Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 5/29/2025
#Sher​ #DanishTaimoor​ #SarahKhan​ #PakistaniDrama​​ #DramaSerial​ #NewDrama2025​ #FamilyFeud​ #LoveStory​ #RomanticDrama​ #ZanjabeelAsim​ #AehsunTalish​ #SherZaman​ #Fajar​ #pakistanitvdrama​

Category

🗞
News
Transcript
00:00जाटी ठीक है अब?
00:10बहुत अच्छे
00:12ख्याल आगे है अब तुझे?
00:15आज जो कोछी भी हुआ है ना
00:18या तेरी वजा से हुआ है या उसकी वजा से
00:21जो इस वक्षाटाल में पड़ी मर रही है
00:25वाना की वजा से?
00:27पक्वास बन कर
00:28पुलड की जिंदगी और मौत से लड़ रही है
00:31उसके अपने बात में जहर देती है उसे
00:33तुम ऐसे करूँन के जाके कदमों में बैट से हो
00:35ताके मैं भी अबजी की तरह एक ही तरह अपने सर में गोली मारूं
00:38और सब कुछ खतम कर दो
00:43या नेरी बीवी होती ना
00:44तुम्हारे नाम की पहली गोली खाने वाली वो सामने लेटी है
00:53दूसरी सीधा तुम्हारा दिल चीर कर जाएगी
00:56पचाहत पुछ नायाब सिफ चीजे ही नहीं होती है
01:02कुछ लोग भी होता है
01:04रिदा मैर मैं आपसे शाथी करना चाहता हूं
01:06तेरी बीवी ने साबत कर दिया ना के वो हमसे सची नहीं है
01:10ने बड़ी ना समझी
01:14ना समझी नहीं थी
01:17प्यार था भावबत
01:20झाएगी
01:22जारा भीज के लिए राखना
01:24जारा मेरे लिए लख रही मुझे क्या पदाब
01:29साहर तो ऐसी हो था है
01:32मुझे अशा लग रहा तज जैसे
01:35मुझ पहसरह एं
01:37बाते मेरे लिए कर रहें
01:39बातें तो करेंगे ना
01:41कल का सूरज उस्वाइल लेकर ही तुलू होगा
01:45मर जाना चाहिए ऐसी लड़कियों को
01:49बाबा को बताते में बच गई
01:52जहर में खोद था
01:55जहर में खोद था
01:59जहर
02:01कि अजहर आई
02:11कि अजहर आई
02:19कि
02:23कि एक एक आद्लेस कुछ बदल क्या हमारी इज़त सका मान सब तबाऊ क्या
02:31तेक लुजहात मेरी बच्ची को जान छिटकने वाला बाप जान लाइए
03:01औक डो पुत था हे एक अ कोग एक है को आ?.
03:14जा को далा तंग हम अ हमानिता हॉब्त
03:20और गल के उन हम है कोंप में अ अम्हा Commission
03:24में हो आज़ को प्तव
03:25अजल को यह पताए है
03:31वान आदे किया है
03:41वान दो
03:43लए ओप है
03:50वान आ�ovब सम्ट दो
03:51खर रही में वाण
03:56आओettesaku
04:01है है है है है है है है है है है है फैलो वीवर्ज इस ड्रामसली के आखाज में आप देखेंगे
04:28इन दू कैजन्स आरीज और जहर की कहानी है जो एक ही गयर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
04:36इनके दर्माइन एक अनके ही मुभबत पल्र ही होती है
04:40मगर रस्म और रिवाच, खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दर्माइन हायल रहती है
04:45अरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास लड़का है
04:50सहर नरम मिजाच, खालिस दिल रखने वाली लड़की है
04:53जो अपने जजबात के चुपा कर दुस्तरु के खुशी में खुश रहना जानती है
04:58जब अरीज के लिए खानदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
05:02तो सहर के खामोश औमेदे टूटने लगती है
05:05तुसी तरह अरीज भी दिल में सहर को चाहता है
05:09मगर अपनी महबत के इज़ार करने से गबराता है
05:12इनके खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
05:17खनदान वारी अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने की लड़की से तेह कर देते हैं
05:24सहर दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती है लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
05:28अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हम आहेंगी
05:31नहुनी के वज़े से भी सकुनी महसूस करता है
05:35जो आलादाध से मल जाता है
05:37वो हिम्मत करके अपने वालिदीन के सामना करना हो जाता है
05:40और सच बोल देता है
05:42महबत हुकम के महताज नहीं होती
05:45और मेरी महबत सहर है
05:47यह लम्हा ड्रामा के सबसे जजबाती मोड होता है
05:50खनादान को हर एसास होता है
05:53कि यह महबत को रिष्टों के नाप पर कुर्बान करना जल्म है
05:56आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामियाब होती है
06:00मगर इसके हम्याबी की पीचे कोई कुर्बानी आसू और टूटे खौब होते हैं
06:06तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
06:10साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए
06:13तेंक्स पार वाचिंग अल्ला हाफिज
06:15फेलो वीवर्ज इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
06:19दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
06:22जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बड़े
06:27इनके दर्में एक अनके ही महबत पल रही होती है
06:31मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दर्में हायल रहती है
06:36अरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
06:41सहर नरम निजाच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
06:44जो अपने जजबात के चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
06:48जब अरीज के लिए खनदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
06:53तो सहर के खामोश औमेदे टूटने लगती है
06:56तुसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
06:59मगर अपनी महबत के इज़ार करने से गबराता है
07:02इनके खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
07:08खनदान वारेज का श्रिश्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेख कर देते हैं
07:14जिधे दिल पर पत्तर रखकर मिस्खरा देती है लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
