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00:00अपने बाप को जलील करने वालों उसके दुश्मना को जलील करके अपने बाप का बदला ने ले सकती हो
00:19लेकिन बाबा किसी को जलील करना और उसकी जान लेना दोनों बातों में बहुत फर्ग है
00:25मेरे लिए इस जिल्लत के बाद दोनों एक है
00:30मेरी जिन्दगी अब तुम्हारे ना कभी मौका मिला ना तो ये जिन्दगी तुम पर बार तूँगा मैं
00:38तुम्छे शेर के लिए कर रही हूं ने उसका कर्स में जिन्दगी भर नहीं उतार सकूंगे
00:55कि अजिन्दगी काई खाना तुम्हारे जाएगा तुम्हारे ना जिस्टरा शेर के कुम होने पर कांटों पर लोट रहे हैं ना वो कांटे मेरे रास्ते के फूल बन गे है वो शेर है खुला अरासाद शेर है
01:23कि अजितरा जनते हो कि सख्मी शेर किस कदर खतर नाक होता है
01:29सजर अगर आज तुम ना होती तो शायद मैं अपने शेर को खो देती
01:35तैमीना अटी मैं डॉक्टर हूँ मेरा काम है लोगी जिन्देगी बचाना आप देखे का वो कैसे इंप्रूव करेगा
01:43जाहरा बेटा तुम्हारी जैसी डॉक्टर जो अपने प्रूफेशन से इतनी लॉयल हो उसके मरीज को ठीक होने से कोई कैसे रुप सकता है
01:52मेरी बेटी मुझे इस बार रुस्वा नहीं करेगी बलके मेरी मुहबबत के बदले शाह समान के खांदान की बर्बादी मुझे तोफे में देगी
02:07देगी जल्मा का हच से जादा बढ़जा है ना बाबा दसलों को बद्वा बनके लग जाता है
02:16आप क्यों भुप की बातों में आगरों यह आखरे तो दुनिया खराब कर रहे है
02:37खांच मेंरी आखराण मेरी में ठोल
02:51वह हो गज़दा डॉनमा का से अफिक है
03:04बार बार तुम्हें देखने को, तुमसे मिलने को करता है, यह बेचानी बेता भी मेरी समझ से बाहर है, अब तुम्हारे बारे में सोचता हूँ तुम दिल की धड़काने तेस हो जाती है, मुझे साफ साफ सुना ही देती है, तुम्हें तो इस बात की भी खबर नहीं कि मैं त
03:34बस अब तो दिल की यही असरत है दूआ
03:45कि तुम से मिल के तुम्हे अपना बनाना है
03:48तुम्हे तुम्हे तुम्हे इनी फीलिंग्स कभी पता नहीं होगा
03:54अगर वो कहते हैं न
03:58कि अगर नियत अच्छी हो तुम अकसद हासिल हो इजाता है
04:02यही तुम्हे तुम्हे तुम्हे यही तुम्हे अपना चाहर करोंगा
04:32हेलो वीवर्ज
04:55कहानी की शुरुवात एक बड़े हस्पताल से होती है
04:58एक दिन सायरा जो एक गरीब मेहनत कश गराने के मासूम और साधा लड़की है
05:03शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
05:06वो अपने चोटे बाई के वायत सहारा है
05:09लेकिन गुर्बत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
05:12वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
05:17इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बासर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
05:24अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
05:31लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
05:35इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है और देखता है कि वो तकलीब में है
05:41इसके मासूमियत और बिबसी इसे दिल से चो जाती है और डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
05:47और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाज के पेसे नहीं है
05:51अहमद खान खामोशी से इसके इलाज करवाने का पेसला करता है और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
05:57सायरा पहले तो अहमद की मदद कबोल करने से जजगती है
06:01लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
06:04इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता इस्ता बाद चीद बढ़ने लगती है
06:08अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
06:11सायरा के सादगी और जिनदगी के साद इसके जो जजहत से मतासिर होता ए
06:16सायरा भी ऐहमद के शबकत और नर्मी से मतासिर होती है
06:19चल्मा गुजर जाने के बाद वीवर्ज अहमद खान को इसास होता ऑद
06:22उसने कभी किसे के लिए ऐसी महबत महसूस नहीं की जिसी अब सायरा के लिए कर रहा है
06:29वो सायरा से अपने जजबात के इज़ार करता है और उससे शादी के खुआश जाहर करता है
06:34लेकिन यहां कहानी में मौड आता है साहरा को एसास होता है कि अहमत की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डेफरेंट है
06:40उस सो बताती है कि इनके जिन्देग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है और ये परक इनके तालुक की तवील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
06:48वीवर्ज अहमद उसे यकिन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा लेकिन साहरा जानती है कि मौशिरती और तबकाती परक इनके दर्म्यान हमेशा रहेगी
06:57कहानी के इक्तिताम इस दर्दनाक लम्हें पर होता है
07:01जहाँ पे हस्पताल के बाग़ीचे में अधमत और साहरा मिलती है
07:06और साहरा अधमत से कहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते
07:11क्योंके मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन शथ हो
07:15वीवर्स इस तरह इस ड्रामा सीरल के अख्तिताम हो जाता है
07:18और अहमद खान उसे बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
07:21तो इस ड्रामा के हवाले से हो का क्या राए है
07:23अपने राए की जहार कमन बक्स में जरूर देजी
