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00:00हमारे यहां ब्राह्मन्स को भू देव ऐसा बूलते हैं कि धर्ती के देव है ये
00:05तो वो नाना जी उपर बैठते थे और वो सारे लोग नीचे बैठते थे
00:10सड़क पर बेहोश पड़े हो आपको ले जाये जाएगा वाँ पर तो आपको पता भी नहीं है कौन आपका इलाज कर रहा है
00:16किस-किस को जिन्दगी में खून चड़ाया कभी जिन जिन को खून चड़ा उन्होंने जाद देखके चड़वाया था
00:21तो तुम्हारा रक्त तो अशुद्ध हो गया तो आपका इके लिए रक्त की शुद्धता बचा रहे हो
00:25ट्रेन में ऐसा चलता है ब्राहमन भोगी फिर शत्रिय भोगी फिरस्टी भोगी ऐसा होता है ट्रेन में
00:33इस यूग में तो यह सब आप चलाई नहीं पाऊगे
00:37तुम किसी क्या ब्रिंगिंग खराब कर दो फिर कव आदमी खराब है तो आदमी खराब है तुम खराब हो
00:43जाति को मानने वालों के घर में लड़कियों की क्या हालत रहेगी
00:47अपने ही देश के लोगों को अपने ही धर्म के लोगों को अलग मान करके या नीचा मान करके धर्म को राष्ट को कैसे आगे बना लोगे
00:56ये जो चार वर्ण विवस्ता है हमारी उसको कंटिन्यू करने में शायद ब्रामिन का ही जादा हाथ नहीं है
01:09जैसे कि मैंने मेरे नाना जी को देखा है
01:12वो काफी रुडिचुस्ट ब्रामेन रहे
01:14तो उनके घर हम जब बच्पन में जाते थे
01:18तो मैंने देखा है कि जो STAC कास्ट वाले लोग आते थे
01:23हमारे यहां ब्रामेन्स को भू देव ऐसा बुलते है
01:27कि धर्ती के देव है ये
01:29तो वो नाना जी उपर बैठते थे और वो सारे लोग नीचे बैठते थे
01:34मुझे ये सब देख के ठीक नहीं लगता था कि ये सब नीचे क्यों बैठे है
01:40मैं तो छोटी थी पर अभी मतलब धीरे-धीरे सारा कनेक करके
01:45मतलब ऐसा लग रहा है कि मेरे ही सामने कितना कुछ हो रहा है
01:50पर मैं कुछ कर नहीं पाती
01:51और यही लोग है में ब्रामिन्जी है
01:55जो कास्टिजम को बढ़ावा दे रहे है
01:58वरना इन्ही के हाथ में भी तो है कि अपने भक्त हो या यजमान हो
02:03उनको बोल सके कि ऐसे सब हमें करने की जरूरत नहीं है
02:06आप हमारे साथ बैठिए
02:08तो शायद क्षत्रियों ने हमेशा ब्रामिन्ज को प्रोटेक किया है
02:14भूदेव समझ कर और ब्रामिन्ज ने अपना सेलफिशनेस कम्प्लीट करने के लिए
02:19क्षत्रियों को मतलब एंकरेज किया है कि हाँ आप शत्रियों आप राश्टर को संभालोगे यह सारे यहां से कट्रा निकालेंगे यह वो यह नीचे रहेंगे
02:31तो मैंने तो यह देखा है मैं गलत हो सकती उपर मुझे लग नहीं रहा ऐसा कि ऐसा है
02:38ज्यादा तर ब्रामिन्ज का हाँ है
02:40देखिए जो वर्ण विवस्था है ना उसकी खास बात यह है कि उसमें सबके लिए कुछ ना कुछ है
02:50वहाँ कोई ऐसा नहीं है जिसके नीचे कोई नहीं है और जिसके नीचे कोई भी नहीं है उसके नीचे अपने घर की आउरत तो है
03:04तो कास्ट्स कास्ट्स कास्ट्स फिर आउट कास्ट्स सवण सवण दलित महादलित
03:20तो बहुत लोगों का बहुत तरीकों से स्वार्थ राय स्व्यवस्था को चलाने में
03:28ब्राह्मणों का भी निसंदे स्वार्थ राय
03:32अब वर्तमान पर आते हैं
03:37जो भी लोग इस व्यवस्था के पक्षधर हैं
03:41वो समाज का तो अहित करी रहे हैं, अपना भी कर रहे हैं।
03:48अगर आज के समय में, किसी भी घर में, चाहे वो ब्राहमन परिवार हो, या कोई और परिवार हो।
03:56ऐसे विचार चल ही रहे हैं, तो वो घर खुद अपना दुश्मन है।
04:04हमेशा से था, आज और ज्यादा है, आज विज्ञान जहां आ गया है, वहाँ पुरानी धारणाओं को समहाले रखना, बड़े गजब की बात होगी।
04:19उस गजब के लिए बड़े गजब स्तर का जूट चाहिए। और इतना जूट अगर रखोगे, तो जीओगे कैसे? कैसे जीओगे?