07:19अरैज अपनी मंगितर के साथ जहने हम आएंगी नहोनी के वज़े से भी सकुनी महसूस करता है
07:25जो ह AlphaDot से बल जाता है
07:27वो हिम्मत करके अपने वालीदीन के सामना कना हो जाता है
07:31और सच बोल देता है
07:33महबत हुकम के मुछज नही हुती
07:36और मेरी महबत सहर है
07:38यह लम़ा
07:39ड्रामा के सब से जिजबाती मौड होता है
07:41खनदान को हर इससास होता है
07:43कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जुलम है
07:47आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
07:51मगर इस कामयाबी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते है
07:56तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
08:01साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब का नमाद भूलिए
08:04तैंस पर वाचिंग अल्हाफिज
08:05फेलो वीवर्स इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
08:10दो कजन्स अरीज और जहर की कहानी है
08:13जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
08:18इनके दर्माद एक अनके ही महबत पल रही होती है
08:22मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दिन्मान हायल रहती है
08:27आरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
08:31सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
08:35जो अपने जजबात को चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
08:39जब अरीज के लिए खनदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
08:44तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
08:47तो इसी तरह आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
08:50मगर अपनी महबबत के इज़ार करने से गबराता है
08:53इनके खामोश महबबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
08:59खनदान वाले अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेक कर देते हैं
09:05तेे दिल पर प्त्र रख कर मुस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
09:09अरेज अपनी मनगेतर के साथ जहनी हम आएंगी
09:13नहनी की वज़य सी सिकुनी मحسوس करता है
09:16जो हालाधाद से बल जाता है
09:18वो हिम्मत करके अपने वालिदीन के सामना करना हो जाता है
09:22और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती
09:26और मेरी महबत सहर है
09:28यह लमहा ड्रामा के सबसे जिजबाती मोड होता है
09:32खनादान को हर इसास होता है
09:34कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जुलम है
09:38आखिरकार अरेज और सेहर के महबत कामयाब होती है
09:42मगर इसकामयाबी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते है
09:46तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
09:51साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सब्सक्राइब का नमाद भूलिए
09:55तेंक्स बार वाचिंग अल्हाफ़ज
09:56फेलो वीवर्स इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
10:01दो कजन्स अरेज और सहर की कहानी है
10:03जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बड़े
10:09इनके दरमाएं एक अनके ही मुभबत पल रही होती है
10:12मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दरमाद हाईल रहती है
10:18आरेज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
10:22सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
10:26जो अपने जजबात को चुपा कर दुसरु के खुशी में खुश रहना जानती है
10:30जब अरेज के लिए खनदान वाले रिष्टा देखना शुरू करते है
10:34तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
10:37तो इसी तरव आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
10:41मगर अपनी महबत के इजार करने से गबराता है
10:44इनके खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
10:50खनदान वारेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेह कर देते हैं
10:56सहर दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
11:00अरेज़ अपनी मंगेतर के साथ जिहने हम आहेंगी नहूनी के वज़े से भी सकुनी मحسوس करता है
11:07जो अलादाद से बल जाता है ओू हिम्मत करके अपने वालेदीन के सामना करना हो जाता है
11:13और सच बोल देता है महबत होकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
11:19यह लमह ड्रामा के सबसे जजबाती मोड होता है
11:23खनादान को हर एसास होता है कि महबत को रिश्टों के नाम पर कुर्बान करना जल्म है
11:29आखिरकार अरेज और सहर के महबत काम्याब होती है
11:33मगर इसके हम्याबी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते हैं
11:38तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय के जहार लाज़मी कमेंट करें
11:42साथ में हमारा यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए
11:45तेंस पार वाचिंग अल्ला हाफिज
11:47फेलो वीवर्ज इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
11:51दो कजन्स अरीज और जहर की कहानी है
11:54जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बड़े
12:00इनके दर्माइब एक अनके ही महबद पलर ही होती है
12:03मगर रस्म और रिवाच खानिदानी परदे और अना के दिवारें के दर्माइब हायल रहती है
12:09अरीज एक खुबसूरत खुदार मगर अंदर से हसास लड़का है
12:13सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाले लड़की है
12:16जो अपने जजबात को चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
