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  • 3 days ago

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00:00अजारी जी आज आपने बात करी फ्रेम्च सीखना पड़ता है तो फिर फ्रेम्च सीखना पड़ता है मैं सीखना पड़ता है सिफ़्े क्या आश है आप जिसको प्यार सोचते हो प्यार नहीं है बात खत्म अब ये बात ऐसा लगता है ज्यादा तर लोगों की मुँपर जूत
00:30पर अपने स्वार्थों को हम प्यार का नाम देते हैं।
00:33कितने अनाथ बच्चे हैं उन्हें कोई गोधवी लेने को तयार नहीं है, क्योंकि मेरे शरीर के नहीं है।
00:37हम शरीर के लावा कौन सा प्यार जानते हैं।
00:39अच्छा तो रिष्टा ही तोड़ दें।
00:41इस अचार ने इतना कुछ बोल दिया।
01:11एकदम निगेटेव आदमी है।
01:13ऐसी तैसी घर्दी हमारे प्यार की।
01:15हम जिसको प्यार कहते हैं उस पे तो थूप दिया इसमें।
01:18लेकिन फिर अब ये भी तो तू बता कि असली प्यार क्या होता है।
01:22अनाम अचारे जी।
01:29मुझे आपसे जुड़े हुए लगवर दो साल हो चुके हैं।
01:33और मैं प्रेम सीखना पड़ता है किताब जो है।
01:37उसके मार्धियम से ही आपसे जुड़ी थी।
01:39अजारी जी तो मेरा सवाल ये है कि
01:43जो साधारेम प्रेम है वो तो रसायनिक है।
01:46और आपने समझाया कि प्रेम जो है अकारण होता है
01:50और यही जो बुक है जो आप हमेशे समझाते भी है कि
01:53प्रेम सीखना पड़ता है।
01:55तो फिर प्रेम्स सीखना पड़ता है, मैं सीखना पड़ता है से फिर क्या आशाय है।
02:00Unlearn
02:01Unlearn
02:03मैं सकारात्मक बात कभी कोई बोलता पकड़ा गया?
02:11दुनिया भर के सारे इल्जाम लगे, आज तक कभी कोई पॉजिटिव बात करने का इल्जाम लगा मेरे उपर?
02:15तो मैं कहूँ कि एगर सीखना पड़ता है, तो उसका आर्थ होगा बुलाना पड़ता है।
02:45प्यार तो सभी ने सीख रखा होता है
02:49और तीन भी इसलिए क्योंकि तीन में वो ठीक से बोलने लायक होता है नहीं तो वो और पहले बोल देता
02:57और पहले बोल देता हम तो जन्मजाट वो नकली वाला प्यार तो सीख के आते ही है ना
03:06सो जो शिशु अगर बोल सकता तो मा को बोलता I just love the shape of you
03:11वो भी बोलता ये तो अब उसके ना दाथ है ना जबान है तो क्या नहीं तो वो भी बोल देता
03:18नकली प्यार तो सब सीख करते हैं कोख से सीख करते हैं तो जब मैं कहूं प्यार सीखना पड़ता है तो माने
03:28जो कुछ तुम प्यार माने बैठे हो वो प्यार जैसा कता ही नहीं है ये जानना
03:36लव मस्ट बी लर्ण्ट माने लव मस्ट बी अन लर्ण्ट आप जिसको प्यार सोचते हो प्यार नहीं है बात खत्म
03:49अब ये बात ऐसा लगता है ज्यादा तर लोगों कि मुँपर जूता भिगो के मार दिया किसी ने
03:57क्योंकि पूरी जिन्दगी प्यार के नाम हमने लिख रखी होती है पूरी जिन्दगी
04:06सबको गुमान होता है, मेरे माबाप ने मुझसे बहुत प्यार किया, फिर मैंने अपनी बीवी से प्यार किया, तो उससे मेरे बच्चे आए, फिर मैंने अपने बच्चे उसे प्यार किया, फिर मैंने ये किया, फिर वो किया, मैंने अपनी पडोसन से प्यार किया, सब प्यार