04:32हम बहुत अच्छे तरीके से जान चुके हैं कि जीओण की उत्पत्ति कैसे हुई? और सब प्राणियों की, सब प्रजातियों की विकास यात्रा कैसे रही है?
04:46उसके पूरे प्राण सामने आ चुके हैं और नए नए प्राण रोज आते रहते हैं।
05:16और साफ होकर उभर आती है कि कैसे मनुष्य वहां तक पहुँचा कि आज इन कुर्सियों पर बैठा हुआ है।
05:22अब मनुष्य नहीं बाकी सारी प्रजातियां भी अपने वर्तवान सरूप में कैसे पहुँच गई हैं।
05:28तो इसमें आप कैसे इस बात को जायस ठहराओगे।
05:32कि सचमुच किसी परम शक्ति, किसी प्रथम पुरुष के पैरों से शूद्र पैदा हुए थे।
05:44और बाहों से ख्षत्रिय और मस्तक से ब्राह्मन कैसे करोगे। हम जानते हैं कि सब कहां से आए है।
05:59कैसे बताओगे कि यह सब अलग अलगें। क्या धार है बताओ तो।
06:05आज अगर DNA मैपिंग कर दी जाए भारत की आबादी की।
06:14हम सब का DNA नियानवे दशमलव न जाने कितने प्रतिशत बिलकुल एक सा निकलना है।
06:21और सब का मिश्रिद भी निकलना है।
06:24क्योंकि मनुष्य की विकास यात्रा बहुत पुरानी है।
06:27जिसको आप रक्त की शुद्धता या वन्शकी या कुल की शुद्धता बोलते हो।
06:31वैसी चीज बस एक कलपना है, अफसाना है।
06:35आप अधिक से अधिक अपनी वन्शावली 8, 10, 15 पीड़ी तक पीछे ले जा सकते हो।
06:40पर आप तो लाखों साल पुराने हो।
06:43आपको क्या पता आपकी विकास यात्रा कहा कहा गई थी, आप कुछ नहीं जानते।
06:47और उस समय तो उसको कहीं अंकित भी नहीं करा जा रहा था।
06:53कि कौन से लोग, किन अन्य लोगों के साथ मिल जुल रहें और संबंध बना रहें, क्या पता।
06:59आपको मालूम यह बड़ी रोचक खोज हुई है।
07:03दुनिया के किनी भी लोगों का DNA जब देखा जाता है, तो उसमें दुनिया की बाकी जगहों के लोगों के चिहन भी मिल जा रहे हैं।
07:15कहीं कम कहीं ज्यादा।
07:19तो तुम कैसे यह साबित कर पाओगे इस युग में कि एक वर्ण दूसरे वर्ण से श्रेष्ठ है।
07:29कभी चल जाता रहा होगा।
07:33आज जब प्लेटिलेट्स चाहिए होती हैं डेंगू में, तो उन पर कहीं लिखा होता है क्या, किस वर्ण की है।
07:44तो वर्ण विवस्था के साथ तो अस्प्रश्यता भी चलती थी।
07:49आज कैसे कह दोगा कि फलाना जो रक्त है वो मेरे लिए अस्प्रश्य है।
07:55मर जाओगे खूनी नहीं चड़ेगा।
08:01किस-किस को जिन्दगी में खून चड़ाय कभी।
08:07जिन-जिन को खून चड़ा उन्होंने जाद देखके चड़वाय था।
08:14तो तुम्हारा रक्त तो अशुद्ध हो गया।
08:17तो आप काय के लिए रक्त की शुद्धता बचा रहे हो।
08:21अब तो हो गया। और अब उसे बहार तो निकाल नहीं सकते।
08:26कि ये ये जो अणु-पर्माणु हैं।
08:29ये किसी और के रक्त के हैं तो इनको बहार निकाल दो अब तो रक्त अशुद्ध हो गया।
08:34अब किस आधार पर कहोगे, कि अगर दूसरी जाती में बेटी ब्याह दी, तो रक्त अशुद्ध हो जाएगा, वो तो हो गया, डेंगू किस-किसको हुआ है, प्लेटलेट्स चड़े थे, सब ने तुरंत बचा ली अपनी, अब क्या करोगे,
08:57ने, सब ठीक है, पर जस्टिफाई कैसे करें अब, क्या बचा अब, आपकी बगल की कुरसी पर जो बैठा है, उसकी जाती पता है, क्या, ओ, यह तो गलत हो गया, अब क्या करें,
09:20हाँ, ट्रेन में ऐसा चलता है, ब्राह्मन भोगी, छत्रिय भोगी, फिर स्टी भोगी, ऐसे होता है ट्रेन में, अब क्या करें, इस यूग में तो यह सब आप चलाई नहीं पाओगे, तो क्यों सब अबर्दस्ती ढो रहे हो,
09:45क्यों ढो रहे हो भाई,
09:50ब्राह्मन रक्त मुझे दिखा दो किस तरीके से किसी भी अन्य रक्त से भिन्न है, थोड़ा एक प्रतिशत भी दर्शा दो, या चत्रिय रक्त, या कोई भी अन्य रक्त, जाट रक्त, कोई रक्त, दिखा दो कैसे भिन्न है,