07:25वीवर्स के साथ हमरे हीटूब का चैनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मद भूलिए
07:30तो थैंक्स पर वाचिंग अल्हावज़
07:32हेलो वीवर्स कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
07:37एक दिन साइरा जो एक गरीब मेहनत कश गराने के मासूम और साधा लड़की है
07:42शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
07:45वो अपने चोटे बाई के वाहत सहारा है
07:47लेकिन गुर्बत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
07:51वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
07:56इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बाहसर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
08:03अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है
08:07दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
08:09लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
08:14इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
08:18और देखता है कि वो तकलीब में है
08:20इसके मासूमित और विबसी इसे दिल से चुजाती है
08:23वो डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
08:26और उसे पताचलता है कि इसके पास इलाज के पैसें नहीं है
08:29अहमद खान खामोशी से इसके इलाज करवाने का पैसला करता है
08:34और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
08:36सायरा पहले तो अहमद की मदद कबूल करने से जजगती है
08:40लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
08:43इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता इस्ता बाद चीद बढ़ने लगती है
08:47अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
08:50सायरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जजद जहद से मतासिर होता है
08:55सायरा भी अहमद के शबकत और नर्मी से मतासिर होती है
08:58चर्मा गुजर जाने के बाद वीवर्द अहमद खान को इहसास होता है
09:01उसने कभी किसे के लिए ऐसी महबत महसूस नहीं की
09:05जिसी अब साहरा के लिए कर रहा है
09:07वो साहरा से अपने जजबात के इज़ार करता है
09:10और उससे शादी के खौाइश जाहर करता है
09:13लेकिन यहां कहानी में मौड आता है
09:15साहरा को एसास होता है
09:16कि हमद की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डिफरेंट है
09:19उसे बताती है कि इनके जिन्देग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है और ये परक इनके तालुक की तबील अर्से तक काइम नहीं रहने देगा
09:27विवर्ज अहमद उसे यकीन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा लेकिन साहरा जानती है कि मौशिरती और तबकाती परक इनके दर्में हमेशा रहेगी
09:36कहानी के अख्तिताम इस दर्दनाक लम्हे पर होता है जहां पर हस्पताल के बागीचे में अहममद और साहरा मिलती है
09:44और साहरा अहमद से कहती है कि मैं और तुम कभी बी एक नहीं हो सकते क्योंकि मैं गरीब हूँ और तुम एकमालड़ तरीन श्थ हो
09:54वीवर्ज इस तरह इस ड्रामा सीरल के अख्तिताम हो जाता है
09:57और अहमत खानों से बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
10:00वीवर्ज ड्रामा के हवाले से आपका क्या राय है
10:02अपने राय की जहार कामन बक्स में जरूर देजी
10:04वीवर्ज के साथ हमारा हीटू का चैनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मत भूली है
10:09तैंक्स पर वाचिंग अल्हाफिस
10:11हेलो वीवर्ज कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
10:16एक दिन साहरा जो एक गरीब मेहनत किश गराने के मासूम और साधा लड़की है
10:21शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
10:24वो अपने चोटे बाई के वायत सहारा है
10:26लेकिन गुर्बत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
10:30वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
10:35इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बासर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
10:42अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है
10:46दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
10:48लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
10:52इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
10:57और देखता है कि वो तकलीब में है
10:59इसके मासूमियत और बेबसी इसे दिल से चो जाती है
11:02और डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
11:05और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाज के पेसे नहीं है
11:08अहमद खान खामोशी से इसके इलाज करवाने का पेसला करता है
11:13और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
11:15साहरा पहले तो अहमद की मदद कबोल करने से जजगती है
11:19लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
11:22इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता इस्ता बाद चीद बढ़ने लगती है
11:25अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
11:29साहरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जजगजिए हैं
11:32साहरा भी एहमद के शबकत और नवी से मतासिर होती है
11:37चर्मा गुजर जाने के बाद वीवर्द अहमद खान को इसास होता है