04:36पहा दिये, रुपया पैसा भी इसे ही लिए कमाते हो। देखो अपनों के लिए । कमाना पड़ता है न हम आरे प्यारे
04:45जब पताछले कि यह सब जिसको प्यार समझते थे तो उसमें कहीं से इतना सा भी नहीं प्यार, बात उनकी�ीib Eun i.za
04:56कि हम स्वार्त जानते हैं
05:03और मज़ी की बाद समझते हो जैसे स्वार्थ हम जानते हैं वैसे ही स्वार्थ सब जानवर जानते हैं क्योंकि वह और हम है तो एक ही जंगल की पैदाईश
05:16पर अपने स्वार्थों को हम प्यार का नाम देते हैं तो जब हम जानवरों को भी देखते हैं कुछ करते हुए तो हम कहते हैं
05:24सी दे आर मेकिंग लव हम जानवरों के भी स्वार्थों को प्यार का नाम दे जाते हैं
05:29एक रील चलती है
05:34कि एक
05:36मा जाती है अपने बच्चे को लेके
05:39और वो चिंपैंजी के पास खड़ी हो जाती है
05:41मादा
05:42चिंपैंजी या गोरिला कुछ है
05:44तो वो देखती है वो
05:48चिंपैंजी कि अपने बच्चे को लेके
05:51खड़ी है
05:51इनसानों की मादा
05:54तो वो पीछे दोड़ कर जाती है
05:57वो भी अपना बच्चा ले आती है दिखाने लगती है
05:59देखो मेरा भी है
06:00और वो बिलकुल वाइरल है
06:03उस पर नजाने कितने मिलियन व्यूज हैं
06:04कहते हैं देखा
06:05इनसान की तरह जानवर भी अपने बच्चों से कितना प्यार करते हैं
06:09ये तुम कुतरक की इंतहा देखो
06:13तुम मान ये रहे हो कि इनसान तो प्यार करता है
06:16और चुकि जानवर भी यहाँ पर इनसान जैसा वेभार कर रहा है
06:20तो इसलिए जानवर को भी हम कहेंगे कि वो भी प्यार करता है इसमें धारणा पहले ही क्या है इनसान तो करता ही यह प्यार अब जानवर भी अगर इनसान जैसा वेभार करें तो फिर हम जानवर को भी कहेंगे कि इनसान जैसा प्यार भाई तुम ही नहीं करते जानवर क्या कर
06:50बीच में जो रिष्टा होता है तुमें उसको प्यार बोलना है तो नजाने कितनी प्रजातिया है जिसमें मा बच्चे को खाती है जिसमें मा ही अपने बच्चे को खा जाती है
07:02तो उसको भी प्यार बोलो, अरे वो शारीरिक संस्कार है, जो तुमसे पूछ कर प्रक्रतिने तुम में नहीं डालें, उसमें प्रेम थोड़ी आ गया, प्रेम प्राक्रतिक नहीं होता,
07:18तो जो कुछ प्राक्रतिक है जिसको प्रेम कहे बैठे हो, उसको भूलाना होता है, तब असली प्रेम अपने आप प्रकट होता है, रिवील होता है, प्रेम सीखना पढ़ता है, मानने ये थोड़ी कि कहीं पर जाकर के लव गुरू से लव लेसंस ले रहे हो, वो सब भी वैसे
07:48देख रहा था मैं, वो था कि क्या आपकी शादी होने वाली है, क्या आपको परफॉर्मस एंग्जाइटी है, आएं दरिया गंज में डॉक्टर मुराद के पास, वो आपको प्रेम सिखाएंगे, अलग-अलग उनके पैकेज थे,
08:05बेसिक मिशनरी इतना, चार पुदीशन्स इतना, अठारा एग्जोटिक पुदीशन्स, बंपर प्रीमियम पैकेज, अलोंग विद गारंटीड रिफंड, इतना,
08:23प्रेम सीखना पड़ता है, ऐसे ये आशे निकाल लिया क्या, और इसके अलावा दूसरा आशे निकाल नहीं सकते हैं, कि हमारे लिए तो प्रेम शारीरिक के अलावा कुछ होता नहीं,