10:03और भिन्नता अगर निकाल भी दोगे तुम, तो वो इतनी इतनी इतनी कम है कि उसका कोई अब महत तो नहीं, उतनी भिन्नता तो ब्रामणों में भी आपस में होगी, और जाटों में भी आपस में होगी, तो उस भिन्नता का क्या आर्थ है,
10:22लेकिन एक जूट को बचाना है तो क्या करोगे फिर
10:33सौ जूट बोलोगा और ये सौ जूट आपको इखा जाएंगे
10:36जिन घरों में ये सब कारोबार ऐसी संस्कृती चल रही होगी
10:43वो घर जूट का अड़ा बन जाएंगे
10:45जूट अकेले नहीं आता कभी
10:49इतना कमजोर होता है कि अपने साथ पूरी फॉज लेके आता है
10:53सच शेर होता है
10:55अकेले दहारता है
10:57लेकिन एक जूट को घर में घुसेडोगे
11:00तो उसको सहारा देने के लिए
11:03सौ जूटों की फॉज आएगी पीछे आपका घर जूट का अड़ा बन जाएगा
11:07अच्छा कौन कौन लोग है जो जिन्होंने कभी इलाज कराया किसी डॉक्टर से
11:14सब फस गये जाद देखके कराया था कराया था
11:24सड़क पर बेहोश पड़े हो आपको ले जाया जाएगा वहां पर
11:31तो वहां तो आपको पता भी नहीं है कौन आपका इलाज कर रहा है
11:38हाँ खयाल नहीं आता पर जब एसी रूम में कुर्सिय बैठे हुए हो तो आते हैं खयाल
11:46जब मरने को होते हो नहीं तो यह सब खयाल नहीं आएंगे कौन इलाज कर रहा है
11:50डॉक्टर डॉक्टर में निश्यत रूप से फर्क होता है तो चुन लो कि बहतर डॉक्टर कौन है
12:01बहतर डॉक्टर चुनते हो न या बहतर जात चुनते हो फर्क तो होता ही है
12:07गाड़ी खरीदो उसमें भी चुनोगे कि बहतर गाड़ी कौन सी है गाड़ियों की भी जात पुछोगे
12:11लेक्सेशन की वज़े से है क्योंकि अभी मेरे पापा हॉस्पिटलाइज्ड है वहाँ पे एक आंटी आये है उनके हस्बेंड को लेकर
12:29अच्छे डॉक्टर नहीं है कि वहाँ जो डॉक्टर जाते हैं क्योंकि उनकी कास्ट मतलब वो नहीं होती तो जल्ली जली ऐसे निकल जाते हैं
12:57तो that could be the reason, but इसके अलावा कोई और reason मुझे नहीं लग रहा है।
13:02ठीक है, तो इसका फैसला भी कि आपको किस डॉक्टर से इलाज कराना है।
13:06आप उस डॉक्टर का ट्रैक रिकॉर्ड देख के कर लो।
13:09वो करना चाहिए, हम सबको अपनी जान बचाने की पूरी आजादी ये अधिकार है।
13:13बल्कि कतव है कि अपनी जान बचाओ और अच्छे डॉक्टर से इलाज कराओ।
13:17पर डॉक्टर अच्छा है या बुरा, इसका फैसला में उसके ट्रैक रिकॉर्ड को उसकी हिस्ट्री को देख के करूँगा, उसकी जाती को देख के थोड़ी करूँगा।
13:27ठीक है।
13:29मैं बिल्कुल नहीं कहा रहा हूँ कि आप किसी सड़े गले डॉक्टर से इलाज करा लीजिए, बिल्कुल कराईए।
13:35पर श्रेष्ठता और जाती क्या वन के कोरिलेशन पर चल रहे हैं।
13:44ऐसी तो कोई आज तक साइंटिफिक स्टडी हुई नहीं है।
13:49देख लीजिए न कि किसी हिस्टरी क्या है।
13:53अब तो ऑनलाइन आप्स होती हैं जिनका इस्तिमाल करके आप कंसल्टेशन ले लेते हैं।
13:59छूटी मूटी बीमारियों के लिए मैं सरजरी के लिए नहीं कह रहा हूँ।
14:03बहुत सारी एप्स आगे हैं जहां पर आप चुन सकते होगे। आप दॉक्टर से बात कर लोगे।
14:07आपको सरदी खासी दुखाम है। दॉक्टर आपको कुछ बता देगा।
14:10और वहां बाकाइदा दॉक्टर की रेटिंग्स होती हैं, फीडबैक होती हैं।
14:14देख लो, रेटिंग और फीडबैक देखों या जाती देखों।
14:25संसकार हैं।
14:28ऐसे घर में पैदा हुए हो जहां पर वैसी ही बाते हो रही हैं। वैसा ही महौल हो रहा है।
14:34तुम भी थोड़ा वैसे हो जाते हो। उसमें बात शरीर की थोड़ी है, रक्त की शुद्धता की बात थोड़ी है।
