है
01:23जिसमें महबद, कुर्बानी और सचाई के हमियत के अजागिर किया जाता है
01:27कारे के खिदागाम एद की दिन होता है जब परीहा और हसन का रिष्टा नहीं रंग लेता है
01:32और दोनों एक दूसरे के जिन्दे का हिसा बन जाते है
01:34परीहा एक खुशूरत और महबद, बरा माहौल में अपनी जिन्दे की गजार रही थी लेकिन इसकी खुशी इस वक्त अदूरी रह जाती है