08:36कोई प्रेम बता दो हमारा, जिसका शरीर से नाता ना हो, यहाँ तक कि आप जब ये भी बोलते हो, कि हमें भगवान से प्रेम है, तो उनको भी शरीरी बना देते हो,
08:48और अच्छा अच्छा उनको शरीर दे देते हो फिर कहते हो देखो कितनी प्यारी उनकी आखें हैं
08:54कितने प्यारे उनके हाथ हैं कितने कोमल उनके चरण हैं
08:59शरीर के अलावा हम कोई प्यार जानते हैं क्या यह सब भूलाना पड़ता है
09:05यह सब भूलाना पड़ता है
09:18इसमें कोई अपमान की बात नहीं है
09:22रिष्टा तोड़ने के लिए नहीं कहा जा रहा बस ये स्विकार करने के लिए कहा जा रहा है क्योंकि सच है सच को स्विकार नहीं करो के तो क्या करोगे
09:32जोकि सच है कि वो जो रिष्टा है ठीक है रिष्टा होगा वो प्यार नहीं है रिष्टा रखे रहो पर ये जूटा दावा बंद करो भकवास की उसमें प्यार है
09:50ये का प्यार है
09:51अभी एक प्यार से भरे हुए बाप ने अपनी प्यारी बेटी को गोलिया मारी है
10:00यह सब क्या होता है नहीं IVF अपना खून होना चाहिए
10:04जब तक मेरे शरीर का नहीं है तब तक उसको पालूँगा भी नहीं
10:13इतने अनाथ बच्चे हैं उन्हें कोई गोध भी लेने को तयार नहीं है क्योंकि मेरे शरीर के नहीं है
10:19हम शरीर के लावा कौन सा प्यार जानते हैं कौन सा जानते हैं अभी अभी मा को बच्चा हुआ हो
10:33बार्ड में वहां और भी कहीं थी उनको भी प्रसूती हुई है और उसके मा के हाथ में आपने बच्चा दे दिया और वो उसको विल्कुल चूम रही है
10:43सहला रही है जितने तरीके से प्यार कर सकती हम प्यारी तो बोलते हैं कि देखो मम्मी अभी उसको प्यार कर लही है
10:49और उसको हर तरीके से प्यार कर रही है और ये वो जाड़ना पोचना उसकी टट्टी साफ करना दूद्ध पिलाना सब चल रहा है वारा प्यार वाला कारेकरम चल रहा है और तभी नर्स आके बताए अरे मैम ये आपका नहीं है आपका वाला उधार है
11:02ये जो हाथ में तुरुंत इसको ऐसे रख दोगे कहां गया प्यार कहां गया प्यार मैं तो कहां रख दोगे
11:17ज्यादातर जो माताएं है वो इतनी प्रेमी होती है कि रखेंगी नहीं वो फेक देंगी कहेंगी ये कशरा मेरे हाथ में क्यों दे दिया
11:31मेरा वाला कहां है ये है प्रेम सीखना पड़ता है आप जिसको प्रेम बोल रहे हूँ दुनिया की हिंसा का सबसे बड़ा बलकि एकलोता कारण है
11:44दुनिया भर में आप जो हिंसा पाते हो दुख पाते हो उसका क्या सकते हैं कि एक मात्र कारण है हमारी प्रेम की विक्रत आउधारणा
11:57सारी हिंसा प्रेम के मारे ही तो होती है
12:06इसराइली भी देश प्रेमी है और इरानी भी देश प्रेमी है
12:10और ये दोनों मिलके
12:15पूरी प्रत्वी से जीवन ही न समाप्त कर दें तो कहो
12:19वो आतंकवादी बना बैठा है
12:24वो कह रहा है मुझे अपने मजब से बहुत प्यार है
12:26एक से एक विर्थ किसम
12:40के ट्रोल्स आ रहे होंगे उनके वहाँ लिखाओगा सनातन प्रेमी
12:43प्रेम हमें पता कहा है
12:50तो प्रेम सीखना पड़ता है
12:57माने ये जो तुम नकली सस्ती घटिया चीज पकड़ कर बैठे हो