11:40कुछ ने कभी किसे के लिए ऐसी महब्बत मحसूस नहीं की
11:44जिसी अब साहरा के लिए कर रहा है
11:46वो साहरा से अपने जजबात के इज़ार करता है
11:49और उसे शादी के खुआश जाहर करता है
11:52लेकिन यहां कहानी में मोड आता है
11:54साहरा को एसास होता है
11:55कि अहमत की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डिफरेंट है
11:58उसे बताती है कि इनके जिंदेग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है
12:02और ये परक इनके तालुक की तबील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
12:06लिवर्ज अहमद उसे यकीन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा
12:10लगिन साहरा जानती है कि मौशिरती और तबकाती परक इनके दर्म краं हमेशार रहेगी
12:15कहानी के उस दर्दनाक लम्हे पर होता है
12:19जहाँ पे हस्पटाल के बागिचे में अहमद और साहरा मिलती है
12:23और साहरा अहमद से केहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते
12:29क्योंकि मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन शख्स हो
12:32विवर्ज इस तरह इस ड्रामा सीरिल के अख्तिताम हो जाता है
12:35और रहमत खान उसे बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
12:38तो विवर्ज ड्रामा के हवाले से आपका क्या राए है
12:41अपने राए की जहार कमन बक्स में जरूर देजी विर्ज के साथ
12:44हमरा हीटूब का चैनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मत भूलिए
12:48तो तेंक्स पर वाचिंग अल्हापिस
12:50हेलो विवर्ज कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
12:55एक दिन साइरा जो एक गरीब मेहनत किश गराने के मासूम और सादा लड़की है
13:00शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
13:03वो अपने चोटे बाई के वायत सहारा है
13:05लेकिन गुर्बत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
13:09वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिए
13:14इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बाहसर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
13:21अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है
13:24दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
13:27लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
13:31इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
13:36और देखता है कि वो तकलीब में है
13:38इसके मासूमियत और बिबसी इसे दिल से चो जाती है
13:41वो डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
13:44और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाज के पेसे नहीं है
13:47अहमद खान खामोशी से इसके इलाज करवाने का पेसला करता है
13:51और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
13:54सायरा पहले तो अहमद की मदद कबोल करने से जजगती है
13:58लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
14:01इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता एस्ता बाद चीत बढ़ने लगती है
14:04अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
14:08सायरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जजद जहद से मतासिर होता है
14:13सायरा भी अहमद के शबकत और नर्मी से मतासिर होती है
14:15चर्मा गुजर जाने के बाद वीवर्द अहमद खान के एसास होता है
14:19कुछ ने कभी किसे के लिए ऐसी महब्बत महसूस नहीं की
14:22जिसी अब साहरा के लिए कर रहा है
14:25वो साहरा से अपने जजबात के इज़ार करता है
14:28और उससे शादी के खुआश जाहर करता है
14:31लेकिन यहां कहानी में मौडाता है
14:33साहरा को एसास होता है कि अहमत की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डिफरेंट है
14:37उसे बताती है कि इनके जिन्देग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है और ये परक इनके तालुक की तवील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
14:45विवर्स अहमद उसे यकीन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा लेकिन साहरा जानती है कि मौशिरती और अतबकाती परक इनके दर्मेन हमेशा रहेगी
14:54कहानी के अक्तिताम इस दर्दनाक लम्हे पर होता है जहाँ पर हस्पताल के बागिचे में अहमद और साहरा मिलती है और साहरा अहमद से कहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते क्योंके मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन शख्स हो
15:11वीवर्स इस तरह इस ड्रामा सीरिल के अख्तिताम हो जाता है
15:14और अहमद खान उसे बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
15:17तो इस ड्रामा के हवाले से आपका क्या राए है
15:20अपने राए की जहार का मनबक्स में जरूर देजी वर्स के साथ
15:23हमारा हीटू का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मत भूलियास
15:27धैंस पर वाचिंग अल्हाफिस
15:29हेलो वीवर्स कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
15:34एक दिन साहरा जो एक गरीब मेहनत कश गराने के मासूम और सादा लड़की है
15:39शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
15:42वो अपने चोटे बाई के वाहत सहारा है
