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00:00मैं फिलाल एक हस्पिटल में एड़ी टूब बेरको ऐसा लगा अपने वार्ड में भी देख रहा था
00:05सब के सब हर पेशन के साथ के कोई दब कोई है मेरे साथ ही सर्फ नहीं है
00:10तो क्या बुर्णापे में भी सर्फ ऐसे ही मेरे कोई साहरा नहीं भी लेगा
00:13तो जो अकेला पन है उसको हटाने के लिए एक उपाय वो कर सकते हो जो तुमारे साथ अभी हुआ था
00:18पहले अकेले थे तो कोई भया नहीं था कम से कम क्योंकि कुछ है ही नहीं
00:21जब कोई है नहीं तो किसके खोने कब है लेकिन जो अपनी ही संगति में स्वस्थ नहीं है सहज नहीं है वो अगर दूसरों की संगति करता है तो क्या करता है
00:30बढ़िया द्रिश्य होगा ज्यानी से ज्यानी मिले होए रसकी बात लिकिन अगर अपने साथ खुछ नहीं हो तो गदहा सो गदहा मिले होए लातमलात
00:40हलो सर रवश्कार अचारे प्रशाद सर मैं कोहाटी असाब कोहाटी असाब से बोल रहा हूँ
00:53मैं फिलाल एक हस्पिटल में एड़ी टू सर दिद पे गीता कवरिटी असाब से बहुत सारे दोस्त मेरे आये थे मेरे हालचाल पूछने के लिए
01:06और वो पूछ के चली भी गए चले जाने के बाद मेरे को थोड़ा सा अच्छा दी लगा और आप जो गोलते हैं कि मेरा किसी के साथ भी आप अपका जीवार अच्छे से कार सकते हो पेरको थोड़ा सा सर उसके सद्दे हो गया और पेरको ऐसा लगा अपने वार्ड में भी �
01:36पर आपे में भी सर ऐसे ही विरको वालब कोई साहरा डई भी लेगा या कि असली होगा सर अकेला तो अपने आपको मान सकते हो ठीक है दिक्कत यह होगी बस मैं तुम्हारे अनुभाव को खारिज नहीं कर रहा हूँ अकेलेपन का अनुभाव हो रहा है तुम्हें होता है मु�
02:06आपको अकेला मान सकते हो ठीक है पर अब मैं यहां से दो संभावनाएं बता देता हूँ खुदी चुन लेना एक यह है कि अकेलेपन को अटाने के लिए लोग बोला लो जैसे तुम्हें देखने के लिए हुआ क्या है पहले तुम्हें बताओ
02:20पहले दोस से ब्लीडिव हुआ है और यह जो डॉक्टर ने बोला है कि डोस वैसल्स जो है वो सूप गए थे तो पहले पहले पहले पर कुछ चूट लगके वह आसे ज्यादर ब्लीडिव हो रहा हुगया था पहले पहले अग्दर में कुछ दालके वो किया है
02:46जो अकेला पन है उसको हटाने के लिए एक उपाए वो कर सकते हो जो तुम्हारे साथ अभी हुआ था लोग बुला लिए पांच आठ दस तन पंद्रा छे अजार
02:59वो आएंगे तो जाएंगे और जाने के बाद पहले से ज्यादा अकेले हो जाओगे
03:11फिर ये तुम्हारे साथ पहली बार नहीं हो रहा कि जो आया है वो गया भी है
03:18तो जिस समय जिस अंतराल में ये लोग तुम्हारे पास मौझूद भी है ठीक उस वक्त भी तुमको पता है कि यदि ये आएंगे तो जब वो मौझूद है तब भी ये आशंका तो बिलकुल बनी हुए ना कि ये जाने वाले हैं
03:37बताओ तुम्हारा अकेला पन हटा या अकेला पन तो उतन नहीं है और अब साथ में भै भी आ गया है पहले अकेले थे तो कोई भै नहीं था कम से कम क्योंकि कुछ है ही नहीं जब कोई है नहीं तो किसके खोने का भै जब कोई है ही नहीं मेरे पास तो किसी के खोने का भै भ