13:01और बार बार बोलते हो लव इश्क आशिकी मुहबबत प्रेम प्यार
13:05हटाओ इसको और डर जाते हो अच्छा ते रिष्टा ही तोड़ दे
13:11फिर खाना कौन बनाएगा तुम को खाना बनवाना है तो सीधे बोलो कि
13:18खाना बनाने वाली है उसों घर वाली क्यों बोलते हो
13:23तुमसे रिष्टा तोड़ने को नहीं कहा जा रहा है तुमसे बस रिष्टे को सही नाम देने को कहा जा रहा है क्योंकि यह इमांदारी का तकाजा है जो रिष्टा जैसा है उसको वैसा नाम दो तोड़ने को नहीं कह रहा हूं मैं नाम सही दो
13:37कुछ दरी बैठी है अरे मेरा क्या होगा मैं तो कुछ जानती नहीं है
13:48यह हूं डुबली पतली मेरा तो कुछ है नहीं है तो कुछ हो नहीं सकता जल्दी से कोई
13:54लड़का मिल जाए कि जर्ड़ कुछ कमाता धमाता हो तो उसकी diferencia हो जाएगी
14:07कि उसको क्यों बोल रहे हो कि हमारा और उसका रिष्टा प्यार का है
14:14कि उसको मत कहो कि यह प्रेमी है मेरा उसको बोलो कि यह मेरी क्रचमानी क्या होता है
14:27बैसाखी है उसको यह मत बोलो कि
14:37ये मेरा प्यार है बोलो ये मेरी बैसाखी है क्योंकि अब बैसाखी छोड़ने को तो नहीं कहा जा रहा है रिश्टा तोड़ने को तो नहीं कहा जा रहा है बैसाखी रखे रखो पर उसको प्यार का नाम मत दो तुम्हारी जिंदगी में वह व्यक्ति बैसाखी की तरह है बस
15:07यो किसी को बोलते हो कि तू मेरा इश्क है उसको सीधे बोलो तू मेरी हवस है सीधे बस उसको सेव भी ऐसे ही करो पून आया हवस कॉलिंग
15:18रिष्टा तोड़ने को थोड़ी कह रहे हैं तुमने यही फैसला किया है कि तुम्हें एक जिस्म पकड़कर अपनी हवस पूरी करनी है तुम रिष्टा रखो पर रिष्टे को सही नाम दो उसको बुलाया भी ऐसे ही करो हवसू हवू जो भी है
15:34गाने भी यसी गाया करो तुम मेरी हवस है मेरा जिस्म बेबस है और यह सब जितने जोड़े घूम रहे हैं प्यार का दावा करते हुए हवस हटा दो एक भी बचेगा इमांदारी से बताईए
16:01एक भी बचेगा
16:04शादी के वक्त दुलहन को पता चल जाए कि दूला फ्लैसेड है और उसको पता चल जाए दुलहन फ्रिजिट है
16:17माने दोनों
16:19होगी शादी
16:24पंडे से रिफंड लेके भागेंगे दोनों
16:31सीदे बोलो हवस का रिष्टा है क्यों तुम उसके उपर तमाम तरीके के शाब्दिक अलंकार चड़ाते हो
16:38और किसी भी चीज की कमी हो जाए तो शादी चल सकती है
16:49इस एक चीज की कमी हो जाए तो शादी बचेगी
16:53कोर्ट भी कहता है कि अगर एक यह चीज नहीं है रिष्टे में
16:59तो आपको तुरन तलाक मिल सकता है
17:01सकता है वोट भी कहता है कि इतने महीने अगर शारीरिक संपर्क नहीं हो रहा है तो बिलकुल आपको तलाग दिया जा सकता है
17:11कि प्यार हो गए रहा क्यों बोल रहे हो उसको हां रिष्टा रखो अच्छी बात है तमाम तरीके की भूक होती है पिज़ा खाओ बर्गर खाओ किसी के शरीर खाजाओ
17:25पर फिर यह क्यों बोलते हो I love my pizza I love chicken I love this I love
17:34that love नाम को क्यों बदनाम कर रहे हो हिटलर बोलता था