14:44हौकी टीम में हमेशा से आधे खिलाड़ी, कभी आधे से जाधा खिलाड़ी पंजाब के रहे हैं।
14:51तो इसका मतलब यह थोड़ी है कि पंजाबियों के खून में हौकी बह रही है।
14:56अरे भई, माहौल है, इंफ्रस्ट्रक्चर है, हौकी वीरता की बात है, बाकी खेलनी वीरता की बात है।
15:11जेनिटिकली और चीजे मिल सकती है, उचाई मिल सकती है, बिलकुल हो सकता है।
15:17एक प्रांत में कद उचा होता है, यह बिलकुल हो सकता है।
15:21लेकिन मनुष्यता की पहचान कद तो नहीं होता ना।
15:25मनुष्यता की पहचान क्या है। चेतना।
15:28तो चेतना का फैसला तो जाते से नहीं हो सकता, कद का फैसला बिलकुल हो सकता है, हाँ पंजाब हर्याना में जो ओसत लंबाई है वो थोड़ी ज्यादा है बाकी देश ते, तो वहां समझ में आता है, होकी चलेगी वहां पर और बॉक्सर हर्याना से आते हैं, समझ में आती य
15:58लेके चल रहे हो
15:59सौ बातों की एक बात बता देता हूँ
16:01जब आप जाती बोलते हो न तो आप शरीर की बात करते हो
16:04जितना ज्यादा जाती जाती करोगे
16:06उतना देह बनकर मरोगे
16:08अब यही करना हो
16:10तो फिर आपको जो बोलना हो
16:12बोलो करलो आपकी जिंदगी है
16:13जो जाती में जितना यकीन करेगा
16:16वो अपनी देह का उतना गुलाम रहेगा
16:18क्योंकि जाती तो देह की ही होती है
16:20और देह से बड़ा बंधन कोई नहीं है
16:25देह की जाती को मान रहे हो
16:29तो देह की अन्य आज्याओं को भी मानो न
16:31फिर तो देह बोलेगी नाच तो नाच, देह बोलेगी पश्वों वाले सारे काम कर तो कर, चेतनागी जाती बता दो, चेतनागी भी जाती होती है, देह की होती है, माबाप कौन है, तुम्हारी देह जिन से आई, वो देह से क्या थे, वहां से आती है,
16:53तो आध्यात्मिक स्तर पर बहुत घातक चीज है वर्ण जाती इत्यादी
16:58और भगवत गीता में वर्ण की क्या उधारणा है इस पर अभी अभी मुश्किल से हफ्ता दस दिन पहले
17:10हमने बहुत विस्तार से बात करी है
17:12चौथे अध्याय का तेरह वाश लोग है शायद
17:23आप अपनी जिन्दगी में देह बहुत घुसा रहे हो
17:32और आप अपने घर में जूट बहुत घुसा रहे हो
17:37अगर आपके घर में जाती आधारित संसकार चल रहे हैं
17:42बचो आपके लिए ही घातक है ये बात
17:45आपके ही घर में अशान्ति बढ़ेगी मत करो ये सब
17:53समय लगेगा हम यह यह मौन सहमतिका तो नहीं लग रहा है
18:07यह मौन सहमतिका तो नहीं लग रहा भारत को भी समय लगेगा
18:14कि अगर एक जूट में यकीन करोगे तो बाकियों में यकीन करने से कौन रोक रहा है तुमको
18:36जिस आधार पर तुम एक जूट में यकीन कर सकते हो उसी आधार पर दूसरे जूटों में भी यकीन करोगे
18:43सारे अंधविश्वास तुमारे घर में गुसेंगे
18:45सबसे बड़ा अंधविश्वास तो यह है कि दे के अधार पर तुम मनुश्य हो
18:51वो मान लिया उसके बाद जितने अंधविश्वास होंगे सब आएंगे
18:54बहुतिक तरक्की भी नहीं होगी आध्यात्मिक तरक्की भी नहीं होगी
19:00देह इतनी बड़ी बात है
19:06अगर
19:08तो जाति को मानने वालों के घर में लड़कियों की क्या हलत रहेगी
19:14जब देह के आधार पर ही बहुत कुछ तै होना है
19:18तो लड़कियों का क्या होने वाला है फिर उनकी तो देह एकदम ही अलग है
19:24और वही विवस्था जो बोलती है कि एक जाती नीची होती है
19:29वही विवस्था ये भी बोलती है कि एक लिंग भी नीचे होता है
19:33जो व्यवस्था
19:37एक पूरे समुदाए
19:41को निचला घोशित कर देती है
19:45वो व्यवस्था
19:46एक पूरे लिंग को भी तो निचला घोशित कर रही है न
19:50अब क्या करोगे बोलो
19:51और दोनों के ही मूल में क्या है