12:21जब अरीज के लिए खानदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
12:25तो सहर के खामोश औमेदे टूटने लगती है
12:28तुसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
12:32मगर अपनी महबत के इजार करने से गबराता है
12:35इनकी खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
12:41खनदान वारेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने की लड़की से तेह कर देते हैं
12:47सहर दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती है लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
12:51अरेज अपनी मंगीतर के साथ जहनी हम आहेंगी
12:55नहुनी के वज़े से भी सकुनी महसूस करता है
12:58जो हालादाद से बल जाता है
13:00वो हिम्मत करके अपने वाले दीन के सामना करना हो जाता है
13:04और सच बोल देता है
13:05महबत हुकम के महताज नहीं होती
13:08और मेरी महबत सहर है
13:10यह लمहा ड्रामा के सबसे जघ्जबाती मौड होता है
13:14खनदान को हैसास होता है
13:16किया मौबत को रिश्टो के नाम पर कुर्बान करना जल्म है
13:19आखिरि कार अरेज्ट और शेहर के महबत काम्याब होती है
13:23मगर इसके हम्याभी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते हैं
13:29तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
13:33साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए
13:36तेंस पार वाचिंग अल्ला हाफिज
13:38फैलो वीवर्ज इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
13:42दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
13:45जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
13:50इनके दर्माद एक अनके ही महबत पलुर ही होती है
13:54मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दर्माद हायल रहती है
13:59अरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
14:04सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
14:07जो अपने जजबात के चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
14:12जब अरीज के लिए खनदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
14:16तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
14:19तुसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
14:23मगर अपनी महबबत के इज़ार करने से गबराता है
14:26इनकी खामोश महबबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
14:31खनदान वाले अरेज का शिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेक कर देते हैं
14:38सहर दिल पर पत्तर रख रखक कर मस्कोरा देती है लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
14:42अरेज अपनी मंगितर के साथ जहनी हम आहेंगी नहुनी के वज़े से बीसकूनी मेहसूस करता है
14:49जो हालादाद से बल जाता है वो हिम्मत करके अपने वालिदीन के सामना करना हो जाता है
14:54और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
15:01यह लमहा ड्रामा के सबसे जिस बाती मोड होता है
15:05खनादान को हर इससास होता है
15:07कि महबत को रिष्टो के नाम पर कुर्बान करना जल्म है
15:10आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
15:14मगर इसकामयाबी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते है
15:19तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
15:24साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना माद भूलिए
15:27तेंस पर वाचिंग अल्हाफ़ज
15:29फेलो वीवर्स इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
15:33थे दो कजन्स अरीज और जहर की कहानी है
15:36जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवाने तक साथ पले बढ़े
15:41इनके तरमें एक अनके ही मुभबत पलु ही होती है
15:45मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दिलमान हायल रहती है
15:50आरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
15:55सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
15:58जो अपने जजबात को चुपा कर दुसरों के खुशी में खुश रहना जानती है
16:02जब अरीज के लिए खनदान वाले रिष्टा देखना शुरू करते है
16:07तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
16:10तो इसी तरव आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
16:13मगर अपनी महबत के इज़ार करने से गबराता है
16:16इनके खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
16:22खनदान वाले अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेक कर देते हैं
16:29सहर दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती है लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
16:33अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हम आहेंगी नहोनी की वज़े से भी सकुनी महसूस करता है
16:39जो हालादाद से बल जाता है वो हिम्मत करके अपने वालेदीन के सामना करना हो जाता है
16:45और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
16:52यह लमहा ड्रामा के सबसे जिजबाती मोड होता है
16:55खनादान को हर एसास होता है
16:57कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जुलम है
17:01आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
17:05मगर इसकामयाबी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते है
17:10तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राए की जहार लाज़मी कमेंट करें
17:15साथ में हमारा यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत पूलिए
17:18तेंस पर वाचिंग अल्हाफ़ज