17:41मुझे मेरी मात्र भूमी वहां मात्र भूमी नहीं वहां पित्र भूमी बोलते हैं मुझे मेरी
17:46पित्र भूमी से प्यार है कि ले लो प्यार अजमिए साथ लाख तो सिर्व यहुदी मरे थे और यह तो कुछ भी नहीं
17:55है यहीं तुम इसमें कुल मिला के किनोंगे पूरी दुनिया में कितने सैने और कितने
17:59आगरिक मरे तो करोड़ों में कई कई करोड़ क्योंकि उस बिचारे में बहुत प्यार था अपने देश के लिए
18:10खुद को जाने बिना दूसरे से प्यार संभव नहीं है ये आप क्यों नहीं समझते
18:19जो व्यक्तिक खुद को नहीं जानता वो दूसरे से प्यार नहीं कर सकता है प्यार कोई हवा का जोका कोई आवारा लहर थोड़े ही है कि यूँ ही आ गई और उड़ा ले गई
18:39बननी कबसे हुई जवान बनना ले जा अपने साथ ऐसे थोड़ी प्यार हो जाता है कि जवान हो गए है तो अब प्यार हो गई
18:51ये प्यार नहीं है, ये वही पुराना जानवरों वाला खेल है
18:57और ये कहके मैं इस खेल का अपमान नहीं कर रहा, अच्छा खेल है
19:00बढ़ियां खेल है, कोई समस्या नहीं इस खेल के साथ
19:05क्या करना है, मैं छटी साथवी में था
19:12तो अली गंज की बात है लखनव के, बढ़ियां वहाँ घर वर सब
19:22मैं खड़ा हुआ हूँ, हाँ साथवी में हूँ, तो माने अब
19:26वो समय आ रहा है, तो एक गधा और एक गधी
19:31अब मैं उनको बिलकुछ टक्टकी बांधिया देख रहा हूँ कि चल के आ रहा है
19:37पहले मुझे लगा, यह मार रहा है इसको, यह चड़ गया इसके उपर
19:43और यह बार बार धक्का दे रहा है, क्या कर रहा है, यह इसको मारी रहा होगा
19:47और मैं ऐसे गेट के दो ऐसी सलाखे हैं, गेट को ऐसे पकड़ करके
19:51और गेट में ऐसे मू लगागे देख रहा हूं उनको
19:53मुझे समझ में ना यह कर क्या रहे है
19:58भाग क्यों नहीं रहा दूसरा वाला
20:03पिटे ही जा रहा है
20:05उसके पर चड़ भी रहा है ये भी कर रहा है वो भी कर रहा हूं तब भी नहीं भग रहा
20:11तो मुझ में नहीं आया साधा
20:15फिर पीछे मुण के देखा तो मेरे पिता जी खड़े हुए थे
20:19कोई और बाप होता
20:21तो कहता अब तक उसने खर दिया होता चलो हटो यहां से क्या गंदी चीज देख रहे हो
20:27क्या कर रहे हुए उन्होंने कुछ नहीं कर रहा हुए तो देखो देखने दो इसको
20:37मैं इस खेल का अपमान नहीं कर रहा हूं इस खेल में कुछ भी ऐसा नहीं है कि जिस पर ठूक दिया जाए प्रकृति है भई यह चलता है बस इसे प्यार का नाम मत दो
20:49यह जो प्रकृति में चल रहा है यह क्या है यहां सामने यह धान के पौधे सब खड़े हुए हैं यह और क्या है यह प्रकृति है और यहां वही खेल चल रहा है प्रजनन ही तो चल रहा है और क्या हो रहा है यहां पर
21:10और उसका अपना सौंदर है बहुत अच्छी बात है
21:19कली लोग आये थे मैंने गाना लगाया तितली उड़ी उड़ के चली फूल ने खाजा मेरे पास ये तितली और फूल और क्या खेल खेलते हैं
21:29क्या खेल खेलते हैं यह वही तो खेल है भौरा क्या कर रहा होता है सब फूलों के पास जा जाके वही तो खेल खेल रहा होता है तो इस खेल में कुछ भी
21:41निंदनी ये नहीं है
