00:00दोस्तों आज आप सुनेंगे ओ हेन्री की मशूर कहानी वाइल दा ओटो वेट्स हिंदी में
00:10शाम का जुटपुटा होते ही भूरे कपड़ों वाली वो लड़की एक बार फिर उस शांत चोटे पार्क के उस शांत कोने में आई
00:18वो एक बेंच पर बैठ गई और एक किताब पढ़ने लगी क्योंकि अभी आधा गंटा और था जिसमें ये किया जा सकता था
00:25एक बार फिर से आपको बता दूँ उसकी पोशाक भूरी थी और साधारन इतनी कि उसकी बेदाग स्टाइल और फिटिंग छिप जाए
00:34उसके बड़े से जालिदार परदे ने उसके हैट को ढख रखा था और उसके पीछे से उसका शांत चेहरा जहांक रहा था जिसकी सुन्दरता से वो बेख़बर थी
00:44वो यहाँ इसी समय बीते दिन भी आई थी और उससे पिछले दिन भी और उससे पिछले दिन भी और वहाँ एक व्यक्ति था जो ये जानता था
00:54जो नौजवान ये जानता था, वो आसपास ही मंडरा रहा था और मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि किसी तरह उससे बात करने का कोई मौका उसे मिल जाए।
01:06उसकी प्रार्थनाओं का इनाम आखिरकार उसे मिल गया, क्योंकि एक पन्ना पलटते समय लड़की की किताब उसकी उंगलियों से फिसल गई और बेंच से उचल कर पूरे एक गज की दूरी पर जाकर गिरी।
01:18वो यूबक बड़ी तेजी से उस पर जपटा और उसने लड़की को उसे इस अंदाज में लोटाया, जो पारकों और सार्वजनिक स्थलों पर आम दिखाई देता है, जिसमें शूर्ता और आशा का मिश्रण होता है, और गश्ट कर रहे पुलीस वाले के लिए सम्मान का भ
01:48वो अपने भाग्य की प्रतीक्षा में खड़ा रहा, लड़की ने आराम से उसे देखा, उसके साधारन साफ सुथरे कपड़ों को देखा और उसके चेहरे मोहरे को देखा, जो भाव के लिहाज से बिलकुल भी अनूठा नहीं था, उसने जान भूज कर मंदस्वर में कहा,
02:18जानती हो, तुम जैसी खुबसूरत लड़की मैंने अरसे से नहीं देखी, कल मेरी नजर तुम पर पड़ी थी, क्या तुम्हें पता नहीं चला कि कोई तुम्हारी इन आँखों का दिवाना हो गया है, क्यों जाने मन?
02:41लड़की ने ठंडे स्वर में कहा, तुम चाहि कोई भी हो, तुम्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि मैं एक शरीफ लड़की हूँ, तुमने अभी अभी जो टिपनी की है, उसे मैं इसलिए माफ कर देती हूँ, क्योंकि ये गलती सचमुच अस्वाभाविक नहीं थी, मतल�
03:11मैं माफी चाहता हूँ, ये मेरी ही गलती थी, तुम्हें पता है, मेरा मतलब है, ऐसी लड़कियां होती है, पार्कों में तुम्हें पता है, मेरा मतलब है, तुम्हें सचमुच नहीं पता, लेकिन महरबानी करके इस विशे को रहने दो, बेशक मुझे सब पता है, अब मु
03:41युवक ने अपना छेला वाला अंदाज एकदम छोड़ दिया था। अब वो प्रतीक्षा वाली भूमिका में आ गया था। उसे कोई अंदाजा नहीं था कि उससे कौन सी भूमिका निभाने की अपिक्षा की जाएगी। उसने लड़की के मूड का अनुमान लगाते हुए क