20:00एक बिल्कुल
20:03ऐसी बात जो अध्यात्म का उलंगन है
20:05देह
20:06बहुत सुन्दर वर्णन आता है
20:12आदेशंकराचारे पूरे देश में घूम रहे थे
20:15विदान्त का प्रचार करते हुए
20:22अध्यात विदान्त
20:24लेकिन आये तो उसी समाज से हैं
20:29जो समाज रूड़ी ग्रस्त था और जाती ग्रस्त था
20:31तो कहीं न कहीं उनमें भी ये जाती वाले संसकार शेश थे अभी
20:37अब जाती और अध्यात एक साथ चली नहीं सकते
20:40पर उनमें अभी शेश थे
20:43काशी के पास की घटना है
20:46एक दिन एक चांडाल उनके सामने आ गया
20:53तो एक दम ठिठक गए
20:55एक कदम पीछे हट गए
20:57तो चंडाल ने पूछा
21:02कि किस से पीछे हट रहे हो
21:05मैं कौन हूँ तुम कौन हो
21:07बहुत पूछने की जरूरत नहीं पड़ती है
21:10जो समझदार आदमी होता है उसके लिए इशारा काफी होता है
21:13और शंकराचारे एकदम
21:16अवाक हो गए
21:18पत्थर की तरह खड़े हो गए
21:21बहुत यह क्या पूछ लिया इसने
21:23और जिसकी चाया से भी पीछे हट रहे थे
21:27गिर गए उसके पाउँ से लिपट गए
21:29यह हिंदू धर्म के सबसे बड़े आचारे की कहानी है
21:37और बोले कि
21:40एक यही सीख बाकी बची थी
21:43आपने दे दी
21:45बहुत बहुत आभार है आपका
21:48चांडालों को माना जाता था कि यह तो
21:55निचली से निचली जातीयों से भी
21:57नीचे के हैं
21:59उनको तो शहर गाओं में खुसने नहीं दिया जाता था
22:02उधरी रहो और
22:04लकडी राख यही सब करो अपना तुम
22:07गंदा काम है लाश जलाना यह सब तुम्हारा है
22:11तो फिर बाद में उसमें कथा यह जोड़ दी गई कि
22:20स्वेम भगावान ने
22:21चंडाल का वेच लेकर के
22:24शंकराचारे को सीख देने के लिए यह करा था
22:26ठीक है वो सब अलग
22:28पर बात समझो
22:30कौन कहता है कि
22:34धर्म जाती सिखाता है
22:36कौन कहता है कि
22:39जाती प्रथा का संबंध सनातन धर्म से
22:42जाती प्रथा का संबंध भारतिय समाज से है
22:44सनातन धर्म से नहीं है
22:47अद्वैत विदान्त आपको जाती सिखा रहा है क्या
22:54उपनिशद आपको जाती सिखा रहे है क्या
22:56कितनी बार मैं आपसे वज्जर सुचिका उपनिशद का नाम लू
23:00कितनी बार मैं आपसे रिभुगीता का नाम लू
23:03यह हमारे शीरशग्रंथ हैं उपनिशद यह आपको जाती सिखा रहे हैं क्या यह आपको बोल रहे हैं कि जाती से बड़ी मूर्खता दूसरी नहीं हो सकती सनातन धर्म तो जाती विरोधी है बहुत लोग एकदम उछल पड़ेंगे इस बात पर
23:20हाँ सनातन धर्म जाती का कटर विरोधी है तो फिर जाती कहां से आई वो भारतिय समाज का पागलपन है और भारतिय समाज ने सनातन धर्म की सुनी नहीं है कभी
23:34बारतिय समाज ने सनातन धर्म की सुनी होती तो न लिंग भेद बच्चता न जाति भेद बच्चता न तमाम तरह का पिशड़ापन बच्चता
23:50धर्म ने तो समाज से जाति को हटाने की पूरी-पूरी कोशिश करी है पर समाज ने धर्म की सुनी कब है
24:00और जब मैं धर्म कह रहा हूँ
24:04तो उससे मेरा आशे है
24:06दर्शन, विदान्त, शुति, पूरी
24:10इस्मृति की कोई किताब अगर ले आओगे
24:15इस्मृति परंपरा की
24:16तो वो सब तो समाजने सोयम रची हैं
24:20अपनी विवस्था को आगे बढ़ाने के लिए
24:22उनको तो धार्मिक ग्रंथ कहना भी उचित नहीं है
24:25उनमें कुछ आध्यात्मिक नहीं है
24:29तो मनुस्मृति और
24:34निरालंब उपनिशद की तुलना थोड़ी कर सकते हो
24:38भाई, बहुत अलग-अलग चीज़े हैं वो
24:40एक तरफ शुति है, एक तरफ स्मृति है
24:44एक तरफ आत्मग्यान है
24:46और दूसरी तरफ उस समय का समाज शास्त्र
24:49आत्मग्यान का समाज शास्त्र से क्या लेना देना है