17:20फेलो वीवर्स इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
17:24दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
17:27जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
17:32इनके दर्माद एक अनके ही महबत पल रही होती है
17:36मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दिर्मान हायल रहती है
17:41आरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास लिलका है
17:45सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाले लिलकी है
17:49जो अपने जजबात के चुपाकर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
17:53जब अरीज के लिए खनदान वाले रिष्टा देखना शुरू करते है
17:58तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
18:01तो इसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
18:04मगर अपनी महबद के इज़ार करने से गबराता है
18:07इनकी खामोश महबद को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
18:13खनदान वाले अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेकर देते हैं
18:19सहर दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
18:23अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हम आहेंगी नहुनी के वज़े से भी सिकुनी महसूस करता है
18:30जो हालादाद से बल जाता है वो हिम्मत करके अपने वाले दीन के सामना करना हो जाता है
18:36और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
18:42यह लमहा ड्रामा के सबसे जिजबाती मोड होता है
18:46खनादान को हैसास होता है
18:48कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जल्म है
18:52आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
18:56मगर इसकामयाबी के पीचे के कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते हैं
19:01तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी के मेंट करें
19:05साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए
19:09तेंस पर वाचिंग अल्ला हाफिज
19:10फेलो वीवर्स इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
19:15दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
19:17जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
19:23इनके दर्माद एक अनके ही महबत पल रही होती है
19:26मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दिनमान हायल रहती है
19:32अरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
19:36सहर नरम निजाच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
19:40जो अपने जजबात के चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
19:44जब अरीज के लिए खनदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
19:48तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
19:51तुसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
19:55मगर अपनी महबत के इज़ार करने से गबराता है
19:58इनकी खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
20:04खनदान वाले अरेज का श्रिश्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेख कर देते हैं
20:10सहर दिल पर पत्तर रख कर मस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
20:14अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हम आहेंगी नहोनी के वज़े से भी सकुनी महसूस करता है
20:21जो हालादाद से बल जाता है वो हिम्मत करके अपने वाले दीन के सामना करना हो जाता है
20:27और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
20:33यह लमहा ड्रामा के सबसे जिजबाती मोड होता है
20:37खनादान को हर एसास होता है
20:39कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जल्म है
20:43आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
20:47मगर इसकामयाबी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते है
20:51तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राए की जहार लाजमी कमेंट करें
20:56साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत पूलिए
20:59तैंस पर वाचिंग अल्हाफ़ज
21:01फेलो वीवर्स इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
21:05दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है जो एक ही गिर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
21:14इनके दर्मयां एक अनके ही महबत बल्रह ही होती है
21:17मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दिर्मान हायल रहती है
21:23आरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास लड़का है
21:27सहर नरम मिज़ाच खालिस दिल रखने वाले लड़की है
21:30जो अपने जजबात को चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
21:35जब अरीज के लिए खनदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
21:39तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
21:42तो इसी तरह आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
21:46मगर अपनी महबद के इज़ार करने से गबराता है
21:49इनके खामोश महबद को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
21:55खनदान वाले अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेक कर देते हैं
22:01सहर दिल पर पत्तर रखकर मस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
22:05अरेज अपने मंगेतर के साथ जहनी हम आएंगी
22:09नहुनी की वज़े से भी सकूँनी महसूस करता है
22:12जो हाला अदाद से बल जाता है