21:46कुछ भी ऐसा नहीं है कि आपको लज्जित होना पड़े शर्माना पड़े
21:50बस इसे प्यार का नाम मत दो
21:52फूल खुला हुआ है प्रजनन के लिए
21:59बहुत अच्छी बात है फूल प्रजनन न करे तो सब इंसान मर जाए
22:05कोई फल फसल प्यादा नहो छोटी छोटे बच्चे बिल्ली के बड़े अच्छे लगते हैं
22:16वो छोटे छोटे बच्चे बिल्ली के कहां से आएंगे
22:18अगर बिल्ली बिल्ला कोई कोना न ढूंड़े
22:22अच्छी बात है प्यार ठीक है सब सही है बढ़िया है
22:28जमीन के खेल हैं बस इन्हें आस्मान का नाम मत दो
22:33बाकी जमीन के खेल तुमें खेल ले हैं तुम खेलो तुमारी मर्जी है
22:37बहुत प्राचीन खेल हैं सबने खेले थे
22:48और तुमने तो चुना भी नहीं है इनको खेलना
22:50तुम्हें तो पता भी नहीं होता यह क्या हो रहा है एक उम्र पर आते हो तुम पाते हो गया रहे शरीर बदलना शुरू हो गया प्रकृति यह क्या कर रही है शरीर के साथ तुमने तो चुना भी नहीं है वह तो प्रकृति की बात है चल रहा है बस इसको प्यार का नाम मत दो
23:20बस साधारन न वो पवित्र होती है न वो अपवित्र होती है बस साधारन प्राक्रतिक होती है एक साधारन सी प्राक्रतिक चीज न पवित्र होती है न अपवित्र होती है प्रक्रति में पवित्र पवित्र कुछ नहीं होता प्रक्रति माने प्रक्रति यहां पवित्रता जासी
23:50यह हमारे साधारण शारीरिक और स्वार्थगत रिष्टे यह प्राक्रतिक हैं
24:01मगर मच्छ मूँ खोलता है बहुत बार देखाऊगा एक चिडिया है वो जा करके उसके दात खोदना शुरू कर देती है
24:12आपको क्या लगता है वो चिडिया वहाँ परोपकार करने गई है
24:20चिडिया वहाँ जाती है कि मगर के दातों के बीच में जो मास फसा होगा वो मस्त मुझे मिल जाएगा
24:28मगर मूँ खोलके बैठ जाता है चिडिया जाती है उसके दातों में चुँच मारना शुरू कर देती है और जो मास फसा होता है चिडिया खाके मगन हो जाती है
24:37और इसी बहाने मगर के दातों की सफाई हो जाती है
24:39ये हमारी दोस्तियां होती है
24:41रखो ये रिष्टा
24:44लेन देन, व्यापार, आदान, प्रदान
24:47ठीक है बस इसे
24:48प्यार का नाम मत दो
24:50पर इसको ऐसी कहते हैं
24:53को दोनों में कितना प्यार है
24:54मगर मस चाहे तो अभी अपना
24:56मुँ बंद करके चुडिया को चबा जाए
24:58पर मगर न वो बर्डी के प्यार में पड़ गया है
25:02अगर क्रॉक एंड़ बर्डी
25:07अरे भाई वो एक प्राकृतिक लेन देन का काम चल रहा है
25:14वो न पवित्र है
25:16न अपवित्र है
25:18पर जब एक साधारण प्राकरतिक बात को तुम पवित्र कहना शुरू कर देते हो
25:22तो वो बात अपवित्र हो जाती क्योंकि अपपकंड आ गया
25:25अब जूट आ गया आप फरेब आ गया
25:27पाकंड क्यों कर रहे हो
25:29सेक्स को सेक्स बोलो
25:30प्यार क्यों बोल रहे हो
25:31जो उसका नाम है उसे वही नाम दोगे
25:36तो कोई लज्जा की बात नहीं हो गई
25:38पर जो उसका नाम है उसको वो नाम देने की ज़गे
25:43तो उसे प्यार अगर बोल रहे हो तो तुमने खुदी कह दिया
