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  • 6/1/2025
Sher Episode 5 | Danish Taimoor | Sarah Khan | 31st May 2025 [ENG SUB] ARY Digital Drama | HD Review

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Transcript
00:00इतनी अमाउंट का तो नहीं, लेकिन कुछ-कुछ अंदाज़ा था.
00:18यू समझो के मैंने जानी के अड़िट नहीं कराया, वो अपने अड़िटर्स लाता रहा, वो जो रिपोर्टें वो बनाते रहे, उनको सच मानता.
00:30रेदा, शेर को पसंद आ गई है, से शादी करना चाहता हूँ.
00:35हमारे हाँ गहर सेदों में बीटी नहीं दी जाती.
00:37अपका एक मुरीद, अपनी उलाद की पुष्यों की भीक आपने बास मांगने आ रहे है.
00:41मैं चाहती हूँ कि नसीम कर रिष्टा फाहद से पक्का किया जाए.
00:45मुझे मेरी बेहन के लिए फाहद कर रिष्टा ठीक नहीं लग रहा है, यहाँ बात ख़तम हो जाती है.
00:48मैं तो हैरान हो रही हूँ, आज पता चला है कि शेर बढ़ा हो गया है.
00:52है, काफी मिचुर लगा मुझे हो.
00:56वो कभी बच्चा था है यह नहीं, बच्पन से मिचुर है.
01:00आपको कभी वक्त नहीं मिला उसे जज़ करने करें.
01:04चाह खर छोड़ो उसको, आज मुझे कोई तुमें बहुत ही इंपॉर्टन चीज़ें देनी है.
01:08मेरी राय के खिलाफ कुई जाता है ना तो उसा चाड़ जाता है, बस इती सी बात दीए.
01:14मैं आप से वादा करते हैं.
01:15किसी की चांट लेने से चांट देने तक, का हर हुकम मानूं की.
01:20कभी यहां से मायूस भी गये, ना मैं खुछ रहूंगा जितर की.
01:23मेरे बाब में सब के सामने गुट्टों पे घट के, मेरी खुछ यों की कीमत तो अधा की.
01:28आप है मेडी की मानिक.
01:32बस अपने बच्ची, मेरी चोजी में डाल दे.
01:40हम तो रिष्टेदार हैं बाबे जी, आपका बड़ापा सिक और हो जाएगा.
01:44सहर का असर सारी जिद्देगे नी खतब हो था.
01:51ताहों का नामे होने दूगी.
01:55अगर कभी आपके भतीजे को मेरी मज़से नुक्सानवा तो फिष्ट की बास जाएगा.
02:02मेरे एक भतीजे ने लाज भी तो रखी.
02:09आपके दुश्मनों की बेटी आई है.
02:11जिसे मुहबत के बंधन में बांदिया इस गर तक लिया लिए.
02:18तुश्मनों की बेटी है. बेटी तुश्मन की हो या दोस्त की.
02:22बेटी बेटी होती है.
02:25खर से भागी हुई ये लड़की है.
02:41बेटी है.
03:11जिसे मुहबत की बेटी है.
03:41बेटी है.
03:43जिसे मुहबत की बाबादी आई है.
03:45जिसे मुहबत की बेटी है.
03:47आई हूँ ये उपश्मनों.
03:49ये उप लिए बेटी है.
03:51रुए दुश्मनों की बेटी है.
03:53मेरे भाबा मेरे भुर già wrapper किा किसे काल malaria तरह..
04:02मैं मर गई, मैंने जहर काल� त़ा, जा अपने कहा था..
04:07वह आत्थ को नहीं जोड़ना भाबा,-
04:11वह आत्थ को नहीं जोड़ना उसको..
04:18वह आत्थ को बोली मार दे, वह आत्थ को नहीं जोड़ना..