15:44लेकिन गुर्बत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
15:48वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
15:53इसी हस्पताल में
15:55अहमद खान नामी एक मालदार और बादर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
16:00अहमद खान एक बेहत काम्याब बिस्निसमेन है
16:03दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
16:06लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
16:10इतिपाक से अहमद खान सायरा के कमरे के सामने गुजरता है
16:15और देखता है कि वो तकलीब में है
16:17इसके मासूमियत और बिबसी इसे दिल से चोग जाती है
16:20और डाक्टर से सायरा का हाल पूचता है
16:23और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाज के पेसे नहीं है
16:26अहमद खान खामोशी से इसके इलाज करवाने का पेसला करता है
16:30और यू इन दोनों के मुलाकात होती है
16:33सायरा पहले तो अहमद की मद्द कबूल करने से जज一下 ती है
16:36लेकिन हालात के बाएस मजबूर होकर वो मान जाती है
16:39इलाज के दोरान दोनों में आहिस्ता एस्ता बाद चीद बढ़ने लगती है
16:43अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
16:46साहरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जुद जहद से मुतासिर होता है
16:51सायरہ भी अहमत के शबकत और नर्मी से मतासिर होती है
16:54चलमा गुजर जाने के बाद वीवर्ड अहमत खान को इसास होता है
16:58को इसने कभी किसे के लिए ऐसी महबत महसूस नहीं की
17:01जिसी अब सायरہ के लिए कर रहा है
17:04वो सायरہ से अपने जजबात के इज़ार करता है
17:07और उससे शादी के खुआश जाहर करता है
17:09लेकिन यहां कहानी में मौड आता है
17:11सायरہ को एसास होता है कि अहमत की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डेपरेंट है
17:16उससो बताती है कि इनके जिन्देग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है
17:20और यह परक इनके तालुक की तबील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
17:24विवर्ज अहमत उसे यकीन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा
17:27लेकिन सायरہ जानती है कि मौशिरती और तबकाती परक इनके दर्में हमेशा रहेगी
17:32कहानी के अख्तिताम इस दर्दनाक लम्हे पर होता है
17:36जहां पर हस्पताल के बागिचे में अहमत और सायरہ मिलती है
17:41और सायरہ अहमत से कहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते
17:47क्योंके मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन शख्स हो
17:50विवर्स इस तरह इस ड्रामा सीरल के अख्तिताम हो जाता है
17:53और अहमत खानों से बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
17:56तो इस ड्रामा के हवाले से आवका क्या राए है
17:58अपने राए की जहार कमन बक्स में जरूर देजी
18:01विवर्स के साथ हमरा हीटू का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मत बूलिए
18:05तो तेंक्स पर वाचिंग अल्हापीस
18:07हेलो विवर्स कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
18:12एक दिन साहरा जो एक गरीब मेहनत किश गराने के मासूम
18:16और सादा लड़की है शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
18:21वो अपने चोटे बाई के वायत सहारा है
18:23लेकिन गुरुबत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
18:27वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
18:32इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बासर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
18:39अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है
18:42दोलत और शुरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
18:45लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
18:49इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
18:54और देखता है कि वो तकलीब में है
18:56इसके मासूम्यत और बेबसी इसे दिल से चौजाती है
18:59वो डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
19:01और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाजके पेसे नहीं है
19:06अहमद खान खान मौशी से इसके इलाज करवाने का पेसला करता है
19:09और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
19:12साहरा पहले तो अहमद की मदद कबोल करने से जजगती है
19:15लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
19:18इलाज के दवरान दोनों में आहिसते इसता बाद चीद बढ़ने लगती है
19:22अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
19:25साहरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जजद जहद से मतासिर होता है
19:30साहरा भी अहमद के शबकत और नर्मी से मतासिर होती है
19:33चल्मा गुजर जाने के बाद वीवर्द अहमद खान के एहसास होता है
19:37उसने कभी किसी के लिए ऐसी महबबत महसुस नहीं की
19:40जिसी अब सायरा के लिए कर रहा है
19:43वो सायरा से अपने जذ्वात के ज़सार करता है
19:46और उससे शादी की खवायश जाहर करता है
19:48लेकिन यहा permit कहाणी में मौडाता है
19:50साहरा को एसास होता है कि हमद की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डेफरेंट है
19:55उस सो बताती है कि इनके जिन्देग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है