25:45कि जो प्राक्रतिक चीज़ है उससे तुम्हें शर्म आती है इसलिए मैंने उसको दूसरा नाम दिया है तुम्हें खुदी उसे निंदनिये घोशित कर दिया है तुम्हें खुदी उसे लज्जास्पत बना दिया
25:57ममा लब्स यू ना
25:59नो
26:01क्या
26:03वेरी
26:09कोल्ड
26:10नो
26:15कि डाइड़ी लव्स यू न
26:26इसका यह मतलब नहीं कि हम मम्मिण डीटी का अपमान कर रहे हैं
26:32अपमान जैसी कोई बात नहीं है अपमान क्या है इसमें
26:36ठीजिए के छोटे छोटे बच्चे होते हैं वह उनको ले आके मूह में तिनकाँ डालती है कीडा है
26:43प्यारी बात है वही हर घर में हो रहा है उसमें कुछ भी निंदनिये नहीं है पर उसको बस
26:51प्यार नहीं गएंगे
26:53मुर्गी अंडे दे रही है इसमें प्यार क्या है
26:59मुर्गी है अंडे ही देगी ग्यान थोड़ी देगी
27:05तो वैसी
27:08महिलाएं भी
27:11बच्चे पैदा करती है
27:13वो मुर्गे के साथ बैठती है
27:16यहाँ पर पुर्शों के साथ बैठा जाता है
27:18वो अच्छी बात है बढ़ी है ठीक है
27:21मुर्गी है भई
27:23मुर्गी के साथ किसी को क्या शिकायत हो सकती है
27:26हम अपमान थोड़ी कर रहे हैं मुर्गी का
27:28बस यह कह रहे हैं कि यह प्यार नहीं है
27:32प्यार कोई और बात होती है
27:42इस अचार ने इतना कुछ बोल दिया
27:44एकदम ही
27:48ऐसी तैसी गर्दी हमारे प्यार की
27:54पर यह ससुरा कभी यह नहीं बताएगा कि फिर असली प्यार क्या होता है
27:59एकदम निगेटेव आदमी है
28:01हम जिसको प्यार कहते हैं उस पे तो थूप दिया इसने
28:08लेकिन फिर अब यह भी तो तू बता कि असली प्यार क्या होता है
28:14काय को बताओ
28:16नहीं बताता
28:20नहीं बताया जा सकता या ऐसे कहलो कि नकली को ठुकराने से असली खुद बखुद पता चलने लगता है और नकली को जब तक तुमने छोड़ा नहीं तब तक असली तुमको बताया जा भी नहीं सकता है
28:41और कोई तरीका नहीं है तुम्हें असली तक लाने का
28:55नकली को छोड़ो और इतनी श्रद्धा रखो कि बरबाद नहीं हो जाओगे असली अपने आप प्रकट हो जाता है और छोड़ने से मेरा मतलब यह नहीं है कि घर तोड़ दो रिष्टा तोड़ दो रखो
29:08बस साफ करके रखोगी बात क्या जैसे अभी किसी मिलता है मिलवाते हो बोलते हो meet my partner अब ऐसे बोलो meet my sexual partner
29:20असली बात है वो बताओ
29:21थोड़ने को थोड़ी कह रहे हैं इमांदार होने को कह रहे हैं
29:38अब उसकी जगह तुम उसे सो तरीके के आभूशड अलंकार पहना देते हो धर्म पत्नी पत्नी भी पर्याप्त नहीं है यह हैं हमारी अर्धांगनी धर्म पत्नी श्रीपत्नी श्रीदेवी अरे तुम सीधे बोलो ना वो क्या है तुम्हारे लिए
30:00कितनी बिवानी कितना पाखंड धर्म पत्नी मुर्गी का चूजा मुर्गी उसको बोले यह मेरा बाल गोपाले तुकितना अजीब लगेगा न सीधे बोलो अंडा अंडे से बहार आ गया अभी अभी तुम का एको बोल रहे हो बाल गोपाले
30:30बाल गोपल कहां से क्यों तुम को उचाईयों से गिरा करके कह रहे हो कि यह अंडे बाजी यह बाल गोपाल ऐसे थोड़ी होता है
30:45कि जो परम सत्य है जो परम ब्रहम है उसको तुम इन चीजों में क्यों घसीट रहे हो