04:23कर दो कर दो
04:53इस दुरामस सेल के आगाज में आप देखेंगे
05:05हेना जो एक पर सुकून मगर कप से बड़ी जिन्दागी गुजार रही होती है
05:10हेना का तालुक एक कदामत पसंद खनादान से है
05:12जहां लड़कों के खुआबों के इज़त नहीं दी जाती है
05:15वो एक पड़े लगी बाहमत लड़की है जो टीचर बना चाहती है
05:19लेकिन इसके वालिद इसके खौबों को पजूल ख्याल समझते है
05:22दुसी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदास हांको वाला शायर लड़का है
05:26जो जिन्दग्यों में वापा के तलाश में है
05:29इसके मा इस दुनिया से जा चुकी है
05:31और बाब ने दुसी शादी करके उसे केला चोड़ दिया है
05:34सारिम अपनी शायरी औरदर के सारे जीता है
05:36वगर अंदर से टूटा हुआ है
05:38हेना और सारिम के पहले मुलाकात
05:40एक किताब मेले में होती है
05:42जहाँ सारिम के लिकी नजमे हेना की दिल को चूलेती है
05:45वो इसकी तहरीर उसे मतासिर हो जाती है
05:48और दोनों के दूस्से हामोशे से परवान चलने लगती है
05:51दोनों को सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
05:54और वो एक दूसे इसके सहारा बन जाते है
05:57लेकिन पिरा चानक कहानी का एक निया रूख एक्तार करती है
06:00हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
06:02जो एक जबरदस्थी करने वाला और उससे वाला शखस है
06:06हेना के वाले दूसे कहते है
06:08महबत किताबों में अची लगती है
06:09असल जिन्दगी परस से चलती है
06:12सारम टूट जाता है
06:14मगर पिर हेना को हम्मत देता है
06:16वो कहता है
06:17यह जिन्दगी तुमारी है और खौप भी तुमारे
06:19किसी और के खौप से उन्हें दपन मत करो
06:22एक दिन शादी सेnement
06:23एक दिन पहले हेना घर से निकल जाती है
06:26सारीम के साथ नहीं बलुकि खुद के साथ अपनी शिनाख के लिए
06:29आखरी सीन में हेना एक स्कूल में बच्चों को पड़ा रही होती है
06:33और सारीम अपनी नहीं किताब के तकरीब इसके तारूब करवा रहा होता है
06:37ये कहानी है एक इस दिल्लकी की जो चाहत के साय में खुद क्यों पेचान गई
06:41ये कहानी इस तरह मौबत की नहीं बलो कि खुद से मौबत खुददारी और इज़ती नफसकी भी है
06:46तो इस रामसल के हुआले से आपने राय की जाहर लाजमी के मैंने करें
06:50साथ में हमारा येटूब का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
06:52तेंस पर वाचिंग अलाहाफ़ज
06:54इस रामसल के आगाज में आप देखेंगे
06:57हेना जो एक पर सुकून मगर कप से बरी जिन्दागी उजार रही होती है
07:02हेना का तालुक एक अदामत पसंद खनादान से है
07:04जहार लड़कों के खुआबों के इज़त नहीं दी जाती है
07:07वो एक पड़े लेकी बाहिमत लड़की है
07:09जो टीचर बना चाहती है
07:11लेकिन इसके वाले इसके खुआबों को पजूल खयाल समझते है
07:14दुसी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदा सांको वाला शायर लड़का है
07:18जो जिन्दग्यों में वापा के तलाश में है
07:21इसके मा इस दुनिया से जा चुकी है
07:23और बामने दुसी शादी करके उसे केला चोड़ दिया है
07:25सारिम अपनी शायरी और दर के सारे जीता है
07:28मगर अंदर से टूटा हुआ है
07:30हेना और सारिम के पेले मुलाकात
07:32एक किताब मेले में होती है
07:34जहां सारिम के लिक के नजमे हेना की दिल को चूलेती है
07:37वो इसकी तहरीर उसे मतासिर हो जाती है
07:40और दोनों के दूस्से हामोशे से परवान चलने लगती है
07:43दोनों को सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
07:46और वो एक दूसे इसके सहारा बन जाते है
07:48लेकिन पिर अचानक कहानी का एक निया रूख इत्यार करती है
07:52हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
07:54जो एक जबरदस्ती करने वाला और उससे वाला शखस है
07:58हेना के वाले दूसे कहते है
08:00महबत किताबों मैची लगती है
08:01असल जिन्दगी परस से चलती है
08:04सरिम तूट जाता है
08:06मगर पिर हेना को हमत देता है
08:08वो कहता है
08:08जिन्दगी तुमारी है और खौब भी तुमारे
08:11किसे और एके खौब से उन्हें दपन मत करो
08:14एक दिन शादी से एक दिन पहले
08:16हेना घर से निकल जाती है
08:18सरिम के साथ नहीं
08:19बल्कि खुद के साथ अपनी शिनाख के लिए
08:21आखरी सीन में हेना एक स्कूल में
08:23बच्चों को पढ़ा रही होती है
08:24और सारे में अपने नहीं किताब के तकरीब
08:26इसके तारूब करवा रहा होता है
08:28ये कहानी है
08:29एक एस दिल्लकी के जो चाहत के साय में
08:31खुद को पेचान गई
08:33एक कहानी इस तरह महबत की नहीं
08:35बलकि खुद से महबत, खुद्दारी
08:36और इस दिल्लकी नपस की भी है
08:38तो इस दिल्लकी के हौले से
08:39आपने राए की जाहर लाजमी के मैंने करें