19:59और ये परक इनके तालुक की तबील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
20:03विवर्स आहमद उसे यकीन दिलाता है कि उसे हर मशिकल में साथ देगा
20:06लेकिन साहरा जानती है कि मौषरती और तब्काती परक इनके दर्मेन हमेशा रहेगी
20:11कहानी के एकिटाब इस दर्दनाक लमहें पर होता है
20:15जहां पे हस्पताल के बागिचे में अहमद और साहरा मिलती है
20:20और साहरा अहमद से कहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते
20:26क्यूंके मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन शख्थ हो
20:29वीविव इस तरह इस ड्रामा सीरिल के अख्तिताम हो जाता है
20:32और रहमद खान उसे बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
20:35तो विर्स ड्रामे के हवाले से आवका क्या राय है अपने राय की जहार कमन बक्स में जरूर देजी विर्स के साथ
20:40हमरे हीटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मत भूलिये
20:44हेलो विवर्स कहानी की शुरूआत एक बड़े हस्पताल से होती है
20:51एक दिन साहरा जो एक गरीब मेहनत कश गराने के मासूम और सादा लड़की है
20:56शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
21:00वो अपने चोटे बाई के वाहत सहारा है
21:02लेकिन गुर्बत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
21:06वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
21:10इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बाहसर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
21:18अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
21:24लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
21:28इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है और देखता है कि वो तकलीब में है
21:34इसके मासूमियत और बेबसी इसे दिल से चो जाती है और डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
21:40और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाज के पेसे नहीं है
21:44अहमद खान खामोशी से इसके इलाज करवाने का पेसला करता है और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
21:51साहरा पहले तो अहमद की मदद कबोल करने से जजगती है
21:54लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
21:57इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता इस्ता बाद चीद बढ़ने लगती है
22:01अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
22:04साहरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जजद जहद से मतासिर होता है
22:09साहरा भी अहमद के शबकत और नर्मी से मतासिर होती है
22:12चर्मा गुजर जाने के बाद वीवर्द अहमद खान को इसास होता है
22:16कुछ ने कभी किसे के लिए ऐसी महब्बत महसूस नहीं की
22:19जिसी अब साहरा के लिए कर रहा है
22:22वो साहरा से अपने जजबात के इज़ार करता है
22:24और उससे शादी के खौाइश जाहर करता है
22:27लेकिन यहां कहानी में मोडाता है
22:29साहरा को एसास होता है
22:31कि अहमत की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डिफरेंट है
22:34उसे बताती है कि इनके जिन्देग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है और ये परक इनके तालुक की तबील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
22:41विवर्ज अहमद उसे यकीन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा लेकिन साहरा जानती है कि मौशिरती और तबकाती परक इनके दर्में हमेशा रहेगी
22:50कहानी के अख्तिताम इस दर्दनाक लमहे पर होता है जहाँ पे हस्पताल के बागीचे में अहमद और साहरा मिलती है
22:59और साहरा अहमद से कहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते क्योंके मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन शख्स हो
23:08वीवर्ज इस तरह इस ड्रामा सीरिल के अख्तिताम हो जाता है
23:11और रहमत खान उसे बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
23:14तो इस ड्रामा के हवाले से आपका क्या राए है
23:16अपने राए की ज़ार के मुन बक्स में जरूर देजी विर्ज के साथ
23:19हमारा हीटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मत भूलिएस
23:23तैंक्स पर वाचिंग अल्हाफिस
23:25हेलो वीवर्ज
23:27कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
23:30एक दिन साहरा जो एक गरीब मेहनत के शगराने के मासूम और साधा लड़की है
23:35शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
23:38वो अपने चोटे बाई के वायत सहारा है
23:41लेकिन गुरुबत के वज़े से बेहतर इलाज करवाने के चाबिल नहीं
23:45वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
23:49इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बासर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
23:57अहमद खान एक बेहत काम्याब बिस्निसमेन है
24:00दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
24:03लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
24:07इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
24:11और देखता है कि वो तकलीब में है
24:13इसके मासूमियत और बेबसी इसे दिल से चोग जाती है