31:00कि इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चे में कोई बुराई हो गई है कि बस जो प्राकृतिक रिष्टा है
31:16कि उसमें प्रेम नहीं होता प्रकृति में ममता हो सकती है लगाव हो सकता है
31:21ओनर्शे प्रकृति यह सब जानती है लव प्रेम प्राकृतिक नहीं होता शारिरिक नहीं होता रासाइनिक नहीं होता भावनात्मक नहीं होता किसी भाव को फीलिंग को जज़बात को
31:39इन सब को
31:40प्यार नहीं कहा जा सकता
31:43यह सब मुर्गी के अंड़े जैसी चीज autor
31:47यह सब शारिरिक संसकारों से
31:50खुद बखुद हुने वाले काम है
31:52इसमें प्यार कहीं नहीं है
31:54क्योंकि प्यार एक सजग सचेत चुनाव होता है
31:58सुतह नहीं होता
32:00इसलिए कहता हूँ सीखना पड़ता है
32:02और कुछ
32:05अरे और कुछ नहीं बहुत कुछ होगा
32:10बस उसे
32:11प्यार मत कह देना
32:14सब कुछ रखो कौन रोक रहा है
32:16जमीन के बाशिंदें जमीन पर जो कुछ होता है
32:21सब हमारे साथ भी हो रहा है
32:22ठीक है हो रहा है
32:25पर ये गुस्ताकी थोड़ी करेंगे
32:27कि ये सब जो हमारे साथ हो रहा है
32:28हम उसको प्यार का नाम दे दे
32:29यार बहुत उची चीज़ है
32:32अचारे जी प्रेम सीखना पड़ता है
32:39means what love is not
32:41नेती नेती
32:42जिसे हम कहते हैं
32:43और अचारे जी
32:46मुझे एक और चीज़ कहने है
32:48कि मैं जिस फेज में हूँ
32:49वो शादी बाला ही फेज चल रहा है मेरा
32:52तो मेरे गर पर जब पहली बार ही
32:54मुझे से इस बारे में बात करी थी
32:56मेरी फैमिली ने
32:57तो मैंने उन्हें आप ही की वीडियो दिखाई
33:01कि मुझे यह लगा है कि मैं उतनी इस पश्च तरीके से बात नहीं कर सकती
33:05तो मेरे आपके माधियम से शायद ज्यादा फैतर समझेंगे
33:09और अचारे जी वो समझे भी
33:11वो सच में मुझे नहीं कहते बल्कि कोई बाहरवाला उनसे पूछता है तो उनको यह कहते है
33:16किसे करनी होगी तो कर लेगी और नहीं तो अच्छी बात है हमारी यहांको के सामने
33:21आए दिन दो-चार लोग मिल जाते हैं कहां है कहां है हमारी बेटी किसने बरबाद करी हो कहां है
33:26आपने बहुत सारी गलत हां से बचा लिया मुझे और उसी के लिए बहुत सारह टांकल की
33:39अपने मना किया है कुछ भी कहने के लिए बढ़ अपने बचा लिया सच मुछ
33:53देखते हैं मैं कब तक बच्गता हूं
33:55चलिए
34:00समस्ते मेरा नाम जोईता है पहली बार मैं भी बोच सेल पर आई ही
34:06YouTube पर मैंने शुरुना शुरू किया था अचारी जी को लगभग पांच साल तो होई गये
34:11और फिर दीरे दीरे गीता में आना गीता के बार फाउंडेशन में जोईन होना
34:16तो ये मतलब अचारी जी के टीशिंग्स के कारें ये संबग हो पा रहा है बहुत सारे बैर कमजोरी हटा चार आए
34:25तो जो भी लोग अचारी जी को यूट्यूब पर फॉलो करते हैं देखते हैं उन लोग के लिए मेरा यही कहना है कि आप लोग गीता में आईए गीता में जुरिये और अचारी जी के टीशिंग्स के साथ आईए आगे बरिये धन्यवाद

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