08:42साथ में हमारा इटूब का चीनल
08:43सब्सक्राइब करना मत बूलिए
08:44तेंस पर वाचिंग, लाहाफ़ेज
09:14और बाब ने दुसरी शादी करके
09:16उसे केला चोड़ दिया है
09:17सारिम अपनी शाहरी और दर के साहरे जीता है
09:20मगर अंदर से टूटा हुआ है
09:22हेना और सारिम के पहले मुलाकाद
09:24एक किताब मेले में होती है
09:26जहाँ सारिम के लिकी नजमे
09:27हेना की दिल कुछ भू लेती है
09:29वो इसकी तहरीर उसे मतासिर हो जाती है
09:32और दोनों के दूसरी हामोशे से फरवान चलने लगती है
09:35दोनों को सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
09:38और वो एक दूसरी के साहरा बन जाते है
09:40लेकिन पिराचानक कहानी का एक निया रूख इतार करती है
09:44हेना के मगनी इसके कजन से तेक कर दी जाती है
09:46जिए जबरदस्टी करने वाला, और उससे वाला शखस है
09:50हेना के वाले उसे कहते है
09:52महबत किताबों में ची लगती है
09:53असल जिन्दगी परस से चलती है
09:56सार Tada am टोट जाता है
09:57मगर पिर ह्लेयर हेना को हुम्मत देता है
10:00वो कहता है
10:00यह जिदेगी तुमारी है और खौब भी तुमारे
10:03किसे और अर्के खौब से उन्हें दपन मत करो
10:06एक दिन शादी से एक दिन पेले
10:08हृणा घर से निकल जाती है
10:10सारीम के साथ नहीं बलकि खुद के साथ अपनी शिनाख के लिए
10:13आखरी सीन में हिना एक स्कूल में बच्चे को पढ़ा रही होती है
10:16और सारीम अपने नहीं किताब के तकरीब इसके अतारूब करवा रहा होता है
10:20ये कहानी है एक इस दिल्लकि के जो चाहत के साय में खुद के पेचान गी
10:25ये कहानी सिर्भ मौबत के नहीं बलकि खुद से मौबत खुदधारी और इस दिनाफस की भी है
10:30ति दिल्लकि के हौले से आपने राए की ज़ाहर लाजमी के मैंने करें
10:34साथ में हमारा इटूब का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
10:36तेंस पर वाचिंग आगाज में आप देखेंगे
10:41हेना जो एक पर सुकून मगर कप से बरी जिन्देगी उजार रही होती है
10:45हेना का तालुक एक अदामत पसंद खनादान से है
10:48जहां लड़कों के ख्वाबों के इज़त नहीं दी जाती है
10:51वो एक पड़े लिकी बाहमत लड़की है
10:53जो टीचर बना चाहती है
10:54लेकिन इसके वाले इसके ख्वाबों को पजूल ख्याल समझते है
10:57दुसरी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदास हांको वाला शायर लड़का है
11:02जो जिन्देग्यों में वापा के तलाश में है
11:04इसके मा इस दुनिया से जा चुकी है
11:06और बाब ने दुसरी शायरी करके उसे केला चोड़ दिया है
11:09सारिम अपनी शायरी औरदर के सारे जीता है
11:12मगर अंदर से टूटा हुआ है
11:14हेना और सारिम के पहले मुलाकात
11:16एक किताब मेले में होती है
11:18जहां सारिम के लिकी नजमे हेना की दिल कुछ भू लेती है
11:21वो इसकी तहरीर उसे मतासिर हो जाती है
11:24और दोनों के दूसरे हामोशे से फरवान चलने लगती है
11:26दोनों को सोच, दुग और खौब एक जिसे होते है
11:30और वो एक दूसरे सहारा बन जाते है
11:32लेकिन पिरा चानक कहानी का एक निया रूख इतार करती है
11:35हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
11:38जो एक जबरदस्ती करने वाला और उससे वाला शखस है
11:42हेना के वाले दूसरे कहते है
11:43महबत किताबों में अची लगती है
11:45असल जिन्दगी परस से चलती है
11:48सरिम तूट जाता है
11:49मगर पिर हेना को हम्मत देता है
11:51वो कहता है
11:52जिन्दगी तुमारी है
11:54और खौब भी तुमारे
11:55किसे और एके खौब से उन्हें दपन मत करो
11:58एक दिन शादी से एक दिन पहले
12:00हेना घर से निकल जाती है
12:02सरिम के साथ नहीं
12:03बलकि खुद के साथ
12:04अपने शिनाख के लिए
12:05आखरे सीन में हेना
12:06एक स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही होती है
12:08और सारी में अपने नी किताब के तकरीब
12:10इसके तारूब करवा रहा होता है
12:12यह कहानी है
12:13एक एस जिल्लकी के जो चाहत के साए में
12:15खुद को पेचान गई
12:17यह कहानी सिर्भ मौबत के नहीं
12:19बलकि खुद से मौबत, खुद्दारी
12:20और इस जिल्लकी नफसकी भी है
12:22तो इस जिल्लकी के होले से
12:23अपने राय की जाहर लाजमी के मैंने करें
12:26साथ में हमारा आईटूब का चीनल
12:27सब्सक्राइब करना मत बूलिए
12:28तेंक्स पर वाचिंग, लाहाफ़ेज़
12:58और बाबने दुस्री शादी करके
13:00उसे केला चोड़ दिया है
13:01सारिम अपनी शाहरी और दर के साहरे जीता है
13:04मगर अंदर से टूटा हुआ है
13:06हेना और सारिम के पहले मुलाकात
13:08एक किताब मेले में होती है
13:10जहाँ सारिम के लिकी नजमे
13:11हेना की दिल को चूलेती है
13:13वो इसकी तहरीर से मतासिर हो जाती है
13:16और दोनों के दूस्से हामोशे से परवान चलने लगती है