22:14वो हिम्मत करके अपने वालिदीन के सामना करना हो जाता है
22:18और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती
22:22और मेरी महबत सहर है
22:24यह लमहा ड्रामा के सबसे जिजबाती मोड होता है
22:28खनादान को हर इसास होता है
22:30कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जुलम है
22:33आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
22:37मगर इस कामयाबी की पीचे के कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते है
22:42तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
22:47साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सब्सक्राइब का नमाद भूलिए
22:50तैंक्स बार वाचिंग अल्हाफ़ज
22:52फेलो वीवर्स इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
22:56दो कजन्स अरेज और सहर की कहानी है
22:59जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
23:04इनके दरमाद एक अनके ही महबत पल रही होती है
23:08मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दरमाद हायल रहती है
23:14अरेज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
23:18सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
23:21जो अपने जजबात को चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
23:26जब अरेज के लिए खनदान वाले रिष्टा देखना शुरू करते है
23:30तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
23:33तो इसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
23:37मगर अपनी महबत के इजार करने से गबराता है
23:40इनके खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
23:45खनदान वारेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेह कर देते हैं
23:52सहर दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
23:56अरेज अपने मंगीतर के साथ जिहनी हम आहेंगी नहोनी की वज़ियसे भी स्कुनी महिसूस करता है
24:03जो हालादाद से बल जाता है वो हिम्मत करके अपने वाल Edinburgh के सामना करना हो जाता है
24:08और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
24:15ये लम्हा ड्रामा के सबसे जजबाती मोड होता है
24:19खनादान को हर एसस होता है
24:21कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जूलम है
24:24आखिरकार अरेज और स्हर के महबत कामियाब होती है
24:28मगर इसके हम्याबी के पीचे कोई कुर्बानी, आसु और टूटे खौब होते हैं
24:34तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय के जहार लाज़मी कमेंट करें
24:38साथ में हमारा यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब का नमात भूलिए
24:41तेंस पार वाचिंग, आला हाफिज
24:43फेलो वीवर्ज इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
24:47दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
24:50जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बड़े
24:55इनके दर्माद एक अनके ही महबत पल रही होती है
24:59मगर रस्म और रिवाच, खानिदानी परदे और अना के दिवारें के दर्माद हायल रहती है
25:04आरीज एक खुबसूरत, खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
25:09सहर नरम मिजाच, खालिस दिल रखने वाले ललकी है
25:12जो अपने जजबात को चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
25:16जब अरीज के लिए खानदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
25:21तो सहर के खामोश औमेदे टूटने लगती है
25:24तुसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
25:27मगर अपनी महबत के इजार करने से गबराता है
25:30इनकी खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
25:36खनदान वारेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने की लड़की से तेह कर देते हैं
25:43सहर दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती है लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
25:47अरेज अपनी मंगीतर के साथ जहनी हम आहेंगी
25:50नहोनी की वज़े से भी सिकुनी मुहसूस करता है
25:53जो हालादाथ से बल जाता है
25:56वो हम्मत करके अपने वालेदेन के सामना करना हो जाता है
25:59और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती
26:04और मेरी महबत सहर है
26:06ये लिम्हा, ड्रामा के सबसे जजबाती मोड होता है, खनदान को हर इससास होता हैं, कि महबत को रिश्टो के नाम पर कुर्बान करना खलम हैं।
26:16आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
26:19मगर इसकामयाबी के पीचे के कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते हैं
26:24तो इस ड्रामसेल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
26:29साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत पूलिए
26:32तेंक्स पार वाचिंग अल्हाफिज
26:34फेलो वीवर्स इस ड्रामसेल के आखाज में आप देखेंगे
26:38दो कजन्स अरेज और सहर की कहानी है
26:41जो एक ही गेर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
26:46इनके दरमाद एक अनके ही मुवबत बलुही होती है
26:50मगर रस्म और रिवाच खानिदानी परदे और अना के दिवार ने के दरमाद हाल रहती है
26:55आरेज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
26:59सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाले ललकी है
27:03जो अपने जजबात को चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
27:07जब अरेज के लिए खनदान वाले रिष्टा देखना शुरू करते है
27:12तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