24:53और जो किताब सामाजिक नियम काईदों के लिए लिखी गई हो
24:57उसे आप धर्मगरंथ किस तरह बोल सकते हो
25:00ये ऐसी सी बात है कि आप IPC को और CRPC को धर्मग्रंथ बोलो
25:07बोलोगे
25:21सनातन धर्म में जाते के लिए कोई स्थान नहीं है कभी भी नहीं था
25:25हिंदूों में और भारत में अगर जाते वस्था इतनी रही है
25:29तो वो हमारे अहंकार का प्रदर्शन है हमारे अज्ञान का प्रदर्शन है
25:34हम धर्म की कभी सुने नहीं इस अकड का प्रदर्शन है
25:40इस बात पे हमारी आपकी बनेगी नहीं
25:57कि यह वैसी वाद है कि अपर वर की लोगर वह तो क्यों एक्सिलेंट है उनका डेने बहतर है आगे भी बता दो
26:25कि देजिए उनको माइक देजिए थोड़ा कैमेरा लगाओ दो तीन कियों बहतर है उनका डियने बहतर है नो सर जैसे कि मैं जो पूछ रहा हूं बताईए ना एक्सिलेंस आप कह रहे हो कि किसी भी क्षेत्र में एक्सिलेंट लोग आपको एक ही वर्ण से नजार आते हैं
26:55तो क्यों बहतर है डियने बहतर है बिल्कुल हो सकता है जो आप बोल रहे हो कारण भी बता दो ना कारण क्या है
27:04सर मेडिकली तो प्रूफ नहीं होगा बट एक मेडिकली नहीं प्रूफ हो तो कैसे प्रूफ होगा हूशू शू विज्ञान नहीं सिद्ध करेगा तो कैसे सिद्ध करोगे और क्या करण है
27:14और क्या कारण है हाँ ब्रिंगिंग मैंटर करती कि कैसा उसका अब ब्रिंगिंग तो तुम ने करी है ना या देह से है तुम किसी क्या ब्रिंगिंग खराब कर दो फिर कव आदमी खराब है
27:29खराब है तो आदमी खराब है तुम खराब हो किसी बच्चे को तुम सही से शिक्षा नहीं दो पालन पोशन नहीं दो खाना पीना नहीं दो फिर वो बड़ा हो करके अगर किसी क्षेतर में अग्रणी नहीं हो पा रहा है तो उस बच्चे की गलती है तुम्हारी गलती है
27:45और तुर्र घाल ये की चाहऊ हो कि यह थो बच्चे ही खराब हुते हैं
27:51हुट ए ऐसे ही मैं सुना करता है जब कैम्पस में था कहते है ते देखो अ
27:57कि दय्यद्ध तो ब्रहमणों में होता है कि जितने अच्छे बंदफ करें मेरे समय पर
28:04सब के सब देखो ब्रहामणी तो हैं तेंदुलकर, द्रविड, गांगुली, गावसकर, शास्त्री, लक्षमन, यह सब क्या हैं ब्रहामण हैं और समय बदलाद हो नहीं आगे अब रिंकु सिंग
28:24अब क्या गरोगे
28:26कर दूर्शच्छा और स्वास्त ऐधी चीजाएं कि जो इंसान का भविषय नि दान करते हैं।
28:31तो दोन न शिक्षा कि आपने नहीं दिये हैं कि उस दलिद बच्चे के माबाप नहीं चाहते थे जो इसको शिक्षा मिलेए हैं शिक्षा किसने नहीं दी
28:42तो समाज को बोलो कि गंदा है उस बच्चे को क्यों बोल रहे हो कि श्रेष्ट नहीं है यह क्या है यह क्या है आपके तीन बच्चे हो आप दो के साथ नियुत भाव करें उन्हें ठीक से पढ़ाई लिखाएं नहीं खाना पीना भी न दें और उनके मन में हिंता का भाव भरत
29:12ही पता था यह दोनों नालायक है आपने उनने नालायक बना दिया
29:17यह क्या है इसके जो भीज है वह तो इस पूल से अधीय आप को डलता है सरा यह मलब एक है विधांत पूछता है वूम कर दोगते हैं तूर्ट पीचर कौन है
29:33सामाज की स्सा है तो समाज को बदलो ना उस बच्चे को क्यों कितो दोश दे रहे हो
29:39कि समाज को बदलो न बच्चे को क्यो दोष दे रहे हो कि देखो भाई आप जिन सवर्णों की बात कर रहे हो न वो देश की अबादी में बहुत चोटा हिस्सा हैं भारत मने जो बहुजन समाज बहुत बड़ा है भारत मने वही अगर वो आगे नहीं बढ़ेंगे तो राष्�
30:09से प्रेम है कि नहीं तो अपने भाईयों से प्रेम कैसे नहीं करोगे अपने ही देश के लोगों को अपने ही धर्म के लोगों को अलग मान करके या नीचा मान करके धर्म को राष्ट्र को कैसे आगे बढ़ा लोगे और धर्म और राष्ट्र भी पीछे की बात है इंसान है ह