24:17और डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
24:19और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाज के पेसे नहीं है
24:23अहमद खान खामोशी से इसके इलाज करवाने का पेसला करता है
24:27और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
24:30साहरा पहले तो अहमद की मदद कबूल करने से जजगती है
24:33लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
24:36इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता एस्ता बाद चीद बढ़ने लगती है
24:40अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
24:43साहरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जुद जहद से मतासिर होता है
24:48साहरा भी अहमद के शबकत और नर्मी से मतासिर होती है
24:51चल्मा गुजर जाने के बाद वीवर्ड अहमद खान के एसास होता है
24:55उसने कभी किसे के लिए ऐसी महबबत महसूस नहीं की
24:58जिसी अब साहरा के लिए कर रहा है
25:01वो साहरा से अपने जजबात के जहार करता है
25:03और उससे शादी के खुआश जाहर करता है
25:06लेकिन यहां कहानी में मौड आता है
25:08साहरा को एसास होता है कि अहमद की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डेफरेंट है
25:13उससे बताती है कि इनके जिन्देग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है
25:17और यह परक इनके तालग की तवील अर्से तक काइम नहीं रहने देगा
25:20विवर्ज आहमद इसे यकिन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा
25:24लेकिन साहरा जानती है कि मौशरती और तबकाती परक इनके दर्में हमेशा रहेगी
25:29कहानी के अख्तिताम इस दर्दनाक लम्हे पर होता है जहांपे हस्पताल के भागेशे में अहमद और साहरा मिलती है
25:38और साहरा अहमद से कहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते क्यूंके मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदारतरीन शख्तष हो
25:47विवर्ज इस तरह इस ड्रामा सीरल के अखिताम हो जाता है
25:50और अहमत खान उसे बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
25:53विवर्ज ड्रामे के हावाले से आपका क्या राय है
25:55अपने राये के जहार कमन बक्स में जरूर देजी विवर्ज के साथ
25:58हमारे येटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मद बूलिये सो तैंक्स पर वाचिंग अल्हापीस
26:04हेलो वीवर्स कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
26:09एक दिन सायरा जो एक गरीब मेहनत कश गराने के मासूम और साधा लड़की है
26:14शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
26:17वो अपने चोटे बाई के वायत सहारा है
26:20लेकिन गुरुबत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
26:24वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
26:28इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बाहसर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
26:35अहमद खान एक बेहत काम्याब बिस्निसमेन है
26:39दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
26:42लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
26:46इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
26:50और देखता है कि वो तकलीब में है
26:52इसके मासूमियत और बेबसी इसे दिल से चोग जाती है
26:56वो डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
26:58और उसे पता चलता है कि इसके पास एलाज के पेसे नहीं है
27:02अहमद खाना खामोशी से इसके इसके इलाज करवाने का पैसला करता है
27:06और यूँ इन दोनों की मुलागात होती है
27:09साहरा पहले तो अहमद की मदद कबूल करने से जजगती है
27:12लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
27:15इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता एस्ता बाद चीद बढ़ने लिगती है
27:19अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
27:22साहरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जुद्जहद से मतासिर होता है
27:27साहरा भी अहमद के शबकत और नन्मी से मतासिर होती है
27:30चल्मा गुजर जाने के बाद वीवर्द अहमद खान को एहसास होता है
27:34को इसने कभी किसे के लिए ऐसी महबबत महसूस नहीं की
27:37जिसी अब साहरा के लिए कर रहा है
27:40वो साहरा से अपने जजबात के इज़ार करता है
27:42और उससे शादी के खुआश जाहर करता है
27:45लेकिन यहां कहानी में मौड आता है
27:47साहरा को एहसास होता है कि अहमद की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डिफरेंट है
27:51उसे बताती है कि इनके जिन्देग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है और ये परक इनके तालुक की तवील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
27:59विवर्ज अहमद उसे यकीन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा लेकिन साहरा जानती है कि मौशिरती और तबकाती परक इनके दर्में हमेशा रहेगी
28:08कहानी के अख्तिताम इस दर्दनाक लमहे पर होता है जहां पे अस्पताल के बागिचे में अहमद और साहरा मिलती है और साहरा अहमद से कहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते क्योंके मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन शख्स हो
28:26वीवर्स इस तरह इस ड्रामा सीरिल के अख्तिताम हो जाता है