27:15तुसी तरह आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
27:18मगर अपनी महबत के इज़ार करने से गबराता है
27:21इनके खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
27:27खनदान वाले अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेक कर देते हैं
27:33सहे दिल पर पत्तर रखकर मस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
27:37अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हमाहेंगी नहोनी की वज़े से भी सकुनी महसूस करता है
27:44जो हालादाद से बल जाता है वो हिम्मत करके अपने वाले दीन के सामना करना हो जाता है
27:50और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
27:57ये लम्हा ड्रामो के सबसे जजबाती मौड होता है
28:00खनादान को हैशास होता है
28:02कि महबत को रिश्टो के नाम पर कुर्बान करना जुलम है
28:06आखिरकार अरेज और सेहर के महबत कामयाज होती है
28:10मगर इसका हम्याबी के पीचे कोई कुर्बानी, आसु और टूटे खौब होते हैं
28:15तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की इजहार लाज़मी कमेंट करें
28:19साथ में हमारा यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब का नमात भूलिए
28:23तेंक्स पार वाचिंग, आल्ला हाफिज
28:24फेलो वीवर्ज, इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
28:29दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
28:31जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
28:37इनके दर्माद एक अनके ही महबत पल्र ही होती है
28:41मगर रस्म और रिवाच, खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दर्माद हायल रहती है
28:46अरीज एक खुबसूरत, खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
28:50सहर नरम मिजाच, खालिस दिल रखने वाले ललकी है
28:54जो अपने जजबात को चुपा कर दुस्तरों के खुशी में खुश रहना जानती है
28:58जब अरीज के लिए खानदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
29:02तो सहर के खामोश औमेदे टूटने लगती है
29:06तो इसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
29:09मगर अपनी महबबत के इज़ार करने से गबराता है
29:12इनके खामोश महबबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
29:18खनदान वारेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने की लड़की से तेक कर देते हैं
29:24सहर दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
29:28अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हम आहेंगी
29:32नहनी की वजए से बीसकुनी मحسوس करता है
29:35जो हाला अदात से बल जाता है
29:37वो हिम्मत करके अपने वालएदिन के सामना करना हो जाता है
29:41और सच बोल देता है महबत हुक्म के महताज नहीं होती
29:45और मेरी महबत सहर है
29:47ये लम्हा ड्रामा के सबसे जजबाती मोड होता है
29:51खनादान को हर एसास होता है
29:53कि बहुत को रिश्टो के नाम पर कुर्बान करना जुलम है
29:57आखिरकार अरेज और सहर के महभत काम्याब होती है
30:01मगर इसके हम्याबी की पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते हैं
30:06तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
30:10साथ में हमारा यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब का नमात पूलिए
30:14तेंस पार वाचिंग अल्ला हाफ़ज
30:15फेलो वीवर्ज इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
30:19दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
30:22जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बड़े
30:28इनके दर्माद एक अनके ही महबत पल रही होती है
30:31मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दर्माद हायल रहती है
30:37अरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
30:41सहर नरम मिजजच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
30:44जो अपने जजबात के चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
30:49जब अरीज के लिए खनदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
30:53तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
30:56तोसी तरव आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
31:00मगर अपनी महबत के इज़ार करने से गबराता है
31:03इनकी खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
31:09खनदान वाले अरेज का श्रिश्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेकर देते हैं
31:15खिर दिल पर पत्तर रखकर मस्कुरा देती हैं लेकिन अंधर ही अंधर भी करती है
31:19अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हम आएंगी
31:23नहोनी की वज़े से भी सकूनी मحسوس करता है
31:26जो हालाधाद से बल जाता है
31:28वो हिम्मत करके अपने वाले दिन के सामना करना हो जाता है
31:32और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती
31:36और मेरी महबत सहर है
31:38यह लमहा ड्रामा के सबसे जिजबाती मोड होता है
31:42खनादान को हैसास होता है
31:44कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जुलम है
31:47आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
31:51मगर इसकामयाबी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते है
31:56तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
32:01साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए
32:04तेंक्स पार वाचिंग अल्ला हाफिज
32:06फेलो वीवर्ज इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