13:18दोनों को सोच, दुग और खौब एक जिसे होते है
13:22और वो एक दूसे इसके सहारा बन जाते है
13:24लेकिन पर अचानक कहानी का एक नया रुख श्यार करती है
13:27हेना के मगनी इसके कजन से तेक कर दी जाती है
13:30जो एक जबरदस्थी करने वाला, वो उससे वाला शख्स है
13:34हेना के वालदी से कहते है
13:35महुबत किताबों मे अची लगती है
13:37असल जिन्दगी परस से चलती है
13:40सारिम तूट जाता है
13:41मगर पिर हेना को हमत देता है
13:43वो कहता है
13:44जिन्दगी तुमारी है और खौब भी तुमारे
13:47किसे और के खौब से उन्हें दपन मत करो
13:49एक दिन शादी से एक दिन पहले
13:52हेना गर से निकल जाती है
13:53सारे में के साथ नहीं, बल방 कि खुट के साथ, अपनी श�enाख एक सीम में हैंज़ प्राइर, विड़ा, आखरे, आखरे, आरी, अपने रूप की बियर, इसकुल को पड़ा रही होते हैं, अर सारे में एक एपने नही किताब करवा रहा होता है, यह कहानी है, एक ऐस दिल्लकी क
14:23अब देखेंगे हेना जो एक पर सुकून मगर कप से बड़ी जिन्दगी उजार रही होती है हेना का तालुक एक अदामत पसंद खनादान से है जहां लड़कों के खौबों के इज़त नहीं दी जाती है वह एक पड़े लगी बाहिमत लड़की है जो टीचर बना चाहती है ल
14:53सारिम अपनी शारिय औरड़ के सारे जीता है मगर अंदर से टूटा हुआ है हेना और सारिम के पहले मुलाकात एक किताब मेले में होती है जहां सारिम के लिक की नजमे हेना की दिल कुछ भू लेती है वो इसकी तहरीर से मतासिर हो जाती है और दोनों के दूसरे हामोशे से �
15:23उने वाला और उससे वाला शखस है हेना के वालदी से कहते है महबत किताबों मेची लगती है असल जिन्दगी परस से चलती है सारिम तूट जाता है मगर पिर हेना को हमत देता है वो कहता है जिन्दगी तुमारी है और खौब भी तुमारे किसे और के खौब से उन्हें द�
15:53तक्रीम इसके तारूप करवा रहा होता है यह कहानी एक एस चल्ब की जो चाहत के साय में खुद को पेचान गी एक कहानी इस तरह महबत के नहीं नहीं बलto कि खुद से मुहाबत खुददारी और ईसमया की आपने राय की जाहर लाजमी केमेन करें
16:09साथ में हमारा यट्यूब का चीनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए है तेंस पर वाचिंग आगाज में आप देखेंगे हेना जो एक पर सुकून मगर कब से बरी जिन्दगी उजार रही होती है हेना का तालुग एक अदामत पसंद खनादान से है जहां लड़कों के खुआ�
16:39के तलाश में है इसके माई इस दुनिया से जा चुकी है और बाब ने दुस्री शादी करके उसे केला चोड़ दिया है सारिम अपनी शायरी औरदर के सारे जीता है वगर अंदर से तूटा हुआ है हेना और सारिम के पहले मुलाकात एक किताब मेले में होती है जहां सारिम के
17:09पहानी का एक निया रूख इतार करती है हेना के मंगनी इसके कजन से तेक कर दी जाती है जह जबर्दस्ती करने वाला और उससे वाला शखस है हेना के वाले दूसे कहते है महबत किताबों में अच्छी लगती है असल जिन्दगी परस से चलती है सारिम तूट जाता है मगर �
17:39अपनी शनाख के लिए आखरी सीन में हेना एक स्कूल में बच्चे को पढ़ा रही होती है और सारी में अपनी नई किताब के तकरीब इसके तारूब करवा रहा होता है यह कहानी है एक एस जिल्लकी की जो चाहत के साय में खुद क्यों पेचान गही है यह कहानी जिन्दगी
18:09जो एक पर सुकून मगर करव से बरी जिन्दगी उजार रही होती है हिना का तालूग एक अदामत पसंद खनादान से है जहार लड़कों के खुद के खुद की बाहिमत लड़की है जो टीचर बना चाहती है लेकिन इसके वालिद इसके खुद को पजूल खयाल समझते है द
18:39है मगर अंदर से टूटा हुआ है हिना और सारिम के पहले मुलाकात एक किताब मेले में होती है जहां सारिम के लिक के नजमे हिना की दिल को चूल लेती है वो इसकी तहरीर उसे मतासिर हो जाती है और दोनों के दूसरे हामोशी से परवान चलने लगती है दोनों को सोच दु
19:09हैना کے वालेदे से कहते है
19:11महुबत किताबों में अची लगती है
19:13अची है असल जिद्गी परस से चलती है
19:15सालिम तूट जाता है
19:17मगर फिर हैना को हिमन देता है
19:19वो कहता है
19:20जिद्धी तुमारी है और खौब भी तुमारे
19:23किसे और एके खौब से उन्हें दपन मत करो
19:25एक दिन शादी से एक दिन पहले हेना घर से निकल जाती है
19:29सारिम के साथ नहीं बलुकि खुद के साथ अपनी शनाख के लिए
19:32आखरे सीन में हेना एक स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही होती है
19:36और सारी में अपने नहीं किताब के तकरीब इसके अतारूब करवा रहा होता है
19:40यह कहानी है एक एस दिल्लकी के जो चाहत के साय में खुद के पेचान गही ही
19:44यह कहानी इस तरह मौबत के नहीं बलुकि खुद से महबत, खुददारी और इस दिन अपसकी भी है
19:49इस दिल्लकी के हौले से अपने राय की ज़ार लाजमी के माने करें