04:07तो एक तो तुम पाओगे कि उनके होने भर से तुम्हारा अकेलापन चला नहीं गया हाँ डर और आ गया है कि ये कभी भी जा सकते हैं और कुछ समय बाद वो सचमुच चले भी जाएंगे तुम्हारा अकेलापन और बढ़ जाएगा और बढ़ जाएगा तो एक तरीका तो य
04:37भुलू चल तेरा ही साथ कर लेते हैं है। किया चीज़ है और तुटसे बात करते हैं।
04:44मैं और मेरी तवह अपसमेंakers करते हैं। नंुम अखेले रहे न अकेला बन अकेला रहा।
04:54दोनों को साथ ही मिल गया
05:00अकेले पजसे उसका हाल चाल पूछो तु कौन है तु क्यूं है
05:04तु मेरे साथ क्यों लगा हुआ है
05:10बात आ रही है समझ में
05:14अपने साथ होना सीखो दूसरों की संगत में निश्यति कोई बुराही नहीं है
05:21और दूसरों की संगत एक बात होती है और दूसरों पर निर्भर होना एकदम अलग बात होती है
05:29गुता है मैं अपने साथ स्वस्थ हूँ, मैं अपने साथ ठीक हूँ, अब कोई और आ गया है तो अब हम
05:37एक स्वस्थ प्रिष्टा बना सकते हैं, हस खेल सकते हैं, बिना एक दूसरे से चिपके, बिना एक दूसरे
05:47पराश्रित हुए और बिना फिर एक दूसरे परहिंसक हुए
05:51यह बात होती है मेरा अकेलापन है
05:56पर मैं अब उस अकेलेपन के साथ
05:59ठीक हूँ, स्वस्थ हूँ
06:02मैं उसको पहचानता हूँ, मैं जान रहा हूँ वो क्या चीज़े
06:05वो भीतर से उठता है
06:08तो मुझे जटका नहीं लग जाता
06:11मैं आश्रे से बौकला या तिल मिला नहीं जाता
06:17मैं उसको जानता हूँ
06:21मैंने जानने की संगते कर लिये
06:24और यह संगते पहली संगते होनी चाहिए जंदगी में
06:34अपने ही अकेलेपन को जानने की संगते
06:37ये पहली संगति होनी चाहिए
06:40उसके बाद और जितनी संगतियां करनी हैं करो वो सब स्वस्थ रहेंगी
06:44अच्छी रहेंगी
06:46लेकिन जो अपनी ही संगति में
06:52स्वस्थ नहीं है, सहज नहीं है
06:55वो अगर दूसरों की संगति करता है तो क्या करता है
06:58किसको याद है वो बिचारे चले जा रहे हैं विक्रमादित्य ऐसे नंगी तलवार ले कर गए उन्ना लायक
07:14बच्छूरत किसी पेड़ से कूद के फट से कंदे पे चड़ गया है और बोल रहा है मैं कहानी सुनांगा बलतो कहानी सुनो
07:24इससे अपने संगी साथ ही पार्टनर याद आ रहे हैं वो क्या करते है पहले तो तुमने कहा नहीं कि मेरे पास आओ किसी भी पेड़ से कूद के खट से तुम्हारे उपर कूद पड़ते हैं कहने को तुम हो राजा पर उचड़ा है सीधे तुम्हारे कंदे पे और फिर क्या �
07:54अगर कहानी सुन करके तुमने सही जवाब भी नहीं दिया तो तुम्हारा सिर्फ सो टकड़ों फट जाएगा मैंने पहले कहानी सुनो भी बड़े धीरत से और फिर उनको जवाब भी दो नहीं तो धमकी दे रहेंगे सर फूर देंगे यह हमारी संगति होती है ऐसों की संग
08:24कि अरे क्यों नहीं बेताल होना चैए बाबा बुल्लेशा बोल गए जिनतल लगिया इश्क कमाल नाचे बेसोत ते बेताल अधर्म के लोग हो कुछ तो गुण को बर करो
08:40कहीं कीट कहीं का रोड़ा भानुमतिने कुनबा जोड़ा कहीं तो जोड़ो कुछ तो उल्टा-पुल्टा करो
08:49उसके बेना लगई गाई नहीं कि तुम धार्मिक लोग हो
08:53जो सीधी सच्ची रहा चल ले उसको धार्मिक आदमी बोलते हैं
08:58जो उंचे से उंचे ग्रंथों को भी अपनी कुटिलता से छोड़े नहीं उसको धार्मिक आदमी बोलते हैं
09:07कि गीता का भी जो उल्टा-पुल्टा अर्थ करके लिख दे उसको बोलते हैं धार्मिक आदमी