32:10दो कजन्स अरेज और सहर की कहानी है
32:13जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
32:18इनके दर्माद एक अनके ही मुभबत पल रही होती है
32:22मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना की दिवारें के दर्माद हायल रहती है
32:28अरेज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास लड़का है
32:32सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाले लड़की है
32:35जो अपने जजबात को चुपा कर दुसरुक के खुशी में खुश रहना जानती है
32:40जब अरेज के लिए खनदान वाले रिष्टा देखना शुरू करते है
32:44तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
32:47तुसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
32:51मगर अपनी महबत के इज़ार करने से गबराता है
32:54इनके खामोश महबत को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
33:00खनदान वाले अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेह कर देते हैं
33:06सहे दिल पर पत्तर रखकर मस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
33:10अरेज अपनी मंगीतर के साथ जहनी हम आहेंगी नहोनी की वज़े से भी स Ciao निम एसूस करता है
33:17जिभाला अधात से बल जाता है वो हिमत करके अपने वाले दीन के सामना करना हो जाता है
33:22और सच बोल देता है महबत हुकम के मुहताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
33:29यह लिम्हा ड्रामा के सबसे जिज़बाती मोड होता है
33:33खनादान को है ऐसास होता है
33:35कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जुलम है
33:38आर्फिकार अरेज और सेहर के महबत काम्याप होती है
33:42मगर इसका हम्याबी की पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते हैं
33:48तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंट करें
33:52साथ में हमारा यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए
33:55तैंस पार वाचिंग अल्ला हाफिज
33:57फैलो वीवर्ज इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
34:01दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
34:04जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बढ़े
34:09इनके दर्माद एक अनके ही महबत पलुर ही होती है
34:13मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दर्माद हायल रहती है
34:18अरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हसास ललका है
34:23सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाले ललकी है
34:26जो अपने जजबात के चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
34:30जब अरीज के लिए खनदान वाले रिश्टा देखना शुरू करते है
34:35तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
34:38तो इसी तरह आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
34:41मगर अपनी महबद के इज़ार करने से गबराता है
34:44इनके खामोश महबद को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
34:50खनदान वाले अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेक कर देते हैं
34:57सहर दिल पर पत्तर रखकर मस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
35:01अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हम आहेंगी नहुनी के वज़े से भी सकुनी महसूस करता है
35:07जो हालादाद से बल जाता है वो हिम्मत करके अपने वालिदीन के सामना करना हो जाता है
35:13और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
35:20यह लमहा ड्रामा के सबसे जिजबाती मोड होता है
35:23खनादान को हर एसास होता है
35:25कि महबत को रिष्टों के नाम पर कुर्बान करना जल्म है
35:29आखिरकार अरेज और सहर के महबत कामयाब होती है
35:33मगर इसकामयाबी के पीचे कोई कुर्बानी आसु और टूटे खौब होते हैं
35:38तो इस ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जहार लाज़मी कमेंट करें
35:43साथ में हमारे यट्यूब का चीनल सबस्क्राइब का नमाद भूलिए
35:46तैंस पर वाचिंग अल्हाफिज
35:48फेलो वीवर्स इस ड्रामसल के आखाज में आप देखेंगे
35:52दो कजन्स अरीज और सहर की कहानी है
35:55जो एक ही गर में एक ही चत के नीचे बच्पन से लेकर जवानी तक साथ पले बड़े
36:00इनके दरमाद एक अनके ही मुभबत पल रही होती है
36:04मगर रस्म और रिवाच खानिदानी पर्दे और अना के दिवारें के दिर्मान हायल रहती है
36:09अरीज एक खुबसूरत खुद्दार मगर अंदर से हैसास ललका है
36:13सहर नरम मिजाच खालिस दिल रखने वाली ललकी है
36:17जो अपने जजबात के चुपा कर दुस्रुक के खुशी में खुश रहना जानती है
36:21जब अरीज के लिए खनदान वाले रिष्टा देखना शुरू करते है
36:26तो सहर के खामोश उमेदे टूटने लगती है
36:29तो इसी तरफ आरेज भी दिल में सहर को चाहता है
36:32मगर अपनी महबद के इज़ार करने से गबराता है
36:35इनके खामोश महबद को अलपाज नमिलने की सजा किसमत उन्हें देना शुरू करती है
36:41खनदान वाले अरेज का श्रिष्टा एक दौलत मन किराने के लड़की से तेक कर देते हैं
36:47श्रिष्ट दिल पर पत्तर रखकर मुस्कुरा देती हैं लेकिन अंदर ही अंदर भी करती है
36:52अरेज अपनी मंगेतर के साथ जहनी हम आएंगी नहुनी की वज़े से भी सिकुनी महसूस करता है
36:58जो हालादाद से बिल जाता है वो हिम्मत करके अपने वालिदीन के सामना करना हो जाता है
37:04और सच बोल देता है महबत हुकम के महताज नहीं होती और मेरी महबत सहर है
37:11यह लमहा ड्रामा के सबसे जिजबाती मोड होता है
37:14खनादान को असास होता है
37:16कि महबत को रिष्टो के नाम पर कुर्बान करना जलम

Recommended