वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से शहर के सभी 85 घाट पानी में डूब गए हैं. वाराणसी का महाश्मशान कहा जाने वाला हरिश्चंद घाट पर पानी-पानी दिख रहा है. ऐसे में दाह संस्कार अब घाट के बजाय शहर की ऐसी गलियों में किया जा रहा है जहां वो लोग रहते हैं जो शवों का अंतिम संस्कार करते चले आ रहे हैं. दाह संस्कार करने वाले, विक्रम चौधरी कहते हैं कि समस्या तो हर वर्ष की है. बाढ़ के समय में हमारे घरों के पास शव जलाया जाता है. दाह संस्कार के लिए आए लोगों का कहना है कि वे इस बात से निराश हैं कि जगह की कमी की वजह से पारंपरिक अंतिम संस्कार की रस्में भी ठीक से नहीं हो पातीं हैं. लोगों का कहना है कि गंगा नदी में पानी पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. उन्हें उम्मीद है कि गंगा का जलस्तर जल्द ही कम होने लगेगा, तब लोगों की जिंदगी दोबारा पटरी पर लौट सकेगी.
00:00उत्तरप्रदेश के वारणसी में गंगा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर के वजह से शहर के सभी 85 घाट पानी में डूब गए हैं।
00:09वारणसी का महाशमशान कहा जाने वाला हरिश्चंद्र घाट पानी पानी दिख रहा है।
00:15ऐसे में दा संसकार अब घाट के बजाए शहर की ऐसी कलियों में किया जा रहा है जहां वो लोग रहते हैं जो शवो का अंतिम संसकार करते चले आ रही हैं।
00:45दाहा संसकार के लिए पहुँचे लोगों का कहना है कि वह इस बात से निराश हैं कि जगे की कमी की वज़े से पारम पर एक अंतिम संसकार की रसमे भी ठीक से नहीं हो पाती हैं।
01:15लोगों का कहना है कि गंगा नदी में पानी 5 सेंटिमीटर प्रती घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
01:27उन्हें उमीद है कि गंगा का जल्सतर जल्द ही कम होने लगेगा ताकि लोगों की जिंदगी दुबारा पट्री पर लोट सके।