09:11तो इतना तो तुम करी सकते हो
09:14कि संतों की काफी में बेताल नाम का भूद हुसर दो नाचे बेसुत्य बेताल
09:20कौन सी संगती कैसी संगती
09:29क्या करोगे उस संगती का वो आदमी अपनी संगती में खुश नहीं है वो तुम्हें क्या देगा
09:37हिंसक संगती है ये परजीवी संगती है ये परसिटिक
09:44जोक लीच कुछ इशारा मिल रहा है
09:54जुआं तूस लूँगा चिपक जाओंगा काट लूँगा घुस जाओंगा
10:05तने न छोड़ूँगा
10:08और फिर ऐसे भूतों की घुस्टिंग करनी पड़ती है
10:19उसकी और क्या करें
10:27उसे बचना तो यही करना पड़ता है
10:31अपने साथ ठीक हो लो
10:35फिर कोई मिल गया
10:37तो बहुत अच्छी बात है
10:39बढ़ी आद रिश्य होगा
10:43ग्यानी से ग्यानी मिले
10:45ओवे रसकी बात
10:48लेकिन अगर अपने साथ खुश नहीं हो तो गदहा सो गदहा मिले
10:52होए लातम लात
10:55ग्यानी वो जिसको दूसरा ग्यानी नहीं भी मिल रहा तो भी वो खुश है
11:03हम समाज से कटने की बात नहीं कर रहे है
11:10हम कह रहे हैं कि ऐसे हो जाओ
11:13कि स्वस्त समाज बन सके
11:15दो परजीवी एक दूसरे से चिपक गए है
11:20और होड़ लगी हुई है
11:22कि पहले और ज्यादा खून कौन चूसेगा
11:25इसको क्या बोले जोगल बंदी
11:30क्या है ये
11:32औरकेस्ट्रा है क्या हो रहा है ये
11:35सालसा
11:37आप बता
11:42चाल पे चाल चली जा रही है
11:47घात पे घात करे जा रहे है
11:49भीतर चोट है
11:54एक हाथ में
11:56तलवार है एक में ढाल है
11:58यही होती है ना हमारी हालत
12:01यहां क्या होती है
12:03चोट
12:04इधर से सामने वाले को मारने को तया रहे है
12:06और इधर से पता है कि सामने वाला ऐसा है कि हमें यह मारेगा
12:09यह कोई जीने का तरीका है यह कोई रिष्टे है
12:11रिष्टा तब है जब यहां चोट ना हो
12:16उस चोट का नाम है लोनलिन ऐसा केलापन
12:18उसके साथ सहज जीना सीख लो
12:23ऐसे आदमी का शोषण बहुत मुश्किल हो जाता है
12:28जो अपने साथ सहज हो गया है
12:31और ऐसा आदमी जो अपने साथ सभी सहज नहीं है
12:34इसका सब शोषण करेंगे
12:36इसा कोई ना शोशन करें तो खुद ही अपना करेगा
12:39और यह आध्यात्मिक बात है
12:46वो आत्म जिसके साथ तुम सहज हो सकते हो उसको ही आत्मा बोलते हैं
12:53अपने साथ सहज हो जाने को ही आत्मस्त होना बोलते हैं
12:58आप ट्रेन में बसमें बैठे हो और लंबी आत्रा है बहुत कई घंटों की
13:10और आपको अगर खुजली नहीं मोच लग रही है
13:14कि अगल बगल वालों को कोहनी मारें उनसे बात करें
13:17कोई बात कर रहा है तो उस बात में घुश जाएं
13:20किसी को ऐसे देखें किसी को ऐसे ताड़ें तो यह अच्छी बात है
13:27इससे आप असामाजिक नहीं हो गए
13:30इससे आप पता चल रहा है कि
13:36आत्मकेंद्रित हैं स्वेम में स्वस्त हैं
13:39और लोग देखें ऐसे लेना एक न देना दो
13:45उनके बगल में कोई भी दो बैठे होंगे उनकी बात में मूडाल देंगे घुश जाएंगे
13:50ना तुम्हें बुलाया ना तुमसे रिष्टा
13:53क्यों घुशे चले आ रहे हो
13:56तुम भी ऐसे ही करते हो
14:02आप ने जो बोला एक दो प्रेको समझ भी आया है