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19:56तेंस पर वाचिंग, लाहाफ़ज
19:57इस दिल्लकी आगाज में आप देखेंगे
20:00हेना जो एक पर सुकून मगर करप से बरी जिन्दागी उजार रही होती है
20:05हेना का तालुग एक कदामत पसंद खनादान से है
20:07जहां लड़कों के खुआबों के इज़त नहीं दी जाती है
20:10वह एक पड़े लिकी बाहमत लड़की है
20:12जो टीचर बना चाहती है
20:14लेकिन इसके वाले दिसके खुआबों को पजूल ख्याल समझते है
20:17दुसी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदासांको वाला शायर लड़का है
20:21जो जिन्देग्यों में वापा के तलाश में है
20:24इसके मार्स दुनिया से जा चुकी है
20:26और बाबने दुसी शादी करके उसे केला चोड़ दिया है
20:29सारिम अपनी शाहरी और दर के सारे जीता है
20:31मगर अंदर से टूटा हुआ है
20:33हेना और सारिम के पहले मुलाकात
20:35एक किताब मेले में होती है
20:37जहां सारिम के लिकी नजमे हेना की दिल को चूल लेती है
20:40वो इसकी तहरीर उसे मतासर हो जाती है
20:43और दोनों के दूस्से हामोशी से फरवान चलने लगती है
20:46दोनों को सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
20:50और वो एक दूसे इसके सहारा बन जाते है
20:52लेकिन पिरा चानक कहानी का एक निया रूख थार करती है
20:55हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
20:58जो एक जबरदस्थी करने वाला वो इससे वाला शखस है
21:01हेना के वालदी से कहते है
21:03महबत किताबों मैची लगती है
21:05असल जिन्दगी परस से चलती है
21:07सरिम तूट जाता है
21:09मगर पिर हेना को हम्मत देता है
21:11वो कहता है यह जिन्दगी तुम्हारी है और खौब भी तुम्हारी है और खौब से उन्हें दपन मत करो
21:17एक दिन शादी से एक दिन पहले हिना घर से निकल जाती है सारिम के साथ नहीं बलकि खुद के साथ अपने शिनाख के लिए
21:24आखरी सीन में हेना एक स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही होती है और सारी में अपने नहीं किताब के तकरीब इसके अतारूब करवा रहा होता है
21:32यह कहानी है एक एस दिल्लकी के जो चाहत के साय में खुद को पेचान गई
21:36एक कहानी इस तरह महबत की नहीं बलकि खुद से महबत खुददारी और इस दिल्लकी नपस की भी है ते इस दिल्लकी के होले से अपने राय की जाहर लाजमी के मैंने करें साथ में हमारा इटूब का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
21:48तेंक्स पर वाचिंग आगाज में आप देखेंगे
21:52हेना जो एक पर सुकून मगर कप से बरी जिन्दागी उजार रही होती है
21:57हेना का तालुक एक कदामत पसंद खनादान से है
21:59जहां लड़कों के खवाबों के इज़त नहीं दी जाती है
22:02वो एक पड़े लिकी बाहिमत लड़की है जो टीचर बना चाहती है
22:06लेकिन इसके वाले इसके खवाबों को पजूल खयाल समझते है
22:09दुसरी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदा सांको वाला शायर लड़का है
22:13जो जिन्देग्यों में वापा के तलाश में है
22:16इसके माई इस दुनिया से जा चुकी है
22:18और बाब ने दुसरी शायरी करके उसे केला चोड़ दिया है
22:21सारिम अपनी शायरी और दड़ के सारे जीता है
22:23मगर अंदर से टूटा हुआ है
22:25हेना और सारिम के पहले मुलाकाथ
22:27एक किताब मेले में होती है
22:29जहां सारिम के लिके नजमे हेना के दिल कुछ भू लेती है
22:32वो इसकी तहरीर से मतासर हो जाती है
22:35और दोनों के दूसरे हामुशे से फरवान चलने लगती है
22:38दोनों को सोच, दुग और खौब एक जिसे होते है
22:41और वो एक दूसरे से सहारा बन जाते है
22:44लेकिन पिरा चानक कहानी का एक निया रूख थार करती है
22:47हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
22:50जो एक जबरदस्ती करने वाला और उससे वाला शखस है
22:53हेना के वाले दूसरे कहते है
22:55महबत किताबों मेची लगती है
22:56असल जिन्दगी परस से चलती है
22:59सरिम तूट जाता है
23:01मगर पिर हेना को हम मत देता है
23:03वो कहता है
23:04जिन्दगी तुमारी है
23:05और खौब भी तुमारे
23:07किसे और एके खौब से उन्हें दपन मत करो
23:09एक दिन शादी से एक दिन पहले
23:11हेना घर से निकल जाती है
23:13सरिम के साथ नहीं
23:14बल्कि खुद के साथ
23:15अपने शिनाख के लिए
23:16आखरे सीन में हेना
23:18एक स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही होती है
23:20और सारे में अपने नहीं किताब के तकरीब
23:22इसके तारूब करवा रहा होता है
23:24यह कहानी है
23:24एक ऐस दिल्लकि के जो चाहत के साए में
23:26खुद को पेचान गी
23:28यह कहानी इस तरह मौबत की नहीं
23:30बलकि खुद से मौबत, खुद्धारी
23:32और इस दिल्लकि की भी है
23:33तो इस दिल्लकि के होले से
