00:00आइनरेंड का थोड़ा छोटा उपन्यास है वीद लिविंग, तीस साल पहले का हो गया तो मुझे पात्रों के नाम वगर आप नहीं आद है, पर उसकी जो नाइका है, उनके जो बाकी उपन्यास है, उनमें जो चरित्र हैं, केंद्री हो पुरुष हैं, पर वीद लिविंग म
00:30पर यह याद है कि जब उसको पढ़ा था, तो जैसे कुछ दिल को बींध गया था, तो भाग रही है और वो उस देश से भाग रही है, जिस देश में उसको दबा के ही रखा जाता, जिस देश में उस सतंतरता से जी नहीं सकती थी, तो भाग रही है, वो भाग रही है, तो �
01:00और फिर वो जहां गरती हो बिलकुल सीमा है
01:02और वो गरते गरते भी अपना हाथ सीमा के उस पार रख देती है
01:05बर्फ पूरी लाल हो जाती है
01:07और वो कहती है रुकुंग तो नहीं
01:08गोली भी तुमने मार दी तो भी इस मिट्टी पर नहीं मरी मैं
01:11इस देश को बहुत ज्यादा जजबे से चाहा है मैंने
01:15और जितनी इस देश ने अपनी दुरगत ही कर ली वो देखी नहीं जाती