14:08और आपने जैसे बुला साथ संगती साथ संगती हां तो सर अब लोग की घीता कपुरीटे की एक भाई मेरे साथ आभी
14:18इसलिए तो नहीं कर रहा हुए खुद से बात ना करनी पड़े
14:43उना तो यह चाहिए है कि दस बार खुद से बात करो तब एक बार दूसरे से बात करो ना
14:51दो लोग अगल अगल भी बैठे हैं तो कोई ज़रूरी थोड़ी है कि बात करते रहें
14:56अपने ही भीतर इतनी अंसुल्जी चीजें हैं अपने साथ बैठकर अकेले होकर पहले उनको सुल्जालो
15:05और फिर दूसरे से उतने ही बोलो ना कि जितने में दूसरे का भी कुछ भलाओ
15:10अपने भीतर से बुल्जा हुल्जा पड़ा हुआ है वो ले जाकर तुम उसके ओपर डाल रहे हो फेंक रहे हो डंप कर रहे हो ये भी तो संभव है यही ज़्यादा होता है
15:21कि मेरा जितना कच्रा है
15:27वो मैं दूसरे को पर डाल दू
15:28ये सत्संगति है
15:29ये कौन सी सत्संगति है
15:31वो कूड़े वाला ट्रक देखा है
15:33जा कि उसे पिछोड़े के पास
15:37खड़े हो जाओ
15:38और फिर वो ऐसे उठ रहा है
15:41उसका पीछे से पूरा जो
15:42वो ऐसे डाल रहा है
15:45बोल रहा है आई लव यू हनी
15:49आई कन शेर अवरिफिंग विद यू
15:55तुम ही एक मेरे अपने हो
15:59जिससे मैं दिल की बात कर सकता हूँ
16:01बहुत खतरनाक शब्द होता है
16:04कि मैं आज तुम से दिल की बात करना चाहता हूँ
16:06रेन कूट और डाल के जाया करें
16:10दिल की बात करना है बहुत सारा गूगली दरब तुम्हारे उपर फेंका जाएगा
16:19एक टेक्निलोजिकल इनोवेशन जो बहुत पहले हो जाना चाहिए था पर हुआ नहीं
16:26वह इन्विजिबल इयर प्लग्स
16:29पते से मुंडी हिलाते रुखा हूँ
16:35येस हनी, I am with you
16:37येस, yes I am listening
16:39दूसरे से बात करने एक में कोई बुरा ही नहीं है
16:46पर बात करने लाए कुछ हो तो
16:47मेरे पास सिर्फ मेरी गंदगी है
16:50मैं उसी की बात कर सकता हूँ
16:52तो मत करो ना, इहसान करो उस पर बक्ष दो उसको
16:55कुछ पालो, तो उसको बाटो भी
16:58हम पडोसी को देने जाते हैं
17:02अरे घर में कुछ अच्छा बना है
17:04तो एक कटोरे में भरके आप पडोसी के हाँ
17:07पहले होता था, अब नहीं होता है
17:09एक कटोरे में कुछ आज खास बनाया तो कहते थे चलो पडोसी जित्ते हैं सब को थोड़ा थोड़ा सब सब में बाट तो अच्छी बात
17:16कि अब आज शोचाले की सफाई करी है
17:19और कटोरे पर कटोरे निकल रहे हैं
17:28कि सत संगती
17:39इह कोई बात है
17:44भीतर मंदिर हो तो उसका प्रसाद बाटा जाता है
17:51हमारे भीतर देवाले तो होता नहीं
17:55शोचाले होता है अब तुम उसका प्रसाद बाट रहे हो
18:01तो बोल रहे हो he is my bosom paal
18:03सौरी बाते शेयर करता हूं मैं इससे शौरी बाते
18:06यह तो वही जानता है ना
18:09उसको मुह देखो जब तुम शेयर करते हो
18:13मैं तो कईयों को देखा है वो
18:19जब उधर से बहुत शेयरिंग चल रही है तो तो फोन ऐसे रख देते है
18:22तो हम मीन ले लेते है
18:36साथ साथ अगर बैठो भी तो एक दूसरे से जितना जरूरी है उतना ही बोलो
18:43कि बख बख बख बख
18:45क्या है यह
18:48वाक हिंसा है यह
18:52जबान को कैची की तरह भी नहीं
19:00तलवार की तरह इस्तेमाल कर रहे हो