28:29और रहमत खानों से बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
28:32तो इस ड्रामा के हवाले से आगा क्या राय है
28:34अपने राय के ज़ार कमन बक्स में जरूर देजी
28:36विर्स के साथ हमरा हीटुब का चेनल
28:38इखलास टीवे को सबस्क्राइब करना मत भूलिये से थैंक्स पर वाचिंग अल्हावेस
28:43हेलो वीवर्स कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
28:48एक दिन साहरा जो एक गरीब मेहनत किश गराने के मासूम और सादा लड़की है
28:53शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
28:56वो अपने चोटे बाई के वाध सहारा है
28:59लेकिन गुरुबत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
29:02वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
29:07इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बाहसर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
29:14अहमद खान एक बेहत काम्याब बिस्निसमेन है
29:18दोलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
29:21लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
29:25इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
29:29और देखता है कि वो तकलीब में है
29:31इसके मासूमियत और बेबसी इसे दिल से चोग जाती है
29:35और डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
29:37और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाज के पेसे नहीं है
29:41अहमदखान खामूशी से इसके इलाज करवाने का वेसला करता है
29:45और यू इन दोनों की मुलागात होती है
29:47سायरा पहले तो अहमद की मदद कबुल करने से जजगती है
29:51लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
29:54इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता एस्ता बाद चीद बढ़ने लिगती है
29:58अहमद जो हमेशा अमीरू के दुन्या में जिया है
30:01साहरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जुद जहद से मतासिर होता है
30:06साहरा भी अहमद के शबकत और नृमी से मतासिर होती है
30:09चर्मा गुजर जाने के बाद वीवर्थ अहमद खान के एसास होता है
30:12कुछ ने कभी किसे के लिए ऐसी महबबत महसूस नहीं की
30:16जिसी अब साहरा के लिए कर रहा है
30:19वो साहरा से अपने जजबात के इज़ार करता है
30:21और उसे शादी के खुआश जाहर करता है
30:24लेकिन यहां कहानी में मोड आता है
30:26साहरा को एसास होता है
30:27कि अहमत की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डिफरेंट है
30:30उसे बताती है कि इनके जिंदेग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है
30:35और ये परक इनके तालुक की तबील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
30:38विवर्ज अहमद उसे यकीन दिलाता है कि उसे हर मुश्किल में साथ देगा
30:42लेकिन सारा जानती है कि मौाशिरती और तबकाती परक नके दर्मेन हमेहा रहेगी
30:47कहानी के एखिताम इस दर्दनाक لمحे पर होता है
30:51जहाब आस्पिताल के बागरेच से में अर्सारा मिलती है
30:56اور साहरा Ahmet سے
30:57کہتی ہے کہ میں اور تم
31:00کبھی بھی ایک نہیں ہو سکتے
31:01کیونکہ میں غریب ہوں
31:03اور تم ایک مالدرترین شخص ہو
31:05वईुज्य इस तरह इस ड्रामा सीरिल
31:06کے اختتام ہو جاتا ہے
31:08اور Rehramad Khan उसे بولتا ہے
31:09کہ تم صحیح बول रही हो
31:11तो इस ड्रामा के होई से
31:12आपका क्या रहे है
31:13अपने राए किजार के मन बक्स
31:15में जरूर देजी विर्स के साथ हमारा हीटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मत भूलिए
31:20तो तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिस
31:22हेलो वीवर्स कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
31:27एक दिन साइरा जो एक गरीब मेहनत कश गराने के मासूम और साधा लड़की है
31:32शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
31:35वो अपने चोटे बाई के वायत सहारा है
31:37लेकिन गुर्बत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
31:42वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
31:46इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बासर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
31:53अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है
31:57दोलत और शुरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
32:00लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
32:04इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
32:08और देखता है कि वो तकलीब में है
32:10इसके मासूमियत और बिबस्धे इसे दिल से चो जाती है
32:13वो डाक्टर से साहरा का हाल पूछता है
32:16और उसे पता चलता है कि इसके पास ईलाज के पेसे नहीं है
32:20अहमद खान खामोशी से इसके इसके �लाज करवाने का पेस्ला करता है
32:24और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
32:26साहरा पहले तो अहमद की मदद कबूल करने से जजगती है
32:30लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
32:33इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता इस्ता बाद चीद बढ़ने लगती है
32:37अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