04:11मुझे हरानी नहीं होती, मुझे में इतनी उत्सुकता नहीं है। मैं तो यहां इसलिए बैठने आती हूँ क्योंकि बस एक यही जगा है जहां मैं मानवता के विशाल, आम, धड़कते दिल के नजदीक हो सकती हूँ। मुझे जिंदगी में ऐसी भूमिका मिली है जहां इस
04:41उमीद जागती दिखाई दी। लड़की ने अपनी पतली उंगली उठाते हुए और हलके से मुस्कुराते हुए कहा। तुम इसे फौरन पहचान जाओगे। अपने नाम को प्रिंट से बाहर रखना असंभव है। तस्वीर को भी। अपनी नौकरानी का ये परदा और य
05:11मेरा नाम मेरे जन्म के कारण उनमें से एक है। मैं तुमसे इसलिए बोली मिस्टर स्टैकन पॉट पारकन स्टैकर। युवक ने सकुचाते हुए उसे सुधारा। हाँ मिस्टर पारकन स्टैकर। क्योंकि मैं एक बार किसी सहज व्यक्ती से बतियाना चाहती थी। किसी ऐस
05:41बस पैसा पैसा और पैसा और उन आदमियों से जो हर वक्त मेरे इर्द गिर्द मंडराते रहते हैं, कशपुतलियों की तरह नाचते रहते हैं, सब एक जैसे हैं।
05:53मैं उब चुकी हूँ इन जूटी खुशियों से, हीरे जवाहरात से, घूमने फिरने से, समाज से, हर तरह के एश से। युवक ने हिचकते हुए कहा, मैं तो हमेशा से यही सोचता था कि पैसा तो बहुत अच्छी चीज होती होगी।
06:09हाँ, परियाप्त पैसा होने की चाहत तो अवश्य होनी चाहिए, लेकिन जब किसी के पास इतना पैसा हो, तो सब कुछ नीरस हो जाता है।
06:39मुझे पागल कर देती है। मिस्टर पारकन स्टैकर को ये बात बहुत दिल्चस्प लगी। उसने कहा, मुझे पैसे वाले और फैशन परस्त लोगों के तोर तरीकों के बारे में पढ़ना और सुनना हमेशा से अच्छा लगता है।
07:09एक खनक्ती हसी जिसमें सचमुच आनन्दित होने का भाव था। उसने उधारता दिखाते हुए उसे समझाया।
07:17तुम्हें पता होना चाहिए कि हम गेर मामूली तबके के लोग अपने आनन्द के लिए कुछ हट कर करते हैं। इस समय फैशन शैंपेइन में बर्फ डालने का है।
07:27इसकी शुरुआत टार्टरी के महमान राजकुमार ने वॉल्डॉर्फ में डिनर के दौरान की थी। इसकी जगह जल्दी ही कोई और नई सनक आ जाएगी। ये सब चीजें आती जाती रहती हैं।
07:39जैसे की इसी हफते मैडिसन एवेन्यू में हुई एक डिनर पार्टी में हर मेहमान की प्लेट के पास एक हरा मुलायम दस्ताना रख दिया गया था, जिसे जैतून खाते समय पहनना था।
07:51युवक ने विनमरता से स्वीकार किया। समझ गया। अंदर खाने के ये खास बदलाव आम लोगों की जानकारी में कहां आ पाते हैं। लड़की ने युवक की स्वीकारोकती को हलके से सिर जुका कर स्वीकार करते हुए कहा।
08:06कभी कभी तो मैं सोचती हूँ कि अगर कभी मैंने किसी से प्यार किया तो वो नीचे तबके का ही होगा। वो काम करता होगा, निखटू नहीं होगा। लेकिन ये सच है कि हैसियत और दौलत मेरी इच्छा पर भारी पड़ेंगे। इस समय दो लोगों ने मुझे घेरा हु�
08:36अंग्रेज मार्किस है, वो इतना ठंडा और लालची है कि उससे अच्छी तो मुझे ड्यूक की शैतानियत लगती है। लेकिन ये सब मैं तुमसे क्यों कह रही हूँ? वो क्या बात है जो मुझे तुमसे ये सब कहने को मजबूर कर रही है, मिस्टर पैकन स्टैकर। जी, �
09:06अंतर को देखते हुए उचित ही थी। तुम काम क्या करते हो, मिस्टर पैकन स्टैकर। उसने पूछा, बहुत छोटा सा काम है मेरा, लेकिन मैं दुनिया में तरक्की की उमीद कर रहा हूँ। क्या तुम सचमुच गंभीर थी, जब तुमने ये कहा कि तुम किसी नीचे त
09:36पारकन स्टैकर ने हिचकते हुए कहा, मैं एक रेस्टोरेंट में काम करता हूँ। लड़की थोड़ी सिमट गई। उसने जैसे गड़गिडाते हुए कहा, वेटर तो नहीं होना, मजदूरी अच्छी बात है, लेकिन किसी का नौकर होना और बात है। मैं वेटर नहीं हू
10:06मैं वहीं कैशियर हूँ। लड़की ने अपनी बाई कलाई पर एक शांदार डिजाइन के ब्रेसलिट में लगी एक छोटी सी घड़ी में समय देखा और जल्दी से उठ गई। किताब को उसने अपनी कमर से लटकते जालीदार थेले में डाल दिया, हालां कि किताब के लि�
10:36पता नहीं, लेकिन हो सकता है ये सनक मुझ पर फिर सवार ना हो, अब मुझे जाना होगा, मुझे एक डिनर पर जाना है और उसके बाद नाटक, फिर वही पुराना राग, शायद यहां आते समय तुमने पार्क के कोने पर एक कार खड़ी देखी होगी, वो वही सफेद रं
11:06मेरा शॉफर वहां मेरा इंतजार करता है, वो सोचता है कि मैं स्क्वायर के उस तरफ डिपार्टमेंट स्टोर में शॉपिंग कर रही हूँ, जरा जिन्दगी के इस बंधन के बारे में सोचो, जिसमें हमें अपने ड्राइवरों तक को धुखा देना पड़ता है, चलो मैं
11:36मेरी इक्छाओं का जरा भी सम्मान करते हो, तो तुम मेरे जाने के बाद दस मिनट तक इस बेंच से हिलना भी मत, मैं तुम पर कोई लांचन नहीं लगा रही, लेकिन तुम्हें शायद पता होगा कि गाडियों पर आमतोर पर उनके मालिक का नाम लिखा होता है, इसलिए मह
12:06किनारे तक पहुँची और वहां से उस कोने की ओर मुड़ गई जहां कार खड़ी थी, युवक ने पार्क के पेड़ों और जाडियों में चिपते चिपाते, उस पर नजर रखना जारी रखा, जब वो कोने पर पहुँची तो उसने सेर घुमा कर उस गाड़ी की तरफ दे
12:36गई, ये सफेद रंग और काच वाली उन चमकदार जगहों में से एक थी, जहां आप सस्ते में खाना खा सकते हैं, लड़की इसके पिछले हिस्से तक घुस्ती चली गई, और वहां उसने जल्दी से अपना पर्दा और हैट उतार दिया, कैशियर की सीटें काफी आगे को �
13:06और धीरे धीरे फुट पात पर चलता हुआ वापस आ गया, कोने पर आकर उसका पैर वहां पड़ी एक छोटी कागज के कवर वाली किताब से टकराया, और किताब सरक कर घास के किनारे पहुँच गई, उसके आकरशक कवर को देखकर वो पहचान गया, कि ये वही किताब थी
13:36उसे देखा, फिर घास पर ही उसे फेंक दिया, अनिश्चे की स्थिती में एक मिनट तक वो वहीं खड़ा रहा, फिर वो उस कार में जाकर बैठ गया, उसकी गद्दी पर आराम से टिकते हुए, उसने ड्राइवर से दो शब्द कहे, क्लब चलो हेंडरी, दोस्तों ये कहान