23:35अपने राए की ज़ाहर लाजमी के मैंने करें
23:37साथ में हमारा आईटूब का चीनल
23:38सब्सक्राइब करना मत बूलिए
23:39तेंस पर वाचिंग, लाहाफ़ेज
24:09और बाबने दूसरी शादी करके
24:11उसे केला चोड़ दिया है
24:13सारिम अपनी शाहरी और दर के साहरे जीता है
24:15मगर अंदर से टूटा हुआ है
24:17हेना और सारिम के पहले मुलाकाद
24:19एक किताब मेले में होती है
24:21जहाँ सारिम के लिकी नजमे
24:23हेना की दिल को चूलेती है
24:24वो इसकी तहरीर उसे मतासिर हो जाती है
24:27और दोनों के दूसरी हामोशे से परवान चलने लगती है
24:30दोनों को सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
24:33और वो एक दूसरी से सहारा बन जाते है
24:36लेकिन पिर अचानक कहानी का एक निया रूख थार करती है
24:39हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
24:41जो एक जबरदस्ती करने वाला वो उससे वाला शखस है
24:45हेना के वालदी से कहते है
24:47महबत किताबों में अची लगती है
24:48असल जिन्दगी परस से चलती है
25:06बिए खुद के साथ अपनी शिनाख के लिए आखरी सीन में एक स्कूल में बच्छों को पढ़ा रही होती है और सारी में अपनी नहीं किताब के तक्रीब इसके थारूब करवा रहा होता है
25:16यह कहानी है एक एस जिल्लकिकी जो चाहत के साय में खुद को पेचान गयी
25:20यह कहानी इस तरह मौबत की नहीं बलकि खुद से मौबत खुददारी और इस जिल्लकि के हौले से अपने राय की जाहर लाजमी के मैंने करें
25:29साथ में हमारा आइटूब का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए तेंस पर वाचिंग आगाज में आप देखेंगे
25:36हेना जो एक पर सुकून मगर करप से बड़ी जिन्दागी उजार रही होती है
25:41हेना का तालुक एक अदामत पसंद खनादान से है
25:43जहां लड़कों के खुदाब के इज़त नहीं दी जाती है
25:46वह एक पड़े लगी बाहमत लड़की है जो टीचर बना चाहती है
25:50लेकिन इसके वाले इसके खुआबों को पजूल ख्याल समझते है
25:53दुसी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदासांको वाला शायर लड़का है
25:57जो जिन्देग्यों में वापा के तलाश में है
26:00इसके माई इस दुनिया से जा चुकी है
26:01और बापने दुसी शादी करके उसे केला चोड़ दिया है
26:04सारिम अपनी शाहरी औरदर के सारे जीता है
26:07मगर अंदर से टूटा हुआ है
26:09हेना और सारिम के पहले मुलाकात
26:11एक किताब मेले में होती है
26:13जहां सारिम के लिकी नजमे हेना की दिल को चूल लेती है
26:16वो इसकी तहरीर से मतासिर हो जाती है
26:19और दोनों के दूस्से हामोशे से फरवान चलने लगती है
26:22दोनों को सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
26:25और वो एक दूसे इसके सहारा बन जाते है
26:27लेकिन पिर अचानक कहानी का एक निया रूख इत्यार करती है
26:31हेना के मंद्डी उसके कजन से तेह कर दी जाती है
26:33जो एक जबरदस्ती करने वाला, और उससे वाला शखस है
26:37हेना के वालदी से कहते है
26:39महबत किताबों मैच्छी लगती है
26:40असल जि verdi से चलती है
26:43सार्ण तूट जाता है
26:45मगर फिर हेना को हम्हत देता है
26:47वो कहता है ये जिन्दगी तुमारी है और खौब भी तुमारे किसे और के खौब से उन्हें दपन मत करो
26:53एक दिन शादी से एक दिन पहले हिना घर से निकल जाती है सारिम के साथ नहीं बलकि खुद के साथ अपनी शनाख के लिए
27:00आखरी सीन में हेना एक स्कूल में बच्चे को पढ़ा रही होती है और सारी में अपने नहीं किताब के तकरीब इसके तारूब करवा रहा होता है
27:07ये कहानी है एक एस दिल्लकी के जो चाहत के साय में खुद क्यों पेचान गी
27:12ये कहानी इस दिल्लकी के नहीं बलकि खुद से महबत खुददारी और इस दिल्लकी के हौले से अपने राए की जाहर लाजमी के मैंने करें
27:21साथ में हमारा इटूब का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए तेंस पर वाचिंग अगाज में आप देखेंगे
27:28हेना जो एक पर सुकून मगर कर्प से बरी जिन्दागी उजार रही होती है
27:32हेना का तालुक एक कदामत पसंद खनादान से है
27:35जहां लड़कों के खुआबों के इज़त नहीं दी जाती है
27:38वो एक पड़े लिकी बाहमत लड़की है जो टीचर बना चाहती है
27:41लेकिन इसके वाले दिसके खुआबों को पजूल ख्याल समझते है
27:44दुसरी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदासांको वाला शायर लड़का है
27:49जो जिन्दगियों में वापा के तलाश में है
27:52इसके मा इस दुनिया से जा चुकी है
27:53और बाप ने दुसरी शादी करके उसे केला चोड़ दिया है
27:56सारिम अपनी शाहरी औरदर के सारे जीता है
27:59मगर अंदर से टूटा हुआ है
28:01हेना और सारिम के पहले मुलाकाद
28:03एक किताब मेले में होती है
28:05जहाँ सारिम के लिकी नज़ में हेना की दिल को चूलेती है
