Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • today
🧔🏻‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
https://acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00021

📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00021

📲 आचार्य प्रशांत की मोबाइल ऐप डाउनलोड करें:
Android: https://play.google.com/store/apps/details?id=org.acharyaprashant.apbooks
iOS: https://apps.apple.com/in/app/acharya-prashant/id1603611866

📝 चुनिंदा बोध लेख पढ़ें, खास आपके लिए: https://acharyaprashant.org/en/articles?l=1&cmId=m00021
➖➖➖➖➖➖
पूरा वीडियो : आप जानते हैं शिव का अपमान करने वालों को? || आचार्य प्रशांत (2021)
➖➖➖➖➖➖
#AcharyaPrashant
#आचार्यप्रशांत
#vegan
#shiv
#DharmikAndhvishwas
#kanwaryatra2025

Category

📚
Learning
Transcript
00:00शीवलिंग पर दूद चड़ाना बहुत जरूरी है
00:02काई के हमारे गुरू जी ने बताया है कि वो जो दूद का फैट होता है
00:05वो शीवलिंग के पत्थर को चटकने से रोकता है
00:08तुम दूद का इस्तिमाल मॉस्चाराइजर की तरह कर रहे हो
00:10पागिल बना रहे हो किसको
00:11जब प्रथा शुरू हुई थी
00:13कृशक समाज था सब खेती करते थे
00:16खेती में है जो पूरा गौवंश है उसका इस्तिमाल होता था
00:19बैल का भी इस्तिमाल होता है गायक भी होती है
00:22तो उस समय जो उची से उची चीज थी आपके बास हो थी दूध
00:24तो उस समय के लोगों ने इस भाव के साथ दूध हर्पित करना शुरू गिया
00:28कि साथ हमारे पास सबसे मूलेवान वस्तो यही है
00:31तो ये वहां से प्रथा यह रही है
00:32उसी क्रम में ये भी प्रथा बनी कि मंदिरों में सोने चांदी का भी चढ़ावा चढ़ने लगा
00:37भाव फिर वही था कि तुम्हारे पास जो मुल्यवान है वो तुम परमात्मा को समर्पित करो
00:42तो जब दूध लगता था कि हमारे पास मुलेवान है तो दूध कर देते थे
00:45दूध से आगे फड़े तो सोना चान्दी करने लगे
00:47तुम आज भी दूध चगा रहे हो और फिर इस तरह के घटिया तर्ग दे रहे हो
00:50कि दूध डालने से पत्थर चटकता नहीं है

Recommended