30:39अभी और भी आपती हैं, दीजिए
30:43सर पिछली बार मैंने आपसे जन्मना जाती विवस्था पर सवाल पूछा था
30:58तो उसमें एक ऐसे गुरु है जो की जन्मना जाती विवस्था का समर्थन करते हैं
31:05तो मैंने एक बिंदू पर आपसे प्रशन पूछा था, मैं उनके तरकों का या कहें कुतरकों के
31:10दो और बिंदू आपके सामने रखना चाहता हूँ, वो ये तरक देते हैं कि समाज को चलाने के लिए
31:17हमें एक आरच्छन की जवरत पढ़ती है, जैसा कि वरतमान में समाज में आरच्छन दिया जा रहा है
31:23तो हमारे पुराने विवस्था में, मनुस्मृति में जन्म सही आरच्छन की विवस्था थी
31:29तो ये कहां तक सही है, समाज को चलाने के लिए, और मैं पूछना चाहता हूँ कि वरतमान आरच्छन कहां तक सही है
31:36पुराना आरच्छन जो जन्म सही दिया गया था, और नया आरच्छन जो पढ़े लिखे लोगों ने समाज को बराबरी पर लाने के लिए
31:45यूरोप में कौन सा आरक्षण है, जापान में कौन सा आरक्षण है, कैनेडा, अमेरिका में कौन सा आरक्षण है, बाबा की समाज को चलाने के लिए आरक्षण की ज़रूरत पड़ती है, ये कहां से आदे सत्य उतराया, ये कहां से आदे सत्य उतराया, ये कहां से आदे सत्य
32:15येक्षन मरूसपृती से होता था आप संविधान से हुता है ये कहा से उतर आई
32:20की आरक्षन थो दवाई कीतर होता है वो तभी चाहिए जब पहले बीमारी
32:26बिमारी नहीं है तो दवाई नहीं चाहिए। और जब तक दिमारी चाहिए। बहुत से देश हैं
32:34जहां पर पिमारी है हिए नहीं। किस 뮤� ignorance होती है। क्या
32:44सबसे अच्छी बात तो यह कि बीमारी होई ना पर यह बीमारी आ गई बहुत रहर जो इतनी सीधी बात है
32:49और कुछ भी नहीं
32:54इतना ध्यान नहीं देते पिटाए
32:59और इधर देखते हो गे तभी तुम्हारी यूट्यूब फीड में इसा वाता है
33:05मत देखा करो इधर उधर का
33:07नहीं सर में आपका समर्थन करता हूं
33:09और तुम में
33:10और आपके पक्षे में काफी बहस भी किये मैंने
33:17और दूसरे पक्षे से यह जातिवादी लोगा आते हैं
33:21मत करो यह इतना यह इतना
33:24क्या बोलू इतना सेटल्ड मुद्दा है
33:29कि अब इस पर बहस की कोई गुंजाइश नहीं है
33:32यह एक कि जो चीज बहुत पहले निर्धारित हों चुकी हो निर्णीत हो चुकी हो उसपर आज भैस करो धरति लो यह की है
33:39आकर के बोलो कि मैंने आपके पक्ष में भैस करेज़ है कि धरती भोल है तो मुझे कुई खुशी ठोड़ी होगी तो मुझे कोई
33:47समय खराब करा ये बहस कबकी निपट चुकी इसमें अब बहस के लिए कुछ बचा भी नहीं है
33:53on the grounds of principles
34:00सैध्धान्तिक धरातल पर जाती एक निर्नीत मुद्दा है
34:07बाकी आपको बहस करनी है समय खराब करने के लिए तो करते रहो
34:12नहीं तो वह मुद्दा तो कब का तै हो चुका है आप समझ रहे हैं
34:20हाकी तो अपनी अपनी मर्जी है सोशल मेडिया पर बैठ कर हफ्तों तक हम किसी से बहस कर सकते हैं
34:27सब के पास Twitter है लिखते जाओ लिखते जाओ गाली गलॉज करो कोई किसी को रोग तो सकता नहीं है
34:33गाली गलॉजी तो होती है इन में और कौन सी कोई विद्वत्ता पूर्ण भहस होती है इन मुद्दों पर कोई शास्त्रा आर्थ होता है
34:43तो मुझे गाली दो मैं तुम्हें गाली दू यही होता है
34:47और सुनो एक बात आप में से आपने तो ब्राह्मन होने के नाते प्रश्न पूछा था ठीक है तो उत्तर की शुरुवात हुई थी
35:08कि एक ब्राह्मन को संबोधित करके अब मैं उत्तर का अंत कर रहा हूं उनको संबोधित करके जो अपने आपको इस विस्ता में शुषित देखते हैं मैं आप से बात कर रहा हूं