32:40साहरा के साधगी और जिन्दगी के साध इसके जजद जहद से मतासिर होता है
32:45साहरा भी अहमद के शबकत और नर्मी से मतासिर होती है
32:48चल्मा गुजर जाने के बाद वीवर्ड अहमद खान के एहसास होता है
32:51उसने कभी किसे के लिए ऐसी महबत महसूस नहीं की
32:55जिसी अब सायरा के लिए कर रहा है
32:57वो सायरा से अपने जजबात के जहार करता है
33:00और उससे शादी के खुआश जाहर करता है
33:03लेकिन यहां कहानी में मौडाता है
33:05साहरा को एसास होता है कि अहमत की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डेपरेंट है
33:09उस सो बताती है कि इनके जिंदेग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है
33:13और ये परक इनके तालुक की तवील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा
33:17वीवर्स आहमत उसे यकिन दिलाता है कि उसे हर मिश्किल में साहरा जानती है
33:22कि मौशिर्टी और टपकाती परक इनके दर्मेर हमेशा रहेगी
33:26कहानी के एक्तिताम इस दर्दनाक लम्हे पर होता है
33:30जहाँ पे हस्पिताल के बागिचे में अहमत और साहरा मिलती है
33:35और साहरा आमद से
33:36कहती है के में और तुम
33:38कभी भी एक नहीं हो सकते क्यूंके
33:41मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन
33:43शख्तो वे विविवोज इस तरह
33:45इस ड्रामा सीरिल के अखिताम हो जाता है
33:47और अहमद खानों से बोलता है
33:48कि तुम सही बोल रहे हो
33:50तो इस ड्रामे के होगा क्या राए है अपने राए की ज़ार कमन बक्स में जरूर देजी वरिस के साथ हमरे हीटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मद भूलिए सो तेंक्स पर वाचिंग अल्हापीस
34:01हेलो वीवर्स कहानी की शुरुवात एक बड़े हस्पताल से होती है एक दिन सायरा जो एक गरीब मेहनत कश गराने के मासूम और सादा लड़की है शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है वो अपने चोटे बाई के वाहत सहारा है लेकिन गुर्बत की वज़े से
34:31इलाज करवाने आता है अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है दौलत और शुहरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका इतिपाक से अहमद खान सायरा के कमरे के सामने गुजरता है और देखता है कि वो �
35:01करवाने का पेसला करता है और यू इन दोनों की मुलाकात होती है सायरा पहले तो अहमद की मदद कबूल करने से जजगती है लेकिन हालात के बाइस मचबूर होकर वो मान जाती है इलाज के दवरान दोनों में आहस्ता इस्ता बात्शीट बढ़ने लिए अहमद जो हमेशा �
35:31उसने कभी किसे के लिए ऐसी महबत महसूस नहीं की जिसी अब सायरा के लिए कर रहा है।
35:37वो सायरा से अपने जजबात के इज़ार करता है और उससे शादी की ख़ायश जाहर करता है।
35:42लेकिन यहां कहानी में मौडाता है।
35:44साहरा को एसास होता है कि अहमद की दुनिया और इसकी दुनिया बहुत डिफरेंट है।
35:49उस सो बताती है कि इनके जिंदेग्यू के बीच में बहुत बड़ा परक है और ये परक इनके तालुक की तबील अर्से तक कायम नहीं रहने देगा।
35:56विवर्ज अहमद इसे यकीन दिलाता है कि उसी हर मुश्किल में साथ देगा लेकिन साहरा जानती है कि मौशर्ती और अग्वाती परक इनके दर्में हमेशा रहेगी।
36:05कहानी के एक्तिताम इस दर्दनाक लम्हे पर होता है जहांपे हस्पताल के बागिचे में अहमद और साहरा मिलती है और साहरा अहमद से कहती है कि मैं और तुम कभी भी एक नहीं हो सकते क्यूंके मैं गरीब हूँ और तुम एक मालदर तरीन शख्स हो।
36:23वीवर्स इस तरह इस ड्रामा सीरल के अख्तिताम हो जाता है
36:25और अहमत खानों से बोलता है कि तुम सही बोल रही हो
36:28वीवर्स ड्रामा के हवाले से आपका क्या राय है
36:31अपने राये की जहार कमन बक्स में जरूर देजी
36:33वीवर्स के साथ हमारे हीटू का चैनल इखलास टीवी को सबस्क्राइब करना मत भूलिये
36:38तैंक्स पर वाचिंग अल्हाफिस
36:40हेलो वीवर्स कहानी की शुरुआत एक बड़े हस्पताल से होती है
36:45एक दिन साइरा जो एक गरीब मेहनत किश गराने के मासूम और सादा लड़की है
36:50शदीद बिमारी के हालत में हस्पताल लाई जाती है
36:53वो अपने चोटे बाई के वायत सहारा है
36:55लेकिन गुरुबत की वज़े से बेहतर इलाज करवाने के काबिल नहीं
36:59वो बिस्तर पर लेटी होती है आंकों में आंसू और दिल में दर्द लिये
37:04इसी हस्पताल में अहमद खान नामी एक मालदार और बासर शख्स अपने वालिद का इलाज करवाने आता है
37:11अहमद खान एक बेहत काम्याब बिजनिसमेन है
37:14दोलत और शुरत की जिन्दगी में हमेशा रहा है
37:17लेकिन इसके दिल में एक खाली पन है जो वो कभी नहीं समझ सका
37:21इतिपाक से अहमद खान साहरा के कमरे के सामने गुजरता है
37:26और देखता है कि वो तकलीब में है
37:28इसके मासूमियत और बेबसी इसे दिल से चो जाती है
37:31वो डाक्टर से साहरा का हाल पूचता है
37:34और उसे पता चलता है कि इसके पास इलाज के पेसे नहीं है
37:37अहमद खान खामोशी से इसके इलाज करवाने का पेसला करता है
37:41और यू इन दोनों की मुलाकात होती है
37:44सायरा पहले तो अहमद की मदद कबूल करने से जजगती है
37:48लेकिन हालात के बाइस मजबूर होकर वो मान जाती है
37:51इलाज के दवरान दोनों में आहिस्ता इस्ता बाद चीद बढ़ने लगती है
37:54अहमद जो हमेशा अमीरू के दुनिया में जिया है
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