28:08वो इसकी तहरीर से मतासर हो जाती है
28:11और दोनों के दूसरी हामोशे से फरवान चलने लगती है
28:13दोनों को सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
28:17और वो एक दूसरी से सहारा बन जाते है
28:19लेकिन पिर अचानक कहानी का एक निया रूख थार करती है
28:22हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
28:25जो एक जबरदस्थी करने वाला वो उससे वाला शखस है
28:29हेना के वाले दूसे कहते है
28:31महबत किताबों मेची लगती है
28:32असल जिन्दगी परस से चलती है
28:35सारिम तूट जाता है
28:36मगर पिर हेना को हम्मत देता है
28:39वो कहता है
28:39जिन्दगी तुमारी है और खौब भी तुमारे
28:42किसे और के खौब से उन्हें दपन मत करो
28:45एक दिन शादी से एक दिन पहले
28:47हेना गर से निकल जाती है
28:49सारिम के साथ नहीं वर कि खुद के साथ
29:05मुहबत की नहीं बलकि खुद से मुहबत खुद्दारी और इज़ती नफसकी भी है तिस रामसल के हौले से अपने राए की जाहर लाजमी के मैंन करें साथ में हमारा येटूब का चीनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए तेंस पर वाचिंग अलाहाफ़े इस रामसल के आगा�
29:35पजूल ख्याल समझते हैं दूसी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदास हांको वाला शायर लड़का है जो जिन्देग्यों में वापा के तलाश में है इसके मा इस दुनिया से जा चुकी है और बाब ने दूसी शादी करके उसे केला चोड़ दिया है सारिम अपनी शायरी और
30:05लिगती है दूनों को सौच दुख और खुब एक जिसे होते है और वो एक दूसे इसके सहारा बन जाते है लेकिन पिर अचानक कहानी का एक निया रूख अस्तार करती है हेना की मगनी इसके कजन से तेक कर दी जाती है जो एक जबरदस्टी करने वाला ओस से वाला श्छस है
30:35खौब से उन्हें दपन मत करो
30:36एक दिन शादी से एक दिन पहले
30:39हिना गर से निकल जाती है
30:41सारिम के साथ नहीं बल्कि खुद के साथ
30:43अपनी शिनाख के लिए
30:44आखरी सीन में हिना एक स्कूल में बच्चों को पड़ा रही होती है
30:47और सारी में इपने नी किताब के तकरीब
30:49इसके तारूब कर वा रहा होता है
30:51ये कहानी है
30:52एक इस जिल्लकि जो चाहत के साय में खोड़ के पहचानगी
30:56ये कहानी इस तुरिह नहीं बलक के लिए
30:58बलक को ख़़त से महबबत, खुदधारी
30:59और इस org ब्सकी भी है
31:01तो इस रामसल के होले से अपने राय की जाहर लाजमी के मैंने करें
31:05साथ में हमारा येटूब का चीनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
31:07तेंस पर वाचिंग आगाज में आप देखेंगे
31:11हेना जो एक पर सुकून मगर कप से बरी जिन्दागी गुजार रही होती है
31:16हेना का तालुक एक अदामत पसंद खनादान से है
31:19जहार लड़कों के खुआबों के इज़त नहीं दी जाती है
31:21वो एक पड़े लेकी बाहिमत लड़की है
31:23जो टीचर बना चाहती है
31:25लेकिन इसके वाले इसके खुआबों को पजूल खयाल समझते है
31:28दुसी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदा सांको वाला शायर लड़का है
31:33जो जिन्दग्यों में वापा के तलाश में है
31:35इसके मा इस दुनिया से जा चुकी है
31:37और बाब ने दुसी शादी करके उसे केला चोड़ दिया है
31:40सारिम अपनी शाहरी और दर के सारे जीता है
31:43मगर अंदर से टूटा हुआ है
31:45हेना और सारिम के पेले मुलाकात
31:47एक किताब मेले में होती है
31:48जहां सारिम के लिक की नज़ में हेना की दिल को चूल लेती है
31:52वो इसकी तहरीर उसे मतासर हो जाती है
31:55और दोनों के दूस्से हामोशे से फरवान चलने लगती है
31:57दोनों को सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
32:01और वो एक दूसे सहारा बन जाते है
32:03लेकिन पिरा चानक कहानी का एक निया रूख थार करती है
32:06हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
32:09जो एक जबरदस्थी करने वाला और उससे वाला शखस है
32:13हेना के वाले दूसे कहते है
32:14महबत किताबों में अची लगती है
32:16असल जिन्दगी परस से चलती है
32:19सरिम तूट जाता है
32:20मगर पिर हेना को हमत देता है
32:22वो कहता है
32:23जिन्दगी तुमारी है
32:25और खौब भी तुमारे
32:26किसे अवरे के खौब से उन्हें दपन मत करो
32:28एक दिन शादी से एक दिन पहले
32:31हेना घर से निकल जाती है
32:32सरिम के साथ नहीं
32:34बल्कि खुद के साथ अपने शिनाख के लिए
32:36आखरी सीन में हेना
32:37एक स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही होती है
32:39और सारी में अपने नहीं किताब के तकरीब
32:41इसके तारूब करवा रहा होता है
32:43यह कहानी है
32:44एक एस दिनल्गी के जो चाहत के साय में
32:46खुद को पेचान गी
32:48एक कहानी इस तरह महबत की नहीं