35:20अपना अपमान मत करो अपने आपको किसी भी जाती के साथ जोड करके
35:29समझ में आरी बाद, कम से कम जब तक मेरे साथ हो आप, मेरे लिए आपकी देह का महत्तो नहीं है, नहीं है, इतन अहीं हो सकता है देह का महत्तो कि चक्कर खाके गिरपड़ो तो अस्पताल भेजते हैं, या भूखे हो तो खाना खालो भाई बाहर खाना, इससे जाधा देह का �
35:59यह नहीं देखने के लिए बैठे हुए हैं
36:01और आप भी अगर यह देख रहे हो तो आप अपना अपमान कर रहे हो
36:04मत देखो यह सब और सुनो
36:07कोई और अगर यह सब देखता है आप में
36:10मत चलो उसके साथ
36:12मत सुनो उसकी बात
36:15मत बनो उसकी अनियाई
36:16मत रखो उसे अपनी जिन्दगी में
36:18कोई अनिवारिता नहीं है
36:20कि जो लोग आपको देह और जाती बनाए हुए है
36:24आप उनको अपना दोस्त बना कर रखें
36:27मैं दुश्मनी के लिए नहीं कह रहा हूँ
36:28उपेक्षा के लिए कह रहा हूँ
36:30हटाओ
36:30बहुत छोटी सिंदगी है
36:32उसको सही तरीके से
36:35सही लोगों के साथ बिताना है
36:36जो आदमी
36:39आप में एक गलत भाव भर रहा हो
36:41उसकी बात सुनना
36:43रोज उसका मूँ देखना
36:45या उससे बहस भी करना
36:46या उसको गलत साबित करने की कोशिश करना
36:49यह भी अपने समय की बरबादी है
36:51आगे बढ़ो जीवन बनाओ
36:54सब प्रक्रती से उठे हैं
36:58सब मिट्टी की अउलादे हैं
37:01सब एक से हैं
37:02और सब के पास समय बहुत कम है
37:04यह सब नौन इस्जूज हैं
37:07इन में मत उल्जो
37:08और जो आपको उल्जाता हो
37:10चाहे लिंग के आधार पर
37:12चाहे किसी भी आधार पर
37:13जैराम जी की
37:16आ रही बात समझ में
37:18बड़े मुद्दों की बात करेंगे न
37:21वैश्विक मुद्दे हैं
37:23एक डेड़ घंटे से यह बात कर रहे हैं
37:25क्लाइमिट चेंज कहां गया
37:26हम उसकी नहीं बात कर रहे हैं
37:29किस चीज की बात कर रहे हैं
37:30एक कालपन एक मुद्दा जाती
37:31जो होती ही नहीं
37:32जो हो सकती ही नहीं है
37:35उसकी बात करे जा रहे हैं
37:36तो जो है उसकी बात कौन करेगा
37:38क्लाइमिट चेंज की बात कौन करेगा फिर
37:41जाति न पूछो साधु की
37:58पूछ लीजिये ग्यान
38:04जाति न पूछो साधु की
38:10पूछ लीजिये ग्यान
38:16मोल करो तलवार का
38:22पड़ी रहन दो म्यान रिसा दो
38:28पड़ी रहन दो म्यान
38:34जाति न पूछो साधु की
38:40पूछ लीजिये ग्यान
38:46जाति न पूछो साधु की
38:52पूछ लीजिये ग्यान
38:58मोल करो तलवार का
39:04पड़ी रहन दो म्यान
39:08रिसा दो
39:10पड़ी रहन दो म्यान
39:16कभी राकुआ एक है
39:22पानी भरे अने
39:28कभी राकुआ एक है
39:34पानी भरे अने
39:42बरतन में ही भेद है
39:48पानी सब में एक रिसा दो
39:54पानी सब में
40:00कभी राकुआ एक है
40:06पानी भरे अने
40:12कभी राकुआ एक है
40:18पानी भरे अने
40:24बरतन में ही भेद है
40:30पानी सब में एक रिसा दो
40:36पानी सब में
40:42एक बूंद एक एमल मुतर
40:48एक चाम एक गुदा
40:54एक बूंद एक एमल मुतर
41:00एक चाम एक गुदा
41:06एक जोती से सब उत पना
41:13कौन बामन कौन शूद रिसादो
41:19कौन बामन कौन शूद
41:25एक बूंद एक एमल मुतर
41:30एक चाम एक गुदा
41:36एक बूंद एक एमल मुतर
41:43एक चाम एक गुदा
41:48एक जोती से सब उत पना
41:55कौन बामन कौन शूद रिसादो
42:01कौन बामन कौन शूद
42:06एक बूद एक चामन कौन शूद
42:11ए !
42:21ए!
42:23ए!
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42:27ए!
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