19:02दूसरे के अंतस को बिलकुल छिंड भिन कर देने के लिए
19:07दो जने अलग-अलग बैठे हो
19:11चुपचाप अपना देख रहे हो दुनिया को खिड़की से बाहर
19:15या कोई किताब पढ़ रहे हो
19:16ना तुम्हें किताब में कोई बहुत
19:21अच्छी
19:22बात मिल गई
19:24बोध हवाक्य मिल गया, इंसाइट मिल गई
19:27धीरे से दूसरे के साथ बाट दो
19:30धीरे से
19:32कभी ने कहा था
19:44किसी के कमरे में घुसो
19:46तो दर्वाजा खुला भी ऐसे करो कि आवाज ना हो
19:51और जब बाहर जाओ
19:54तो बंद भी ऐसे करो कि आवाज ना हो
19:56ना अपने आने का हैसास कराओ
19:59ना अपने जाने का
20:01एक मौन उपस्थित बन कर रहो
20:05तो मुझूद तो है
20:12पर इतनी असुरक्षित नहीं
20:20इतनी हिंसक नहीं
20:22कि अपने अहसास कराने
20:25ये व्याकुलता रखती हो
20:28मत हैं
20:31मौजूद हैं तुम्हें कुछ कहना हो तो हमसे कह लेना
20:38तुहीं चले नहीं गए
20:40और अब तो
20:46टेक्नोलोजी के साथ ही और आसान है न
20:49क्योंकि दूसरा सशरीर नहीं भी मौजूद हो
20:53तो फोन पर तो मौजूद है
20:55हुँ
20:59जो उसको कहना चाहते हो एक बात कहा तो कम से कम कहो
21:04और ऐसी बात कहो कि वाख
21:06बात ऐसी कही कि मज़ा आ गया
21:09यह सब जो पूरी लोक संस्कृती है सुख दुकी छोटी छोटी बाते हैं और यह सब इससे बा आ जाओ
21:17आज ने मेरी कड़ी जल गई
21:28ए भाई वो कुछ कर रहा था
21:32कुछ रहा था बहुत अच्छा कर रहा हो काहे तुमने कड़ी जली हुई डाल दी उसके मूँ पे
21:38कड़ी जल गई दुबारा बना लगए
21:43उसकी हिम्मत की वो तुम्हारी जली हुई कड़ी की तारीफ में दो लवज न बोले
21:59आज कड़ी जली है कल कुछ और जलेगा बीच में दिल जलेगा
22:04यह कोई संगत्य है
22:08एक पिक्शर आई थी जब वी मेट
22:17उसमें एक चरित्र था
22:23और जो चरित्र था बहुत बीमार चरित्र था
22:27पर उसने लड़कियों की एक पूरी पीड़ी को अपने जैसा बना दिया
22:34वो जो उसमें हिरोईन थी
22:39जिसका मुँँ ही बंद नहीं होता था
22:43फ्राइड को बुलाया जाता पूछा जाता कि ये इसके होट बंद क्यों नहीं होते
22:52कि जबान इतनी चलती क्यों है चक्कर क्या इसका
22:55फ्राइड बहुत रोचक
22:57उसका विवरन देते कि इसके साथ समस्या क्या है
23:02कि इसमें क्यूटनेस कुछ नहीं है
23:07ये शायद सेक्शूल फ्रस्टेशन है
23:12पर हिंदुस्तान की लड़कियों की एक पूरी पीड़ी
23:18उससे पहले एक और आई थी पिक्चर
23:20उसमें भी यही अदा का रहा थी
23:23और उसमें उनका नाम शायद पू था
23:25देखो उपनिशदों को
23:39उची से उची बात
23:40इतने संक्षेप में
23:43पक पक पक थोड़ी करनी है
23:46किसने कहा था
23:53ब्रेविटी इस दा सोल अफ विट
23:55बखवास कम की होती तो यह पता होता
24:02और दुनिया की सो बाते पता है
24:06मैंने का पू
24:06तो पांच लोग पू करने वैठ गए
24:09अब मैं पूछ रहा हूं किस विद्वान ने यह कहा था
24:12तो किसी को पता नहीं
24:13यह दोनों बाते सम्बंधित हैं
24:20यह था दवा सर और पिरा अभी
24:28शिलाल कोई प्रश्र दियें
24:30बहुत अच्छा लगा आप से बिलकर
24:32आप सीज़ करतें
24:34यह रहा हूँ
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