32:49बलकि खुद से महबत, खुददारी
32:51और इस दिनापस की भी है
32:53तो इस दिनल्गी के हौले से
32:54आपने राए की ज़हार लाजमी के मैंने करें
32:56साथ में हमारा एटूब का चेनल
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32:59तेंक्स पर वाचिंग, लाहाफ़ेज
33:29और बाबने दूसी शादी करके
33:31उसे केला चोड़ दिया है
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33:35मगर अंदर से तूटा हुआ है
33:37हेना और सारिम के पहले मुलाकात
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33:49दोनों के सोच, दुख और खौब एक जिसे होते है
33:53और वो एक दूसे इसके सहारा बन जाते है
33:55लेकिन पिरा चानक कहानी का एक निया रूख इतार करती है
33:58हेना के मगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
34:01जो एक जबरदस्टी करने वाला उससे वाला शखस है
34:05हेना के वालदी से कहते है
34:06महबत किताबों मैची लगती है
34:08असल जिन्दगी परस से चलती है
34:11सारिम तूट जाता है
34:12मगर पिर हेना को हमत देता है
34:14वो कहता है फिन्दगी तुम्हारी है
34:17और खोब भी तुम्हारी है
34:18किसे और एके खोब से उन्हें दपन मत करो
34:20एक देन शादी से एक दिन पहले
34:22हिना घर से निकल जाती है
34:24सारी में के साथ नहीं
34:25बिए खुद के साथ अपने शणाख के लिए
34:27आखरी सीन में हेना एक स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही होती है
34:31और सारी में अपने नी किताब के तक्रीब इसके तारूब करवा रहा होता है
34:35यह कहानी है एक एस दिल्लकी की जो चाहत के साय में खुद को पेचान गी
34:39एक कहानी इस दिल्लकी की नहीं बलकि खुद से महबत, खुददारी और इस दिल्लकी नपसकी भी है
34:45ते इस दिल्लकी के हौले से आपने राए की ज़ार लाजमी के मैंने करें
34:48साथ में हमारा आइटूब का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
34:51तेंस पर वाचिंग, लाहाफ़ेज इस दिल्लकी आगाज में आप देखेंगे
34:55हेना जो एक पर सुकून मगर करप से बरी जिन्दागी उजार रही होती है
35:00हेना का तालुक एक कदामत पसंद खनादान से है
35:03जहां लड़कों के खवाबों के इज़त नहीं दी जाती है
35:05वो एक पड़े लिकी बाहमत लड़की है जो टीचर बना चाहती है
35:09लेकिन इसके वाले इसके खवाबों को पजूल खयाल समझते है
35:12दुसरी तरफ सारिम एक हसास मिजज उदास हांको वाला शायर लड़का है
35:16जो जिन्देग्यों में वापा के तलाश में है
35:19इसके मा इस दुनिया से जा चुकी है
35:21और बाब ने दुसरी शायरी करके उसे केला चोड़ दिया है
35:24सारिम अपनी शायरी और दर के सारे जीता है
35:27मगर अंदर से टूटा हुआ है
35:29हेना और सारिम के पहले मुलाकात
35:30एक किताब मेले में होती है
35:32जहां सारिम के लिकी नजमे हेना की दिल कुछ भू लेती है
35:35वो इसकी तहरीर उसे मतासिर हो जाती है
35:38और दोनों के दूसरे हामोशे से फरवान चलने लगती है
35:41दोनों को सोच, दुग और खौब एक जिसे होते है
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35:47लेकिन पिरा चानक कहानी का एक निया रूख थार करती है
35:50हेना के मंगनी उसके कजन से तेक कर दी जाती है
35:53जो एक जबरदस्ती करने वाला और उससे वाला शखस है
35:56हेना के वाले दूसरे कहते है
35:58महबत किताबों में अची लगती है
36:00असल जिन्दगी परस से चलती है
36:02सरिम तूट जाता है
36:04मगर पिर हेना को हमत देता है
36:06वो कहता है
36:07जिन्दगी तुमारी है और खौब भी तुमारे
36:10किसे और एक के खौब से उन्हें दपन मत करो
36:12एक दिन शादी से एक दिन पहले
36:14हेना गर से निकल जाती है
36:16सरिम के साथ नहीं बलकि खुद के साथ
36:18अपने शिनाख के लिए
36:19आखरी सीन में हेना एक स्कूल में
36:21बच्चों को पढ़ा रही होती है
36:23और सारी में अपने नहीं किताब के तकरीब
36:25इसके तारूब करवा रहा होता है
36:27यह कहानी है एक एस दिल्लकी के जो चाहत के साय में
36:30खुद क्यों पेचान गई
36:31यह कहानी इस दिल्लकी के नहीं
36:33बलकि खुद से महबत, खुददारी
36:35और इस दिल्लकी नफसकी भी है
36:36तो इस दिल्लकी के हौले से
36:38अपने राए की ज़हार लाजमी के मैंने करें
36:40साथ में हमारा आईटूब का चीनल
36:41सब्सक्राइब करना मत बूलिए
36:43तेंक्स पर वाचिंग, लाहाफ़ेज़
37:13और बाब ने दुसरी शादी करके
37:15उसे केला चोड़ दिया है
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37:19मगर अंदर से टूटा हुआ है
37:20हेना और सारिम के पहले मुलाकात
37:22एक किताब मेले में होती है
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37:37और वो एक दूसरे के साथ

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